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गरमी की वजह से छत पर सोया था पूरा परिवार, इधर चोरो ने घर से उड़ा डाला 1 लाख नगद समेत लाखों की संपत्ति

औरंगाबाद : जिले के गोह थाना क्षेत्र के भवानीपुर गांव में सोमवार की रात अज्ञात चोरों ने घर मे घुसकर एक लाख रुपये नकदी ,जेवरात समेत लाखों की संपत्ति चोरी कर ली। गृहस्वामी और परिजन छत पर सोते रह गए और उन्हें घटना की भनक तक नहीं लगी। मंगलवार की सुबह जब परिजनों की नींद खुली तब घटना की जानकारी हुई।सूचना मिलते ही गोह पुलिस घटना स्थल पर पहुँचकर मामले की तहकीकात में जुट गई है।

जानकारी के अनुसार, गृहस्वामी नंद किशोर भगत ने बताया कि सोमवार की रात हमलोग पूरा परिवार 9 बजे रात में छत पर सोने चले गए थे।सभी परिवार लगभग 12 बजे रात तक आपस मे बातचीत करते करते सो गए। जब सुबह 4 बजे जागा तो कमरे का सारा समान जहां-तहां बिखरा था। चोरों ने घर के पीछे से घर के अंदर प्रवेश किया और घर में लगे ताला को तोड़कर एक लाख रुपये नगदी ,दस थान सोने के जेवरात ,, बर्तन सहित लगभग 3 लाख की सम्पति की चोरी कर ली।

वहीं गृहस्वामी ने बताया कि वे लोग गर्मी के कारण छत पर सोए हुए थे और उस रात को घटना के समय बिजली भी कटी थी।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद सदर अस्पताल की व्यवस्था भगवान भरोसे, बिजली गुल होने पर इस तरह से मरीजों को देखते है डॉक्टर

औरंगाबाद : सदर अस्पताल की व्यवस्था भगवान भरोसे है। स्वास्थ्य विभाग अस्पताल की व्यवस्था सुदृढ़ करने के लाख दावे क्यों न कर ले लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। इसकी बानगी आज रात्रि 9 बजे देखने को मिली जब बिजली गुल हो जाने के बाद हिट वेब से ग्रसित मरीजों को मोबाइल की रोशनी में देखने के लिए चिकित्सकों को मजबूर होना पड़ा। 

हालांकि बिजली विभाग भी निर्बाध गति से बिजली आपूर्ति करने में असमर्थ हो रहा है। लेकिन अस्पताल की जनरेटर व्यवस्था भी शायद इस भीषण गर्मी में दम तोड़ते नजर आ रही है। रात्रि में बिजली के कटने से अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया और हर तरफ अंधेरे ने अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया। 

सबसे ज्यादा परेशानी हीट स्ट्रोक के लिए बने वार्ड में थी जहां मरीज को 24 घंटे एसी में रखना था। वहां बिना एसी के रह रहे थे। 

इस संबंध में अस्पताल के वरीय अधिकारी कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे औरंगाबाद सदर अस्पताल के सिक्योरिटी गार्डस, नौ सुरक्षा गार्डों को चार माह से नही मिल रहा वेतन, डीएम से लगाई गुहार

औरंगाबाद : सदर अस्पताल की सुरक्षा में लगे निजी सिक्योरिटी कंपनी के सुपरवाइजर समेत नौ सुरक्षा गार्ड पिछले चार माह से वेतन से महरूम है। वेतन नही मिलने से इन्हे खाने के भी लाले पड़ने लगे है। वेतन दिलाने को लेकर सुरक्षा गार्डों ने औरंगाबाद के जिलाधिकारी से भी गुहार लगाई है। हालांकि फील्ड में रहने के कारण उनकी डीएम से मुलाकात नही हो सकी। इस स्थिति में गार्डों ने अपना आवेदन डीएम कार्यालय में समर्पित किया है। 

