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भोपाल में हिंदू युवक के साथ बदसलूकी, कुत्ता बनाया, गले में पट्टा डाला और कहा अब भौंको

#inhuman_act_with_a_young_man_in_bhopal

देश के कई राज्यों में इन दिनों जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों को लेकर बवाल मचा हुआ है। इसी बीच मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में इंसानियत शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया। धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने को लेकर एक हिंदू युवक को कुत्ता बना उसे भौंकने पर मजबूर किया गया।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए भोपाल पुलिस कमिश्नर और कलेक्टर को सख्त निर्देश दिए हैं कि अपराधियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।

भोपाल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दिख रहा है कि कुछ शख्स एक व्यक्ति के गले में कुत्ते का पट्टा डाले हुए हैं। वह उसके साथ मारपीट भी कर रहे हैं। इसके साथ ही वह उस पर इस्लाम धर्म स्वीकारने का दबाव बना रहे हैं। वीडियो में मुस्लिम युवकों ने ही एक-दूसरे का नाम लिया, जिससे लग रहा है कि वह धर्म विशेष के हैं। इसी के साथ पीड़ित व्यक्ति का फेसबुक का वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें पीड़ित व्यक्ति कह रहा है कि मुझे 6 लोगों ने लात, घूसों, बेल्ट और चाकू से मारा। उन लोगों ने मुझपर इस्लाम कबूल करने और मियां भाई बनने का बोला। मैंने मना किया तो मुझे बहुत मारा।

पुलिस ने इस मामले में पीड़ित की शिकायत पर छह आरोपियों के खिलाफ धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के साथ ही अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। पुराने भोपाल में विजय नाम के युवक के साथ बिलाल टीला, फैजान लाला, साहिल बच्चा, मोहम्मद समीर टीला और मुफीद खान ने मारपीट की है। उन्होंने ही यह वीडियो भी बनाया है।

वायरल वीडियो को लेकर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आरोपी युवकों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मैंने भोपाल पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया है कि मामले की जांच कर 24 घंटे के अंदर आरोपियों को पकड़ा जाए।

वहीं, मामले में पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इन आरोपियों के नाम समीर, साजिद और फैजान है। पीड़ित विजय रामचंदानी की शिकायत पर ये कार्रवाई हुई है। मामला गौतम पुरा थाने में दर्ज हुआ है। गौतम पुरा थाने की पुलिस का कहना है कि मामले में तत्काल कार्रवाई की गई। आरोपी युवकों से पूछताछ की जा रही है कि आखिर इन लोगों ने युवक के साथ इस तरह का बर्ताव क्यों किया।

आदिपुरुष पर बवाल जारी, चौतरफा घिरे राइटर मनोज मुंतशिर ने पुलिस से मांगी सुरक्षा

#manoj_muntashir_shukla_demands_secruty_amid_controversy

आदिपुरुष फिल्म पर बवाल जारी है। आदिपुरुष के संवादों को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।इस बीच फिल्म के राइटर मनोज मुंतशिर ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है। मनोज मुंतशिर खुद को खतरे का अंदेशा जताते हुए मुंबई पुलिस से सुरक्षा की मांग की है। मुंबई पुलिस के मुताबिक, वह मुंतशिर की अर्जी पर विचार करने के बाद सुरक्षा मुहैया करवाने पर फैसला लेगी।

बता दें कि आदिपुरुष की रिलीज़ के बाद से फिल्म के डायलॉग को लेकर लगातार मनोज मुंतशिर निशाने पर हैं। सोशल मीडिया पर लोग उनके खिलाफ गुस्सा ज़ाहिर कर रहे हैं। मनोज ने ही इस फिल्म के सभी डायलॉग लिखे हैं। हालांकि भावनाओं के आहत होने की बात सामने आने के बाद मनोज मुंतशिर ने डायलॉग बदलने की बात कही है।

