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सिद्धारमैया के मंत्री जमीर अहमद खान का विवादित बयान, पूर्व सीएम कुमारस्वामी पर की अमर्यादित टिप्पणी

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कर्नाटक में सियासी बवाल खड़ा हो गया है। विवाद शुरू हुआ है सिद्धारमैया के एक मंत्री के बयान से। सिद्धारमैया सरकार में मंत्री बी जेड जमीर अहमद खान ने पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमास्वामी को लेकर नस्लीय बयान दिया। जिके बाद विवाद शुरू हो गया है। जेडीएस ने कर्नाटक सरकार से जमीर अहमद के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए उन्हें पद से बर्खास्त करने की मांग की। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी जमीर अहमद के बयान की निंदा की और इसे लेकर कांग्रेस सरकार को घेरा।

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में मंत्री जमीर अहमद खान ने मोदी सरकार में मंत्री और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी पर हमला बोलते हुए मर्यादा की सीमा तोड़ दी। खान ने कुमारस्वामी की फोटो दिखाते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री को 'कालिया कुमारस्वामी' कहकर संबोधित किया।

रविवार को रामनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए जमीर अहमद ने कहा कि चन्नपटना सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सीपी योगेश्वर के पास भाजपा में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि 'हमारी पार्टी में कुछ मतभेदों के चलते योगेश्वर ने बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा। ऐसे में उनके पास भाजपा में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। वह जेडीएस में शामिल होने के लिए तैयार नहीं थे क्योंकि कालिया कुमारस्वामी भाजपा से भी ज्यादा खतरनाक थे। अब वे (योगेश्वर) वापस घर (कांग्रेस) आ गए हैं।'

कुमारस्वामी को कालिया कहने के बाद राज्य का सियासी पारा हाई हो गया है। जेडीएस ने कांग्रेस सरकार से इस नस्ली टिप्पणी के लिए जमीर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है।पार्टी ने कहा, छोटी मानसिकता वाले शख्स को मंत्रिमंडल से तुरंत बर्खास्त किया जाए।

संसदीय मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी जमीर खान के बयान की आलोचना की। रिजिजू ने सोशल मीडिया पर साझा पोस्ट में लिखा कि मैं कांग्रेस के मंत्री जमीर अहमद द्वारा केंद्रीय मंत्री और कर्नाटक के पूर्व सीएम कुमारस्वामी के खिलाफ विवादित टिप्पणी की कड़ी निंदा करता हूं। यह एक नस्लवादी टिप्पणी है, ठीक वैसे ही जैसे राहुल गांधी के सलाहकार ने दक्षिण भारतीयों को अफ्रीकी, पूर्वोत्तर के लोगों को चीनी और उत्तर भारतीयों को अरब बताया था।

Gharami (101), Wriddhiman (63) impress as Bengal vs Karnataka Ranji match ends in draw
*Sports News*



*Khabar kolkata sports Desk:* Sudip Kumar Gharami (101 not out) and Wriddhiman Saha (63 not out) displayed a brilliant effort with the bat as Bengal's Ranji Trophy Elite Group C match against Karnataka at the M. Chinnaswamy Stadium in Bengaluru ended in a draw on Friday.

Bengal bagged three points from the match, thanks to their first innings lead against Karnataka. After four matches, Bengal have eight points.

Bengal skipper Anustup Majumdar was awarded the player of the match for his brilliant 101 in the first innings.

After posting 301 in their first innings, Bengal bundled out Karnataka for 221.

In their second innings, Bengal posted 283/5 decl to hand a challenging target to Karnataka.

The hosts, in their second innings, were 110/3 at the end of the fourth and final day's play. Suraj Sindhu Jaiswal bagged the three wickets for Bengal.
*Pic Courtesy by: CAB*
Rishav, Suraj put Bengal in control against Karnataka in Ranji Trophy

*Sports News*

*Khabar kolkata sports Desk:* After the batsmen put up a show, the bowlers joined the party as Bengal were in a strong position at the end of the second day against Karnataka in their Ranji Trophy Elite Group C match at the M. Chinnaswamy Stadium in Bengaluru on Thursday.

After posting 301 in their first innings, Bengal reduced Karnataka to 155/5 at stumps on Day 2. The home side were still trailing by 146 runs.

Debutant Rishav Vivek (2-44), Suraj Sindhu Jaiswal (2-53) and Ishan Porel (1-38) were lethal with the ball for Bengal.

Karnataka star batters Mayank Agarwal (17) and Manish Pandey (0) failed to make an impact.

Earlier, after skipper Anustup Majumdar's brilliant ton, Shahbaz Ahmed (59), Aamir Gani (18) and Suraj (16) scored handy runs to help Bengal put up a challenging total.

*Pic Courtesy by:CAB*
Anustup slams brilliant 101 against Karnataka in Ranji Trophy
*Sports News*



*Khabar kolkata sports Desk:* Skipper Anustup Majumdar led from the front with brilliant century as Bengal reached 249/5 in their first innings at stumps on Day 1 against Karnataka in their Ranji Trophy Elite Group C match at the M. Chinnaswamy Stadium in Bengaluru on Wednesday.

The experienced batter smashed a superb 101 in 164 balls with 16 boundaries to bring up his 17th First-Class ton.

In-form Sudip Chatterjee (55) and Shahbaz Ahmed (54 not out) also impressed.

At the end of the day's play, Shahbaz and Wriddhiman Saha (6 not out) remained unbeaten for Bengal. Avilin Ghosh (23) also chipped in with useful runs.

Bowler Rishav Vivek made his first-class debut for Bengal.

Put into bat, the visitors lost Shuvam Dey (0) and Sudip Kumar Gharami (5) early.

Against the run of play, two experienced batters Chatterjee and Anustup combined perfectly to take Bengal to a respectable total.

After their dismissal, Shahbaz and Avilin held fort to take team closer to 250-run mark.

For Karnataka, Koushik V bagged three wickets.