डीएम कार्यालय में दिए आवेदन में गार्डों ने कहा है कि उन्हे चार माह से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। साथ ही इतने ही महीने का जीपीएफ भी जमा नही किया गया है। आवेदन में सुपवाजर देवबली सिंह, सुरक्षा गार्ड युगल किशोर पांडेय, श्याम किशोर ठाकुर, भरत सिंह भारती, धर्मेन्द्र कुमार, राजेश कुमार, विनोद कुमार, जनेश्वर सिंह, बसंत कुमार एवं मनोज कुमार सिंह ने कहा है कि वें सभी औरंगाबाद सदर अस्पताल की सुरक्षा में कार्यरत गार्ड है। वें ड्यूटी का निष्ठापूर्वक निर्वहन करते है लेकिन दिक्कत यह है कि उन लोगों को पिछले चार माह से वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इस कारण उनकी आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय हो चुकी है। 

वेतन की मांग को लेकर हमलोगों ने अस्पताल प्रबंधक से लेकर वरीय पदाधिकारियों एवं सिविल सर्जन तक को अवगत कराया लेकिन भुगतान की दिशा में कोई भी कार्रवाई नहीं की गयी। आग्रह हैं कि मामले को गंभीरता से लेते हुए हमे वेतन भुगतान कराने की कृपा की जाए। 

हालांकि कायदे से सुरक्षा गार्डों को यह गुहार डीएम से नही बल्कि सिक्योरिटी एजेंसी से लगानी चाहिए थी क्योकि वें सरकारी कर्मी नही बल्कि निजी सुरक्षा एजेंसी के कर्मी है। उन्हे वेतन भी सुरक्षा एजेंसी ही देती है जबकि एजेंसी को यह राशि अस्पताल प्रबंधन द्वारा मुहैया कराया जाता है। 

इधर हाल फिलहाल अस्पताल प्रबंधन द्वारा एजेंसी को भुगतान में विलंब किया गया है। इस बारे में सिक्योरिटी एजेंसी के संचालक मनोज सिंह ने बताया कि एजेंसी को अस्पताल प्रबंधन से राशि देने में विलंब किया गया है। इसके बावजूद उनके द्वारा गार्डों को दो माह का वेतन दिया गया है। दो और माह का बकाया वेतन का भुगतान अस्पताल प्रबंधन से राशि मिलते ही कर दिया जाएगा।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

वॉलीबॉल नाईट टूर्नामेंट 2023 के फाइनल मुकाबले में बेगूसराय को शिकस्त देकर औरंगाबाद की टीम ने ट्रॉफी पर किया कब्जा

औरंगाबाद : वॉलीबॉल नाईट टूर्नामेंट 2023 का फाइनल मैच इंडोर स्टेडियम, औरंगाबाद में खेला गया। इस टूर्नामेंट में औरंगाबाद जिला वॉलीबॉल संघ के अध्यक्ष एवं प्रदेश महासचिव लोजपा(रा.) सह रफीगंज विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी प्रमोद कुमार सिंह मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होकर पुरस्कार वितरण किया।

फाइनल मैच औरंगाबाद बनाम बेगूसराय के बीच हुआ जिसमें औरंगाबाद विजयी हुआ विजेता टीम को 21000 रु.नगद एवं ट्रॉफी उप विजेता टीम को 11000 रू.नगद एवं ट्रॉफी पुरस्कार दिया गया। नगद पुरस्कार मेरे द्वारा दिया गया सभी खिलाड़ियों को उत्साहित किया।

इस टूर्नामेंट में सतीश कुमार सिंह(अध्यक्ष, रेड क्रॉस सोसायटी), कुमार सौरभ सिंह (प्रदेश प्रवक्ता, लोजपा रा.) दीपक जी (सचिव, रेड क्रॉस सोसायटी),मरगूब आलम (उपाध्यक्ष,रेड क्रॉस सोसायटी) फखरूद्दीन जी, बिपिन कुमार सिंह, सिंटू सिंह, अमरनाथ सिंह (कान्हा सिंह), प्रो. प्रेमनाथ सिंह (लड्डू जी), अनुज जी,रोहित जी, सुजीत जी, टुटु सिंह, लल्लू सिंह उपस्थित रहे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

