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अजित डोभाल के फ्रांस दौरे से पहले भारत के बड़ी खबर, राफेल मरीन जेट डील को लेकर बनी बात

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भारत और फ्रांस के बीच रक्षा साझेदारी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। फ्रांस ने 26 राफेल मरीन जेट सौदे के लिए भारत को फाइनल प्राइज ऑफर किया है। खास बात है कि फ्रांस ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के दौरे से ठीक पहले ये कदम उठाया है। बता दें कि अजीत डोभाल 30 सितंबर से 1 अक्टूबर तक फ्रांस के दौरे पर रहेंगे।

रक्षा सूत्रों के मुताबिक, सौदे के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत हुई। इसके बाद, फ्रांस ने दाम में उल्लेखनीय कमी की है और भारतीय अधिकारियों को बेहतरीन फाइनल प्राइस ऑफर दिया है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक इस बार फ्रांस ने रकम में कटौती की है और परियोजना के लिए फ्रांस की ओर से भारतीय अधिकारियों को सर्वोत्तम मूल्य दिया गया है। हालांकि, फाइनल डील कितने में होगी, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन रक्षा सूत्रों के मुताबिक इस सौदे की कीमत लगभग 50 हजार करोड़ रुपए के होने की उम्मीद है।

इस सौदे में 26 राफेल मरीन जेट की खरीद शामिल हैं, जिन्हें भारतीय नौसेना के आईएनएस विक्रांत विमानवाहक पोत और अन्य बेसों पर तैनात किया जाएगा। हाल ही में, इस सौदे को अंतिम रूप देने के लिए फ्रांसीसी अधिकारियों की एक टीम दिल्ली आई थी। वहीं अजीत डोभाल की फ्रांस यात्रा के दौरान इस सौदे पर चर्चा की जाएगी, जो भारतीय नौसेना की समुद्री क्षमता को मजबूत करने के लिए जरूरी है।

यह सौदा भारतीय नौसेना के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह अपनी समुद्री हमला क्षमता को मजबूत करने पर विचार कर रही है। भारत ने अनुरोध पत्र में डेविएशन को भी मंजूरी दे दी है, जो कि सरकार से सरकार के सौदों के लिए टेंडर डॉक्यूमेंट के बराबर है, जैसे कि भारतीय नौसेना के लिए जेट में स्वदेशी उत्तम रडार को एकीकृत करना है।

न्यूयॉर्क में जेलेंस्की से मिले पीएम मोदी, 1 महीने में दूसरी मुलाकात, जानें क्या हुई बात*
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रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के समाप्त होने का दुनिया इंतजार कर रही है। युद्ध खत्म कराने के लिए दुनिया के ताकतवर देश भी भारत की तरफ देख रहे हैं।पीएम मोदी भी इसमें कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।हाल ही में राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल की मॉस्‍को यात्रा पर राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद अब पीएम नरेंद्र मोदी न्‍यूयॉर्क में यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मिले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समयानुसार) को न्यूयॉर्क में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान पीएम मोदी ने यूक्रेन में संघर्ष के शीघ्र समाधान, क्षेत्र में शांति और स्थिरता की बहाली के लिए भारत के समर्थन को दोहराया।पिछले तीन महीनों में दोनों नेताओं के बीच यह तीसरी बैठक है। मोदी ने एक्स पर पोस्ट में कहा, 'न्यूयॉर्क में राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात हुई। हम द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए पिछले महीने यूक्रेन की अपनी यात्रा के परिणामों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यूक्रेन में संघर्ष के शीघ्र समाधान और शांति और स्थिरता की बहाली के लिए भारत का समर्थन दोहराया।' पीएम मोदी से मुलाकात के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने ट्वीट कर लिखा कि, यह इस साल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ तीसरी द्विपक्षीय बैठक है। हम सक्रिय रूप से अपने संबंधों को विकसित कर रहे हैं और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हमारी बातचीत का मुख्य फोकस अंतरराष्ट्रीय मंचों, खासकर संयुक्त राष्ट्र और जी20 में हमारी बातचीत को बढ़ाने के साथ-साथ शांति सूत्र को लागू करना और दूसरे शांति शिखर सम्मेलन की तैयारी पर था। हमने उपलब्ध अवसरों पर एक ठोस चर्चा की। मैं हमारी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के स्पष्ट समर्थन के लिए आपका आभारी हूं। वहीं, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक विशेष ब्रीफिंग के दौरान इस मुलाकात की जानकारी दी।विक्रम मिस्री ने कहा कि पीएम मोदी के साथ राष्ट्रपति जेलेंस्की की बैठक के लिए यूक्रेनी पक्ष ने अनुरोध किया था।विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक विशेष ब्रीफिंग के दौरान कहा कि बैठक के दौरान, जेलेंस्की ने यूक्रेन में संघर्ष पर भारत के ध्यान की सराहना की और इससे बाहर निकलने के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। मिस्री ने कहा कि दोनों नेता निकट संपर्क में रहने पर भी सहमत हुए। बता दें कि दोनों नेताओं के बीच लगभग एक महीने में यह दूसरी बैठक थी। पीएम मोदी ने 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा किया था और रूस-यूक्रेन संघर्ष में जल्द शांति बहाल करने के लिए हर संभव तरीके से योगदान देने की भारत की इच्छा दोहराई थी।पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन का दौरा किया था, जो साल 1992 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यूक्रेन यात्रा थी।
दुर्गा पूजा की तैयारी को लेकर की गई ग्राम सभा,


