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नीतीश कुमार के लाख मना करने के बावजूद एक बार फिर से आरजेडी ने नीतीश कुमार को पीएम कैंडिडेट बताया, भाजपा ने कसा तीखा तंज

लोकसभा चुनाव 2024 की राजनीति अब सियासी बयानों से पोस्टर वॉर पर पहुंच गई है। नीतीश कुमार के लाख मना करने के बावजूद एक बार फिर से आरजेडी ने नीतीश कुमार को पीएम कैंडिडेट बताया है। हालांकि खुद नीतीश कुमार कह चुके हैं कि वो पीएम उम्मीदवार नहीं है। लेकिन पटना में आरजेडी दफ्तर के बाहर लगे पोस्टर में नीतीश कुमार को पीएम कैंडिडेट बताया गया है। इस पोस्टर में तेजस्वी यादव के लिए भी काफी कुछ कहा गया है। आरजेडी कार्यालय के बाहर पोस्टर में विपक्ष के नेताओं में तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तमिलनाडु के सीएम स्टालिन, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव घेरे हुए खड़े दिखाई देते हैं। और कुर्सी पर नीतीश कुमार बैठे हैं। और लिखा है कि 2024 प्रधानमंत्री नीतीशे कुमार है।

पोस्टर पर बीजेपी का तंज 

अब बीजेपी ने इस पर तंज कसा है। बिहार बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने ट्वीट कर लिखा कि सीएम नीतीश कहते हैं कि मैं प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं हूं। वहीं आरजेडी बयानों-पोस्टरों से कहती है कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री हैं। नीतीश कुमार का भविष्य आश्रम में होगा ये सभी को पता है। लेकिन आरजेडी नीतीशजी को जबरन धकियाकर बाहरकर तेजस्वी को सीएम बनाना चाह रही है।

हाल ही में जदयू के एक कार्यक्रम में नीतीश कुमार लोगों से अपील की थी कि उन्हें पीएम कैंडिडेट के तौर पर प्रदर्शित न करें। वो पीएम उम्मीदवार की रेस में नहीं हैं। वो सिर्फ आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्ष को मजबूत करने का काम कर रहे हैं। और सभी विपक्षी दलों का लक्ष्य बीजेपी को हराना है। हाल ही में नीतीश कुमार ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के अलावा लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी और डी राजा से मुलाकात की थी। विपक्ष की मजबूती और लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा की।

राजधानी पटना के स्कूलों में आउटडोर गेम बंद, भीषण गर्मी को लेकर लिया गया फैसला

डेस्क : राजधानी पटना समेत पूरा प्रदेश अप्रैल माह में ही भीषण गर्मी के चपेट में है। आलम यह है कि पारा 40 डिग्री के पार चला जा रहा है। इधर भीषण गर्मी को देखते हुए राजधानी के ज्यादातर स्कूलों ने आउटडोर गेम (खेल पीरियड) को बंद कर दिया है। अभी केवल इंडोर गेम ही होगा। इसके अलावा लंच भी बच्चे अपनी कक्षा में ही करेंगे और सुबह की प्रार्थना सभा भी कक्षा में ही होगी। 

रविवार को भी गर्मी का कहर जारी रहा। लगातार बढ़ती गर्मी को देखते हुए ज्यादातर निजी स्कूलों ने तमाम गतिविधियों को तत्काल स्थगित कर दिया है। स्कूल प्रशासन की ओर से अभिभावकों को भी बच्चों के लिए एहतियात बरतने को कहा गया है। सुबह स्कूल आने के दौरान बच्चों को मुंह ढककर भेजने का निर्देश दिया गया है। बच्चों को लू आदि से बचाने के लिए पानी का बोतल अवश्य दें। स्कूल प्रशासन ने सभी कक्षाओं में बच्चों को छुट्टी के बाद स्कूल परिसर के बाहर मिलने वाले खाने के सामान नहीं खरीदने को कहा है।

