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द्रेशद्रोह कानून खत्म होगा या नहीं? विधि आयोग ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट

#no_need_to_repeal_sedition_law_recommends_law_commission

भारत के विधि आयोग ने द्रेशद्रोह कानून पर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी है।आयोग का कहना है कि देशद्रोह से निपटने के लिए आईपीसी की धारा 124ए को बनाए रखने की आवश्यकता है। साथ ही आयोग ने कुछ संशोधन के साथ राजद्रोह कानून को बनाए रखने की सिफारिश की है।इससे जुड़ी एक रिपोर्ट कानून मंत्रालय को भेजी गई है। 

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को लिखे अपने कवरिंग लेटर में 22वें लॉ कमीशन के अध्यक्ष जस्टिस रितु राज अवस्थी (सेवानिवृत्त) ने कुछ सुझाव भी दिए हैं। भारतीय विधि आयोग का कहना है कि भारतीय दंड संहिता के राजद्रोह अपराध (धारा 124ए) को कुछ संशोधनों के साथ बरकरार रखा जाना चाहिए।आयोग ने अधिक स्पष्टता लाने के लिए कानून ममें संशोधन की सिफारिश की है। विधि आयोग ने कहा है कि उसका सुविचारित मत है कि भारतीय दंड संहिता में धारा I24ए को बनाए रखने की आवश्यकता है। हालांकि, केदार नाथ सिंह मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तथ्यों को शामिल कर कुछ संशोधन किए जा सकते हैं, ताकि प्रावधान के उपयोग के संबंध में अधिक स्पष्टता लाई जा सके।

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि ‘आईपीसी की धारा 124ए को केवल इस आधार पर निरस्त करना कि कुछ देशों ने ऐसा किया है ये ठीक नहीं है क्योंकि ऐसा करना भारत में मौजूद जमीनी हकीकत से आंखें मूंद लेने की तरह होगा।’ आयोग ने यह भी कहा कि ‘‘औपनिवेशिक विरासत’’ होने के आधार पर राजद्रोह को निरस्त करना उचित नहीं है। इसे निरस्त करने से देश की अखंड़ता और सुरक्षा पर प्रभाव पड़ सकता है।

इसमें कहा गया कि आईपीसी की धारा 124ए जैसे प्रावधान की अनुपस्थिति में, सरकार के खिलाफ दंगा भड़काने वाले किसी भी अभिव्यक्ति पर निश्चित रूप से विशेष कानूनों और आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाएगा, जिसमें अभियुक्तों से निपटने के लिए कहीं अधिक कड़े प्रावधान हैं।रिपोर्ट में आगे कहा गया कि सभी देश अपनी स्थिती को देखकर फैसला लेते हैं। इसलिए आईपीसी की धारा 124ए को केवल इस आधार पर निरस्त करना कि कुछ देशों ने ऐसा किया है, ये ठीक नहीं है क्योंकि ऐसा करना भारत में मौजूद जमीनी हकीकत से आंखें मूंद लेने की तरह होगा। 

एक मई को राजद्रोह कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा था कि सरकार ने राजद्रोह के प्रावधानों का परीक्षण शुरू किया है। इसके लिए हितधारकों से परामर्श चल रहा है।ये अभी एडवांस चरण में है जिसमें समय लगेगा। संसद के मानसून सत्र में बिल लाया जा सकता है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट अगस्त के दूसरे हफ्ते में सुनवाई करेगा। तब तक सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक राजद्रोह के मामलों पर रोक रहेगी। सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि क्या राजद्रोह पर 1962 के पांच जजों के फैसले की समीक्षा के लिए सात जजों के संविधान पीठ भेजा जाए या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि इस मामले में उसका क्या रुख है? केंद्र की कमेटी की क्या प्रगति है। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा था कि केंद्र का रूख जानने के बाद फैसला करेंगे

गलत तरीके से छुआ, कंधे को दबाया, जानें महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर क्या-क्या आरोप लगाए?

