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व्हाइट हाउस में ट्रंप-जेलेंस्की मुलाकात पर दुनियाभर की नजर, हो सकती है ये बड़ी डील

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यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की अमेरिका दौरे पर पहुंच चुके हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति के शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने की उम्मीद है। वहीं दावा किया जा रहा है कि अमेरिका जेलेंस्की के साथ दुर्लभ खनिजों के “खजाने” को लेकर जील कर सकता है। वहीं, इस बैठक को रूस-यूक्रेन युद्ध के भविष्य का निर्धारण करने वाला एक निर्णायक मोड़ माना जा रहा है। तीन साल से जारी इस युद्ध के समाधान की और अमेरिका-यूक्रेन संबंधों को एक नई परिभाषा देने के लिए यह मुलाकात बेहद महत्वपूर्ण होगी। यही वजह है कि इस मुलाकात पर दुनियाभर की निगाहें लगी हुईं हैं।

राष्ट्रपति ट्रंप की सत्ता में वापसी के बाद राष्ट्रपति जेलेंस्की से यह पहली मुलाकात होगी, जो वैश्विक राजनीति को प्रभावित कर सकती है। इस बैठक में यूक्रेन को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता, सुरक्षा गारंटी, रूस के साथ संभावित शांति समझौता और एक बड़े खनिज सौदे पर चर्चा होने की संभावना है। यह डील अमेरिकी सैन्य मदद के बदले यूक्रेन के दुर्लभ खनिज संसाधनों के इस्तेमाल से जुड़ी है।

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को घोषणा की है कि यूक्रेन अमेरिका के साथ खनिज सौदा करने को तैयार है। ट्रंप ने दावा किया था कि यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की डील साइन करने शुक्रवार को अमेरिका के दौरे पर आएंगे।

दबाव और धमकियों के बाद डील

यह डील ट्रंप के दबाव और धमकियों के बाद हो रही है। जेलेंस्की ने खुलासा किया कि ट्रंप रूस के खिलाफ युद्ध में अमेरिका से अब तक मदद के नाम पर मिले लगभग 500 अरब डॉलर वापस मांग रहे हैं। जेलेंस्की ने कहा- अगर ट्रम्प को यूक्रेन के खनिजों के अधिकार नहीं देते हैं तो यूक्रेन की 10 पीढ़ियां 500 अरब डॉलर को चुकाने में खप जातीं।

सुरक्षा गारंटी का मुद्दा डील नाकाम कर सकता है

जेलेंस्की ने अमेरिका यात्रा को लेकर कहा कि मैं इस विजिट को बहुत पंसद करूंगा। यह सिर्फ एक शुरुआत है। इसकी सफलता राष्ट्रपति ट्रंप के साथ हमारी बातचीत पर निर्भर करेगी। उन्होंने स्वीकार किया कि एक बड़ा मुद्दा समझौते को नाकाम कर सकता है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन यह जानना चाहता है कि अमेरिका उसे दी जाने वाली सैन्य मदद को लेकर फिलहाल क्या रुख रखता है।

दरअसल यूक्रेन चाहता है कि सीजफायर समझौते के तहत उसे भविष्य में किसी भी रूसी हमले से सुरक्षा की गारंटी मिले, जबकि अमेरिका कोई भी गारंटी देने से इनकार कर चुका है। जेलेंस्की ने कहा कि खनिज सौदे से होने वाली कमाई यूक्रेन और अमेरिका के ज्वाइंट अकाउंट में जमा होगी और इसके बाद यूक्रेन अमेरिका कर्जदार नहीं रहेगा।

जरूरत पड़ी तो जेलेंस्की से बात करेंगे पुतिन', सऊदी में अमेरिका के साथ बैठक के बीच रूस का ऐलान

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डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को खत्म करने की चर्चा जोरों पर है। इस बीच यूक्रेन में जंग खत्म करने को लेकर अमेरिका ने रूस के साथ सऊदी अरब में बैठक की है।बैठक में इन दोनों मुल्कों के प्रतिनिधियों के अलावा सऊदी के प्रतिनिधि भी शामिल रहे, लेकिन यूक्रेन की तरफ से किसी को भई मीटिंग में नहीं बुलाया गया। इन सबके बीच रूस की सरकार ने एक बड़ा बयान जारी करते हुए कहा है कि अगर जरूरी है तो राष्ट्रपति पुतिन, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बात करने के लिए तैयार हैं।

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने यह जानकारी देते हुए कहा कि रूस और अमेरिका के बीच वार्ता अब खत्म हो गई है। इसके साथ ही, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बैठक के लिए अभी तक कोई तारीख तय नहीं की गई है। वहीं, कहा कि किसी भी समझौते का कानूनी आधार तय होना चाहिए, खासकर इस संदर्भ में कि जेलेंस्की की वैधता पर सवाल हो सकता है।

राष्ट्रपति पुतिन का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब आज मंगलवारको सऊदी अरब में रूस और अमेरिका के राजनयिकों की बैठक हुई। इस मीटिंग का उद्देश्य रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए एक समझौता करना है। बैठक के दौरान खास बात ये देखने को मिली कि रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने को लेकर चर्चा की गई लेकिन यूक्रेन के राजनयिक को जगह नहीं दी गई।

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने सोमवार को स्पष्ट रूप से कहा है कि उनका देश युद्ध समाप्त करने के लिए इस सप्ताह अमेरिका-रूस वार्ता में भाग नहीं लेगा। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि यूक्रेन इस वार्ता में भाग नहीं लेगा इसलिए वह वार्ता के नतीजों को भी स्वीकार नहीं करेगा।

क्या खत्म होगा रूस-यूक्रेन जंग? सीजफायर को तैयार जलेंस्की

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रूस और यूक्रेन के बीच ढाई साल से अधिक समय से युद्ध जारी है। अमेरिका समेत यूरोप के कई देश खुलेआम रूस के खिलाफ यूक्रन की मदद कर रहे हैं। बाइडेन ने यूक्रेन को ATACMS मिसाइलों से रूस पर हमले की मंजूरी दी। इसके बाद यूक्रेन ने रूस पर मिसाइलें दाग भी दी। यूक्रेन ने अमेरिकी और ब्रिटिश मिसाइलों की मदद से रूस पर कई हमले किए। इसके जवाब में रूस की ओर से इस युद्ध में पहली बार इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया गया। इस बीच दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका बढ़ गई है। गहरी होती युद्ध की आशंका के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने संकेत दिया है कि वे रूस के साथ एक अस्थायी युद्ध विराम समझौते पर हामी भर सकते हैं।

द टेलीग्राफ ने दावा किया है कि जेलेंस्की शांति के लिए रूस को यूक्रेनी क्षेत्र भी देने को तैयार हो गए हैं। इस वक्त पूरी दुनिया के लिए यह खबर सबसे बड़ी है। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार ज़ेलेंस्की ने कह दिया है कि "मैं शांति हासिल करने के लिए यूक्रेनी क्षेत्र रूस को छोड़ दूंगा।

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने पहली बार कहा कि उनका देश 'नाटो की छत्रछाया' में यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्र को रूस के लिए छोड़ने को तैयार हैं, बशर्ते वह नाटो की सुरक्षा में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नाटो के संरक्षण में यूक्रेन अपने उस क्षेत्र को रूस के लिए अस्थायी रूप से छोड़ सकता है, जो रूस के कब्जे में है। व्लादिमिर ज़ेलेंस्की ने शुक्रवार रात पहली बार कहा कि युद्ध समाप्त करने के लिए वह रूस को अपना क्षेत्र सौंपने को तैयार हैं।

