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अदाणी ग्रुप को अब उत्तरप्रदेश में लगा झटका, स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर रद्द, खरीद लागत करीब 5400 करोड़ रुपये आंकी गई थी


 अदाणी समूह के लिए उत्तर प्रदेश से भी बुरी खबर है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम (एमवीवीएन) ने तय दर से 40 प्रतिशत अधिक दर को आधार बनाते हुए अदाणी समूह के स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया है। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन की अन्य कंपनियों पश्चिमांचल, पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में भी निविदा भी फंसने के आसार दिखाई दे रहे हैं। सभी जगह पर टेंडर निरस्त करने का अंतिम फैसला सेंट्रल स्टोर परचेज कमेटी करेगी।

इधर, पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज ने कहा कि अभी उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम से रिपोर्ट आने के बाद वे कुछ कह सकेंगे। बता दें कि प्रदेश में बीते दिनों करीब 25 हजार करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश में 2.5 करोड़ प्रीपेड स्मार्ट मीटर खरीदने की टेंडर प्रक्रिया हुई थी। टेंडर में सभी जगह अदाणी समूह ने भाग लिया था। अधिकतर टेंडर में इस ग्रुप की दरें न्यूनतम आई थीं।

न्यूनतम दर होने के कारण टेंडर इस ग्रुप को मिलने के पूरे आसार थे। हालांकि, अदाणी समूह ने जो दरें दी थीं वो स्टैंडर्ड बिल्डिंग गाइडलाइन छह हजार रुपये प्रति मीटर से कहीं अधिक दस हजार रुपये रहीं। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने टेंडर निरस्त करने का आधार इसे ही बनाया गया है। मध्यांचल वितरण निगम ने अपने क्षेत्र के लिए करीब 70 लाख स्मार्ट मीटर खरीदने का टेंडर किया था, जिसे निरस्त किया गया है। इन स्मार्ट मीटर की खरीद लागत करीब 5400 करोड़ रुपये आंकी गई थी।

मध्यांचल व अन्य वितरण निगम द्वारा निकाले गए टेंडर में अदाणी समूह के अलावा जीएमआर व इन टेलीस्मार्ट की दरें भी एस्टीमेटेड दर छह हजार रुपये से

 48 से 65 प्रतिशत तक अधिक आई थीं। उपभोक्ता परिषद ने इस मामले को लेकर विद्युत नियामक आयोग में याचिका डाली और पावर कारपोरेशन प्रबंधन से भी इसे निरस्त करने की मांग की थी। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने पूरे मामले की सीबीआइ जांच की मांग उठाई थी। यह भी तर्क दिया था कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दरें गुजरात में 15 से 20 प्रतिशत तक कम आई हैं।

दिल्ली में फिर सियासी हलचल तेज, मेयर चुनाव के लिए आज तीसरी बार तैयारी

#delhi_mayor_election

दिल्ली में नगर निकाय चुनाव हुए दो महीने का समय बीत चुका है पर अब तक शहर को नया मेयर नहीं मिला है। हंगामे, हाथापाई और धरना प्रदर्शन के बीच दिल्ली नगर निगम मेयर पद का चुनाव दो बार पहले ही टल चुका है। आज तीसरी बार दिल्ली के मेयर को चुनने के लिए नगर निगम (एमसीडी) सदन की बैठक बुलाई गई है। ऐसे में अहम सवाल यही है कि क्या आज मेयर चुना जाएगा या नहीं?

6 जनवरी और 24 जनवरी को टल चुका है चुनाव

दिल्ली नगर निगम अधिनियम (DMC Act) 1957 के तहत मेयर और डेप्युटी मेयर का चुनाव नगर निकाय सदन की पहली बैठक में ही हो जाना चाहिए। हालांकि ऐसा नहीं हो सका है। यह चुनाव दो बार टाला जा चुका है। मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए आज तीसरी बार मीटिंग हो रही है।इससे पहले दो बार 6 जनवरी और 24 जनवरी को सदन में हंगामे के चलते चुनाव नहीं हो पाया था।भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के पार्षदों के हंगामे की वजह से पीठासीन अधिकारी ने महापौर का चुनाव कराए बिना कार्यवाही स्थगित कर दिया था।

