दुमका : 1.42 करोड़ के गबन मामले में फिर उठा सवाल, ED से जांच की मांग,
पूर्व सीएम का ट्वीट - सरकारी राशि के दुरुपयोग व लूट को कौन दे रहा है संरक्षण...?
दुमका : दुमका विशेष प्रमंडल विभाग में बीते वर्ष करीब 1.42 करोड़ के हुए गबन के मामले की जांच की आंच कहाँ तक पहुँची है यह अब तक साफ नहीं हो पाया है लेकिन एक बार फिर यह मामला सुर्खियों में है। सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को इस मामले में एक ट्वीट कर हेमंत सरकार के कामकाज पर ही सवाल उठा दिया है।
बाबूलाल मरांडी ने ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम का जिक्र करते हुए ED की जांच का दायरा दुमका तक बढ़ाने की मांग की है।
बाबूलाल मरांडी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि दुमका में करीब एक साल पहले ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल में 1.42 करोड़ का गबन हुआ था।
इस मामले में छोटे कर्मचारी जेल में बंद है, अधिकारी मस्त है। उन्होंने आगे लिखा है कि छात्रावासों के मरम्मत और जीर्णोद्धार के नाम पर 1.81 करोड़ का टेंडर निकाला गया है। टेंडर होने से पहले ही कई हॉस्टल का काम हो चुका है। एक-एक हॉस्टल के मरम्मत का 45-45 लाख का टेंडर निकला है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि ठेकेदार और इंजीनियर के गठजोड़ से हो रहे सरकारी राशि के दुरुपयोग, बंदरबांट और लूट को कौन संरक्षण दे रहा है।
दुमका में हुए 1.42 करोड़ के गबन के मामले की सरकार ने एसीबी जांच कराना मुनासिब नहीं समझा। कहा कि दुमका पुलिस इस मामले में एफआईआर दर्ज करने वाले कर्मचारी को ही जेल भेज चुकी है। गबन के रुपये भी बरामद नहीं हुए। पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल वही विभाग है जिसके चीफ इंजीनियर रहे वीरेंद्र राम अभी जेल में है। ईडी मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है।
कहा कि ईडी को जांच का दायरा दुमका तक बढ़ाना चाहिए ताकि गबन में संलिप्त असली घोटालेबाजो पर कार्रवाई हो सके। बाबूलाल लिखते है कि मैं शुरू से कहते आ रहा हूँ कि झारखंड में एक वीरेंद्र राम नहीं है। एक-एक जिले में कई -कई वीरेंद्र राम है।
इधर, इस छात्रावासों के मरम्मत और जीर्णोद्धार के टेंडर मामले में दुमका के ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता का पक्ष जानने के लिए फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)
Jun 01 2023, 20:16