बानगोरेया में बांध बनाने को ले दो विभागों में उलझे औरंगाबाद के सांसद, कहा-कौन विभाग बनवाएंगा बांध बताएं मुख्यमंत्री

औरंगाबाद : अति नक्सल प्रभावित देव प्रखंड के बानगोरेया में लिलजी नदी पर बांध बनवाने को लेकर औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह दो विभागों में उलझ गएं है। हद तो यह है कि दोनों ही विभागों ने बांध बनाने से पल्ला झाड़ लिया है। इस मामले में दोनों ही विभागों ने मामले को एक-दूसरे पर फेंकने का काम किया है। 

पहले वाले विभाग ने कहा है कि योजना बड़ी है। इस कारण इसे वें नही बनवा सकते। वही दूसरे विभाग ने कहा है कि योजना छोटी है। इस कारण वें इसे नही बना सकते। इसे पहले वाला विभाग बना सकता है। मामले को टरकाने के लिए फेंका फेंकी पर सांसद भड़क गए है। उन्होने दोनों विभागों पर जमकर भड़ास निकालते हुए मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। 

सांसद ने कहा कि बानगोरेया में सिंचाई के लिए बांध बनाने की मांग को लेकर उन्होने 6 सितम्बर 2021 और 15 जून 2022 को बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री को पत्र लिखा था। पत्र के आलोक में लघु जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता ने उनके साथ मौके पर आएं। लोगों से बातें की और विभाग को सर्वे कराने का आदेश दिया। इसके 6 से 7 माह बाद विभाग ने मामले से यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि 14 जुलाई 2021 को देव प्रखंड के बनुआ पंचायत के आरानगर गांव के पास स्थित बांध गौरैया का स्थल निरीक्षण सहायक अभियंता एवं कनीय अभियंता के साथ किया गया। 

ग्रामीणों के द्वारा यह बात बताया कि बांध गौरैया डैम का निर्माण दो पहाड़ियों के बीच लिलजी नदी को बांधकर करने की आवश्यकता है। दो पहाड़ियों के बीच की दूरी लगभग 500 मीटर है। लिलजी नदी को 15 मीटर की उंचाई में बांधकर डैम का निर्माण करने की आवश्यकता पड़ेगी। पक्का डैम का निर्माण क्षेत्र एवं कैचमेंट वन क्षेत्र में पड़ता है। ऐसे में यह एक वृहद योजना है। इसका निर्माण लघु जल संसाधन विभाग से संभव नही है। इसके बाद सांसद ने बांध के निर्माण के लिए जल संसाधन विभाग में पहल की। उनके पहल के बाद 19 नवंबर 2022 को जल संसाधन विभाग ने भी पल्ला झाड़ लिया। 

विभाग ने कहा कि स्थल निरीक्षण के बाद अद्यतन तकनीकी संभाव्यता प्रतिवेदन में प्रतिवेदित किया गया है कि लिलजी नदी का अक्षांश 24.568105569 एवं देशांतर 84.42422583 डिग्री है। बांधगोरेया के पास लिलजी नदी बहती है। लिलजी नदी बरसाती नदी है। इस नदी में पानी का श्रोत सिर्फ बरसात का पानी है। लिलजी नदी का और किसी अन्य नदी से नहीं है। यह नदी मात्र महाड से आए हुए पानी पर निर्भर है।लिलजी नदी पर डैम का निर्माण किये जाने वाले स्थल के दायें भाग में पहाड़ एवं बायें भाग में रैयती भूमि है। स्थल के करीब 200 मीटर उपर का भाग वन विभाग के अधीन है। इस नदी पर डैम का निर्माण हो जाने से लगभग 3698 एकड़ (1497) हेक्टेयर भू-भाग में सिंचाई हो सकता है। इस स्थिति में विभागीय नियमानुसार 2000 हेक्टेयर भू-भाग से कम सिंचाई होने पर इस कार्य को लघु जल संसाधन विभाग से कराना श्रेयस्कर प्रतीत होता है। 