फिलिस्तीन ने गाजा में शांति के लिए भारत से मांगी मदद, NSA अजीत डोभाल रूस जाएंगे

रूस यूक्रेन युद्ध में शांति के लिए दुनियाभर के देश भारत की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं. रूस यूक्रेन में युद्ध विराम की कोशिश के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल अगले हफ्ते रूस का दौरा करेंगे. अब फिलिस्तीन ने भी गाजा में शांति के लिए भारत का रुख किया है. भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अदनान अबू अल-हैजा ने कहा, “हम हमेशा मध्यस्थ की भूमिका निभाने के लिए भारत जैसे दोस्त की तलाश में हैं.”

गाजा में युद्ध विराम के लिए अमेरिका, कतर और मिस्र मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं. तमाम कोशिशों के बाद भी मध्यस्थ युद्ध विराम समझौते पर नहीं पहुंच पाए हैं. रूस-यूक्रेन के बाद अब भारत से फिलिस्तीन इजराइल मुद्दे पर भी मध्यस्थ की भूमिका निभाने की उम्मीद की जा रही है.

भारत एक शांतिपूर्ण देश”- अबू अल-हैजा

फिलिस्तीनी राजदूत अबू अल-हैजा ने कहा, “मुझे पता है कि भारत एक शांतिपूर्ण देश है इसलिए हम भारत से अपील कर रहे हैं कि वे मध्यस्थ भूमिका निभाएं. भारत के दोनों देशों (इजराइल-फिलिस्तीन) से अच्छे संबंध हैं. हम भारत से आग्रह करते हैं कि वे युद्धविराम समझौते और फिलिस्तीन की 1967 के सीमाओं के आधार पर एक राज्य की स्थापना के लिए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करें.

युद्ध विराम के लिए रूस जा रहे डोभाल

हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि चीन, भारत और ब्राजील शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं. इसके बाद इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने भी ऐसा ही बयान दिया और दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध को खत्म कराने में भारत की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया था.

अब खबर आई है कि भारत के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल अगले हफ्ते रूस का दौरा करेंगे. खबर है कि वे यहां BRICS देशों के अपने समकक्षों से मुलाकात करेंगे. इन मुलाकातों में रूस-यूक्रेन विवाद को सुलझाने के लिए भी चर्चा हो सकती है

अजीत डोभाल के बेटे शौर्य का बड़ा खुलासा कहा 'बचपन में पता नहीं था, मेरे पिता सुपर जासूस हैं'

नई दिल्ली:- राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल ने अपने पिता से जुड़ी कई चौंकाने वाली बातों का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि बचपन में नहीं पता था कि उनके पिता एक आईपीएस हैं। मुझे लगता था कि वह विदेश सेवा में हैं।भारत आने पर मुझे इसके बारे में जानकारी हुई। 

शौर्य को अपने पिता के गुप्त अभियान की जानकारी बहुत बाद में हुई। शौर्य डोभाल का अन्य परिचय यह है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और विचार मंच ‘इंडिया फाउंडेशन’ के संस्थापक हैं। इससे पहले वह बैंकर रह चुके हैं।

जब पिता के साथी से पूछा सवाल

शौर्य डोभाल ने बताया कि एक बार उन्होंने अपने पिता के साथ काम करने वाले व्यक्ति से पूछा था कि पाकिस्तान की आईएसआई की तुलना में इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की गतिविधियों के बारे में कम खबरें आती हैं। शौर्य के इस सवाल पर सहकर्मी ने कहा था कि चूंकि आपको पता नहीं चल पाता है, इसी वजह से हम अपना काम कर पाते हैं।

अजीत डोभाल से जुड़ी अहम बातें

अजीत डोभाल की पहचान जाने माने जासूस के रूप में होती है। वर्तमान में वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। यह उनका तीसरा कार्यकाल है। डोभाल केरल कैडर के 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे हैं। अजीत डोभाल कीर्ति चक्र से सम्मानित होने वाले पहले पुलिसकर्मी भी हैं। 

डोभाल ने कई सफल खुफिया अभियान में हिस्सा लिया। इनमें मिजो नेशनल आर्मी में पैठ बनाना और ऑपरेशन ब्लैक थंडर में अहम भूमिका निभाना शामिल है।

अमेरिकी राजदूत ने की थी तारीफ

शौर्य ने बताया कि पिता के जासूस होने के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि अगर एक सुपर जासूस के बच्चों को उनके काम के बारे में पता होगा तो वह भला किस प्रकार का सुपर जासूस हुआ? भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने पिछले साल अजीत डोभाल की जमकर प्रशंसा की थी। उन्होंने डोभाल को पूरे विश्व की निधि कहा था।

