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दुमका : 60:40 नियोजन नीति के खिलाफ सड़क पर छात्र, बंदी का जबरदस्त असर, सरकार के मंत्री व विधायकों के बयान पर आक्रोश

दुमका :- झारखण्ड की उपराजधानी दुमका में हेमंत सरकार के 60:40 नियोजन नीति के खिलाफ और 1932 के खतियान आधारित नियोजन नीति की मांग को लेकर आदिवासी-मूलवासियों एवं विभिन्न छात्र संगठनों व सामाजिक संगठनों द्वारा शनिवार को बुलायी गयी संथाल परगना बंदी का जबरदस्त असर देखने को मिल रहा है। 

छात्र समन्वय समिति के नेतृत्व में दुमका सहित संथाल परगना के सभी छह जिलों में आज बंदी है। अब तक शांतिपूर्ण बंदी की सूचना है। दुमका के तमाम दुकानें और प्रतिष्ठानें बंद है। बस पड़ाव में सन्नाटा पसरा हुआ है। दुमका के मुख्य चौक-चौराहों पर आदिवासी छात्रों द्वारा सड़क पर उतरकर आवागमन ठप कर दिया गया है। वाहनों की लंबी कतारें लग गयी है। वही एहतियात के तौर पर जगह जगह मजिस्ट्रेट और पुलिस बल तैनात किए गए है। ढोल-मांदर और पारंपरिक हथियारों के साथ सड़क पर उतरे छात्रों ने 60:40 नाय चलतो और सीएम के खिलाफ नारेबाजी किया। 

छात्र सरकार से 1932 के खतियान आधारित नियोजन नीति लागू करने की मांग कर रहे है। छात्र नेता श्यामदेव हेम्ब्रम ने कहा कि राज्य की हेमंत सरकार 60:40 नियोजन नीति को लाकर यहाँ के आदिवासी मूलवासी छात्रों को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि बिहार, बंगाल, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में वहाँ स्थानीय युवकों को नौकरियों में प्राथमिकता दी जा रही है और दूसरे राज्यों के युवकों का आरक्षण का प्रतिशत भी कम है तो झारखण्ड में स्थानीय छात्रों और बेरोजगार युवकों के भविष्य के साथ क्यो खिलवाड़ किया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री और विधायक यह आरोप लगा रहे है कि 60:40 नियोजन नीति का विरोध करनेवाले बीजेपी के कार्यकर्ता है तो क्या सरकार में शामिल मंत्री और विधायकों के बच्चों को झारखण्ड में नौकरी नही चाहिए। सरकार के मंत्री और विधायक ऐसा बयानबाजी कर यहाँ के छात्रों व बेरोजगार युवकों को गुमराह कर रहे है। 

श्यामदेव हेम्ब्रम ने कहा कि 60 प्रतिशत आरक्षण तो पूर्व से ही है लेकिन 40 प्रतिशत आरक्षण बाहरी लोगों को सरकार क्यो दे रही है। छात्र नेता ठाकुर हांसदा ने कहा कि अगर सरकार ने 60:40 नियोजन नीति को वापस नही लिया तो आनेवाले समय मे आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी जिसकी जिम्मेदार सरकार होगी। 

इधर प्रखंड विकास पदाधिकारी राजेश कुमार सिन्हा और नगर थाना प्रभारी नवल किशोर सिंह दल-बल के साथ स्थिति पर नजर रखे हुए थे। बीडीओ राजेश कुमार सिन्हा ने कहा कि बंदी को देखते हुए सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है। अभी तक शांतिपूर्ण बंदी की सूचना है।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : 60:40 नियोजन नीति के खिलाफ मशाल जुलूस, छात्रों ने बंद को सफल बनाने का किया आह्वान


दुमका : झारखण्ड में नियोजन नीति को लेकर बवाल थम नही रहा। हेमंत सरकार की 60:40 नियोजन नीति के खिलाफ कल शनिवार को संथाल परगना के दुमका सहित सभी छह जिलों में छात्र सड़क पर उतरेंगे। 

