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झारखंड पर CAG की रिपोर्ट राज्य का हेल्थ गड़बड़, विपक्ष ने घेरा सरकार को, विपक्ष के सवाल पर मंत्री ने कहा सब ठीक है


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड विधानसभा में 27 फरवरी को पेश की गई कैग की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन के लेखापरीक्षा में सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा अधिकारियों, नर्सों और पैरामेडिक्स की भारी कमी का पता चला है। CAG की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड सरकार कोविड के दी गयी राशि को खर्च नहीं कर पायी थी।

झारखंड विधानसभा में पेश CAG रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए जेडीयू विधायक सरयू राय ने स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर लूट का आरोप लगाया है।सदन के बाहर चौथे दिन पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने कैग के रिपोर्ट के बाद कहा कि बड़ा दुर्भाग्य है झारखंड के लिए कि यहां के जनता को क्या लाभ मिल पाया या नहीं। सरयू राय ने मुख्यमंत्री से CAG रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री पर कार्रवाई की मांग की है।

झारखंड के ही मंत्री हफ़ीजुल हसन ने कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में जितना जरूरत था हमने खर्च किया। कही भी ऐसा नहीं था कोविड की दवाइयां कमी हुई। हमें ऐसा नहीं लगा कि स्वास्थ्य में कहीं कमी की है सारा इंतजाम हमारी सरकार ने किया था। 

बरहाल कैग की रिपोर्ट में 2020-21 और 2021-22 के दौरान निरीक्षण वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों तथा अस्पतालों में 65 प्रतिशत से लेकर 95 प्रतिशत तक आवश्यक दवाओं की कमी का भी पता चला है। देखनेवाली बात होगी कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।

झारखंड पर CAG की रिपोर्ट राज्य का हेल्थ गड़बड़, विपक्ष ने घेरा सरकार को, विपक्ष के सवाल पर मंत्री ने कहा सब ठीक है

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड विधानसभा में 27 फरवरी को पेश की गई कैग की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन के लेखापरीक्षा में सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा अधिकारियों, नर्सों और पैरामेडिक्स की भारी कमी का पता चला है। CAG की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड सरकार कोविड के दी गयी राशि को खर्च नहीं कर पायी थी। झारखंड विधानसभा में पेश CAG रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए जेडीयू विधायक सरयू राय ने स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर लूट का आरोप लगाया है।सदन के बाहर चौथे दिन पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने कैग के रिपोर्ट के बाद कहा कि बड़ा दुर्भाग्य है झारखंड के लिए कि यहां के जनता को क्या लाभ मिल पाया या नहीं। सरयू राय ने मुख्यमंत्री से CAG रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री पर कार्रवाई की मांग की है।

झारखंड के ही मंत्री हफ़ीजुल हसन ने कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में जितना जरूरत था हमने खर्च किया। कही भी ऐसा नहीं था कोविड की दवाइयां कमी हुई। हमें ऐसा नहीं लगा कि स्वास्थ्य में कहीं कमी की है सारा इंतजाम हमारी सरकार ने किया था। 

बरहाल कैग की रिपोर्ट में 2020-21 और 2021-22 के दौरान निरीक्षण वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों तथा अस्पतालों में 65 प्रतिशत से लेकर 95 प्रतिशत तक आवश्यक दवाओं की कमी का भी पता चला है। देखनेवाली बात होगी कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।

अब दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक और अस्पतालों की खुली पोले,CAG रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

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दिल्ली विधानसभा सत्र का आज चौथा दिन है। दिल्ली विधानसभा का आज का दिन भी अहम है। आज यानी शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की कैग रिपोर्ट पेश होगी। यह रिपोर्ट एक बार फिर से अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की परेशानी बढ़ा सकती है।दरअसल दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं पर कैग की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जिसे लेकर आज विधानसभा में एक बार फिर से हंगामे के आसार हैं।

सूत्रों का कहना है कि कैग रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे हुए हैं। कैग रिपोर्ट की मानें तो दिल्ली के अस्पतालों में बिस्तरों की भारी कमी है। साथ ही कोविड के दौरान जितने पैसे मिले थे, उतने खर्च भी नहीं हुए। रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 से निपटने के लिए केंद्र सरकार से मिले 787.91 करोड़ रुपये में से सिर्फ 582.84 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए, जबकि बाकी राशि बिना उपयोग के रह गई। इसके चलते कोरोना संकट के दौरान जरूरी सुविधाओं की भारी कमी रही।

सरकारी अस्पतालों में बेड की भारी कमी

दिल्ली सरकार ने 2016-17 से 2020-21 के बीच 32,000 नए बेड जोड़ने का वादा किया था, लेकिन सिर्फ 1,357 बेड ही जोड़े गए, जो कि कुल लक्ष्य का मात्र 4.24% है। राजधानी के कई अस्पतालों में बेड की भारी कमी देखी गई, जहां बेड ऑक्यूपेंसी 101% से 189% तक रही, यानी एक ही बेड पर दो-दो मरीजों को रखा गया या मरीजों को फर्श पर इलाज कराना पड़ा।

डॉक्टरों और स्टाफ की भारी कमी

रिपोर्ट में अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ की भारी कमी का भी जिक्र किया गया है। इतना ही नहीं, इसमें साफ-साफ कहा गया है कि मोहल्ला क्लीनिक आने वाले मरीजों को देखने के लिए डॉक्टर एक मिनट से ज्यादा वक्त नहीं देते थे। इतना ही नहीं, इनमें से कई क्लीनिक में पल्स ऑक्सीमीटर, ग्लूकोमीटर, एक्स-रे व्यूअर, थर्मामीटर और ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग डिवाइस जैसी बुनियादी चिकित्सा उपकरण भी नहीं थे। ऑडिट में यह भी सामने आया है कि जिन क्लीनिक का मूल्यांकन किया गया, उनमें से 18% क्लीनिक 15 दिनों से लेकर 23 महीनों तक बंद रहे। इसकी मुख्य वजह डॉक्टरों की अनुपलब्धता, इस्तीफे और डी-एम्पैनलमेंट रही।

बड़े पैमाने पर खाली पद भरे ही नहीं गए*

दिल्ली के स्वास्थ्य सेवाओं में बड़े पैमाने पर खाली पद भरे ही नहीं गए, जिससे आधारभूत ढांचा खराब हुआ। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में 3268 पद DGHS में 1532 पद स्टेट हेल्थ मिशन में 1036 पद ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट में 75 पद खाली हैं। भर्तियां नहीं होने की वजह से दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में 503 पद, लोक नायक अस्पताल में 581 पद, RGSSH में 579 पद खाली रह गए। पद खाली होने से मरीजों के इलाज में देरी होने लगी सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी और जलने वाली सर्जरी में लोकनायक जय प्रकाश जैसे अस्पताल में 12 महीने की वेटिंग है जबकि बच्चों की सर्जरी में साल भर की वेटिंग चाचा नेहरु बाल चिकित्सालय में है।

बता दें कि इससे पहले दिल्ली शराब नीति पर कैग रिपोर्ट पेश की जा चुकी है। कैग रिपोर्ट से स्पष्ट है कि दिल्ली सरकार के राजस्व को 2002 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।

दिल्ली विधानसभा में पेश होगी CAG की दूसरी रिपोर्ट, केजरीवाल सरकार की गलतियों का आज होगा पर्दाफाश!

