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राजधानी रांची में बीजेपी का बिजली, पानी को लेकर हल्लाबोल: मोमबत्ती, ढिबरी, घड़ा के साथ निकली त्राहिमाम यात्रा


रांची: राजधानी में बिजली-पानी की किल्लत को लेकर भाजपा ने शहीद चौक स्थित जिला स्कूल मैदान से डीसी कचहरी तक त्राहिमाम यात्रा निकाली। इस त्राहिमाम यात्रा में भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपने हाथों में ढिबरी, मोमबत्ती, डेगची और घड़े लेकर सड़कों पर निकले। 

इस मौके पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने हेमंत सरकार के खिलाफ जम कर नारे बाजी की, बिजली की कटौती, पानी, नगर निगम चुनाव सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेरा। मौके पर रांची के विधायक सीपी सिंह, हटिया विधायक नवीन जायसवाल, डिप्टी मेयर संजीव वर्गीकार समेत कई नेता एवं कार्यकर्ता मौजूद थे। इस त्राहिमाम यात्रा में मुख्य रूप से महिला कार्यकर्ताओं ने जोर शोर से भाग लिया।

विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि सरकार के नकारेपन की वजह से रांची में बिजली-पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. लेकिन बेशर्म ठगबंधन की सरकार सोई हुई है। उन्होंने नगर निगम का चुनाव भी जल्द कराने की मांग की।

कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में 30 जून को होनेवाली विश्व सरना धर्म कोड जनसभा में लगभग पांच लाख लोग जुटेंगे:-सलाखांन मुर्मू

रांची. आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा है कि कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में 30 जून को होनेवाली विश्व सरना धर्म कोड जनसभा में लगभग पांच लाख लोग जुटेंगे. इससे पूर्व आदिवासी सेंगेल अभियान द्वारा 15 जून को पांच मुद्दों को लेकर भारत बंद कराया जायेगा.

 वे करमटोली चौक स्थित धुमकुड़िया सभागार में पत्रकारों से रूबरू थे. भारत बंद के मुद्दों की जानकारी देते हुए कहा कि 2011 की जनगणना में 50 लाख ने सरना धर्म लिखाया है. ये प्रकृति पूजक हैं और हिंदू, मूुस्लिम या ईसाई नहीं. 

उन्होंने मांग की कि आदिवासियाें को मारंग बुरु वापस किया जाये.

आज दिल्ली में होगी।नीति आयोग की बैठक, सीएम हेमंत सोरेन भी ले रहे हैं भाग, शुक्रवार को हीं हुए दिल्ली के लिए प्रस्थान


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 मई को नीति आयोग के संचालन परिषद की आठवीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे. इस बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार को दिल्ली रवाना हो गये.

 बताया गया कि इस बैठक में मुख्य रूप से देश को 2047 तक विकसित देश बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य, कौशल विकास, महिला सशक्तीकरण और बुनियादी ढांचा विकास समेत कई मुद्दों पर चर्चा की जायेगी. 

बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केन्द्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और केन्द्रीय मंत्री शामिल होते हैं. बैठक में इस बार विपक्षी दलों के कई मुख्यमंत्री हिस्सा नहीं लेंगे.

 इनमें ममता बनर्जी, भूपेश बघेल, अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान व अशोक गहलोत जैसे नेता शामिल हैं.

आदिवासी व्यापार मेला रेनेसां 3.0, शुक्रवार से संत पॉल स्कूल के मैदान में शुरू, जुटी आज भी लोगों की भीड़



रांची. आदिवासी व्यापार मेला रेनेसां 3.0 शुक्रवार से संत पॉल स्कूल के मैदान में शुरू हुआ. मेला में 35 स्टॉल लगाये गये हैं. जिसमे आज भी लोगों की काफी भीड़ जुट रही है.

फूड स्टॉल के साथ साथ गेम्स , आर्टिफिशियल ज्वेलरी, किचन अप्लायंसेंस, गारमेंट्स आदि के कई स्टॉल लगाये गये हैं. 

शुक्रवार को काफी लोगों ने मेले का आनंद लिया. फूड स्टॉल, गेम्स, केरला सिल्क, ओडिशा हैंडलूम और आदिवासी परिधानों के स्टॉल में अच्छी भीड़ नजर आयी.  

