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रामनवमी के मौके पर पटना में निकाली गई भव्य शोभा-यात्रा, राज्यपाल और सीएम ने स्वागत कर उतारी आरती

डेस्क : रामनवमी के अवसर पर बीते गुरुवार को राजधानी पटना में भव्य शोभा-यात्रा निकाला गया। इस दौरान डाकबंगला चौराहा शाम से लेकर देर रात तक लोगों से खचाखच भरा रहा। लोग उत्सवी माहौल में देर रात तक रंगे रहे। 

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को रावनवमी के अवसर पर पटना के डाकबंगला चौराहा पहुंचकर रावनवमी शोभा यात्रा अभिनंदन समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने शोभायात्रा का स्वागत कर आरती की तथा उन्हें प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोगों ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री का अभिवादन किया। मुख्यमंत्री ने भी उपस्थित जन-समुदाय का हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकार किया और श्री रामनवमी की शुभकामनाएं राज्यवासियों को दी। 

मौके पर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह, वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा, सिक्किम के पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद, सांसद रविशंकर प्रसाद, विधायक नितिन नवीन, संजीव चौरसिया, अरुण कुमार, विधान पार्षद संजय मयूख, पटना की मेयर सीता साहू समेत किरण घई, लाल बाबू प्रसाद, अरविंद कुमार उर्फ छोटू सिंह, ओमप्रकाश सेतु के अलावा आयोजन समिति के सदस्यगण, सामाजिक, राजनीतिक कार्यकर्ता एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। आयोजकों ने मुख्यमंत्री का स्वागत अंगवस्त्रत्त् भेंटकर किया।

गंगा में 3 युवकों की डूबने से हुई मौत पर सीएम ने जताया शोक, 4-4 लाख रुपये अनुग्रह राशि देने का दिया निर्देश


डेस्क : आज रामनवमी के दिन पटना जिले के मोकामा में बड़ा हादसा हुआ है। मोकामा में गंगा स्नान के दौरान पांच युवक डूब गए। जिनमें से दो को बचा लिया गया। जबकि तीन की डूबने से मौत हो गई। घटना मोकामा प्रखंड के मेकरा गांव में हुआ है। 

इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना पर गहरा दुख एवं संवेदना व्यक्त किया है। उन्होंने इस घटना को दुखद बताया है। सीएम ने दिवंगत आत्मा की चिर शान्ति तथा उनके परिजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। 

वहीं मुख्यमंत्री ने सभी मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रूपये की अनुग्रह राशि अविलम्ब उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

बताते चलें की रामनवमी पर पटना जिले के मोकामा मोकामा प्रखंड के मेकरा गांव में गंगा स्नान करने गए पांच दोस्त डूब गए। इस हादसे में तीन युवकों की मौत हो गयी,जबकि दो युवकों को बचा लिया गया है।

बताया जा रहा है कि रामनवमी को लेकर कई लोग मेकर में गंगा स्नान करने गए थे। इसी दौरान पांचों युवक भी गंगा स्नान को गए थे। इसी दौरान वे गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे। हालांकि वहां रामनवमी पर जुटी लोगों ने भीड़ ने तुरंत दो युवकों को बचा लिया। लेकिन तीन लड़के पानी में डूब गए और उनकी मौत हो गई।

मृतक युवकों की पहचान श्याम कुमार, शिवम कुमार और आयुष कुमार के रूप में हुई है।  तीनों के शव बरामद हो गए हैं। मोकामा पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। वहीं घटना के बाद से मेकर गांव में मातम का माहौल व्याप्त है। मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षार्थियों की इंतजार की घड़िया खत्म, कल आएगा रिजल्ट

डेस्क : बिहार बोर्ड मैट्रिक के रिजल्ट का इंतजार कर रहे परीक्षार्थियों के लिए बड़ी खबर है। उनके इंतजार खत्म होने वाला है। कल शुक्रवार 31 मार्च को बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट जारी करेगा। इस बात का एलान खुद बिहार के शिक्षा मंत्री ने की है। 