डेस्क: दिल्ली विधानसभा में आज पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर CAG रिपोर्ट का दूसरा वार होने वाला है। पहली रिपोर्ट में दिल्ली शराब घोटाले को लेकर बीजेपी ने केजरीवाल को घेरा। रिपोर्ट को पीएसी के पास भेजा गया है तो आज CAG की 14 पेंडिंग रिपोर्ट्स में दूसरी रिपोर्ट की बारी है। आज केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के कार्यकाल के दौरान दिल्ली की स्वास्थ्य सुविधा को लेकर कैग की रिपोर्ट आने वाली है जिसमें मोहल्ला क्लीनीक में हुई गड़बड़ियों का खुलासा होने वाला है।

इधर, उपराज्यपाल के संबोधन के दौरान हंगामे के आरोप में निष्कासित आप के 21 विधायकों ने गुरुवार को पूर्व सीएम आतिशी के साथ विधासनभा गेट के बाहर प्रोटेस्ट किया तो आज आम आदमी पार्टी के विधायक राष्ट्रपति से मुलाकात कर शिकायत करने वाले हैं।

दोपहर बाद 2 बजे से शुरू हो रहे आज के विधानसभा सत्र में केजरीवाल पर CAG का दूसरा अटैक होने वाला है। आज सीएजी की दूसरी रिपोर्ट पेश होगी जिसमें स्वास्थ्य विभाग में की गई गड़बड़ियों पर खुलासा हो सकता है। अस्पतालों और मोहल्ला क्लिनिक को लेकर बरती गई अनियमितता भी सामने आएगी। केजरवाल सरकार के कार्यकाल की कुल 14 पेंडिंग सीएजी रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी जानी है।

सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य पर CAG की ड्राफ्ट रिपोर्ट में ये चौंकाने वाली खामियां उजागर हुई हैं-

-18 क्लीनिकों में थर्मामीटर नहीं
-45 क्लीनिकों में एक्स-रे व्यूअर नहीं
-21 क्लीनिकों में पल्स ऑक्सीमीटर नहीं
-12 क्लीनिकों में वजन मापने की मशीनें नहीं
-21 मोहल्ला क्लीनिकों में शौचालय नहीं
-कोविड फंड: 245 करोड़ रुपये खर्च नहीं हुए
-स्वास्थ्य इंफ्रा फंड में ₹2,623 करोड़ लैप्स हो गए

इससे पहले गुरुवार को दिन भर दिल्ली की शराब पॉलिसी पर CAG रिपोर्ट की चर्चा हुई उसके बाद रिपोर्ट को पब्लिक एकाउंट कमेटी (PAC) के पास भेज दिया गया। कमेटी को 3 महीने में अपनी रिपोर्ट देनी है। इसके अलावा स्पीकर ने आबकारी विभाग को एक महीने के अंदर रिपोर्ट पर एक्शन टेकेन रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है।

वहीं सदन में PWD मंत्री प्रवेश वर्मा ने CCTV कैमरे लगाए जाने में हुई गड़बड़ी की जांच कराने का भी आदेश जारी किया है। आरोप है कि आम आदमी पार्टी सरकार ने बीजेपी विधायकों की विधानसभा क्षेत्र में CCTV कैमरे नहीं लगवाए।
दिल्ली विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश, आबकारी नीति के कारण 2,000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान

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दिल्ली में नई सरकार का गठन होने के बाद पहला विधानसभा सत्र जारी है।दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कैग रिपोर्ट पेश की है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार तो आबकारी नीति पर आधारित CAG रिपोर्ट पेश की। विधानसभा में रिपोर्ट पेश करते हुए, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह रिपोर्ट पूर्व सरकार के कार्यकाल में हुए वित्तीय अनियमितताओं को उजागर करती है। इस रिपोर्ट में शराब घोटाले से जुड़ी कई अहम जानकारियां दी गई हैं।

सीएजी रिपोर्ट को लेकर स्पीकर विजेंद्र गुप्ता का निशाना

दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह जानकर आश्चर्य होता है कि CAG की रिपोर्ट 2017-18 के बाद विधानसभा में पेश नहीं की गई है। इस संबंध में तत्कालीन विपक्ष के नेता यानी मैंने और विपक्ष के पांच अन्य नेताओं ने राष्ट्रपति जी, विधानसभा अध्यक्ष जी से अनुरोध किया था कि इस रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया जाए। आप की सरकार कैग की रिपोर्ट को दबाया। कैग की रिपोर्ट एलजी के पास नहीं भेजी गई।

सीएजी रिपोर्ट में दिल्ली की आबकारी नीति के तहत हुई कथित अनियमितताओं का विवरण दिया गया है और यह आरोप लगाया गया है कि शराब बिक्री से जुड़े कई मामलों में नियमों का उल्लंघन किया गया था। सीएम रेखा गुप्ता ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए इसे विधानसभा में पेश किया और सरकार की ओर से आगे की कार्रवाई करने का संकेत दिया।

लाइसेंस जारी करने में कई अनियमितताएं

कैग रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में शराब के लाइसेंस जारी करने में कई अनियमितताएं सामने आई हैं। रिपोर्ट में यह आरोप लगाया गया है कि शराब के लाइसेंस केवल कुछ चुनिंदा कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए दिए गए थे। इसके साथ ही, नई शराब नीति को एकाधिकार बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया था, जिसमें नियमों की अनदेखी की गई। फैसले और नीतियां तय करते समय कई जगहों पर नियमों का पालन नहीं किया गया और इसका फायदा केवल कुछ विशेष समूहों को हुआ।

आबकारी नीति के कारण 2,000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान

कैग रिपोर्ट के अनुसार, 2021-2022 की आबकारी नीति के कारण दिल्ली सरकार को कुल मिलाकर 2,000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है. इसकी वजह कमजोर नीति फ्रेमवर्क से लेकर अपर्याप्त क्रियान्वयन तक कई कारण हैं। इस रिपोर्ट में लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में उल्लंघनों को भी चिन्हित किया गया है. इसमें बताया गया है कि शराब नीति के गठन के लिए बदलाव सुझाने के लिए गठित एक विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों को तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने नजरअंदाज कर दिया था

दिल्ली विधानसभा में आज 14 कैग रिपोर्ट्स पेश करेगी बीजेपी सरकार, बढ़ सकती हैं आम आदमी पार्टी की मुश्किलें

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दिल्ली विधानसभा सत्र की शुरूआत हो चुके हैं। आज सत्र का दूसरा दिन उपराज्यपाल के अभिभाषण से शुरू होगा।यह सत्र महज तीन दिन का ही है। यह सत्र 24 फरवरी को शुरू हुआ है और 27 फरवरी तक चलेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि आज कैग की रिपोर्ट पेश की जाएगी।दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार के दौरान कई विभागों में भ्रष्टाचार के मामले का उजागर कैग की रिपोर्ट में हुआ है।

दिल्ली की नई बीजेपी सरकार मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में मंगलवार को विधानसभा में कैग की 14 लंबित रिपोर्टें पेश करेगी। इनमें से आधे से अधिक रिपोर्टें 500 दिनों से लंबित हैं, जबकि कुछ 300 दिनों से पेंडिंग हैं। इन रिपोर्टों में विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों और पहलों के महत्वपूर्ण ऑडिट और आकलन शामिल हैं। इन रिपोर्टों को प्रस्तुत करने में 'देरी' ने दिल्ली में आप सरकार की जवाबदेही को लेकर चिंताएं पैदा कर दी थीं। इन रिपोर्टों के पेश होने से आम आदमी पार्टी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

इस रिपोर्ट में पिछली सरकार के वित्त से जुड़े कार्यों का जिक्र किया गया है। भाजपा भी शुरू से यह आरोप लगाती रही है कि सीएजी रिपोर्ट सदन पटल पर रखे जाने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार के भ्रष्टाचार का पोल खुलेगा। बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर अपने कार्यकाल के दौरान इन 14 रिपोर्टों को पेश करने में विफल रहने का आरोप लगाया था। दिसंबर 2024 में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पूर्व सीएम आतिशी को विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट पेश करने में विफल रहने पर फटकार भी लगाई थी। इस वजह से उन्होंने 19 और 20 दिसंबर को एक विशेष सत्र भी बुलाया था।

शपथ लेते ही एक्शन में दिल्ली की सीएम, 24 से शुरू होगा विशेष विधानसभा सत्र, CAG रिपोर्ट होगी पेश

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दिल्ली में 27 साल के बाद बीजेपी सरकार की वापसी हो गई है। दिल्ली में बीजेपी सरकार अस्तित्व में आने के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता एक्शन में हैं। नई सरकार गठन होने के बाद दिल्ली में अब विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है। 24 से 27 फरवरी तक से दिल्ली विधानसभा का सत्र चलेगा। पहले ही सत्र में सरकार कैग रिपोर्ट्स पेश करेगी। जानकारी के अनुसार 27 फरवरी को रिपोर्ट पेश होगी।