#brij_bhushan_sharan_singh_2_fir_demands_for_sexual_favours

पहलवानों की शिकायत पर दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में रेसलिंग फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष ब़जभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज दोनों एफआईआर सामने आ गई हैं।दर्ज एफआईआर के मुताबिक, बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 2 एफआईआर में यौन शोषण की मांग और छेड़छाड़ के कम से कम 10 मामलों की शिकायत है।पहलवानों के सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को दो अलग अलग एफआईआर दर्ज की. इन दोनों एफआईआर की कॉपी सामने आ गई है।

एफआईआर के मुताबिक बृजभूषण के खिलाफ यौन संबंध बनाने का दबाव बनाने का आरोप लगाया गया है। खिलाड़ियों ने कहा है कि बृजभूषण ने उनके साथ कई बार छेड़छाड़ की।शिकायत में गलत तरीके से छूना, किसी बहाने से छाती के ऊपर हाथ रखने की कोशिश या हाथ रखना, छाती से पीठ तक हाथ को लेकर जाना, पीछा करना शामिल है।

यह शिकायत कनॉट प्लेस थाने में 21 अप्रैल को दी गई थी और दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को दो एफआईआर दर्ज की। ये दोनों ही एफआईआऱ आईपीसी की धारा 354 (महिला की इज्जत भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 34 के तहत दर्ज की गई हैं। इसमें एक से तीन साल की जेल की सजा है। पहली एफआईआर में छह वयस्क पहलवानों के आरोप शामिल हैं और इसमें डब्ल्यूएफआई सचिव विनोद तोमर का भी नाम है।

दूसरी एफआईआर एक नाबालिग के पिता की शिकायत पर दर्ज की गई है। यह पॉक्सो अधिनियम की धारा 10 के तहत है जिसमें पांच से सात साल सजा का प्रावधान है। एफआईआर में जिन घटनाओं का उल्लेख किया गया है वे कथित तौर पर 2012 से 2022 तक देश और विदेश के अलग-अलग हिस्सों में हुईं।

6 बालिग महिला रेसलर ने अपनी शिकायत में क्या आरोप लगाए?

-6 बालिग महिला रेसलर में से पहली रेसलर की शिकायत के मुताबिक आरोपी ने होटल के रेस्टोरेंट में रात के खाने के दौरान मुझे अपनी मेज पर बुलाया और मुझे टच किया. छाती से पेट तक छुआ. रेसलिंग फेडरेशन के ऑफिस में बिना मेरी इजाजत के मेरे कुटनो मेरे कंधों और हथेली को छुआ गया। अपने पैर से मेरे पैर को भी टच किया गया। मेरी सांसों के पैटर्न को समझने के बहाने से छाती से पेट तक टच किया गया।

-दूसरी रेसलर की शिकायत के मुताबिक जब मैं चटाई पर लेटी हुआ थी, आरोपी (सिंह) मेरे पास आया, मेरे कोच उस वक्त नहीं थे, मेरी अनुमति के बिना मेरी टी-शर्ट खींची, अपना हाथ मेरे छाती पर रख दिया और मेरी सांस की जांच के बहाने इसे मेरे पेट के नीचे सरका दिया। इसके अलावा फेडरेशन के ऑफिस में मैं अपने भाई के साथ थी। मुझे बुलाया और भाई को रुकने को कहा गया. फिर कमरे में अपनी तरफ जबरदस्ती खींचा।

-तीसरी रेसलर की शिकायत के मुताबिक आरोपी ने रेसलर से माता पिता से बात करने के लिए कहा, उसे गले लगाया और रिश्वत देने की बात कही।

-चौथी रेसलर की शिकायत के मुताबिक आरोपी ने सांस की जांच करने के बहाने नाभि पर हाथ रख दिया।

-पांचवी रेसलर की शिकायत के मुताबिक मैं लाइन में सबसे पीछे थी, तभी गलत तरीके से छुआ, मैने जब दूर जाने की कोशिश की तो कंधे को पकड़ लिया।

- छठी रेसलर की शिकायत के मुताबिक तस्वीर के बहाने कंधे पर हाथ रखा, जबकि रेसलर ने विरोध किया।