उन्होंने बताया है कि बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर की ओर से दी गई मियाद के अंतिम दिन, यानी शुक्रवार 31 मार्च को रिजल्ट जरूर जारी हो जाएगा। बताया गया कि रिजल्ट बुधवार को ही जारी करने की तैयारी थी, लेकिन इसे टाल दिया गया। वहीं गुरुवार को रामनवमी के कारण रिजल्ट को एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया।

शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने बताया कि शुक्रवार को बिहार बोर्ड की सहूलियत को देखते हुए शुक्रवार को रिजल्ट जारी किया जाएगा। दोपहर बाद तीन बजे की जगह परिणाम देने का समय थोड़ा पहले का भी हो सकता है। 

परीक्षा परिणाम जारी करने से पहले की अंतिम प्रक्रिया बिहार बोर्ड रविवार को पूरा कर चुका है। पिछले हफ्ते के अंतिम तीन दिनों में टॉपर्स वेरीफिेकेशन की प्रक्रिया पूरी की गई। 'इस दौरान ढाई सौ परीक्षार्थियों को वेरीफिकेशन के लिए बुलाकर 100 सवालों में से औसतन 10 सवाल कहीं से पूछे गए थे। इससे पहले परीक्षार्थियों की पहचान उनके रिकॉर्ड से मिलाने की भी प्रक्रिया हुई और हैंडराइटिंग का भौतिक सत्यापन उनकी उत्तर पुस्तिकाओं से भी किया गया था। 

बता दें कि बिहार बोर्ड ने रिकॉर्ड पांचवी बार सबसे पहले इंटर परीक्षा का रिजल्ट इस बार जारी किया था। अब मैट्रिक रिजल्ट की बारी है।

खुशखबरी, पटना से रांची के बीच अप्रैल से देश की हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस चलेगी, पीएम नरेन्द्र मोदी दिखा सकते हैं ट्रेन को हरी झंडी

पटना से रांची के बीच अगले महीने यानी अप्रैल से देश की अब तक की हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू होने जा रही है। इससे दोनों शहरों के बीच का सफर आसान हो जाएगा। रेलवे 25 अप्रैल से पटना से रांची के हटिया तक वंदे भारत ट्रेन शुरू करने जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी इसे हरी झंडी दिखा सकते हैं। इस ट्रेन का पटना और हटिया के अलावा 7 और स्टेशनों पर ठहराव होगा। पटना के अलावा बिहार के दो और जिलों के लोगों को वंदे भारत एक्सप्रेस का लाभ मिल सकेगा।

जानकारी के अनुसार यह ट्रेन सप्ताह में 6 दिन चलाई जाएगी। पटना से सुबह जनशताब्दी के बाद यह ट्रेन खुलेगी और दोपहर में रांची-हटिया पहुंचेगी। वहीं, हटिया से वापसी में दोपहर में चलेगी और शाम में पटना पहुंचेगी। इस बीच बिहार के दो और स्टेशनों पर इस ट्रेन का ठहराव होगा, इनमें जहानाबाद और गया शामिल हैं। इस ट्रेन के चलने से पटना, गया, जहानाबाद जिले के झारखंड आने-जाने वाले यात्रियों को लाभ मिलेगा। 

पटना से चलते हुए गया के बाद यह ट्रेन झारखंड की सीमा में अगला ठहराव कोडरमा में होगा। फिर यह ट्रेन हजारीबाग और बरकानाना होते हुए रांची और फिर हटिया पहुंचेगी। हजारीबाग-बरकानाना रूट नया है। पहली बार इस ट्रैक पर वंदे भारत ही चलाई जाएगी। इसे नई तकनीक और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। वंदे भारत के पायलट को मेसरा-बरकानाना सेक्शन का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

