बिहार में पैदा हो सकता है पानी का संकट, सभी जिलों में तेजी से नीचे जा रहा भूजल स्तर
डेस्क : बिहार के लिए एक बड़ी खबर है। प्रदेश में पानी का संकट पैदा हो सकता है। राज्य के सभी जिलों में भूजल का स्तर तेजी से नीचे जा रहा है। हाल यह है कि पिछले डेढ़ माह में ही जलस्तर चार मीटर तक नीचे चला गया है और यह सिलसिला जारी है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि जलस्रोत तेजी से सूख रहे हैं।
प्रदेश की की 37 नदियां, 16 जलाशय और 550 बड़े तालाबों के बाद कुंओं, आहर-पईन, ताल-तलैये भी तेजी से सूखने लगे हैं। नलकूपों की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। चापाकल सूख रहे हैं। शहरों की कौन कहे, ग्रामीण क्षेत्रों में भी जलस्रोत संकट में हैं।
लघु जल संसाधन विभाग ने सभी जिलों से भूजल के आंकड़े संग्रहित किये हैं। इनमें मई-जून के अबतक के जो आंकड़े हैं, वे बेहद चौंकाने वाले हैं। सभी जिलों में भूजल का स्तर तेजी से नीचे गया है। इसमें सभी 534 प्रखंडों का भूजल स्तर तेजी नीचे जा रहा है। इस साल स्थिति बीते साल से अधिक खराब है। पिछले साल भूजल का स्तर 12 माह में औसतन 6 मीटर नीचे गया था, लेकिन इस साल केवल डेढ़ माह में ही यह 4 मीटर तक नीचे चला गया है। आने वाले दिनों में यह और नीचे जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि भूजल स्तर नीचे जाने का यही क्रम रहा तो एक माह में 10 मीटर तक पानी नीचे जा सकता है। इसके कारण पेयजल से लेकर सिंचाई तक में परेशानी हो रही है। किसानों को फसलों की सिंचाई में समस्या पैदा हो रही है। वहीं, भूजल स्तर नीचे जाने से नलकूपों की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। कई जिलों में तालाब-आहर-पइनों से भी पानी इसी वजह से गायब हो रहे हैं। भूजल का स्तर ठीक-ठाक रहता तो इन सबमें पानी की मात्रा भी ठीक-ठाक रहती। लेकिन जब भूजल ही नीचे जा रहा है तो जलस्रोतों का सूखना स्वाभाविक है। ऐसे तो सभी 38 जिलों में भूजल का स्तर नीचे जा रहा है।
इस साल सबसे खराब हालात दक्षिण बिहार के हैं। इन्हीं इलाकों में सबसे तेजी से पानी नीचे जा रहा है। यही नहीं भरपूर पानी के लिए प्रसिद्ध सीमांचल-कोसी का क्षेत्र भी इस साल जल संकट की चपेट में है।
Jun 25 2023, 10:52