राहुल गांधी ने मुस्लिम लीग को बताया सेक्युलर पार्टी, बीजेपी बोली- यह कहना उनके लिए मजबूरी

#rahul_gandhi_in_us_muslim_league_secular_party 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेरिका के दौरे पर हैं। यहां राहुल अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं और अब तक उनके द्वारा दिए गए बयान ने देश में सियासी उबाल ला रखा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने अमेरिका में अब मुस्लिम लीग को लेकर एक बयान दिया है। वॉशिंगटन में आयोजित एक कार्यक्रम में एक सवाल के जवाब में कहा कि मुस्लिम लीग पूरी तरह से सेक्‍युलर पार्टी है। मुस्लिम लीग के बारे में कुछ भी नॉन-सेक्‍युलर नहीं है।राहुल गांधी के इस बयान पर बीजेपी हमलावर है।

राहुल गांधी वाशिंगटन डीसी में नेशनल प्रेस क्लब पहुंचे। यहां पर उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए।राहुल गांधी से मुस्लिम लीग को लेकर एक सवाल पूछा गया। अमेरिकी जर्नलिस्ट ने सवाल पूछा गया कि केरल में कांग्रेस का गठबंधन मुस्लिम लीग के साथ है। इस बारे में आप क्या कहेंगे। राहुल गांधी जवाब देते हुए कहा कि मुस्लिम लीग एक सेक्युलर पार्टी है। इस पार्टी में कुछ भी ऐसा नहीं है जिससे आप इसे गैर-धर्मनिरपेक्ष कहें।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सत्ताधारी दल समाज का ध्रुवीकरण करती है और समावेशी नहीं है और इससे भारत को नुकसान हो रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि भारत में खुलेपन की बातचीत की परंपरा रही है। महान नेताओं, आध्यात्मिक और राजनीतिक हस्तियों का उदाहरण देते राहुल ने कहा कि कांग्रेस ने शांति, सद्भाव और बातचीत को बढ़ावा दिया। कांग्रेस और बीजेपी के बीच यह अंतर है। क्या बीजेपी नफरत और हिंसा में लिप्त है। इस सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने यह बातें कहीं। भारत में प्रेस की स्वतंत्रता और जासूसी के आरोप में एक वरिष्ठ पत्रकार की गिरफ्तारी के बारे में एक अन्य प्रश्न पर राहुल ने कहा, मुझे लगता है कि प्रेस की स्वतंत्रता कमजोर हो रही है और यह छिपी नहीं है।

बीजेपी ने राहुल को घेरा

अमेरिका में दिए गए बयान को लेकर भारत में सियासी बवाल मचा हुआ है। भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर हमलावर हो रहे हैं। मुस्लिम लीग को धर्मनिरपेक्ष पार्टी बताने पर भाजपा ने राहुल की निंदा की है। भाजपा के अमित मालवीय ने कहा कि जिन्ना की मुस्लिम लीग, जो पार्टी धार्मिक आधार पर भारत के विभाजन के लिए जिम्मेदार है, राहुल गांधी उसे एक 'धर्मनिरपेक्ष' पार्टी बता रहे हैं। मालवीय ने आगे कहा कि राहुल भले ही कम पढ़े-लिखे हों, लेकिन यहां वे कपटी और कपटी हैं। वायनाड में स्वीकार्यता बनाए रखने के लिए राहुल गांधी की मजबूरी है कि मुस्लिम लीग को धर्मनिरपेक्ष पार्टी कहना। 

यूक्रेन युद्ध को लेक रूस के संबंधों का समर्थन किया

इससे पहले स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय में बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में रूस के साथ अपने संबंध बनाए रखने की भारत की नीति का समर्थन किया। कांग्रेस नेता से प्रश्न किया गया था कि क्या वह रूस को लेकर भारत के तटस्थ रुख का समर्थन करते हैं, इस पर उन्होंने कहा हमारे रूस के साथ संबंध हैं,हमारी रूस पर कुछ निर्भरताएं है। इसलिए मेरा वही रुख है जो भारत सरकार का है।