छात्र समन्वय समिति के नेतृत्व में विभिन्न छात्र एवं सामाजिक संगठनों ने शनिवार को संथाल परगना में बंद का एलान किया है। समिति के नेतृत्व में छात्रों ने शुक्रवार की शाम दुमका शहर में मशाल जुलूस निकाला और लोगो से बंद को सफल बनाने की अपील की। बता दे कि झारखण्ड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद अब तक स्पष्ट नियोजन नीति नहीं बनने से लगातार विरोध होता आ रहा है।


छात्र 1932 के खतियान आधारित नियोजन नीति को लागू करने की मांग कर रहे है।

छात्रों के मुताबिक झारखण्ड बनने के बाद से राज्य में अब तक कोई स्पष्ट नीति नही बन पायी है। छात्रों ने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद से अब तक सभी सरकार ने छात्रों और यहाँ के बेरोजगार युवक व युवतियों को छलने का काम किया। छात्र समन्वय समिति के श्यामदेव हेम्ब्रम ने कहा कि सरकार बार बार गलत नियोजन नीति बना रही है और छात्रों को छलने का काम कर रही है।

 सरकार 60: 40 नियोजन नीति के लाकर गुमराह करने का काम कर रही है। छात्र नेता राजीव बास्की ने कहा कि सरकार के गलत नीति के विरोध में संथाल परगना के सभी छह जिलों में एक अप्रैल को बंदी का आह्वान किया गया है। 60:40 नियोजन नीति को यहाँ के छात्र बर्दाश्त नही करेंगे। झारखण्ड को सरकार ने चारागाह बना दिया है। अगर आंदोलन के बावजूद सरकार नही चेती तो यहाँ के सभी छात्र भविष्य में आर्थिक नाकेबंदी भी करेंगे। 

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : पीएम मोदी को अपशब्द कहने के मामले में कांग्रेस विधायक को राहत, कोर्ट ने किया बरी

विधायक डॉ0 इरफान ने कहा - पावर का मिसयूज कर रही बीजेपी

दुमका : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपशब्द कहने के एक मामले में दुमका की एमपी - एमएलए स्पेशल कोर्ट ने शुक्रवार को जामताड़ा के कांग्रेस विधायक डॉ0 इरफान अंसारी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। 

कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि बीजेपी अपने पावर का मिसयूज कर रही है और इसी का नतीजा था कि 2017-18 में झारखण्ड में बीजेपी के नेतृत्व वाली तत्कालीन रघुवर सरकार ने मुझपर केस कर दिया। कहा कि मुझे कोर्ट पर पूरी आस्था थी और आज फैसला मेरे पक्ष में आया।

दरअसल दुमका के एमपी - एमएलए स्पेशल कोर्ट ने जामताड़ा के कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी को पीएम मोदी के खिलाफ अपशब्द बोलने के एक मामले में साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया। यह फैसला एसडीजेएम जितेन्द्र राम के कोर्ट ने दिया। मामला 27 नवम्बर 2018 का है। 

जामताड़ा के भाजपा नेता तरुण कुमार गुप्ता ने नारायणपुर थाना में केस दर्ज कराया था कि लोकनिया ग्राम में आयोजित एक आम सभा में इरफान अंसारी ने पीएम मोदी के खिलाफ अपशब्द कहा था। बचाव पक्ष के वकील राजा खान ने कहा कि पहले यह मामला जामताड़ा कोर्ट में चल रहा था। बाद में इसे एमपी - एमएलए कोर्ट , दुमका ट्रांसफर कर दिया गया जहां आज इसका फैसला सुनाया गया । 

