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खास जैकेट पहनकर संसद पहुंचे पीएम मोदी, प्लास्टिक की बोतलों को रिसाइकल कर बनाई गई

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कपड़े अक्सर चर्चा का विषय बन जाते हैं।अक्सर उनके कपड़े कोई ना कोई खास संदेश देते हैं। इस बार उनकी जैकेट की खूब चर्चा हो रही है।संसद के बजट सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहुंचे थे और वह इस दौरान एक खास जैकेट पहने नजर आए। पीएम मोदी बुधवार को संसद में नीले रंग की खास जैकेट में नजर आए।

आज प्रधानमंत्री संसद परिसर में पहुंचे तो लोगों का ध्यान उनकी खास जैकेट ने खींचा। बता दें कि पीएम मोदी आज संसद में जो जैकेट पहनकर पहुंचे थे, वह 28 सिंगल यूज प्लास्टिक बॉटल से बनाई गई है।यह पीएम मोदी को गिफ्ट के तौर पर मिली है। पीएम मोदी सोमवार को कर्नाटक के बेंगलुरु में आयोजित इंडिया एनर्जी वीक का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्हें इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने खास जैकेट गिफ्ट किया था। जिसे रिसाइकल की गई पीईटी की बोतलों से बनाया गया था।

हर साल 10 करोड़ बोतलों को रिसाइकल करने का लक्ष्य

बता दें कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन हर साल 10 करोड़ (100 मिलियन) बोतलों को रिसाइकल करेगा, जिससे सशस्त्र बलों के लिए भी वर्दी बनाई जाएगी।ट्रायल के तौर पर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के विशेषज्ञों ने जैकेट तैयार की थी। जिसे पीएम मोदी को भेंट किया गया है। 

कितने बोतल से बनते हैं कपड़े

इंडियन ऑयल के अनुसार, एक यूनिफॉर्म को बनाने में कुल 28 बोतल को रिसाइकिल किया जाता है। जैकेट बनाने में औसतन 15 बॉटल्स का इस्तेमाल होता है। टी-शर्ट और शॉर्ट्स बनाने में 5 से 6 बॉटल का इस्तेमाल होता है। इसी तरह शर्ट बनाने में 10 और पेंट बनाने में 20 बॉटल का इस्तेमाल होता है।

पर्यावरण संरक्षण में मिलेगी मदद 

प्लास्टिक बॉटल से बने गारमेंट से पर्यावरण के संरक्षण में मदद मिलेगी और पानी की भी भारी बचत होगी। कॉटन को कलर करने में भारी मात्रा में पानी का इस्तेमाल किया जाता है जबकि पॉलीस्टर की डोप डाइंग की जाती है। इसमें पानी की एक बूंद का भी इस्तेमाल नहीं होता है। आईओसी की योजना पीईटी बोतलों का इस्तेमाल करके सशस्त्र बलों के लिए नॉन-कॉम्बैट यूनिफॉर्म बनाने की भी है।

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पीएम मोदी का विपक्ष पर वार, यूपीए सरकार के वक्त के घोटाले की दिलाई याद, कहा- कांग्रेस की बर्बादी पर हार्वर्ड नहीं, बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों में होंग अध्ययन

प्रधानमंत्री नेरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई साथ ही विपक्ष पर वार किया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चुनौतियों के बिना जीवन नहीं होता है, चुनौतियां तो आती हैं, लेकिन चुनौतियों से ज्यादा सामर्थ्यवान है 140 करोड़ देशवासियों का जज्बा। उनका सामर्थ्य चुनौतियों से भी ज्यादा मजबूत, बड़ा है। अनेक देशों में अस्थिरता का माहौल है। भीषण महंगाई है। खानेपीने का संकट है। हमारे अड़ोस-पड़ोस में भी जिस प्रकार के हालात बने हुए हैं, ऐसी स्थिति में कौन हिंदुस्तानी इस बात पर गर्व नहीं करेगा कि ऐसे समय में भी देश दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है। आज पूरे विश्व में भारत को लेकर पॉजिटिविटी है, एक आशा है, भरोसा है। यह भी खुशी की बात है कि आज भारत को विश्व के समृद्ध देशों के समूह जी-20 की अध्यक्षता का अवसर मिला है। यह देश के लिए गर्व की बात है।

यूपीए के 10 सालों पर उठाए सवाल

2014 से पहले भारत की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल होती थी। यूपीए के 10 साल में महंगाई डबल डिजिट में रही। जिन्होंने बेरोजगारी दूर करने के वादे किए थे। बेरोजगारी दूर करने के लिए इन्होंने कानून बना दिए। यूपीए के 10 साल में कश्मीर से कन्याकुमारी भारत के हर कोने में आतंकवादी हमलों का सिलसिला चल रहा था। हर नागरिक असुरक्षित था। कश्मीर से लेकर उत्तर पूर्व तक हिंसा ही हिंसा थी। इनकी निराशा का कारण यह भी है कि जब देश की क्षमता का परिचय हो रहा है। इन्होंने 10 सालों तक मौके को मुसीबत में बदल लिया। 