*Pic Courtesy by: CAB*
कर्नाटक सरकार ने दंगाइयों के खिलाफ केस वापस लिया, बीजेपी बोली- कांग्रेस कर रही आतंकवादियों का समर्थन

#karnatakagovtwithdraws2022hubballiriotcase

कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार ने 2022 के हुबली दंगों से जुड़े मामले को वापस ले लिया है। इस केस में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता मोहम्मद आरिफ समेत 139 लोगों के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज था। इन पर पुलिस पर हमला करने और पुलिस स्टेशन में घुसने की धमकी देने का आरोप था। इस फैसले की वजह से भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया है।

राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सरकार के पास कुछ मामले वापस लेने की शक्ति है, जिसके तहत ही यह फैसला लिया गया है। गृहमंत्री के नेतृत्व में कैबिनेट उपसमिति की सिफारिश पर यह निर्णय किया गया है। बीजेपी के विरोध पर उन्होंने कहा कि उन लोगों की आदत है झूठे और गलत मुद्दों पर विरोध करने की। सरकार ने यह फैसला मुस्लिम संगठन अंजुमन-ए-इस्लाम की मांग पर लिया है। इस फैसले के तहत सरकार ने 43 ऐसे केस वापस ले लिए हैं।

बीजेपी ने क्या कहा?

कर्नाटक सरकार के इस फैसले के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया है।बीजेपी का कहना है कि कानून और पुलिस विभाग के विरोध के बावजूद यह केस वापस लिया गया है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा, कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने कानून और पुलिस विभाग के विरोध के बावजूद पुराने हुबली पुलिस स्टेशन दंगा मामले को वापस ले लिया है। उन्होंने आगे कहा कि उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने हाल ही में सरकार को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि मामले को वापस ले लिया जाए। दंगे और उसके बाद हुए पथराव में कई पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। यह और कुछ नहीं बल्कि मुस्लिम तुष्टिकरण को लेकर कांग्रेस की गंदी राजनीति है।

क्या था मामला?

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में हुबली शहर में एक शख्स ने सोशल मीडिया पर अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक पोस्ट किया था। जिस कारण उसे पुलिस गिरफ्तार कर हुबली पुलिस स्टेशन ले आई थी। इस पोस्ट के खिलाफ अल्पसंख्यक समुदाय के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे जिसमें से करीब 150 लोग उस शख्स पर हमले के लिए पुलिस स्टेशन पर इकट्ठा हो गए थे और पुलिसकर्मियों से आरोपी को सौंप देने की मांग कर रहे थे।

भीड़ ने पुलिस को चेतावनी दी थी कि यदि उसे बचाने का प्रयास किया गया तो उन्हें भी नहीं छोड़ा जाएगा। भीड़ पुलिस स्टेशन में घुसने का प्रयास कर रही थी। इसके बाद भीड़ ने डंडों और पत्थरों से पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया था जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और कई सरकारी एवं निजी वाहनों को तोड़ फोड़ की गई थी। इस मामले में ओल्ड हुबली टाउन पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दंगा, हत्या का प्रयास, सरकारी अधिकारियों पर हमला, सरकारी और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के तहत मामला दर्ज किया था।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एफआईआर, MUDA स्कैम मामले में बढ़ सकती हैं मुश्किलें

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले मामले में एफआईआर दर्ज की है। कर्नाटक के एक स्पेशल कोर्ट ने लोकायुक्त टीम को जांच का जिम्मा सौंपा है। याचिकाकर्ता स्नेहमयी कृष्णा की याचिका पर फैसला सुनाते हुए जन प्रतिनिधि कोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने अपने फैसले में कर्नाटक लोकयुक्त से इस मामले की जांच कर तीन महीने के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद आज मैसूरु लोकयुक्त पुलिस ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज किया।

लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम और भूमि कब्जा निवारण अधिनियम के तहत अदालत द्वारा निर्धारित आईपीसी धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की। सीएम सिद्धारमैया पर आरोप A 1 है, पत्नी पार्वती पर आरोप A 2 है। वहीं, मुख्यमंत्री के साले मल्लिकार्जुन स्वामी को आरोपी नम्बर 3 और देवराज को आरोपी नम्बर 4 बनाया गया है। मुख्यमंत्री पर अपने अधिकारों को दुरुपयोग करके उनकी पत्नी के नाम मैसुरु में MUDA साइट आवंटित करने का आरोप लगा है।

सिद्धरमैया ने बीजेपी पर साधा निशाना

वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को दावा किया कि मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि आवंटन मामले में उन्हें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि विपक्ष उनसे डरता है। इसके साथ ही, सिद्धरमैया ने कहा कि यह उनके खिलाफ पहला राजनीतिक मामला है। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि मामले में अदालत द्वारा उनके खिलाफ जांच का आदेश दिये जाने के बाद भी वह इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह कानूनी रूप से लड़ाई लड़ेंगे।

केंद्र सरकार पर सीबीआई, ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों और देश भर में विपक्ष शासित राज्यों में राज्यपाल के कार्यालय का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रशासन में राज्यपाल के ‘हस्तक्षेप’ के मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बहस की जरूरत है।

खरगे ने क्या कहा?

इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा। उन्होंने कहा कि MUDA के लोग जो चाहें वे कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं। यह जरूरी नहीं है कि सरकार उसके सभी सवालों का जवाब दें, क्योंकि वह एक स्वायत्त निकाय होने के कारण कार्रवाई कर ही सकता है।

खरगे ने सीएम सिद्धारमैया का समर्थन करते हुए कहा कि उनलोगों निजी तौर पर कोई भी अपराध यदि किया हो तो इसके लिए वह खुद ही जिम्मेदार हैं, लेकिन वह ऐसा मानते हैं कि उन्होंने ऐसा कोई भी अपराध नहीं किया है। उन्हें बदनाम किया जा रहा है। पार्टी को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि सिद्धारमैया का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता है।

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने बदला रामनगर जिले का नाम, बीजेपी बोली- श्री राम से इतनी नफरत क्यों

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कर्नाटक सरकार ने रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। सरकार के इस फैसले का भाजपा और जेडीएस ने विरोध किया है। कर्नाटक सरकार के इस फैसले को लेकर बीजेपी ने आलोचना की है, उन्होंने पार्टी पर राम विरोधी होने का भी आरोप लगाया है। वहीं, कहना है कि रामनगर में रियल एस्टेट को बढ़ाने की मंशा से नाम बदला गया है। इस तरह के कदम से विकास नहीं होगा। केंद्रीय मंत्री डीके कुमारस्वामी ने रामनगर का नाम बदलने को लेकर डीके शिवकुमार की आलोचना की और आमरण अनशन करने की चेतावनी दी है।

कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार यानी 26 जुलाई को एक बड़ा फैसला लिया, जिसमें रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु साउथ रखा जा रहा है। यह फैसला मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। इस बात की घोषणा कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल ने की। एच के पाटिल ने कहा, हमने रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, 'नाम बदलने का फैसला वहां के लोगों की मांग पर किया गया है। राजस्व विभाग इस प्रक्रिया को शुरू करेगा। उन्होंने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों कहा, सिर्फ जिले का नाम बदलेगा, बाकी सब वही रहेगा।

उन्हें राम के नाम से भी समस्या- प्रल्हाद जोशी

केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद प्रल्हाद जोशी ने कर्नाटक सरकार के इस फैसले पर निशाना साधा है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, रामनगर जिले का नाम बदलने का ये फैसला राम और राम मंदिर के प्रति उनकी एलर्जी को दर्शाता है। यहां तक कि अब उन्हें राम के नाम से भी समस्या होने लगी। 

कांग्रेस ने पहले भी भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया है-पूनावाला

वहीं, बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) से जुड़े कई घोटालों में कांग्रेस सरकार के शामिल होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार अन्य मुद्दों और जनता की परेशानियों से जनता का ध्यान भटका रही है, सरकार इन सभी को दूर करने की बजाय रामनगर जिले का नाम बदलने का विकल्प चुना। उन्होंने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को भगवान श्री राम से इतनी नफरत क्यों है? कर्नाटक में, जहां ‘मुडा घोटाला’ और ‘वाल्मीकि घोटाला’ जैसे घोटाले चल रहे हैं, वहां जनता के मुद्दों को सुलझाने के बजाय रामनगर का नाम बदल दिया गया। पूनावाला ने कांग्रेस से सवाल करते हुए कहा कि क्या कर्नाटक सरकार ने यह फैसला अपने रियल एस्टेट के फील्ड में शामिल दोस्तों के फायदे के लिए और भगवान राम के लिए दुश्मनी की वजह से लिया है। उन्होंने आगे कांग्रेस के खिलाफ बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने पहले भी भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया है, इतना ही नहीं उन्होंने राम मंदिर बनाने के समय भी विरोध किया था, कांग्रेस ने हिंदू आतंकवाद का भी कई बार जिक्र किया है। कांग्रेस के सहयोगियों ने रामचरितमानस के बारे में भी अपमानजनक टिप्पणी की है।

कुमारस्वामी ने अनशन पर बैठने की दी धमकी

वहीं, केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी ने रामनगर का नाम बदलने को लेकर डीके शिवकुमार की आलोचना की और आमरण अनशन करने की चेतावनी दी है। केंद्रीय मंत्री डीके कुमारस्वामी ने कहा, रामनगर से मेरा कोई कारोबारी रिश्ता नहीं, बल्कि भावनात्मक रिश्ता है। अगर रामनगर जिले का नाम बदला जाता है तो मैं अपनी जान जोखिम में डालने और खराब स्वास्थ्य के बावजूद आमरण अनशन पर बैठने के लिए तैयार हूँ। आखिरी क्षण तक मैं उस जिले के गौरव की रक्षा के लिए लडूँगा।

Mettur Dam’s Water Level Rises By 30ft In Seven Days

The water level in the Stanley Reservoir at Mettur dam rose by 30 feet in a span of seven days (from July 15 to July 22), following the release of water by Karnataka from the Krishnaraja Sagar and Kabini dams.

Karnataka released water at the rate of 20,000 cusecs into the river Cauvery on July 14. Later, they increased it up to 80,000 cusecs.

Mettur dam’s water level increased steadily as the inflow level was higher than the outflow level. A water resources department official said the water level at the dam was 44.62 feet against its full capacity of 120 feet.

It crossed 75 feet on Monday. The inflow was measured at a rate of 64,033 cusecs while the discharging rate for drinking water purposes is being maintained at 1,000 cusecs” he added.

An official from the Central Water Commission said officials in Karnataka reduced the water discharging level from 80,000 cusecs to 63,101 cusecs on Monday. While water was released from the KRS dam at the rate of 35,917 cusecs, the rest was released from the Kabini dam.

“The water inflow level at Biligundlu - the entry point of Tamil Nadu for the Cauvery River in Krishnagiri district, measured at the rate of 65,000 cusecs on Monday evening,” he said.

Meanwhile, the Dharmapuri district administration continued the ban on bathing, fishing, and coracle riding at Hogenakkal for the seventh day on Monday. District collector K Santhi imposed the ban on July 15 due to the increased inflow of water in the river.

Discover the recent rise in water levels at Pillur, Siruvani, and Aliyar dams in Coimbatore. Heavy rainfall has led to a substantial increase, ensuring a steady water supply for the region. Stay informed about the water management efforts for the districts.

Read about the rising water levels in the Godavari river, affecting several mandals in ASR district. Transportation disruptions between Andhra Pradesh and Odisha due to heavy rains. Stay updated on the relief efforts and NDRF team deployments in the affected areas.

Discover how recent heavy rainfall is filling up the KRS dam in Kodagu and Mysuru districts. Find out about flood warnings and the impact on the Cauvery basin in Karnataka.

कर्नाटक में नया सियासी नाटक, वोक्कालिगा संत ने कर दी शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग

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कर्नाटक में नया सियासी ड्रामा शुरू हो गया है। सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर जारी सत्ता संघर्ष के बीच वोक्कालिगा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले एक महंत ने सार्वजनिक रूप से कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से पद छोड़ने और राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को सत्ता सौंपने का आग्रह किया। एक वोक्कालिगा संत ने गुरुवार को कहा कि कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया को पद छोड़ देना चाहिए और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार जगह देनी चाहिए।महंत की यह अपील ऐसे समय में आई है, जब सिद्धरमैया मंत्रिमंडल में तीन और उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग बढ़ रही है।

कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष और राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से हैं। यह समुदाय राज्य के दक्षिणी भागों में एक प्रमुख समुदाय है। चंद्रशेखरनाथ स्वामी ने कहा, "राज्य में हर कोई मुख्यमंत्री बन गया है और सत्ता का सुख सभी ने भोगा है, लेकिन हमारे डीके शिवकुमार अभी तक मुख्यमंत्री नहीं बन पाए हैं, इसलिए अनुरोध है कि सिद्धरमैया कृपया हमारे डीके शिवकुमार को सत्ता सौंप दें और उन्हें आशीर्वाद दें। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "सिद्धरमैया अगर मन बना लें तो ही यह संभव है, अन्यथा नहीं, इसलिए नमस्कार के साथ मैं सिद्धरमैया से अनुरोध करता हूं कि वह डी.के. शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाएं।"

वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं डीके

उन्होंने यह बयान कैंपा गौड़ा जयंती समारोह में उस समय दिया, जब मंच पर शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों मौजूद थे। इसके बाद स्वामी निर्मलानंद ने भी डीके शिवकुमार को सीएम बनाने की वकालत की। बता दें कि डीके वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं और विधानसभा चुनाव के दौरान मठ की ओर से कांग्रेस को खुले तौर पर समर्थन मिला था। ओल्ड मैसुरू इलाके में मठ की अपील का फायदा भी कांग्रेस को मिला था।

सिद्धारमैया बोले- पार्टी जो कहेगा, हम वही करेंगे

संत की इस अपील को लेकर सिद्धारमैया से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाईकमान पार्टी है। यह लोकतंत्र है। हम वही करेंगे जो हाईकमान हमें करने को कहेगा। वहीं शिवकुमार ने कहा कि कुछ बातें कही गईं हैं। मैं और सिद्धारमैया दोनों ही राज्य के रुके हुए प्रोजेक्ट्स के बारे में राज्य के सांसदों से बात करने के लिए नई दिल्ली जा रहे हैं।

सिद्धारमैया के समर्थक ने उठाई तीन डिप्टी सीएम की मांग

वहीं, सिद्धारमैया के समर्थक मंत्रियों केएन राजन्ना, बी जेड ज़मीर अहमद खान और सतीश जरकीहोली ने तीन डिप्टी सीएम की मांग रख दी। माना जा रहा है कि मंत्रियों ने डीके शिवकुमार को काबू में करने के लिए तीन डिप्टी सीएम का मुद्दा उछाला गया है। अभी कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने एक वर्ष का कार्यकाल पूरा किया है और डीके फॉर्मूले तहत सीएम पद के दावेदार हैं। 

शह और मात का खेल शुरू

लोकसभा चुनाव के बाद कर्नाटक कांग्रेस में सीएम पद को लेकर शह और मात का खेल शुरू हो गया है। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार से समर्थक खुले तौर पर नेतृत्व परिवर्तन का राग छेड़ा है तो सिद्धारमैया समर्थक मंत्रियों ने तीन डिप्टी सीएम के फॉर्मूले को लागू करने का दांव चल दिया है। कई मंत्री लिंगायत, दलित और अल्पसंख्यक डिप्टी सीएम बनाने के लिए आवाज बुलंद करने लगे हैं। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के बदलाव की मांग भी शुरू हो गई है। यह पद अभी डीके शिवकुमार के पास ही है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट मानते हैं कि विधानसभा चुनाव के बाद निकाले गए फॉर्मूले के तहत डीके शिवकुमार सीएम पद के दावेदार हैं। पार्टी में वह संकटमोचक के तौर पर उभरे हैं। उन्हें केंद्रीय नेतृत्व का विश्वास भी हासिल है, ऐसे में सिद्धारमैया समर्थकों ने प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू कर दी है। फिलहाल इस खेल के शुरू होने के बाद डीके शिवकुमार ने चुप्पी साध रखी है।

सिद्धारमैया के मंत्री ने भगवान श्री कृष्ण से की प्रज्वल रेवन्ना की तुलना, बीजेपी ने मांगा इस्तीफा

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कर्नाटक में इस समय सियासी बवाल मचा हुआ है।जनता दल (सेक्युलर) के सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर कई महिलाओं का यौन शोषण का आरोप लगा है। जिसके बाद आरोप-प्रत्यारोपों का दौरा जारी है। इस बीच कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार के एक मंत्री ने एच डी देवगौड़ा के पोते आरोपी प्रज्वल की तुलना भगवान कृष्ण से करके नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। कर्नाटक के आबकारी मंत्री रामप्पा तिम्मापुर ने हासन के सांसद प्रज्वल रेवन्ना की तुलना भगवान श्रीकृष्ण से कर दी। उन्होंने कहा कि प्रज्वल रेवन्ना भगवान कृष्ण से आगे निकलना चाहते थे। 

एक वायरल वीडियो मं सिद्धारमैया सरकार में उत्पाद शुल्क मंत्री रामप्पा तिम्मापुर रेवन्ना के बारे में कहते हैं ‘जैसा कि एमबी पाटिल ने कहा, यह पेनड्राइव मुद्दा है। देश में इससे बुरा कुछ भी नहीं हुआ है। यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना सकता है। भगवान कृष्ण भक्ति के साथ कई महिलाओं के साथ रहते थे। मुझे लगता है कि वह उस रिकॉर्ड को तोड़ना चाहते हैं।’ यह टिप्पणी मंत्री रामप्पा में विजयपुरा में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में किया। उनका पूरा भाषण कन्नड़ में है।

बीजेपी ने की इस्तीफे की मांग

रामप्पा थिम्मापुर द्वारा प्रज्वल रेवन्ना की तुलना भगवान श्री कृष्ण से करने की बात ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। कांग्रेसी मंत्री के इस बयान के बाद कर्नाटक में बवाल मच गया है। इस वीडियो के वायरल होते ही बीजेपी आक्रामक हो गई और हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए मंत्री से माफी मांगने को कहा है। बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री सीटी रवि ने कहा, कर्नाटक सरकार में मंत्री कांग्रेस नेता ने भगवान कृष्ण का अपमान किया है। उन्हें तुरंत मंत्रिमंडल और पार्टी से हटाया जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम उनके खिलाफ आंदोलन करेंगे।

रेवन्ना पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न कर रिकॉर्ड करने का आरोप

बता दें कि जेडी (एस) सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने और उन्हें अपने फोन पर रिकॉर्ड करने का आरोप लगाया गया है। 28 अप्रैल को एक 47 वर्षीय महिला ने सांसद, जो पूर्व प्रधान मंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते भी हैं, के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और उन पर उसे और उसकी बेटी को परेशान करने का आरोप लगाया। कुछ ही देर बाद और भी महिलाएं शिकायत लेकर सामने आईं। प्रज्वल को 30 अप्रैल को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। रेवन्ना पर यौन कृत्य करते समय 70 से अधिक महिलाओं की लगभग 3,000 वीडियो क्लिप फिल्माने का आरोप है।