कोर्ट द्वारा रिहा किए जाने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि क्या भाजपा के नेता कांग्रेस के बारे में अनर्गल बयानबाजी नहीं करते हैं । इसमें हमलोग तो मुकदमा करने नहीं जाते हैं लेकिन भाजपा ने अपने पावर का मिसयूज किया है । उन्होंने कहा कि आज जिस तरह राहुल गांधी की सदस्यता रद्द की गई । उनका घर छीन लिया गया । इससे हर जगह जनता दुखी है । कांग्रेस चुप बैठने वाली नहीं हैं । प्रखंड से लेकर जिला तक आंदोलन किया जाएगा । 

हमलोग राहुल गांधी की सदस्यता फिर से बहाल करने के लिए बाध्य कर देंगे । 

इरफान अंसारी ने कहा कि राहुल गांधी गरीबों की आवाज है । क्या हमलोग भी अडानी अंबानी की दलाली करें । गरीबों की बात करना छोड़ दे । गरीबों का पक्ष लेना अगर गलत है तो जो सजा देना है दीजिए । चाहे हमारी सदस्यता रद्द कर दीजिए या हमें फांसी पर लटका दीजिए । हम लोग चुप बैठने वाले नहीं हैं ।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : रामनवमी पर निकली विशाल शोभायात्रा, जय श्रीराम के नारों से गूंजा शहर, देखिए तस्वीरें..
दुमका : रामनवमी पर निकली विशाल शोभायात्रा, जय श्रीराम के नारों से गूंजा शहर, देखिए तस्वीरें..
दुमका : 'गुड गवर्नेंस' का संदेश देती तस्वीर, रामनवमी पर दिखी आपसी सौहार्द व एकता

दुमका : झारखण्ड की उपराजधानी दुमका से रामनवमी की सुबह गुरुवार को एक तस्वीर उभरकर आयी है। यह तस्वीर रामनवमी पर आपसी भाईचारे और सौहार्द का संदेश देती दिख रही है। तस्वीर नगर थाना अंतर्गत इंदिरा नगर जरूवाडीह की है।

तस्वीर में दुमका के अंचलाधिकारी यामुन रविदास, पुराना दुमका पंचायत के मुखिया रविंद्र बास्की, अंजुमन इस्लामिया सह मदरसा कमेटी के अध्यक्ष

परवेज अली एवं पंचायत समिति सदस्य रोशन अली सहित अन्य एक लाठी पकड़कर दिख रहे हैं। यह लाठी आपसी सौहार्द और एकता का परिचायक है।

दरअसल रामनवमी के अवसर पर दुमका के सीओ यामुन रविदास इंदिरा नगर स्थित एक अखाड़ा पहुँचे। अखाड़ा पहुँचकर उन्होंने हाथ मे लाठी ली और वहाँ के स्वयंसेवको के साथ अभ्यास भी किया। बाद में सीओ श्री रविदास स्थानीय लोगों से मिले और सभी से रामनवमी त्यौहार को शांतिपूर्ण ढंग से मनाने की अपील की।

सीओ श्री रविदास ने कहा कि जरूवाडीह का इलाका बीते कुछ दिनों से संवेदनशील रहा है। मैं वार्ड पार्षद अरबी खातून से मिला और उनका विचार लिया। कहा कि यहाँ जितने लोगो के ऊपर धारा 107 के तहत कारवाई की जा रही है। उनलोगों से भी मैंने सम्पर्क किया और उन सभी लोगो का कहना था कि वे लोग निर्दोष है और झूठमूठ का उनसभी पर धारा 107 लगा दिया गया है लेकिन मैंने उनलोगों को आश्वस्त किया है कि वस्तुस्थिति की जानकारी लेकर धारा 107 पर विचार किया जाएगा और जरूरत पड़ेगी तो उक्त धारा को आगे हटा दिया जाएगा। सीओ ने कहा कि मैंने स्थानीय लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से रामनवमी मनाने की अपील की है और जुलूस के