प्रभास, कृति सेनन और सैफ अली खान स्टारर फिल्म आदिपुरुष शुक्रवार यानी 16 जून को रिलीज हुई थी। फिल्म इन दिनों हर तरफ चर्चा में है।फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाल तो मचा रही है। हालांकि,दूसरी ओर आदिपुरुष में दिखाए गए संवादों को लेकर देशभर में इसका विरोध भी हो रहा है।फिल्म पर बैन लगाने की भी मांग उठ रही है।

कपड़ा तेरे बाप का! तेल तेरे बाप का! जलेगी भी तेरे बाप की, तेरी बुआ का बगीचा है क्या जो हवा खाने चला आया, जो हमारी बहनों को हाथ लगाएंगे उनकी लंका लगा देंगे, जैसे कुछ डायलॉग्स को लेकर लोगों ने आपत्ती जताई है। कई लोगों का कहना है कि इससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुईं।

गीता प्रेस को मिला गांधी सम्मान पुरस्कार, कांग्रेस बोली-गोडसे-सावरकर को सम्मान देने जैसा

#gandhipeaceprizetogeetapressjairamrameshattacks_bjp

सनातन धर्म और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में जुटी विश्व प्रसिद्ध प्रकाशन संस्थान गीता प्रेस को वर्ष 2021 का गांधी शांति पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी ने इस संबंध में फैसला लिया। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से इसका ऐलान किया गया है।गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने के एलान के साथ ही अब इस पर सियासत शुरू हो गई है। सरकार और विपक्ष पार्टी के नेताओं के बीच वार-पलटवार का दौर शुरू हो गया।कांग्रेस पार्टी ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने को सावरकर और गोडसे को पुरस्कृत करने जैसा बताया है।

संस्कृति मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी ने सर्वसम्मति से गांधी शांति पुरस्कार के प्राप्तकर्ता के रूप में गीता प्रेस का चयन करने का निर्णय लिया।बयान के अनुसार, 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस, गोरखपुर को अहिंसक और अन्य गांधीवादी तरीकों के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया जाएगा।

जयराम रमेश का सरकार पर वार

वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सरकार की आलोचना करते हुए एक ट्वीट में कहा, 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार गोरखपुर में गीता प्रेस को प्रदान किया गया है, जो इस वर्ष अपनी शताब्दी मना रहा है। अक्षय मुकुल द्वारा इस संगठन की लिखित जीवनी में उन्होंने महात्मा गांधी और उनके राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक एजेंडे पर गीता प्रेस के साथ चली लड़ाई व खराब संबंधों का खुलासा किया है। यह निर्णय वास्तव में एक उपहास और सावरकर व गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है।

बीजेपी का पलटवार

जयराम रमेश के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है। दिल्ली में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि गीता प्रेस की वजह से रामचरितमानस और वाल्मीकि रामायण जैसे ग्रंथ घर-घर पहुंचे इसलिए उसका समर्थन कांग्रेस कैसे कर सकती है।बीजेपी सांसद ने कहा, "कांग्रेस को तो राम के नाम से ही चिढ़ है। जिनके समय में राम टेंट में रहे हों तो उनसे हम और अपेक्षा क्या कर सकते हैं।गीता प्रेस कौन है जिनके कारण तुलसीदास की रामचरितमानस वाल्मीकि रामायण को आज घर-घर में किसने पहुंचाया. जिसने धर्म को घर-घर तक पहुंचाया, अधर्म के रास्ते पर नहीं चलना सिखाया, उसका कांग्रेस कैसे समर्थन कर सकती है?