विपक्षी दलों की बैठक में भाग लेगी कांग्रेस, पार्टी से कौन होगा शामिल इस पर संशय बरकरार

#congress_says_will_attend_nitish_mega_opposition_meet

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष बीजेपी के खिलाफ एकजुट हो रहा है। इसी क्रम में बिहार की राजधानी पटना में 12 जून को विपक्षी दलों की बड़ी बैठक होनी है। इस बैठक में देशभर के विपक्षी नेताओं का जुटान होना है। इस बीच, कांग्रेस की ओर से भी पुष्टि की गई है कि वह इसमें भाग लेगी। हालांकि, पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने गुरुवार को कहा कि इस बैठक में कांग्रेस की ओर से कौन शामिल होगा, इस पर चर्चा होनी बाकी है। 

दरअसल लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार की जोड़ी ने 12 जून को पटना में विपक्षी दलों के प्रमुखों की बड़ी बैठक का आयोजन किया है।। अभी तक ऐसी बैठकों से दूर रहे अखिलेश यादव और ममता बनर्जी ने इसमें शामिल होने का ऐलान भी कर दिया है। उधर संजय राउत ने उद्धव ठाकरे और शरद पवार के जाने के भी संकेत दे दिए। माना जाने लगा है कि 12 जून की ये बैठक 2024 के लिहाज से मील का पत्थर साबित होगी।

नीतीश कुमार पिछले कुछ समय से विपक्ष को एक मंच पर लाने के लिए लगातार मुलाकात कर रहे हैं। उन्होंने पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार और उद्धव ठाकरे सहित कई नेताओं से मुलाकात की।। इसमें सबने कहा था कि विपक्षी दलों का एकसाथ आना जरूरी है। इस कारण जल्द ही मीटिंग होगी।

हालांकि, इन तैयारियों के बीच स्टालिन और येचुरी ने 12 जून को शामिल होने में असमर्थता जाहिर की है। डीएमके प्रमुख स्टालिन ने 12 जून की व्यस्तता के हवाला देते हुए बैठक को आगे बढाने का आग्रह किया है। कांग्रेस और ममता की मौजूदगी ने सीपीएम नेता सीताराम येचुरी को असहज कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, येचुरी ने भी 12 जून को पहले से अपनी व्यस्तता का हवाला दे दिया है, लेकिन नीतीश और लालू ने कहा कि बैठक की तैयारियां पूरी हैं। इसे अब टालना सम्भव नहीं है। ऐसे में अब स्टालिन, कांग्रेस और येचुरी में अपने प्रतिनिधि भेजने का फैसला किया है।

उत्तराखंड में सीएम आवास में तैनात कमांडो ने खुद को गोली मारकर की आत्महत्या, मची अफरा-तफरी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आवास में तैनात एक जवान ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। जवान ने खुद को गोली क्यों मारी इसके बारे में अभी जानकारी सामने नहीं आ पाई है। मृतक की पहचान प्रमोद रावत के रूप में हुई है। वह विजय कॉलोनी में रहते थे।

बताया जा रहा है कि प्रमोद रावत 2016 से सीएम आवास में ड्यूटी पर तैनात थे। उन्होंने सीएम आवास के अंदर ही बने बैरिक में खुद को गोली मारी है।

घटना की सूचना मिलने पर आईजी गढ़वाल करण सिंह नागलियाल, एसएसपी दिलीप सिंह, एसपी सिटी सरिता डोभाल वसीओ डालनवाला अभिनव चौधरी मौके पर पहुंचे। मामले की जांच की जा रही है।

कॉमर्शियल गैस सिलिंडर आज यानी एक जून से हुआ सस्ता, जानिए, दिल्ली से कन्याकुमारी तक किस भाव मिल रहा घरेलू गैस