पीएम ने यूपीए सरकार के वक्त के घोटाले की दिलाई याद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस समय की यूपीए सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि हम सभी को याद है उस समय कॉमनवेल्थ गेम्स में किस तरह से घोटाला हुआ था। उन्होंने कहा कि 2जी से लेकर हेलिकॉप्टर घोटाले किस तरह से सामने आए थे। तब कोयला घोटाला भी चर्चा में आ गया था। देश पर कितने ही आतंकी हमले हुए। 2008 के आतंकी हमलों को कोई भूल नहीं सका। उनमें आंख में आंख मिलाकर हमले करने का सामर्थ्य नहीं था। आतंकियों के हौसले बुलंद होते गए। 10 साल तक खून बहता रहा। 2014 के पहले का दशक लॉस्ट डिकेड के रूप में जाना चाहिए। यह दशक इंडियाज डिकेड कहलाएगा। 

निराशा में डूबे कुछ लोग देश की प्रगति को स्वीकार ही नहीं कर पा रहे-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा कि भारत में नई संभावनाएं हैं। कइयों को यह बात समझने में देर लग जाएगी लेकिन भारत सप्लाई चेन के मामले में आगे बढ़ गया है। भारत मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित हो रहा है। दुनिया भारत की समृद्धि में अपनी समृद्धि देख रही है। निराशा में डूबे हुए कुछ लोग इस देश की प्रगति को स्वीकार ही नहीं कर पा रहे। 140 करोड़ देशवासियों के पुरुषार्थ और परिश्रम उपलब्धि उन्हें नजर नहीं आ रही। 

नौ वर्ष में भारत में 90 हजार स्टार्टअप-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले नौ वर्ष में भारत में 90 हजार स्टार्टअप आए हैं। आज स्टार्टअप के मामले में हम दुनिया में तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं। बहुत बड़ा स्टार्टअप ईकोसिस्टम देश की टियर-3 शहरों तक पहुंच चुका है। इतने कम समय में और कोरोना के विकट कालखंड में 108 यूनिकॉर्न बने। एक यूनिकॉर्न यानी छह-सात हजार करोड़ से ज्यादा का मूल्य। आज भारत दुनिया में मोबाइल बनाने में दूसरा बड़ा देश बन गया है। घरेलू विमान यात्रियों के मामले में हम दुनिया में तीसरे नंबर पर हैं।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर हमला

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की तरफ इशारा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यहां जम्मू कश्मीर की भी चर्चा हुई। जो अभी अभी जम्मू कश्मीर घुमकर आए हैं. उन्होंने देखा होगा कि कितनी शान से आप वहां आ जा सकते हैं। मैं भी जम्मू-कश्मीर में यात्रा लेकर गया था और लाल चौक में तिरंगा फहराने का संकल्प लेकर गया था। लेकिन तब आतंकियों ने पोस्टर लगाए थे कि देखते हैं किसने अपनी मां का दूध पीया है जो लाल चौक पर झंडा फहराता है। उस दिन 24 जनवरी था। मैंने तक भरी सभा में कहा था कि आतंकी कान खोलकर सुन लें 26 जनवरी को ठीक 11 बजे मैं लाल चौक पहुंचुंगा। बिना सुरक्षा के आऊंगा। बुलेट प्रूफ जैकेट के बिना आऊंगा और फैसला लाल चौक पर होगा। आज लोग कश्मीर में बिना चिंता किए घूम सकते हैं। आज कश्मीर में हर घर तिरंगा लगे हैं। वहां शांति हमारी सरकार की वजह से हुई है। कभी तिरंगा से डरने वाले लोग अब तिरंगा फहरा रहे है।

कांग्रेस की बर्बादी पर हार्वर्ड नहीं, बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों में अध्ययन होना है-पीएम मोदी

राहुल गांधी के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी वाले बयान पर पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की बर्बादी पर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अध्ययन हो चुका है और आगे भी होता रहेगा। पीएम मोदी ने कहा कि मैंने कई बार सुना है। यहां कुछ लोगों को हार्वर्ड का बड़ा क्रेज है। कोरोनाकाल में ऐसा ही कहा गया था और कांग्रेस ने कहा था कि भारत की बर्बादी पर हार्वर्ड में केस स्टडी होगी। और फिर कल सदन में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में स्टडी की बात हुई, लेकिन बीते वर्षों में वहां एक बहुत बढ़िया और महत्वपूर्ण स्टडी हुई। उसका विषय था- द राइज एंड डिक्लाइन ऑफ इंडियाज कांग्रेस पार्टी। मुझे विश्वास है कि भविष्य में कांग्रेस की बर्बादी पर हारवर्ड नहीं, बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों में अध्ययन होना ही होना है। और कांग्रेस को डुबाने वाले लोगों पर भी अध्ययन होने वाला है। पीएम मोदी ने कहा कि इस प्रकार के लोगों के लिए दुष्यंत ने बहुत अच्छी कविता लिखी है, तुम्हारे पांव के नीचे, कोई जमीन नहीं है। कमाल यह है कि फिर भी तुम्हे यकीन नहीं ।

