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*बीसीसीएल कर्मियों को आग प्रभावित क्षेत्र से डेढ़ माह में हटाया जाएगा

धनबाद : भूमिगत आग प्रभावित क्षेत्र में रह रहे बीसीसीएलकर्मियों को डेढ़ माह के अंदर हटा सुरक्षित इलाकों में क्वार्टर आवंटित करने का निर्देश सीएमडी सीएमडी समीरन दत्ता ने दिया।

गुरुवार को बीसीसीएल जीएम कॉर्डिनेशन बैठक में सीएमडी महाप्रबंधक को इसके लिए डेढ़ माह का अल्टीमेटम दिया।

सूत्रों ने बताया कि झरिया पुनर्वास पर हर महीने कोयला सचिव दो बार समीक्षा कर रहे हैं। 

बीसीसीएल को मंत्रालय की ओर से टास्क दिया गया है कि कंपनी पहले अपने कर्मियों को अग्नि प्रभावित क्षेत्र से हटाए। पहले चरण के सिर्फ 81 क्षेत्रों से ही लगभग 600 बीसीसीएलकर्मियों के परिवार को शिफ्ट करना है। पूरे कोयला क्षेत्र से 9000 से अधिक कर्मी हैं। हालांकि बीसीसीएल के पास जरूरत भर क्वार्टर सुरक्षित क्षेत्र में उपलब्ध है।

फरवरी माह में ही बीसीसीएल ने चालू वित्तीय वर्ष का लक्ष्य हासिल कर लिया है। लक्ष्य हासिल होने के बाद भी कंपनी पर कोयला उत्पादन में वृद्धि का दबाव है। बीसीसीएल को अब चालू वित्तीय वर्ष में कोल इंडिया से 36 मिलियन टन का इंटरनल टार्गेट दिया गया है। इस आधार पर बीसीसीएल को शेष एक माह में प्रतिदिन 1.40 लाख टन कोयला उत्पादन करना होगा।

बता दें पहले बीसीसीएल को 32 मिलियन टन का उत्पादन एवं इतना ही डिस्पैच का लक्ष्य दिया गया था। लक्ष्य अब भी वही है लेकिन कोल इंडिया ने इंटरनल टार्गेट देकर बीसीसीएल को 36 मिलियन टन का टास्क दिया है। 36 मिलियन टन के लिए बीसीसीएल को एक माह में तीन मिलियन टन से अधिक कोयला उत्पादन करना होगा। सीएमडी समीरन दत्ता ने उत्पादन के साथ-साथ कोयले की गुणवत्ता पर खास जोर दिया। कहा कि बिना क्रसिंग के एक छटांक कोयला भी डिसपैच नहीं करना है।

धनबाद में राजा और रेंचो की जुगलबंदी ने खूब बटोरीं तालियां, लाफ्टर शो में हंस-हंसकर लोट-पोट हुए श्रोता


पहले भी आ चुका हूं धनबाद, यहां कला की होती है कद्र : राजा रेंचो

धनबाद : जाना-पहचाना शहर है धनबाद. 2008 में भी यहां शो करने आया था. शांत व खूबसूरत शहर है. कोयलांचल में कला के कद्रदान रहते हैं. लाइफ के हर पल को एंजॉय करते हैं. यहां आकर ऐसा ही लगता है.

 कोयलांचल को काले हीरे की धरती के नाम से जाना जाता है. ऐसा कहते हैं कॉमेडी किंग राजा रेंचो. वह गुरुवार को लॉफ्टर शो से पहले बातचीत कर रहे थे. उन्होंने बताया कि 10 साल की उम्र में पहला कार्यक्रम मुंबई स्थित अपने चॉल में किया था. मेरी मिमिक्री देख चॉल वालों ने एक रुपये दिये थे, जिसे पाकर बहुत खुशी हुई. पांच दशक से इस क्षेत्र से जुड़ा हूं. चॉल में मेरा बचपन बीता. स्कूल में शिक्षक व दोस्तों की नकल किया करता था. सभी मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते थे. छोटे- छोटे कार्यक्रम करता रहा. चार दशक पहले ऑर्केस्ट्रा की धूम थी. ऐसे कार्यक्रम में मिमिक्री करने के लिए एक मिनट का समय एक आयोजक से मांगा था, लेकिन नहीं मिला. 