आप की शैली ओबेरॉय और भाजपा की रेखा गुप्ता के बीच टक्कर

भाजपा ने मेयर पद के लिए रेखा गुप्ता को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं आप की ओर से शैली ओबरॉय महापौर पद की दौड़ में शामिल हैं। उप महापौर के लिए आप और भाजपा ने क्रमश: आले मोहम्मद इकबाल और कमल बागरी को मैदान में उतारा है। सोमवार को महापौर और उप महापौर के साथ एमसीडी की स्थायी समिति के छह सदस्यों का भी चुनाव होना है।

बता दें कि दिल्ली नगर निगम का चुनाव बीते साल दिसंबर में हुआ था। दिल्ली में नगर निगम के लिए चार दिसंबर को वोट डाले गए थे और सात दिसंबर को रिजल्ट आए थे। आम आदमी पार्टी 134 पार्षदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी जबकि 15 सालों से एमसीडी की सत्ता पर काबिज भाजपा को 104 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस ने 9 सीटें जीती थीं।

कॉलेजियम की सिफारिश पर केंद्र की मुहर के बाद सुप्रीम कोर्ट को मिले पांच नए जज, आज होगा शपथ ग्रहण*

#supremecourtfivenewjudgeswilltakeoathtoday

आज सुप्रीम कोर्ट को पाच नए जज मिलेंगे। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा सिफारिश किए गए पांच जजों के नामों को केन्द्र की मंजूरी दिए जाने के बाद आज शपथ ग्रहण होना है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पिछले साल दिसंबर में ही इन नामों की सिफारिश की थी। केन्द्र सरकार की मंजूरी से एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति को स्वीकृति ना मिलने पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि हमें सख्त फैसले लेने को मजबूर ना करें।

सुप्रीम कोर्ट में आज जिन 5 नए जजों को शपथ दिलाई जा रही है, 3 चीफ जस्टिस जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस पीवी संजय कुमार शामिल होंगे। वहीं दो जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह, जस्टिस मनोज मिश्रा भी शपथ लेंगे। नई नियुक्तियों के बाद अब इनकी संख्या बढ़कर 32 हो जाएगी। वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में 27 जज हैं। जबकि यहां 34 जजों के पद स्वीकृत हैं।

जाने सभी पांच न्यायाधीशों के बारे मेः-

जस्टिस पंकज मित्तल-राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। इससे पहले वह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस थे। इससे पहले वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस थे। मित्तल को साल 1985 में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में शामिल किया गया था।

जस्टिस संजय करोल- नवंबर 2019 से पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। इससे पहले, उन्हें त्रिपुरा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया था। वह हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में कार्यवाहक चीफ जस्टिस के तौर पर काम कर चुके हैं।

जस्टिस पीवी संजय कुमार- 2021 से मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। इससे पहले वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जस्टिस थे। उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में भी जस्टिस के रूप में काम किया है। संजय कुमार को अगस्त 1988 में आंध्र प्रदेश की बार काउंसिल के मेंबर के रूप में शामिल किया गया था।

जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह- पटना हाईकोर्ट के जस्टिस हैं। 2011 में पटना हाईकोर्ट में जस्टिस बनकर पहुंचे, फिर 2021 में उनका ट्रांसफर आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में कर दिया गया। इसके बाद, उन्हें जून 2022 में दोबारा पटना हाईकोर्ट में भेजा गया। जस्टिस अमानुल्लाह को सितंबर 1991 में बिहार स्टेट बार काउंसिल में शामिल किया गया था।

जस्टिस मनोज मिश्रा-* इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस हैं। उन्होंने साल 2011 में जस्टिस के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के दीवानी, राजस्व, आपराधिक और संवैधानिक पक्षों में अभ्यास किया है।

अयोध्या में भव्य राम मंदिर तो लखनऊ में लगेगी लक्ष्मण की मूर्ति, इतनी होगी ऊंचाई

डेस्क: अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है तो लखनऊ में योगी आदित्यनाथ सरकार लक्ष्मण की मूर्ति लगाने जा रही है। लखनऊ के रास्ते अयोध्या जाने वाले श्रद्धालु पहले प्रभु राम के छोटे भाई लक्ष्मण के दर्शन करेंगे और फिर अयोध्या में प्रभु राम के। ये मूर्ति लखनऊ एयरपोर्ट के बाहर लगेगी। ब्रॉन्ज से बनी ये मूर्ति 12 फिट की है जो छह फीट ऊंचे पेडस्टल पर लगाई जाएगी यानि जमीन से करीब 18 फिट ऊंची दिखाई देगी। आज रात यह लखनऊ पहुंच जाएगी।