गीता प्रेस को 100 साल पूरे

बता दें कि गोरखपुर स्थित गीता प्रेस की स्थापना साल 1923 में हुई थी। गीता प्रेस दुनिया में सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है। इसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ किताबों का प्रकाशन किया है, जिनमें 16.21 करोड़ श्रीमद भगवद गीता पुस्तकें शामिल हैं। खास बात ये है कि इस संस्था ने पैसा कमाने के लिए कभी भी अपने प्रकाशनों के लिए विज्ञापन नहीं लिए। गांधी शांति पुरस्कार के साथ ही गीता प्रेस को एक करोड़ रुपये की राशि से सम्मानित किया जाना है। लेकिन गीता प्रेस मैनेजमेंट ने एक करोड़ की सम्मान राशि स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। ये बात गीता प्रेस के प्रबंधक डॉ लालमनी तिवारी ने कही।

यूएस में योग से शुरू होगा पीएम मोदी का कार्यक्रम, जानें बाइडन से मुलाकात समेत अमेरिकी दौरे का पूरा शेड्यूल

#pmnarendramodiusvisitfullschedule

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के बेहद अहम दौरे पर जाने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जून से राजकीय दौरे पर अमेरिका पहुंच रहे हैं। वे 23 जून तक अमेरिका में रहेंगे।विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पीएम अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन व प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर 21-23 जून तक अमेरिकी यात्रा पर रहेंगे। बाद में, 24-25 जून को प्रधानमंत्री मोदी मिस्र की यात्रा पर रहेंगे।

योगा दिवस समारोह से दौरे की शुरुआत

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी पहले जरूर 6 बार अमेरिका की यात्रा पर जा चुके हैं, लेकिन यह पीएम मोदी की पहली आधिकारिक यात्रा होगी यानी पहली बार पीएम मोदी व्हाइट हाउस में राजकीय आमंत्रित अतिथि के तौर पर जाएंगे। क्वात्रा ने कहा कि पहले दिन पीएम मोदी अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस पर अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। वे 21 जून को ही न्यूयॉर्क से रवाना हो जाएंगे। कार्यक्रम में उनका पहला खास फोकस कौशल और क्षमता निर्माण का कार्यक्रम होगा। इसके तहत पीएम और यूएसए के राष्ट्रपति के बीच निजी बातचीत होगी।

21 जून का कार्यक्रम

प्रधानमंत्री मोदी के दौरे की शुरुआत 21 जून सुबह न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सचिवालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह से होगी। ये कार्यक्रम भारत के लिए काफी अहम है, क्योंकि इससे दुनिया को भारतीय परंपराओं को लेकर एक संदेश जाएगा। इसी दिन, न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री कुछ बड़े नेताओं और अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे। बाद में वाशिंगटन के लिए प्रस्थान करेंगे। पीएम मोदी 21 जून को ही वाशिंगटन में 'स्केलिंग फॉर फ्यूचर' पर आधारित एक कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। इतना ही नहीं, 21 जून को ही अमेरिका के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी के बीच एक निजी मुलाकात होने की संभावना है।

22 जून का कार्यक्रम

व्हाइट हाउस में 22 जून को प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया जाएगा। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच प्रतिनिधित्व स्तर की द्विपक्षीय बैठक होंगी। द्विपक्षीय बैठकों के दौरान रक्षा और तकनीक और कुछ प्रमुख समझौतों पर बातचीत की उम्मीद है। इसी दिन प्रतिनिधि सभा के स्पीकर केविन मैक्कार्थी और संसद के बहुमत नेता चक शूमर सहित कांग्रेस के नेताओं के निमंत्रण पर पीएम मोदी अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करेंगे। बाइडेन और प्रथम महिला इसी शाम मोदी के सम्मान में राजकीय रात्रिभोज का आयोजन करेंगे।

23 जून का कार्यक्रम

प्रधानमंत्री मोदी 23 जून को कुछ कंपनियों के सीईओ से मुलाकात करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी कैनेडी सेंटर में एक कार्यक्रम में प्रमुख पेशेवर लोगों से मुलाकात करेंगे। कैनेडी सेंटर के कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री कम्युनिटी लीडर्स से मुलाकात करेंगे

मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, आखिर बीजेपी नेताओं को क्यों बनाया जा रहा है निशाना?