सिद्धारमैया के मंत्री जमीर अहमद खान का विवादित बयान, पूर्व सीएम कुमारस्वामी पर की अमर्यादित टिप्पणी

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कर्नाटक में सियासी बवाल खड़ा हो गया है। विवाद शुरू हुआ है सिद्धारमैया के एक मंत्री के बयान से। सिद्धारमैया सरकार में मंत्री बी जेड जमीर अहमद खान ने पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमास्वामी को लेकर नस्लीय बयान दिया। जिके बाद विवाद शुरू हो गया है। जेडीएस ने कर्नाटक सरकार से जमीर अहमद के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए उन्हें पद से बर्खास्त करने की मांग की। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी जमीर अहमद के बयान की निंदा की और इसे लेकर कांग्रेस सरकार को घेरा।

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में मंत्री जमीर अहमद खान ने मोदी सरकार में मंत्री और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी पर हमला बोलते हुए मर्यादा की सीमा तोड़ दी। खान ने कुमारस्वामी की फोटो दिखाते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री को 'कालिया कुमारस्वामी' कहकर संबोधित किया।

रविवार को रामनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए जमीर अहमद ने कहा कि चन्नपटना सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सीपी योगेश्वर के पास भाजपा में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि 'हमारी पार्टी में कुछ मतभेदों के चलते योगेश्वर ने बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा। ऐसे में उनके पास भाजपा में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। वह जेडीएस में शामिल होने के लिए तैयार नहीं थे क्योंकि कालिया कुमारस्वामी भाजपा से भी ज्यादा खतरनाक थे। अब वे (योगेश्वर) वापस घर (कांग्रेस) आ गए हैं।'

कुमारस्वामी को कालिया कहने के बाद राज्य का सियासी पारा हाई हो गया है। जेडीएस ने कांग्रेस सरकार से इस नस्ली टिप्पणी के लिए जमीर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है।पार्टी ने कहा, छोटी मानसिकता वाले शख्स को मंत्रिमंडल से तुरंत बर्खास्त किया जाए।

संसदीय मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी जमीर खान के बयान की आलोचना की। रिजिजू ने सोशल मीडिया पर साझा पोस्ट में लिखा कि मैं कांग्रेस के मंत्री जमीर अहमद द्वारा केंद्रीय मंत्री और कर्नाटक के पूर्व सीएम कुमारस्वामी के खिलाफ विवादित टिप्पणी की कड़ी निंदा करता हूं। यह एक नस्लवादी टिप्पणी है, ठीक वैसे ही जैसे राहुल गांधी के सलाहकार ने दक्षिण भारतीयों को अफ्रीकी, पूर्वोत्तर के लोगों को चीनी और उत्तर भारतीयों को अरब बताया था।

Gharami (101), Wriddhiman (63) impress as Bengal vs Karnataka Ranji match ends in draw
*Sports News*



*Khabar kolkata sports Desk:* Sudip Kumar Gharami (101 not out) and Wriddhiman Saha (63 not out) displayed a brilliant effort with the bat as Bengal's Ranji Trophy Elite Group C match against Karnataka at the M. Chinnaswamy Stadium in Bengaluru ended in a draw on Friday.

Bengal bagged three points from the match, thanks to their first innings lead against Karnataka. After four matches, Bengal have eight points.

Bengal skipper Anustup Majumdar was awarded the player of the match for his brilliant 101 in the first innings.

After posting 301 in their first innings, Bengal bundled out Karnataka for 221.

In their second innings, Bengal posted 283/5 decl to hand a challenging target to Karnataka.

The hosts, in their second innings, were 110/3 at the end of the fourth and final day's play. Suraj Sindhu Jaiswal bagged the three wickets for Bengal.
*Pic Courtesy by: CAB*
Rishav, Suraj put Bengal in control against Karnataka in Ranji Trophy

*Sports News*

*Khabar kolkata sports Desk:* After the batsmen put up a show, the bowlers joined the party as Bengal were in a strong position at the end of the second day against Karnataka in their Ranji Trophy Elite Group C match at the M. Chinnaswamy Stadium in Bengaluru on Thursday.

After posting 301 in their first innings, Bengal reduced Karnataka to 155/5 at stumps on Day 2. The home side were still trailing by 146 runs.

Debutant Rishav Vivek (2-44), Suraj Sindhu Jaiswal (2-53) and Ishan Porel (1-38) were lethal with the ball for Bengal.

Karnataka star batters Mayank Agarwal (17) and Manish Pandey (0) failed to make an impact.

Earlier, after skipper Anustup Majumdar's brilliant ton, Shahbaz Ahmed (59), Aamir Gani (18) and Suraj (16) scored handy runs to help Bengal put up a challenging total.

*Pic Courtesy by:CAB*
Anustup slams brilliant 101 against Karnataka in Ranji Trophy
*Sports News*



*Khabar kolkata sports Desk:* Skipper Anustup Majumdar led from the front with brilliant century as Bengal reached 249/5 in their first innings at stumps on Day 1 against Karnataka in their Ranji Trophy Elite Group C match at the M. Chinnaswamy Stadium in Bengaluru on Wednesday.

The experienced batter smashed a superb 101 in 164 balls with 16 boundaries to bring up his 17th First-Class ton.

In-form Sudip Chatterjee (55) and Shahbaz Ahmed (54 not out) also impressed.

At the end of the day's play, Shahbaz and Wriddhiman Saha (6 not out) remained unbeaten for Bengal. Avilin Ghosh (23) also chipped in with useful runs.

Bowler Rishav Vivek made his first-class debut for Bengal.

Put into bat, the visitors lost Shuvam Dey (0) and Sudip Kumar Gharami (5) early.

Against the run of play, two experienced batters Chatterjee and Anustup combined perfectly to take Bengal to a respectable total.

After their dismissal, Shahbaz and Avilin held fort to take team closer to 250-run mark.

For Karnataka, Koushik V bagged three wickets.