रूट में लाये गए बदलाव की भी जानकारी दी है।

वही मुखिया रविंद्र बास्की और अंजुमन इस्लामिया सह मदरसा कमेटी के अध्यक्ष

परवेज अली ने स्थानीय लोगो से आपसी सौहार्द के साथ रामनवमी मनाने की अपील की और एक दूसरे को सहयोग करने को कहा।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : रामनवमी को लेकर निकला फ्लैग मार्च, नहीं बजेगा DJ, आग के करतब पर रोक, एसडीओ की अपील - सामाजिक सौहार्द के साथ मनाए रामनवमी

दुमका : रामनवमी पूजन को लेकर जिले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है। रामनवमी के दौरान शहर से लेकर पूरे जिले में शांति और विधि व्यवस्था बनाए रखने बुधवार को फ्लैग मार्च निकाला गया। 

अनुमंडल पदाधिकारी कौशल कुमार के नेतृत्व में एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी, बीडीओ राजेश कुमार सिन्हा, सीओ जामुन रविदास, थाना प्रभारी सह पुनि नवल किशोर सिंह ने सीआरपीएफ, एसएसबी और जैप के जवानों के साथ पूरे शहर में फ्लैग मार्च किया। दुमका नगर थाना से शुरू फ्लैग मार्च शहर के दुधानी, रसिकपुर, कुम्हार पाड़ा, पोखरा चौक, फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल, अंबेडकर चौक, डंगाल पाड़ा से जरुवाडीह होते हुए वापस नगर थाना पहुँची।

 दुमका शहर में रामनवमी के अवसर पर 21 पूजा समितियों द्वारा अखाड़े निकाले जाएंगे। इन सभी को लाइसेंस जारी किया गया है। रामनवमी के दिन महावीरी झंडा लेकर विभिन्न अखाड़ों से निकलने वाले जुलूस में शामिल लोग पारंपरिक हथियारों के साथ करतब दिखाएंगे। 

एसडीओ कौशल कुमार ने कहा कि शहरी क्षेत्र में संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहेंगे। सुरक्षा के मद्देनजर पारा मिलिट्री फोर्स को जगह जगह प्रतिनियुक्त किया गया है।

 कहा कि अगर दुर्भावना से ग्रसित होकर किसी ने आपसी सौहार्द को बिगाड़ना चाहा तो संबंधित शख्स पर ठोस कार्रवाई की जाएगी। सभी अखाड़ा समिति से स्वयंसेवको की सूची मांगी गयी है। आग से जुड़ी किसी तरह की करतब पर रोक लगा दी गयी है। डीजे नही बजाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने लोगो से शांति एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में रामनवमी मनाने की अपील की।

 वही एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी ने कहा कि विभिन्न चौक चौराहों पर सीआरपीएफ, एसएसबी एवं दुमका पुलिस के जवान प्रतिनियुक्त रहेंगे।

 दंडाधिकारियों के साथ पुलिस पदाधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया गया है। संवेदनशील स्थानों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। उन्होंने सामाजिक सौहार्द के साथ रामनवमी मनाने की अपील की।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : कौशल विकास केंद्र के संचालक को शो-कॉज, विजिटिंग रजिस्टर नहीं मिला अपडेट, लड़कियों ने कहा- शिकायत के बाद भोजन में सुधार

दुमका : नगर थाना अंतर्गत आउटडोर स्टेडियम के पास स्थित कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र में संबंधित एजेंसी द्वारा खाना नहीं दिए जाने की शिकायत को अनुमंडल पदाधिकारी ने गंभीरता से लिया है। 

अनुमंडल पदाधिकारी कौशल कुमार ने अधिकारियों संग बुधवार को प्रशिक्षण केंद्र का निरीक्षण किया। एसडीओ श्री कुमार ने कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र में सिलाई-कढ़ाई की आवासीय प्रशिक्षण ले रही लड़कियों से बात की। लड़कियों ने फिलहाल खाना नहीं मिलने की शिकायत का एजेंसी द्वारा समाधान कर लिए जाने की बात कही लेकिन एजेंसी के विजिटिंग रजिस्टर में मिली खामियों पर एसडीओ ने संबंधित एजेंसी को फटकार लगाई और शो कॉज पूछने का निर्देश दिया। प्रशिक्षण प्राप्त कर रही लड़कियों ने एसडीओ को बताया कि एजेंसी द्वारा अब बेहतर भोजन दिया जा रहा है ।  