#manipurviolenceangeragainstbjp 

मणिपुर में हिंसा की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही है। राज्य में पिछले डेढ़ महीने से आक्रोश की “आग” में जल रहा है।विद्रोहियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प जारी है। हिंसा और आगजनी की इन घटनाओं के बीच बीजेपी नेताओं के घरों और ऑफिस को निशाना बनाया गया है।भाजपा सासंद और केंद्रीय मंत्री आर के रंजन सिंह समेत कई नेताओं के घर पर हमले हो चुके हैं। केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के आवास को गुस्साई भीड़ को आग के हवाले के किए जाने के अगले ही दिन बीजेपी के कई ऑफिस में तोड़फोड़ की खबर सामने आई।ऐसे में सवाल उठ रहा है कि मणिपुर हिंसा में भीड़ भाजपा नेताओं को क्यों निशाना बना रही है।

बीजेपी नेताओं के खिलाफ गुस्‍सा

जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में भीड़ ने शुक्रवार को भी भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपना निशाना बनाया। मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के क्वाकटा और चुराचांदपुर जिले के कंगवई से पूरी रात गोलीबारी हुई। इंफाल पश्चिम के इरिंगबाम पुलिस थाने में लूट की कोशिश की गई। हालांकि, इस दौरान कोई हथियार चोरी नहीं हुआ। दंगाइयों को इकट्ठा होने से रोकने के लिए सेना, असम राइफल्स और मणिपुर द्रुत कार्य बल (आरएएफ) ने इंफाल में आधी रात तक संयुक्त मार्च निकाला। इस बीच लगभग 1,000 लोगों की भीड़ ने महल परिसर के पास स्थित इमारतों में आग लगाने की कोशिश की। भीड़ ने विधायक बिस्वजीत के घर में आग लगाने का भी प्रयास किया। आरएएफ ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और रबड़ की गोलियां चलाईं। 

इसके बाद भीड़ ने सिंजेमाई में मध्य रात्रि के बाद भाजपा कार्यालय का घेराव किया, लेकिन वह उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकी, क्योंकि सेना ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया। इसी तरह, इंफाल में आधी रात के करीब पोरमपेट के पास भाजपा की महिला इकाई की अध्यक्ष शारदा देवी के घर में भीड़ ने तोड़फोड़ करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाबलों ने भीड़ को खदेड़ दिया 25 मई को मंत्री कोंथौजम गोविंददास के घर पर धावा बोला गया था और वहां भी तोड़फोड़ की गई थी। इसके बाद पिछले बुधवार को मंत्री नेमचा किपगेन के आधिकारिक आवास को आग के हवाले कर दिया गया। इसके बाद गुरुवार की रात केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के निजी आवास को आग को जलाया गया। गनीमत रही कि जिस समय उग्र भीड़ ने घर को आग के हवाले किया उस समय रंजन सिंह वहां मौजूद नहीं थे. उनका पूरा परिवार बाहर गया हुआ था।

भीड़ बीजेपी के नेताओं को ही क्यों निशाना बना रही है?

मणिपुर में बीजेपी की सरकार है। जिस तरीके से तेजी से बीजेपी नेताओं के खिलाफ गुस्सा बढ़ा है उसके पीछे वजह बताई जा रही है मैतेई समुदाय का गुस्सा। प्रदेश में 60 में से 40 विधायक मैतेई समुदाय के ही है और इस समुदाय के लोगों कहना है कि इन विधायकों ने पीएम मोदी तक उनकी बात ठीक से नहीं पहुंचाई।

स्थानीय लोगों का कहना है कि भीड़ सड़कों पर अपना गुस्सा निकाल रही हैं क्योंकि सरकार बढ़ती महंगाई को रोकने, सामान्य स्थिति बहाल करने और हिंसा में शामिल आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रही है।