आयोजक शीतल प्रतीक्षा टोप्पो, संजय नागदुआर, उत्तम पॉल व प्रवीण एक्का ने बताया कि म्यूजिकल कार्यक्रम में गायक दीपक तिर्की, बियांड द होराइजन व द हैंडपिक्ड बैंड अपने कार्यक्रम पेश करेंगे.

रांची में पानी की भयंकर किल्लत को लेकर बीजेपी ने निकाला आज त्राहिमाम यात्रा


रांची में पानी की भयंकर किल्लत, बईमान एवं बेवफा बिजली एवं जानबूझकर निगम चुनाव नहीं कराने की मंशा आदि राजधानी की विचित्र स्थिति की जिम्मेवार हेमंत सरकार के खिलाफ आज 27 मई को 11.00 बजे जिला स्कूल मैदान से कचहरी चौक तक त्राहिमाम यात्रा निकाली गयी.

गिरिडीह: भाकपा माले के गिरिडीह विधानसभा प्रभारी ने कहा- कोलियरी क्षेत्र के लोकल मजदूर और जनता को एलर्ट मोड में रहने की जरूरत है


गिरिडीह : भाकपा माले के गिरिडीह विधानसभा प्रभारी ने कहा है कि गिरिडीह में सीसीएल के कोलियरी क्षेत्र में लोकल लोगो में बेरोजगारी की समस्या बहुत अधिक है,इसे खत्म करने की पहल होनी चाहिए,चार साल से ट्रक ऑनर लगातार आंदोलन कर रहे थे,तब जा कर जीत मिली है।

ज्ञात होगा कि कई नेताओं के भीतरघात के कारण गिरिडीह में एमपीएल की इंट्री हुई थी।कहा,उस समय वही एमपीएल लाने वाले बाहरी डंफर को चलाने के लिए रात दिन एक कर दिए थे।लोकल मजदूरो को काम करने नही दिया जा रहा था और अब दोहरी नीति की जा रही है,इसलिए संभल कर चलने की जरूरत है।

लोकल सेल में संचालित ट्रक ऑनर अंदर से टूट गए हैं, ईएमआई नही देने के कारण कई मालिको ने ट्रक बेच दिया है,कई ट्रक खड़ा खड़ा सड़ गए हैं,उससे जिनको रोजगार मिलता था वह पलायन कर चुके हैं,सबसे पहले ट्रक ऑनर को जो क्षति हुई है,उनको मुआवजा देने की बात की जाए,उसकी भी लड़ाई लड़े ट्रक वाले और लोकल लोग। उन्होंने कहा के पिछले चार साल में सबको बर्बाद कर दिया गया है तब कहीं जाकर लोकल सेल सामने आया है।

भाकपा माले नेता ने कहा कि सीसीएल को 6 किलोमीटर के अंदर लोकल लोगो को पानी,बिजलीरोजगार,शिक्षा,अस्पताल,रोड,सुरक्षा, खेल का मैदान पार्क,लाइब्रेरी आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है। लोकल स्तर पर जो लोग कोयला बेचकर अपना परिवार चलाते है उनके बारे में भी सीसीएल को सोचने की जरूरत है।

 उन्होंने कहा कि भाकपा माले लोकल लोगो के साथ है, लोकल स्तर पर माले की कमिटी बनेगी, पुराने माले के लीडर और मेंबर को एकत्रित किया जाएगा और सिस्टम में गड़बड़ी होने के वावजूद हल्ला बोल किया जाएगा।

लोकल मजदूर अपनी हक की आवाज को बुलंद करने के लिए माले के साथ जुड़कर रहें। जैसे हरेक आंदोलन में साथ रहते थे,सत्ता से चिपकना एक दिखावे के जैसा होना चाहिए।कहा, सत्ता आती है जाती है,ध्यान रहे। उन्होने कहा कि वरना फिर एमपीएल जैसा गाज गिरेगी, उस समय दिक्कत होगी,लोकल लोग हमेशा एलर्ट मोड में रहे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का तीन दिवसीय झारखंड दौरा आज हुआ खत्म,राष्ट्रपति ने कहा, झारखंड आना घर आने जैसा है