लक्ष्मण ने बसाया था लखनऊ

मान्यता है कि भगवान राम ने ये इलाका लक्ष्मण जी को उपहार में दिया था। लक्ष्मण ने ही लखनऊ बसाया था इसलिए पहले शहर का नाम लक्ष्मणपुर या लखनपुर था। मूर्ति में धनुष बाण के साथ लक्ष्मण रौद्र रूप में दिखाई देंगे। मूर्ति प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार ने बनाई है, इसे तैयार करने के लिए ब्रॉन्ज (कांस्य) का उपयोग किया गया है। 

प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार ने कई बड़े महापुरुषों की मूर्तियां बनाई हैं। उन्हें सबसे अधिक लोकप्रियता स्टैचू ऑफ यूनिटी से मिली जो कि विश्व की सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक है। राम सुतार 96 साल के हैं और लगभग 50 साल से मूर्तियां बनाने का काम कर रहे हैं।

अडानी ग्रुप के शेयर में आई गिरावट पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये दिया बयान

डेस्क: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अडाणी समूह के शेयरों में आई भारी गिरावट को एक कंपनी तक केंद्रित मामला बताते हुए कहा है कि शेयर बाजार को स्थिर रखने के लिए सेबी और रिजर्व बैंक जैसे नियामकों को हमेशा चौकस रहना चाहिए। 

सीतारमण ने एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में कहा है कि बैंक एवं बीमा कंपनियों ने किसी एक कंपनी में हद से अधिक निवेश नहीं किया है। इसके साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि भारतीय बाजारों का नियामक बहुत अच्छी तरह प्रबंधन करते हैं। बैंक एवं बीमा कंपनियां खुद ही आगे आकर अडाणी समूह को लेकर अपनी स्थिति साफ कर रही हैं। इनका किसी भी एक कंपनी में अधिक पैसा नहीं लगा है। यह बात खुद वही सामने आकर कह रहे हैं।

बाजार में कभी-कभार छोटे-मोटे झटके लगते रहते हैं

एक मीडिया चैनल से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हां, बाजार में कभी-कभार छोटे-मोटे झटके लगते रहे हैं, लेकिन ये नियामक इस तरह के मुद्दों का ध्यान रखते हैं। मेरी स्पष्ट राय है कि हमारे नियामक इस मसले में लगे हुए हैं। अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में बीते 10 दिन में भारी गिरावट आई है।

 हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट में शेयरों के भाव बढ़ाने के लिए गलत तरीके अपनाने के आरोप लगने के बाद इस समूह का बाजार पूंजीकरण 100 अरब डॉलर से अधिक गिर चुका है। हालांकि, अडाणी समूह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसकी कंपनियां सभी कानूनों एवं खुलासा प्रावधानों का पालन करती हैं। 

यह कंपनी का है मामला

इस मामले में नियामकों की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर सीतारमण ने कहा कि मेरी राय बस यही है कि नियामकों, चाहे वह आरबीआई हो या सेबी को समय पर काम करना चाहिए और बाजार को स्थिर रखने के लिए काम करना चाहिए। वित्त मंत्रालय में रहते हुए मेरा यही मत है कि नियामकों को हमेशा ही चौकस रहना चाहिए। 

जब उनसे पूछा गया कि अडाणी समूह के शेयरों में जारी गिरावट क्या सिर्फ एक समूह तक ही सीमित मामला है तो उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा ही लगता है। मुझे इस मामले का भारत में विदेशी पूंजी प्रवाह पर कोई असर पड़ता हुआ नहीं दिख रहा है। पिछले कुछ दिनों में विदेशी मुद्रा भंडार आठ अरब डॉलर बढ़ गया है।

13 करोड़ पैन धारकों के लिए बुरी खबर, 31 मार्च तक नहीं किया ये काम तो अकाउंट हो जाएगा ब्लॉक