 टाइमिंग

पटना से वंदे भारत ट्रेन सुबह जनशताब्दी के बाद रवाना होगी। यह गाड़ी सप्ताह में 6 दिन चलेगी। वंदे भारत ट्रेन पटना से सुबह 6.45 पर खुलेगी और दोपहर में 1.45 बजे हटिया पहुंचेगी। हटिया से दोपहर 2.30 बजे रवाना होकर वापस रात 9 बजे पटना पहुंचेगी। शुरुआत में इस ट्रेन को सीमित रफ्तार से चलाया जाएगा, इसलिए यात्रा में करीब 7 घंटे का समय लगेगा। इसके बाद धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाई जाएगी तो पटना से रांची के बीच यात्रा का समय घटकर 4 से 5 घंटे ही रह जाएगा।

बिहार विधान परिषद् के 5 सीटों पर होने जा रहे चुनाव के लिए 48 प्रत्याशी मैदान में, कल होगी वोटिंग

डेस्क : बिहार विधान परिषद् के स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के कुल पांच सीटों के लिए होने वाले चुनाव को लेकर बीते बुधवार की शाम चार बजे चुनाव प्रचार समाप्त हो गया। वहीं कल शुक्रवार 31 मार्च को वोटिंग होगी। 

इस चुनाव में 48 उम्मीदवार मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं। मतदान सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक होगा। 5 अप्रैल को इन सीटों के लिए मतगणना होगी। शिक्षक एवं स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों के चुनाव के माध्यम से कई निर्वतमान विधान पार्षदों के भाग्य का फैसला होगा। इनमें विप के पूर्व सभापति अवधेश नारायण सिंह, महाचंद्र प्रसाद सिंह, संजीव कुमार सिंह , संजीव श्याम सिंह, वीरेंद्र नारायण यादव सहित अन्य प्रमुख नेता शामिल हैं।

सारण शिक्षक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए 9 उम्मीदवारों में भाजपा के महाचंद्र प्रसाद सिंह व जदयू के डॉ. वीरेंद्र नारायण यादव शामिल हैं। सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव को लेकर 12 उम्मीदवारों में भाकपा के आनंद पुष्कर व भाजपा के डॉ. धर्मेंद्र कुमार सिंह चुनाव लड़ रहे हैं।

गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से कुल 8 उम्मीदवारों में भाजपा से अवधेश नारायण सिंह व राजद से पुनीत कुमार सिंह शामिल हैं। गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से कुल 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें भाजपा के जीवन कुमार व जदयू के संजीव श्याम सिंह उम्मीदवार हैं।

कोशी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से 7 उम्मीदवारों में भाजपा के रंजन कुमार व जदयू के संजीव कुमार सिंह और पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) के ओम प्रकाश यादव चुनाव मैदान मंा बने हुए हैं।

रामनवमी को लेकर राजधानी पटना के यातायात मे परिवर्तन, इन सड़कों पर वाहन परिचालन पर लगी रोक

डेस्क : रामनवमी पर शहर में उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए कई रास्तों पर वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी गई है। बीते बुधवार की रात 8 बजे से से ही डाकबंगला चौराहे से पटना जंक्शन वाहनों के जाने पर रोक लगा दी गई। यह 30 मार्च यानी आज गुरुवार की रात 11 बजे तक प्रभावी रहेगा।

निजी वाहन डाकबंगला से भट्टाचार्या या गांधी मैदान की ओर डायवर्ट कर दिए गए हैं। वहीं वीरचंद पटेल पथ से अदालतगंज रोड में वाहनों को जाने की अनुमति नहीं होगी। बुद्ध मार्ग में हिन्दुस्तान समाचार पत्र के कार्यालय से आगे फ्लाईओवर के नीचे होते वाहनों के परिचालन पर भी रोक रहेगी। 

आर ब्लॉक चौराहा से जीपीओ की ओर वाहनों की आवाजाही नहीं होगी। मेट्रो निर्माण कार्य को देखते हुए जेपी गोलंबर से डाकबंगला चौराहा होते हुए जाने वाला जुलूस स्वामीनंदन तिराहा से एसपी वर्मा रोड और न्यू डाकबंगला रोड होते हुए जाएंगे।

