भारत सरकार के राष्ट्रीय प्रतिदर्श क्षेत्रीय कार्यालय,रांची के तत्वाधान में दामोदर घाटी निगम परिसर हजारीबाग में हिंदी कार्यशाला का आयोजन
हज़ारीबाग: भारत सरकार के राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय ( क्षे.सं. प्र.) क्षेत्रीय कार्यालय रांची के तत्वाधान में दामोदर घाटी निगम परिसर हजारीबाग में हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम की शुरुआत सांख्यिकी के जनक डॉ. प्रो. पी.सी. महालनोबिस की प्रतिमा को पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में विनोबा भावे विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुबोध सिंह शिवगीत, दामोदर घाटी निगम हजारीबाग के निदेशक व उप निदेशक क्रमश: डॉ० संजय कुमार एवम डॉ० जितेंद्र झा, बैंक ऑफ इंडिया की हिंदी अधिकारी इंद्रा सिंह, राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य एवम पर्यावरणविद डॉ० मनोज कुमार थे।
राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय हजारीबाग के वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी सह कार्यालय प्रभारी सूरज कुमार, श्री के.वी.शेखर (व.सां.अधिकारी ) एवं जयदेव कुमार (व.सां.अधिकारी ) ने मुख्य अतिथियों को बुके व घड़ी देकर किया तथा राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय की प्रशिक्षु छात्राओं के द्वारा स्वागत गान से स्वागत किया गया। कार्यालय प्रभारी सूरज कुमार के द्वारा स्वागत भाषण दिया गया।
क्षेत्रीय कार्यालय रांची से आए हुए उप निदेशक रोशन लाल मीणा ने अपने उद्बोधन भाषण में कार्यशाला में उपस्थित सभी अधिकारियों व कर्मचारियों से कहा कि हिंदी कार्यशाला का आयोजन तभी सफल होगा जब आप कार्यालयीन कार्य को शत प्रतिशत हिंदी में करेंगे। क्षेत्रीय कार्यालय रांची के वरिष्ठ सांख्यिकीय अधिकारी सी० सत्यम ने हिंदी पर कविता पाठ किया। दामोदर घाटी निगम के निदेशक डॉ० संजय कुमार ने बताया कि कम्प्यूटर पर हिंदी में कार्य करना पहले की तुलना में अब बहुत आसान हो गया है, इसलिए सभी कार्य हिंदी में ही करें।
दामोदर घाटी निगम के उपनिदेशक डॉ जितेंद्र झा ने पावर पॉइंट प्रस्तुति के माध्यम से भारत के संविधान के अनुच्छेद 343 से 351 में वर्णित हिंदी के उल्लेख का वर्णन किया एवं संसदीय राजभाषा समिति द्वारा केंद्र सरकार के कार्यालयों का निरीक्षण के दौरान निरीक्षित फाइलों के बारे में जानकारी दी l राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य एवं पर्यावरणविद डॉ मनोज कुमार ने अपने अभिभाषण में कहा कि प्राचीन काल से ही भारत का दबदबा भाषा साहित्य एवं आध्यात्मिक क्षेत्र में रहा है। विश्व का प्राचीनतम ग्रंथ ऋग्वेद में वर्णित वर्णो के बारे में भी बताया। प्रकृति का संरक्षण क्यों आवश्यक है इस पर भी महत्वपूर्ण प्रकाश डाला।
बैंक ऑफ इंडिया की हिंदी अधिकारी इंन्द्रा सिंह ने अपने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि कार्यालय में हिंदी से संबंधित क्या करें और क्या ना करें ? कार्यालय प्रभारी सूरज कुमार ने अपने पॉवरपॉइंट प्रस्तुति के माध्यम से कार्यालय में कार्यालयीन कार्य हिंदी में कैसे करना है इसके बारे में बताया। विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग के हिंदी विभाग के प्रोफेसर डॉ सुबोध सिंह शिवगीत ने कहा कि भारत की पुरातन एवम गौरवमयी संस्कृति और ज्ञान-विज्ञान के विनाश का कारण गुलामी के दौरान अपनी भाषा और संस्कृति विदेशियों द्वारा भारतीय जनमानस में पैठ करना रहा।
भारतीय भाषाओं से ही चुराकर अंग्रेजी के नए-नए शब्दों का निर्माण किया।
झारखंड स्थित राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय के अन्य उप क्षेत्रीय कार्यालय धनबाद के प्रभारी रंजीत कुमार, दुमका के प्रभारी संजय कुमार मिश्रा, जमशेदपुर से बिपिन कुमार चौरसिया एवम डालटनगंज प्रभारी बिनय कुमार ने भी बारी-बारी से हिंदी के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में मंच संचालन का कार्य कनिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी नेमीचन्द कुमार एवम धन्यवाद ज्ञापन वरीय सांख्यिकी अधिकारी के०वी०शेखर के द्वारा किया गया।
Jun 24 2023, 19:57