बी-हब से स्टार्ट-अप इकाइयों को मिलेगी भरपूर मदद: समीर कुमार महासेठ
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा पटना के मौर्यालोक परिसर में स्टार्ट-अप को-वर्किंग स्पेस और फैसिलिटेशन सेन्टर के उद्घाटन के उपरान्त प्रेस कर्मियों से बातचीत करते हुए उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि सरकार रोजगार और उद्योग दोनों को बढ़ाने में लगी है। युवाओं के लिए अधिकाधिक संख्या में रोजगार सृजन तथा स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। बी-हब नये स्टार्ट-अप उद्यमियों के लिए मददगार होगा। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी और माननीय उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव जी के कुशल नेतृत्व में युवाओं को रोजगार देने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। उद्योग विभाग स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि के लिए कृतसंकल्पित है।
स्टार्ट-अप अपेक्षाकृत नई परिकल्पना है जिसके तहत नवाचारों को अपनाते हुए पुरानी समस्याओं के नये समाधान पर आधारित उद्योगों की स्थापना की जा रही है। स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बिहार सरकार ने बिहार स्टार्ट-अप पाॅलिसी 2022 बनायी है। इस पाॅलिसी के तहत 10 वर्षों के लिए 10 लाख रूपये तक की ब्याज रहित सीड फंडिंग की व्यवस्था की गई है। महिलाओं द्वारा प्रारंभ स्टार्ट-अप को 5 प्रतिशत अधिक तथा अनुसूचित जाति/जनजाति तथा दिव्यांगों के स्टार्ट-अप को 15 प्रतिशत अधिक राशि सीड फंड के रूप में देने का प्रावधान इस नीति के तहत किया गया है। एक्सीलेरेशन प्रोग्राम में भागीदारी के लिए 3 लाख रूपये तक के अनुदान का प्रावधान स्टार्ट-अप नीति में है। एन्जेल निवेशकों से निवेश प्राप्त होने पर कुल निवेश का 2 प्रतिशत सफलता शुल्क और सेवी पंजीकृत कैटेगरी-1 तथा एन्जेल समूह से प्राप्त फंड के बराबर अधिकतम 50 लाख रूपये तक के मैचिंग लोन की व्यवस्था बिहार स्टार्ट-अप फंड से की जाती है।
उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि स्टार्ट-अप के लिए आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था भी बिहार स्टार्ट-अप नीति के तहत की जा रही है। पटना में दो प्रमुख स्थानों पर को-वर्किंग स्पेस, रिसर्च एण्ड डेवलपमेन्ट लैब, काॅमन साॅफ्टवेयर एण्ड हार्डवेयर सुविधा, क्वालिटी एश्योरेन्स लैब आदि की व्यवस्था की गई है। साथ ही स्टार्ट-अप को लीगल, एकाउन्टिंग, तकनीकी, पेटेन्ट, निवेश और बैंकिंग सुविधाओं को प्रदान करने की व्यवस्था भी राज्य सरकार द्वारा की गई है। स्टार्ट-अप उद्यमियों को प्रेरित करते हुए उद्योग मंत्री ने फोटो सेशन में भी भाग लिया। वहाँ पर उद्यमियों से उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप के क्षेत्र में बिहार के युवा उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाते हुए अपनी कम्पनी को यूनिकाॅर्न कम्पनी के रूप में तब्दील कर सकते हैं। हर शुरूआत छोटी होती है। बिहार की किसान चाची ने अपना कारोबार मात्र 200 रुपये से प्रारंभ किया था और अब उनकी कम्पनी का टर्नओवर 20 लाख रुपये हो गया है। स्टार्ट-अप के क्षेत्र में भी अनेक नए उद्यमियों ने छोटी शुरूआत करते हुए अपनी कम्पनी को ऊँच स्तर पर पहुँचाया है।
युवाओं को समझना होगा कि स्टार्ट-अप और पारंपरिक व्यवसाय में फर्क है। पारंपरिक व्यवसाय के लिए नये आइडिया की आवश्यकता नहीं होती। पहले से चल रहे व्यवसायिक माॅडल पर नया व्यवसाय प्रारंभ करना होता है।
पारंपरिक व्यवसाय में तुरंत ही लाभ मिलना प्रारंभ हो जाता है। लेकिन उसके विस्तार की सीमा होती है। उदाहरण के लिए किराना दुकान या आटा चक्की उद्योग के विस्तार की एक सीमा है। लेकिन जब नये आइडिया के साथ स्टार्ट-अप प्रारंभ किया जाता है तो उसके विस्तार की असीम संभावनाएँ होती है। नये अन्वेषण और नवाचार स्टार्ट-अप के आवश्यक अवयव हैं। पारंपरिक व्यवसाय में अन्वेषण और नवाचार का होना जरूरी नहीं है। स्टार्ट-अप में फोकस लाभ कमाने से अधिक व्यवसाय का विस्तार करने पर होता है। व्यवसाय के विस्तार के बाद एन्जेल इन्वेस्टर्स से निवेश की संभावना बढ़ जाती है और वैसी स्थिति में स्टार्ट-अप को बड़ा लाभ प्राप्त होता है।
उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि बिहार में ज्यादा से ज्यादा स्टार्ट-अप प्रारंभ हो इसके लिए उद्योग विभाग लगातार पहल कर रहा है।
राज्य के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में स्टार्ट-अप के प्रति जागरूकता के लिए आउटरीच कार्यक्रम चलाये गए हैं जिनमें युवाओं के साथ सीधा संवाद स्थापित करते हुए उन्हें बिहार स्टार्ट-अप नीति की प्रमुख बातों से अवगत कराया गया। स्टार्ट-अप फंडिंग के लिए लाभुकों के चयन की पारदर्शी प्रक्रिया बनायी गई है। स्टार्ट-अप पोर्टल पर आवेदन करने वाले आवेदकों के आवेदनों की पूरी जाँच के बाद वरिष्ठ अधिकारियों की टीम द्वारा उनकी पुनर्जांच की जाती है और फिर सीड फंड स्वीकृत किया जाता है।
बिहार स्टार्ट-अप नीति के तहत लाभ लेने वाले स्टार्ट-अप केन्द्र सरकार की दूसरी एजेन्सियों से लाभ प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र होते हैं। उद्योग विभाग के प्रयासों से बिहार में स्टार्ट-अप का माहौल बन चुका है। केन्द्र सरकार की स्टार्ट-अप सनराइजर्स रैंकिंग में इमर्जिंग स्टार्ट-अप इको सिस्टम के कैटेगरी-‘ए’ में बिहार को टाॅप पोजिशन पर रखा गया है। यह विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के सतत प्रयास और सबके सहयोग से ही संभव हो पाया है।
Feb 08 2023, 20:38