डेस्क: पैन कार्ड धारकों के लिए बजट के ठीक बाद एक बड़ी खबर आई है। केंद्रीय प्रत्यक्ष टैक्स बोर्ड (सीबीडीटी) के तरफ से इस बात को लेकर जानकारी दी गई है कि अगर पैन धारक 31 तारीख तक सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन नहीं करते हैं तो उनके कारोबार और टैक्स संबंधी सुविधाएं काम करना बंद कर देंगी। 

बता दें कि कुल 61 करोड़ स्थायी खाता संख्या (PAN) में से करीब 48 करोड़ को अबतक विशिष्ट पहचान संख्या आधार से जोड़ा जा चुका है। 13 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिनका पैन-आधार से अभी तक लिंक नहीं हो पाया है। इन लोगों के लिए अब सरकार ने खतरे की घंटी बजा दी है और लिंक कराने की आखिरी डेट भी तय कर दी है।  

31 मार्च तक ऐसा नहीं करने वाले लोगों को कारोबार एवं टैक्स संबंधी गतिविधियों में लाभ नहीं मिल पाएगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरपर्सन नितिन गुप्ता ने बताया कि अब भी कई करोड़ पैन को आधार से नहीं जोड़ा गया है, लेकिन 31 मार्च की समयसीमा खत्म होने तक इस काम के भी पूरा हो जाने की उम्मीद है। 

सरकार ने पैन को आधार से जोड़ना अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए 31 मार्च 2023 की समयसीमा तय करते हुए कहा गया है कि आधार से नहीं जोड़े गए व्यक्तिगत पैन इस तारीख के बाद निष्क्रिय घोषित कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही सरकार ने कहा है कि मौजूदा समय से 31 मार्च के बीच पैन को आधार से जोड़ने के लिए 1,000 रुपये का शुल्क देना होगा। 

सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि पैन को आधार से जोड़ने के बारे में कई जागरूकता अभियान चलाए गए हैं और हमने इस समयसीमा को कई बार बढ़ाया है। अगर तय समय तक पैन को आधार नहीं जोड़ा जाता है, तो उस धारक को कर लाभ नहीं मिल पाएगा क्योंकि उसका पैन ही मार्च के बाद वैध नहीं रहेगा।

सीबीडीटी पिछले साल जारी एक परिपत्र में यह साफ कर चुका है कि पैन के निष्क्रिय हो जाने के बाद संबंधित व्यक्ति को आयकर अधिनियम के तहत निर्धारित सभी परिणामों का सामना करना होगा। इसमें आयकर रिटर्न न दाखिल कर पाना और लंबित रिटर्न का प्रसंस्करण न हो पाने जैसी स्थितियां शामिल हैं। 

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पैन को साझा पहचानकर्ता बनाने की बजट घोषणा कारोबारी जगत के लिए फायदेमंद होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में ऐलान किया है कि सरकारी एजेंसियों की डिजिटल प्रणालियों में पैन को कारोबारी प्रतिष्ठान अब एक साझा पहचानकर्ता के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे।

पाकिस्तान के क्वेटा में स्टेडियम से कुछ ही दूरी पर हुआ ब्लास्ट, आतंकी संगठन ने सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने की बात कबूली


डेस्क: रविवार 5 फरवरी को क्वेटा के नवाब अकबर बुगती स्टेडियम से कुछ ही दूरी पर एक ब्लास्ट हुआ। यह ब्लास्ट पुलिस लाइन के एरिया में हुआ जिसमें आतंकी संगठन ने सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने की बात भी कबूली। खास बात यह रही कि उसी वक्त बुगती स्टेडियम में पीएसएल का प्रदर्शनी मैच भी चल रहा था। जहां बाबर आजम और शाहिद अफरीदी जैसे स्टार खिलाड़ी भी मौजूद थे।

पाकिस्तान की इंटरनेशनल टीम के कप्तान बाबर आजम और दिग्गज पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी सहित शीर्ष पाकिस्तानी क्रिकेटरों को स्टेडियम से कुछ ही मील की दूरी पर हुए आतंकी हमले के बाद महफूज किया गया। सुरक्षा के लिए इन सभी स्टार खिलाड़ियों को डगआउट या स्टैंड से फौरन ड्रेसिंग रूम में ले जाया गया। ये खिलाड़ी पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) का एक प्रदर्शनी मैच खेल रहे थे जिसे इस धमाके के बाद कुछ देर के लिए रोक भी दिया गया था। यह विस्फोट पुलिस लाइंस क्षेत्र में हुआ जिसमें पांच लोगों के घायल होने की भी खबर मिली। 