सांसद ने कहा कि दोनो विभाग के जवाब से स्पष्ट है कि दोनों विभागों ने मामले से पल्ला झाड़ लिया है। उन्होने कहा कि इस तरह के गैर जिम्मेवार रवैये के लिए मुख्यमंत्री दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करे क्योकि दोनों ही विभाग उनके ही अधीन है। साथ ही मुख्यमंत्री यह भी स्पष्ट करे कि बांध का निर्माण दोनों में से कौन सा विभाग कराएंगा।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने दिखाया राजद को आईना कहा-...हां मस्जिद में ही लिखी गई थी रामचरितमानस

औरंगाबाद()। राजद के कद्दावर नेता और विधायक रीतलाल यादव को बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव सह राष्ट्रीय प्रवक्ता व पंजाब के पूर्व विधायक सरदार आरपी सिंह ने आईना दिखाया है।

श्री सिंह ने यहां प्रेसवार्ता में रीतलाल यादव के बयान "मस्जिद में लिखी गई थी रामचरितमानस" पर स्थिति स्पष्ट की। कहा कि उनकी सोंच मुस्लिम परस्त है।

इस कारण वें ऐसा कह रहे है। उनका कहना भी गलत नही है क्योकि आक्रांता बाबर ने रामजन्मभूमि को तोड़कर मस्जिद बनाई थी, उस स्थान पर आज भव्य राम मंदिर बन रहा है पर इनकी सोंच को क्या कहे। इनकी सोंच पर तरस इस कारण आ रहा है क्योकि यें मुस्लिम परस्ती में रामजन्म भूमि को आज भी बाबरी मस्जिद ही मानते है। उनके इस मुस्लिम परस्त रवैये से तो यह बात सही लगती है कि रामरितमानस मस्जिद में ही लिखी गई थी।

वही सच्चाई यह है कि हर सनातनी के नजर में वह स्थल जिसे तोड़कर बाबरी मस्जिद बनाया गया था, वह स्थल सदियों से तब भी रामलला का मंदिर था और आज भी राम मंदिर है। उनका नजरिया राजनीति प्रेरित है जबकि हमारा नजरिया साफ और स्पष्ट है। उनका विजन गंदा है और हमारा विजन क्रिस्टल क्लियर है। हम यह भी स्पष्ट कर देना चाहते है कि उनके विजन को कोई भी सनातनी न मानने और न ही स्वीकार करने को तैयार है।

औरंगाबाद में बोले भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता- गीता प्रेस का विरोध कर रहे जयराम रमेश पहले पढ़ ले गीता, तब करे बात : सरदार आरपी सिंह


औरंगाबाद भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पंजाब के पूर्व विधायक सरदार आरपी सिंह ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार देने की तुलना सावरकर एवं गोडसे को सम्मान देने के समान कहे जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। श्री सिंह ने सोमवार को औरंगाबाद में प्रेसवार्ता में कांग्रेस नेता के इस बयान की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता को यह पता होना चाहिए कि गीता प्रेस कांग्रेस के बनने से पहले 1860 में स्थापित हुई है। गीता प्रेस सिर्फ़ सनातम धर्म की किताबें भागवत गीता, रामायण, रामचरितमानस और अन्य ग्रंथ ही नही छापती बल्कि इस्लाम और उर्दू की किताबें भी छापती है। जयराम रमेश का गीता प्रेस को देखने का नजरिया गलत है। वें इसे किस चश्में से देखते है,

ये वें जाने लेकिन उनका नजरियां बेहद गलत है। उन्हे पता होना चाहिए कि गीता प्रेस का नाम जिस भागवद् गीता को छापने कारण गीता प्रेस है, वह गीता कोई मजहबी ग्रंथ नही है। यह ग्रंथ किसी मजहब का नही बल्कि नीति का ग्रंथ है, जिसके प्रति लोगों में अगाध सम्मान है। इनका काम सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करना है। इन्हे मोदी विरोध के लिए किसी न किसी बहाने से मतलब है। ये कभी राम का नाम लेकर मोदी का विरोध करते है, अब गीता का नाम लेकर मोदी का विरोध कर रहे है।

