बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ का बड़ा ऐलान, विधान मंडल सत्र के दौरान करेगा यह काम
डेस्क : नई शिक्षक नियमावली को लेकर नियोजित शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। शिक्षकों का कहना है कि जब तक उन्हें राजकर्मी का दर्जा नहीं मिलेगा। वह विरोध जारी रखेंगे।
इस बीच बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने बड़ा एलान किया है। संघ की ओर से कहा गया है कि 10 जुलाई से शुरु होने जा रहे विधान मंडल सत्र के दौरान शिक्षकों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत सत्र के दूसरे दिन 11 जुलाई को सभी शिक्षक विधान मंडल के सदस्यों के घर पर डेरा डालेंगे।
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष, रघुवंश प्रसाद सिंह एवं महासचिव सह पूर्व सांसद, शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने एक बयान में कहा है कि असंवैधानिक अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 के प्रतिरोध में 01 मई से सत्याग्रह कार्यक्रम चलाये जाने के बावजूद और सरकार द्वारा बार-बार वार्त्ता के लिए अनुरोध को ठुकराये जाने के कारण विवश होकर विधान मंडल सत्र आरंभ होने के दूसरे दिन 11 जुलाई को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है।
इस प्रदर्शन में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ, बिहार नगर पंचायत प्रारंभिक शिक्षक संघ और परिवर्तनकारी शिक्षक संघों के अतिरिक्त अन्य संगठनों के भी हजारों-हजार की संख्या में भाग लेने शिक्षक 11 जुलाई को 11 बजे पटना पहुँचेंगे।
यह प्रदर्शन पूर्णत: शांतिपूर्ण और अहिंसक होगा। जबतक राज्यकर्मी की दर्जा की घोषणा विधान मंडल के इसी सत्र में सरकार नहीं करेगी तबतक विधान मंडल के सदस्यों के आवास पर उस क्षेत्र के शिक्षक डेरा डालेंगे और उनपर राज्यकर्मी का दर्जा देने पर जोर डालने की आवाज को सदन के अंदर उठाने के लिए नैतिक दबाव डालेंगे।
गौरतलब है कि अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 की कंडिका-8 में पूर्व से कार्यरत पंचायत और नगर निकाय विद्यालयों के शिक्षकों को भी आयोग द्वारा विज्ञापित पदों पर नई नियुक्ति के लिए परीक्षा में बैठने की बाध्यता निर्धारित की गई है। यह भारत के संविधान के अनुच्छेद-14 का उल्लंघन है, क्योंकि एक ही प्रकार के विद्यालय में एक ही तरह के पाठ्यक्रम पढ़ाने वाले तीन-तीन वर्गों के शिक्षक बहाल किये जायेंगे। विधि के समक्ष समता का अधिकार यह है कि देश में किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं किया जायेगा। लेकिन यह नियमावली शिक्षकों के बीच भेदभाव करती है।
Jun 25 2023, 19:49