*मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना को लेकर जिलाधिकारी ने की समीक्षा*
अमेठी । जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र की अध्यक्षता में शुक्रवार देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना को लेकर बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने अब तक भरवाए गए फार्म तथा योजना से लाभान्वित किए गए लाभार्थियों के संबंध में जानकारी ली। जिस पर जिला प्रोबेशन अधिकारी अनिल कुमार मौर्य ने बताया कि योजना के संचालन से अब तक जनपद में 23384 बालिकाओं को 6 चरणों के अंतर्गत लाभ दिया गया है जिसमें कन्या के जन्म पर रु. 2000, 1 वर्ष के अंतर्गत संपूर्ण टीकाकरण कराने पर रुपए 1000, कक्षा एक व कक्षा -6 में नामांकन कराने पर रु. 2000, कक्षा 9 में नामांकन कराने पर रुपए 3000 तथा ग्रेजुएशन में नामांकन कराने पर रु. 5000 का लाभ दिया गया है इसके साथ ही इस वित्तीय वर्ष में 1298 नए फार्म भरवाए गए हैं।
बैठक में जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कन्या के जन्म होने पर योजना के अंतर्गत तत्काल फार्म भरवाने के निर्देश दिए, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को कक्षा 1 व कक्षा 6 में नामांकन के दौरान फार्म भरवाने को कहा, जिला कार्यक्रम अधिकारी को आंगनवाड़ी केंद्रों पर आने वाली कन्याओं का फार्म भरवाने के निर्देश दिए, जिला विद्यालय निरीक्षक को ग्रेजुएशन में एडमिशन लेने वाली छात्राओं को फार्म भरवाने को कहा। जिलाधिकारी ने कहा कि कन्या सुमंगला योजना मुख्यमंत्री की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी, जनपद में जितने भी पात्र लाभार्थी हैं सभी का इस योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन कराया जाए तथा उन्हें योजना से लाभान्वित किया जाए।
बैठक में जिला प्रोबेशन अधिकारी ने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित कन्या सुमंगला योजना कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करने, समान लैंगिक अनुपात स्थापित करने, बाल विवाह की कुप्रथा को रोकने, बालिका के स्वास्थ्य व शिक्षा को प्रोत्साहन देने एवं स्वालंबी बनाने में सहायता प्रदान करने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2019 से लागू की गई है। उन्होंने योजना की पात्रता के बारे में बताते हुए कहा कि लाभार्थी का परिवार उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए, लाभार्थी की पारिवारिक वार्षिक आय अधिकतम रुपए 3 लाख हो, परिवार की अधिकतम दो बालिकाओं को योजना का लाभ मिल सकेगा, लाभार्थी के परिवार में अधिकतम 2 बच्चे हों, यदि किसी महिला को पहले प्रसव से बालिका है व द्वितीय प्रसव से दो जुड़वा बालिकाएं ही होती हैं तो केवल ऐसी अवस्था में तीनों बालिकाओं को लाभ मिल सकेगा, यदि किसी ने अनाथ बालिकाओं को गोद लिया है तो उसकी जैविक संतान तथा गोद ली गई संतान को सम्मिलित करते हुए अधिकतम दो बालिकाओं को लाभ दिया जा सकेगा।
उन्होंने योजना में लगने वाले आवश्यक अभिलेखों की जानकारी देते हुए बताया कि आवेदक को अपनी बैंक पासबुक की छायाप्रति, आधार कार्ड की छाया प्रति, परिवार की वार्षिक आय के संबंध में स्व-सत्यापन, निर्धारित प्रारूप पर घोषणा पत्र, बालिका का नवीनतम फोटो, आवेदक व बालिका का नवीनतम संयुक्त फोटो, राशन कार्ड की छाया प्रति लगानी होगी। उन्होंने योजना अंतर्गत दिए जाने वाले लाभ के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना अंतर्गत लाभार्थियों को छह श्रेणी में लाभ दिया जाता है जिसमें बालिका के जन्म होने पर रुपए दो हजार, बालिका के 1 वर्ष तक के पूर्ण टीकाकरण के उपरांत रूपए 1000, कक्षा एक में बालिका के प्रवेश के उपरांत रूपए 2000, कक्षा 6 में बालिका के प्रवेश के उपरांत रूपए 2000, कक्षा 9 में बालिका के प्रवेश के उपरांत रूपए 3000 तथा स्नातक अथवा 2 वर्ष की अवधि के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश के उपरांत रूपए 5000 दिया जाना प्रावधानित है।
उन्होंने बताया कि ऑनलाइन आवेदन हेतु आवेदन पत्र विभागीय पोर्टल से तथा ऑफलाइन आवेदन हेतु आवेदन पत्र जिला प्रोबेशन कार्यालय गौरीगंज से प्राप्त कर भर कर जमा किया जा सकता है, लाभार्थी को देय धनराशि पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से उसके बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी। बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी सान्या छाबड़ा, जिला विकास अधिकारी तेजभान सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संगीता सिंह, समस्त उपजिलाधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
Jun 24 2023, 18:04