दिल्ली में बने सरदार पटेल संस्थान: पटेल समाज
लखनऊ। ‘‘विडंबना है कि लखनऊ में सरदार पटेल के नाम से कोई मार्ग नहीं है अतः लखनऊ के शहीद पथ अथवा किसान पथ का नाम ‘‘सरदार पटेल मार्ग‘‘ रखा जाये।‘‘ यह मांग रविवार को राजधानी के यूपी प्रेस क्लब में सरदार पटेल बौद्धिक विचार मंच द्वारा उठाई गई। इस दौरान वक्ताओं ने बताया कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पूर्व राजनेता स्व. राम कुमार वर्मा एवं अन्य साथियों के प्रयास से सरदार पटेल की एक प्रतिमा तो लग गयी थी पर अब तक उनके नाम पर यहां कोई मार्ग नहीं बन सका।
मंच की भारत सरकार से भी मांग है कि राजधानी दिल्ली में ‘सरदार पटेल संस्थान‘ की स्थापना हो। जिसमें समाज के गरीब व मेधावी छात्रों के लिए रहने व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था हो। जहां देश के विभिन राज्यों से आने वाले कृषक समाज के बच्चों के रहने के लिए एक हाॅस्टल भी बनाया जाये। इस दौरान मंच के अध्यक्ष डाॅ. क्षेत्रपाल गंगवार, महामंत्री जगदीश शरण गंगवार, उमेश कुमार (महामंत्री किक्की), रवीन्द्र सिंह गंगवार, वी.आर. वर्मा, योगेन्द्र सचान, आर.एल. निरंजन, एवं एडवोकेट अरुन पटेल ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
बौद्धिक विचार मंच के महामंत्री जगदीश शरण गंगवार ने कहा कि देश के हिन्दी भाषी क्षेत्रों जैसे उत्तर प्रदेश में 12, मध्य प्रदेश में 17, बिहार में 11, झारखण्ड में 22, छत्तीसगढ़ में 20 व राजस्थान में 10 प्रतिशत पटेल समाज की जनसंख्या है। विगत लोकसभा व विधान सभा चुनावों में 90 प्रतिशत पटेल समाज नें भाजपा के पक्ष में मतदान किया था। जिसके फलस्वरूप भाजपा से सर्वाधिक सांसद व विधायक चुनकर आए।
अध्यक्ष डाॅ. क्षेत्रपाल गंगवार ने बताया कि 21 दिसंबर 2022 को मंच द्वारा वेस्टर्न कोर्ट नई दिल्ली में ‘अपनों से मिलिए एवं सामाजिक चिंतन‘ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें केन्द्रीय मंत्रियों, पूर्व केन्द्रीय मंत्रियों, सांसदाें के साथ उत्तर प्रदेश सरकार के केबिनेट मंत्री संहित 25 विधायकाें आई.ए.एस., आई.पी.एस., आई.आर.एस., पी.सी.एस., सरकारी/अर्धसरकारी संस्थाओं के अधिकरियों सहित 250 से भी अधिक बुद्धिजीवियों ने भाग लिया।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने राष्ट्रीयता के प्रतीक सरदार पटेल की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी‘ का निर्माण कराया उसके लिए मंच व पटेल समाज भारत सरकार का आभारी है। उन्होंने बताया कि सरदार पटेल बौद्धिक विचार मंच का गठन जुलाई 2018 में किया गया जिसके सदस्य उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, विश्वविद्यालयों के पूर्व कुलपति, सेना के सेवानिवृत्त मेजर जनरल, पूर्व आई.ए.एस., आई.पी.एस., आई.आर.एस. पी.सी.एस. अधिकारी, डाक्टर, अधिवक्ता, उद्योगपति, सरकारी/अर्धसरकारी संस्थाओं के अधिकारी और समाज सेवी हैं।
Mar 13 2023, 18:02