ऊपरी तल की कक्षा नीचे हुई शिफ्ट 

भीषण गर्मी को देखते हुए कई स्कूलों ने ऊपरी तल की कक्षा में पढ़ाई बंद कर दी है। गर्मी से बचाव के लिए ऊपरी मंजिल की कक्षाओं को नीचे की मंजिल में शिफ्ट कर दिया गया है। वाल्डविन एकेडमी के निदेशक राजीव रंजन ने बताया कि ऊपरी तल में काफी गर्मी लगती है। इस कारण नीचे कक्षाएं चलेंगी।

केंद्रीय विद्यालय बेली रोड में द्वितीय पाली के स्कूल की एसेंबली (प्रार्थना सभा) को भीषण गर्मी के कारण स्थगित कर दिया गया है। प्राचार्य पीके सिंह ने बताया कि प्रथम पाली सुबह सात से नौ बजे तक और दूसरी पाली 9.30 से 11.30 बजे तक चलेगी। दूसरी पाली की प्रार्थना सभा को स्थगित कर दिया गया है। स्कूल में ठंडा पानी की व्यवस्था की गई है।

पूर्वी चंपारण में कई लोगों की संदिग्ध मौत को लेकर बीजेपी का सरकार पर बड़ा हमला, लगाया यह आरोप

डेस्क : पूर्वी चंपारण जिले में बीते दिनों कुछ लोगों की संदिग्ध स्थिति मौत हो गई। मौत के पीछे की वजह जहरीली शराब का सेवन बताया जा रहा है। इधर इस मामले को लेकर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी प्रदेश की महागठबंधन सरकार पर हमलावर है। 

बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस-माफिया गठजोड़ के कारण बिहार में लोगों की मौत हो रही है और सरकार आंकड़े छुपाने में लगी है। सवाल किया कि इस तरह से हुई मौत को आखिर छिपाने की जरूरत क्या है?

प्रदेश भाजपा कार्यालय में रविवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में डॉ. जायसवाल ने मिस्र में राजा फराओ का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां भी राज्य सरकार ऐसा बर्ताव कर रही है मानो किसी दैवीय आपदा में लोगों की जान जा रही है। आरोप लगाया कि भेद खुलने के डर से प्रशासन द्वारा शवों का भी पोस्टमार्टम नहीं कराया जाता है। यह भी आरोप लगाया कि जहरीली शराब के तंत्र को प्रशासन का सहयोग हासिल है। सरकार कहती है कि पीने वाला मरेगा तो पिलाने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। मरने वालों में अनुसूचित जाति और अतिपिछड़े समाज के लोग हैं, जिन्हें न्याय दिलाना सरकार नहीं चाहती है। 

उन्होंने कहा कि भाजपा मानवाधिकार आयोग और अनुसूचित आयोग जाकर निवेदन कर उसकी टीम यहां बुलाएगी और मृतकों को न्याय दिलाएगी।

मोतिहारी में जहरीली शराब से हुई मौत को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी सीएम नीतीश पर हुए हमलावर, मांगा इस्तीफा

डेस्क : बिहार में पूर्ण शराबबंदी होने के बाद भी इसके कारोबार और इसके सेवन से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दिनों छपरा में जहरीली शराब से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई थी। वहीं अब पूर्वी चंपारण जिले में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत की खबर सामने आई है। 

इधर इस मामले को लेकर प्रदेश में सियासत शुरु हो गई। प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी शराबबंदी को असफल करार देते हुए राज्य सरकार पर हमलावर है। इसी कड़ी में पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने सरकार पर हमला बोला है। 

उन्होंने इसे नरसंहार करार देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे तक की मांग कर डाली है। सुशील मोदी ने कहा है कि 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से जहरीली शराब पीने की घटनाओं में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। यह हादसा नहीं, दलितों-गरीबों की हत्या का मामला है और इसकी जिम्मेदारी लेकर नीतीश कुमार को इस्तीफा देना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से मरने वालों और उनके आश्रितों के प्रति नीतीश कुमार की कोई सहानुभूति नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्वी चम्पारण में जहरीली शराब से जिनकी मृत्यु हुई, उनके आश्रितों को भी उत्पाद कानून के अनुसार 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलनी चाहिए।  खजूरबन्ना (गोपालगंज) में जहरीली शराब से मरने वाले 30 लोगों को मुआवजा दिया गया गया था। 