इनके पूरे बयान का मकसद भाजपा और मोदी का विरोध करना है। उनकी सलाह है कि जयराम रमेश गीता प्रेस से भागवत गीता की एक प्रति मंगाकर पढ़ ले। उनकी सारी भ्रांतिया दूर हो जाएंगी और अपने चश्में से देखने का उनका नजरिया भी बदल जाएगा। राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि गीता प्रेम सिखाती है, वें उस प्रेम को सीखे। कहा कि कांग्रेस की तो यह पुरानी आदत है कि इसके लोग कभी खुद को हिंदुवादी कहने लगते है।

कभी खुद को जनेउधारी ब्राहम्ण बताते है। यह सब करते हुए कांग्रेस देश में हिंदु और हिंदुत्व के नाम पर वैमनस्य फैलाने का काम करती है। यही काम जयराम रमेश गीता प्रेस और भागवत गीता का विरोध के बहाने कर रहे

तालाब में डूबकर दो सगे भाईयों समेत तीन बच्चों की मौत, परिवार मे मचा कोहराम

औरंगाबाद : सदर प्रखंड के जम्होर में आज सोमवार को कचहरी तालाब में डूबकर तीन बच्चों की मौत हो गयी हैं। मृतकों में आयुष (6), तेजस्वी (5) एवं पीयूष(6) वर्ष शामिल है। मृतकों में तेजस्वी अपने पिता गोविंद का इकलौता संतान था। वही आयुष और पीयूष सगे भाई है, जो गोपाल के पुत्र थे। तीनों जम्होर के निवासी थे। 

बताया जाता है कि तीनों बच्चें स्नान करने गये थे। इसी दौरान तीनों की डूबकर मौत हो गई।

बताया जाता है कि तीनों बच्चें मित्र है और तीनों ही बुधवार को सुबह एक साथ घुमने निकले थे। घुमने के दौरान ही वे कचहरी तालाब पर चले गये, जो चार दिन पहले बना था। उसी तालाब के पास एक पुराना दलदली वाला है, जो नये तालाब से बिल्कुल ही सटा हुआ है। 

बच्चें तालाब में नहाने के साथ ही तालाब के मेड़ पर खेल रहे थे। इसी दौरान तीनों का पैर फिसला और तीनों ही तालाब से सटे बगल वाले दलदली वाले तालाब में गिर गए। ज्यादा गहरा होने के कारण तीनों बच्चें डूबने लगे। 

स्थानीय लोगों ने बच्चों को तालाब में डूबता देख आनन-फानन में तालाब से निकालकर इलाज के लिए जम्होर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया, जहां चिकित्सकों ने प्रारंभिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल रेफर कर दिया, जहां इलाज के दौरान तीनों की मौत हो गई। 

मृतकों में दो बच्चे आयुष और पीयूष दोनो सगे भाई है, जो जम्होर कचहरी मुहल्ले के निवासी गोपाल यादव के पुत्र थे। 

हादसे के बाद पिता ने रोते हुए कहा कि उसके दो ही बेटे थे। दोनों के मरने के बाद वह संतानहीन हो गए है। 

तीनों बच्चों की हादसे के बाद जम्होर कचहरी मुहल्ले में मातम पसरा है। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। इधर मामले की जानकारी मिलने के बाद जम्होर थाना की पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है। 

थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने बताया कि पुलिस तीनों शवों का पोस्टमार्टम कराने में जुटी है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद में बदलेगा मौसम का मिजाज : कल से बारिश का अनुमान, गर्मी से लोगों को मिलेगी राहत

औरंगाबाद :- जिले में हीट वेव तांडव मचा रहा है। इस भीषण गर्मी के बीच लोगों के लिए राहत की खबर है। हीट वेव का असर कम रहेगा, लेकिन तीखी धूप निकलेगी। मौसम विभाग के मुताबिक औरंगाबाद में मंगलवार से बारिश का आसार हैं।