रांची: राष्ट्रपति का तीन दिवसीय झारखंड दौरा आज हुआ समाप्त

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तीन दिवसीय झारखंड यात्रा आज खत्म हो गयी। राष्ट्रपति ने राजभवन में कुछ लोगों से मुलाकात की। राजभवन से दिल्ली के लिए रवाना हो गईं।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने द्रौपदी मुर्मू की यात्रा के संबंध में ट्वीट करते हुए लिखा, धन्यवाद, आभार और जोहार माननीय राष्ट्रपति परम आदरणीय द्रौपदी मुर्मु जी। झारखंड की आपकी इस यात्रा से संपूर्ण राज्यवासियों में ऊर्जा का संचार हुआ है। आपका मार्गदर्शन हमें हमेशा ऐसे ही मिलता रहे, आप सदैव स्वस्थ रहें, यही कामना करता हूँ।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रांची एयरपोर्ट पहुंचकर दिल्ली के लिए रवाना हो गईं है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का यह दौरा बेहद खास रहा। अपने यात्रा के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देवघर पहुंची। भगवान शंकर की अराधना के बाद वह रांची आयीं। पहले दिन ही उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट के नये भवन का उद्धाटन किया। इस समारोह में राष्ट्रपति ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के सामने न्याय से जुड़े कई अहम मुद्दे उठाये।

इस समारोह में राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू ने कहा, कोर्ट का फैसला आने के बाद भी ऐसे कई लोग हैं जो न्याय के लिए तरसते हैं। कोर्ट को यह भी देखना चाहिए कि उनके फैसले पर अमल हुआ या नहीं। कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने 10 या 12 साल केस लड़ा कोर्ट के फैसले के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला। ऐसे में वह केस करने से डरते हैं कि क्योंकि उनके पास इतना वक्त और पैसा नहीं होता।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने दौरे के दूसरे दिन खूंटी में स्वंय सहायता समूह की महिलाओं को संबोधित किया। उन्होंने इस मंच से कहा कि जब महिलाओं को आगे बढ़ते उनके हौसले को बड़ा होते देखती हैं तो बेहद खुशी होती है। इस मंच से उन्होंने झारखंड के साथ अपने रिश्ते को भी याद किया। उन्होंने कहा कि मेरी रंगो में झारखंड हैं। इस दिन शाम को वह आईआईआईटी के दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं। यहां भी द्रौपदी मुर्मू ने महिलाओं की उपस्थिति और उनकी तरक्की की चर्चा की। राष्ट्रपति ने कहा यहां जिन्हें मेडल मिला है उनमें ससबसे ज्यादा महिलाएं हैं। उनके लिए विशेष तालियां बजनी चाहिए। उन्होंने महिलाओं के बढ़ते कदम पर खुशी जताई। 26 मई को राष्ट्रपति ने राजभवन में कुछ लोगों से मुलाकात की और रांची एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना हो गयीं।

उत्कृष्ट विद्यालय में नामांकन हेतु राज्य भर के 41 हजार से अधिक बच्चों ने किया आवेदन

कुल 11986 सीट की तुलना में 345 प्रतिशत अधिक आवेदन

रांची: राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए सीबीएसई संबद्धता प्राप्त 80 उत्कृष्ट विद्यालयों नामांकन के लिए 41330 आवेदन जमा किए जा चुके हैं, जो कुल सीट 11986 की तुलना में 345 प्रतिशत अधिक हैं। मालूम हो कि 25 मई तक आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि निर्धारित थी।

हजारों की संख्या में आए आवदेन

उत्कृष्ट विद्यालयों में नामांकन हेतु देवघर से सबसे अधिक 4241 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसके बाद पलामू से 3524, रांची से 2766, लोहरदगा से 2637, चतरा से 2391 पूर्वी सिंहभूम से 1996, सरायकेला खरसावां से 1929, एवं हजारीबाग से 1859 आवेदन प्राप्त हुए हैं।

बढ़ाई गई थी आवेदन जमा करने की समय सीमा

अभिभावकों की मांग को देखते हुए उत्कृष्ट विद्यालयों में आवेदन जमा करने की समय सीमा 25 मई 2023 तक बढ़ाई गई थी। अब चयन परीक्षा का आयोजन 30 मई, प्रथम मेधा सूची का प्रकाशन 7 जून एवं 12 जून से मेधा सूची के अनुसार नामांकन प्रारंभ होगा।