सुशील मोदी ने कहा कि जदयू-राजद सहित जिन सात दलों के राज में दो दिन के भीतर जहरीली शराब से दलित-आदिवासी समुदाय के 30 से ज्यादा लोगों की जान गई, वे यूपी के एक माफिया के गैंगवार में मारे जाने पर  आँसू बहा रहे हैं। उन्होंने कहा कि माफिया अतीक और उसके गुर्गों के मारे जाने से उत्तर प्रदेश की जनता खुश है, लेकिन जिन्होंने बिहार में शहाबुद्दीन को माफिया बनाया, वे पड़ोसी राज्य के एक दुर्दांत माफिया का मजहब देख कर उसकी मौत पर छाती पीट रहे हैं।

उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी राज में मंत्री वृजबिहारी प्रसाद को पुलिस सुरक्षा में रहते हुए अस्पताल परिसर में गोलियों से भून दिया गया था। अजित सरकार, अशोक सिंह सहित आधा दर्जन विधायकों की हत्या भी उसी दौर में हुई, लेकिन राजद से मिल कर सत्ता पाने वाले लोग यह सब भूल गए। मोदी ने कहा कि राजद शासन में दलित-पिछड़े हत्या-नरसंहार का शिकार होते थे, आज चाचा-भतीजा  राज में जहरीली शराब के जरिये दलित-आदिवासी नरसंहार हो रहा है।

बिहार, जम्मू-कश्मीर सहित कई राज्यों के राज्यपाल रह चुके सतपाल मलिक के बयान के बाद मचा बवाल, जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पीएम मोदी से किया यह सवाल

डेस्क : बीजेपी के वरिष्ठ नेता व बिहार, जम्मू-कश्मीर सहित कई राज्यों के राज्यपाल रह चुके सतपाल मलिक द्वारा दिए गए बयान के बाद बवाल मचा हुआ है। सतपाल मलिक के बयान के बाद विपक्ष केन्द्र सरकार पर हमलावर हो गई है। 

इसी कड़ी में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद ने केन्द्र सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए पीएम मोदी से सवाल किया है। सतपाल के सनसनीखेज दावों के बीच अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने सवाल किया है। 

ललन सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए पीएम मोदी से सवाल किया है। उन्होने अपने सोशल मीडिया ट्वीटर पर ट्वीट किया है, ‘आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार द्वारा नियुक्त तत्कालीन गवर्नर श्री सत्यपाल मलिक जी ने पुलवामा में सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत के संबंध में जो खुलासा किया है उस खुलासे पर क्या आदरणीय प्रधानमंत्री जी देश की जनता के समक्ष वास्तविकता स्पष्ट करेंगे...? आख़िर देश की रक्षा में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने के लिए सदैव तत्पर रहने वाले नौजवानों की ज़िंदगी के साथ खिलवाड़ करने का दोषी कौन है...?’

बताते चले कि सतपाल मलिक ने एक वेबसाइट से की गई बातचीत में यह दावा किया है। इससे भूचाल मच गया है। बिहार, जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने ऐसे दावे किए हैं जिससे बड़ा राजनीतिक बवंडर उठ गया है। मलिक का दावा है कि प्रधानमंत्री मोदी को भ्रष्टाचार से कोई खास नफरत नहीं है। इतना ही नहीं, मलिक का दावा है कि पीएम मोदी को कश्मीर के बारे में कुछ भी नहीं पता है। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री कश्मीर को लेकर गफलत में हैं और उन्हें कश्मीर के बारे में कोई ज्ञान नहीं है। 