जेलेंस्की ने कहा कि किसी भी समझौते में यूक्रेन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं को मान्यता देनी होगी। यह सुनिश्चित करना होगा कि कब्जे वाले क्षेत्र सैद्धांतिक रूप से यूक्रेन का हिस्सा बने रहें। जेलेंस्की ने भविष्य में रूसी आक्रमण को रोकने के लिए नाटो समर्थित युद्ध विराम को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि नाटो को तुरंत यूक्रेन के उस हिस्से को कवर करना चाहिए , जो हमारे नियंत्रण में है। ऐसा ना होने पुतिन की सेना फिर से यहां आ जाएगी वापस आ जाएगा।

यूक्रेन को भारत पर क्यों है भरोसा? जेलेंस्की बोले- मोदी जंग पर असर डाल सकते हैं

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रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुए 32 महीने से अधिक बीत चुके हैं। इसके बावजूद भी संघर्ष रूकने का नाम नहीं ले रहा है। अब रूस ने यूक्रेन पर फिर से हमले तेज कर दिए हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार दोनों देशों से शांति की अपील कर रहे हैं। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी रूस-यूक्रेन जंग खत्म कराने में बड़ा असर डाल सकते हैं।

यूक्रेन पीस समिट नई दिल्ली में हो- जेलेंस्की

टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि वे चाहते हैं कि दूसरी यूक्रेन पीस समिट नई दिल्ली में हो। मोदी चाहें तो ऐसा कर सकते हैं। जेलेंस्की ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी वास्तव में ऐसा कर सकते हैं यदि वे एक निश्चित शिखर सम्मेलन आयोजित कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए हमें उन प्रस्तावों के संदर्भ में खुद को तैयार करने की आवश्यकता है जिन पर किसी भी देश की बात सुनी जा सकती है - भारत, यूरोपीय संघ, अफ्रीकी महाद्वीप आदि के प्रस्ताव।

मोदी एक बहुत बड़े देश के प्रधानमंत्री- जेलेंस्की

जेलेंस्की ने कहा कि मोदी आबादी और इकोनॉमी के हिसाब से एक बहुत बड़े देश के प्रधानमंत्री हैं। किसी भी संघर्ष के रोकने में भारत और मोदी का बड़ा असर हो सकता है। पीएम मोदी की तरफ से यूक्रेन और रूस के बीच बातचीत कराने की संभावना पर उन्होंने कहा कि बिल्कुल, वे ऐसा कर सकते हैं।

मोदी हमारे बच्चों को वापस लाने में मदद करें- जेलेंस्की

जेलेंस्की ने कहा कि रूस ने यूक्रेन के हजारों बच्चों का अपहरण कर लिया है। हम चाहते हैं कि मोदी हमारे बच्चों को वापस लाने में मदद करें। वे पुतिन से कह सकते हैं कि मुझे सिर्फ 1,000 यूक्रेनी बच्चें दें, जिसे यूक्रेन को हम लौटा देंगे। अगर मोदी ऐसा करेंगे तो हम अपने ज्यादातर बच्चे को वापस अपने लाने में सफल हो सकते हैं।

रूस ने पिछले सप्ताह यूक्रेन पर 1100 से अधिक हवाई बम दागे

राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रविवार को दावा किया है कि रूस ने पिछले सप्ताह यूक्रेन पर 1100 से अधिक निर्देशित हवाई बम दागे हैं। इसके अलावा, 560 से अधिक स्ट्राइक ड्रोन और विभिन्न प्रकार की लगभग 20 मिसाइलों की बौछार की है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि रूस यूक्रेन के खिलाफ अपनी सैन्य कार्रवाई बंद नहीं कर रहा है। रोजाना, वह विभिन्न प्रकार के हथियारों का उपयोग करके हमारे लोगों, शहरों और गांवों के खिलाफ आक्रामकता शुरू करता है। इस सप्ताह, रूस ने 1100 से अधिक निर्देशित हमले किए हैं। इनमें हवाई बम, 560 से अधिक स्ट्राइक ड्रोन और विभिन्न प्रकार की लगभग 20 मिसाइलें शामिल हैं।

सर्दी ने बढ़ाई राष्ट्रपति जेलेंस्की की टेंशन

बता दें कि कुछ दिनों में यूक्रेन और रूस में कड़ाके की ठंड पड़ने वाली है। सर्दी में युद्द लड़ना दोनों देशों के सैनिकों के लिए एक बड़ी चुनौती है। इस बात को लेकर राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि यह यूक्रेन और यूक्रेनी लोगों के लिए तीसरी कठिन सर्दी है। हम कदम-दर-कदम अपनी ऊर्जा प्रणालियों को मजबूत कर रहे हैं। हम रूस की सेना को मुहतोड़ जवाब देंगे।

यूक्रेन पर रूस का बड़ा हमला, बैलिस्टिक मिसाइल अटैक में 41 की मौत

#zelensky_says_41_killed_in_russian_attack_on_ukrainian_city 

रूस ने मंगलवार को यूक्रेन के पोल्तावा शहर में 2 बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया। रूस ने कब्जे वाले क्रीमिया क्षेत्र से 3 इस्कंदर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिसमें से 2 मिसाइलों ने एक मिलिट्री स्कूल और अस्पताल को चपेट में लिया। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने दावा किया है कि इस हमले में 41 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 180 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अपने टेलीग्राम चैनल के जरिए बताया है कि एक हमला पोल्तावा के मिलिट्री कॉलेज में हुआ, जिसमें कम से कम 41 लोग मारे गए हैं। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अलर्ट सायरन बजने और मिसाइल अटैक होने में बेहद कम समय का अंतर था। लोग बॉम्ब शेल्टर की तरफ जा ही रहे थे कि उन पर हमला हो गया। रेस्क्यू टीम ने 25 लोगों को बचा लिया जिनमें से 11 मलबे के नीचे दबे थे।

जेलेंस्की ने कहा कि रूस ने उनके एक एजुकेशनल इंस्टिट्यूट और अस्पताल को निशाना बनाया। इस दौरान एक इमारत को काफी नुकसान पहुंचा। कई नागरिक इमारत के मलबे के नीचे दब गए। हमले के बाद पोल्तावा में तीन दिन के शोक की घोषणा की है। जेलेंस्की ने कहा है कि उन्होंने इस हमले को लेकर पूर्ण जांच के निर्देश दे दिए हैं।

जेलेंस्की ने कहा है कि रूसी हमलावरों को इसका खामियाजा भुगतना होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया के वो सभी देश जो इस युद्ध को रोकने की ताकत रखते हैं, हम उनसे अपील कर रहे हैं कि यूक्रेन को एयर डिफेंस सिस्टम और मिसाइलों की जरूरत है। लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें ही यूक्रेन को रूस के आक्रमण से बचा सकती हैं। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से देरी का हर दिन अधिक से अधिक लोगों की जान ले रहा है।

इससे पहले रूसी सेना ने रविवार को यूक्रेन के खारकीव में घातक हमले किए थे जिसमें 5 बच्चों समेत कम से कम 47 लोगों की मौत हो गई थी। यूक्रेनी अधिकारियों के मुताबिक ये 47 मौतें खारकीव के एक मॉल पर हुए रूसी मिसाइलों के हमलों में हुईं। खारकीव में रूसी हमलों के बाद यूक्रेन की राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अपने पश्चिमी सहयोगियों से चर्चा की थी और उनकी तरफ से दी गई मिसाइलों से रूस पर हमला करने की इजाजत मांगी थी। यूक्रेन का कहना है कि वह रूस के और अंदरूनी इलाकों में हमला करना चाहता है।