इससे पहले गुरूवार को दिल्ली सरकार की पहली कैबिनेट बैठक हुई। गुरुवार रात हुई बैठक में आयुष्मान योजना को मंजूरी दे दी। कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली में केंद्र सरकार की लोकप्रिय और जनकल्याणकारी आयुष्मान योजना को लागू किया जाएगा, जिसे आप सरकार ने रोक रखा था। पहली बैठक में कैबिनेट ने इस योजना लागू करने का फैसला किया गया है। इसमें पांच लाख रुपये केंद्र सरकार और पांच लाख रुपये दिल्ली सरकार देगी। केंद्र सरकार की 70 साल की उम्र पूरी कर चुके वरिष्ठ नागरिकों के मुफ्त इलाज की सुविधा अब दिल्लीवालों को मिलेगी। मंजूरी के बाद योजना लागू करने की आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही इसका मसौदा सार्वजनिक कर दिया जाएगा।

रेखा गुप्ता के मुताबिक, बैठक में आप सरकार के दौरान आई सीएजी रिपोर्ट पर भी चर्चा हुई। इसकी 14 रिपोर्ट अभी लंबित हैं। विधानसभा की पहली बैठक में इसे सदन में रखा जाएगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि उनकी सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है और जल्द ही दिल्ली में बदलाव दिखेंगे। उन्होंने आम आदमी पार्टी पर भी निशाना साधते हुए कहा है कि वह अपनी और अपनी पार्टी की चिंता है। हम लोग काम करने के लिए आए हैं और काम करके रहेंगे। उन्होंने फिर दोहराया कि जो हमारा एजेंडा है, उसको पूरा करने के लिए एक भी दिन व्यर्थ नहीं गंवाएंगे।

दिल्ली की नई सरकार ने कैबिनेट की पहली ही बैठक में अपना आगे का एजेंडा लगभग साफ कर दिया है। कैबिनेट की बैठक के पहले दो निर्णयों से साफ है कि एक तरफ बीजेपी ने चुनाव के दौरान जनता से जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करने पर सरकार का फोकस रहेगा और पिछली सरकार के कार्यकाल में जो काम रोके गए थे, उन्हें आगे बढ़ाया जाएगा। दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी के लोगों से वादा किया था कि बीजेपी की सरकार बनने के बाद पहली विधानसभा सत्र में ही हमारी पार्टी कैग रिपोर्ट पेश करेगी। अब 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करने वाली बीजेपी सरकार पीएम के उन्हीं वादे पर अमल करती नजर आ रही है। रेखा गुप्ता के नेतृत्व में बनी नई सरकार ने भी गुरुवार को हुई पहली कैबिनेट बैठक में कैग रिपोर्ट पेश करने का फैसला लिया था।

झारखंड में आपदा प्रबंधन के 1300 करोड़ पर सियासत हुई गर्म, पक्ष और विपक्ष में हुई तकरार


भाजपा ने कहा आपदा प्रबंधन के 1300 करोड़ कहां गए?, तो JMM ने PM Care Fund पर उठाए सवाल

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड में इन दोनों आपदा प्रबंधन विभाग सुर्खियों में छाया हुआ है। राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के 1300 करोड़ का हिसाब नहीं मिलने पर सियासत शुरू हो गई है। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि आखिर यह पैसा कहां गया इसकी जांच होनी चाहिए। पूर्व विधायक और भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अमित मंडल ने कहा कि 2019 से अब तक राज्य आपदा मोचक निधि से खर्च हुए 1300 करोड़ का हिसाब झारखंड सरकार नहीं दे पा रही है।

 उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल समाप्त होने वाला है और 16वें वित्त आयोग के गठन से पहले सभी राज्यों को मिलने वाले पैसे का हिसाब भारत सरकार को देना था। लेकिन झारखंड सरकार के द्वारा डाटा नहीं देने के कारण एक बार फिर यह संशय की स्थिति उत्पन्न हो गई है कि आखिर 1300 करोड़ कहां गए।

भारतीय जनता पार्टी के इस आप पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पलटवार करते हुए पीएम केयर फंड पर सवाल उठाए और इसका भाजपा के नेताओं को हिसाब मांगने को कहा। 

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राशि के मिलान में विभाग को खर्च में अनियमितता पता चला, जिसकी जांच हो रही है। 2019 में कोरोना के उस वक्त की परिस्थिति को पैसे से नहीं आंका जा सकता, ये आम जनों का पैसा है और उसका प्रोपर एकाउंटेंशी होना चाहिए। सरकार ने विभागों से हिसाब लेने का निर्णय लिया। 

वही सुप्रियो ने बीजेपी के नेताओं से अनुरोध भी किया है कि थोड़ा पीएम केयर फंड का भी हिसाब लेले। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि पीएम आपदा राहत के रहते अचानक एक पीएम केयर फंड ट्रस्ट तैयार हो जाता, जिसका CAG ऑडिट नहीं कर सकता। पीएम केयर फंड में पूरे देश, विदेश से कितने पैसे आए। जिसका कोई हिसाब नहीं है।  

उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना के समय  वैक्सिंग का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार हुआ। उसका पैसा इलेक्ट्रॉल बॉड में भी लगाया गया। इस वैक्सीनेशन सीरम इंस्टीट्यूट के मालिक आज देश छोड़ कर भागा।जिसकी जानकारी नहीं आई की कहां गया? ऐसे में भाजपा को पीएम केयर फंड का ब्यौरा भी जारी करना चाहिए।

*कैग रिपोर्ट में देरी होने पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकारा, कहा- आपकी ईमानदारी पर संदेह

#highcourtcriticiseddelhigovernmentdelayaddressingcagreports

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आई कैग रिपोर्ट का मुद्दा दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है। 7 भाजपा विधायकों ने कैग की रिपोर्ट पर विधानसभा में चर्चा करवाने की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई थी, जिस पर सोमवार को कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। दिल्ली हाईकोर्ट ने कैग रिपोर्ट पर विचार करने में देरी के लिए दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि जिस तरह से आपने अपने कदम पीछे खींचे हैं, उससे आपकी ईमानदारी पर संदेह पैदा होता है।

हाईकोर्टकी नाराजगी की वजह

कोर्ट ने विजेंदर गुप्ता सहित भारतीय जनता पार्टी के विधायकों की ओर से दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने जोर देते हुए कहा, “आपको रिपोर्ट को तुरंत स्पीकर के पास भेजना चाहिए था और सदन में बहस शुरू करवानी चाहिए थी। दरअसल, दिल्‍ली सरकार की यह जिम्‍मेदारी थी कि इस रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया जाता, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने ऐसा नहीं किया। यही वजह है कि हाईकोर्ट ने सरकार के इस रवैये पर नाराजगी जाहिर की।

आपका टालमटोल बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण-हाई कोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से कहा कि आप जिस तरह से टालमटोल कर रहे हैं, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। आपको कैग रिपोर्ट को विधानसभा स्पीकर के पास भेजने और विधानसभा में चर्चा करने में तत्पर होना चाहिए था।

कैग रिपोर्ट में किया गया दावा

सीएजी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास के रिनोवेशन पर 33.66 करोड़ रुपये खर्च किए थे। लागत से 342 प्रतिशत ज्‍यादा रकम इस काम के लिए खर्च की गई। रिपोर्ट में कहा गया कि अरविंद केजरीवाल के घर के रिनोवेशन का काम 8.62 करोड़ रुपये की निविदा पर किया जाना था। इसकी अनुमानित लागत 7.61 करोड़ तय की गई थी। शुरुआत में ही यह 13.21 प्रतिशत ज्‍यादा थी। जब अरविंद केजरीवाल के घर का काम खत्‍म हुआ तो यह अनुमानित लागत से 342.31 प्रतिशत ज्‍यादा था। यह रकम निविदा राशि से 290.49 प्रतिशत अधिक पाई गई।

प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने दरभंगा जिले को दी लगभग 1500 करोड़ रुपये की सौगात,


पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज प्रगति यात्रा के क्रम में दरभंगा जिले को लगभग 1500 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात दी। मुख्यमंत्री ने 186 योजनाओं से संबंधित शिलापट्टों का अनावरण कर उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। इसके तहत 935.28 करोड़ रुपये की लागत से 89 योजनाओं का उद्घाटन एवं 561.75 करोड़ रुपये की लागत से 97 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