उन्होंने दावा किया कि अगस्त 2020 में उन्हें गोवा से हटाकर मेघालय भेजा ही इसलिए गया था क्योंकि उन्होंने पीएम मोदी को भ्रष्टाचार के कई मामलों की जानकारी दी थी। लेकिन उन पर कार्रवाई होने के बदले मोदी की ओर से उन्हें (सतपाल) ही मेघालय भेज दिया गया। सत्यपाल मलिक ने कहा कि पुलवामा की घटना खुफिया एजेंसियों की असफलता थी। 300 किलोग्राम RDX विस्फोटक ले जाने वाली कार पाकिस्तान से आई थी, लेकिन 10-15 दिनों तक जम्मू-कश्मीर की सड़कों और गांवों में बेरोक-टोक घूम रही थी।

मलिक ने दावा किया है कि पुलवामा हमले के तत्काल बाद शाम को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि यह हमारी गलती से हुआ है तो प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें कहा कि तुम अभी चुप रहो। इंटरव्यू में मलिक ने यह भी कहा कि उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने भी उनसे पुलवामा हमले पर चुपचाप रहने को कहा था। मलिक का आरोप है कि इसका मकसद चुनावों में सरकार और बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए पुलवामा हमले का सारा ठीकरा पाकिस्तान पर फोड़ना था, मुझे बाद में यह अहसास हुआ। 

सतपाल मलिक ने बीजेपी नेता राम माधव पर भी गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि माधव ने एक पनबिजली योजना और रिलायंस इंश्योरेंस स्कीम की मंजूरी के लिए उनसे संपर्क किया था, लेकिन मलिक ने साफ इनकार कर दिया। मलिक के इन दावों के बाद कांग्रेस की ओर से बड़ी प्रतिक्रिया आई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने शनिवार को कहा पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक जी के ख़ुलासों से ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी जी को "राष्ट्र-हानि" से उतना डर नहीं जितना "मानहानि" से है !

सरकार ने इस नियमावली में किया संशोधन, पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता हुआ साफ

डेस्क : पूर्व सांसद आनंद मोहन और उनके परिजनों के साथ-साथ समर्थकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने बिहार कारा हस्तक 2012 के नियम 48(1) (क) में संशोधन करते हुए उस प्रावधान को हटा दिया है, जिस कारण रिहाई में बाधा आ रही थी।

कैबिनेट की मंजूरी के बाद गृह विभाग ने गत 10 अप्रैल को नियम में संशोधन की अधिसूचना जारी कर दी है। संशोधन करते हुए वाक्यांश से ‘या काम पर तैनात सरकारी सेवक की हत्या’ को विलोपित किया गया है। इसके बाद ड्यूटी पर तैनात सरकारी सेवक की हत्या अपवाद की श्रेणी में नहीं मानी जाएगी। जिसके बाद अब आनंद मोहन के परिहार (रिहाई) की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। 

दरअसल, इस नियमावली में 2002 में दो बड़े बदलाव हुए थे। इसके तहत पांच तरह के कैदी को नहीं छोड़ने का प्रावधान शामिल था। इनमें एक से अधिक मर्डर, डकैती, दुष्कर्म, आतंकी साजिश रचने व सरकारी अधिकारी की हत्या के दोषी को नहीं छोड़ने का प्रावधान था। 

गौरतलब है कि पूर्व सांसद आनंद मोहन गोपालगंज के पूर्व डीएम जी कृष्णैया की हत्या में सजा काट रहे हैं। उनकी सजा की अवधि 14 वर्ष से ज्यादा हो गई है।

सीएम नीतीश कुमार ने अपने पुश्तैनी आवास से जाति आधारित गणना के दूसरे चरण की शुरुआत की, दर्ज कराए सभी आंकड़े

डेस्क : बीते शनिवार 15 अप्रैल से बिहार में जाति आधारित जनगणना के दूसरे चरण की शुरुआत हुई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पैतृक आवास बख्तियारपुर घर जाकर एक सामान्य नागरिक की तरह जातीय गणना में भाग लिया। गणना कार्य के दौरान इससे संबंधित सभी आंकड़े दर्ज करवाए।