विपक्ष के आरोपों पर कौन भरोसा करेगा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि जो अहंकार में डूबे होते हैं, उनको लगता है कि मोदी को गाली देकर ही हमारा रास्ता निकलेगा। अब 22 साल बीत गए वो गलत फहमी पाल करके बैठे हुए हैं। मोदी पर भरोसा टीवी पर चमकते चेहरों से नहीं बना है। जो देशवसियों का मोदी पर भरोसा है वो इनकी समझ से बहुत ऊपर है। क्या ये झूठे आरोप लगाने वालों पर मुफ्त राशन पाने वाले मेरे देश के 80 करोड़ भारतीय कभी इनपर भरोसा करेंगे?

"जब दो नौजवानों ने बाघ को दिखाया बंदूक का लाइसेंस" डिटेल में पढ़िए कैसे पीएम ने लोकसभा में यह किस्सा सुनाकर कांग्रेस को घेरा, बोले, कुछ लोगों को विकास मंजूर नहीं


 पीएम मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि मैं राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद करता हूं। मेरा सौभाग्य रहा कि मुझे पहले भी कई बार राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद करने का अवसर मिला है, लेकिन इस बार मैं धन्यवाद के साथ राष्ट्रपति जी का अभिनंदन भी करना चाहता हूं।

मोदी ने कहा कि अपने विजनरी भाषण में राष्ट्रपति ने हम सबको और करोड़ों देशवासियों को मार्गदर्शन दिया है। गणतंत्र के मुखिया के रूप में उनकी उपस्थिति ऐतिहासिक और देश की बहन-बेटियों के लिए प्रेरणादायक है। कई सांसदों ने चर्चा में हिस्सा लिया। अपने-अपने आंकड़े और तर्क दिए। सांसदों ने अपनी रुचि के अनुसार अपनी बातें रखीं। जब इन बातों को गौर से सुनते हैं, समझने का प्रयास करते हैं। तो ध्यान में आता है कि किसकी कितनी क्षमता, योग्यता, समक्ष और इरादा है। देश भी इसका मूल्यांकन करता है।

कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा ईकोसिस्टम, समर्थक उछल रहे थे। खुश होकर कहने लगे, ये हुई न बात! शायद नींद भी अच्छी आई होगी, शायद आज उठ भी नहीं पाए होंगे। ऐसे लोगों के लिए कहा गया है, अच्छे ढंग से कहा गया है…

ये कह-कह कर हम दिल को बहला रहे हैं,

वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं…

लगातार हो रहे विकास कार्य से कुछ लोग दुखी हैं

हमारे पड़ोस में जिस प्रकार से हालात बने हुए हैं। कौन इस पर गर्व नहीं करेगा कि ऐसे समय में भी देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। आज पूरे विश्व में भारत को लेकर पॉजिटिविटी है। देश के लिए गर्व की बात है, लेकिन मुझे लगता है शायद इससे भी कुछ लोगों को दुख हो रहा है।

एक समय था छोटी-छोटी टेक्नोलॉजी के लिए देश तरसता था। आज देश बड़ी ताकत के साथ आगे बढ़ रहा है। दुनिया के लोग अपने वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट भी नहीं देख पाते हैं। आज हम इसे मोबाइल में ही देख सकते हैं। सदन में हंसी-मजाक, टीका-टिप्पणी, नोंक-झोंक होती रहती है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आज राष्ट्र के रूप में गौरवपूर्ण अवसर हमारे सामने खड़े हैं। गौरव के क्षण हम जी रहे हैं।

देश की प्रगति को स्वीकार नहीं कर पा रहे कुछ लोग

निराशा में डूबे कुछ लोग इस देश की प्रगति को स्वीकार नहीं कर पाते हैं। उन्हें भारत के लोगों की उपलब्धियां नहीं दिखती हैं। देशवासियों के प्रयास का परिणाम है, जिसके कारण दुनिया में डंका बज रहा है। बीते 9 सालों में भारत में 90 हजार स्टार्टअप... दुनिया में हम स्टार्टअप के मामले में तीसरे नंबर पर हैं। इतने कम समय में 108 यूनिकॉर्न बने। 100 साल में आई यह भयंकर महामारी, दूसरी तरफ युद्ध की स्थिति, बटां हुआ विश्व और इस संकट के माहौल में भी देश को जिस तरह से संभाला गया है, इससे पूरा देश आत्मविश्वास से भर रहा है।

खेल में भारत का परचम

खेल की दुनिया में खिलाड़ी अपना रुतबा दिखा रहे हैं। शिक्षा क्षेत्र में भारत आगे बढ़ रहा है। बेटियों की भागीदारी बराबर होती जा रही है। देश में इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। स्पोर्ट्स के अंदर भारत का परचम... हमारे बेटे-बेटियां लहरा रही हैं।

