दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी के अपेक्षा पुरुलिया स्थित अयोध्या पहाड़ में नही हुआ शिकार,वन विभाग की जागरूकता अभियान का मिला लाभ
सरायकेला : बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रतिवर्ष सेंदरा के नाम पर वन्य जीवजंतु का शिकार पर पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिला के अयोध्या पहाड़ पर आज आदिवासी परंपरागत संस्कृति के अनुसार हाथो में तीर धनुष के साथ। शिकार करने पहुंचे पर एक भी वन्य जीवों का शिकार नही किया ।
अयोध्या पहाड़ के वन विभाग द्वारा कई महीनो से आदिवासी ग्रामीण क्षेत्र में वन्य जीव जंतु की शिकार ना करे इसको लेकर विभाग जागरूकता अभियान सह बैठक सुदूरवर्ती गांव में चलाया था । जिसका आज पूरा लाभ अयोध्या फॉरेस्ट को मिला ।
शिकार पर कड़ी सुरक्षा का बंदोबस्त किया गया था । जिसके फलस्वरूप आज झारखंड राज्य के सरायकेला जिला के चांडिल वाइल्डलाइफ सेंचुरी के अपेक्षा पश्चिम बंगाल के अयोध्या पहाड़ में इस बर्ष शिकार नही हुआ । जो पश्चिम बंगाल के फॉरेस्ट के सभी पधाधिकारी को एक उपलब्धि माना जाता ।
वहीं सरायकेला खरसावां जिला के चांडिल दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी गज परियोजना में विशु शिकार में चीतल हिरण , कोटरा,सुअर आदि वन्य जीवजंतु का शिकार हुआ ।
जल ,वन एब पर्यावरण विभाग द्वारा लाखो रुपया खर्चा करने के बाबजूद शिकार को रोक नहीं सके।जबकि पश्चिम बंगाल सरकार का जागरूकता का प्रयास से आज शिकार नही हुआ।
सरायकेला : बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रतिवर्ष सेंदरा के नाम पर वन्य जीवजंतु का शिकार पर पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिला के अयोध्या पहाड़ पर आज आदिवासी परंपरागत संस्कृति के अनुसार हाथो में तीर धनुष के साथ। शिकार करने पहुंचे पर एक भी वन्य जीवों का शिकार नही किया ।
अयोध्या पहाड़ के वन विभाग द्वारा कई महीनो से आदिवासी ग्रामीण क्षेत्र में वन्य जीव जंतु की शिकार ना करे इसको लेकर विभाग जागरूकता अभियान सह बैठक सुदूरवर्ती गांव में चलाया था । जिसका आज पूरा लाभ अयोध्या फॉरेस्ट को मिला ।
शिकार पर कड़ी सुरक्षा का बंदोबस्त किया गया था । जिसके फलस्वरूप आज झारखंड राज्य के सरायकेला जिला के चांडिल वाइल्डलाइफ सेंचुरी के अपेक्षा पश्चिम बंगाल के अयोध्या पहाड़ में इस बर्ष शिकार नही हुआ । जो पश्चिम बंगाल के फॉरेस्ट के सभी पधाधिकारी को एक उपलब्धि माना जाता ।
वहीं सरायकेला खरसावां जिला के चांडिल दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी गज परियोजना में विशु शिकार में चीतल हिरण , कोटरा,सुअर आदि वन्य जीवजंतु का शिकार हुआ ।
जल ,वन एब पर्यावरण विभाग द्वारा लाखो रुपया खर्चा करने के बाबजूद शिकार को रोक नहीं सके।जबकि पश्चिम बंगाल सरकार का जागरूकता का प्रयास से आज शिकार नही हुआ।
May 06 2023, 14:47