एलपीजी गैस सिलेंडर बेचने वाली पेट्रोलियम कंपनियों ने एलपीजी के रेट अपडेट कर दी हैं। आज यानी 1 जून को LPG सिलेंडर सस्ता हो गया। यह बदलाव केवल कॉमर्शियल सिलेंडर में हुआ है। बता दें एक मई 2023 को कॉमर्शियल सिलेंडर करीब 172 रुपये सस्ता हुआ था, लेकिन घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ। आज एक बार फिर कामर्शियल सिलेंडर दिल्ली में 83.5 रुपये सस्ता हो कर 1773 रुपये पर आ गया है। एक मई 2023 को घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत दिल्ली में 1103 रुपये थी और आज भी इसी रेट पर मिल रही है।

19 किलो वाला कामर्शियल एलपीजी सिलेंडर अब सस्ता होकर दिल्ली में 1773 रुपये में बिक रहा है। आज यानी 1 जून से कोलकता में 1875.50, मुंबई में 1725 और चेन्न्ई में 1937 रुपये को मिल रहा है। कॉमर्शियल सिलेंडर में आज 83.50 रुपये की और राहत मिल गई है। कोलकाता में सिलेंडर 85 रुपये सस्ता होकर अब 1960.50 रुपये से 1875.50 रुपये पर आ गया है। मुंबई में 1808.5 रुपये से 83.50 रुपये सस्ता होकर 1725 रुपये पर आ गया है। जबकि, चेन्नई में 2021.50 रुपये से 84.50 रुपये कम होकर 1937 रुपये पर आ गया है।

आज इस रेट पर बिक रहे घरेलू सिलेंडर

लेह  1340

आईजोल  1260

भोपाल  1108.5

जयपुर  1106.5

बेंगलुरू  1105.5

दिल्ली  1103

मुंबई  1102.5

श्रीनगर  1219

पटना  1201

कन्या कुमारी  1187

अंडमान  1179

रांची  1160.5

देहरादून  1122

चेन्नई  1118.5

आगरा  1115.5

चंडीगढ़  1112.5

विशाखापट्टनम  1111

अहमदाबाद  1110

शिमला  1147.5

डिब्रूगढ़  1145

लखनऊ  1140.5

उदयपुर  1134.5

इंदौर  1131

कोलकाता  1129

कॉमर्शियल गैस सिलिंडर आज यानी एक जून से हुआ सस्ता, जानिए, दिल्ली से कन्याकुमारी तक किस भाव मिल रहा घरेलू गैस

एलपीजी गैस सिलेंडर बेचने वाली पेट्रोलियम कंपनियों ने एलपीजी के रेट अपडेट कर दी हैं। आज यानी 1 जून को LPG सिलेंडर सस्ता हो गया। यह बदलाव केवल कॉमर्शियल सिलेंडर में हुआ है। बता दें एक मई 2023 को कॉमर्शियल सिलेंडर करीब 172 रुपये सस्ता हुआ था, लेकिन घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ। आज एक बार फिर कामर्शियल सिलेंडर दिल्ली में 83.5 रुपये सस्ता हो कर 1773 रुपये पर आ गया है। एक मई 2023 को घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत दिल्ली में 1103 रुपये थी और आज भी इसी रेट पर मिल रही है।

19 किलो वाला कामर्शियल एलपीजी सिलेंडर अब सस्ता होकर दिल्ली में 1773 रुपये में बिक रहा है। आज यानी 1 जून से कोलकता में 1875.50, मुंबई में 1725 और चेन्न्ई में 1937 रुपये को मिल रहा है। कॉमर्शियल सिलेंडर में आज 83.50 रुपये की और राहत मिल गई है। कोलकाता में सिलेंडर 85 रुपये सस्ता होकर अब 1960.50 रुपये से 1875.50 रुपये पर आ गया है। मुंबई में 1808.5 रुपये से 83.50 रुपये सस्ता होकर 1725 रुपये पर आ गया है। जबकि, चेन्नई में 2021.50 रुपये से 84.50 रुपये कम होकर 1937 रुपये पर आ गया है।