प्रगति यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री ने दरभंगा जिला अंतर्गत मुख्यमंत्री बाल आश्रय विकास योजना के तहत दरभंगा जिले के मौजा मनिहास में 200 आवासन के नवनिर्मित वृहद् आश्रय गृह भवन का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वृहद् आश्रय गृह प्रांगण एवं कॉमन फैसिलिटी सेंटर का निरीक्षण कर उपलब्ध कराई गई सुविधाओं का जायजा लिया। इस दौरान नवनिर्मित वृहद आश्रय गृह दरभंगा पर आधारित लघु फिल्म मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शित की गई। अधिकारियों ने वृहद आश्रय गृह के संबंध में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री को बताया कि यह वृहद् आश्रय गृह 5 एकड़ भूमि में बनाया गया है, जिसमें 100 बालकों तथा 100 बालिकाओं के आवासन के साथ-साथ सेवा प्रदाताओं के रहने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। नवनिर्मित वृहद आश्रय गृह के प्रांगण में सुरक्षा के दृष्टिकोण से 32 सी०सी०टीवी कैमरे आच्छादित किये गये हैं। पर्याप्त संख्या में स्ट्रीट लाइट लगाए गए हैं। फायर फाइटिंग अलार्म और स्मॉक अलार्म भी लगाये गये हैं। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने सिंहवाड़ा प्रखण्ड स्थित सिमरी में चंद्रसार पोखर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह काफी बड़ा पोखर है, जो 52 बीघा में स्थित है। लोगों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए इसके चारो तरफ सीढीनुमा घाट निर्माण कराएं और सघन वृक्षारोपण भी कराएं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मखाना भंडार गृह निर्माण हेतु मखाना विकास योजना अंतर्गत सहायता अनुदान का सांकेतिक चेक लाभुकों को प्रदान किया। सिंहवाड़ा प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति से जुड़े लोगों से मुख्यमंत्री ने बातचीत की। इस दौरान सिंहवाड़ा प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति द्वारा मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका अभिनंदन किया गया। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री पंचायत सरकार भवन सिमरी के प्रांगण में सुधा डेयरी बूथ का फीता काटकर उद्घाटन किया। पंचायत सरकार भवन सिमरी के प्रांगण में बने प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति लिमिटेड का भी मुख्यमंत्री ने निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पैक्स द्वारा किए जा रहे धान अधिप्राप्ति का चेक लाभुकों को प्रदान किया।

    पंचायत सरकार भवन, सिमरी के प्रांगण में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा तथा आंगनबाड़ी केंद्र का फीता काटकर मुख्यमंत्री ने शुभारंभ किया। पंचायत सरकार भवन सिमरी के प्रांगण में स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का मुख्यमंत्री ने निरीक्षण कर चिकित्सीय परामर्श कक्ष, प्रसव पूर्व जांच आदि का जायजा लिया। ग्राम पंचायत सरकार भवन सिमरी का भी मुख्यमंत्री ने निरीक्षण कर न्यायालय कक्ष, पुस्तकालय आदि की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड द्वारा मध्य विद्यालय सिमरी के प्रांगण में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय सिंहवाड़ा का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन किया। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के छात्राओं द्वारा लिए जा रहे जूडो कराटे (आत्म) प्रशिक्षण को मुख्यमंत्री ने देखा एवं उसके बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। आत्म प्रशिक्षण प्राप्त कर रही बच्चियों से मुख्यमंत्री ने बातचीत करते हुए उनकी प्रशंसा की और उन्हें बधाई दी। प्लस टू उच्च विद्यालय सिमरी के परिसर में दरभंगा जिला अंतर्गत विभिन्न विकासात्मक योजनाओं का मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। उद्घाटन एवं शिलान्यास किए गए विकासात्मक योजनाओं से संबंधित पुस्तिका को जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को भेंट किया।

    मुख्यमंत्री ने उच्च विद्यालय सिमरी परिसर में जीविका दीदियों एवं विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल का अवलोकन किया। अवलोकन के क्रम में मुख्यमंत्री ने सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत कुल 2391 परिवारों को 9 करोड़ 87 लाख 86 हजार रुपये का सांकेतिक चेक, 23384 जीविका स्वयं सहायता समूह एवं समूह से संबंधित कुल 93536 जीविका दीदियों को बैंक से क्रेडिट लिंकेज के रूप में प्राप्त वित्तीय सुविधा का 284 करोड़ 79 लाख रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया। साथ ही जीविका भवन की चाबी, सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत संपोषित वाहन की चाबी, बिहार लघु उद्यमी योजना अंतर्गत प्रदत्त राशि का सांकेतिक चेक, आयुष्मान वय वंदना कार्ड, सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत मनरेगा द्वारा निर्मित बकरी शेड की चाबी, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत निर्मित आवास की चाबी, अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना का सांकेतिक चेक लाभुकों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों से बातचीत करते हुए कहा कि आप सभी बहुत अच्छा काम कर रही हैं। हम जहां भी जाते हैं वहां स्वयं सहायता समूह से जुड़ी जीविका दीदियों से जरूर बातचीत करते हैं। स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर जीविका दीदियां काफी मेहनत कर रही हैं। इससे उनकी आमदनी बढ़ रही है। साथ ही परिवार और समाज में उनका मान-सम्मान भी बढ़ा है। महिलाएं जहां पहले घर से बाहर निकलने में शर्माती थीं वहीं अब निःसंकोच न सिर्फ घरों से बाहर निकल रही हैं बल्कि कई प्रकार के कारोबार से जुड़कर अपने परिवार के भरण-पोषण में अहम भूमिका निभा रही हैं। स्वयं सहयता समूहों से जुड़ी महिलाओं का जीविका नाम हमने ही दिया। हमारे इस काम से प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने इसका नाम आजीविका किया। इसको आप सब भूलियेगा मत। मनरेगा योजना अंतर्गत ग्राम पंचायत सिमरी के प्लस टू वासुदेव उच्च विद्यालय के प्रांगण में 9.95 लाख रुपये की लागत से निर्मित खेल मैदान का भी रिमोट के माध्यम से मुख्यमंत्री ने उ‌द्घाटन किया। दरभंगा के दिल्ली मोड़ स्थित न्यू बस स्टैंड को प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय/अंतर्राज्यीय बस पड़ाव स्थल के रुप में विकसित करने एवं दरभंगा बस स्टैंड को दरभंगा हवाई अड्डा के सिविल इनक्लेव से जोड़ने संबंधी प्रस्ताव के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने स्थल निरीक्षण किया। अधिकारियों ने प्रस्तावित दरभंगा बस स्टैंड के भवन प्रारूप एवं मैप के माध्यम से पार्किंग, यात्रियों की सामान रखने की सुविधा, चार्जिंग प्वाइंट, कार्यालय भवन आदि की विस्तृत जानकारी मुख्यमंत्री को दी। इस दौरान मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना का सांकेतिक चेक एवं वाहन की चाबी लाभुकों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किया। मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तावित दरभंगा बस पड़ाव के संदर्भ में तैयार किए गए लघु फिल्म प्रदर्शित की गई। मुख्यमंत्री ने हराही, दिग्धी, गंगा सागर तालाब का निरीक्षण किया।

       निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तीनों तालाबों को इंटर कनेक्ट करवाएं। ये तीनों तालाब आसपास ही स्थित है। इसके चारो तरफ सीढ़ीनुमा घाट का निर्माण कराएं ताकि सहूलियत पूर्वक लोगों की पहुंच पानी तक हो सके। इसके पश्चात् दरभंगा के दोनार चौक स्थित रेलवे गुमटी पर जाम की समस्या के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने स्थल निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों ने दरभंगा जिला अंतर्गत राज्य उच्च पथ संख्या-56 पर दरभंगा-लहेरियासराय रेलवे स्टेशन के बीच लेबल क्रॉसिंग संख्या-25 एस०पी०एल० के बदले पहुंच पथ सहित आर०ओ०बी० का 134.67 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण के संबंध में मुख्यमंत्री को जानकारी दी।

