आइए जानते है सावन के पवित्र महीने में किन किन खाध पदार्थ का करना पड़ता है परहेज, और क्यों जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...?*
पंचांग के अनुसार आज से श्रावण मास यानी सावन शुरू हो गया है सावन का महीना का बहुत पवित्र माना जाता है। श्रावण मास यानी सावन माह की शुरुआत होते ही सड़कों पर 'बोल बम' के नारे लगने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्रावण मास कुछ खाद्य पदार्थों पर पूर्ण प्रतिबंध भी लगाता है? मांसाहार के अलावा हरी सब्जियां, बैंगन आदि खाना और यहां तक कि दूध पीना भी वर्जित है। लेकिन क्यों? आइए आज हम इसी बारे में बात करते हैं और समझते हैं कि इस महीने में पांच चीजों का सेवन करना क्यों वर्जित है।
दूध
दूध बहुत स्वास्थ्यवर्धक होता है और डॉक्टर इसे रोजाना पीने की सलाह देते हैं। लेकिन कहा जाता है कि सावन में दूध से परहेज करना चाहिए। ऐसा किस लिए?
धार्मिक मान्यता: सावन के महीने को भगवान शिव का महीना माना जाता है, हर दिन शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है दूध; इसलिए इस दौरान दूध पीने से मना किया जाता है।
वैज्ञानिक मान्यता : लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से भी इस माह में दूध पीने की मनाही है। क्योंकि इस महीने में बहुत अधिक बारिश होती है जिसमें गायें कीड़े या सड़ी हुई घास की पत्तियाँ खाती हैं जिनमें कई रोगाणु हो सकते हैं। ऐसे में दूध उतना स्वास्थ्यवर्धक नहीं है जितना आम दिनों में होता है। इसलिए इस माह में दूध पीने की मनाही है।
मांस और मछली
सावन में मांस-मछली नहीं खाई जाती. हिंदू धर्म में इसके पीछे कई धार्मिक कारण हैं। वहीं, वैज्ञानिक तौर पर भी मानसून के दौरान मछली का सेवन नहीं किया जाता है क्योंकि यही वह मौसम होता है जब मछलियां अंडे देती हैं (जो इंसानों के लिए हानिकारक हो सकता है)। वहीं, चिकन और मटन अच्छे से पच नहीं पाता, जिससे पेट खराब हो जाता है। इसलिए इन सभी कारणों से सावन में मांस-मछली से परहेज करना चाहिए।
हरी सब्जियां
सावन माह में हरी सब्जियां भी वर्जित हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि बारिश में मच्छर और मक्खियाँ बहुत फैलती हैं। इसके अलावा हरी सब्जियों में भी कई कीटाणु होते हैं जो पेट और त्वचा संबंधी रोगों का कारण बनते हैं। इसलिए इनसे दूर रहने के लिए सावन के महीने में हरी सब्जियों से परहेज करने को कहा जाता है.
Jul 04 2023, 12:48