गणना कार्य कर रही प्रगणक सना ने मुख्यमंत्री कुमार और उनके सुपुत्र निशांत कुमार से गणना से संबंधित सवाल पूछे और उनसे जानकारी लेकर कॉलम को भरा। इस दौरान मुख्यमंत्री के बड़े भाई सतीश कुमार और उनकी पत्नी ने भी प्रगणक को अपने और अपने परिवार के संबंध में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने परिवार के प्रधान के रूप में घोषणा पत्र में हस्ताक्षर किया कि उनकी ओर से दी गई सूचना सही है। 

मालूम हो कि गणना के दूसरे चरण का कार्य 15 अप्रैल से 15 मई, 2023 तक चलेगा। जाति आधारित गणना कार्य के बाद मुख्यमंत्री ने बख्तियारपुर में उपस्थित लोगों से मुलाकात की, उनकी समस्याएं सुनीं और उनके समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित गणना का काम पूरा होने के बाद इसके आंकड़ा के मुख्य चीजों पर काम शुरू होगा। इसकी रिपोर्ट को बिहार विधानसभा और बिहार विधान परिषद में पेश की जायेगी। इसके बाद इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जायेगी।

गौरतलब है कि राज्य के सभी 261 नगर निकाय और 534 प्रखंड यानी कुल 795 क्षेत्रों में गणना शुरू हुई है। जाति, शैक्षणिक योग्यता, जमीन-जायदाद से लेकर आर्थिक-सामाजिक स्थिति आदि की जानकारी ली जा रही है। गणना में कुल 18 बिंदुओं पर जानकारी प्राप्त की जा रही है। इसमें 17 बिंदुओं पर जानकारी लेना जरूरी है जबकि एक बिंदु स्वैच्छिक है। स्वैच्छिक बिंदू में आधार नंबर की जानकारी लेनी है।

केजरीवाल के बहाने सीएम नीतीश कुमार ने केन्द्र सरकार पर बोला हमला, कही यह बात

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बहाने केन्द्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले में पूछताछ के लिए सीबीआई मुख्यालय बुलाने के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि अधिक-से-अधिक विपक्षी पार्टियों के एकजुट होने से केंद्र को चिंता हो रही है। पता नहीं वे लोग क्या-क्या करेंगे, लेकिन यह सब करने से क्या होगा?

मुख्यमंत्री शनिवार को पटना और बख्तियारपुर में पत्रकारों के सवाल पर ये बातें कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपलोग तो जानते ही हैं कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ क्या-क्या काम हो रहा है। सभी विपक्षी लोगों ने अपने-अपने इलाके के के लिए काफी काम किया है। 

केजरीवाल के संबंध में सीएम ने कहा कि उनकी काफी इज्जत है। विपक्षी एकता को लेकर कांग्रेस और अन्य दलों से बैठकर बात हो गई है। अरविंद केजरीवाल भी हमलोगों के साथ बैठे थे, अब उनपर कार्रवाई हो रही है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब सब लोग मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो मजबूती से आएंगे। यह देश के हित में है। देश को और आगे बढ़ाने के लिए यह सब हो रहा है। जब सभी पार्टियां एक साथ बैठेंगी तो आगे क्या-क्या करना है, वो सभी चीजें तय हो जाएंगी और इसको सार्वजनिक कर दिया जाएगा।

बाबा साहेब की जयंती पर पटना में आयोजित समारोह में शामलि हुए राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर एवं सीएम नीतीश कुमार, प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया नमन


डेस्क : देश के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की आज 132वीं जयंती है। आज उन्हें पूरा राष्ट्र नमन कर रहा है। जगह- जगह पर कार्यक्रम आयोजित करके उन्हें याद किया रहा है। 