अमित शाह की पहल का भी असर नहीं

मणिपुर में एक महीने से अधिक समय से जातीय हिंसा जारी है। 3 मई से अब तक जातीय हिंसा में 100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। 50 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पिछले महीने मणिपुर का दौरा किया था और राज्य में शांति बहाल करने के अपने प्रयासों के तहत विभिन्न वर्गों के लोगों से मुलाकात की थी। बावजूद इसके हिंसा की घटनाएं कम नहीं हुई और विपक्षी दल इसको लेकर बीजेपी पर हमलावर हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्थिति का आकलन करने और केंद्रीय बलों के बेहतर इस्तेमाल के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक एस. एल. थाउसेन को मणिपुर भेजा गया है। वर्तमान में, राज्य पुलिस बलों के अलावा मणिपुर में लगभग 30,000 केंद्रीय सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। इन बलों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की लगभग आठ बटालियन, सेना की 80 टुकड़ियां और असम राइफल्स की 67 टुकड़ियां शामिल हैं। इतना सब होने के बाद भी हिंसा पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका है।

बवाल की वजह

मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में मणिपुर के पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद पहली बार 3 मई को झड़पें हुईं थीं। मैतेई राज्य में प्रमुख समुदाय है। ये इंफाल घाटी में रहते हैं। इस समुदाय में हिंदू शामिल हैं और इनकी आबादी करीब 53 प्रतिशत हैं। वहीं, नागा और कुकी जनजातियां मणिपुर की आबादी का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा हैं, जो ‘अनुसूचित जनजाति’ श्रेणी में आती हैं। ये समुदाय पहाड़ी जिलों में रहता है। मैतेई समुदाय मणिपुर में अनुसूचित जनजातियों के अधिकारों की मांग कर रहा है, जो उन्हें मणिपुर में पहाड़ियों और जंगलों में भूमि का अधिकार प्रदान करेगा। इसी कारण उनके और नागा व कुकी समुदायों के बीच दरार पैदा हो गई। हिंसा के शुरुआत होने की असल जड़ यही है।

उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश, चलेगी लू भी

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

चक्रवात बिपरजाॅय का असर उत्तर भारत में भी दिखाना शुरू हो रहा है। रविवार को राजधानी के कुछ इलाकों में सुबह बूंदाबांदी हुई। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार से चार दिनों तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में झमाझम बारिश हो सकती है। आंचलिक मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा और आंधी - पानी के आसार हैं। इससे तापमान में गिरावट होगी। मंगलवार से प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में तेज बारिश के आसार हैं। वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश के क‌ई जिलों में लू की चेतावनी जारी की गई है।

यहां आंधी - पानी के आसार

बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, आगरा, फिरोजाबाद, हापुड़, कासगंज, मैनपुरी, फरुखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरेया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, जालौन, झांसी ललितपुर आदि।

इन जिलों में लू की चेतावनी

कुशीनगर, गोरखपुर, संतकबीरनगर, भदोही, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, जौनपुर, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, म‌ऊ, , बलिया और देवरिया में लू चलेगी।

उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा में भीषण गर्मी, हीटवेव के कारण 100 से ज्यादा लोगों ने गंवाई जान

#heatwavealertin3stateupbiharodishanearly100died 

आसमान आग उगल रहा है, धरती तवे के समान तप रही है। देश के अधिकांश हिस्सों में लगभग इसी तरह के हालात हैं। तपती दोपहरी और लू लोगों की जान पर भारी पड़ रही है। इन दिनों देश में भयंकर लू चल रही है और इस लू के चलते देश के तीन राज्यों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। जिन राज्यों में ये मौतें हुई हैं, उनमें उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा शामिल हैं। 