एसडीएम कौशल कुमार के साथ मौके पर मौजूद अंचलाधिकारी जामुन रविदास और नगर थाना प्रभारी नवल किशोर सिंह को लड़कियों ने बताया कि वे लोग किसी दवाब में उक्त बातें नहीं कह रही है बल्कि उनकी द्वारा की गई शिकायत के बाद एजेंसी ने त्वरित कार्रवाई की।  

बता दे कि करीब तीन दिन पूर्व प्रशिक्षण केंद्र की सभी लड़कियां बोरिया-बिस्तर सहित नगर थाना पहुँचकर शिकायत की थी कि हमें खाना नहीं दिया जा रहा है और भूखे हमलोग ट्रेनिंग नहीं लेना चाहते। हम वापस घर लौटना चाहते हैं। बीते रविवार की शाम लगभग 70 लड़कियां बोरिया बिस्तर समेट कर थाना पहुंच गई थी। उनका कहना था कि शनिवार की शाम से हमें खाना नहीं दिया गया है। साथ ही कई अन्य परेशानियां भी केंद्र में है। मामले की गंभीरता को समझते हुए दुमका एसडीओ ने तत्काल केंद्र संचालक और उनके कर्मियों को बुलाया और फिर उनसे बातचीत कर लड़कियों को समझा-बुझाकर वापस भेजा और व्यवस्था में सुधार लाने का निर्देश दिया था। 

उन्होंने प्रशिक्षण केंद्र चलाने वाले एमबीडी एलकेम प्राइवेट लिमिटेड नामक संस्था के अधिकारियों और सदस्यों को भी चेतावनी दिया था कि ऐसी स्थिति दोबारा न आए। बुधवार को एसडीओ श्री कुमार उस केंद्र में पहुंचे और लड़कियों से बुलाकर बातचीत की। उनसे जाना कि अभी उन्हें किस तरह से खाना पीना दिया जा रहा है। 

मेनू के अनुसार भोजन मिल रहा है या नहीं। सभी लड़कियों ने बताया कि स्थिति में काफी सुधार आया है। हमें अब कोई परेशानी नहीं। एसडीओ और सीओ ने रसोईघर का भी निरीक्षण किया जहां खाना बन रहा था। खाने की गुणवत्ता की भी जांच की गई।

एसडीओ कौशल कुमार ने केंद्र की एक गलती यह पकड़ी कि यहां जो विजिटिंग रजिस्टर था वह अपडेट नहीं था। कई - कई दिनों का कॉलम भरा ही नहीं गया था । कौन आया - कौन गया कोई रिकॉर्ड ही नहीं था। 

उन्होंने केंद्र संचालक को इसके लिए शो कॉज़ किया। बाद में एसडीएम कौशल कुमार ने कहा कि इन्हें चेतावनी दी गई थी कि आप व्यवस्था में सुधार लाइए नहीं तो विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

अभी निरीक्षण के क्रम में सब कुछ ठीक देखा जा रहा है लेकिन हम कुछ दिनों में दोबारा आएंगे और अगर स्थिति गड़बड़ हुई तो कार्रवाई की जाएगी । 

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : सरकार की नियोजन नीति के खिलाफ छात्रों में उबाल, 31 को मशाल जुलूस, 1 अप्रैल को संथाल परगना में बंदी का आह्वान

दुमका : खतियान आधारित नियोजन नीति बनाने और 60:40 आधारित नियोजन नीति को रद्द करने की मांग को लेकर छात्र समन्वय समिति ने एक अप्रैल को संथाल परगना में एक दिन का बंद का आह्वान किया है।

