दुमका : रामवृक्ष की जिंदगी में आया नया सवेरा, डॉ0 राजेश ने निशुल्क इलाज कर दी नई जिंदगी
दुमका : धरती में डॉक्टरों को भगवान का दूसरा रूप भी कहा गया है। ईश्वर के बाद अगर किसी व्यक्ति को जिंदगी देता है तो वह डॉक्टर ही है।
मरीजों की जिंदगी बचाने वाले डॉक्टर कई बार कुछ ऐसा कर जाते हैं जो समाज में एक मिसाल बन जाती है। अमूमन डॉक्टरी पेशे में कई बार ऐसे पल आते हैंं जब जीवन की उम्मीद लोग छोड़ देते हैं तो उस वक्त डॉक्टर नाउम्मीद की जिंदगी जी रहे मरीजों को नई रोशनी देते है। डॉक्टर के यही प्रयास लोगों की जिंदगी में नया सवेरा लाते हैं।
दुमका के जाने माने दंत चिकित्सक डॉ0 राजेश रोशन ने भी एक मरीज की जिंदगी में नया सवेरा लाकर मिसाल कायम की है। दरअसल जरमुंडी गाँव में ऑटो चलाकर अपने परिवार का जीवन यापन करनेवाले रामवृक्ष मिर्धा के जीवन में शनिवार को नया सवेरा आया और उसके जिंदगी में उम्मीदों की रोशनी भरी डॉ0 राजेश रोशन ने।
रामवृक्ष मिर्धा मूल रूप से दुमका के जरमुंडी प्रखंड का रहने वाला है। कुछ महीने पहले एक हादसे में रामवृक्ष मिर्धा का जबरा टूट गया। इसके बाद परिजनों ने आनन-फानन में रामवृक्ष मिर्धा को करीब 15 दिनों तक फूलों झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती रखा। अस्पताल के डॉक्टर ने उसे बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर कर दिया। परिजनों ने बताया कि वे लोग बहुत ही गरीब परिवार से हैं। रिम्स में इलाज नहीं करा सकते हैं। इसके बाद परिजन उसे पश्चिम बंगाल के बर्दवान ले गए और वहाँ के एक सरकारी अस्पताल में चार दिनों तक रामवृक्ष मिर्धा को भर्ती रखा। जब परिजनों ने निजी डॉक्टरों से संपर्क किया तो डॉक्टर ने बताया कि ऑपरेशन में लगभग 60 हजार रुपए का खर्चा आएगा लेकिन गरीबी की वजह से इलाज के लिए इतनी बड़ी राशि खर्च करने में परिवार असमर्थ था। एक दिन डॉ राजेश रोशन को एक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से पता चला और रामवृक्ष मिर्धा को इलाज के लिए दुमका बुलाया। डॉ राजेश ने रामवृक्ष के परिवार से बात की और उसका निशुल्क इलाज के लिए भरोसा दिया।
डॉ0 राजेश के आश्वासन से मरीज के परिवार को हिम्मत मिली। डॉ0 राजेश रोशन और डॉ स्वेता स्वराज के साथ पूरी टीम ने शनिवार को रामवृक्ष मिर्धा का सफलता पूर्वक ऑपरेशन किया और करीब दो घंटे के ऑपरेशन के बाद ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद डिस्चार्ज भी कर दिया। परिजनों ने बताया कि मरीज ने जिंदा रहने की आस छोड़ दी थी लेकिन डॉ राजेश एवं उनकी टीम के प्रयास से ना सिर्फ उसे जीवनदान मिला बल्कि उम्मीदों की नई रोशनी भी मिली। परिजनों ने डॉ राजेश रोशन, डॉ0 स्वेता स्वराज एवं उनकी टीम में शामिल साहिल, विशाल झा, संगीता, वीरेन और अनिता का अस्पताल आकर आभार भी व्यक्त किया। वही मरीज रामवृक्ष मिर्धा की माता सरिता देवी ने कहा कि उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी की उनका बेटा का ऑपरेशन निशुल्क हो जाएगा। बताते चलें कि इससे पहले भी डॉ राजेश रोशन एवं उनकी टीम के द्वारा कई बेसहारा एवं असहाय लोगों को जीवन दान दे चुके हैं। डॉ0 राजेश कहते है कि गरीब और असहाय लोगों की मदद कर एक अलग अनुभूति मिलती है और खुशी होती है।
(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)
Jun 04 2023, 09:59