शौर्य ने की थी इंडिया फाउंडेशन की स्थापना

शौर्य डोभाल दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज में पढ़ाई कर चुके हैं। उनके पास लंदन बिजनेस स्कूल और शिकागो विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री है। शौर्य ने निवेश बैंकिंग की अपनी शानदार नौकरी छोड़कर 2009 में भारत लौटे थे। इसके बाद उन्होंने इंडिया फाउंडेशन की स्थापना की थी।

देश के लिए कुछ करने का इरादा

शौर्य ने कहा कि देश में इंडिया फाउंडेश की स्थापना एक अच्छी शुरुआत थी, क्योंकि यहां राजनीतिक ‘थिंक टैंक’ की संस्कृति नहीं थी। मैं अपने जीवन में केवल व्यावसायिक गतिविधियां ही नहीं चाहता था, यही वजह थी कि मैंने देश के लिए कुछ करने के मकसद से यह छोटी सी कोशिश की।

खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह का भाई गिरफ्तार, जानें क्या है पूरा मामला*
#khalistani_sympathiser_mp_amritpal_singh_brother_arrested_in_drug_case खालिस्तान समर्थक और लोकसभा सांसद अमृतपाल सिंह के भाई को ड्रग मामले में गिरफ्तार किया गया है। हरप्रीत सिंह को पंजाब के फिल्लौर के पास जालंधर ग्रामीण पुलिस ने पांच ग्राम ड्रग के साथ गिरफ्तार किया है। हरप्रीत सिंह सहित 3 लोगों को जालंधर पुलिस ने आइस ड्रग के साथ गिरफ्तार किया है। सांसद के भाई हरप्रीत सिंह को गिरफ्तारी किए जाने की पुष्टि जालंधर देहात पुलिस के एसएसपी अंकुर गुप्ता ने कर दी है। गिरफ्तारी के बारे में उन्होंने बताया कि हरप्रीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से हमें आइस बरामद हुई है। बता दें कि अमृतपाल सिंह ने हाल ही में सांसद के रूप में शपथ ली है। वो फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत अमृतपाल की गिरफ्तारी की गई थी। वहीं उसके नौ सहयोगी डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। वारिस पंजाब का चीफ अमृतपाल पंजाब में नशा विरोधी मुहिम चलाकर ही सुर्खियों में आया था। यहीं नहीं अमृतपाल खुद अपने साथियों के साथ मिलकर नशा मुक्ति केंद्र चला रहा था। अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद यहां इलाज करवाने आए युवा भी अपने घरों को लौट गए थे। उसी अमृतपाल का भाई आज नशे के साथ गिरफ्तार किया गया है।
खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह का भाई गिरफ्तार, जानें क्या है पूरा मामला

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खालिस्तान समर्थक और लोकसभा सांसद अमृतपाल सिंह के भाई को ड्रग मामले में गिरफ्तार किया गया है। हरप्रीत सिंह को पंजाब के फिल्लौर के पास जालंधर ग्रामीण पुलिस ने पांच ग्राम ड्रग के साथ गिरफ्तार किया है। हरप्रीत सिंह सहित 3 लोगों को जालंधर पुलिस ने आइस ड्रग के साथ गिरफ्तार किया है।

सांसद के भाई हरप्रीत सिंह को गिरफ्तारी किए जाने की पुष्टि जालंधर देहात पुलिस के एसएसपी अंकुर गुप्ता ने कर दी है। गिरफ्तारी के बारे में उन्होंने बताया कि हरप्रीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से हमें आइस बरामद हुई है।

बता दें कि अमृतपाल सिंह ने हाल ही में सांसद के रूप में शपथ ली है। वो फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत अमृतपाल की गिरफ्तारी की गई थी। वहीं उसके नौ सहयोगी डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। वारिस पंजाब का चीफ अमृतपाल पंजाब में नशा विरोधी मुहिम चलाकर ही सुर्खियों में आया था। यहीं नहीं अमृतपाल खुद अपने साथियों के साथ मिलकर नशा मुक्ति केंद्र चला रहा था। अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद यहां इलाज करवाने आए युवा भी अपने घरों को लौट गए थे। उसी अमृतपाल का भाई आज नशे के साथ गिरफ्तार किया गया है।

अमृतपाल सिंह और इंजीनियर राशिद ने ली सांसद पद की शपथ, अलग-अलग जेल में बंद हैं दोनों

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असम के डिब्रूगढ़ की जेल में बंद अमृतपाल सिंह और दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद इंजीनियर राशिद ने शुक्रवार को संसद भवन पहुंचकर सांसद पद की शपथ ली। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने अपने चैंबर में दोनों नवनिर्वाचित सांसदों को संसद सदस्यता की शपथ दिलाई। असम के डिब्रूगढ़ की जेल में बंद अमृतपाल सिंह पंजाब के खडूर साहिब लोकसभा सीट और दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद इंजीनियर राशिद जम्मू कश्मीर की बारामूला लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर आए हैं।