झारखंड पर CAG की रिपोर्ट राज्य का हेल्थ गड़बड़, विपक्ष ने घेरा सरकार को, विपक्ष के सवाल पर मंत्री ने कहा सब ठीक है


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड विधानसभा में 27 फरवरी को पेश की गई कैग की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन के लेखापरीक्षा में सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा अधिकारियों, नर्सों और पैरामेडिक्स की भारी कमी का पता चला है। CAG की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड सरकार कोविड के दी गयी राशि को खर्च नहीं कर पायी थी।

झारखंड विधानसभा में पेश CAG रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए जेडीयू विधायक सरयू राय ने स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर लूट का आरोप लगाया है।सदन के बाहर चौथे दिन पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने कैग के रिपोर्ट के बाद कहा कि बड़ा दुर्भाग्य है झारखंड के लिए कि यहां के जनता को क्या लाभ मिल पाया या नहीं। सरयू राय ने मुख्यमंत्री से CAG रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री पर कार्रवाई की मांग की है।

झारखंड के ही मंत्री हफ़ीजुल हसन ने कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में जितना जरूरत था हमने खर्च किया। कही भी ऐसा नहीं था कोविड की दवाइयां कमी हुई। हमें ऐसा नहीं लगा कि स्वास्थ्य में कहीं कमी की है सारा इंतजाम हमारी सरकार ने किया था। 

बरहाल कैग की रिपोर्ट में 2020-21 और 2021-22 के दौरान निरीक्षण वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों तथा अस्पतालों में 65 प्रतिशत से लेकर 95 प्रतिशत तक आवश्यक दवाओं की कमी का भी पता चला है। देखनेवाली बात होगी कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।

झारखंड पर CAG की रिपोर्ट राज्य का हेल्थ गड़बड़, विपक्ष ने घेरा सरकार को, विपक्ष के सवाल पर मंत्री ने कहा सब ठीक है

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड विधानसभा में 27 फरवरी को पेश की गई कैग की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन के लेखापरीक्षा में सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा अधिकारियों, नर्सों और पैरामेडिक्स की भारी कमी का पता चला है। CAG की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड सरकार कोविड के दी गयी राशि को खर्च नहीं कर पायी थी। झारखंड विधानसभा में पेश CAG रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए जेडीयू विधायक सरयू राय ने स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर लूट का आरोप लगाया है।सदन के बाहर चौथे दिन पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने कैग के रिपोर्ट के बाद कहा कि बड़ा दुर्भाग्य है झारखंड के लिए कि यहां के जनता को क्या लाभ मिल पाया या नहीं। सरयू राय ने मुख्यमंत्री से CAG रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री पर कार्रवाई की मांग की है।

झारखंड के ही मंत्री हफ़ीजुल हसन ने कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में जितना जरूरत था हमने खर्च किया। कही भी ऐसा नहीं था कोविड की दवाइयां कमी हुई। हमें ऐसा नहीं लगा कि स्वास्थ्य में कहीं कमी की है सारा इंतजाम हमारी सरकार ने किया था। 

बरहाल कैग की रिपोर्ट में 2020-21 और 2021-22 के दौरान निरीक्षण वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों तथा अस्पतालों में 65 प्रतिशत से लेकर 95 प्रतिशत तक आवश्यक दवाओं की कमी का भी पता चला है। देखनेवाली बात होगी कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।

अब दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक और अस्पतालों की खुली पोले,CAG रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

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दिल्ली विधानसभा सत्र का आज चौथा दिन है। दिल्ली विधानसभा का आज का दिन भी अहम है। आज यानी शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की कैग रिपोर्ट पेश होगी। यह रिपोर्ट एक बार फिर से अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की परेशानी बढ़ा सकती है।दरअसल दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं पर कैग की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जिसे लेकर आज विधानसभा में एक बार फिर से हंगामे के आसार हैं।

सूत्रों का कहना है कि कैग रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे हुए हैं। कैग रिपोर्ट की मानें तो दिल्ली के अस्पतालों में बिस्तरों की भारी कमी है। साथ ही कोविड के दौरान जितने पैसे मिले थे, उतने खर्च भी नहीं हुए। रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 से निपटने के लिए केंद्र सरकार से मिले 787.91 करोड़ रुपये में से सिर्फ 582.84 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए, जबकि बाकी राशि बिना उपयोग के रह गई। इसके चलते कोरोना संकट के दौरान जरूरी सुविधाओं की भारी कमी रही।

सरकारी अस्पतालों में बेड की भारी कमी

दिल्ली सरकार ने 2016-17 से 2020-21 के बीच 32,000 नए बेड जोड़ने का वादा किया था, लेकिन सिर्फ 1,357 बेड ही जोड़े गए, जो कि कुल लक्ष्य का मात्र 4.24% है। राजधानी के कई अस्पतालों में बेड की भारी कमी देखी गई, जहां बेड ऑक्यूपेंसी 101% से 189% तक रही, यानी एक ही बेड पर दो-दो मरीजों को रखा गया या मरीजों को फर्श पर इलाज कराना पड़ा।

डॉक्टरों और स्टाफ की भारी कमी

रिपोर्ट में अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ की भारी कमी का भी जिक्र किया गया है। इतना ही नहीं, इसमें साफ-साफ कहा गया है कि मोहल्ला क्लीनिक आने वाले मरीजों को देखने के लिए डॉक्टर एक मिनट से ज्यादा वक्त नहीं देते थे। इतना ही नहीं, इनमें से कई क्लीनिक में पल्स ऑक्सीमीटर, ग्लूकोमीटर, एक्स-रे व्यूअर, थर्मामीटर और ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग डिवाइस जैसी बुनियादी चिकित्सा उपकरण भी नहीं थे। ऑडिट में यह भी सामने आया है कि जिन क्लीनिक का मूल्यांकन किया गया, उनमें से 18% क्लीनिक 15 दिनों से लेकर 23 महीनों तक बंद रहे। इसकी मुख्य वजह डॉक्टरों की अनुपलब्धता, इस्तीफे और डी-एम्पैनलमेंट रही।

बड़े पैमाने पर खाली पद भरे ही नहीं गए*

दिल्ली के स्वास्थ्य सेवाओं में बड़े पैमाने पर खाली पद भरे ही नहीं गए, जिससे आधारभूत ढांचा खराब हुआ। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में 3268 पद DGHS में 1532 पद स्टेट हेल्थ मिशन में 1036 पद ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट में 75 पद खाली हैं। भर्तियां नहीं होने की वजह से दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में 503 पद, लोक नायक अस्पताल में 581 पद, RGSSH में 579 पद खाली रह गए। पद खाली होने से मरीजों के इलाज में देरी होने लगी सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी और जलने वाली सर्जरी में लोकनायक जय प्रकाश जैसे अस्पताल में 12 महीने की वेटिंग है जबकि बच्चों की सर्जरी में साल भर की वेटिंग चाचा नेहरु बाल चिकित्सालय में है।

बता दें कि इससे पहले दिल्ली शराब नीति पर कैग रिपोर्ट पेश की जा चुकी है। कैग रिपोर्ट से स्पष्ट है कि दिल्ली सरकार के राजस्व को 2002 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।

दिल्ली विधानसभा में पेश होगी CAG की दूसरी रिपोर्ट, केजरीवाल सरकार की गलतियों का आज होगा पर्दाफाश!