आंबेडकर जयंती को समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। वहीं इस जयंती को मनाने के पीछे एक वजह और भी है। भीमराव आंबेडकर ने भारत का संविधान लिखा था, जो जाति और धर्म की परवाह न करते हुए सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है।

इधर इस मौके पर पटना हाई कोर्ट के समीप आयोजित राजकीय समारोह में राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाबा साहेब डॉ० भीमराव अम्बेडकर के आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। 

इस अवसर पर सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के कलाकारों द्वारा आरती पूजन, भजन, बिहार गीत एवं देशभक्ति गीतों के कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये ।

मौके पर मौजूद भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, शिक्षा मंत्री श्री चन्द्रशेखर, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन, विधि मंत्री शमीम अहमद, बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधीजी, पूर्व मंत्री श्याम रजक, पूर्व मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, बिहार राज्य नागरिक परिषद् के पूर्व महासचिव अरविंद कुमार, राज्य खाद्य आयोग के पूर्व सदस्य नंदकिशोर कुशवाहा, बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य शिवशंकर निषाद, जदयू नेता ओमप्रकाश सेतु सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों, सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने भी बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी की आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव अभी सिंगापुर नहीं जाएंगे, डॉक्टरों की सलाह पर बदला उनका उनका प्लान, अगले माह सिंगापुर जाने की संभावना

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव अभी सिंगापुर नहीं जाएंगे। उनका प्लान बदल गया है। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद सेहत पहले से बेहतर है और वे अगले माह सिंगापुर जा सकते हैं। उनकी सेहत पर लगातार नजर रखी जा रही है और वे चिकित्सकीय देखरेख में है। दिल्ली के चिकित्सकों ने स्थानीय स्तर पर उनके स्वास्थ्य की जांच कर रिपोर्ट सिंगापुर के चिकित्सकों को भेज दी है। इस रिपोर्ट के अनुसार लालू प्रसाद अभी सिंगापुर नहीं जाएंगे। 13 अप्रैल को सिंगापुर चिकित्सकीय जांच के लिए उनके जाने की संभावना पूर्व में जतायी गयी थी। इधर आरजेडी चीफ लालू प्रसाद का दिल्ली में रहना महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि मिशन 2024 को लेकर विपक्षी एकता की मुहीम अभी रेस में हैं। दिल्ली में नीतीश कुमार की नेताओं से मुलाकात में लालू यादव की अहम भूमिका रही।

राजद के सूत्रों के अनुसार चिकित्सकों की सलाह के बाद ही लालू प्रसाद सिंगापुर के लिए रवाना होंगे। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान सिंगापुर में किडनी का ट्रांसप्लांट करने वाले चिकित्सकों के साथ लालू प्रसाद के स्वास्थ्य रिपोर्ट के आधार पर विमर्श किया है। सिंगापुर के चिकित्सकों ने अभी वहां आने की स्वीकृति नहीं दी है। इस वजह से लालू यादव अभी सिंगापुर नहीं जा रहे हैं।

 विपक्षी एकता की कवायद में लालू प्रसाद के दिल्ली प्रवास को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि, लालू प्रसाद विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठकों में शामिल नहीं हो रहे हैं लेकिन उनके निर्देश पर ही उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ इस मुहिम में शामिल हैं। तेजस्वी लगातार विपक्षी नेताओं से मिल रहे हैं। गौरतलब है कि 25 सितंबर 2022 को राजद प्रमुख लालू प्रसाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक साथ कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके आवास पर जाकर मिले थे।

पिछले साल दिसम्बर माह में सिंगापुर में लालू यादव का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने उन्हें अपनी किडनी दी। काफी दिनों तक सिंगापुर में रहने के बाद लालू भारत आए। फिलहाल वे दिल्ली में अपनी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती के आवास पर स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। जांच के लिए 13 अप्रैल को लालू यादव सिंगापुर जाने वाले थे। फिलहाल डॉक्टर की सलाह पर उनका प्रोग्राम टल गया है।