इस बात से बहुत आहत हुआ. मौका नहीं मिलने से दुखी था, लेकिन उस दिन प्रण लिया कि एक दिन ऐसा आयेगा कि लोग मेरे शो में आकर ठहाके लगायेंगे. जब लोग लॉफ्टर शो में ठहाके लगाते हैं, असीम सुकून मिलता है.

अभिनेता राजकुमार हैं आइडल

राजा रेंचो बताते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री के अभिनेता राजकुमार आइडल हैं. उन्हें देख कर मिमिक्री करना सीखा. पहले मिमिक्री करता था, बाद में लॉफ्टर शो करने लगा. 2006 में लॉफ्टर शो में आया. लोग हंसते हैं, तालियां बजती है. यह मेरे लिए सबसे बड़ा रिवार्ड होता है.

मुंबई में बीता बचपन 

राजा रेंचो के बचपन का नाम राजकुमार जावकर है. मुंबई में ही बचपन बीता. कहते हैं हमारे महाराष्ट्र का गणपति उत्सव बहुत धमाकेदार होता है. हमारे घर में छह दिवसीय गौरी गणेश उत्सव होता है. इसमें हमारे चॉल के लोग आते हैं. सभी मिलकर खूब मस्ती करते हैं. आज भी कभी समय मिलता है, तो चॉल चला जाता हूं.

2002 में मिला मेरा रेंचो

वर्ष 2002 में मुंबई के मैजिशियन से रेंचो मिला. इसके बाद हमारी राजा रेंचो की जोड़ी बनी. बचपन में रेंचो को लेकर बहुत क्रेज था, कि यह गुड्डा बोलता कैसे है. अब तो मेरा बेस्ट फ्रेंड है. रिसोर्ट में काम किया है. वहां से काफी कुछ सीखने को मिला. मेरी नजर में कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता है.

2006 जीवन का टर्निंग प्वाइंट था

2006 मेरे जीवन का टर्निंग प्वाइंट था. उसके बाद मुड़कर पीछे नही देखा. अब तक लगभग तीन हजार शो कर चुका हूं. आज भी शो से पहले रिहर्सल करता हूं.

कोयलांचलवासियों को शुक्रिया

 हमें आमंत्रित करने के लिए. काले हीरे की नगरी कोयलांचल की पहचान विश्व स्तर पर है. यहां शो करना हमें भी गौरवान्वित करता है.

बहुत खूबसूरत है धनबाद, यहां के लोग दिल से है अमीर',:-सुनील पाल

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धनबाद : कोयलांचल का धनबाद बहुत ही खूबसूरत शहर है. मैं यहां छह साल पहले भी आया था. आता रहता हूं. इस शहर से मुझे प्यार और लगाव है. मेरे पिता रेलवे में कार्यरत थे.बचपन में मां को सिगड़ी में कोयले से खाना पकाते देखा करता था. यही वजह है कोयले की राजधानी से बचपन से प्यार है. 

धनबाद नाम से धन भी जुड़ा है, यह अमीरों की नगरी है. यहां के वाशिंदे कर्मवीर होने के साथ दिल से भी अमीर हैं. यह कहना है कॉमेडी किंग सुनील पाल का. वह गुरुवार को प्रभात खबर के लाफ्टर शो में भाग लेने आये थे. 

उन्होंने कहा कि इस कोयला नगरी में मुझे बुलाया गया जिसके लिए आयोजक को धन्यबाद. उन्होंने बताया : बचपन में मां मुझे ब्लैक डायमंड कहती थी, और देखिए आज मैं कार्यक्रम के लिए ब्लैक डायमंड सिटी में आ गया. ऐसा लग रहा है जैसे अपनी जन्म भूमि पर आया हूं. 

फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर के बारे में पूछने पर कहा कि मैंने यह फिल्म देखी है. इसमें धनबाद को बदनाम करने की कोशिश की गयी है. इसके कैरेक्टर को उग्र और लापरवाह दिखाया गया है. लेकिन प्रेक्टिकल में धनबाद ऐसा नहीं है. मैं यहां जब भी आया हूं सुकून ही मिला. यहां के लोग सतरंगी हैं, तभी तो होली में होली का रंग बिखरने के लिए बुलाया है. 

