'मरीन इंजीनियरिंग पर व्याख्यान आयोजित’
लखनऊ। रविवार को इन्स्टीटयूशन ऑफ इन्जीनियरर्स के यू पी स्टेट सेंटर, लखनऊ में ’मरीन इंजीनियरिंग’ पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अनिल गुप्ता, पूर्व चीफ इंजीनियर, मर्चेंट नेवी थे। उन्होंने अपने व्याख्यान में बताया कि शिपिंग उद्योग 95% से अधिक वैश्विक व्यापार को परिवहन और वितरित करने के लिए जिम्मेदार है - सालाना लगभग 11 बिलियन टन।
यह लगभग अविश्वसनीय संख्या है, विशेष रूप से इस तथ्य पर विचार करते हुए कि यह उपलब्धि केवल 50,000 व्यापारी जहाजों द्वारा की जाती है। भारत का लगभग 95% माल व्यापार समुद्री बंदरगाहों के माध्यम से किया जाता है। ~7,516.6 किलोमीटर की तटरेखा और 200 प्रमुख और गैर-प्रमुख बंदरगाहों के साथ भारत दुनिया के सबसे बड़े प्रायद्वीपों में से एक है।
भारत में वर्तमान में कुल 15 लाख सकल टन क्षमता वाले लगभग 1500 जहाज पंजीकृत हैं। जहाजों के संचालन और रखरखाव के लिए मरीन इंजीनियर्स बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मरीन इंजीनियरिंग इसके अस्तित्व के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मरीन इंजीनियरिंग एक बहुत ही विशिष्ट शाखा है।
जिसमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक और नेवल वास्तुकला शामिल हैं । दुनिया भर में काम कर रहे भारतीय समुद्री इंजीनियरों ने बहुत उच्च व्यावसायिकता के साथ खुद को अलग किया है। बहुत सारी विदेशी शिपिंग कंपनियाँ भारतीय समुद्री इंजीनियरों के नेतृत्व में हैं।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में इन्स्टीटयूशन ऑफ इन्जीनियर के स्टेट सेंटर, लखनऊ के अध्यक्ष मसर्रत नूर खां ने सभी आगन्तुकों का स्वागत किया। इस अवसर पर इन्स्टीटयूशन के राष्टीय पूर्व उपाध्यक्ष वी बी सिंह, एस के वर्मा, एससीसी सदस्य एवं पूर्व अध्यक्ष आरके त्रिवेदी भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन वी पी सिंह, एससीसी सदस्य एवं संयोजक के द्वारा बडी कुशलता के साथ किया गया। अन्त में मानद सचिव डा जसवन्त सिंह के धन्यवाद ज्ञापन से कार्यक्रम का समापन हुआ।
Mar 05 2023, 19:29