वहीं महावीर मंदिर जाने वाले दर्शनार्थी वीर कुंवर सिंह पार्क के पश्चिमी गेट से प्रवेश कर पार्क से जीपीओ गोलंबर होते हुए महावीर मंदिर जाएंगे।

रामनवमी को लेकर राजधानी पटना में सुरक्षा के पोख्ता इंतजाम, चप्पे-चप्पे पर पुलिस और सुरक्षाबल के जवान तैनात

डेस्क : रामनवमी को लेकर शहर में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम हैं। सभी इलाकों में अतिरिक्त बलों की तैनाती करने के साथ ही थानों को अलर्ट कर दिया गया है। संवेदनशील इलाकों में पुलिस नजर रख रही है। सेंट्रल रैफ और स्टेट रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों की ड्यूटी अलग-अलग जगहों पर लगायी गयी है।

राजधानी समेत पूरे जिले में बड़ी संख्या में दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण और विधि-व्यवस्था के लिए लगभग 351 स्थानों पर 587 से अधिक दंडाधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया गया है। इनके साथ पुलिस पदाधिकारियों और जवानों की भी तैनाती की गई है। वीडियोग्राफी एवं सीसीटीवी की समुचित व्यवस्था की गई है। 

वहीं आज रामनवमी के दिन निकलने वाले जुलूसों में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। जिस इलाके से जुलूस निकलेगा, वहां के स्थानीय थानेदार की जिम्मेदारी उसे पटना जंक्शन स्थित हनुमान मंदिर तक पहुंचाने की है। वहीं पटना जंक्शन स्थित हनुमान मंदिर की सुरक्षा भी बढ़ा दी गयी है। एक दिन पहले हनुमान मंदिर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। 

एसएसपी राजीव कुमार मिश्रा ने बताया कि पर्याप्त संख्या में पुलिस बल को अलग-अलग जगहों पर तैनात रखा गया है। हनुमान मंदिर के अंदर प्रवेश से पहले भी तलाशी ली जायेगी। स्टेशन के पास दो जगहों पर पुलिस पोस्ट खोले गये हैं। श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो, इसका पूरा ख्याल पुलिस रखेगी।

बिहार में लाइब्रेरियन के 20 हजार पद खाली, जल्द होगी बहाली; नीतीश के मंत्री चंद्रशेखर ने दिया बड़ा बयान, डिटेल में पढ़िए पूरी खबर


बिहार में जल्द बड़े पैमाने पर सरकारी नौकरी की वैकेंसी आने वाली है। सरकारी शिक्षण संस्थानों में बिहार सरकार पुस्तकालयाध्यक्षों की बहाली करने जा रही है। ये बहालियां नव उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय (प्लस टू) से लेकर महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों तक में की जाएगी। नितीश सरकार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने इसकी जानकारी दी है।

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने मंगलवार को प्रश्नोत्तरकाल के दौरान विधानसभा में इस आशय की घोषणा की। मधुबनी जिले के खजौली व भाजपा विधायक अरुण शंकर प्रसाद ने हाईस्कूल से लेकर महाविद्यालय व विश्वविद्यालयों में 14 साल से लाइब्रेरियनों की बहाली नहीं होने का सवाल उठाया था। कहा, 20 हजार से अधिक पद खाली हैं। 50 हजार अभ्यर्थी नियुक्त होने के इंतजार में हैं। इस पर शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने कहा कि राजभवन में पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए नियम-परिनियम का निर्माण होगा। 

यूजीसी की गाइडलाइन के आलोक में शिक्षा विभाग नेपरिनियम बनवाने का आग्रह राजभवन सचिवालय से किया है। परिनियम बनते ही विवि व महाविद्यालयों में लाइब्रेरियन की नियुक्ति होगी। वहीं शिक्षक नियुक्ति के नए चरण के तहत प्रदेश के नव उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में भी लाइब्रेरियन का नियोजन पूर्ण हो जाएगा। उन्होंने माना कि माध्यमिक विद्यालयों में 2789 पुस्तकालयाध्यक्षों के पद पर 2008 में नियुक्ति प्रारंभ हुई और यह 2019 में पूर्ण हुई। कोर्ट वादों की वजह से विलंब हुआ। साथ ही तकरीबन 2800 पदों के विरुद्ध महज 893 पुस्तकालयाध्यक्ष फिलहाल नियुक्त हैं।