एक सवाल के जवाब में कहा : आजकल लोग छोटी बातों से भी अवसाद में आ जाते हैं. हमारे शो के जरिये जब लोग ठहाके लगाते हैं, हंसते हैं तो लगता है जीवन सार्थक है. दर्शकों से हमारी हस्ती है, वो हंसते हैं, तो हमारे घर बसते हैं, नहीं तो हम कलाकार बहुत सस्ते हैं.

जॉनी लीवर को मानते हैं महागुरु 

अभी तक देश व विदेश में लगभग तीन हजार शो कर चुके सुनील पाल बताते हैं कि वह फिल्म इंडस्ट्री के कॉमेडियन जॉनी लीवर को अपना आदर्श व महागुरु मानते हैं. कपिल शर्मा, लालू प्रसाद यादव व राहुल गांधी से भी प्रेरित हैं. चंद्रपुर (महाराष्ट्र) में इनका बचपन बीता. जब छठी कक्षा में थे, तब जीवन का पहला कार्यक्रम दिया. इनाम में स्टील का कटोरा मिला था. 1995 में मुंबई आ गये. शाहरुख खान, सोनू निगम, सलमान खान के साथ काम किया.

 आमिर खान के साथ लगान फिल्म को लेकर वल्ड टूर किया. 2005 में लॉफ्टर चैनल में आना जीवन का टर्निंग प्वाइंट मानते हैं. मार्च में सुनील की अगली फिल्म ''गाली-ग्लौज'' आने वाली है. यह कॉमेडी फिल्म है. इसमें डबल मिमिक्री कटाक्ष हैं.

ताजिकिस्तान में फंसे झारखंड के 36 मजदूरो में से 18 की हुई सकुशल वतन वापसी


धनबाद। ताजिकिस्तान में फंसे झारखंड के 36 मजदूरो में 18 मजदूर ताजिकिस्तान की सकुशल वतन वापसी हुई।सभी 18 मजदूर ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सोमन एयर से पिछले को मंगलवार को दिल्ली पहुंचा।

अपने वतन पहुंचने पर सभी 18 मजदूरों ने दिल्ली पहुंचने पर सबसे पहले ईश्वर का नाम लेते हुए अपने वतन की मिट्टी को चुमा खुलकर सांस लिया।दिल्ली से कुछ मजदूर बस और कुछ मजदूर ट्रेन से अपने-अपने घर पहुंचे। मजदूरों ने वतन वापसी होने पर केंद्र और राज्य सरकार के साथ-साथ प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले सिकन्दर अली समेत सारे मिडिया का आभार प्रकट किया।

बताते चले कि झारखंड के गिरिडीह, हजारीबाग, बोकारो,धनबाद जिले के 36 मजदूर जो बिष्णुगढ प्रखंड के खरना निवासी पंचम महतो के माध्यम से टीजीएम कंपनी में काम करने ताजिकिस्तान गये थे।जहां सभी मजदूर बुरी तरह से फंस गये थे।न ही उन्हें ठीक ढंग से खाना दिये जा रहा था न ही उन्हें वेतन दिया जा रहा था।इसी बीच मजदूरों ने पिछले 13 फरवरी को प्रवासी हित में कार्य करने वाले समाज सेवी सिकन्दर अली सोशल मीडिया के माध्यम से वीडियो शेयर कर अपनी पीड़ा को साझा करते हुए वतन वापसी में सहयोग की अपील की थी।इसके बाद केंद्र एवं राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया।