वहीं, रूसी अधिकारियों की तरफ से भी कहा गया था कि यूक्रेन ने करीब 158 ड्रोन रूसी शहरों पर दागे हैं, जिसके बाद मॉस्को ऑयल रिफाइनरी और कोनाकोवो पावर स्टेशन में आग लग गई। पिछले हफ्ते रूस के शहर सरतोवा की बिल्डिंग पर एक यूक्रेनी ड्रोन से हमला किया गया था, इस हमले की तुलना अमेरिका के 9/11 से हुई थी।

भारत चाहे तो रूस से युद्ध रुक जाए, पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे के बाद बोले जेलेंस्की

#volodymyr_zelensky_on_pm_modi_ukraine_visit

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को यूक्रेन की सात घंटे की यात्रा के बाद यहां से रवाना हो गए। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ वार्ता की और रूस के साथ जारी युद्ध को समाप्त करने में व्यक्तिगत रूप से योगदान देने का आश्वासन दिया। पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा पर जेलेंस्की ने कई अहम बात की हैं।उन्होंने पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा को सराहा। साथ ही कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध है और कीव की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करता है।

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि भारत और यूक्रेन के बीच संबंध लगातार अच्छे रहे हैं, और लंबे भी। उन्होंने ये भी कहा कि पीएम की ये यात्रा ऐतिहासिक है, क्योंकि यह 30 सालों में पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन आया है। जेलेंस्की ने मोदी से बातचीत के दौरान कृषि, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और रक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की उम्मीद जताई है।

जेलेंस्की ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, 'आज इतिहास रच दिया गया। आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन का दौरा किया, जो भारत और स्वतंत्र यूक्रेन के बीच संबंधों की स्थापना के बाद से इस तरह की पहली यात्रा है। हमारे बीच हुईं बातचीत व्यापक थीं, जिनमें यूक्रेन के खिलाफ रूस का युद्ध और न्यायपूर्ण शांति का मुद्दा शामिल था। हम दिल से सराहना करते हैं कि प्रधानमंत्री ने रूस के हमले में मारे गए यूक्रेनी बच्चों की स्मृति का सम्मान करते हुए अपनी यात्रा शुरू की। मैं इस पूरे युद्ध के दौरान भारत द्वारा प्रदान किए गए मानवीय सहायता पैकेजों के लिए आभारी हूं।

उन्होंने आगे कहा कि यह जरूरी है कि अधिक से अधिक वैश्विक नेता स्पष्ट रूप से अपना रुख व्यक्त करें और ठोस शब्दों में अपना समर्थन प्रदर्शित करने के लिए यूक्रेन का दौरा करें। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, ''हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध है और हमारी संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के मूल सिद्धांतों का समर्थन करता है। भारत शांति फार्मूले पर हमारे कार्य में भी शामिल है, जिसका शांति शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधित्व किया गया है और संबंधित समूहों में भाग लिया गया है। यह सब हमें उम्मीद देता है और यह महत्वपूर्ण है कि जितना संभव हो उतने वैश्विक नेता अंतरराष्ट्रीय कानून के मूलभूत मानदंडों पर अपना रुख स्पष्ट रूप से व्यक्त करें और अपना समर्थन दिखाने के लिए यूक्रेन का दौरा करें।'

वहीं, पीएम मोदी से मुलाकात के बाद समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जेलेंस्की ने कहा, 'भारत अपनी भूमिका निभाएगा। मुझे लगता है कि भारत ने यह पहचानना शुरू कर दिया है कि यह केवल संघर्ष नहीं है। यह एक असली युद्ध है, जिसे एक व्यक्ति पुतिन ने एक पूरे देश यूक्रेन के खिलाफ छेड़ा हुआ है। आप एक बड़े देश हैं। आपका प्रभाव बहुत बड़ा है और आप पुतिन को रोक सकते हैं और उनकी अर्थव्यवस्था को रोक सकते हैं और उन्हें वास्तव में उनकी जगह पर ला सकते हैं।'

भारत चाहे तो रूस से युद्ध रुक जाए, पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे के बाद बोले जेलेंस्की*
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को यूक्रेन की सात घंटे की यात्रा के बाद यहां से रवाना हो गए। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ वार्ता की और रूस के साथ जारी युद्ध को समाप्त करने में व्यक्तिगत रूप से योगदान देने का आश्वासन दिया। पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा पर जेलेंस्की ने कई अहम बात की हैं।उन्होंने पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा को सराहा। साथ ही कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध है और कीव की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करता है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि भारत और यूक्रेन के बीच संबंध लगातार अच्छे रहे हैं, और लंबे भी। उन्होंने ये भी कहा कि पीएम की ये यात्रा ऐतिहासिक है, क्योंकि यह 30 सालों में पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन आया है। जेलेंस्की ने मोदी से बातचीत के दौरान कृषि, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और रक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की उम्मीद जताई है। जेलेंस्की ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, 'आज इतिहास रच दिया गया। आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन का दौरा किया, जो भारत और स्वतंत्र यूक्रेन के बीच संबंधों की स्थापना के बाद से इस तरह की पहली यात्रा है। हमारे बीच हुईं बातचीत व्यापक थीं, जिनमें यूक्रेन के खिलाफ रूस का युद्ध और न्यायपूर्ण शांति का मुद्दा शामिल था। हम दिल से सराहना करते हैं कि प्रधानमंत्री ने रूस के हमले में मारे गए यूक्रेनी बच्चों की स्मृति का सम्मान करते हुए अपनी यात्रा शुरू की। मैं इस पूरे युद्ध के दौरान भारत द्वारा प्रदान किए गए मानवीय सहायता पैकेजों के लिए आभारी हूं। उन्होंने आगे कहा कि यह जरूरी है कि अधिक से अधिक वैश्विक नेता स्पष्ट रूप से अपना रुख व्यक्त करें और ठोस शब्दों में अपना समर्थन प्रदर्शित करने के लिए यूक्रेन का दौरा करें। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, ''हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध है और हमारी संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के मूल सिद्धांतों का समर्थन करता है। भारत शांति फार्मूले पर हमारे कार्य में भी शामिल है, जिसका शांति शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधित्व किया गया है और संबंधित समूहों में भाग लिया गया है। यह सब हमें उम्मीद देता है और यह महत्वपूर्ण है कि जितना संभव हो उतने वैश्विक नेता अंतरराष्ट्रीय कानून के मूलभूत मानदंडों पर अपना रुख स्पष्ट रूप से व्यक्त करें और अपना समर्थन दिखाने के लिए यूक्रेन का दौरा करें।' वहीं, पीएम मोदी से मुलाकात के बाद समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जेलेंस्की ने कहा, 'भारत अपनी भूमिका निभाएगा। मुझे लगता है कि भारत ने यह पहचानना शुरू कर दिया है कि यह केवल संघर्ष नहीं है। यह एक असली युद्ध है, जिसे एक व्यक्ति पुतिन ने एक पूरे देश यूक्रेन के खिलाफ छेड़ा हुआ है। आप एक बड़े देश हैं। आपका प्रभाव बहुत बड़ा है और आप पुतिन को रोक सकते हैं और उनकी अर्थव्यवस्था को रोक सकते हैं और उन्हें वास्तव में उनकी जगह पर ला सकते हैं।'
पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच हुई वार्ता, भारत-यूक्रेन ने इन 4 समझौतों पर किए हस्ताक्षर*
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों यूरोप में हैं। वह 21 और 22 अगस्त को दो दिवसीय पोलैंड यात्रा पर राजधानी वारसॉ में थे। इसके बाद पीएम मोदी ट्रेन से युद्धग्रस्त यूक्रेन पहुंचे। यूक्रेन में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से वार्ता की। जिसके बाद भारत और यूक्रेन ने 4 अहम एमओयू (समझौता ज्ञापन) साइन किए हैं।पहला एमओयू भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और यूक्रेन के मंत्री के बीच मानवीय मदद को लेकर किया गया है। अन्य तीन एमओयू भारत सरकार के सचिवों और यूक्रेन सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों ने साइन किए हैं।पहले एमओयू में मानवीय मदद, दूसरे में एग्रीकल्चर, फूड और तीसरे एमओयू में कल्चरलर कोऑपरेशन को स्थान दिया गया है।चौथा एमओयू मेडिसिन एंड ड्रग को लेकर साइन किया गया है। यूक्रेन के राष्‍ट्रपति ने पीएम मोदी के साथ मुलाकात के बाद कहा कि मेरी भारतीय प्रधानमंत्री से गर्मजोशी भरी मुलाकात हुई। इस मुलाकात के दौरान मैंने रूसी हमले में मारे गए बच्‍चों को याद किया। उन्‍होंने कहा, 'हर देश में बच्‍चों को सुरक्षित जीने का अधिकार है। हमें इसे निश्‍चित रूप से संभव बनाना होगा।' *भारत और यूक्रेन संबंधों के लिए ऐतिहासिक दिन- पीएम मोदी* पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से द्विपक्षीय वार्ता के दौरान कहा, मैं आपको (राष्ट्रपति जेलेंस्की को) मेरे और मेरे प्रतिनिधिमंडल के गर्मजोशी से स्वागत के लिए धन्यवाद देता हूं। आज भारत और यूक्रेन संबंधों के लिए एक बहुत ही ऐतिहासिक दिन है। भारत का कोई प्रधानमंत्री पहली बार यूक्रेन आया है जो अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना है। कल आपका राष्ट्रीय दिवस है और हम आपको इसके लिए बधाई देते हैं। हम (यूक्रेन में) शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। *भारत शांति के प्रयास में भूमिका निभाने को तैयार- पीएम मोदी* जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा, समाधान का रास्ता बातचीत और डिप्लोमेसी से निकलता है। हमें बिना समय गंवाए उस दिशा में बढ़ना चाहिए। बच्चों की शहादत की जगह को देखकर मेरा मन भरा हुआ है। मैं विशेष रूप से आपसे शांति को लेकर चर्चा करना चाहता हं। मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं कि शांति के हर प्रयास में भारत अपनी सक्रिया भूमिका निभाने के लिए तैयार है। अगर इसमें कोई योगदान हो सकता है तो एक मित्र के रूप मैं जरूर करना चाहूंगा। *भारत कभी तटस्थ नहीं रहा, हमने हमेशा शांति का पक्ष लिया-पीएम मोदी* पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से कहा कि जब युद्ध के शुरुआती दिन थे तो यूक्रेन ने भारतीय नागरिकों और छात्रों को निकालने में मदद की थी। संकट के इस समय में आपकी मदद के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। दुनिया यह अच्छी तरह से जानती है कि युद्ध के दौरान हमने दो भूमिकाएं निभाईं। पहली भूमिका मानवीय दृष्टिकोण की थी। मानवीय दृष्टिकोण से चाहे जो भी आवश्यकता हो भारत हमेशा आपके साथ खड़ा रहेगा और दो कदम आगे रहेगा। भारत कभी तटस्थ नहीं रहा। हमने हमेशा शांति का पक्ष लिया।
कीव में पीएम मोदी-जेलेंस्की की मुलाकात, दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगाया, थोड़ी देर में द्विपक्षीय वार्ता