20 से 22 जून तक बारिश की संभावना

जिले के बारूण प्रखंड के सिरिस स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र के मौसम वैज्ञानिक डॉ. अनूप चौबे ने बताया कि जिले में आज से मौसम बदलने का अनुमान है। मंगलवार से जिले के कुछ इलाके में बादल के साथ-साथ बूंदाबांदी बारिश भी हो सकती है। 22 जून तक जिले में अच्छी बारिश की संभावना है। इसके बाद जिले वासियों को गर्मी से निजात मिलेगी।

24 जून तक सभी स्कूल हुए बंद

जिले में जारी भीषण गर्मी व लू को देखते हुए जिले के सभी स्कूलों को 24 जून तक बंद कर दिया गया है। इस संबंध में डीएम सुहर्ष भगत ने आदेश जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि भीषण गर्मी व लू को देखते हुए जिले के सभी स्कूल बंद रहेंगे। संबंधित अधिकारियों को आदेश का पालन करवाने का निर्देश डीएम द्वारा दिया गया है। जिन संस्थाओं द्वारा उक्त आदेश का पालन नहीं किया जाएगा। उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

किसान सलाहकार व कोर्डिनेटर हड़ताल पर, बीज वितरण की गति धीमी*


औरंगाबाद :- समायोजन तदनुरूप मानदेय भुगतान की मांग को लेकर किसान सलाहकार हड़ताल पर चल रहे हैं। लिहाजा अनुमंडल के इलाके में किसानी प्रभावित है। बीज वितरण की प्रतिशत धीमी है। आकड़े के लिहाज से औरंगाबाद जिले में अब तक 1 दशमलव 07 प्रतिशत बीज का वितरण हुआ है। किसानों की माने तो बीज बोवाई को लेकर रोहन नक्षत्र को उत्तम माना जाता है। परंतु इस नक्षत्र में इलाके में बीज बोवाई एक तरह से सिफर ही रहा। मृगदाह चल रहा है। 

आद्रा नक्षत्र भी अब आने ही वाला है। बावजूद खेती में धुर उड़ रहे हैं। किसानों के माथे पर पसीना है। किसान सलाहकार और सरकार के बीच बात बन नहीं रही है। बेचारे किसान चिंतित हैं। बीज बुआई समय पर नहीं हुई तो खरीफ फसल की किरकिरी तय है। देहात में एक कहावत है- "आगे खेती आगे-आगे, पीछे खेती भागे-योगे। दाउदनगर इलाके के किसानों की चिंता इसी बात की है। 

इधर किसान सलाहकार और संघ के दाउदनगर मीडिया प्रभारी आलोक टंडन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मांगे पूरी होने तक हड़ताल पर डटे रहने की बात कही है। कहा है कि हम किसान सलाहकारों की यह मांग 13 वर्षों से लंबित है। हम खेतों में खून-पसीना बहाते हैं बावजूद सरकार हमारी सुन नहीं रही है। लिहाजा आंदोलन के सिवा हमारे पास कोई और रास्ता रह नहीं गया है। 

बहरहाल कुछ भी हो सरकार और सलाहकारों के बीच ठनी लड़ाई में बेचारे किसान पीसने को बाध्य हो गए हैं। खेती पीछे पड़ने की संभावना तेज दिख रही है। पूछे जाने पर दाउदनगर बीएओ विजय रजक ने बताया कि न सिर्फ किसान सलाहकार कोर्डिनेटर भी हड़ताल पर हैं। लिहाजा ऑनलाइन का काम भी ठप है। हमारे यहाँ बीज उपलब्ध नहीं है। बीज वितरण अब तक नहीं हुआ है। इक्का-दुक्का किसानों के ऑनलाइन करने की सूचना है। अब बीज आएगा। कहा कि वे मजबूर हैं। कुछ कर भी नहीं सकते।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र