आज इस रेट पर बिक रहे घरेलू सिलेंडर

लेह  1340

आईजोल  1260

भोपाल  1108.5

जयपुर  1106.5

बेंगलुरू  1105.5

दिल्ली  1103

मुंबई  1102.5

श्रीनगर  1219

पटना  1201

कन्या कुमारी  1187

अंडमान  1179

रांची  1160.5

देहरादून  1122

चेन्नई  1118.5

आगरा  1115.5

चंडीगढ़  1112.5

विशाखापट्टनम  1111

अहमदाबाद  1110

शिमला  1147.5

डिब्रूगढ़  1145

लखनऊ  1140.5

उदयपुर  1134.5

इंदौर  1131

कोलकाता  1129

मेडल बहे गंगा के धार में, सैंगोल सरकार दे जवाब, लोकगायिका नेहा सिंह राठौर ने गाने के माध्यम से पूछा सवाल तो सोशल मीडिया पर युजर्स ने ऐसे दी प्रत

लोकगायिका नेहा सिंह राठौर ने एक और गाना शेयर किया है। उन्होंने अपने नए गाने में नए संसद भवन, सेंगोल, खिलाड़ियों के प्रदर्शन और मेडल को गंगा में बहाने की कोशिश का जिक्र किया है। नेहा सिंह राठौर ने अपने गाने का कुछ हिस्सा ट्विटर पर शेयर किया है।

नेहा सिंह राठौर ने गाने के माध्यम से सवाल पूछा है कि खिलाड़ी अपना मेडल गंगा में बहाने पर मजबूर हुए हैं, इसके कौन जिम्मेदार है? ‘सेंगोल सरकार’ को इसका जवाब देना चाहिए। सरकार कब जंतर-मंतर से उठाई जा रही गुहार को सुनेगी? इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि फोटो खिंचाने से फुर्सत मिले तो सरकार समाचार भी देख लें कि देश की क्या स्थिति है।

लोकगायिका नेहा सिंह राठौर ने एक और गाना शेयर किया है। उन्होंने अपने नए गाने में नए संसद भवन, सेंगोल, खिलाड़ियों के प्रदर्शन और मेडल को गंगा में बहाने की कोशिश का जिक्र किया है। नेहा सिंह राठौर ने अपने गाने का कुछ हिस्सा ट्विटर पर शेयर किया है।

नेहा सिंह राठौर ने गाने के माध्यम से सवाल पूछा है कि खिलाड़ी अपना मेडल गंगा में बहाने पर मजबूर हुए हैं, इसके कौन जिम्मेदार है? ‘सेंगोल सरकार’ को इसका जवाब देना चाहिए। सरकार कब जंतर-मंतर से उठाई जा रही गुहार को सुनेगी? इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि फोटो खिंचाने से फुर्सत मिले तो सरकार समाचार भी देख लें कि देश की क्या स्थिति है।

नेहा सिंह राठौर के नए गाने पर लोगों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ यूजर्स ने नए गाने की तारीफ की है तो कुछ ने खिंचाई की है। यूजर ने लिखा कि अब कुछ नया लाइए…एक ही टाइप की चीजें बोर करने लग जाती हैं। यूजर ने लिखा कि साक्षी मर्डर केस पर भी कुछ हो जाए? एक यूजर ने लिखा, “4 पहलवान कि घोषणा हुई कि हम मेडल गंगा जी मे डालेंगे, तो मैडम जी फटाफट एक गाना बनाया। पर क्या मालूम था कि ये प्रोग्राम कैंसिल हो जायेगा, अब गाना बनाया तो डाल दिया।

एक यूजर ने लिखा, “इस देश में बहुत कम लोकगायक हैं जो किसी भी सरकार के खिलाफ जनता के साथ खड़े होकर अपनी आवाज उठाने का दम भर सकते हैं, उनमें से आप एक हैं।” एजाज रजा नाम के यूजर ने लिखा, “जिन्होंने खून पसीना बहाकर देश की शान को बुलंदी पर पहुंचाया है, सरकार ने उनके आत्मसम्मान को मिट्टी में मिलाया है। विक्रम गुप्ता नाम के यूजर ने लिखा, “कभी नेहा जी लव जिहाद पर भी आवाज बुलंद कीजिए। जिस तरह से हमारी बहन बेटियों को प्यार के नाम पर लव जिहाद का शिकार बनाया जा रहा है।