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रूस और यूक्रेन में ढाई साल से जारी जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को यूक्रेन पहुंचे। यहां उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की। पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की दोनों ने एक दूसरे को गले लगाया। इस दौरान पीएम मोदी, जेलेंस्की के कंधे पर हाथ रख कर बातचीत करते दिखें। इस दौरान दोनों नेताओं के चेहते गंभीर नजर आए। दोनों नेता यूक्रेन नेशनल म्यूजियम पहुंचे, जहां उन्होंने जंग में मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि दी।

इससे पहले मोदी 10 घंटे की ट्रेन यात्रा करने के बाद कीव पहुंचे। वे यहां 7 घंटे बिताएंगे। कीव में भारतीय समुदाय के लोगों ने मोदी का स्वागत किया। पीएम मोदी ने यूक्रेन की राजधानी कीव में भारतीयों से मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की हैं।

वहीं, पीएम मोदी ने फोमिन बोटैनिकल गार्डन में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी का ये दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि 24 फरवरी 2022 को रूस के हमले के बाद से अब तक नाटो देशों के अलावा किसी अन्य देश के नेता ने यूक्रेन का दौरा नहीं किया है। 

पीएम मोदी ने जून में इटली के अपुलिया में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान जेलेंस्की से बातचीत की थी। बातचीत के दौरान मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से कहा था कि भारत यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में वह सब कुछ करेगा जो वह कर सकता है। उन्होंने कहा था कि बातचीत और कूटनीति के माध्यम से ही शांति लाई जा सकती है। बैठक में यूक्रेनी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री को कीव आने का निमंत्रण दिया था।

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को रास नहीं आई मोदी-पुतिन मुलाकात, बोले- घोर निराशा हुई
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यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय रूस यात्रा पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने मोदी-पुतिन की मुलाकात पर नाराजागी जताई है और इस यात्रा को निराशाजनक और चिंताजनक बताया।जेलेंस्की ने पीएम मोदी की मॉस्को यात्रा की आलोचना करते हुए इसे शांति प्रयासों के लिए बड़ा झटका बताया है।इसको लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बयान भी जारी किया है।

जेलेंस्की ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता को मॉस्को में दुनिया के सबसे खूनी अपराधी को गले लगाते हुए देखना निराशाजक है। ये शांति प्रयासों के लिए भी झटका है।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब रूस पहुंचे थे, तभी खबर आई थी कि रूस ने यूक्रेन के 5 शहरों पर 40 से ज्यादा मिसाइलों से हमला किया है। यूक्रेन का दावा है कि सोमवार को रूस ने कीव में बच्चों के अस्पताल पर हमला किया जिसमें 41 लोग मारे गए। ये सब उस वक्त हुआ जब मोदी रूस दौरे पर रवाना हो चुके थे। अमेरिकी न्यूज चैनल CNN के मुताबिक हमले के बाद अस्पताल से 600 से ज्यादा मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया। हमले के कुछ ही देर बात अस्पताल की इमारत गिर गई। पुलिस ने बताया कि 3 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई। बाकी घायलों का इलाज किया जा रहा है। राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि यह हमला ऐसे समय में किया गया जब अस्पताल में भीड़ ज्यादा थी।

बता दें कि यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत ने कभी भी हमले का समर्थन नहीं किया, जबकि हमेशा बातचीत से हल करने की बात कही।वहीं, अपने रूस दौरे पर भी भारतीय प्रधानमंत्री ने वही बात दोहराई है।इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने एक बार फिर अपना महत्वपूर्ण संदेश दोहराया कि 'यह युद्ध का समय नहीं है।' सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पीएम मोदी ने यूक्रेन युद्ध का कूटनीतिक हल निकालने पर जोर दिया और रूसी राष्ट्रपति से कहा कि 'युद्ध के मैदान में समाधान नहीं ढूढ़ा जा सकता है।' भारत का यह रुख क्षेत्र में शांति और स्थिरता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है और आग्रह करता है कि संघर्ष के बजाय बातचीत से समाधान निकालना चाहिए।

वहीं, समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी ने निजी मुलाकात में रूसी सेना के लिए यूक्रेन में लड़ रहे भारतीयों का मुद्दा भी उठाया, जिसके बाद रूस ने सभी भारतीयों को जंग से बाहर करने का फैसला किया है। पीएम मोदी की यात्रा की यह बड़ी सफलता है।
व्हाइट हाउस में ट्रंप-जेलेंस्की मुलाकात पर दुनियाभर की नजर, हो सकती है ये बड़ी डील

