दुमका : संताली भाषा सीखना हुआ आसान, विवि ने शुरू की संताली स्पोकन कोर्स
दुमका :- संताली भाषा मे रुचि रखनेवालों के लिए अच्छी खबर है। अब सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय से महज तीन महीनों में ही संताली भाषा सीख सकते है पर यह भाषा सिर्फ बोलचाल के लिए सिखाया जाएगा।
सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के संताली अकादमी के तत्वावधान में सोमवार को विश्वविद्यालय के मिनी कॉन्फ्रेंस हॉल में कुलपति की अध्यक्षता में आयोजित एक कार्यक्रम में संताली स्पोकन कोर्स का शुभारंभ किया गया।
कोर्स का उदघाटन मुख्य अतिथि उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला एवं कुलपति प्रो डॉ सोनाझारिया मिंज ने संयुक्त रूप से किया।
इससे पूर्व अमर शहीद सिदो कान्हू मुर्मू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया गया एवं विवि का कुलगीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। मंच का संचालन डॉ सुजीत कुमार सोरेन ने किया एवं स्वागत भाषण डॉ चंपावती सोरेन ने दिया।
डॉ0 सोरेन ने संताली स्पोकन कोर्स पर प्रकाश डाली। उन्होंने कहा कि यह कुल 90 घंटा का कोर्स है और पाठ्यक्रम बहुत ही सहज बनाया गया है। कोर्स में दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राएं बहुत ही सरलता से संताली सीख सकते हैं और बोल सकते हैं।
आम बोलचाल एवं सभी जगह उपयोग में आने वाले शब्द एवं भाषा का समावेश इस सिलेबस में शामिल हैं। कहा कि यह कोर्स संताल परगना एवं झारखंड में लाभदायक साबित होगी।
कुलपति प्रो सोनाझारिया मिंज ने संबोधन की शुरुआत में उपायुक्त श्री शुक्ला का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह कोर्स संताल परगाना और झारखंड के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यहां डिग्री के पढ़ाई तो होती ही है इसके साथ ही संताल अकादमी के द्वारा इसकी पहल करना यहां के संताली भाषा प्रेमियों के लिए हर्ष का विषय है।
उन्होंने कहा कि यह संताल बहुल इलाका है। यहां कई पदाधिकारी ऐसे हैं जो संताली में संवाद नहीं कर सकते हैं उनके लिए यह सबसे अच्छा अवसर है कि संताली भाषा कोर्स में दाखिला प्राप्त करके संताली भाषा सीखे और यहां के लोगों के साथ संताली भाषा में बात करें।
विवि के पदाधिकारी और शिक्षक भी इस कोर्स का लाभ उठा सकते हैं। कहा कि ऐसे कोर्स की शुरुआत होने से संताली भाषा के साथ-साथ साहित्य और संस्कृति का भी विकास होगा। इसलिए इस कोर्स को निरंतर और सुचारु रूप से चलाना जरूरी है।
मुख्य अतिथि डीसी श्री शुक्ला ने कहा कि संताल अकादमी और यूनिवर्सिटी ने संताली भाषा क्षेत्र में बहुत बड़ा काम किया है, जिस चीज की आवश्यकता थी। उन्होंने इस चीज का शुरुआत करके निश्चित तौर पर ऐतिहासिक काम किया होगा। कहा कि यह संताली अकादमी का बहुत बड़ा उपलब्धि साबित होगा।
इस कोर्स की शुरुआत से जो संताली भाषा नहीं जानते हैं उनके लिए सीखने का एक अच्छा अवसर साबित होगी साथ ही साथ संताल परगाना में जितने भी पदाधिकारी और कर्मचारी है, यहां के लोगों के साथ संताली से संवाद करने में परेशानी होती है वह इस कोर्स में दाखिला प्राप्त करके अपनी कठिनाई दूर कर सकते हैं और सहजता के साथ यहां के लोगों के साथ संताली भाषा में संवाद स्थापित कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं अपने स्तर से जिला स्तर के कर्मचारी को इस कोर्स में दाखिला लेने के लिए प्रेरित करूंगा और समय-समय में मैं भी इस कक्षा का लाभ प्राप्त करने का कोशिश करूंगा।
उन्होंने कहा कि यहां के भूतपूर्व पदाधिकारियों ने मेहनत करके यहां के लोगों के दिल में अपनी जगह स्थापित किया था। संताली भाषा सीखा था। विदेश से आए शोधार्थियों ने भी संताली भाषा सीखने के बाद कई महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखी जिसमें रॉबर्ट कास्टियर्स एवं पी ओ बोडिंग जैसा महत्वपूर्ण नाम शामिल है। यहां का भाषा और संस्कृति बहुत ही धनी है इसको सीख करते बाकी लोग भी महसूस कर सकते हैं और इस कोर्स की शुरुआत से भाषा के साथ-साथ साहित्य का भी उत्थान होगा।
कार्यक्रम को कुलसचिव डॉ संजय कुमार सिन्हा ने भी संबोधित किया एवं संताल अकादमी के सचिव डॉ सुशील टुडू ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में डॉ हशमत अली, डॉ विजय कुमार, डीन डॉ आरकेएस चौधरी, डॉ शर्मिला सोरेन, प्रो होलिका मरांडी, विश्वविद्यालय जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ शंभू कुमार सिंह, डॉ विनोद शर्मा, डॉ विनोद मुर्मू, निर्मल मुर्मू, सिद्धौर हांसदा, अधिवक्ता मिलू रजक एवं राजकुमार उपाध्याय, इग्नासियस मराण्डी, अमित मुर्मू एवं संताली तथा कॉमर्स के कई छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)
May 11 2023, 19:32