बता दें कि नेहा सिंह राठौर ‘यूपी में का’ गाने को लेकर खूब सुर्ख़ियों में रहीं। हालांकि जब उन्होंने कानपुर में हुई घटना को लेकर गाना बनाया तो पुलिस ने उन्हें नोटिस थमा दिया था। इसके बाद उन्हें कानूनी प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ा था, अब नेहा सिंह ने पहलवानों के प्रदर्शन पर सरकार के रवैये पर सवाल उठाते हुए नया गाना बनाया है।

चीन को मिलेगा करारा जवाब, एलएसी पर भारत ने बेहद अहम सड़क बनाने की तैयारी की, LAC से सीधे हाईवे बनाकर दिल्ली से जोड़ा जाएगा

 चीन की हर हरकत का भारत अब करारा जवाब दे रहा है। भारत अब चीन को जैसे को तैसा जवाब दे रहा है। चाहे सीमा पर सैनिकों की तैनाती हो या फिर आधारभूत ढांचा निर्माण हो। नई दिल्ली अब हर मोर्चे पर ड्रैगन को काउंटर करने की तैयारी कर चुका है। एलएसी के करीब ड्रैगन लगातार गांव से लेकर सैनिकों के रहने के लिए घर बना रहा है। अब भारत भी एलएसी पर चुशूल से डेमचौक तक अगले दो साल में 135 किलोमीटर लंबा हाइवे बनाने की तैयारी कर चुका है। एलएसी के साथ-साथ बनने वाले इस हाइवे के जरिए चीन को काउंटर करना आसान हो जाएगा।

काफी अहम होगा यह हाइवे

इस हाइवे को रणनीतिक दृष्टि से काफी अहम माना जा रहा है। सीमा सड़क संगठन (BRO) को इसे बनाने का काम सौंपा गया है। BRO ने 23 जनवरी को चुशूल-डेमचौक-फुकचे-डेमचौक हाइवे बनाने के लिए टेंडर भी जारी कर दिया है। इस सड़क को CDFD रोड के नाम से भी जाना जाता है। सिंगल लेन हाइव के बनाने में करीब 2 साल का वक्त लगेगा और इसमें 400 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

दशकों तक यहां निर्माण नहीं कर पाया था भारत

यह हाइवे एलएसी के साथ-साथ यह हाइवे सिंधु नदी से लेकर लेह में भारत-चीन सीमा के करीब तक जाएगा। गौरतलब है कि पिछले कई दशकों से ये सड़क मिट्टी से भरा रहा था। भारतीय अधिकारियों से इसे लेकर कई बार सवाल भी उठाते थे कि क्यों वह इस सड़क को नहीं बना रहे हैं जबकि चीन सीमा पर मजबूत आधारभूत ढांचा बना चुका है।

चुशूल में ही 1962 में चीन से हुई थी जंग

चुशूल वही इलाका है जहां 1962 में रेंजाग ला की लड़ाई हुई ती। डेमचौक वो इलाका है जहां भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प का इतिहास रहा है। ये नई सड़क रणनीतिक रूप से काफी अहम होगा। इसके जरिए सैनिकों को सीमा पर पहुंचाना काफी आसान हो जाएगा। इसके अलावा यहां टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।

7 मीटर से ज्यादा चौड़ी होगी ये सड़क

इस सड़क की चौड़ाई 7.45 मीटर होगी। इस हाइवे में 3 अहम पुल होंगे। BRO इस सड़क के लिए DPR 2018 में पूरा कर लिया था। इसने सोमवार को इस हाइवे को बनाने के लिए टेंडर जारी कर दिया है। लेह क्षेत्र में यह दूसरी बड़ी तैयारी होगी। गौरतलब है कि बीआरओ ने पिछले महीने भी लद्दाख के नायमो एयरफील्ड बनाने के लिए बिड मंगवाए हैं। यह सबसे ऊंचाई पर स्थित एयरफील्ड होगा। यहां से एलएसी महज 50 किलोमीटर दूर है। इसके निर्माण में कुल 214 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