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यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की अमेरिका दौरे पर पहुंच चुके हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति के शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने की उम्मीद है। वहीं दावा किया जा रहा है कि अमेरिका जेलेंस्की के साथ दुर्लभ खनिजों के “खजाने” को लेकर जील कर सकता है। वहीं, इस बैठक को रूस-यूक्रेन युद्ध के भविष्य का निर्धारण करने वाला एक निर्णायक मोड़ माना जा रहा है। तीन साल से जारी इस युद्ध के समाधान की और अमेरिका-यूक्रेन संबंधों को एक नई परिभाषा देने के लिए यह मुलाकात बेहद महत्वपूर्ण होगी। यही वजह है कि इस मुलाकात पर दुनियाभर की निगाहें लगी हुईं हैं।

राष्ट्रपति ट्रंप की सत्ता में वापसी के बाद राष्ट्रपति जेलेंस्की से यह पहली मुलाकात होगी, जो वैश्विक राजनीति को प्रभावित कर सकती है। इस बैठक में यूक्रेन को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता, सुरक्षा गारंटी, रूस के साथ संभावित शांति समझौता और एक बड़े खनिज सौदे पर चर्चा होने की संभावना है। यह डील अमेरिकी सैन्य मदद के बदले यूक्रेन के दुर्लभ खनिज संसाधनों के इस्तेमाल से जुड़ी है।

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को घोषणा की है कि यूक्रेन अमेरिका के साथ खनिज सौदा करने को तैयार है। ट्रंप ने दावा किया था कि यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की डील साइन करने शुक्रवार को अमेरिका के दौरे पर आएंगे।

दबाव और धमकियों के बाद डील

यह डील ट्रंप के दबाव और धमकियों के बाद हो रही है। जेलेंस्की ने खुलासा किया कि ट्रंप रूस के खिलाफ युद्ध में अमेरिका से अब तक मदद के नाम पर मिले लगभग 500 अरब डॉलर वापस मांग रहे हैं। जेलेंस्की ने कहा- अगर ट्रम्प को यूक्रेन के खनिजों के अधिकार नहीं देते हैं तो यूक्रेन की 10 पीढ़ियां 500 अरब डॉलर को चुकाने में खप जातीं।

सुरक्षा गारंटी का मुद्दा डील नाकाम कर सकता है

जेलेंस्की ने अमेरिका यात्रा को लेकर कहा कि मैं इस विजिट को बहुत पंसद करूंगा। यह सिर्फ एक शुरुआत है। इसकी सफलता राष्ट्रपति ट्रंप के साथ हमारी बातचीत पर निर्भर करेगी। उन्होंने स्वीकार किया कि एक बड़ा मुद्दा समझौते को नाकाम कर सकता है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन यह जानना चाहता है कि अमेरिका उसे दी जाने वाली सैन्य मदद को लेकर फिलहाल क्या रुख रखता है।

दरअसल यूक्रेन चाहता है कि सीजफायर समझौते के तहत उसे भविष्य में किसी भी रूसी हमले से सुरक्षा की गारंटी मिले, जबकि अमेरिका कोई भी गारंटी देने से इनकार कर चुका है। जेलेंस्की ने कहा कि खनिज सौदे से होने वाली कमाई यूक्रेन और अमेरिका के ज्वाइंट अकाउंट में जमा होगी और इसके बाद यूक्रेन अमेरिका कर्जदार नहीं रहेगा।

जरूरत पड़ी तो जेलेंस्की से बात करेंगे पुतिन', सऊदी में अमेरिका के साथ बैठक के बीच रूस का ऐलान

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डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को खत्म करने की चर्चा जोरों पर है। इस बीच यूक्रेन में जंग खत्म करने को लेकर अमेरिका ने रूस के साथ सऊदी अरब में बैठक की है।बैठक में इन दोनों मुल्कों के प्रतिनिधियों के अलावा सऊदी के प्रतिनिधि भी शामिल रहे, लेकिन यूक्रेन की तरफ से किसी को भई मीटिंग में नहीं बुलाया गया। इन सबके बीच रूस की सरकार ने एक बड़ा बयान जारी करते हुए कहा है कि अगर जरूरी है तो राष्ट्रपति पुतिन, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बात करने के लिए तैयार हैं।

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने यह जानकारी देते हुए कहा कि रूस और अमेरिका के बीच वार्ता अब खत्म हो गई है। इसके साथ ही, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बैठक के लिए अभी तक कोई तारीख तय नहीं की गई है। वहीं, कहा कि किसी भी समझौते का कानूनी आधार तय होना चाहिए, खासकर इस संदर्भ में कि जेलेंस्की की वैधता पर सवाल हो सकता है।

राष्ट्रपति पुतिन का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब आज मंगलवारको सऊदी अरब में रूस और अमेरिका के राजनयिकों की बैठक हुई। इस मीटिंग का उद्देश्य रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए एक समझौता करना है। बैठक के दौरान खास बात ये देखने को मिली कि रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने को लेकर चर्चा की गई लेकिन यूक्रेन के राजनयिक को जगह नहीं दी गई।

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने सोमवार को स्पष्ट रूप से कहा है कि उनका देश युद्ध समाप्त करने के लिए इस सप्ताह अमेरिका-रूस वार्ता में भाग नहीं लेगा। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि यूक्रेन इस वार्ता में भाग नहीं लेगा इसलिए वह वार्ता के नतीजों को भी स्वीकार नहीं करेगा।

क्या खत्म होगा रूस-यूक्रेन जंग? सीजफायर को तैयार जलेंस्की

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रूस और यूक्रेन के बीच ढाई साल से अधिक समय से युद्ध जारी है। अमेरिका समेत यूरोप के कई देश खुलेआम रूस के खिलाफ यूक्रन की मदद कर रहे हैं। बाइडेन ने यूक्रेन को ATACMS मिसाइलों से रूस पर हमले की मंजूरी दी। इसके बाद यूक्रेन ने रूस पर मिसाइलें दाग भी दी। यूक्रेन ने अमेरिकी और ब्रिटिश मिसाइलों की मदद से रूस पर कई हमले किए। इसके जवाब में रूस की ओर से इस युद्ध में पहली बार इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया गया। इस बीच दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका बढ़ गई है। गहरी होती युद्ध की आशंका के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने संकेत दिया है कि वे रूस के साथ एक अस्थायी युद्ध विराम समझौते पर हामी भर सकते हैं।

द टेलीग्राफ ने दावा किया है कि जेलेंस्की शांति के लिए रूस को यूक्रेनी क्षेत्र भी देने को तैयार हो गए हैं। इस वक्त पूरी दुनिया के लिए यह खबर सबसे बड़ी है। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार ज़ेलेंस्की ने कह दिया है कि "मैं शांति हासिल करने के लिए यूक्रेनी क्षेत्र रूस को छोड़ दूंगा।

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने पहली बार कहा कि उनका देश 'नाटो की छत्रछाया' में यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्र को रूस के लिए छोड़ने को तैयार हैं, बशर्ते वह नाटो की सुरक्षा में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नाटो के संरक्षण में यूक्रेन अपने उस क्षेत्र को रूस के लिए अस्थायी रूप से छोड़ सकता है, जो रूस के कब्जे में है। व्लादिमिर ज़ेलेंस्की ने शुक्रवार रात पहली बार कहा कि युद्ध समाप्त करने के लिए वह रूस को अपना क्षेत्र सौंपने को तैयार हैं।