एक सीनियर पुलिस ऑफिसर ने कहा कि, बचाव कार्य पूरा कर लिया गया और सभी घायलों को अस्पताल पहुंचा दिया गया है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने रविवार को एक बयान में इस हमले की जिम्मेदारी ली है जिसमें कहा गया है कि, सुरक्षा अधिकारियों को इस धमाके में निशाना बनाया गया था। धमाके के बाद एक बार फिर पाकिस्तान में डर का माहौल बन गया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि, जैसे ही धमाका हुआ, ऐहतियात के तौर पर मैच रोक दिया गया और खिलाड़ियों को कुछ देर के लिए ड्रेसिंग रूम में ले जाया गया। बाद में मैच बहाल हो गया। इस मैच के लिए मैदान खचाखच भरा हुआ था।

इफ्तिखार अहमद ने लगाए 6 छक्के

वैसे तो पीएसएल की शुरुआत 13 फरवरी से होगी। लेकिन रविवार को एक एग्जीबीशन यानी प्रदर्शनी मैच खेला गया। इसमें क्वेटा ग्लैडिएटर्स का सामना हुआ पेशावर जाल्मी से। क्वेटा के लिए इफ्तिखार अहम ने 50 गेंदों पर 94 रनों की नाबाद पारी खेली। खास बात यह रही कि पारी के आखिरी ओवर में उन्होंने पेशावर के सबसे सफल और 3 ओवर में 11 रन देकर 3 विकेट लेने वाले वहाब रियाज के ऊपर लगातार 6 छक्के लगा दिए। इसकी बदौलत क्वेटा ने पहले खेलते हुए इस मैच में 5 विकेट पर 184 रन का स्कोर खड़ा किया। इफ्तिखार के इन छह छक्कों ने भारतीय सिक्सर किंग युवराज सिंह की याद दिला दी।

जयपुर महाखेल में खिलाड़ियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पीएम मोदी ने दिया जीत का मंत्र, बोले, अगर आप फिट रहेंगे, तभी सुपरहिट रहेंगे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जयपुर महाखेल में खिलाड़ियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने खिलाड़ियों से कहा कि अगर आप फिट रहेंगे, तभी सुपरहिट रहेंगे। बता दें कि इस दौरान नरेन्द्र मोदी ने खिलाड़ियों को सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।

'जीतने के लिए भी उतरें, सीखने के लिए भी उतरें'

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि, 'जयपुर महाखेल में मेडल जीतने वाले और इस प्रतियोगिता में शामिल होने वाले प्रत्येक खिलाड़ी, कोच और उनके परिजनों को बहुत-बहुत बधाई। आप सब जयपुर के खेल मैदान में केवल खेलने के लिए न उतरें, आप जीतने के लिए भी उतरें और सीखने के लिए भी उतरें।'

उन्होंने कहा कि, 'राजस्थान की धरती तो अपने युवाओं के जोश और सामर्थ्य के लिए ही जानी जाती है। इतिहास गवाह है इस वीर धरा की संतान रणभूमि को भी अपने शौर्य से खेल का मैदान बना देती है। इस राज्य ने देश को कितनी ही खेल प्रतिभाएं दी हैं, जिन्होंने मेडल देकर देश की शान को बढ़ाया।'

खेल बजट में तीन गुना बढ़ोत्तरी

खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए नरेन्द्र मोदी ने बताया कि 'इस बार के आम बजट में खेल विभाग को करीब 25,000 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। जबकि 2014 से पहले खेल विभाग का बजट 800-850 करोड़ के आस-पास ही रह जाता था।'

उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार अब जिला स्तर और स्थानीय स्तर तक पर sports facilities बना रही है। अब तक देश के सैकड़ों जिलों में लाखों युवाओं के लिए sports infrastructure तैयार किया गया है। इस बार नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी को भी अधिकतम बजट दिया गया है। हमारा प्रयास है कि स्पोर्ट्स मैनेजमेंट और स्पोर्ट्स तकनीकी से जुड़ी हर विद्या को सीखने का माहौल मिले जिससे युवाओं को इस क्षेत्र में करियर बनाने का अवसर मिलेगा। 