*कक्षा 10वीं के बच्चे अब नहीं पढ़ेंगे पीरियोडिक टेबल और डेमोक्रेसी जैसे चैप्टर, एनसीईआरटी ने सिलेबस में किया बदलाव

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नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) की ओर से लगातार सिलेबस में बदलाव किया जा रहा है। हाल ही के दिनों में एनसीईआरटी लगातार इतिहास और राजनीति विज्ञान की किताबों में बदलाव को लेकर सवालों के घेरे में रहा है। इसी क्रम में केमिस्ट्री में पढ़े जाने वाले पीरियोडिक टेबल, लोकतंत्र और सोर्स ऑफ एनर्जी यानी ऊर्जा का स्रोत, ये कुछ ऐसे टॉपिक हैं, जिन्हें 10वीं क्लास के सिलेबस से हटा दिया गया है। कहा गया है कि सिलेबस में ये कटौती छात्रों पर से बोझ कम करने के लिए की गई है।

एनसीईआरटी ने गुरुवार, एक जून को जारी बयान में कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर छात्रों पर सामग्री का बोझ कम करने के लिए कक्षा 10वीं की पाठ्यपुस्तक से तत्वों, लोकतंत्र, राजनीतिक दलों (पूर्ण पृष्ठ) और लोकतंत्र की चुनौतियों के आवधिक वर्गीकरण के पूर्ण अध्यायों को हटा दिया है।

भारत में 10वीं क्लास में साइंस को अनिवार्य विषय के तौर पर पढ़ाया जाता है. ऐसे में अब 10वीं के स्टूडेंट्स को पीरियोडिक टेबल नहीं पढ़ना होगा। लेकिन जो स्टूडेंट्स 11वीं और 12वीं क्लास में केमेस्ट्री को इलेक्टिव सब्जेक्ट के तौर पर चुनेंगे, उनके पास पीरियोडिक टेबल पढ़ने का मौका होगा। इस तरह कॉलेज की पढ़ाई से पहले वे इस बारे में जानकारी रख पाएंगे।

बता दें कि इससे पहले राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद क्लास 9वीं और क्लास 10वीं की साइंस की पाठ्य पुस्तकों से चार्ल्स डार्विन की इवोल्यूशन थ्योरी हटा चुका है। इसके अलावा कोविड-19 के समय में सिलेबस कम करने के लिए अस्थाई रूप से पीरियोडिक टेबल को हटाया गया था। लेकिन अब इसे सिलेबस से स्‍थाई तौर पर हटाने का निर्णय किया गया है। एनसीईआरटी की ओर से किताबों से तत्वों के पीरियोडिक क्लासिफिकेशन और चार्ल्स डार्विन के विकास के सिद्धांत के अलावा पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति, सोर्स ऑफ एनर्जी, मानव विकास और आनुवंशिकता जैसे विषयों को स्थायी रूप से हटा दिया गया है। हालांकि सिलेबस से इन टॉपिक्स को हटाने की वजह क्लियर नहीं है।

हाल ही के दिनों में एनसीईआरटी की किताबों को लेकर सियासी घमासान छिड़ा हुआ है। बीते महीने से लगातार इतिहास और राजनीति विज्ञान की किताबों में बदलाव को लेकर सवालों के घेरे में रहा है। इसी सप्ताह एनसीईआरटी की ओर से कक्षा 12वीं राजनीति विज्ञान की किताब में उन विवादित अंशों को हटाने की जानकारी दी गई थी, जिनमें श्रीआनंदपुर साहिब प्रस्ताव को कथित तौर पर खालिस्तान की मांग से जोड़ा गया था। उधर, विनायक दामोदर सावरकर यानी वीर सावरकर के जीवन से संबंधित चैप्टर पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने पर, उनके प्रपौत्र रंजीत सावरकर ने खुशी जाहिर की है।