विद्यालयों में शौचालय साफ नहीं रहे तो हेडमास्टर नपेंगे

शिक्षा मंत्री ने भाजपा के प्रेम कुमार (जनक सिंह प्राधिकृत) के प्रश्न पर कहा कि राज्य के बचे हुए विद्यालयों में वित्तीय वर्ष 2023-24 में शौचालय का निर्माण हो जाएगा। शौचालयों के रख रखाव के लिए छात्र संख्या के आधार पर धन का उपबंध किया गया है। यह 10 हजार से एक लाख रुपये तक है। उन्होंने भाजपा के नंदकिशोर यादव के पूरक पर कहा कि केंद्र के असहयोग के कारण सर्व शिक्षा अभियान प्रभावित हो रहा है। चालू वित्त वर्ष में इस योजना पर 18 हजार 176 करोड़ रुपया खर्च हुआ। इसमें केंद्र को 10 हजार 905 करोड़ रुपया देना है। लेकिन, अब तक मात्र एक हजार 855 करोड़ रुपया मिला है। उन्होंने बताया कि शौचालयों के निर्माण एवं रख रखाव के लिए डीइओ को पत्र लिखा गया है। शौचालयों की साफ-सफाई के लिए हेडमास्टर जिम्मेवार हैं। व्यवस्था लचर पाई जाएगी, वहां के हेडमास्टर पर कार्रवाई होगी।

विस अध्यक्ष अवध विहारी चौधरी ने शिक्षा मंत्री को निर्देश दिया कि जेपी विवि से जुड़े गोपालगंज व सीवान के विद्यार्थियों की यूजी तथा पीजी की परीक्षा छपरा में लेने पर सरकार विचार करे। कोई रास्ता निकाला जाना चाहिए। अमरजीत कुशवाहा ने छात्र-छात्राओं की समस्या के मद्देनजर विस में इस मामले को उठाया था, जिसपर सभाध्यक्ष ने निर्देश दिया। मंत्री ने कहा कि यह नियमानुकूल है कि यूजी-पीजी की परीक्षाएं विवि मुख्यालय में ही होंगी।

राहुल गांधी मामले पर पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने आई प्रतिक्रिया, जानिए सीएम ने क्या कहा

डेस्क : कोर्ट द्वारा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की संसद संदस्यता खत्म किए जाने के बाद पूरे देश में राजनीति गरम है। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। वहीं सभी इस कार्रवाई के लिए केन्द्र की मोदी सरकार को जिम्मेवार बता रहे है। हालांकि इस मामले पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई थी। 

लेकिन अब चार दिनों के बाद उन्होंने आज इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। सम्राट अशोक की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे नीतीश कुमार ने कहा कि कोर्ट के किसी फैसले पर कुछ कहने की मेरी कभी आदत नहीं रही है। कई बार मुझे भी लोग कुछ न कुछ कहते रहे हैं, लेकिन कभी भी इस पर कोर्ट नहीं गया। 

मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी को कोर्ट से मिली सजा और संसद सदस्यता समाप्त किए जाने को लेकर साफ-साफ कह दिया कि वह कोर्ट के किसी मामले में आज तक कभी कुछ नहीं बोले हैं। उन्होंने कहा कि 17 साल से सरकार चला रहा हूं। कई केस होते हैं। लेकिन कोर्ट के फैसले पर कभी कोई टिप्पणी नहीं की और आगे भी कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह प्रतिक्रिया उन सभी पार्टियों के लिए एक झटका साबित हो सकता है, जो कोर्ट के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं।

अंग्रेजों के जमाने का बदला कानून , निकायों को मिला नाव परिचालन का जिम्मा

डेस्क : बिहार में नौका परिचालन के 138 साल पुराने कानून को खत्म कर दिया गया है। इसके तहत राज्य सरकार ने नाव परिचालन प्रबंधन की जिम्मेदारी स्थानीय निकायों को दी है। अब राज्य की नदियों और जल निकायों में नौका परिचालन स्थानीय निकायों के माध्यम से होगा। 