निराशा में डूबे कुछ लोग

कुछ लोग ऐसी निराशा में डूबे हैं। काका हाथरसी ने कहा था, "आगा पीछा देखकर क्यों होते गमगीन, जैसी जिसकी भावना वैसा दिखे... निराशा का कारण है... जनता का बार-बार हुकुम, लेकिन साथ-साथ इस निराशा के बीचे जो मन में पड़ी चीज है। वो चैन से सोने नहीं देती है। 2004 से 2014 भारत की अर्थव्यवस्था धराशायी हो गई। 10 साल में महंगाई डबल थी। इसलिए कुछ अच्छा होता है तो निराशा होती है। जिन्होंने बेरोजगारी दूर करने के वादे किए थे।

... बाघ को दिखाया बंदूक का लाइसेंस

एक बार जंगल में दो नौजवान शिकार करने के लिए गए। वो गाड़ी में अपनी बंदूक रखकर बाहर टहलने लगे, लेकिन वहीं पर उन्हें बाघ दिखाई दिया। बाघ दिखा तो उन्होंने लाइसेंस दिखाया कि मेरे पास बंदूक का लाइसेंस है। इन्होंने भी बेरोजगारी दूर करने के नाम पर कानून दिखाया। ये इनकी तरीके हैं।

यूपीए की सरकार पर हमला

2004 से 2014 आजादी के इतिहास में घोटालों का समय रहा। कश्मीर से कन्याकुमारी, भारत के हर कोने में आतंकवादी हमलों का सिलसिला 10 साल चलता रहा। हर नागरिक असुरक्षित था। 10 साल में जम्मू-कश्मीर में हिंसा होती रहती थी। 10 सालों में भारत की आवाज ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर कमजोर थी। दुनिया इसे सुनने के लिए तैयार नहीं थी। आज हर मौके को मुसीबत में पलटना यूपीए की पहचान बन गई है।

पूरी दुनिया में ब्लैकआउट चर्चा में आया

ऊर्जा का देश के विकास में अपना एक महत्व होता है। भारत की ऊर्जा शक्ति के उभार की दिशा में चर्चा की जरूरत थी। इस सदी के दूसरे दशक में भारत की चर्चा ब्लैकआउट के नाम पर हुई। पूरी दुनिया में ब्लैकआउट चर्चा में आ गया। कोयला घोटाला चर्चा में आ गया।

यूपी में 1200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी जेके सीमेंट

लखनऊ। योगी सरकार की नीतियों और निवेश के लिए उपयुक्त माहौल के चलते न सिर्फ विदेशी बल्कि देश के अंदर भी बड़ी कंपनियां स्वतः ही निवेश के लिए आगे आ रही हैं। इसी क्रम में अब जेके सीमेंट लिमिटेड ने 1200 करोड़ रुपए के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। इसके अंतर्गत कंपनी आगामी 12 महीनों में 500 करोड़ रुपए के निवेश से प्रयागराज में एक यूनिट की स्थापना करेगी। कंपनी यूपी में 700 करोड़ की दो परियोजनाओं पर पहले से ही काम कर रही है।

 कंपनी के डिप्टी एमडी और सीईओ 10 से 12 फरवरी के मध्य राजधानी लखनऊ के वृंदावन योजना में आयोजित हो रही उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में भाग लेंगे, ताकि यूपी में कंपनी के विकास के लिए दीर्घकालिक रोडमैप तैयार किया जा सके। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के निर्देश पर जहां विभिन्न देशों के साथ ही देश के विभिन्न राज्यों में गई टीम योगी को निवेशकों से अच्छा रिस्पॉन्स मिला है तो वहीं ऐसे निवेशकों की भी कमी नहीं जो स्वयं प्रदेश में निवेश के लिए बेताब हैं और यूपीजीआईएस का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ये निवेशक अब यूपी में निवेश के लिए अपने रोडमैप के साथ सामने आ रहे हैं। 

उत्तर प्रदेश निवेश का पसंदीदा गंतव्य

कंपनी के डिप्टी एमडी और सीईओ माधवकृष्ण सिंघानिया ने कहा कि हम इस गतिशील राज्य का हिस्सा बनकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं, जिसमें न केवल हमारे लिए भौगोलिक लाभ है, बल्कि यह निवेश और विकास के लिए अवसरों की अधिकता भी प्रस्तुत करता है। व्यवसाय करने में आसानी से लेकर अपने समृद्ध संसाधनों और कुशल कार्यबल के साथ मिलकर एक सहायक व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने तक, उत्तर प्रदेश निश्चित रूप से हमारी विस्तार योजनाओं के लिए एक पसंदीदा गंतव्य है। जेके सीमेंट को प्रयागराज जिले में 2.50 एमटीपीए की क्षमता वाली अपनी तीसरी क्लिंकर ग्राइंडिंग यूनिट की स्थापना की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है। इस परियोजना के अगले 12 महीनों में 500 करोड़ रुपये के निवेश के साथ पूरा होने की उम्मीद है। इसके साथ ही जेके सीमेंट ने पूर्वी भारत में अपनी पहुंच को और मजबूत किया है। 