जेलेंस्की ने कहा कि किसी भी समझौते में यूक्रेन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं को मान्यता देनी होगी। यह सुनिश्चित करना होगा कि कब्जे वाले क्षेत्र सैद्धांतिक रूप से यूक्रेन का हिस्सा बने रहें। जेलेंस्की ने भविष्य में रूसी आक्रमण को रोकने के लिए नाटो समर्थित युद्ध विराम को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि नाटो को तुरंत यूक्रेन के उस हिस्से को कवर करना चाहिए , जो हमारे नियंत्रण में है। ऐसा ना होने पुतिन की सेना फिर से यहां आ जाएगी वापस आ जाएगा।

यूक्रेन को भारत पर क्यों है भरोसा? जेलेंस्की बोले- मोदी जंग पर असर डाल सकते हैं

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रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुए 32 महीने से अधिक बीत चुके हैं। इसके बावजूद भी संघर्ष रूकने का नाम नहीं ले रहा है। अब रूस ने यूक्रेन पर फिर से हमले तेज कर दिए हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार दोनों देशों से शांति की अपील कर रहे हैं। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी रूस-यूक्रेन जंग खत्म कराने में बड़ा असर डाल सकते हैं।

यूक्रेन पीस समिट नई दिल्ली में हो- जेलेंस्की

टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि वे चाहते हैं कि दूसरी यूक्रेन पीस समिट नई दिल्ली में हो। मोदी चाहें तो ऐसा कर सकते हैं। जेलेंस्की ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी वास्तव में ऐसा कर सकते हैं यदि वे एक निश्चित शिखर सम्मेलन आयोजित कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए हमें उन प्रस्तावों के संदर्भ में खुद को तैयार करने की आवश्यकता है जिन पर किसी भी देश की बात सुनी जा सकती है - भारत, यूरोपीय संघ, अफ्रीकी महाद्वीप आदि के प्रस्ताव।

मोदी एक बहुत बड़े देश के प्रधानमंत्री- जेलेंस्की

जेलेंस्की ने कहा कि मोदी आबादी और इकोनॉमी के हिसाब से एक बहुत बड़े देश के प्रधानमंत्री हैं। किसी भी संघर्ष के रोकने में भारत और मोदी का बड़ा असर हो सकता है। पीएम मोदी की तरफ से यूक्रेन और रूस के बीच बातचीत कराने की संभावना पर उन्होंने कहा कि बिल्कुल, वे ऐसा कर सकते हैं।

मोदी हमारे बच्चों को वापस लाने में मदद करें- जेलेंस्की

जेलेंस्की ने कहा कि रूस ने यूक्रेन के हजारों बच्चों का अपहरण कर लिया है। हम चाहते हैं कि मोदी हमारे बच्चों को वापस लाने में मदद करें। वे पुतिन से कह सकते हैं कि मुझे सिर्फ 1,000 यूक्रेनी बच्चें दें, जिसे यूक्रेन को हम लौटा देंगे। अगर मोदी ऐसा करेंगे तो हम अपने ज्यादातर बच्चे को वापस अपने लाने में सफल हो सकते हैं।

रूस ने पिछले सप्ताह यूक्रेन पर 1100 से अधिक हवाई बम दागे

राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रविवार को दावा किया है कि रूस ने पिछले सप्ताह यूक्रेन पर 1100 से अधिक निर्देशित हवाई बम दागे हैं। इसके अलावा, 560 से अधिक स्ट्राइक ड्रोन और विभिन्न प्रकार की लगभग 20 मिसाइलों की बौछार की है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि रूस यूक्रेन के खिलाफ अपनी सैन्य कार्रवाई बंद नहीं कर रहा है। रोजाना, वह विभिन्न प्रकार के हथियारों का उपयोग करके हमारे लोगों, शहरों और गांवों के खिलाफ आक्रामकता शुरू करता है। इस सप्ताह, रूस ने 1100 से अधिक निर्देशित हमले किए हैं। इनमें हवाई बम, 560 से अधिक स्ट्राइक ड्रोन और विभिन्न प्रकार की लगभग 20 मिसाइलें शामिल हैं।

सर्दी ने बढ़ाई राष्ट्रपति जेलेंस्की की टेंशन

बता दें कि कुछ दिनों में यूक्रेन और रूस में कड़ाके की ठंड पड़ने वाली है। सर्दी में युद्द लड़ना दोनों देशों के सैनिकों के लिए एक बड़ी चुनौती है। इस बात को लेकर राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि यह यूक्रेन और यूक्रेनी लोगों के लिए तीसरी कठिन सर्दी है। हम कदम-दर-कदम अपनी ऊर्जा प्रणालियों को मजबूत कर रहे हैं। हम रूस की सेना को मुहतोड़ जवाब देंगे।

यूक्रेन पर रूस का बड़ा हमला, बैलिस्टिक मिसाइल अटैक में 41 की मौत

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रूस ने मंगलवार को यूक्रेन के पोल्तावा शहर में 2 बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया। रूस ने कब्जे वाले क्रीमिया क्षेत्र से 3 इस्कंदर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिसमें से 2 मिसाइलों ने एक मिलिट्री स्कूल और अस्पताल को चपेट में लिया। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने दावा किया है कि इस हमले में 41 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 180 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अपने टेलीग्राम चैनल के जरिए बताया है कि एक हमला पोल्तावा के मिलिट्री कॉलेज में हुआ, जिसमें कम से कम 41 लोग मारे गए हैं। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अलर्ट सायरन बजने और मिसाइल अटैक होने में बेहद कम समय का अंतर था। लोग बॉम्ब शेल्टर की तरफ जा ही रहे थे कि उन पर हमला हो गया। रेस्क्यू टीम ने 25 लोगों को बचा लिया जिनमें से 11 मलबे के नीचे दबे थे।

जेलेंस्की ने कहा कि रूस ने उनके एक एजुकेशनल इंस्टिट्यूट और अस्पताल को निशाना बनाया। इस दौरान एक इमारत को काफी नुकसान पहुंचा। कई नागरिक इमारत के मलबे के नीचे दब गए। हमले के बाद पोल्तावा में तीन दिन के शोक की घोषणा की है। जेलेंस्की ने कहा है कि उन्होंने इस हमले को लेकर पूर्ण जांच के निर्देश दे दिए हैं।

जेलेंस्की ने कहा है कि रूसी हमलावरों को इसका खामियाजा भुगतना होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया के वो सभी देश जो इस युद्ध को रोकने की ताकत रखते हैं, हम उनसे अपील कर रहे हैं कि यूक्रेन को एयर डिफेंस सिस्टम और मिसाइलों की जरूरत है। लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें ही यूक्रेन को रूस के आक्रमण से बचा सकती हैं। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से देरी का हर दिन अधिक से अधिक लोगों की जान ले रहा है।

इससे पहले रूसी सेना ने रविवार को यूक्रेन के खारकीव में घातक हमले किए थे जिसमें 5 बच्चों समेत कम से कम 47 लोगों की मौत हो गई थी। यूक्रेनी अधिकारियों के मुताबिक ये 47 मौतें खारकीव के एक मॉल पर हुए रूसी मिसाइलों के हमलों में हुईं। खारकीव में रूसी हमलों के बाद यूक्रेन की राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अपने पश्चिमी सहयोगियों से चर्चा की थी और उनकी तरफ से दी गई मिसाइलों से रूस पर हमला करने की इजाजत मांगी थी। यूक्रेन का कहना है कि वह रूस के और अंदरूनी इलाकों में हमला करना चाहता है।