बलिया में लू लील रही जिंदगी

यूपी में भीषण गर्मी पड़ रहीं है। यूपी के बलिया में 11 जून से अब तक जिला अस्पताल में कम से कम 83 लोगों की मौत हो गई है। जिनमें से 54 लोगों की मौत तापमान और गर्मी की वजह से हुई। बलिया के चीफ मेडिकल ऑफिसर जयंत कुमार ने इलाके के जिला मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार को रिपोर्ट भेजी थी। बताया गया था कि 15 जून को जिला अस्पताल में 154 मरीज भर्ती हुए थे। जिनमें से 23 की मौत हो गई। इसके बाद 16 जून को 137 मरीज भर्ती हुए थे, जिसमें 20 मरीज की मौत गई। वहीं 17 जून को 11 मरीजों की मौत हो गई।

बिहार में 45 लोगों की मौत

लू की वजह से बिहार में भी मौतें देखने को मिली है। बिहार में 45 लोगों की मौत हुई।इसमें सबसे ज्यादा मौतें आरा जिले में देखने को मिली है। हालांकि, सरकार की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आय। राज्य में 18 जून को अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।

 

दो से तीन दिनों में ओडिशा में लू से 20 लोगों की मौत

पिछले दो से तीन दिनों में ओडिशा में तपती दोपहरी और लू की वजह से 20 लोगों की मौत हो चुकी है। भुवनेश्वर में स्पेशल रिलीफ कमिश्नर ऑफिस ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि लू की वजह से राज्य में 20 लोगों की जान चली गई है।रविवार को स्पेशल रिलीफ कमिश्नर ऑफिस की ओर से कहा गया है कि अब तक हमें कथित लू से 20 लोगों की मौत की जानकारी मिली है। बालासोर जिले में भी लू से एक लोगों की मौत हुई है। इस संबंध में जिलों के कलेक्टर और जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। विभाग की ओर से पीड़ित परिवार को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने का भी ऐलान किया गया है।

3-4 दिनों तक भीषण गर्मी पड़ने की संभावना

एसआरसी ने मौसम विभाग के पूर्वानुमान का हवाला देते हुए कहा है कि राज्य में अगले 3-4 दिनों तक भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है मौसम विभाग ने पूर्वी यूपी, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, विदर्भ, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, यमन, ईस्ट मध्य प्रदेश, वेस्ट बंगाल में हीटवेव (लू) चलने का अलर्ट जारी किया है। ऐसे में लोगों को एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी गई है। खासकर बुजुर्गों और बच्चों को तपती दोपहरी में घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है। इसके साथ-साथ लोगों को खुद को हाइड्रेटेड रखने और ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दी गई है।

महाराष्ट्र में औरंगजेब को लेकर जारी है बवाल, अब फडणवीस ने कहा-राष्ट्रवादी मुस्लिम मुगल बादशाह को नहीं मानते अपना नेता

#muslimsofthiscountryneveracceptedaurangzebdevendrafadnavis_said 

महाराष्ट्र औरंगजेब को लेकर राजनीति तेज है। सभी दलों के नेताओं के बीच औरंगजेब को लेकर जुबानी जंग जारी है। इस बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि भारत में कोई भी मुस्लिम औरंगजेब का वंशज नहीं है और देश में राष्ट्रवादी मुसलमान मुगल बादशाह को अपना नेता नहीं मानते। उन्होंने औरंगाबाद जिले में औरंगजेब के मकबरे पर जाने के लिए वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर पर भी निशाना साधा।

हमारे राजा सिर्फ छत्रपति शिवाजी- फडणवीस

फडणवीस अकोला में मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान फडणवीस ने कहा, अकोला, संभाजीनगर और कोल्हापुर में जो हुआ वह संयोग नहीं, बल्कि प्रयोग था। राज्य में औरंगजेब के इतने हमदर्द कैसे आ गए? फडणवीस ने आगे कहा, 'औरंगजेब हमारा नेता कैसे हो सकता है? हमारा राजा केवल एक है और वह छत्रपति शिवाजी महाराज हैं... भारत के मुसलमान, औरंगजेब के वंशज नहीं हैं। मुझे बताएं कि औरंगजेब के वंशज कौन हैं? औरंगजेब और उसके पूर्वज कहां से आए थे? औरंगजेब और उसके पूर्वज बाहर से आए थे।