हाल ही में समाप्त हुए 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दौरान कुल 542 में से 539 नवनिर्वाचित सांसदों ने संसद सदस्यता की शपथ ली। लेकिन, जेल में होने के कारण अमृतपाल सिंह और इंजीनियर रशीद सत्र के दौरान शपथ नहीं ले पाए थे। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत नौ सहयोगियों के साथ असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल को चार दिन की पैरोल दी गई है ताकि वह लोकसभा सदस्य की शपथ ले सकें। शपथ लेने के लिए रशीद को दो घंटे की हिरासत पैरोल दी गई, जिसमें तिहाड़ से संसद तक का यात्रा समय शामिल नहीं है। अमृतपाल सिंह को चार दिन की हिरासत पैरोल दी गई है, जो पांच जुलाई से शुरू होगी। अमृतपाल सिंह को असम से दिल्ली लाया जाएगा और फिर वापस ले जाया जाएगा। पैरोल अवधि के दौरान वे न तो किसी मुद्दे पर मीडिया से बात कर सकते हैं, न ही मीडिया को संबोधित कर सकते हैं और न ही कोई बयान दे सकते हैं।

दोनों पर अलग-अलग मामले दर्ज हैं. कानूनी प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में सवाल है कि अगर इन्हें दोषी साबित किया गया तो सदन की सदस्यता बरकरार रहेगी या जाएगी? पंजाब में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में अमृत पाल पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई थी। जिसके बाद से वह असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। वहीं, जम्मू-कश्मीर की बारामूला सीट से सांसद बने इंजीनियर रशीद पर टेरर फंडिंग केस में गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया था। वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।

दोनों ही मामले में कानूनी प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में इन्हें दोषी घोषित किया जाता है और सजा मिलती है तो लोकसभा की सदस्यता जा सकता है।0 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम कहता है कि अगर किसी मामले में सांसद को 2 या इससे अधिक समयावधि की सजा होती है तो लोकसभा सदस्यता खत्म की जा सकती है। हालांकि, उस सजा पर अगर कोई ऊपरी अदालत रोक लगाती है तो सदस्यता बरकरार रहती है। कई ऐसे मामले में सामने आ चुके हैं।

NSA Detention of khalistani extπemist Amritpal Singh & 9 others Extended For 1 Year
He has just become an MP from Khadoor Sahib, Punjab and currently lodged in dibrugarh jail, Assam under NSA
खडूर साहिब लोकसभा सीट: जेल में बंद खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह आगे चल रहे हैं

जेल में बंद खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह लोकसभा चुनाव 2024 में पंजाब की खडूर साहिब सीट से 21,000 से अधिक मतों से आगे चल रहे हैं, यह जानकारी भारत के चुनाव आयोग की वेबसाइट से मिली है। लोकसभा चुनाव के लिए मतगणना जारी है। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह खडूर साहिब से चुनाव लड़ रहे हैं। अमृतपाल सिंह 45,180 मतों से आगे चल रहे हैं। भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने वारिस पंजाब डे (WPD) प्रमुख के नामांकन पत्र स्वीकार कर लिए हैं, जिससे उनके समर्थकों की सभी आशंकाएँ समाप्त हो गई हैं कि उनका नामांकन पत्र खारिज हो सकता है। शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर), जिसने वारिस पंजाब डे प्रमुख को समर्थन देने का वादा किया था, ने भी अपने उम्मीदवार को "अमृतपाल की उम्मीदवारी खारिज होने की स्थिति में बैक-अप के रूप में" मैदान में उतारा। अमृतपाल सिंह को 2023 में गिरफ्तार किया गया था, जब उन्होंने और उनके सैकड़ों समर्थकों ने तलवारों और आग्नेयास्त्रों के साथ एक पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया था, जिसमें उन्होंने अपने एक सहयोगी की रिहाई की मांग की थी। संसद के चुनाव में उनकी जीत अमृतपाल सिंह को कुछ वैधता प्रदान कर सकती है और 1970 और 1980 के दशक में दसियों हज़ार लोगों की जान लेने वाले उग्रवाद के पुनरुत्थान की चिंताएँ पैदा कर सकती है। हालाँकि, पिछले साल अमृतपाल सिख अलगाववाद ने वैश्विक सुर्खियाँ बटोरीं, क्योंकि कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत पर उन देशों में सिखों के खिलाफ हत्या की साजिशों में शामिल होने का आरोप लगाया है, आरोपों से नई दिल्ली ने इनकार किया है। सिंह ने 2023 के एक साक्षात्कार में कहा कि वह सिखों और पंजाब के लोगों के लिए एक अलग मातृभूमि की मांग कर रहे थे, जहाँ धर्म की स्थापना 500 साल से भी पहले हुई थी। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि अमृतपाल सिंह का अभियान पंजाब की नशीली दवाओं की समस्या से लड़ने, पूर्व सिख आतंकवादियों को जेल से छुड़ाने और भारत में सिख पहचान की रक्षा करने पर केंद्रित था। शुरुआती रुझानों के अनुसार, पंजाब में कांग्रेस छह लोकसभा सीटों पर आगे चल रही है, जबकि आप चार निर्वाचन क्षेत्रों में आगे चल रही है। रुझानों के अनुसार, कांग्रेस अमृतसर, जालंधर, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, गुरदासपुर और पटियाला सीटों पर आगे चल रही है और आम आदमी पार्टी (आप) होशियारपुर, आनंदपुर साहिब, संगरूर और बठिंडा सीटों पर आगे चल रही है।
अजित डोभाल के फ्रांस दौरे से पहले भारत के बड़ी खबर, राफेल मरीन जेट डील को लेकर बनी बात