 समिति द्वारा 31 मार्च को मशाल जुलूस निकाला जाएगा। एक दिवसीय संथाल परगना बंदी को सफल बनाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गयी है। मंगलवार को एसपी कॉलेज परिसर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में समिति ने बंदी की घोषणा की।

छात्र समन्वय सीमित ने कहा कि सिदो कान्हू चौक से 31 मार्च को संवैधानिक तरीके से मशाल जुलूस निकाला जाएगा और सरकार की गलत नीतियों का विरोध किया जाएगा। समिति ने संताल परगना प्रमंडल के सभी युवक व युवतियों, मोटर वाहन यूनियन, चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, बस मालिको, सभी प्राईवेट स्कूल के संचालक, सभी गैर सरकारी संगठनों को मशाल जुलूस और एक अप्रैल को बुलायी गयी बंदी में शामिल होकर बंद को सफल बनाने की अपील की है। छात्र नेताओं ने कहा कि हेमंत सरकार एवं सरकार की सहयोगी कांग्रेस द्वारा बनाई गई कई गलत नीतियों के कारण जनमानस की भावनाओं को ठेस पहुँचा है।

उन्होंने सवाल उठाया कि क्या झारखंड इसी दिन के लिए बना था कि यहां के युवा रोजगार के लिए दर-दर भटके। उन्हें अपने ही राज्य में हक अधिकार के लिए सड़कों पर उतर कर आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़े और पुलिस की लाठी खानी पड़े। 

छात्र नेता श्यामदेव हेम्ब्रम ने कहा कि झारखंड के हेमंत सरकार को यह बात समझ में आना चाहिए 1951 के बाद केंद्र के विभिन्न सरकारी उपक्रमों में झारखंड में आए विभिन्न राज्यों के लोग एवं उनके परिवार बस गए है। सवाल उठता है कि झारखंड के स्थानीय खाता धारियों का क्या होगा। इस हालात में क्या हेमंत सोरेन ने झारखंड के आदिवासियों और मूल वासियों के साथ धोखा नहीं किया है।

उन्होंने सवाल उठाया कि झारखंड सरकार 1932 के आधार पर स्थानीय नीति क्यों नहीं बनायी। 1932 शब्द के साथ अंतिम सर्वे सेटेलमेंट शब्द को क्यों नहीं जोडा गया है। क्या झारखंड में बाहर से आए लोगों की जनसंख्या अधिक हो गई है या फिर बाहर के लोगों का झारखंड के राजनीति में प्रभाव बढ़ गया। 

राजेंद्र मुर्मू ने कहा कि आज बाहरी लोग जो यहां रोजगार की तलाश में आए उन्होंने अपना वोटर कार्ड यहां बनवाया और वोट भी देते हैं क्या यह दोहरी नागरिकता नहीं है, ऐसे लोगों को चिन्हित कर सरकार क्यों कार्रवाई नहीं करती है। आज पीजीटी में बहाली के लिए रिक्तियों के विरोध आवेदन मांगा जा रहा है। जिसमें आवेदन में साफ लिखा हुआ है कि पात्रता भारत की नागरिक हो। क्या ऐसे में झारखंड के युवाओं का हक नहीं मारा जा रहा है। 

राजीव बास्की ने कहा कि झारखंड सरकार को जवाब देना चाहिए कि बिहार में भी प्लस टू विद्यालयों के लिए बहाली निकाली गई, जिसमें प्रिंट मीडिया साफ तौर पर कहती है कि 40,506 पदों पर नौकरी बिहारियों के लिए है। लेकिन झारखंड में पात्रता पूरे भारत को माना जा रहा है जबकि दोनों राज्यों की डोमिसाइल एक ही है। झारखंड सिर्फ एक चारागाह बनकर रह गया है। सरकार की गलत नीतियों में एक शिक्षा नीति भी है जिसमें सरकार ने विश्वविद्यालय में सीयूईटी के तहत नामांकन अनिवार्य कर दिया है। संताल परगना के छात्र इसका विरोध करते है।