डेस्क: दिल्ली विधानसभा में आज पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर CAG रिपोर्ट का दूसरा वार होने वाला है। पहली रिपोर्ट में दिल्ली शराब घोटाले को लेकर बीजेपी ने केजरीवाल को घेरा। रिपोर्ट को पीएसी के पास भेजा गया है तो आज CAG की 14 पेंडिंग रिपोर्ट्स में दूसरी रिपोर्ट की बारी है। आज केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के कार्यकाल के दौरान दिल्ली की स्वास्थ्य सुविधा को लेकर कैग की रिपोर्ट आने वाली है जिसमें मोहल्ला क्लीनीक में हुई गड़बड़ियों का खुलासा होने वाला है।

इधर, उपराज्यपाल के संबोधन के दौरान हंगामे के आरोप में निष्कासित आप के 21 विधायकों ने गुरुवार को पूर्व सीएम आतिशी के साथ विधासनभा गेट के बाहर प्रोटेस्ट किया तो आज आम आदमी पार्टी के विधायक राष्ट्रपति से मुलाकात कर शिकायत करने वाले हैं।

दोपहर बाद 2 बजे से शुरू हो रहे आज के विधानसभा सत्र में केजरीवाल पर CAG का दूसरा अटैक होने वाला है। आज सीएजी की दूसरी रिपोर्ट पेश होगी जिसमें स्वास्थ्य विभाग में की गई गड़बड़ियों पर खुलासा हो सकता है। अस्पतालों और मोहल्ला क्लिनिक को लेकर बरती गई अनियमितता भी सामने आएगी। केजरवाल सरकार के कार्यकाल की कुल 14 पेंडिंग सीएजी रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी जानी है।

सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य पर CAG की ड्राफ्ट रिपोर्ट में ये चौंकाने वाली खामियां उजागर हुई हैं-

-18 क्लीनिकों में थर्मामीटर नहीं
-45 क्लीनिकों में एक्स-रे व्यूअर नहीं
-21 क्लीनिकों में पल्स ऑक्सीमीटर नहीं
-12 क्लीनिकों में वजन मापने की मशीनें नहीं
-21 मोहल्ला क्लीनिकों में शौचालय नहीं
-कोविड फंड: 245 करोड़ रुपये खर्च नहीं हुए
-स्वास्थ्य इंफ्रा फंड में ₹2,623 करोड़ लैप्स हो गए

इससे पहले गुरुवार को दिन भर दिल्ली की शराब पॉलिसी पर CAG रिपोर्ट की चर्चा हुई उसके बाद रिपोर्ट को पब्लिक एकाउंट कमेटी (PAC) के पास भेज दिया गया। कमेटी को 3 महीने में अपनी रिपोर्ट देनी है। इसके अलावा स्पीकर ने आबकारी विभाग को एक महीने के अंदर रिपोर्ट पर एक्शन टेकेन रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है।

वहीं सदन में PWD मंत्री प्रवेश वर्मा ने CCTV कैमरे लगाए जाने में हुई गड़बड़ी की जांच कराने का भी आदेश जारी किया है। आरोप है कि आम आदमी पार्टी सरकार ने बीजेपी विधायकों की विधानसभा क्षेत्र में CCTV कैमरे नहीं लगवाए।
दिल्ली विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश, आबकारी नीति के कारण 2,000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान

#delhiassemblysessioncmrekhaguptacag_report

दिल्ली में नई सरकार का गठन होने के बाद पहला विधानसभा सत्र जारी है।दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कैग रिपोर्ट पेश की है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार तो आबकारी नीति पर आधारित CAG रिपोर्ट पेश की। विधानसभा में रिपोर्ट पेश करते हुए, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह रिपोर्ट पूर्व सरकार के कार्यकाल में हुए वित्तीय अनियमितताओं को उजागर करती है। इस रिपोर्ट में शराब घोटाले से जुड़ी कई अहम जानकारियां दी गई हैं।

सीएजी रिपोर्ट को लेकर स्पीकर विजेंद्र गुप्ता का निशाना

दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह जानकर आश्चर्य होता है कि CAG की रिपोर्ट 2017-18 के बाद विधानसभा में पेश नहीं की गई है। इस संबंध में तत्कालीन विपक्ष के नेता यानी मैंने और विपक्ष के पांच अन्य नेताओं ने राष्ट्रपति जी, विधानसभा अध्यक्ष जी से अनुरोध किया था कि इस रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया जाए। आप की सरकार कैग की रिपोर्ट को दबाया। कैग की रिपोर्ट एलजी के पास नहीं भेजी गई।

सीएजी रिपोर्ट में दिल्ली की आबकारी नीति के तहत हुई कथित अनियमितताओं का विवरण दिया गया है और यह आरोप लगाया गया है कि शराब बिक्री से जुड़े कई मामलों में नियमों का उल्लंघन किया गया था। सीएम रेखा गुप्ता ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए इसे विधानसभा में पेश किया और सरकार की ओर से आगे की कार्रवाई करने का संकेत दिया।

लाइसेंस जारी करने में कई अनियमितताएं

कैग रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में शराब के लाइसेंस जारी करने में कई अनियमितताएं सामने आई हैं। रिपोर्ट में यह आरोप लगाया गया है कि शराब के लाइसेंस केवल कुछ चुनिंदा कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए दिए गए थे। इसके साथ ही, नई शराब नीति को एकाधिकार बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया था, जिसमें नियमों की अनदेखी की गई। फैसले और नीतियां तय करते समय कई जगहों पर नियमों का पालन नहीं किया गया और इसका फायदा केवल कुछ विशेष समूहों को हुआ।

आबकारी नीति के कारण 2,000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान

कैग रिपोर्ट के अनुसार, 2021-2022 की आबकारी नीति के कारण दिल्ली सरकार को कुल मिलाकर 2,000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है. इसकी वजह कमजोर नीति फ्रेमवर्क से लेकर अपर्याप्त क्रियान्वयन तक कई कारण हैं। इस रिपोर्ट में लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में उल्लंघनों को भी चिन्हित किया गया है. इसमें बताया गया है कि शराब नीति के गठन के लिए बदलाव सुझाने के लिए गठित एक विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों को तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने नजरअंदाज कर दिया था

दिल्ली विधानसभा में आज 14 कैग रिपोर्ट्स पेश करेगी बीजेपी सरकार, बढ़ सकती हैं आम आदमी पार्टी की मुश्किलें

#delhi_assembly_session_2025_bjp_to_present_cag_reports

दिल्ली विधानसभा सत्र की शुरूआत हो चुके हैं। आज सत्र का दूसरा दिन उपराज्यपाल के अभिभाषण से शुरू होगा।यह सत्र महज तीन दिन का ही है। यह सत्र 24 फरवरी को शुरू हुआ है और 27 फरवरी तक चलेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि आज कैग की रिपोर्ट पेश की जाएगी।दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार के दौरान कई विभागों में भ्रष्टाचार के मामले का उजागर कैग की रिपोर्ट में हुआ है।

दिल्ली की नई बीजेपी सरकार मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में मंगलवार को विधानसभा में कैग की 14 लंबित रिपोर्टें पेश करेगी। इनमें से आधे से अधिक रिपोर्टें 500 दिनों से लंबित हैं, जबकि कुछ 300 दिनों से पेंडिंग हैं। इन रिपोर्टों में विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों और पहलों के महत्वपूर्ण ऑडिट और आकलन शामिल हैं। इन रिपोर्टों को प्रस्तुत करने में 'देरी' ने दिल्ली में आप सरकार की जवाबदेही को लेकर चिंताएं पैदा कर दी थीं। इन रिपोर्टों के पेश होने से आम आदमी पार्टी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

इस रिपोर्ट में पिछली सरकार के वित्त से जुड़े कार्यों का जिक्र किया गया है। भाजपा भी शुरू से यह आरोप लगाती रही है कि सीएजी रिपोर्ट सदन पटल पर रखे जाने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार के भ्रष्टाचार का पोल खुलेगा। बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर अपने कार्यकाल के दौरान इन 14 रिपोर्टों को पेश करने में विफल रहने का आरोप लगाया था। दिसंबर 2024 में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पूर्व सीएम आतिशी को विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट पेश करने में विफल रहने पर फटकार भी लगाई थी। इस वजह से उन्होंने 19 और 20 दिसंबर को एक विशेष सत्र भी बुलाया था।

शपथ लेते ही एक्शन में दिल्ली की सीएम, 24 से शुरू होगा विशेष विधानसभा सत्र, CAG रिपोर्ट होगी पेश

#delhi_assembly_session_2025_begins_from_24_february_cag_report

दिल्ली में 27 साल के बाद बीजेपी सरकार की वापसी हो गई है। दिल्ली में बीजेपी सरकार अस्तित्व में आने के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता एक्शन में हैं। नई सरकार गठन होने के बाद दिल्ली में अब विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है। 24 से 27 फरवरी तक से दिल्ली विधानसभा का सत्र चलेगा। पहले ही सत्र में सरकार कैग रिपोर्ट्स पेश करेगी। जानकारी के अनुसार 27 फरवरी को रिपोर्ट पेश होगी।