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भारत और फ्रांस के बीच रक्षा साझेदारी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। फ्रांस ने 26 राफेल मरीन जेट सौदे के लिए भारत को फाइनल प्राइज ऑफर किया है। खास बात है कि फ्रांस ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के दौरे से ठीक पहले ये कदम उठाया है। बता दें कि अजीत डोभाल 30 सितंबर से 1 अक्टूबर तक फ्रांस के दौरे पर रहेंगे।

रक्षा सूत्रों के मुताबिक, सौदे के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत हुई। इसके बाद, फ्रांस ने दाम में उल्लेखनीय कमी की है और भारतीय अधिकारियों को बेहतरीन फाइनल प्राइस ऑफर दिया है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक इस बार फ्रांस ने रकम में कटौती की है और परियोजना के लिए फ्रांस की ओर से भारतीय अधिकारियों को सर्वोत्तम मूल्य दिया गया है। हालांकि, फाइनल डील कितने में होगी, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन रक्षा सूत्रों के मुताबिक इस सौदे की कीमत लगभग 50 हजार करोड़ रुपए के होने की उम्मीद है।

इस सौदे में 26 राफेल मरीन जेट की खरीद शामिल हैं, जिन्हें भारतीय नौसेना के आईएनएस विक्रांत विमानवाहक पोत और अन्य बेसों पर तैनात किया जाएगा। हाल ही में, इस सौदे को अंतिम रूप देने के लिए फ्रांसीसी अधिकारियों की एक टीम दिल्ली आई थी। वहीं अजीत डोभाल की फ्रांस यात्रा के दौरान इस सौदे पर चर्चा की जाएगी, जो भारतीय नौसेना की समुद्री क्षमता को मजबूत करने के लिए जरूरी है।

यह सौदा भारतीय नौसेना के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह अपनी समुद्री हमला क्षमता को मजबूत करने पर विचार कर रही है। भारत ने अनुरोध पत्र में डेविएशन को भी मंजूरी दे दी है, जो कि सरकार से सरकार के सौदों के लिए टेंडर डॉक्यूमेंट के बराबर है, जैसे कि भारतीय नौसेना के लिए जेट में स्वदेशी उत्तम रडार को एकीकृत करना है।

न्यूयॉर्क में जेलेंस्की से मिले पीएम मोदी, 1 महीने में दूसरी मुलाकात, जानें क्या हुई बात*
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रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के समाप्त होने का दुनिया इंतजार कर रही है। युद्ध खत्म कराने के लिए दुनिया के ताकतवर देश भी भारत की तरफ देख रहे हैं।पीएम मोदी भी इसमें कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।हाल ही में राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल की मॉस्‍को यात्रा पर राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद अब पीएम नरेंद्र मोदी न्‍यूयॉर्क में यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मिले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समयानुसार) को न्यूयॉर्क में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान पीएम मोदी ने यूक्रेन में संघर्ष के शीघ्र समाधान, क्षेत्र में शांति और स्थिरता की बहाली के लिए भारत के समर्थन को दोहराया।पिछले तीन महीनों में दोनों नेताओं के बीच यह तीसरी बैठक है। मोदी ने एक्स पर पोस्ट में कहा, 'न्यूयॉर्क में राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात हुई। हम द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए पिछले महीने यूक्रेन की अपनी यात्रा के परिणामों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यूक्रेन में संघर्ष के शीघ्र समाधान और शांति और स्थिरता की बहाली के लिए भारत का समर्थन दोहराया।' पीएम मोदी से मुलाकात के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने ट्वीट कर लिखा कि, यह इस साल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ तीसरी द्विपक्षीय बैठक है। हम सक्रिय रूप से अपने संबंधों को विकसित कर रहे हैं और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हमारी बातचीत का मुख्य फोकस अंतरराष्ट्रीय मंचों, खासकर संयुक्त राष्ट्र और जी20 में हमारी बातचीत को बढ़ाने के साथ-साथ शांति सूत्र को लागू करना और दूसरे शांति शिखर सम्मेलन की तैयारी पर था। हमने उपलब्ध अवसरों पर एक ठोस चर्चा की। मैं हमारी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के स्पष्ट समर्थन के लिए आपका आभारी हूं। वहीं, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक विशेष ब्रीफिंग के दौरान इस मुलाकात की जानकारी दी।विक्रम मिस्री ने कहा कि पीएम मोदी के साथ राष्ट्रपति जेलेंस्की की बैठक के लिए यूक्रेनी पक्ष ने अनुरोध किया था।विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक विशेष ब्रीफिंग के दौरान कहा कि बैठक के दौरान, जेलेंस्की ने यूक्रेन में संघर्ष पर भारत के ध्यान की सराहना की और इससे बाहर निकलने के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। मिस्री ने कहा कि दोनों नेता निकट संपर्क में रहने पर भी सहमत हुए। बता दें कि दोनों नेताओं के बीच लगभग एक महीने में यह दूसरी बैठक थी। पीएम मोदी ने 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा किया था और रूस-यूक्रेन संघर्ष में जल्द शांति बहाल करने के लिए हर संभव तरीके से योगदान देने की भारत की इच्छा दोहराई थी।पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन का दौरा किया था, जो साल 1992 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यूक्रेन यात्रा थी।
दुर्गा पूजा की तैयारी को लेकर की गई ग्राम सभा,