विधानसभा में मंगलवार को इसके लिए बिहार नौकाघाट बंदोबस्ती एवं प्रबंधन विधेयक 2023 पर मुहर लग गयी। इस विधेयक पर मुहर लगते ही बंगाल फेरी अधिनियम, 1885 खत्म हो गया। सोमवार को विधानसभा में इस विधेयक की प्रतियां बांटी गई थीं। विधेयक के अधिसूचित होने के बाद विभाग इसकी नियमावली तैयार करेगा। नियमावली में सभी प्रावधान स्पष्ट हो जाएंगे।

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने सदन में विधेयक पर सरकार का पक्ष रखा। विधेयक के अनुसार नदियों व जल निकायों के अधीन लोगों, जानवरों, मवेशियों, मालों, सामग्रियों इत्यादि के आवागमन अर्थात नौका परिचालन, प्रबंधन, बंदोबस्ती एवं नियंत्रण का अधिकार स्थानीय निकायों को दिया जाएगा।

नौकाघाटों से टोल की वसूली सरकार द्वारा निश्चित विहित प्रक्रिया के तहत होगी। नौकाघाटों की बंदोबस्ती से आए राजस्व का उपयोग व व्यय सरकार की ओर से तय मानदंडों के अनुसार ही किया जाएगा। इसके पहले भाजपा के जनक सिंह, संजय सरावगी, अरुण शंकर प्रसाद व एआईएमआईएम के अख्तरूल ईमान ने संशोधन प्रस्ताव दिया। इसके तहत विधेयक के सिद्धांत पर विमर्श के अलावा जनमत जानने का प्रस्ताव दिया गया। इसके अलावा विधेयक के मूल पाठ में संशोधन का भी प्रस्ताव था। इन सबको सदन ने नामंजूर कर दिया।

सरकार तय करेगी बंदोबस्ती के प्रावधान 

नए प्रावधान के तहत नौका परिचालन का अधिकार ग्रामीण व शहरी निकायों को दिया जाएगा। नावों का परिचालन सुनिश्चित करने के साथ ही स्थानीय निकाय लोक नौका घाटों को सुव्यवस्थित व विनियमित भी कर सकेंगे। यही नहीं नौकाघाटों की बंदोबस्ती, नियंत्रण और प्रबंधन की शक्ति समाहर्ता, अपर समाहर्ता, स्थानीय निकायों के स्थानीय प्राधिकार में विहित रीति से सरकार द्वारा तय किया जाएगा।

भार क्षमता, परिचालन समय सब होगा निर्धारित

फेरी के अधीन नौका या नाव का निबंधन, भार क्षमता, परिचालन का समय, जीवन रक्षक न्यूनतम सुरक्षा उपकरणों का निर्धारण एवं कार्यान्वयन विहित प्रक्रिया के अधीन होगा। इस विधेयक के लागू होने से बंगाल फेरी अधिनियम 1885 निरसित (समाप्त) हो जाएगा। इसके साथ ही नए अधिनियम का प्रावधान राज्य सरकार के अन्य विभागों द्वारा बनाए गए सभी कानूनों का भी स्थान लेगा।

यह होगा लाभ

इस नये प्रावधान से कई लाभ होंगे। एक ओर जहां सरकार का राजस्व बढ़ेगा तो वहीं नावों के परिचालन में मनमानी रुकेगी। रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। ओवरलोडिंग पर रोक लगेगी। इससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी। बिना लाइसेंस वाले और जर्जर नावों का परिचालन नहीं होगा। घाटों पर माफिया तत्वों पर अंकुश लगेगा। यात्री सुविधाएं बढ़ेंगी। रख-रखाव बेहतर ढंग से होगा। नावों के परिचालन को लेकर पूरा सिस्टम चाक-चौबंद रहेगा। इससे यात्रियों की सुरक्षा पुख्ता होगी।