इससे पहले गुरूवार को दिल्ली सरकार की पहली कैबिनेट बैठक हुई। गुरुवार रात हुई बैठक में आयुष्मान योजना को मंजूरी दे दी। कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली में केंद्र सरकार की लोकप्रिय और जनकल्याणकारी आयुष्मान योजना को लागू किया जाएगा, जिसे आप सरकार ने रोक रखा था। पहली बैठक में कैबिनेट ने इस योजना लागू करने का फैसला किया गया है। इसमें पांच लाख रुपये केंद्र सरकार और पांच लाख रुपये दिल्ली सरकार देगी। केंद्र सरकार की 70 साल की उम्र पूरी कर चुके वरिष्ठ नागरिकों के मुफ्त इलाज की सुविधा अब दिल्लीवालों को मिलेगी। मंजूरी के बाद योजना लागू करने की आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही इसका मसौदा सार्वजनिक कर दिया जाएगा।

रेखा गुप्ता के मुताबिक, बैठक में आप सरकार के दौरान आई सीएजी रिपोर्ट पर भी चर्चा हुई। इसकी 14 रिपोर्ट अभी लंबित हैं। विधानसभा की पहली बैठक में इसे सदन में रखा जाएगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि उनकी सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है और जल्द ही दिल्ली में बदलाव दिखेंगे। उन्होंने आम आदमी पार्टी पर भी निशाना साधते हुए कहा है कि वह अपनी और अपनी पार्टी की चिंता है। हम लोग काम करने के लिए आए हैं और काम करके रहेंगे। उन्होंने फिर दोहराया कि जो हमारा एजेंडा है, उसको पूरा करने के लिए एक भी दिन व्यर्थ नहीं गंवाएंगे।

दिल्ली की नई सरकार ने कैबिनेट की पहली ही बैठक में अपना आगे का एजेंडा लगभग साफ कर दिया है। कैबिनेट की बैठक के पहले दो निर्णयों से साफ है कि एक तरफ बीजेपी ने चुनाव के दौरान जनता से जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करने पर सरकार का फोकस रहेगा और पिछली सरकार के कार्यकाल में जो काम रोके गए थे, उन्हें आगे बढ़ाया जाएगा। दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी के लोगों से वादा किया था कि बीजेपी की सरकार बनने के बाद पहली विधानसभा सत्र में ही हमारी पार्टी कैग रिपोर्ट पेश करेगी। अब 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करने वाली बीजेपी सरकार पीएम के उन्हीं वादे पर अमल करती नजर आ रही है। रेखा गुप्ता के नेतृत्व में बनी नई सरकार ने भी गुरुवार को हुई पहली कैबिनेट बैठक में कैग रिपोर्ट पेश करने का फैसला लिया था।

झारखंड में आपदा प्रबंधन के 1300 करोड़ पर सियासत हुई गर्म, पक्ष और विपक्ष में हुई तकरार


भाजपा ने कहा आपदा प्रबंधन के 1300 करोड़ कहां गए?, तो JMM ने PM Care Fund पर उठाए सवाल

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड में इन दोनों आपदा प्रबंधन विभाग सुर्खियों में छाया हुआ है। राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के 1300 करोड़ का हिसाब नहीं मिलने पर सियासत शुरू हो गई है। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि आखिर यह पैसा कहां गया इसकी जांच होनी चाहिए। पूर्व विधायक और भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अमित मंडल ने कहा कि 2019 से अब तक राज्य आपदा मोचक निधि से खर्च हुए 1300 करोड़ का हिसाब झारखंड सरकार नहीं दे पा रही है।

 उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल समाप्त होने वाला है और 16वें वित्त आयोग के गठन से पहले सभी राज्यों को मिलने वाले पैसे का हिसाब भारत सरकार को देना था। लेकिन झारखंड सरकार के द्वारा डाटा नहीं देने के कारण एक बार फिर यह संशय की स्थिति उत्पन्न हो गई है कि आखिर 1300 करोड़ कहां गए।

भारतीय जनता पार्टी के इस आप पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पलटवार करते हुए पीएम केयर फंड पर सवाल उठाए और इसका भाजपा के नेताओं को हिसाब मांगने को कहा। 

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राशि के मिलान में विभाग को खर्च में अनियमितता पता चला, जिसकी जांच हो रही है। 2019 में कोरोना के उस वक्त की परिस्थिति को पैसे से नहीं आंका जा सकता, ये आम जनों का पैसा है और उसका प्रोपर एकाउंटेंशी होना चाहिए। सरकार ने विभागों से हिसाब लेने का निर्णय लिया। 

वही सुप्रियो ने बीजेपी के नेताओं से अनुरोध भी किया है कि थोड़ा पीएम केयर फंड का भी हिसाब लेले। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि पीएम आपदा राहत के रहते अचानक एक पीएम केयर फंड ट्रस्ट तैयार हो जाता, जिसका CAG ऑडिट नहीं कर सकता। पीएम केयर फंड में पूरे देश, विदेश से कितने पैसे आए। जिसका कोई हिसाब नहीं है।  

उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना के समय  वैक्सिंग का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार हुआ। उसका पैसा इलेक्ट्रॉल बॉड में भी लगाया गया। इस वैक्सीनेशन सीरम इंस्टीट्यूट के मालिक आज देश छोड़ कर भागा।जिसकी जानकारी नहीं आई की कहां गया? ऐसे में भाजपा को पीएम केयर फंड का ब्यौरा भी जारी करना चाहिए।

*कैग रिपोर्ट में देरी होने पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकारा, कहा- आपकी ईमानदारी पर संदेह

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दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आई कैग रिपोर्ट का मुद्दा दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है। 7 भाजपा विधायकों ने कैग की रिपोर्ट पर विधानसभा में चर्चा करवाने की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई थी, जिस पर सोमवार को कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। दिल्ली हाईकोर्ट ने कैग रिपोर्ट पर विचार करने में देरी के लिए दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि जिस तरह से आपने अपने कदम पीछे खींचे हैं, उससे आपकी ईमानदारी पर संदेह पैदा होता है।

हाईकोर्टकी नाराजगी की वजह

कोर्ट ने विजेंदर गुप्ता सहित भारतीय जनता पार्टी के विधायकों की ओर से दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने जोर देते हुए कहा, “आपको रिपोर्ट को तुरंत स्पीकर के पास भेजना चाहिए था और सदन में बहस शुरू करवानी चाहिए थी। दरअसल, दिल्‍ली सरकार की यह जिम्‍मेदारी थी कि इस रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया जाता, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने ऐसा नहीं किया। यही वजह है कि हाईकोर्ट ने सरकार के इस रवैये पर नाराजगी जाहिर की।

आपका टालमटोल बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण-हाई कोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से कहा कि आप जिस तरह से टालमटोल कर रहे हैं, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। आपको कैग रिपोर्ट को विधानसभा स्पीकर के पास भेजने और विधानसभा में चर्चा करने में तत्पर होना चाहिए था।

कैग रिपोर्ट में किया गया दावा

सीएजी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास के रिनोवेशन पर 33.66 करोड़ रुपये खर्च किए थे। लागत से 342 प्रतिशत ज्‍यादा रकम इस काम के लिए खर्च की गई। रिपोर्ट में कहा गया कि अरविंद केजरीवाल के घर के रिनोवेशन का काम 8.62 करोड़ रुपये की निविदा पर किया जाना था। इसकी अनुमानित लागत 7.61 करोड़ तय की गई थी। शुरुआत में ही यह 13.21 प्रतिशत ज्‍यादा थी। जब अरविंद केजरीवाल के घर का काम खत्‍म हुआ तो यह अनुमानित लागत से 342.31 प्रतिशत ज्‍यादा था। यह रकम निविदा राशि से 290.49 प्रतिशत अधिक पाई गई।

प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने दरभंगा जिले को दी लगभग 1500 करोड़ रुपये की सौगात,


पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज प्रगति यात्रा के क्रम में दरभंगा जिले को लगभग 1500 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात दी। मुख्यमंत्री ने 186 योजनाओं से संबंधित शिलापट्टों का अनावरण कर उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। इसके तहत 935.28 करोड़ रुपये की लागत से 89 योजनाओं का उद्घाटन एवं 561.75 करोड़ रुपये की लागत से 97 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

