24 से 28 तक किया जाएगा लोक नाट्य समारोह का आयोजन
यह अत्यधिक हर्ष का विषय है कि उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, प्रयागराज तथा कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार के संयुक्त तत्वाधान में जिला प्रशासन, पूर्वी चम्पारण मोतिहारी के सहयोग से नगर भवन, मोतिहारी में 24 से 28 मार्च 2023 तक सायं 06 बजे से पाँच दिवसीय लोक नाट्य समारोह का आयोजन किया जा रहा हैं।
उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र , प्रयागराज देश के सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक प्रतिष्ठानों में से एक है,
जिसे तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार की पहल पर बनाया गया था। इसकी स्थापना का उद्देश्य क्षेत्रीय सीमाओं के परे जाकर एक बड़े जनसमूह को सांस्कृतिक संबंधो में बांधना है, ताकि लोक और जनजातीय कलाओं के विशेष साहित्यिक एवं रचनात्मक विकास के लिए सुविधाएँ प्रदान की जा सके। इसके अंतर्गत बिहार, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, एवं उत्तराखण्ड राज्य शामिल हैं।
उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, प्रयागराज के वार्षिक कार्यक्रम के अर्न्तगत बिहार के भोजपुर जिले में 06-08 नवंबर तक, सारण जिले मं 09-11 नवंबर तक तथा वैशाली जिले में 12-14 नवंबर तक 9 दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘‘माटी के रंग’’ का आयोजन हुआ। इसके अलावा पटना में 24-26 फरवरी 2023 को ऑक्टेव फेस्टिवल का आयोजन किया गया। इसी क्रम में गया जिले में 16-20 मार्च तक नाट्य समारोह किया गया। मोतिहारी जिले में 24-28 मार्च तक 05 दिवसीय लोक नाट्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम की रुपरेखा उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द, प्रयागराज के निदेशक प्रो0 सुरेश शर्मा की हैं। कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु श्री अजय गुप्ता, कार्यक्रम अधिशासी, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र तथा श्री मनोज कुमार, कार्यक्रम समन्वयक की प्रमुख भूमिका रही। इनके अलावा मोतिहारी जिला प्रशासन से श्री गौरव कुमार, (वरीय उपसमाहर्ता), पवन कुमार सिन्हा (अपर समाहर्ता) एवं श्री गुप्तेश्वर कुमार (जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी, पूर्वी चम्पारण) की उक्त कार्य को कार्यरुप देने में समस्त भूमिका रही।
आज दिनांक 24 मार्च 2023 को कार्यक्रम का शाुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन श्री शीर्षत कपिल अशोक (मुख्य अतिथि), जिलाधिकारी, पूर्वी चम्पारण के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया ।
मंच का संचालन अभय आनंत द्वारा किया गया ।
आज उत्तर प्रदेश से आये कलाकार दल श्री महन्त लाल द्वारा निर्देशित लोक नाटक महाराजा भरथरी का नौटंकी शैली में मंचन हुआ। इस नाटक का कथासार निम्न हैं।
आधुनिकता के दौर में फिल्मो कि मान्यता समाज पर हावी है, जिसके कारण भावी पीढ़ी अपनी लोक संस्कृति, विरासत एवं लोेक परम्परा को नकारती जा रही हैं।
आनिवार्यता को समझते हुये, मैं नौटंकी महाराज भरथरी का समर्थन करता हूँ, ये नौटंकी उसी विरासत को आगे बढ़ाने का एक छोटा सा प्रयास हैं। महाराज भरथरी कि दास्तान उनकी सहिष्णुता की नीति का आकर्षण, ये लोक नाट्य, नौटंकी का ही सामर्थ्य है कि उस युग की भव्यता, छल, षडयंत्र को सही तरीके से प्रक्षेपित कर सकती है इस नौटंकी में नारी के दो रुपो को उजागर किया गया हैं। उसे सतित्व और दुष्यचरियता को दर्शाया गया है। मुख्य भुमिका में घनश्याम, रामप्रसाद, संतोष कुमार, संतोष, राकेश कुमार,
महेन्द्र प्रसाद गौतम, विजय कुमार, छितानीलाल, अशर्फीलाल, रतनलाल, आत्माराम, लौकुश, महन्तलाल, रामभवन, भैयालाल, संतोष कुमार, संदीप कुमार, झिगही लाल ने अपनी भूमिका का सही निर्वाह किया।
धन्यवाद ज्ञापन अजय गुप्ता द्वारा किया गया।
इस अवसर पर गांधी संग्रहालय के सचिव, श्री ब्रजेश किशोर सिंह, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, प्रभात कुमार झा,
सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई, श्रीमती ममता झा, संस्कृति कर्मी , संजय पांडेय, कृष्णा प्रसाद के अलावा महिला/ पुरुष दर्शकगण उपस्थित थे ।
Mar 25 2023, 15:29