फिलिस्तीन ने गाजा में शांति के लिए भारत से मांगी मदद, NSA अजीत डोभाल रूस जाएंगे

रूस यूक्रेन युद्ध में शांति के लिए दुनियाभर के देश भारत की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं. रूस यूक्रेन में युद्ध विराम की कोशिश के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल अगले हफ्ते रूस का दौरा करेंगे. अब फिलिस्तीन ने भी गाजा में शांति के लिए भारत का रुख किया है. भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अदनान अबू अल-हैजा ने कहा, “हम हमेशा मध्यस्थ की भूमिका निभाने के लिए भारत जैसे दोस्त की तलाश में हैं.”

गाजा में युद्ध विराम के लिए अमेरिका, कतर और मिस्र मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं. तमाम कोशिशों के बाद भी मध्यस्थ युद्ध विराम समझौते पर नहीं पहुंच पाए हैं. रूस-यूक्रेन के बाद अब भारत से फिलिस्तीन इजराइल मुद्दे पर भी मध्यस्थ की भूमिका निभाने की उम्मीद की जा रही है.

भारत एक शांतिपूर्ण देश”- अबू अल-हैजा

फिलिस्तीनी राजदूत अबू अल-हैजा ने कहा, “मुझे पता है कि भारत एक शांतिपूर्ण देश है इसलिए हम भारत से अपील कर रहे हैं कि वे मध्यस्थ भूमिका निभाएं. भारत के दोनों देशों (इजराइल-फिलिस्तीन) से अच्छे संबंध हैं. हम भारत से आग्रह करते हैं कि वे युद्धविराम समझौते और फिलिस्तीन की 1967 के सीमाओं के आधार पर एक राज्य की स्थापना के लिए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करें.

युद्ध विराम के लिए रूस जा रहे डोभाल

हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि चीन, भारत और ब्राजील शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं. इसके बाद इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने भी ऐसा ही बयान दिया और दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध को खत्म कराने में भारत की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया था.

अब खबर आई है कि भारत के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल अगले हफ्ते रूस का दौरा करेंगे. खबर है कि वे यहां BRICS देशों के अपने समकक्षों से मुलाकात करेंगे. इन मुलाकातों में रूस-यूक्रेन विवाद को सुलझाने के लिए भी चर्चा हो सकती है

अजीत डोभाल के बेटे शौर्य का बड़ा खुलासा कहा 'बचपन में पता नहीं था, मेरे पिता सुपर जासूस हैं'

नई दिल्ली:- राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल ने अपने पिता से जुड़ी कई चौंकाने वाली बातों का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि बचपन में नहीं पता था कि उनके पिता एक आईपीएस हैं। मुझे लगता था कि वह विदेश सेवा में हैं।भारत आने पर मुझे इसके बारे में जानकारी हुई। 

शौर्य को अपने पिता के गुप्त अभियान की जानकारी बहुत बाद में हुई। शौर्य डोभाल का अन्य परिचय यह है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और विचार मंच ‘इंडिया फाउंडेशन’ के संस्थापक हैं। इससे पहले वह बैंकर रह चुके हैं।

जब पिता के साथी से पूछा सवाल

शौर्य डोभाल ने बताया कि एक बार उन्होंने अपने पिता के साथ काम करने वाले व्यक्ति से पूछा था कि पाकिस्तान की आईएसआई की तुलना में इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की गतिविधियों के बारे में कम खबरें आती हैं। शौर्य के इस सवाल पर सहकर्मी ने कहा था कि चूंकि आपको पता नहीं चल पाता है, इसी वजह से हम अपना काम कर पाते हैं।

अजीत डोभाल से जुड़ी अहम बातें

अजीत डोभाल की पहचान जाने माने जासूस के रूप में होती है। वर्तमान में वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। यह उनका तीसरा कार्यकाल है। डोभाल केरल कैडर के 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे हैं। अजीत डोभाल कीर्ति चक्र से सम्मानित होने वाले पहले पुलिसकर्मी भी हैं। 

डोभाल ने कई सफल खुफिया अभियान में हिस्सा लिया। इनमें मिजो नेशनल आर्मी में पैठ बनाना और ऑपरेशन ब्लैक थंडर में अहम भूमिका निभाना शामिल है।

अमेरिकी राजदूत ने की थी तारीफ

शौर्य ने बताया कि पिता के जासूस होने के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि अगर एक सुपर जासूस के बच्चों को उनके काम के बारे में पता होगा तो वह भला किस प्रकार का सुपर जासूस हुआ? भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने पिछले साल अजीत डोभाल की जमकर प्रशंसा की थी। उन्होंने डोभाल को पूरे विश्व की निधि कहा था।