वहीं, रूसी अधिकारियों की तरफ से भी कहा गया था कि यूक्रेन ने करीब 158 ड्रोन रूसी शहरों पर दागे हैं, जिसके बाद मॉस्को ऑयल रिफाइनरी और कोनाकोवो पावर स्टेशन में आग लग गई। पिछले हफ्ते रूस के शहर सरतोवा की बिल्डिंग पर एक यूक्रेनी ड्रोन से हमला किया गया था, इस हमले की तुलना अमेरिका के 9/11 से हुई थी।

भारत चाहे तो रूस से युद्ध रुक जाए, पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे के बाद बोले जेलेंस्की

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को यूक्रेन की सात घंटे की यात्रा के बाद यहां से रवाना हो गए। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ वार्ता की और रूस के साथ जारी युद्ध को समाप्त करने में व्यक्तिगत रूप से योगदान देने का आश्वासन दिया। पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा पर जेलेंस्की ने कई अहम बात की हैं।उन्होंने पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा को सराहा। साथ ही कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध है और कीव की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करता है।

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि भारत और यूक्रेन के बीच संबंध लगातार अच्छे रहे हैं, और लंबे भी। उन्होंने ये भी कहा कि पीएम की ये यात्रा ऐतिहासिक है, क्योंकि यह 30 सालों में पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन आया है। जेलेंस्की ने मोदी से बातचीत के दौरान कृषि, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और रक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की उम्मीद जताई है।

जेलेंस्की ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, 'आज इतिहास रच दिया गया। आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन का दौरा किया, जो भारत और स्वतंत्र यूक्रेन के बीच संबंधों की स्थापना के बाद से इस तरह की पहली यात्रा है। हमारे बीच हुईं बातचीत व्यापक थीं, जिनमें यूक्रेन के खिलाफ रूस का युद्ध और न्यायपूर्ण शांति का मुद्दा शामिल था। हम दिल से सराहना करते हैं कि प्रधानमंत्री ने रूस के हमले में मारे गए यूक्रेनी बच्चों की स्मृति का सम्मान करते हुए अपनी यात्रा शुरू की। मैं इस पूरे युद्ध के दौरान भारत द्वारा प्रदान किए गए मानवीय सहायता पैकेजों के लिए आभारी हूं।

उन्होंने आगे कहा कि यह जरूरी है कि अधिक से अधिक वैश्विक नेता स्पष्ट रूप से अपना रुख व्यक्त करें और ठोस शब्दों में अपना समर्थन प्रदर्शित करने के लिए यूक्रेन का दौरा करें। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, ''हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध है और हमारी संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के मूल सिद्धांतों का समर्थन करता है। भारत शांति फार्मूले पर हमारे कार्य में भी शामिल है, जिसका शांति शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधित्व किया गया है और संबंधित समूहों में भाग लिया गया है। यह सब हमें उम्मीद देता है और यह महत्वपूर्ण है कि जितना संभव हो उतने वैश्विक नेता अंतरराष्ट्रीय कानून के मूलभूत मानदंडों पर अपना रुख स्पष्ट रूप से व्यक्त करें और अपना समर्थन दिखाने के लिए यूक्रेन का दौरा करें।'

वहीं, पीएम मोदी से मुलाकात के बाद समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जेलेंस्की ने कहा, 'भारत अपनी भूमिका निभाएगा। मुझे लगता है कि भारत ने यह पहचानना शुरू कर दिया है कि यह केवल संघर्ष नहीं है। यह एक असली युद्ध है, जिसे एक व्यक्ति पुतिन ने एक पूरे देश यूक्रेन के खिलाफ छेड़ा हुआ है। आप एक बड़े देश हैं। आपका प्रभाव बहुत बड़ा है और आप पुतिन को रोक सकते हैं और उनकी अर्थव्यवस्था को रोक सकते हैं और उन्हें वास्तव में उनकी जगह पर ला सकते हैं।'

भारत चाहे तो रूस से युद्ध रुक जाए, पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे के बाद बोले जेलेंस्की*
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को यूक्रेन की सात घंटे की यात्रा के बाद यहां से रवाना हो गए। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ वार्ता की और रूस के साथ जारी युद्ध को समाप्त करने में व्यक्तिगत रूप से योगदान देने का आश्वासन दिया। पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा पर जेलेंस्की ने कई अहम बात की हैं।उन्होंने पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा को सराहा। साथ ही कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध है और कीव की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करता है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि भारत और यूक्रेन के बीच संबंध लगातार अच्छे रहे हैं, और लंबे भी। उन्होंने ये भी कहा कि पीएम की ये यात्रा ऐतिहासिक है, क्योंकि यह 30 सालों में पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन आया है। जेलेंस्की ने मोदी से बातचीत के दौरान कृषि, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और रक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की उम्मीद जताई है। जेलेंस्की ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, 'आज इतिहास रच दिया गया। आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन का दौरा किया, जो भारत और स्वतंत्र यूक्रेन के बीच संबंधों की स्थापना के बाद से इस तरह की पहली यात्रा है। हमारे बीच हुईं बातचीत व्यापक थीं, जिनमें यूक्रेन के खिलाफ रूस का युद्ध और न्यायपूर्ण शांति का मुद्दा शामिल था। हम दिल से सराहना करते हैं कि प्रधानमंत्री ने रूस के हमले में मारे गए यूक्रेनी बच्चों की स्मृति का सम्मान करते हुए अपनी यात्रा शुरू की। मैं इस पूरे युद्ध के दौरान भारत द्वारा प्रदान किए गए मानवीय सहायता पैकेजों के लिए आभारी हूं। उन्होंने आगे कहा कि यह जरूरी है कि अधिक से अधिक वैश्विक नेता स्पष्ट रूप से अपना रुख व्यक्त करें और ठोस शब्दों में अपना समर्थन प्रदर्शित करने के लिए यूक्रेन का दौरा करें। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, ''हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध है और हमारी संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के मूल सिद्धांतों का समर्थन करता है। भारत शांति फार्मूले पर हमारे कार्य में भी शामिल है, जिसका शांति शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधित्व किया गया है और संबंधित समूहों में भाग लिया गया है। यह सब हमें उम्मीद देता है और यह महत्वपूर्ण है कि जितना संभव हो उतने वैश्विक नेता अंतरराष्ट्रीय कानून के मूलभूत मानदंडों पर अपना रुख स्पष्ट रूप से व्यक्त करें और अपना समर्थन दिखाने के लिए यूक्रेन का दौरा करें।' वहीं, पीएम मोदी से मुलाकात के बाद समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जेलेंस्की ने कहा, 'भारत अपनी भूमिका निभाएगा। मुझे लगता है कि भारत ने यह पहचानना शुरू कर दिया है कि यह केवल संघर्ष नहीं है। यह एक असली युद्ध है, जिसे एक व्यक्ति पुतिन ने एक पूरे देश यूक्रेन के खिलाफ छेड़ा हुआ है। आप एक बड़े देश हैं। आपका प्रभाव बहुत बड़ा है और आप पुतिन को रोक सकते हैं और उनकी अर्थव्यवस्था को रोक सकते हैं और उन्हें वास्तव में उनकी जगह पर ला सकते हैं।'
पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच हुई वार्ता, भारत-यूक्रेन ने इन 4 समझौतों पर किए हस्ताक्षर*
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों यूरोप में हैं। वह 21 और 22 अगस्त को दो दिवसीय पोलैंड यात्रा पर राजधानी वारसॉ में थे। इसके बाद पीएम मोदी ट्रेन से युद्धग्रस्त यूक्रेन पहुंचे। यूक्रेन में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से वार्ता की। जिसके बाद भारत और यूक्रेन ने 4 अहम एमओयू (समझौता ज्ञापन) साइन किए हैं।पहला एमओयू भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और यूक्रेन के मंत्री के बीच मानवीय मदद को लेकर किया गया है। अन्य तीन एमओयू भारत सरकार के सचिवों और यूक्रेन सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों ने साइन किए हैं।पहले एमओयू में मानवीय मदद, दूसरे में एग्रीकल्चर, फूड और तीसरे एमओयू में कल्चरलर कोऑपरेशन को स्थान दिया गया है।चौथा एमओयू मेडिसिन एंड ड्रग को लेकर साइन किया गया है। यूक्रेन के राष्‍ट्रपति ने पीएम मोदी के साथ मुलाकात के बाद कहा कि मेरी भारतीय प्रधानमंत्री से गर्मजोशी भरी मुलाकात हुई। इस मुलाकात के दौरान मैंने रूसी हमले में मारे गए बच्‍चों को याद किया। उन्‍होंने कहा, 'हर देश में बच्‍चों को सुरक्षित जीने का अधिकार है। हमें इसे निश्‍चित रूप से संभव बनाना होगा।' *भारत और यूक्रेन संबंधों के लिए ऐतिहासिक दिन- पीएम मोदी* पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से द्विपक्षीय वार्ता के दौरान कहा, मैं आपको (राष्ट्रपति जेलेंस्की को) मेरे और मेरे प्रतिनिधिमंडल के गर्मजोशी से स्वागत के लिए धन्यवाद देता हूं। आज भारत और यूक्रेन संबंधों के लिए एक बहुत ही ऐतिहासिक दिन है। भारत का कोई प्रधानमंत्री पहली बार यूक्रेन आया है जो अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना है। कल आपका राष्ट्रीय दिवस है और हम आपको इसके लिए बधाई देते हैं। हम (यूक्रेन में) शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। *भारत शांति के प्रयास में भूमिका निभाने को तैयार- पीएम मोदी* जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा, समाधान का रास्ता बातचीत और डिप्लोमेसी से निकलता है। हमें बिना समय गंवाए उस दिशा में बढ़ना चाहिए। बच्चों की शहादत की जगह को देखकर मेरा मन भरा हुआ है। मैं विशेष रूप से आपसे शांति को लेकर चर्चा करना चाहता हं। मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं कि शांति के हर प्रयास में भारत अपनी सक्रिया भूमिका निभाने के लिए तैयार है। अगर इसमें कोई योगदान हो सकता है तो एक मित्र के रूप मैं जरूर करना चाहूंगा। *भारत कभी तटस्थ नहीं रहा, हमने हमेशा शांति का पक्ष लिया-पीएम मोदी* पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से कहा कि जब युद्ध के शुरुआती दिन थे तो यूक्रेन ने भारतीय नागरिकों और छात्रों को निकालने में मदद की थी। संकट के इस समय में आपकी मदद के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। दुनिया यह अच्छी तरह से जानती है कि युद्ध के दौरान हमने दो भूमिकाएं निभाईं। पहली भूमिका मानवीय दृष्टिकोण की थी। मानवीय दृष्टिकोण से चाहे जो भी आवश्यकता हो भारत हमेशा आपके साथ खड़ा रहेगा और दो कदम आगे रहेगा। भारत कभी तटस्थ नहीं रहा। हमने हमेशा शांति का पक्ष लिया।
कीव में पीएम मोदी-जेलेंस्की की मुलाकात, दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगाया, थोड़ी देर में द्विपक्षीय वार्ता

