चाकुलिया के जंगल से निकले ट्रस्कर हाथियों के तांडव से चाकुलिया के आसपास लोगों में भय व्याप्त
सरायकेला : कोल्हान के पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत चाकुलिया के जंगल से निकले ट्रस्कर गजराज ,हाथियों के तांडव से चाकुलिया के आसपास इलाकों में लोग भयभीत हैं। आए दिन चाकुलिया क्षेत्र के लोग काफी दहशत में है । लेकिन डर सिर्फ हाथियों के उग्र हो जाता तो जान माल का नुकसान पहुंचा सकता है।
लेकिन हाथियों के साथ ग्रामीण जो बर्ताव कर रहा है, वह अपने आप में हाथियों को उग्र करने के लिए काफी है । एक तरफ लोग हाथियों के डर से लोग अपने अपने घरों को छोड़ दूसरे गांव में शरण लिए हुए हैं ।
दूसरी तरफ ग्रामीण ट्रास्कर का पूछ पकड़ कर कुछ युवा हाथियों को परेशान कर रहा है । वैसे 60 हाथियों का झुंड झारखंड के सीमावर्ती इलाका चाकुलिया बहरागोड़ा मुसाबनी और घाटशिला में विचरण कर रहा है ।
अगर यह हाथी जिस गांव में प्रवेश कर जाए पूरे गांव को तहस-नहस कर दे। हालांकि इसकी सूचना वन विभाग को दे दी गई है ।उधर पिछले दिनों वन विभाग ने ग्रामीणों को हाथी को भगाने के लिए टॉर्च और पटाखा भी दिया था ।वैसे यह सब हाथी पश्चिम बंगाल मेदनीपुर जिला से झारखंड में प्रवेश किया है ।
ग्रामीणों का कहना है कि चांडिल दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी के हाथी को पानी और भोजन नहीं मिलता था जिसके कारण दांत वाला नर हाथी प्रत्येक वर्ष झारखंड के सीमावर्ती इलाका में आता है और तांडव करता है ।
अब तक तक दर्जनों लोगों की हाथी द्वारा मौत हो चुकी है और सैकड़ो घर को हाथी अपना निशाना बना चुका है ।लेकिन इस सब के बीच गांव के युवा हाथियों के साथ बर्ताव कर रहा है जो काफी खतरनाक है।गजराज का झुंड मनुष्य को देखते ही कापी आक्रोषित होता है।परंतु दलमा हाथी काफी शांत मिजाज के रहते हे। गर्मी के समय हाथी के शरीर गर्म रहते हे। जिसे वह पानी और चावदार पेड़ या घने जंगल में रहना प्रसंद करता है।
दुर्भागयपूर्ण बाते हैं हाथियों की झुंड सेंचुरी छोड़ कर दूसरे जंगल में क्यों चले जाते हैं । सेंचुरी जंगल के तराई एवं बिचरन करने के जगह में अवैध रूप से जमीन कब्जा हो जाने से हाथियों की विचरण करने का क्षेत्रफल सिमट गया । और वन विभाग के पदाधिकारियों मौन बना लिया ।
May 14 2023, 14:53