शौर्य ने की थी इंडिया फाउंडेशन की स्थापना

शौर्य डोभाल दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज में पढ़ाई कर चुके हैं। उनके पास लंदन बिजनेस स्कूल और शिकागो विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री है। शौर्य ने निवेश बैंकिंग की अपनी शानदार नौकरी छोड़कर 2009 में भारत लौटे थे। इसके बाद उन्होंने इंडिया फाउंडेशन की स्थापना की थी।

देश के लिए कुछ करने का इरादा

शौर्य ने कहा कि देश में इंडिया फाउंडेश की स्थापना एक अच्छी शुरुआत थी, क्योंकि यहां राजनीतिक ‘थिंक टैंक’ की संस्कृति नहीं थी। मैं अपने जीवन में केवल व्यावसायिक गतिविधियां ही नहीं चाहता था, यही वजह थी कि मैंने देश के लिए कुछ करने के मकसद से यह छोटी सी कोशिश की।

खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह का भाई गिरफ्तार, जानें क्या है पूरा मामला*
#khalistani_sympathiser_mp_amritpal_singh_brother_arrested_in_drug_case खालिस्तान समर्थक और लोकसभा सांसद अमृतपाल सिंह के भाई को ड्रग मामले में गिरफ्तार किया गया है। हरप्रीत सिंह को पंजाब के फिल्लौर के पास जालंधर ग्रामीण पुलिस ने पांच ग्राम ड्रग के साथ गिरफ्तार किया है। हरप्रीत सिंह सहित 3 लोगों को जालंधर पुलिस ने आइस ड्रग के साथ गिरफ्तार किया है। सांसद के भाई हरप्रीत सिंह को गिरफ्तारी किए जाने की पुष्टि जालंधर देहात पुलिस के एसएसपी अंकुर गुप्ता ने कर दी है। गिरफ्तारी के बारे में उन्होंने बताया कि हरप्रीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से हमें आइस बरामद हुई है। बता दें कि अमृतपाल सिंह ने हाल ही में सांसद के रूप में शपथ ली है। वो फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत अमृतपाल की गिरफ्तारी की गई थी। वहीं उसके नौ सहयोगी डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। वारिस पंजाब का चीफ अमृतपाल पंजाब में नशा विरोधी मुहिम चलाकर ही सुर्खियों में आया था। यहीं नहीं अमृतपाल खुद अपने साथियों के साथ मिलकर नशा मुक्ति केंद्र चला रहा था। अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद यहां इलाज करवाने आए युवा भी अपने घरों को लौट गए थे। उसी अमृतपाल का भाई आज नशे के साथ गिरफ्तार किया गया है।
खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह का भाई गिरफ्तार, जानें क्या है पूरा मामला

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खालिस्तान समर्थक और लोकसभा सांसद अमृतपाल सिंह के भाई को ड्रग मामले में गिरफ्तार किया गया है। हरप्रीत सिंह को पंजाब के फिल्लौर के पास जालंधर ग्रामीण पुलिस ने पांच ग्राम ड्रग के साथ गिरफ्तार किया है। हरप्रीत सिंह सहित 3 लोगों को जालंधर पुलिस ने आइस ड्रग के साथ गिरफ्तार किया है।

सांसद के भाई हरप्रीत सिंह को गिरफ्तारी किए जाने की पुष्टि जालंधर देहात पुलिस के एसएसपी अंकुर गुप्ता ने कर दी है। गिरफ्तारी के बारे में उन्होंने बताया कि हरप्रीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से हमें आइस बरामद हुई है।

बता दें कि अमृतपाल सिंह ने हाल ही में सांसद के रूप में शपथ ली है। वो फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत अमृतपाल की गिरफ्तारी की गई थी। वहीं उसके नौ सहयोगी डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। वारिस पंजाब का चीफ अमृतपाल पंजाब में नशा विरोधी मुहिम चलाकर ही सुर्खियों में आया था। यहीं नहीं अमृतपाल खुद अपने साथियों के साथ मिलकर नशा मुक्ति केंद्र चला रहा था। अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद यहां इलाज करवाने आए युवा भी अपने घरों को लौट गए थे। उसी अमृतपाल का भाई आज नशे के साथ गिरफ्तार किया गया है।

अमृतपाल सिंह और इंजीनियर राशिद ने ली सांसद पद की शपथ, अलग-अलग जेल में बंद हैं दोनों

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असम के डिब्रूगढ़ की जेल में बंद अमृतपाल सिंह और दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद इंजीनियर राशिद ने शुक्रवार को संसद भवन पहुंचकर सांसद पद की शपथ ली। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने अपने चैंबर में दोनों नवनिर्वाचित सांसदों को संसद सदस्यता की शपथ दिलाई। असम के डिब्रूगढ़ की जेल में बंद अमृतपाल सिंह पंजाब के खडूर साहिब लोकसभा सीट और दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद इंजीनियर राशिद जम्मू कश्मीर की बारामूला लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर आए हैं।

