सरायकेला : पलायन शौक या मजबूरी ,पति द्वारा काम नहीं करने पर,पत्नी मजदूरी करने को भागे।
सरायकेला : - कोल्हान के कोई सुदूरबत्ती गांव क्षेत्र से आज एक महिला अपने पति को बिना बताए 4 साल के बच्चे को छोड़ कर तमिलनाडु, में धंगा बनाने वाले कंपनी में बिना रजिस्ट्रेशन न करके ना ही ठिकेदार की नाम जानते है महज प्रतिदिन १३ घंटा मजदूरी में मात्र 350 दिहाड़ी के लिए जाती हुई नज़र आई।
दक्षिण पूर्वी रेलवे के चक्रधरपुर स्टेशन से पढ़ते है ट्रेन । हमने पलायन करते मज़दूरों से बात की, तो एक ही बात समझ आयी के दो जून के लिए रोज़गार चाहिए । दलाल की चक्कर ग्रामीण पुलिस देख कर भागे दलाल । गैर कानूनी ढंग से लोगो को मजदूरी दिलाने की कार्य करते है।
आदिवासी महिलाए को आपने जाल में फसाते है।ओर १३ घंटो मजदूर करते हे।दलाल मजदूर सफलाई का कार्य।करते है।कोई बार मजदूर बाहर राज्य में जाकर फासते है।अबतक पुलिस दलाल को पकड़ न पाए ।
झारखंड राज्य में रोज़गार की इतनी कमी है कि पापी पेट के लिए आपने मुल्क को छोड़कर मज़दूर झारखंड से बाहर मात्र 350 दिहाड़ी मे काम करने के लिए अपने घर परिवार से दूर जा रहें हैं। ओर सरकार आदिवासी की हित के बाते करते रहे।
कोल्हान में गरीब ग्रामीन मजदूर ना मिलने के कारण सैकडो महिलाए और पुरुष पलायन करते देखा गया।हमारे राज्य में स्वरोजगार न होने कारण भोलेभाले आदिवासी दो जून रोटी के लिए किया किया कदम उठाते हे।
May 10 2023, 21:09