पोप फ्रांसिस का निधन, 88 साल की उम्र में ली आखिरी सांस
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पोप फ्रांसिस का सोमवार को निधन हो गया है। पोप फ्रांसिस का वेटिकन सिटी में निधन हुआ। वेटिकन के कैमर्लेंगो कार्डिनल केविन फेरेल ने बताया है कि पोप फ्रांसिस ने रोम के समय के हिसाब से सोमवार सुबह 7:35 बजे अंतिम सांस ली। वह 88 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे।निमोनिया की शिकायत पर फ्रांसिस पिछले दिनों अस्पताल में भर्ती हुए थे।
पोप फ्रांसिस ईस्टर रविवार के अवसर पर सेंट पीटर्स स्क्वायर में हजारों लोगों की भीड़ के सामने कुछ समय के लिए आए थे और सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। पोप फ्रांसिस ने लोगों को ईस्टर की शुभकामनाएं भी दी थीं। हालांकि पोप फ्रांसिस ने पियाजा में ईस्टर की प्रार्थना में हिस्सा नहीं लेकर इसे सेंट पीटर्स बेसिलिका के सेवानिवृत्त कार्डिनल एंजेलो कोमास्ट्री को सौंप दिया।
पोप फ्रांसिस ब्रोंकाइटिस से पीड़ित थे और उन्हें शुक्रवार, 14 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन उनकी हालत बिगड़ती गई, क्योंकि डॉक्टरों को ‘जटिल नैदानिक स्थिति” के कारण पोप के श्वसन पथ के संक्रमण के इलाज में बदलाव करना पड़ा और फिर एक्स-रे कराने पर पुष्टि हुई कि वह डबल निमोनिया से पीड़ित थे।उनको लंबे समय से ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जा रहा था। उनको लगातार खून चढ़ाया जा रहा था।
लगभग एक महीने तक अस्पताल में इलाज कराने के बाद पोप 24 मार्च को अपने निवास स्थान कासा सांता मार्टा लौटे थे। अस्पताल से लौटने पर उन्होंने बड़ी संख्या में अस्पताल के बाहर जमा हुए लोगों को आशीर्वाद दिया था। सार्वजनिक रूप से पोप को देखने के बाद लोग काफी खुश दिखे थे और जयकारे भी लगाए थे।
पोप फ्रांसिस का जन्म 17 दिसंबर 1936 को अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में हुआ था। उनका असली नाम जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो था। उन्होंने 13 मार्च 2013 को पोप का पद संभाला था, जो रोमन कैथोलिक चर्च का सर्वोच्च धर्म गुरु का पद है। रोम के बिशप और वैटिकन के राज्याध्यक्ष को पोप कहा जाता है। पोप फ्रांसिस लैटिन अमेरिका से आने वाले पहले पोप थे। पोप फ्रांसिस ने अपने कार्यकाल में चर्च में सुधारों को बढ़ावा दिया। उनको अपने मानवीय क्षेत्र में किए कामों के लिए भी जाना गया।
Apr 26 2025, 11:01