हाल ही में समाप्त हुए 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दौरान कुल 542 में से 539 नवनिर्वाचित सांसदों ने संसद सदस्यता की शपथ ली। लेकिन, जेल में होने के कारण अमृतपाल सिंह और इंजीनियर रशीद सत्र के दौरान शपथ नहीं ले पाए थे। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत नौ सहयोगियों के साथ असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल को चार दिन की पैरोल दी गई है ताकि वह लोकसभा सदस्य की शपथ ले सकें। शपथ लेने के लिए रशीद को दो घंटे की हिरासत पैरोल दी गई, जिसमें तिहाड़ से संसद तक का यात्रा समय शामिल नहीं है। अमृतपाल सिंह को चार दिन की हिरासत पैरोल दी गई है, जो पांच जुलाई से शुरू होगी। अमृतपाल सिंह को असम से दिल्ली लाया जाएगा और फिर वापस ले जाया जाएगा। पैरोल अवधि के दौरान वे न तो किसी मुद्दे पर मीडिया से बात कर सकते हैं, न ही मीडिया को संबोधित कर सकते हैं और न ही कोई बयान दे सकते हैं।

दोनों पर अलग-अलग मामले दर्ज हैं. कानूनी प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में सवाल है कि अगर इन्हें दोषी साबित किया गया तो सदन की सदस्यता बरकरार रहेगी या जाएगी? पंजाब में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में अमृत पाल पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई थी। जिसके बाद से वह असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। वहीं, जम्मू-कश्मीर की बारामूला सीट से सांसद बने इंजीनियर रशीद पर टेरर फंडिंग केस में गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया था। वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।

दोनों ही मामले में कानूनी प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में इन्हें दोषी घोषित किया जाता है और सजा मिलती है तो लोकसभा की सदस्यता जा सकता है।0 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम कहता है कि अगर किसी मामले में सांसद को 2 या इससे अधिक समयावधि की सजा होती है तो लोकसभा सदस्यता खत्म की जा सकती है। हालांकि, उस सजा पर अगर कोई ऊपरी अदालत रोक लगाती है तो सदस्यता बरकरार रहती है। कई ऐसे मामले में सामने आ चुके हैं।

NSA Detention of khalistani extπemist Amritpal Singh & 9 others Extended For 1 Year
He has just become an MP from Khadoor Sahib, Punjab and currently lodged in dibrugarh jail, Assam under NSA
खडूर साहिब लोकसभा सीट: जेल में बंद खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह आगे चल रहे हैं

जेल में बंद खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह लोकसभा चुनाव 2024 में पंजाब की खडूर साहिब सीट से 21,000 से अधिक मतों से आगे चल रहे हैं, यह जानकारी भारत के चुनाव आयोग की वेबसाइट से मिली है। लोकसभा चुनाव के लिए मतगणना जारी है। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह खडूर साहिब से चुनाव लड़ रहे हैं। अमृतपाल सिंह 45,180 मतों से आगे चल रहे हैं। भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने वारिस पंजाब डे (WPD) प्रमुख के नामांकन पत्र स्वीकार कर लिए हैं, जिससे उनके समर्थकों की सभी आशंकाएँ समाप्त हो गई हैं कि उनका नामांकन पत्र खारिज हो सकता है। शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर), जिसने वारिस पंजाब डे प्रमुख को समर्थन देने का वादा किया था, ने भी अपने उम्मीदवार को "अमृतपाल की उम्मीदवारी खारिज होने की स्थिति में बैक-अप के रूप में" मैदान में उतारा। अमृतपाल सिंह को 2023 में गिरफ्तार किया गया था, जब उन्होंने और उनके सैकड़ों समर्थकों ने तलवारों और आग्नेयास्त्रों के साथ एक पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया था, जिसमें उन्होंने अपने एक सहयोगी की रिहाई की मांग की थी। संसद के चुनाव में उनकी जीत अमृतपाल सिंह को कुछ वैधता प्रदान कर सकती है और 1970 और 1980 के दशक में दसियों हज़ार लोगों की जान लेने वाले उग्रवाद के पुनरुत्थान की चिंताएँ पैदा कर सकती है। हालाँकि, पिछले साल अमृतपाल सिख अलगाववाद ने वैश्विक सुर्खियाँ बटोरीं, क्योंकि कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत पर उन देशों में सिखों के खिलाफ हत्या की साजिशों में शामिल होने का आरोप लगाया है, आरोपों से नई दिल्ली ने इनकार किया है। सिंह ने 2023 के एक साक्षात्कार में कहा कि वह सिखों और पंजाब के लोगों के लिए एक अलग मातृभूमि की मांग कर रहे थे, जहाँ धर्म की स्थापना 500 साल से भी पहले हुई थी। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि अमृतपाल सिंह का अभियान पंजाब की नशीली दवाओं की समस्या से लड़ने, पूर्व सिख आतंकवादियों को जेल से छुड़ाने और भारत में सिख पहचान की रक्षा करने पर केंद्रित था। शुरुआती रुझानों के अनुसार, पंजाब में कांग्रेस छह लोकसभा सीटों पर आगे चल रही है, जबकि आप चार निर्वाचन क्षेत्रों में आगे चल रही है। रुझानों के अनुसार, कांग्रेस अमृतसर, जालंधर, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, गुरदासपुर और पटियाला सीटों पर आगे चल रही है और आम आदमी पार्टी (आप) होशियारपुर, आनंदपुर साहिब, संगरूर और बठिंडा सीटों पर आगे चल रही है।