 इस आंदोलन के बाद भी सरकार झारखण्ड के छात्र छात्राओं के हित में कुछ निर्णय नहीं लेती है तो समिति पूरे झारखंड में अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी करने को मजबूर होंगे। मौके पर छात्र नायक शिवलाल मरांडी, वेंसिंट हांसदा, विजय, राजेंद्र मुर्मू, भीमसेंट सोरेन, सोकोल हेम्ब्रम, जियोनधन हांसदा, बिमल टुडू, सुलिस सोरेन, मैनुअल हेम्ब्रम,बबीता मरांडी, अर्चना टुडू, सोनी सोरेन, प्रेमलता टुडू, कैटरीना सोरेन, सावित्री सोरेन, मैनुअल हेम्ब्रम, मनोज मुर्मू, प्रेम मुर्मू सहित बीएड, एमएड एवं संताल परगना महाविद्यालय के कई छात्र -छात्राएं उपस्थित थे।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : जब श्रम विभाग ने एक्शन लिया तब टूटी कंपनी की नींद! मामला ऊर्जा मित्रों के बकाए मजदूरी भुगतान का..

दुमका : दुमका में ऊर्जा मित्रों से काम कराकर मजदूरी का भुगतान नही करने का मामला अब अपर श्रमायुक्त कार्यालय में पहुँच चुका है। जिला प्रशासन की पहल पर ऊर्जा मित्रों के बकाये मजदूरी भुगतान को लेकर मंगलवार को श्रम अधीक्षक एम0 डी0 अकीक के कार्यालय में सुनवाई हुई।

 सुनवाई के दौरान ऊर्जा मित्रों के अलावा आउटसोर्सिंग कंपनी वैभव इंफ्रा टेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि मौजूद थे। श्रम अधीक्षक ने सुनवाई के दौरान सभी पक्ष को उपस्थित रहने के लिए नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान ऊर्जा मित्रों ने श्रम अधीक्षक को अपनी व्यथा सुनाई और कहा कि बीते सात महीनों से बकाये मजदूरी भुगतान के साथ ही कंपनी द्वारा EPF और ESCI का बकाया रखा गया है। 

ऊर्जा मित्रों के मुताबिक दुमका के करीब 180 ऊर्जा मित्रों को बीते 17 महीनों से EPF और ESCI नही दिया गया है। सात महीने का मजदूरी भुगतान भी बकाया है। नो पे, नो वर्क की मांग पर सभी ऊर्जा मित्र 17 दिनों तक हड़ताल पर रहे बावजूद कंपनी ने कोई पहल नही की। थक-हारकर हमने सीएम से लेकर स्थानीय प्रशासन से गुहार लगायी और बिजली विभाग के आश्वासन पर सभी ऊर्जा मित्र 18 मार्च को काम पर भी लौट भी गए लेकिन कंपनी की ओर से कोई सकारात्मक पहल नही की गई। इधर आउटसोर्सिंग कंपनी वैभव इंफ्रा टेक इंडिया के प्रोजेक्ट मैनेजर विशाल ने कहा कि ऊर्जा मित्रों का महज तीन महीनों का मजदूरी बकाया है जिसपर कंपनी ने 30 अप्रैल तक का समय मांगा है। 

एग्रीमेंट में कुछ टेक्निकल इश्यूज की वजह से मजदूरी भुगतान में देर हो रहा है। टेक्निकल इश्यूज को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।

वही श्रम अधीक्षक एम0 डी0 अकीक ने कहा कि कंपनी सरकार के स्तर से पेमेंट में हो रही देरी को समस्या बताया है। ऊर्जा मित्रों को रजिस्ट्रेशन के लिए कहा गया है। कंपनी ने बकाये मजदूरी का भुगतान करने के लिए समय मांगा है अगर तय समय पर भुगतान नही होती है तो विभाग आगे की कार्रवाई करेगी।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)