प्रगति यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री ने दरभंगा जिला अंतर्गत मुख्यमंत्री बाल आश्रय विकास योजना के तहत दरभंगा जिले के मौजा मनिहास में 200 आवासन के नवनिर्मित वृहद् आश्रय गृह भवन का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वृहद् आश्रय गृह प्रांगण एवं कॉमन फैसिलिटी सेंटर का निरीक्षण कर उपलब्ध कराई गई सुविधाओं का जायजा लिया। इस दौरान नवनिर्मित वृहद आश्रय गृह दरभंगा पर आधारित लघु फिल्म मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शित की गई। अधिकारियों ने वृहद आश्रय गृह के संबंध में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री को बताया कि यह वृहद् आश्रय गृह 5 एकड़ भूमि में बनाया गया है, जिसमें 100 बालकों तथा 100 बालिकाओं के आवासन के साथ-साथ सेवा प्रदाताओं के रहने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। नवनिर्मित वृहद आश्रय गृह के प्रांगण में सुरक्षा के दृष्टिकोण से 32 सी०सी०टीवी कैमरे आच्छादित किये गये हैं। पर्याप्त संख्या में स्ट्रीट लाइट लगाए गए हैं। फायर फाइटिंग अलार्म और स्मॉक अलार्म भी लगाये गये हैं। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने सिंहवाड़ा प्रखण्ड स्थित सिमरी में चंद्रसार पोखर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह काफी बड़ा पोखर है, जो 52 बीघा में स्थित है। लोगों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए इसके चारो तरफ सीढीनुमा घाट निर्माण कराएं और सघन वृक्षारोपण भी कराएं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मखाना भंडार गृह निर्माण हेतु मखाना विकास योजना अंतर्गत सहायता अनुदान का सांकेतिक चेक लाभुकों को प्रदान किया। सिंहवाड़ा प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति से जुड़े लोगों से मुख्यमंत्री ने बातचीत की। इस दौरान सिंहवाड़ा प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति द्वारा मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका अभिनंदन किया गया। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री पंचायत सरकार भवन सिमरी के प्रांगण में सुधा डेयरी बूथ का फीता काटकर उद्घाटन किया। पंचायत सरकार भवन सिमरी के प्रांगण में बने प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति लिमिटेड का भी मुख्यमंत्री ने निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पैक्स द्वारा किए जा रहे धान अधिप्राप्ति का चेक लाभुकों को प्रदान किया।

    पंचायत सरकार भवन, सिमरी के प्रांगण में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा तथा आंगनबाड़ी केंद्र का फीता काटकर मुख्यमंत्री ने शुभारंभ किया। पंचायत सरकार भवन सिमरी के प्रांगण में स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का मुख्यमंत्री ने निरीक्षण कर चिकित्सीय परामर्श कक्ष, प्रसव पूर्व जांच आदि का जायजा लिया। ग्राम पंचायत सरकार भवन सिमरी का भी मुख्यमंत्री ने निरीक्षण कर न्यायालय कक्ष, पुस्तकालय आदि की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड द्वारा मध्य विद्यालय सिमरी के प्रांगण में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय सिंहवाड़ा का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन किया। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के छात्राओं द्वारा लिए जा रहे जूडो कराटे (आत्म) प्रशिक्षण को मुख्यमंत्री ने देखा एवं उसके बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। आत्म प्रशिक्षण प्राप्त कर रही बच्चियों से मुख्यमंत्री ने बातचीत करते हुए उनकी प्रशंसा की और उन्हें बधाई दी। प्लस टू उच्च विद्यालय सिमरी के परिसर में दरभंगा जिला अंतर्गत विभिन्न विकासात्मक योजनाओं का मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। उद्घाटन एवं शिलान्यास किए गए विकासात्मक योजनाओं से संबंधित पुस्तिका को जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को भेंट किया।

    मुख्यमंत्री ने उच्च विद्यालय सिमरी परिसर में जीविका दीदियों एवं विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल का अवलोकन किया। अवलोकन के क्रम में मुख्यमंत्री ने सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत कुल 2391 परिवारों को 9 करोड़ 87 लाख 86 हजार रुपये का सांकेतिक चेक, 23384 जीविका स्वयं सहायता समूह एवं समूह से संबंधित कुल 93536 जीविका दीदियों को बैंक से क्रेडिट लिंकेज के रूप में प्राप्त वित्तीय सुविधा का 284 करोड़ 79 लाख रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया। साथ ही जीविका भवन की चाबी, सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत संपोषित वाहन की चाबी, बिहार लघु उद्यमी योजना अंतर्गत प्रदत्त राशि का सांकेतिक चेक, आयुष्मान वय वंदना कार्ड, सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत मनरेगा द्वारा निर्मित बकरी शेड की चाबी, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत निर्मित आवास की चाबी, अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना का सांकेतिक चेक लाभुकों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों से बातचीत करते हुए कहा कि आप सभी बहुत अच्छा काम कर रही हैं। हम जहां भी जाते हैं वहां स्वयं सहायता समूह से जुड़ी जीविका दीदियों से जरूर बातचीत करते हैं। स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर जीविका दीदियां काफी मेहनत कर रही हैं। इससे उनकी आमदनी बढ़ रही है। साथ ही परिवार और समाज में उनका मान-सम्मान भी बढ़ा है। महिलाएं जहां पहले घर से बाहर निकलने में शर्माती थीं वहीं अब निःसंकोच न सिर्फ घरों से बाहर निकल रही हैं बल्कि कई प्रकार के कारोबार से जुड़कर अपने परिवार के भरण-पोषण में अहम भूमिका निभा रही हैं। स्वयं सहयता समूहों से जुड़ी महिलाओं का जीविका नाम हमने ही दिया। हमारे इस काम से प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने इसका नाम आजीविका किया। इसको आप सब भूलियेगा मत। मनरेगा योजना अंतर्गत ग्राम पंचायत सिमरी के प्लस टू वासुदेव उच्च विद्यालय के प्रांगण में 9.95 लाख रुपये की लागत से निर्मित खेल मैदान का भी रिमोट के माध्यम से मुख्यमंत्री ने उ‌द्घाटन किया। दरभंगा के दिल्ली मोड़ स्थित न्यू बस स्टैंड को प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय/अंतर्राज्यीय बस पड़ाव स्थल के रुप में विकसित करने एवं दरभंगा बस स्टैंड को दरभंगा हवाई अड्डा के सिविल इनक्लेव से जोड़ने संबंधी प्रस्ताव के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने स्थल निरीक्षण किया। अधिकारियों ने प्रस्तावित दरभंगा बस स्टैंड के भवन प्रारूप एवं मैप के माध्यम से पार्किंग, यात्रियों की सामान रखने की सुविधा, चार्जिंग प्वाइंट, कार्यालय भवन आदि की विस्तृत जानकारी मुख्यमंत्री को दी। इस दौरान मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना का सांकेतिक चेक एवं वाहन की चाबी लाभुकों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किया। मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तावित दरभंगा बस पड़ाव के संदर्भ में तैयार किए गए लघु फिल्म प्रदर्शित की गई। मुख्यमंत्री ने हराही, दिग्धी, गंगा सागर तालाब का निरीक्षण किया।

       निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तीनों तालाबों को इंटर कनेक्ट करवाएं। ये तीनों तालाब आसपास ही स्थित है। इसके चारो तरफ सीढ़ीनुमा घाट का निर्माण कराएं ताकि सहूलियत पूर्वक लोगों की पहुंच पानी तक हो सके। इसके पश्चात् दरभंगा के दोनार चौक स्थित रेलवे गुमटी पर जाम की समस्या के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने स्थल निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों ने दरभंगा जिला अंतर्गत राज्य उच्च पथ संख्या-56 पर दरभंगा-लहेरियासराय रेलवे स्टेशन के बीच लेबल क्रॉसिंग संख्या-25 एस०पी०एल० के बदले पहुंच पथ सहित आर०ओ०बी० का 134.67 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण के संबंध में मुख्यमंत्री को जानकारी दी।