हलधरमऊ सीएचसी अधीक्षक की मनमानी चरम पर, मरीज बेहाल
गोंडा। जनपद के हलधरमऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अधीक्षक की मनमानी और जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों की उदासीनता का बड़ा मामला फिर उजागर हुआ है। गुरुवार की दोपहर लगभग 1 बजे तक अधीक्षक संत प्रताप वर्मा की कुर्सी खाली पाई गई, जबकि मरीज इलाज के लिए काफी देर तक इंतजार करते रहे। मरीजों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के सरकारी दावों की हकीकत सीएचसी में मौके पर खुलेआम नजर आई। अधीक्षक की गैरमौजूदगी और स्टाफ की उदासीनता ने मरीजों की परेशानियों को बढ़ा दिया।
16 वर्षों से उसी सीएचसी में तैनाती, 12 वर्षों से अधीक्षक—प्रशासनिक आदेशों का नहीं डर
सूत्रों के अनुसार संत प्रताप वर्मा पिछले 16 वर्षों से हलधरमऊ सीएचसी में कार्यरत हैं और लगभग 12 वर्षों से अधीक्षक के पद पर बिना किसी व्यवधान के जमे हुए हैं। लम्बे समय से एक ही स्थान पर तैनाती पर स्वास्थ्य विभाग के नियम और तबादला नीति भी सवालों के घेरे में है।
तबादला आदेश हवा-हवाई—बभनजोत सीएचसी के लिए हुआ था ट्रांसफर
जानकारी के अनुसार जून 2024 में अधीक्षक वर्मा का बभनजोत सीएचसी को तबादला आदेश जारी हुआ था। इसके बाद भी वे हलधरमऊ सीएचसी पर ही कार्यरत हैं। स्वास्थ्य विभाग के सूत्र बताते हैं कि सीएमओ के स्पष्ट निर्देश और तबादला आदेश के बावजूद अधीक्षक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके चलते अधिकारी बेखौफ बने हुए हैं। सीएचसी पर अधीक्षक की नियमित अनुपस्थिति और आदेशों की अवहेलना से यह स्पष्ट हो रहा है कि उच्चाधिकारियों के निर्देशों का भी कोई असर नहीं पड़ रहा।
मरीजों का कहना है कि चिकित्सक और अधीक्षक समय से न मिलने के कारण कई आवश्यक जांच और उपचार में देरी होती है। सेवाओं में लापरवाही से लोगों की परेशानी बढ़ रही है। स्थानीय नागरिकों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे अधिकारियों की तैनाती की समीक्षा कर उचित कार्रवाई की जाए, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो सके।
Dec 12 2025, 18:36
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