 इसके बाद मजदूरों का बकाया मजदूरी का भी भुगतान कराया गया।इसके बाद 18 मजदूर की वतन वापसी करायी गयी। लौटने वाले मजदूरों में गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड अंतर्गत तुकतुको के खिरोधर महतो,नागेश्वर चौधरी,रामदेव महतो,औरा के सुखदेव महतो,संतोष कुमार महुरी के गोवर्धन महतो,ढिबरा के जगरनाथ महतो, सरिया प्रखंड के अंतर्गत पिपराडीह के डुमरचंद महतो,डुमरी प्रखंड के अंतर्गत कुलगो के शंकर कुमार महतो.हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ प्रखंड अंतर्गत गोविंदपुर के बालेश्वर महतो,नागी के महेन्द्र महतो,सारूकुदर के टुकामन महतो,नागेश्वर महतो खरना के डेगलाल महतो,महेश महतो बोकारो जिले के गोमियां प्रखंड अंतर्गत हुरलुंग के नारायण महतो,बालेश्वर महतो अशोक कुमार,करतवारी के प्रकाश महतो शामिल हैं।वही दो मजदूर प्रकाश महतो एवं दिनेश महतो की वापसी पूर्व में हो चुकी हैं और अभी 16 मजदूरो का ताजिकिस्तान से वापसी होना बाकी हैं।

श्री श्याम फाल्गुन महोत्सव के पहले दिन निकली भव्य शोभा यात्रा, बाबा श्याम को अर्पण किये गए 5501 निशान

धनबाद। हाथों में निशान और मुख से निकलता बाबा का नाम, इन सब के बीच बाबा श्याम के भक्ति गीतों पर थिरकती श्रद्धालुओं की टोली और एक दूसरे को छू कर हवा में उड़ते अबीर - गुलाल। कुछ ऐसा ही नजारा गुरुवार को झरिया शहर का रहा। मौका था तीन दिवसीय श्री श्याम फाल्गुन महोत्सव के पहले दिन निकाली गई भव्य निशान शोभा यात्रा का।

भव्य शोभा यात्रा से पूरे दिन झरिया बाबा श्याम के भक्ति भाव डूबा रहा। शोभा यात्रा लाल बाजार स्थित श्री श्याम मंदिर से पूजा के बाद भक्त 5501 निशान लेकर नगर भ्रमण को निकल पड़े। यात्रा लाल बाजार से लक्ष्मीनिया मोड़, सब्जी पट्टी, बाटा मोड़, मेन रोड, चार नंबर, धर्मशाला रोड, होते हुए बाबा श्याम के दरबार पहुँची।

जहां बाबा को निशान अर्पित किये गए। वाहन पर फूलों से बाबा का भव्य दरबार सजा था। बैंड बाजे की धुन पर भक्त यात्रा में थिरकते चल रहे थे। इस भव्य निशान यात्रा में झरिया, धनबाद, कतरास,गोविंदपुर, सहित आसपास के जिले के लोगों ने भी शिरकत की।

आदित्य मंडल हत्या मामले में पुलिस ने उनके फूफा और चचेरा भाई को लिया हिरासत में,पुलिस को संदेह हत्या का कारण प्रेम प्रसंग

धनबाद: आजाद नगर निवासी सुदाम मंडल के नाबालिग पुत्र आदित्य मंडल की हत्या के मामले में पुलिस बुधवार को हिरासत में लिए गए तापस मंडल को लेकर घटनास्थल पर पहुंची।

तापस ने पुलिस को घटना के दिन हुई वारदात को विस्तार के साथ बताया। उन सभी स्थानों को दिखाया, जहां पर शराब पी थी और आदित्य को मारा गया था। तापस ने घटना स्थल के पास पुलिस को बताया कि यहीं पर पहले से कुछ लड़के लाल रंग का ग्लैमर खड़ा किए हुए थे और शराब पी रहे थे।

पुलिस के नज़र में आदित्‍य के फूफा और चचेरा भाई संदिग्ध

नाबालिग चचेरा भाई जब चिली चिकेन लेने गया, तो वे सभी आदित्य और उसके साथ मारपीट करने लगे। इस दौरान पुलिस ने घटना स्थल से खून के दाग लगे पत्थर व खून लगे शराब की एक बोतल की बरामदगी की है। हिरासत में लिए गए तापस तथा मृतक आदित्य का नाबालिग चचेरा भाई एक-दूसरे पर हत्या का आरोप लगा रहे हैं।

तोपचांची पुलिस आदित्य के फूफा तापस तथा नाबालिग चचेरा भाई को थाने में रखकर पूछताछ कर रही है। दोनों अपना बयान बदल रहे हैं। इस कारण पुलिस अभी तक हत्या की गुत्थी को सुलझा नहीं पा रही है।

कहीं हत्या का कारण प्रेम प्रसंग तो नही...?