1200 करोड़ का हुआ कुल निवेश

कंपनी ने हाल ही में हमीरपुर (बुंदेलखंड) में अपनी दूसरी ग्रे सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट का उद्घाटन किया है। 400 करोड़ रुपए के प्रस्तावित निवेश के साथ पिछले साल यूपी सरकार के साथ हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के तहत हमीरपुर में नवनिर्मित इकाई की कुल उत्पादन क्षमता 2 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) है और इसने काम करना शुरू कर दिया है। वहीं, अलीगढ़ में चालू की गई पहली ग्रीनफील्ड स्प्लिट सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट लगभग 300 करोड़ रुपए के निवेश के साथ 1.50 एमटीपीए की क्षमता के साथ स्थापित की गई थी। 1200 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ सभी तीन ग्रीनफील्ड ग्राइंडिंग इकाइयां यूपी में अपनी उपस्थिति में सुधार करने और रोजगार के अवसर पैदा करके समुदायों की आजीविका में सुधार के अलावा प्रदेश की अर्थव्यवस्था में भी योगदान देंगी। 

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लिए दिए जाएंगे 60 करोड़

कंपनी के संस्थापक एमडी और पूर्व अध्यक्ष यदुपति सिंघानिया के नाम पर एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल स्थापित करने के क्षेत्र में सहयोग करने के लिए आईआईटी कानपुर के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं। कंपनी ने अपने सीएसआर के हिस्से के रूप में 60 करोड़ रुपए के वित्त पोषण के साथ कानपुर में 'यदुपति सिंघानिया मेमोरियल सुपर स्पेशलिटी अस्पताल' का समर्थन करने के लिए सहमति व्यक्त की है। यह अस्पताल अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा जो सभी को शीर्ष चिकित्सा देखभाल प्रदान करेगा।

जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया, जानें वजह

#pdpleadermehboobamuftidetainedbypolice 

दिल्ली पुलिस ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) नेता और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को हिरासत में लिया है। महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर में प्रशासन द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का विरोध करने दिल्ली पहुंचीं थीं। 

दिल्ली पुलिस ने पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को जम्मू-कश्मीर में चल रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान के विरोध में बुधवार को संसद तक मार्च निकालने से रोक दिया। पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ महबूबा की रेलवे भवन से संसद तक मार्च करने की योजना थी।हालांकि, पुलिस ने महबूबा मुफ्ती के साथ मौजूद पीडीपी नेताओं को भी हिरासत में लिया।

संसद भवन के पास धरना देते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा, जम्मू कश्मीर में गुंडा राज चल रहा है। कानून का शासन नहीं है, पहले हमारी पहचान छीन ली, अब जमीन, नौकरी छीन रहे हैं, हमसे हमारे घर छीन रहे हैं, दुकान तोड़ रहे हैं। जम्मू कश्मीर को अफगानिस्तान की तरह बर्बाद किया जा रहा है।

मुफ्ती ने पूछा-हम संयुक्त राष्ट्र में अपनी शिकायतों का निवारण करवाएं?

महबूबा ने कहा कि हम विपक्षी दलों और केंद्र सरकार को जम्मू और कश्मीर में बड़े पैमाने पर जनता के साथ हो रहे परेशानियों को बताने के लिए आए थे। महबूबा ने कहा, अगर हम संसद नहीं जा सकते हैं, तो मुझे आश्चर्य है कि हमें कहां जाना चाहिए। क्या सरकार चाहती है कि हम संयुक्त राष्ट्र में अपनी शिकायतों का निवारण करवाएं।

बीजेपी ने अपने बहुमत को हथियार बना लिया-मुफ्ती

इससे पहले, पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर में चल रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान को लेकर भारतीय जनता पार्टी सरकार की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से की। उन्होंने यह भी कहा कि फिलिस्तीन कश्मीर से बेहतर है।सोमवार को महबूबा मुफ्ती ने कहा था, बीजेपी ने देश के संविधान को ध्वस्त करने के लिए अपने क्रूर बहुमत को हथियार बना लिया है, उन्होंने असहमति और न्यायपालिका की आवाज को कुचलने के लिए मीडिया को भी हथियार बना लिया है।

सोशल मीडिया पर बोलीं एक्ट्रेस रवीना टंडन, ट्विटर पूरी तरह से ध्रुवीकृत है, यहां या तो राइट विंग है या लेफ्ट विंग, बीच का रास्ता नहीं बचा