*Pic Courtesy by: CAB*
कर्नाटक सरकार ने दंगाइयों के खिलाफ केस वापस लिया, बीजेपी बोली- कांग्रेस कर रही आतंकवादियों का समर्थन

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कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार ने 2022 के हुबली दंगों से जुड़े मामले को वापस ले लिया है। इस केस में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता मोहम्मद आरिफ समेत 139 लोगों के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज था। इन पर पुलिस पर हमला करने और पुलिस स्टेशन में घुसने की धमकी देने का आरोप था। इस फैसले की वजह से भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया है।

राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सरकार के पास कुछ मामले वापस लेने की शक्ति है, जिसके तहत ही यह फैसला लिया गया है। गृहमंत्री के नेतृत्व में कैबिनेट उपसमिति की सिफारिश पर यह निर्णय किया गया है। बीजेपी के विरोध पर उन्होंने कहा कि उन लोगों की आदत है झूठे और गलत मुद्दों पर विरोध करने की। सरकार ने यह फैसला मुस्लिम संगठन अंजुमन-ए-इस्लाम की मांग पर लिया है। इस फैसले के तहत सरकार ने 43 ऐसे केस वापस ले लिए हैं।

बीजेपी ने क्या कहा?

कर्नाटक सरकार के इस फैसले के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया है।बीजेपी का कहना है कि कानून और पुलिस विभाग के विरोध के बावजूद यह केस वापस लिया गया है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा, कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने कानून और पुलिस विभाग के विरोध के बावजूद पुराने हुबली पुलिस स्टेशन दंगा मामले को वापस ले लिया है। उन्होंने आगे कहा कि उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने हाल ही में सरकार को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि मामले को वापस ले लिया जाए। दंगे और उसके बाद हुए पथराव में कई पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। यह और कुछ नहीं बल्कि मुस्लिम तुष्टिकरण को लेकर कांग्रेस की गंदी राजनीति है।

क्या था मामला?

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में हुबली शहर में एक शख्स ने सोशल मीडिया पर अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक पोस्ट किया था। जिस कारण उसे पुलिस गिरफ्तार कर हुबली पुलिस स्टेशन ले आई थी। इस पोस्ट के खिलाफ अल्पसंख्यक समुदाय के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे जिसमें से करीब 150 लोग उस शख्स पर हमले के लिए पुलिस स्टेशन पर इकट्ठा हो गए थे और पुलिसकर्मियों से आरोपी को सौंप देने की मांग कर रहे थे।

भीड़ ने पुलिस को चेतावनी दी थी कि यदि उसे बचाने का प्रयास किया गया तो उन्हें भी नहीं छोड़ा जाएगा। भीड़ पुलिस स्टेशन में घुसने का प्रयास कर रही थी। इसके बाद भीड़ ने डंडों और पत्थरों से पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया था जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और कई सरकारी एवं निजी वाहनों को तोड़ फोड़ की गई थी। इस मामले में ओल्ड हुबली टाउन पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दंगा, हत्या का प्रयास, सरकारी अधिकारियों पर हमला, सरकारी और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के तहत मामला दर्ज किया था।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एफआईआर, MUDA स्कैम मामले में बढ़ सकती हैं मुश्किलें

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले मामले में एफआईआर दर्ज की है। कर्नाटक के एक स्पेशल कोर्ट ने लोकायुक्त टीम को जांच का जिम्मा सौंपा है। याचिकाकर्ता स्नेहमयी कृष्णा की याचिका पर फैसला सुनाते हुए जन प्रतिनिधि कोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने अपने फैसले में कर्नाटक लोकयुक्त से इस मामले की जांच कर तीन महीने के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद आज मैसूरु लोकयुक्त पुलिस ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज किया।

लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम और भूमि कब्जा निवारण अधिनियम के तहत अदालत द्वारा निर्धारित आईपीसी धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की। सीएम सिद्धारमैया पर आरोप A 1 है, पत्नी पार्वती पर आरोप A 2 है। वहीं, मुख्यमंत्री के साले मल्लिकार्जुन स्वामी को आरोपी नम्बर 3 और देवराज को आरोपी नम्बर 4 बनाया गया है। मुख्यमंत्री पर अपने अधिकारों को दुरुपयोग करके उनकी पत्नी के नाम मैसुरु में MUDA साइट आवंटित करने का आरोप लगा है।

सिद्धरमैया ने बीजेपी पर साधा निशाना

वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को दावा किया कि मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि आवंटन मामले में उन्हें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि विपक्ष उनसे डरता है। इसके साथ ही, सिद्धरमैया ने कहा कि यह उनके खिलाफ पहला राजनीतिक मामला है। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि मामले में अदालत द्वारा उनके खिलाफ जांच का आदेश दिये जाने के बाद भी वह इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह कानूनी रूप से लड़ाई लड़ेंगे।

केंद्र सरकार पर सीबीआई, ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों और देश भर में विपक्ष शासित राज्यों में राज्यपाल के कार्यालय का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रशासन में राज्यपाल के ‘हस्तक्षेप’ के मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बहस की जरूरत है।

खरगे ने क्या कहा?

इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा। उन्होंने कहा कि MUDA के लोग जो चाहें वे कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं। यह जरूरी नहीं है कि सरकार उसके सभी सवालों का जवाब दें, क्योंकि वह एक स्वायत्त निकाय होने के कारण कार्रवाई कर ही सकता है।

खरगे ने सीएम सिद्धारमैया का समर्थन करते हुए कहा कि उनलोगों निजी तौर पर कोई भी अपराध यदि किया हो तो इसके लिए वह खुद ही जिम्मेदार हैं, लेकिन वह ऐसा मानते हैं कि उन्होंने ऐसा कोई भी अपराध नहीं किया है। उन्हें बदनाम किया जा रहा है। पार्टी को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि सिद्धारमैया का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता है।

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने बदला रामनगर जिले का नाम, बीजेपी बोली- श्री राम से इतनी नफरत क्यों

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कर्नाटक सरकार ने रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। सरकार के इस फैसले का भाजपा और जेडीएस ने विरोध किया है। कर्नाटक सरकार के इस फैसले को लेकर बीजेपी ने आलोचना की है, उन्होंने पार्टी पर राम विरोधी होने का भी आरोप लगाया है। वहीं, कहना है कि रामनगर में रियल एस्टेट को बढ़ाने की मंशा से नाम बदला गया है। इस तरह के कदम से विकास नहीं होगा। केंद्रीय मंत्री डीके कुमारस्वामी ने रामनगर का नाम बदलने को लेकर डीके शिवकुमार की आलोचना की और आमरण अनशन करने की चेतावनी दी है।

कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार यानी 26 जुलाई को एक बड़ा फैसला लिया, जिसमें रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु साउथ रखा जा रहा है। यह फैसला मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। इस बात की घोषणा कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल ने की। एच के पाटिल ने कहा, हमने रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, 'नाम बदलने का फैसला वहां के लोगों की मांग पर किया गया है। राजस्व विभाग इस प्रक्रिया को शुरू करेगा। उन्होंने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों कहा, सिर्फ जिले का नाम बदलेगा, बाकी सब वही रहेगा।

उन्हें राम के नाम से भी समस्या- प्रल्हाद जोशी

केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद प्रल्हाद जोशी ने कर्नाटक सरकार के इस फैसले पर निशाना साधा है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, रामनगर जिले का नाम बदलने का ये फैसला राम और राम मंदिर के प्रति उनकी एलर्जी को दर्शाता है। यहां तक कि अब उन्हें राम के नाम से भी समस्या होने लगी। 

कांग्रेस ने पहले भी भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया है-पूनावाला

वहीं, बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) से जुड़े कई घोटालों में कांग्रेस सरकार के शामिल होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार अन्य मुद्दों और जनता की परेशानियों से जनता का ध्यान भटका रही है, सरकार इन सभी को दूर करने की बजाय रामनगर जिले का नाम बदलने का विकल्प चुना। उन्होंने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को भगवान श्री राम से इतनी नफरत क्यों है? कर्नाटक में, जहां ‘मुडा घोटाला’ और ‘वाल्मीकि घोटाला’ जैसे घोटाले चल रहे हैं, वहां जनता के मुद्दों को सुलझाने के बजाय रामनगर का नाम बदल दिया गया। पूनावाला ने कांग्रेस से सवाल करते हुए कहा कि क्या कर्नाटक सरकार ने यह फैसला अपने रियल एस्टेट के फील्ड में शामिल दोस्तों के फायदे के लिए और भगवान राम के लिए दुश्मनी की वजह से लिया है। उन्होंने आगे कांग्रेस के खिलाफ बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने पहले भी भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया है, इतना ही नहीं उन्होंने राम मंदिर बनाने के समय भी विरोध किया था, कांग्रेस ने हिंदू आतंकवाद का भी कई बार जिक्र किया है। कांग्रेस के सहयोगियों ने रामचरितमानस के बारे में भी अपमानजनक टिप्पणी की है।

कुमारस्वामी ने अनशन पर बैठने की दी धमकी

वहीं, केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी ने रामनगर का नाम बदलने को लेकर डीके शिवकुमार की आलोचना की और आमरण अनशन करने की चेतावनी दी है। केंद्रीय मंत्री डीके कुमारस्वामी ने कहा, रामनगर से मेरा कोई कारोबारी रिश्ता नहीं, बल्कि भावनात्मक रिश्ता है। अगर रामनगर जिले का नाम बदला जाता है तो मैं अपनी जान जोखिम में डालने और खराब स्वास्थ्य के बावजूद आमरण अनशन पर बैठने के लिए तैयार हूँ। आखिरी क्षण तक मैं उस जिले के गौरव की रक्षा के लिए लडूँगा।

Mettur Dam’s Water Level Rises By 30ft In Seven Days

The water level in the Stanley Reservoir at Mettur dam rose by 30 feet in a span of seven days (from July 15 to July 22), following the release of water by Karnataka from the Krishnaraja Sagar and Kabini dams.

Karnataka released water at the rate of 20,000 cusecs into the river Cauvery on July 14. Later, they increased it up to 80,000 cusecs.

Mettur dam’s water level increased steadily as the inflow level was higher than the outflow level. A water resources department official said the water level at the dam was 44.62 feet against its full capacity of 120 feet.

It crossed 75 feet on Monday. The inflow was measured at a rate of 64,033 cusecs while the discharging rate for drinking water purposes is being maintained at 1,000 cusecs” he added.

An official from the Central Water Commission said officials in Karnataka reduced the water discharging level from 80,000 cusecs to 63,101 cusecs on Monday. While water was released from the KRS dam at the rate of 35,917 cusecs, the rest was released from the Kabini dam.

“The water inflow level at Biligundlu - the entry point of Tamil Nadu for the Cauvery River in Krishnagiri district, measured at the rate of 65,000 cusecs on Monday evening,” he said.

Meanwhile, the Dharmapuri district administration continued the ban on bathing, fishing, and coracle riding at Hogenakkal for the seventh day on Monday. District collector K Santhi imposed the ban on July 15 due to the increased inflow of water in the river.

Discover the recent rise in water levels at Pillur, Siruvani, and Aliyar dams in Coimbatore. Heavy rainfall has led to a substantial increase, ensuring a steady water supply for the region. Stay informed about the water management efforts for the districts.

Read about the rising water levels in the Godavari river, affecting several mandals in ASR district. Transportation disruptions between Andhra Pradesh and Odisha due to heavy rains. Stay updated on the relief efforts and NDRF team deployments in the affected areas.

Discover how recent heavy rainfall is filling up the KRS dam in Kodagu and Mysuru districts. Find out about flood warnings and the impact on the Cauvery basin in Karnataka.

कर्नाटक में नया सियासी नाटक, वोक्कालिगा संत ने कर दी शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग

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कर्नाटक में नया सियासी ड्रामा शुरू हो गया है। सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर जारी सत्ता संघर्ष के बीच वोक्कालिगा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले एक महंत ने सार्वजनिक रूप से कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से पद छोड़ने और राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को सत्ता सौंपने का आग्रह किया। एक वोक्कालिगा संत ने गुरुवार को कहा कि कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया को पद छोड़ देना चाहिए और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार जगह देनी चाहिए।महंत की यह अपील ऐसे समय में आई है, जब सिद्धरमैया मंत्रिमंडल में तीन और उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग बढ़ रही है।

कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष और राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से हैं। यह समुदाय राज्य के दक्षिणी भागों में एक प्रमुख समुदाय है। चंद्रशेखरनाथ स्वामी ने कहा, "राज्य में हर कोई मुख्यमंत्री बन गया है और सत्ता का सुख सभी ने भोगा है, लेकिन हमारे डीके शिवकुमार अभी तक मुख्यमंत्री नहीं बन पाए हैं, इसलिए अनुरोध है कि सिद्धरमैया कृपया हमारे डीके शिवकुमार को सत्ता सौंप दें और उन्हें आशीर्वाद दें। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "सिद्धरमैया अगर मन बना लें तो ही यह संभव है, अन्यथा नहीं, इसलिए नमस्कार के साथ मैं सिद्धरमैया से अनुरोध करता हूं कि वह डी.के. शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाएं।"

वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं डीके

उन्होंने यह बयान कैंपा गौड़ा जयंती समारोह में उस समय दिया, जब मंच पर शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों मौजूद थे। इसके बाद स्वामी निर्मलानंद ने भी डीके शिवकुमार को सीएम बनाने की वकालत की। बता दें कि डीके वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं और विधानसभा चुनाव के दौरान मठ की ओर से कांग्रेस को खुले तौर पर समर्थन मिला था। ओल्ड मैसुरू इलाके में मठ की अपील का फायदा भी कांग्रेस को मिला था।

सिद्धारमैया बोले- पार्टी जो कहेगा, हम वही करेंगे

संत की इस अपील को लेकर सिद्धारमैया से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाईकमान पार्टी है। यह लोकतंत्र है। हम वही करेंगे जो हाईकमान हमें करने को कहेगा। वहीं शिवकुमार ने कहा कि कुछ बातें कही गईं हैं। मैं और सिद्धारमैया दोनों ही राज्य के रुके हुए प्रोजेक्ट्स के बारे में राज्य के सांसदों से बात करने के लिए नई दिल्ली जा रहे हैं।

सिद्धारमैया के समर्थक ने उठाई तीन डिप्टी सीएम की मांग

वहीं, सिद्धारमैया के समर्थक मंत्रियों केएन राजन्ना, बी जेड ज़मीर अहमद खान और सतीश जरकीहोली ने तीन डिप्टी सीएम की मांग रख दी। माना जा रहा है कि मंत्रियों ने डीके शिवकुमार को काबू में करने के लिए तीन डिप्टी सीएम का मुद्दा उछाला गया है। अभी कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने एक वर्ष का कार्यकाल पूरा किया है और डीके फॉर्मूले तहत सीएम पद के दावेदार हैं। 

शह और मात का खेल शुरू

लोकसभा चुनाव के बाद कर्नाटक कांग्रेस में सीएम पद को लेकर शह और मात का खेल शुरू हो गया है। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार से समर्थक खुले तौर पर नेतृत्व परिवर्तन का राग छेड़ा है तो सिद्धारमैया समर्थक मंत्रियों ने तीन डिप्टी सीएम के फॉर्मूले को लागू करने का दांव चल दिया है। कई मंत्री लिंगायत, दलित और अल्पसंख्यक डिप्टी सीएम बनाने के लिए आवाज बुलंद करने लगे हैं। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के बदलाव की मांग भी शुरू हो गई है। यह पद अभी डीके शिवकुमार के पास ही है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट मानते हैं कि विधानसभा चुनाव के बाद निकाले गए फॉर्मूले के तहत डीके शिवकुमार सीएम पद के दावेदार हैं। पार्टी में वह संकटमोचक के तौर पर उभरे हैं। उन्हें केंद्रीय नेतृत्व का विश्वास भी हासिल है, ऐसे में सिद्धारमैया समर्थकों ने प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू कर दी है। फिलहाल इस खेल के शुरू होने के बाद डीके शिवकुमार ने चुप्पी साध रखी है।

सिद्धारमैया के मंत्री ने भगवान श्री कृष्ण से की प्रज्वल रेवन्ना की तुलना, बीजेपी ने मांगा इस्तीफा

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कर्नाटक में इस समय सियासी बवाल मचा हुआ है।जनता दल (सेक्युलर) के सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर कई महिलाओं का यौन शोषण का आरोप लगा है। जिसके बाद आरोप-प्रत्यारोपों का दौरा जारी है। इस बीच कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार के एक मंत्री ने एच डी देवगौड़ा के पोते आरोपी प्रज्वल की तुलना भगवान कृष्ण से करके नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। कर्नाटक के आबकारी मंत्री रामप्पा तिम्मापुर ने हासन के सांसद प्रज्वल रेवन्ना की तुलना भगवान श्रीकृष्ण से कर दी। उन्होंने कहा कि प्रज्वल रेवन्ना भगवान कृष्ण से आगे निकलना चाहते थे। 

एक वायरल वीडियो मं सिद्धारमैया सरकार में उत्पाद शुल्क मंत्री रामप्पा तिम्मापुर रेवन्ना के बारे में कहते हैं ‘जैसा कि एमबी पाटिल ने कहा, यह पेनड्राइव मुद्दा है। देश में इससे बुरा कुछ भी नहीं हुआ है। यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना सकता है। भगवान कृष्ण भक्ति के साथ कई महिलाओं के साथ रहते थे। मुझे लगता है कि वह उस रिकॉर्ड को तोड़ना चाहते हैं।’ यह टिप्पणी मंत्री रामप्पा में विजयपुरा में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में किया। उनका पूरा भाषण कन्नड़ में है।

बीजेपी ने की इस्तीफे की मांग

रामप्पा थिम्मापुर द्वारा प्रज्वल रेवन्ना की तुलना भगवान श्री कृष्ण से करने की बात ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। कांग्रेसी मंत्री के इस बयान के बाद कर्नाटक में बवाल मच गया है। इस वीडियो के वायरल होते ही बीजेपी आक्रामक हो गई और हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए मंत्री से माफी मांगने को कहा है। बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री सीटी रवि ने कहा, कर्नाटक सरकार में मंत्री कांग्रेस नेता ने भगवान कृष्ण का अपमान किया है। उन्हें तुरंत मंत्रिमंडल और पार्टी से हटाया जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम उनके खिलाफ आंदोलन करेंगे।

रेवन्ना पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न कर रिकॉर्ड करने का आरोप

बता दें कि जेडी (एस) सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने और उन्हें अपने फोन पर रिकॉर्ड करने का आरोप लगाया गया है। 28 अप्रैल को एक 47 वर्षीय महिला ने सांसद, जो पूर्व प्रधान मंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते भी हैं, के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और उन पर उसे और उसकी बेटी को परेशान करने का आरोप लगाया। कुछ ही देर बाद और भी महिलाएं शिकायत लेकर सामने आईं। प्रज्वल को 30 अप्रैल को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। रेवन्ना पर यौन कृत्य करते समय 70 से अधिक महिलाओं की लगभग 3,000 वीडियो क्लिप फिल्माने का आरोप है।