सूत्रों की मानें तो पुलिस मामले के उद्भेदन को लेकर टेक्निकल सेल की मदद ले रही है। अब तक की जांच में यह साफ हो चुका है कि आदित्य की हत्या प्रेम प्रसंग के कारण हुई है। गांव की जिस नाबालिग किशोरी से आदित्य प्रेम करता था, उससे पुलिस ने पूछताछ की है। पूछताछ के दौरान किशोरी ने पुलिस को आदित्य की हत्या को लेकर कई अहम जानकारी दी है। हालांकि, पुलिस अभी कुछ भी बताने से परहेज कर रही है।

कोयलांचल के मशहूर फोटो जर्नलिस्ट इजहार आलम ने बढाया धनबाद का मान, प्रेस कॉउंसिल ऑफ इंडिया ने दिया एक्सेलेंस अवार्ड

धनबाद: धनबाद जिला के ऐतिहासिक शहर झरिया के वरिष्ठ फोटो जॉर्नलिस्ट (छायाकार) मोहम्मद इजहार आलम को मंगलवार की शाम प्रेस कॉउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से दिल्ली के कॉस्टीट्यूशन क्लब आफ इंडिया के डिप्टी स्पीकर हाल में काउंसिल की चेयर पर्सन जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई द्वारा अवार्ड दिया गया। 

बताते चलें कि इजहार आलम पिछले तीन दशकों से पत्रकारिता से जुड़े हुए हैं। इस दौरान उन्होंने देश के कई प्रमुख हिंदी, उर्दू, बांग्ला और अंग्रेजी अखबारों में अपनी सेवा दी है। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने ज्यादा तर आम जनता से जुड़ी समस्याओं को अपने कैमरे में कैद के लोगों की आवाज सरकारी महकमे तक पहुंचाने की कोशिश की है। पिछले दिनों धनबाद के स्थानीय एक अखबार में छपी उनकी तस्वीर "जल ही जीवन" शीर्षक फोटो न्यूज को प्रेस कॉउंसिल ऑफ इंडिया के निर्णायकों ने नेशनल अवार्ड फार एक्सिलेंस इन जर्नलिज्म 2020 (फोटो जर्नलिज्म सिंगल न्यूज पिक्चर श्रेणी) के लिए चुना गया था। 

अपने इस चित्र के बारे के जानकारी देते हुए इजहार कहते हैं कि हम धनबाद कोयलांचल में रहते हैं, जहां गर्मी के दिनों में एक-एक बूंद पानी के लिए लोगों की सुबह से जद्दोजहद करते देखा जा सकता है।अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए लोग कई किलोमीटर दूर से लोग पानी लाते हैं। हमने यह तस्वीर खास परिस्थिति में बच्चों की पानी के प्रति ललक देखकर खींची थी। मकसद यही था कि लोग पानी का मोल समझें, उसे सहेजें, उसकी एक एक बूंद को अमृत समझें और उसे बर्बाद ना होने दें। इजहार आलम को यह सम्मान मिलना झरिया के लिए गर्व की बात है। 

बता दे कि इजहार अहमद ने अपना पूरा जीवन पत्रकारिता जगत को समर्पित कर दिया। अब भी वह अपनी कैमरे से ली तस्वीरों के माध्यम से झरिया की आग व भु-धंसान सहित आसपास के क्षेत्रों की अन्य समस्याओं को बखूबी उजागर कर दुनिया को रूबरू करा रहे हैं। इजहार को मिले इस उपलब्धि से धनबाद जिले के पत्रकार समुदाय में खुशी की लहर है। समाज के राजनीतिक, समाजसेवी सहित गणमान्य लोगों का कहना कि जिस प्रकार से इजहार आलम ने अपना पूरा जीवन पत्रकारिता को समर्पित कर हर छोटी बड़ी समस्याओं को उठाते हुए यहां की जिले का गौरव बढ़ाया है और हमसभी जिलेवासियों को गौरान्वित किया है। वहीं इजहार के परिवार सहित पुत्र शब्बीर हुसैन भी पिता के इस उपलब्धि से गदगद हैं। शब्बीर भी पेशे से फोटोजॉर्नलिस्ट हैं। 