बॉलीवुड सितारे सोशल मीडिया पर खूब एक्टिव रहते हैं। सेलेब्स इस मंच के जरिए अपनी निजी और पेशेवर जिंदगी की तमाम जानकारियां फैंस के साथ साझा करते नजर आते हैं। इसके अलावा वे सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर भी अपनी राय रखते हैं। कई बार उन्हें अपने विचारों की वजह से ट्रोलिंग का समाना करना पड़ जाता है। हाल ही में रवीना टंडन इस मुद्दे पर बात करती नजर आईं। रवीना टंडन ने कहा कि अगर सेलेब्स कुछ बोलते हैं तो भी उनकी आलोचना होती है और नहीं बोलते तो भी ट्रोल किया जाता है। 

हाल ही में एएनआई से बातचीत के दौरान रवीना टंडन ने कहा कि सेलेब्स कुछ बोलें या कुछ न बोलें, उन्हें दोनों ही मामलों में झेलना पड़ता है। रवीना ने कहा, 'मुझे ऐसा लगता है कि ट्विटर पूरी तरह से ध्रुवीकृत है। यहां या तो राइट विंग है या लेफ्ट विंग है। पूरी तरह से इस प्लेटफॉर्म पर इनका कब्जा है, ऐसा कुछ नहीं है जो आप कर सकते हैं। ऐसे में आपको या तो 'संघी' कहा जाएगा या 'नक्सलाइट'। इसके अलावा कोई बीच का रास्ता नहीं बचा है। लेकिन, हां जब भी बात मेरे देश की आती है और मुझे अपने देश के लिए बोलना पड़ता है तो फिर मैं भी भिड़ जाती हूं।'

सोशल मीडिया पर अपनी बात रखने के बाद रवीना को किस तरह के कमेंट्स का सामना करना पड़ता है, उन्होंने इस पर भी बात की। एक्ट्रेस ने कहा, 'लोग मुझे कहते हैं, 'अरे तू तो एक्टिंग ही कर, तू क्या जानती है?' मैं पूछती हूं, 'क्यों? मैं देश की नागरिक नहीं हूं? क्या मैं एक मां नहीं हूं, जिसके बच्चे देश की अगली पीढ़ी बनेंगे। मैं अपना टैक्स नहीं देती? एक नागरिक के रूप में अपने फर्ज नहीं अदा करती? क्या मुझे अपने देश पर गर्व नहीं है?' 

रवीना टंडन ने आगे कहा, 'जब भी मैं अपने देश के बारे में बोलना चाहती हूं तो एक एक्ट्रेस होने की वजह से मुझसे अपनी बात रखने का अधिकार क्यों छीन लिया गया?' अगर मैं आपके घर आकर आपसे मुद्दों पर बातें करने के लिए मना नहीं कर रही तो आप कौन होते हैं मुझसे यह सब कहने वाले? वर्क फ्रंट की बात करें तो रवीना जल्द ही फिल्म 'घुड़चढ़ी' में नजर आएंगी। इसके अलावा वह जल्द ही नेटफ्लिक्स की सीरीज 'अरण्यक' के दूसरे सीजन में भी नजर आने वाली हैं।

काम की खबर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अनिवार्य पात्रता मानदंड के तहत इंटर्नशिप की समय-सीमा बढ़ाई, हजारों मेडिकल उम्मीदवारों को मिली राहत

नीट पीजी 2023 को स्थगित करने की मांग को लेकर जारी रेजीडेंट डॉक्टरों के विरोध के बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अनिवार्य पात्रता मानदंड के तहत इंटर्नशिप की समय-सीमा बढ़ाते हुए हजारों उम्मीदवारों को राहत दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मेडिकल इंटर्नशिप पूरा करने की अंतिम तिथि 11 अगस्त, 2023 तक बढ़ाने का निर्णय किया है।

यह निर्णय 13,000 से अधिक एमबीबीएस छात्रों के भविष्य को देखते हुए लिया गया था, जो विलंबित इंटर्नशिप के कारण NEET PG 2023 परीक्षा के लिए पात्र नहीं थे। इससे पहले छात्र संगठन ABVP, UDAIndia और FAIMA ने भी स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को इंटर्नशिप की समय-सीमा बढ़ाने के लिए एक पत्र सौंपा था। इन संगठनों ने नीट पीजी परीक्षा टालने की भी लगातार मांग की जा रही थी। 

NEET PG Internship Deadline एमडी/एमएस के लिए 11 अगस्त तो बीडीएस के लिए 30 जून

स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा कि पांच राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 13,000 से अधिक एमबीबीएस छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए, जो विलंबित इंटर्नशिप के कारण नीट पीजी 2023 परीक्षा के लिए पात्र नहीं थे, MoHFW ने परीक्षा पात्रता के लिए इंटर्नशिप पूरी करने की अंतिम तिथि 11 अगस्त, 2023 बढ़ाने का फैसला किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि विलंबित इंटर्नशिप के कारण राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 3000 से अधिक बीडीएस छात्र नीट एमडीएस 2023 परीक्षा के लिए पात्र नहीं थे। उन्हें लाभान्वित करने के लिए, MoHFW ने पात्रता के लिए इंटर्नशिप पूरा करने की अंतिम तिथि को 30 जून, 2023 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। 

