दुमका : जल संरचनाओं के लिए चिन्हित जमीन के रिकॉर्ड को दुरुस्त रखना राजस्व विभाग की बड़ी जिम्मेदारी : जल पुरुष
दुमका : जल संरक्षण के लिए लोगों को इन दिनों जागरूक करने में जुटे द वाटर मैन ऑफ इंडिया डॉ0 राजेंन्द्र सिंह ने कहा कि जल संरचनाओं के लिए चिन्हित जमीन के रिकॉर्ड को दुरुस्त रखना राजस्व विभाग की बड़ी जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि आजकल जल संरचनाओं की जो जमीन है वो बहुत विवादित है। रिकॉर्ड ठीक नही है और जमीन से जुड़ी उन रिकॉर्ड को दुरुस्त रखना राजस्व विभाग की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि दुमका को पानीदार बनाना सिर्फ राज्य का अकेला काम नहीं है बल्कि इसमें समाज और जनता सभी को मिलकर एक प्लेटफॉर्म पर आना होगा।
दुमका के कन्वेंशन सेंटर में जिला प्रशासन, एसकेएम यूनिवर्सिटी और सीएसओ के संयुक्त तत्वावधान में जल संरक्षण, संवर्धन और डीएमएफटी एवं राज्य सरकार के योजनाओं के प्रचार प्रसार से संबंधित जागरुकता कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद जल पुरुष डॉ0 राजेंद्र सिंह ने उक्त बातें कही।
इस कार्यक्रम में मैग्से अवार्ड से सम्मानित डॉ0 राजेंद्र सिंह ने जल संरक्षण के लिए अपने सुझाव एवं विचार लोगों के बीच रखा और स्थानीय मुखिया, जनप्रतिनिधियों एवं सिविल सोसायटी से जुड़े लोगों के साथ संवाद किया।
उन्होंने कहा कि शासन अगर दुमका को पानीदार बनाना चाहता है तो जिले की जितनी भी जल संरचनाओं की जमीन है, उन सभी जमीनों का ठीक से पहचान कर उसका सीमांकन और चिन्ह्तिकरण कर एक रोडमैप तैयार करना होगा। डॉ राजेंद्र सिंह ने जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी लोग अपने गांव को समृद्ध गांव बना सकते हैं केवल आवश्यकता है तो एक प्रयास एवं सही दिशा की। उन्होंने जल की माहता को बताते हुए कहा कि "जल में ही जीवन है" जल के बिना जीवन की परिकल्पना असंभव है।
उन्होंने जल संरक्षण हेतु वर्षा जल के संचयन एवं सभी गांव में कम से कम 70% पानी रोक कर जल का समुचित उपयोग करने हेतु आवश्यक कदम उठाने का सुझाव दिया ।जन प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जनता को आपसे अपेक्षाएं हैं उनके अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए आपको आगे आना होगा एवं संरक्षण की दिशा में प्रयास करना होगा सभी जनप्रतिनिधि सर्वप्रथम इससे लिए ग्राम पर नियम बनाए उसके पश्चात जिला स्तर इसकी रूपरेखा प्रस्तुत करें इस प्रकार एक छोटे जगह से एक क्रांतिकारी परिवर्तन किया जा सकता है ।दुमका में प्राकृतिक संसाधनों की कमी नहीं है इनका सदुपयोग करके आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक समृद्धि भी प्राप्त की जा सकती है उन्होंने प्रकृति की महत्ता को बताते हुए कहा कि प्रकृति हमारी जननी है एवं इनका संरक्षण करना हमारा दायित्व है। दुमका में जल संरक्षण की दिशा में अगर प्रयास किया जाए तो ना केवल उस गांव में मुलभुत सुविधाओं की प्राप्ति हो सकती है बल्कि गांव के लोगों के रोजगार का साधन भी बनेगा इस में इस क्रम में जनप्रतिनिधियों द्वारा कही सवाल किए गये।
साथ ही इसके दूसरे चरण में सिविल सोसाइटी सदस्यों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया एवं लोगों को जल संरक्षण की दिशा में उचित कदम उठाने हेतु अपील की।
(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)
Mar 14 2023, 11:50