शब्बीर ने पिता की पत्रकारिता जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उन्होंने अपनी सारी उम्र क्षेत्र की जनसमस्याओं, समाज के दबे कुचले वर्ग, मजदूर वर्ग की जीवन शैली को बखूबी अपने तस्वीरों के माध्यम से सरकार और प्रशासनिक अमला को अवगत कराया है। शब्बीर का कहना है कि वे अपने पिता की कार्य शैली के तर्ज पर लोगों की आवाज बनने की कोशिश करेंगे।

धनबाद: लोको टैंक तालाब के सौदर्यीकरण पर निगम व रेलवे के बीच ठनी


बिना करार निगम करा रहा टेंडर, 11.58 करोड़ की लागत से पूरी होगी योजना

 धनबाद : माल महाराज का और मिर्जा खेले होली. नगर निगम इस कहावत को चरितार्थ कर रहा है. वार्ड 26 के अंतर्गत वॉच एंड वार्ड कॉलोनी स्थित रेलवे के लोको टैंक तालाब का सौंदर्यीकरण होना है. तालाब, रेलवे के अधीन है और काम निगम करना चाहता है. इसे लेकर रेलवे के अधिकारी 15 शर्तो के साथ नगर निगम के अधिकारियों के साथ एकरारनामा चाहते हैं, जो अभी तक पूरा नहीं हुआ है. लेकिन इससे पहले ही निगम ने 14 फरवरी को इस तालाब का टेंडर करा लिया. अभी सीएस (कॉम्परेटिव शिड्यूल) का काम चल रहा है. साथ हीं टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद संवेदक को काम सौंपने की भी बात कही जा रही है.हालांकि बगैर किसी सहमति के काम शुरू होने में अभी से संदेह है.

 स्वामित्व को लेकर रेलवे के अधिकारियों की है चिंता

नगर निगम और जिला परिषद की लड़ाई को देखते हुए रेलवे के अधिकारी फूंक फूंक कर कदम रखना चाहते हैं.

अग्नि कांड के लिए अभिशप्त धनबाद में फिर लगी आग ,महुदा मोड़ के प्लास्टिक कारखानामें आग लगने से मची अफरातफरी


धनबाद :धनबाद इन दिनों अभिशप्त है जिसके कारण कही ना कही अग्नि कांड की घटनाएं होती रहती है। अब तक इस अग्निकांड के कारण कई जान भी गयी और देश भर के लिए धनबाद के ये अग्निकांड चर्चा का विषय बना। आज फिर महुदा मोड़ निवासी गोपाल महतो के प्लास्टिक कारखाना भीषण आग लग गयी। जिसके कारण अफरातफरी मच गई।

 कारखाना का सारा सामान आग की लपटों के कारण राख हो गया। अग्निशमन की गाड़ी आग बुझाने का प्रयास करती रही। आग की घटना के कारण सभी सामग्री जलकर राख हो गई। पुलिस महुदा मोड़ पहुंची। इस आग के कारण गोपाल महतो का लाखों का नुकसान हुआ। 

हालांकि अग्निशमन की दल द्वारा आग पर काबू पा लिया गया है। जेसीबी गाड़ी से सभी मलवे को इक्ट्ठा किया गया। मौके पर नजदीकी थाना के कई पुलिस कर्मी भी उपस्थित रहे। लेकिन अभी तक आग लगने का कारण पता नहीं चल पाया है। पुलिस अभी जांच कर रही है।

उत्तर बिहार जाने वाले यात्रियों के लिए रेलवे ने दी होली में स्पेशल ट्रेन, शालीमार से जयनगर के बीच चलेगी छह मार्च को ट्रेन


(डेस्क खबर)

धनबाद : उत्तर बिहार जाने वाले यात्रियों के लिए रेलवे ने होली स्पेशल ट्रेन की घोषणा कर दी है। शालीमार से जयनगर के बीच छह मार्च को ट्रेन चलेगी।