मुख्यमंत्री के आदेश का हुआ अनुपालन, वयोवृद्ध लालो कारवाईन को मिला पेंशन

अब लालो को घर पर ही होगा पेंशन का भुगतान

रांची: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के आदेश के बाद लातेहार के महुआडांड़ स्थित ग्वालखाड़ गांव की वयोवृद्ध महिला लालो कारवाईन को मई माह तक के वृद्धा पेंशन का भुगतान कर दिया गया है। अब भविष्य में बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंस के माध्यम से पेंशन का भुगतान किया जाएगा। साथ ही, लालो कारवाईन समेत गांव के सभी लोगों को सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़ने एवं गांव को मूलभूत सुविधाओं से आच्छादित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

यह है मामला

मुख्यमंत्री को जानकारी मिली कि वृद्ध लालो कारवाईन वृद्धा पेंशन के लिए 5 दिनों से प्रज्ञा केंद्र चक्कर लगा रही है। बायोमैट्रिक काम नहीं करने के कारण पेंशन का भुगतान नहीं हो पा रहा है। दूरस्त गांव से उसे भार में उठाकर कर पिछले पांच दिनों से प्रज्ञा केंद्र लाया जा रहा है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने उपायुक्त लातेहार को मामले की जांच कर लालो कारवाईन को पेंशन तथा उनके परिवार को अन्य जरूरी योजनाओं से जोड़ते हुए सूचित करने, ग्वालखाड़ गांव को मूलभूत सुविधाओं से आच्छादित करने एवं योजनाओं के अधिकार से कोई वंचित न रहे, यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु खूंटी में आयोजित महिला सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में हुईं शामिल, महिला स्वयं सहायता समूहों से किया सीधा संवाद

रांची: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज बिरसा मुंडा स्टेडियम, खूंटी में आयोजित महिला स्वयं सहायता समूह सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप मे शामिल हुईं। इस अवसर पर माननीया राष्ट्रपति ने स्वयं सहायता समूह की दीदियों द्वारा लगाए गए स्टॉल्स का भ्रमण किया और उनके साथ सीधा संवाद किया। सम्मेलन में राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन, माननीय मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, जनजातीय कार्य मंत्रालय के माननीय केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, जनजातीय कार्य मंत्रालय के माननीया केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरूता, झारखंड सरकार में माननीया मंत्री जोबा मांझी, माननीय विधायक कोचे मुंडा, माननीय विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, माननीय विधायक विकास सिंह मुंडा एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री माननीय कड़िया मुंडा समेत कई गणमान्य उपस्थित रहे।

आदिवासी समाज को आगे बढ़ाने का संकल्प

आदिवासी समाज अपनी संस्कृति, सभ्यता, भाषा, परंपरा और पहचान के साथ निरंतर आगे बढ़े। आदिवासियों को पूरा मान- सम्मान और अधिकार मिले, इसका हमने संकल्प ले रखा है । इस दिशा में राज्य सरकार हर मोर्चे पर केंद्र सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार है । मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन आज बिरसा मुंडा स्टेडियम, खूंटी में आयोजित महिला स्वयं सहायता समूह सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय आर्थिक रूप से कैसे समृद्ध हो । इस पर हम सभी को गंभीरता से विचार करते हुए धरातल पर कार्य करना होगा।

आदिवासी अपने पैरों पर खड़ा होने की कर रहे जद्दोजहद

मुख्यमंत्री ने कहा कि माननीया राष्ट्रपति की उपस्थिति में भगवान बिरसा मुंडा की पावन भूमि पर आज महिला सम्मेलन का आयोजन हो रहा है । इस अवसर पर केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय के मंत्रीगण एवं अधिकारी गण यहां मौजूद हैं। हम सभी के लिए यह गौरव की बात है। मैं यहां बताना चाहूंगा कि आदिवासियों के लिए केंद्र और राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है, लेकिन उसका जो प्रभाव परिलक्षित होना चाहिए, वह नहीं दिख रहा है। आज भी वे अपने पैरों पर खड़ा होने और आय स्रोत बढ़ाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। ऐसे में आदिवासी समाज आर्थिक रूप से कैसे समृद्ध हो, इस पर हम सभी को गंभीरता के साथ मंथन करने की जरूरत है।