Fit रहेंगे तभी Super Hit रहेंगे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि, 'खेलो इंडिया के साथ-साथ फिट इंडिया भी एक महत्वपूर्ण मिशन है। फिटनेस केवल स्पोर्ट्स ग्राउंड पर ही नहीं, बल्कि ग्राउंड ऑफ लाइफ के लिए भी जरूरी है।' उन्होंने कहा कि 'मैं आप सभी से कहना चाहता हूं कि आप फिट तो पूरा देश फिट है।

बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में हुई धर्म संसद, जंतर-मंतर पर जुटे समर्थकों ने की भड़काऊ बयानबाजी

डेस्क: बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों काफी सुर्खियों में बने हुए हैं। वह खुद को सनातनी योद्धा बताते हैं। इस बीच उनके समर्थन में दिल्ली के जंतर मंतर पर साधु-संतों ने आज धर्म संसद की है। ये धर्म संसद बागेश्वर धाम सरकार की सुरक्षा के लिए बुलाई गई थी, लेकिन इस मंच से कई विवादित और भड़काऊ बयान भी दिए गए हैं। मंच से ऐसी बयानबाजी की गई है, जिसे बताया तो नहीं जा सकता लेकिन ये जरूर कहा जा सकता है कि ये काफी आपत्तिजनक है। 

महामंडेलश्वर स्वामी भक्त हरी ने दिया भड़काऊ बयान

ये भड़काऊ बयान ऋषिकेश से आए महामंडेलश्वर स्वामी भक्त हरी ने दिए हैं। हिंदू समुदाय को जगाने की बात करने के साथ स्वामी भक्त हरी ने दूसरे समुदाय के खिलाफ काफी आपत्तिजनक बातें बोली हैं। 

बाबा बागेश्वर के समर्थकों का कहना है कि सनातन धर्म और हिंदू राष्ट्र की बात करने वाले बाबा बागेश्वर की जान को खतरा है। उनके पीछे धर्मद्रोही हाथ धोकर पड़े हैं। बाबा के समर्थकों की मांग है कि सरकार उन्हें Z+ सिक्योरिटी दे। 

महामंडलेश्वर स्वामी भक्त हरी अपनी बात पर कायम हैं। वो कह रहे हैं कि उन्होंने जो कहा सोच-समझकर कहा। वहीं बाबा बागेश्वर के समर्थक सड़क पर शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं।

केंद्र सरकार की बड़ी कार्रवाई, चीन से लिंक रखने वाले 200 से ज्यादा ऐप पर बैन लगाने की प्रक्रिया शुरू

डेस्क: चीन से लिंक रखने वाले ऐप्स पर बड़ी कार्रवाई हुई है। केंद्र सरकार ने 138 सट्टेबाजी ऐप्स और 94 लोन देने वाले ऐप्स को बैन और ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ये कार्रवाई गृह मंत्रालय से बातचीत के आधार पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने की है। 

मिली जानकारी के मुताबिक, छह महीने पहले 28 चीनी लोन देने वाले ऐप्स की केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जांच शुरू की थी, जिसमें ये पाया गया कि ऐसे 90 से ज्यादा ऐप ई-स्टोर पर मौजूद हैं और किसी तीसरे लिंक के जरिए काम कर रहे हैं। ये ऐप्स लोगों को ज्यादा कर्ज के जाल में फंसाते थे और इनके इस्तेमाल से भारतीय नागरिकों के डाटा को भी हानि पहुंच सकती थी। 

खबर ये भी है कि जांच में पाया गया है कि इन ऐप्स के जरिए सिक्योरिटी का दुरुपयोग किया जा सकता था और इनके द्वारा आसानी से भारतीयों के डाटा तक पहुंचा जा सकता था। जिन ऐप्स को बैन किया गया है, उनमें से ज्यादातर को चीनी नागरिकों ने बनाया था। इन लोगों ने भारतीयों को काम पर रखकर उन्हें अपना कामकाज सौंपा और अहम जिम्मेदारी सौंपी।