 वापसी में जयनगर से शालीमार के लिए सात मार्च को चलेगी। होली स्पेशल ट्रेन में टिकटों की बुकिंग शुरू हो गई है। फिलहाल शालीमार से जयनगर जाने वाली ट्रेन में टिकट मिल रहे हैं। इस ट्रेन से धनबाद और बोकारो के साथ-साथ चित्तरंजन, मधुपुर और बंगाल के बराकर के यात्री भी सफर कर सकेंगे।

स्पेशल ट्रेन के ठहराव से यात्रियों को होगी सुविधा

हफ्ते में तीन दिन चलने वाली राउरकेला-जयनगर एक्सप्रेस धनबाद के बाद सीधे जसीडीह में रुकती है। स्पेशल ट्रेन के चित्तरंजन और मधुपुर में रुकने से इस क्षेत्र के यात्रियों को भी यात्रा के लिए विकल्प मिल सकेगा। बराकर झारखंड-बंगाल को जोड़ने वाला स्टेशन है। स्पेशल ट्रेन के ठहराव से बराकर में रहने बिहार के लोगों के साथ-साथ झारखंड के कुमारधुबी और आसपास की बड़ी आबादी को भी उत्तर बिहार की ट्रेन मिल जाएगी।

जानें टाइम टेबल

08127 शालीमार- जयनगर होली स्पेशल छह मार्च को 

शालीमार से दोपहर 2:50 पर खुलेगी। 

सांतरागाछी, खड़गपुर, टाटा, चांडिल, मूरी होकर रात 10:35 पर बोकारो, 

11:28 पर चंद्रपुरा, 

रात 12:40 पर धनबाद,

 1:32 पर बराकर, 

2:03 पर चित्तरंजन,

2:54 पर मधुपुर और अलसुबह 

3:25 पर जसीडीह के बाद झाझा, किउल, बरौनी, समस्तीपुर, दरभंगा, सकरी, मधुबनी होकर दिन 

11:25 पर जयनगर पहुंचेगी।

08128 जयनगर- शालीमार एक्सप्रेस सात मार्च की शाम जयनगर में 

7:30 पर रवाना होगी। अलसुबह 

3:02 पर जसीडीह, मधुपुर, चित्तरंजन व बराकर होकर सुबह 5:55 पर धनबाद पहुंचेगी। 7:05 पर चंद्रपुरा, 7:35 पर बोकारो होकर शाम 4:00 बजे शालीमार पहुंचेगी।  

 

धनबाद से जयनगर

 स्लीपर- 547 सीटें खाली - 

किराया 385 रुपये

 थर्ड एसी- 100 सीटें खाली -

 किराया 1050 रुपये

 सेकेंड एसी- 22 सीटें खाली -

 किराया 1440 रुपये

इसके साथ ही गोमो और बाेकारो होकर चलने वाली

 रांची-बलरामपुर और सांतरागाछी-बलरामपुर होली स्पेशल ट्रेनों में भी टिकटों की बुकिंग शुरू हो गई है। इन दोनों ट्रेनों से यात्री बिहार और उत्तर प्रदेश की यात्रा कर सकेंगे।

 08028 रांची- बलरामपुर होली स्पेशल रांची से पांच मार्च को रात 11:55 पर खुलेगी और अगले दिन रात 10:00 बजे बलरामपुर पहुंचेगी।

 08027 बलरामपुर- रांची होली स्पेशल बलरामपुर से सात मार्च की सुबह 8:45 पर खुलेगी और अगले दिन सुबह 5:00 बजे रांची पहुंचेगी।

 08183 सांतरागाछी- बलरामपुर होली स्पेशल छह मार्च को सांतरागाछी से रात 8:30 पर खुलेगी और अगले दिन रात 10 बजे बलरामपुर पहुंचेगी।

 08184 बलरामपुर- सांतरागाछी होली स्पेशल बलरामपुर से आठ मार्च को सुबह 8:45 पर खुलेगी और अगले दिन सुबह 10:05 पर सांतरागाछी पहुंचेगी।