उद्धव ठाकरे से सवाल

इस दौरान देवेंद्र फडणवीस ने औरंगाबाद जिले में औरंगजेब के मकबरे पर जाने के लिए वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर पर भी निशाना साधा और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से सवाल किया कि क्या उन्हें उनका कदम मंजूर है। फडणवीस ने कहा, 'आंबेडकर कहते हैं कि औरंगजेब ने लंबे समय तक हमारे देश पर शासन किया। इसलिए हिटलर ने जर्मनी पर भी शासन किया। कई लोग हिटलर को भगवान की तरह पूजते थे...आपसे ये उम्मीद नहीं थी। उद्धव ठाकरे ने आंबेडकर के साथ गठबंधन किया है। तो क्या आप (ठाकरे) आंबेडकर के कृत्य को स्वीकार करते हैं?' 

बता दें कि इस साल की शुरुआत में, ठाकरे और आंबेडकर के दलों ने गठबंधन किया था।

राष्ट्रवादी मुस्लिम औरंगजेब का समर्थन नहीं करते- फडणवीस

उपमुख्यमंत्री ने कहा, इस देश में राष्ट्रवादी मुसलमान औरंगजेब का समर्थन नहीं करते हैं और वे केवल छत्रपति शिवाजी महाराज को अपना नेता मानते हैं। औरंगजेब के मकबरे पर जाने को लेकर प्रकाश आंबेडकर पर निशाना साधते हुए फडणवीस ने उनसे पूछा कि ऐसा करने की क्या जरूरत थी।

महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से औरंगजेब और टीपू सुल्तान को लेकर विवाद जारी है। कुछ युवकों ने सोशल मीडिया पर औरंगजेब की तस्वीर लगाई थी, जिसके बाद बवाल शुरू हुआ। इस घटना के बाद कोल्हापुर में हिंसा हुई। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि बीजेपी चुनाव से पहले औरंगजेब का मुद्दा जानबूझकर उठा रही है। वहीं शिंदे गुट और बीजेपी विपक्ष को इसका जिम्मेदार बता रहा है।

कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या, भारत के वांडेट लिस्ट में था नाम

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खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई। निज्जर आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का चीफ था। वह कनाडा में रहकर लंबे समय से पंजाब में खालिस्तानी मूवमेंट को हवा दे रहा था। बता दें, एनआईए ने कुख्यात आतंकवादी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स के मुखिया हरदीप सिंह निज्जर पर 10 लाख का इनाम घोषित किया हुआ था। ये इनाम जालंधर में एक पुजारी की हत्या के मामले में रखा गया था। भारत सरकार ने उसे आतंकी घोषित किया था।

सोमवार को कनाडा के एसएफजे प्रमुख और खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गुरु नानक सिख गुरुद्वारा सरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। जानकारी के अनुसार जिस गुरुद्वारे के आगे निज्जर की हत्या की गई है वह उसी गुरुद्वारे का अध्यक्ष था। गुरु नानक सिख गुरुद्वारे में दो अज्ञात बंदूकधारियों ने निज्जर को गोली मारकर इस वारदात को अंजाम दिया।

कनाडा में बैठकर भारत विरोधी गतिविधियां चला रहा था

निज्जर कनाडा में सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का प्रमुख था खालिस्तानी टाइगर फोर्स का मुखिया भी था। वो कनाडा में बैठकर भारत के खिलाफ देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। वह आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस के मुखी गुरपतवंत सिंह पन्नू का करीबी भी था। 