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रूस और यूक्रेन में ढाई साल से जारी जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को यूक्रेन पहुंचे। यहां उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की। पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की दोनों ने एक दूसरे को गले लगाया। इस दौरान पीएम मोदी, जेलेंस्की के कंधे पर हाथ रख कर बातचीत करते दिखें। इस दौरान दोनों नेताओं के चेहते गंभीर नजर आए। दोनों नेता यूक्रेन नेशनल म्यूजियम पहुंचे, जहां उन्होंने जंग में मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि दी।

इससे पहले मोदी 10 घंटे की ट्रेन यात्रा करने के बाद कीव पहुंचे। वे यहां 7 घंटे बिताएंगे। कीव में भारतीय समुदाय के लोगों ने मोदी का स्वागत किया। पीएम मोदी ने यूक्रेन की राजधानी कीव में भारतीयों से मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की हैं।

वहीं, पीएम मोदी ने फोमिन बोटैनिकल गार्डन में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी का ये दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि 24 फरवरी 2022 को रूस के हमले के बाद से अब तक नाटो देशों के अलावा किसी अन्य देश के नेता ने यूक्रेन का दौरा नहीं किया है। 

पीएम मोदी ने जून में इटली के अपुलिया में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान जेलेंस्की से बातचीत की थी। बातचीत के दौरान मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से कहा था कि भारत यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में वह सब कुछ करेगा जो वह कर सकता है। उन्होंने कहा था कि बातचीत और कूटनीति के माध्यम से ही शांति लाई जा सकती है। बैठक में यूक्रेनी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री को कीव आने का निमंत्रण दिया था।

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को रास नहीं आई मोदी-पुतिन मुलाकात, बोले- घोर निराशा हुई
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यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय रूस यात्रा पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने मोदी-पुतिन की मुलाकात पर नाराजागी जताई है और इस यात्रा को निराशाजनक और चिंताजनक बताया।जेलेंस्की ने पीएम मोदी की मॉस्को यात्रा की आलोचना करते हुए इसे शांति प्रयासों के लिए बड़ा झटका बताया है।इसको लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बयान भी जारी किया है।

जेलेंस्की ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता को मॉस्को में दुनिया के सबसे खूनी अपराधी को गले लगाते हुए देखना निराशाजक है। ये शांति प्रयासों के लिए भी झटका है।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब रूस पहुंचे थे, तभी खबर आई थी कि रूस ने यूक्रेन के 5 शहरों पर 40 से ज्यादा मिसाइलों से हमला किया है। यूक्रेन का दावा है कि सोमवार को रूस ने कीव में बच्चों के अस्पताल पर हमला किया जिसमें 41 लोग मारे गए। ये सब उस वक्त हुआ जब मोदी रूस दौरे पर रवाना हो चुके थे। अमेरिकी न्यूज चैनल CNN के मुताबिक हमले के बाद अस्पताल से 600 से ज्यादा मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया। हमले के कुछ ही देर बात अस्पताल की इमारत गिर गई। पुलिस ने बताया कि 3 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई। बाकी घायलों का इलाज किया जा रहा है। राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि यह हमला ऐसे समय में किया गया जब अस्पताल में भीड़ ज्यादा थी।

बता दें कि यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत ने कभी भी हमले का समर्थन नहीं किया, जबकि हमेशा बातचीत से हल करने की बात कही।वहीं, अपने रूस दौरे पर भी भारतीय प्रधानमंत्री ने वही बात दोहराई है।इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने एक बार फिर अपना महत्वपूर्ण संदेश दोहराया कि 'यह युद्ध का समय नहीं है।' सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पीएम मोदी ने यूक्रेन युद्ध का कूटनीतिक हल निकालने पर जोर दिया और रूसी राष्ट्रपति से कहा कि 'युद्ध के मैदान में समाधान नहीं ढूढ़ा जा सकता है।' भारत का यह रुख क्षेत्र में शांति और स्थिरता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है और आग्रह करता है कि संघर्ष के बजाय बातचीत से समाधान निकालना चाहिए।

वहीं, समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी ने निजी मुलाकात में रूसी सेना के लिए यूक्रेन में लड़ रहे भारतीयों का मुद्दा भी उठाया, जिसके बाद रूस ने सभी भारतीयों को जंग से बाहर करने का फैसला किया है। पीएम मोदी की यात्रा की यह बड़ी सफलता है।