कई चुनौतियों से संघर्ष कर रहा है आदिवासी समुदाय

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड अलग राज्य गठन के 22 वर्ष हो चुके हैं ।लेकिन आदिवासियों के हित में विकास के जो कार्य होने चाहिए, वे नहीं हुए हैं। वे आज भी कई चुनौतियों से संघर्ष कर रहे हैं । विस्थापन का दंश झेलने के साथ पलायन करने को मजबूर हैं । मुझे कोरोना काल में पता चला कि यहां से बड़ी संख्या में लोगों का पलायन वर्षों से होता आ रहा है । ऐसे में हमारी सरकार ने इस विषय पर व्यापक रूप से चिंतन- मंथन करते हुए उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करने की दिशा में लगातार काम कर रही है।

जल जंगल जमीन एवं खनिज संसाधन से प्रचुर होने के बाद भी पिछड़े हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जंगल जमीन झारखंड की पहचान है । हमारे यहां तमाम खनिज संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। इन्हीं खनिज संसाधनों की बदौलत आज पूरा देश रोशन हो रहा है ।लेकिन, झारखंड की गिनती पिछड़े राज्यों में होती है । आखिर ऐसा क्यों ? यह हम सभी को सोचने -समझने की जरूरत है । झारखंड कैसे आगे बढ़े ? इसके लिए हमारी सरकार लगातार ठोस कदम उठा रही है,।

जमीनी हकीकत को समझने का कर रहे प्रयास

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों के विकास से जुड़ी गाथा को विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान स्टॉल एवं अन्य माध्यमों से दिखाने का कार्य अधिकारीगण करते हैं। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है। इसी बात को ध्यान में रखकर मैं जब भी किसी कार्यक्रम में जाता हूं तो वहां की "झांकी" को आगे की बजाए पीछे के पर्दे से देखना चाहता हूं ,ताकि असलियत जान सकूं और उससे जुड़ी समस्याओं का समाधान करने की दिशा में आगे बढ़ सके।

वन उपजों का वाजिब मूल्य मिले, उठा रहे ठोस कदम

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के 14 हज़ार से ज्यादा ऐसे गांव हैं, जो वन उपज से सीधे जुड़े हुए हैं । लाह, इमली, करंज और शहद जैसे कई वन उपज का उत्पादन कर रहे हैं। लेकिन, उन्हें एमएसपी तय नहीं होने से बाजार मुल्य से काफी कम कीमत मिलती है। यहां बिचौलिया हावी हैं । हमारी सरकार ने सिदो कान्हू कृषि एवं वनोपज फेडरेशन का गठन किया है। इसके माध्यम से उनके वन उपज को एकत्रित किया जाएगा और किसानों को इसका बाजार मूल्य देने का काम करेंगे ।

वन उपजों के लिए प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की जरूरत

मुख्यमंत्री ने वन उपज के लिए प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर जोर दिया ।ताकि, इसका बेहतर तरीके से इस्तेमाल और सदुपयोग हो सके । उन्होंने कहा कि इस दिशा में जल्द ही किसान मेले का आयोजन होगा और किसानों को इससे संबंधित जानकारी और प्रशिक्षण दिया जाएगा।

लैम्प्स -पैक्स एवं वन समिति को कर रहे मजबूत

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिदो कान्हू कृषि एवं वनोपज फेडरेशन के माध्यम से लैम्प्स -पैक्स एवं वन समिति को मजबूत कर रहे हैं । इस दिशा में राशि उपलब्ध करा दी गई है। इसके साथ महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा उत्पादित उत्पादों को पलाश ब्रांड के जरिए बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। मुझे यह बताते हुए खुशी है कि पलाश ब्रांड के तहत महिला स्वयं सहायता समूह के उत्पादों की मांग जिस तेजी से बढ़ रही है, उसकी तुलना में उत्पादन नहीं हो रहा है । ऐसे में उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में भी हम कदम पढ़ा रहे हैं ,ताकि इसका लाभ लोगों को मिल सके।

सरना धर्म कोड और हो मुंडारी एवं कुड़ुख़ भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर केंद्र सरकार से सरना धर्म कोड लागू करने और हो, मुंडारी और कुड़ुख़ भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की दिशा में पहल करने की मांग की । उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की अस्मिता और पहचान को बनाए रखने के लिए यह जरूरी है, क्योंकि यह उनके मान -सम्मान के साथ जुड़ा हुआ है।