हरदीप सिंह निज्जर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था

सितंबर 2020 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हरदीप निज्जर को आतंकवादी घोषित कर दिया था। इसके बाद निज्जर की जालंधर के भार सिंह पुरा गांव में संपत्तियां भी कुर्क की थी। इसी गांव में निज्जर ने पुजारी का कत्ल कराया था। इसके जरिए वह पंजाब में धार्मिक उन्माद फैलाने की फिराक में था। जिसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एआईए) ने भगोड़े खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।

निज्जर के संगठन को 4 महीने पहले आतंकी करार दिया था

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 4 महीने पहले निज्जर के संगठन केटीएफ को आतंकी संगठन करार दिया था। गृह मंत्रालय ने कहा था- खालिस्तान टाइगर फोर्स कट्‌टरपंथी संगठन है। जिसका मकसद पंजाब में फिर आतंकवाद फैलाना है। पंजाब में टारगेट किलिंग के पीछे भी इस संगठन का हाथ है। गृह मंत्रालय का कहना है कि ये संगठन भारत की क्षेत्रीय अखंडता, एकता, राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को चुनौती देता है।

पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से पहले भारतीय-अमेरिकी समुदाय में उत्साह, वाशिंगटन में निकाली एकता रैली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 जून से 24 जून तक अमेरिका के दौरे पर रहेंगे। पीएम मोदी के दौरे को लेकर यूएस में तैयारियां जोरों पर हैं।वहीं, अमेरिका में रह रहे प्रवासी भारतीयों में प्रधानमंत्री मौदी के दौरे को लेकर खासा उत्साह भी दिखाई दे रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री के अमेरिका आगमन से पहले रविवार को वाशिंगटन में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोगों ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए एकता मार्च निकाला। *अमेरिका के 20 प्रमुख शहरों में एकता मार्च* भारतीय अमेरिकियों ने न्यूयॉर्क सहित पूरे अमेरिका के 20 प्रमुख शहरों में एकता मार्च का आयोजन किया। भारतीय समुदाय के लोगों ने 'मोदी मोदी', 'वंदे मातरम' और 'वंदे अमेरिका' के नारे लगाए। समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से पोस्ट वीडियो में दिख रहा है कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोग ‘हर हर मोदी’ गाने की धुन पर डांस कर रहे हैं। *प्रवासी भारतीय समुदाय ने कहा “महान क्षण”* एकता मार्च में हिस्सा लेने वाले प्रवासी भारतीय समुदाय के एक सदस्य ने कहा कि ‘हम सभी यहां वाशिंगटन डीसी, मैरीलैंड और आसपास के शहरों में रहने वाले भारतीय प्रवासी हैं। हम सभी ‘एकता दिवस’ मनाने और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बुलावे पर पीएम मोदी के आगामी दौरे लिए यहां जुटे हैं। यह हम सभी के लिए एक महान घटना है और हम सभी के लिए एक महान क्षण है। उन्होंने कहा कि ‘हम इसका जश्न मनाना चाहते थे और यह सुनिश्चित करना चाहते थे। हर कोई जानता है कि भारत और अमेरिका के संबंध कैसे बढ़ रहे हैं और वे कैसे मददगार हैं। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन के निमंत्रण पर पीएम नरेंद्र मोदी बुधवार 21 जून से 24 जून तक अमेरिका की यात्रा पर होंगे। पीएम मोदी गुरुवार 22 जून को बाइडेन के राजकीय रात्रिभोज में शामिल होंगे, साथ ही कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। अगले दिन 23 जून को, पीएम मोदी वाशिंगटन डीसी में रोनाल्ड रीगन बिल्डिंग और इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर में भाषण देंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 जून से 24 जून तक अमेरिका के दौरे पर रहेंगे। पीएम मोदी के दौरे को लेकर यूएस में तैयारियां जोरों पर हैं।वहीं, अमेरिका में रह रहे प्रवासी भारतीयों में प्रधानमंत्री मौदी के