 

NEET PG 2023 परीक्षा टालने की खबर झूठी

हालांकि, नीट पीजी 2023 परीक्षा को स्थगित करने की मांग को लेकर जारी प्रदर्शनों के बीच, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने नीट पीजी 2023 परीक्षा तिथि को लेकर सोशल मीडिया पर चल रहे फर्जी नोटिस को लेकर चेतावनी जारी की है। नोटिस में नीट पीजी की पुनर्निर्धारित परीक्षा तिथियां हैं। इसे लेकर मंत्रालय ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर चेताया है कि यह संदेश NEET-PG 2023 परीक्षा के पुनर्निर्धारण के संबंध में कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित हो रहा है। यह संदेश यानी फर्जी है। इस तरह के गलत और भ्रामक संदेशों को साझा न करें।

 

NEET PG 2023 एडमिट कार्ड 27 फरवरी को

नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन की आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, नीट पीजी 2023 परीक्षा के एडमिट कार्ड 27 फरवरी, 2023 को जारी किए जाएंगे। नीट पीजी परीक्षा पांच मार्च को आयोजित की जाएगी। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि आधिकारिक अपडेट के लिए नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन की आधिकारिक वेबसाइट देखें और किसी अन्य माध्यमों पर भरोसा न करें।

500 साल पुराने इस शाही किले में होगी स्मृति ईरानी की बेटी की शादी, एक तरफ झील तो दूसरी तरफ है रेगिस्तान, जानिए, और क्या क्या है खासियत


 इन दिनों शादियों का सीजन जोरों पर है। ऐसे में फिल्म इंडस्ट्री में भी एक के बाद एक लगातार कई सेलेब्स शादी के बंधन में बंध रहे हैं। हाल ही में सुनील शेट्टी की बेटी अथिया शेट्टी और क्रिकेटर केएल राहुल शादी के बंधन में बंधे तो वहीं, सात फरवरी को एक्ट्रेस कियारा आडवाणी ने सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ सात फेरे लिए। वहीं, अब टीवी की जानी मानी अभिनेत्री और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की बेटी शनेल भी शादी के बंधन में बंधने जा रही है।

रॉयल अंदाज में होगी स्मृति की बेटी की शादी

स्मृति ईरानी की बेटी शनेल की शादी भी राजस्थान के खींवसर फोर्ट में रॉयल अंदाज में किया जाने वाला है। शादी का जश्न जोधपुर में 7 फरवरी से 9 फरवरी तक चलने वाला है। स्मृति अपनी बेटी की शादी अर्जुन भल्ला से हो रही है। बात दें कि अर्जुन ने बेहद ही फिल्मी अंदाज में शनेल को जोधपुर और नागौर के बीच स्थित खींवसर फोर्ट में शादी के लिए प्रपोज किया था। वहीं, अब दोनों इसी किले में शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं। आइए आपको बताते हैं खींवसर फोर्ट के बारे में।

500 साल पुराना है ये किला

आपको बता दें कि स्मृति ईरानी की बेटी शनेल ईरानी और अर्जुन भल्ला जिस फोर्ट में शादी कर रहे हैं वो बेहद ही खास है। 

खींवसर फोर्ट राजस्थान के नागौर जिले के खींवसर गांव में स्थित है। 500 साल पुराना ये किला जोधपुर और नागौर के बीच स्थित है। बता दें कि किला थार मरुस्थल के पूर्वी किनारे पर पड़ता है। इसे 1523 में राव करमसजी ने बनवाया था। वो जोधपुर के राव जोधा के आठवें बेटे थे। इस किले की खास बात ये है कि इसके एक तरफ रेगिस्तान तो दूसरी तरफ झील है। वहीं, यहां पर आने वाले गेस्ट दिन में डेजर्ट सफारी कर सकते हैं। इस फोर्ट में 71 कमरे और सुइट हैं। 2 बैंकेट और मीटिंग के वेन्यू हैं।

खड़गे की बात पर खिलखिलाए पीएम मोदी, जाने कांग्रेस सांसद की किस बात पर रोक नहीं पाए हंसी

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लोकसभा और राज्यसभा में इन दिनों माहौल काफी गर्म है। अडानी मुद्दे के कारण आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर चल रहा है। लगातार हो रहे हंगामे के बीच बुधवार को सदन में एक ऐसा पल आया जब धनकड़, पीएम और खरड़े सहित पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा।राज्यसभा में राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी से संसद की ओर ध्यान देने की अपील कर डाली। इस दौरान खड़गे ने इस लहजे में शिकायत की, जिससे पीएम मोदी समेत पूरा सदन खिलखिलाकर हंस पड़ा।

राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने शिकायती लहजे में कहा कि पीएम मोदी सदन में कम दिखते हैं। उन्होंने कहा, संसद जब चलती है, तो वह इधर ज्यादा ध्यान दें, तो ज्यादा अच्छा रहेगा।खरगे ने आगे कहा कि पीएम मोदी हमेशा चुनावी मोड में दिखाई देते हैं। इधर संसद चलती रहती है, उधर मेरे संसदीय क्षेत्र में गए हैं कलबुर्गा। अरे भई मेरा ही संसदीय क्षेत्र मिल रहा है आपको। और एक संसदीय क्षेत्र में दो-दो मीटिंग। खरगे के इतना कहते ही सदन में ठहाके गूंज उठे। पीएम मोदी भी खिलखिलाकर हंस पड़े।

खरगे के बयान पर आसन पर बैठे सभापति धनखड़ ने भी चुटकी ली और कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। इसमें जरूर कोई न कोई संबंध हैं। इस पर खरगे ने कहा कि आज पहली बार प्रधानमंत्री सदन में हंस रहे हैं।आप उनको हंसने भी नहीं दे रहे हैं।

राहुल के बाद खड़गे का सरकार पर तीखा हमला, पीएम मोदी से पूछा-नफरत फैलाने वालों को क्यों नहीं डराते?

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देश में इन दिनों अडानी समूह को लेकर बवाल मचा हुआ है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। इसका असर सदन में भी दिख रहा है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद विपक्ष इस पूरे मामले की जांच जेपीसी से कराने की मांग कर रहा है। अडानी मामले में मंगलवार को राहुल के जोरदार हमले के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने भाषण में पीएम मोदी पर जमकर सियासी तीर छोड़े।

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने पीएम मोदी को निशाने में लेते हुए आरोप लगाया कि जिम्मेदार मंत्री एवं सांसद 'हिंदू-मुस्लिम कर रहे हैं, वे अन्य किसी विषय पर चर्चा नहीं कर रहे।' कांग्रेस नेता ने कहा कि मंदिरों में प्रवेश करने पर दलितों को मारा-पीटा जा रहा है। खड़गे ने पूछा कि दलितों को यदि हिंदू समझा जाता है तो उन्हें मंदिरों में प्रवेश करने से रोका क्यों जाता है? 

खड़गे ने पूछा-नफरत फैलाने वालों को क्यों नहीं डराते?

खड़गे ने कहा कि कई मंत्री ऐसे हैं जो दलितों के यहां खाना-खाकर दिखावा करते हैं। खरगे ने कहा- आखिर दलितों का सियासी इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है? खरगे ने कहा कि इन सब पर पीएम चुप क्यों रहते हैं आप हर एक को डराते हो तो नफरत फैलाने वालों को आप क्यों नहीं डराते। आप मौनी बाबा मत बनिए। ऐसा बोलने वालों को आप टिकट मत दीजिये तो अपने आप ये सब सही हो जाएंगे।

पीएम के एक नजदीकी दोस्त की संपत्ति कुछ ही सालों में 13 गुना बढ़ गई-खड़गे

खरगे ने राज्यसभा में आगे कहा कि मैंने 2014 में कहा था कि न मैं खाऊंगा न मैं खाने दूंगा लेकिन पीएम मोदी के एक नजदीकी दोस्त की संपत्ति कुछ ही सालों में 13 गुना बढ़ गई, आखिर उन्होंने ऐसा क्या जादू कर दिया? खरगे ने कहा, इस व्यक्ति (गौतम अदाणी) को जो प्रोत्साहन मिला है। बैंकों ने 82 हजार करोड़ लोन दिया। मोदीजी को मालूम होगा कि गुजरात में एक किसान को 31 पैसे बकाया के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट नहीं मिला। पैसा भी हमारा, पोर्ट, एयरपोर्ट भी हमारे। हमारे ही पैसे से ये सेक्टर खरीद रहे हैं। अगर पब्लिक सेक्टर जिंदा होते तो उसमें रिजर्वेशन होता, नौकरियां होतीं। बीएसएनल होता, या ऐसे पब्लिक सेक्टर होते तो 30 लाख रोजगार होता और 15 लाख रिजर्वेशन मिलता। 10 फीसदी इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन को मिलता। सब प्राईवेट कर दे रहे हैं। जो रोजगार था, वो खत्म कर दे रहे हैं। 10 लाख रोजगार यहां पर है। अडाणी को 82 हजार करोड़ दे दिए और उसके पास 20 हजार लोग काम करते हैं।

बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर भी उठाए सवाल

खरगे ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान कहा कि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर रोक की क्या जरूरत है। बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री चलने दीजिए जितना आप उसे छिपाएंगे उतना लोग उसे देखने की कोशिश करेंगे। मैं ये कोट अटल बिहारी वाजपेयी जी का करूंगा। ये तो कर सकता हूं न? खरगे ने कहा कि अटल ने अहमदाबाद में कहा था कि सांप्रदायिक हिंसा से विदेशों में भारत की छवि खराब हुई है। क्या मुंह लेकर विदेश जाऊंगा, राजधर्म का पालन नहीं हुआ। ये मेरा नहीं है, अटल का है।