सरायकेला : दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी से भटके हाथियों के झुंड के आतंक से परेशान हैं ग्रामीण,क्षेत्र में कई लोगों को पहुंचा रहा है क्षति
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाथियों का अलग-अलग झुंड बंटी हुई है जो प्रतिदिन कहीं न कहीं अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
विगत दिन देर रात हाथियों का झुंड चांडिल प्रखंड के कुरली गांव में जमकर उत्पात मचाया । इस दौरान हाथियों ने करीब आधा दर्जन लोगों के मकान व फसल को नुकसान पहुंचाया ।
भोजन के तलाश में हाथियों के झुंड ने घर में रखे अनाज को अपना निवाला बनाया,साथ ही घर के बर्तन को भी क्षतिग्रस्त किया और घर के बाहर पेड़ पौधों को भी नुकसान पहुंचाया ।
हाथियों के झुंड ने कुरली गांव के सुखराम माझी के मकान और अन्य सामान को अधिक नुकसान पहुंचाया । उनके मकान को क्षतिग्रस्त करने के साथ ही हाथियों के झुंड ने मकान के अंदर रखे अनाज को निवाला बनाया और बर्तनों को तोड़ा ।
घर के अंदर रखे बर्तनों को हाथियों के झुंड ने खेतों के बीच तक पहुंचाया । हाथियों के झुंड ने गुरुवार की रात करीब 11:30 बजे से शुक्रवार अहले सुबह करीब 3:30 बजे तक गांव में बेरोकटोक उत्पात मचाया । इस दौरान हाथियों के झुंड ने सुखराम मांझी के अलावा करमा माझी, बाबूराम माझी, राकेश माझी, लखीराम माझी, लकीश्वर माझी समेत अन्य किसानों के मकानों फसल को नुकसान पहुंचाया।
गांव के माझी बाबा संजीव टुडू ने बताया कि ग्रामीण विवश होकर हाथियों का उत्पात देखते रहे।
वन विभाग की ओर से ग्रामीणों को हाथियों को भगाने और उनसे सुरक्षित रहने के लिए किसी प्रकार का सामग्री नहीं दिया गया है। जंगली हाथियों के उत्पात मचाए जाने के बाद कुरली के ग्रामीणों ने शुक्रवार की सुबह वन विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। इसके साथ ही ग्रामीणों ने जंगली हाथियों को वापस जंगल की ओर खदेड़ने, ग्रामीणों को हाथियों से सुरक्षित रहने के लिए पर्याप्त संसाधन मुहैया कराने और जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिन पहले भी हाथियों का झुंड मकान और फसल को क्षति पहुंचा चुके हैं। उस समय से जंगली हाथियों का झुंड गांव के आसपास ही विचरण कर रहा है। झुंड में करीब दो दर्जन हाथी शामिल है। चांडिल वन क्षेत्र पदाधिकारी व विभाग के लोगो हाथियों को वापस जंगल की ओर खदेड़ने के लिए किसी प्रकार से कोई ठोस पहल नहीं कर रही है।
वन विभाग के पास एलीफेंट ड्राईव टीम उपलब्ध हे ।इसके बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया ।साथ ही विभाग के पास एलीफेंट वाचार् टीम हे जो हाथी की आवाजाही की सूचना विभाग के पदाधिकारी सूचना उपलब्ध कराया जाता है। केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा जल,वन एब पर्यावरण विभाग को जंगल ,जीवजंतु की सुरक्षा के लिए प्रतिवर्ष करोड़ों रुपया मुहैया करते हे।उसके बाबजूद जंगल से हाथी की झुंड गांव में प्रवेश करके मनुष्य एब अनाज और घरों को ट्रागेट क्यू बना रहे हे।
जिसे ग्रामीणों ने सरकार ओर वन विभाग की प्रति आक्रोषित देखा गया ।आज गांव के आसपास हाथियों के झुंड रहने से ग्रामीण आपने। परिवार और जानमाल के सुरक्षा को लेकर भयभीत हैं । ओर ईश्वर के प्रति भरोसे में जीने पर मजबूर है।
May 05 2023, 13:27