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नहाय-खाय के साथ लोक आस्था के महापर्व छठ का शुभारंभ, कल से शुरू होगा 36 घंटे का निर्जला व्रत

#chhath_puja_2025_nahay_khay_today

लोक आस्था का महान पर्व छठ पूजा आज से शुरू हो गया है। छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ हो रही है। इस दिन व्रती स्नान कर सूर्य देव की पूजा करते हैं और सात्विक भोजन करते हैं। नहाय-खाय के बाद अगले दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उषा अर्घ्य के साथ व्रत का समापन होता है।

छठ पर्व की शुरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन नहाय खाय से होती है। पंचमी को खरना, षष्ठी को डूबते सूर्य को अर्घ्य और उगते सूर्य सप्तमी को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त होता है। इस चार दिवसीय त्योहार में सूर्य और छठी मैय्या की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत करना बहुत कठिन माना जाता है क्योंकि इस व्रत को कठोर नियमों के अनुसार 36 घंटे तक रखा जाता है।

भगवान भास्कर की आराधना के महापर्व छठ शनिवार को नहाय-खाय से शुरू हो गया। छठ महापर्व के पहले दिन में नहाय-खाय में लौकी की सब्जी, अरवा चावल, चने की दाल, आंवला की चासनी के सेवन का खास महत्व है। वैदिक मान्यता है कि इससे संतान प्राप्ति को लेकर व्रती पर छठी मैया की कृपा बरसती है। खरना के प्रसाद में ईख के कच्चे रस, गुड़ के सेवन से त्वचा रोग, आंख की पीड़ा समाप्त हो जाते है। इसके प्रसाद से तेजस्विता, निरोगिता व बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होती है।

मोहसिन नकवी का खून खौला देने वाला बयान, भारतीय खिलाड़ियों को बताया आतंकवादी जैसा

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एशिया कप 2025 के ट्रॉफी पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष मोहसिन नकवी विनिंग ट्रॉफी को अब भी अपने कार्यालय में रखे हुए हैं। उनका कहना है कि वह ट्रॉफी को किसी भारतीय सदस्य के हाथों ही सौंपना चाहते हैं। वह भी एक औपचारिक समारोह के दौरान। हालांकि, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का कहना है कि वह उनके हाथों ट्रॉफी न लेकर किसी भी अन्य शख्स के हाथों ट्रॉफी लेने के लिए तैयार है। इसी मामले पर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें नकवी की हरकत दुनिया के सामने आ गई है।

क्या है इस वीडियो में?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियों में मोहसिन नकवी के बगल में खड़ा एक शख्स एशिया कप ट्रॉफी की घटना को बेहद आपत्तिजनक शब्दों में बयान करता है। एसीसी प्रमुख की भारतीय टीम के साथ कथित तौर पर ‘आतंकवादियों’ की तरह व्यवहार करने के लिए प्रशंसा करता है। खास बात ये है कि पीसीबी और एसीसी अध्यक्ष मोहसिन नकवी पूरे वीडियो में मुस्कुराते भी रहे, जिससे ये संकेत मिलता है कि वे कही जा रही बातों से सहमत हैं।

भारतीय खिलाड़ियों को बताया आतंकवादियों की तरह

वीडियो में मोहसिन नकवी के साथ खड़ा एक व्यक्ति भारत के खिलाफ घृणित टिप्पणी करता नजर आ रहा है। वीडियो में वह कहता है, “जब ये ग्राउंड में खड़े थे और भारतीय टीम ट्रॉफी नहीं ले रही थी, इन्होंने सब्र का मुजाहिरा किया। खड़े रहे, खड़े रहे। वो चाहते थे कि ये अगर हट जाएंगे तो हम किसी और से ले लेंगे। लेकिन उनको नहीं पता था कि हमारा चेयरमैन वजीर-ए-दाखला (गृहमंत्री) भी है। उन्होंने टीम को बाद में आतंकवादियों की तरह हैंडल किया, ट्रॉफी गाड़ी में रख के साथ ले आए। अब पूरा भारत ट्रॉफी के पीछे भाग रहा है।”

मुस्कुराते हुए नजर आए मोहसिन नकवी

चौंकाने वाली बात यह है कि वीडियो में मोहसिन नकवी उस व्यक्ति की बातों पर मुस्कुराते हुए नजर आए और किसी तरह का विरोध नही किया। इस रवैये ने भारत में क्रिकेट फैंस और विशेषज्ञों के बीच गुस्सा और नाराजगी फैला दी है।

भारतीय टीम ने नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था

बता दें कि 28 सितंबर को दुबई में पाकिस्तान पर टीम इंडिया की पांच विकेट की जीत के बाद ट्रॉफी प्रजेंटेशन में 90 मिनट से ज्यादा की देरी हुई, जिससे भारतीय खिलाड़ी मैदान पर ही मौजूद रही जबकि पाकिस्तानी टीम अपने ड्रेसिंग रूम में लौट गई। हालांकि भारतीय टीम ने स्पॉन्सर से व्यक्तिगत पुरस्कार स्वीकार किए, लेकिन उन्होंने नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया। इससे नाराज होकर मोहसिन नकवी ट्रॉफी लेकर होटल चले गए।

बिहार में अब लालटेन की जरूरत नहीं है…” समस्तीपुर से पीएम मोदी का आरजेडी-कांग्रेस पर निशाना

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार मे विधानसबा चुनाव को लेकर प्रचार अभियान का शंखनाद कर दिया है। पीएम मोदी ने शुक्रवार को बिहार के समस्तीपुर में एक जनसभा को संबोधित किया। पीएम ने बिहार में एक बार फिर एनडीए सरकार बनाने का दावा किया। प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार का जिक्र करते हुए कहा कि इस बार फिर बिहार में सुशासन की सरकार आने वाली है। बिहार को अब लालटेन और उसके साथी नहीं चाहिए और आप झुकेगा नहीं बिहार। नई रफ्तार के साथ बिहार आगे बढ़ेगा।

फिर एक बार एनडीए सरकार का लगाया नारा

पीएम मोदी ने मैथिली भाषा में लोगों को नमन किया। भाषण के शुरुआत में ही उन्होंने फिर से एक बार एनडीए सरकार के नारे लगाए। उन्होंने कहा, इस समय आप जीएसटी बचत उत्सव का भी खूब आनंद ले रहे हैं और कल से छठी मईया का महापर्व भी शुरू होने जा रहा है। ऐसे व्यस्त समय में भी आप इतनी विशाल संख्या में यहां आए हैं, समस्तीपुर का जो ये माहौल है, मिथिला का जो मूड है उसने पक्का कर दिया है- नई रफ्तार से चलेगा बिहार, जब फिर आएगी एनडीए सरकार। उन्होंने कहा- लोकतंत्र के महापर्व का बिगुल बन चुका है और पूरा बिहार कह रहा है। फिर एक बार एनडीए सरकार, फिर एक बार सुशासन सरकार, जंगलराज वालों को दूर रखेगा बिहार।

बिहार के कोने-कोने में हो रहा विकास-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, आज बिहार का ऐसा कोई कोना नहीं है, जहां विकास का कोई भी कोई काम न हो रहा हो। आपको कोई न कोई विकास का काम चलता हुआ जरूर दिखाई देगा। एनडीए सरकार सड़क, बिजली, पानी, इंटरनेट, गैस कनेक्शन... इनको सिर्फ सुविधा नहीं मानती, ये सशक्तीकरण और समृ्द्धि के भी माध्यम हैं। सरकार ने बिहार के विकास के लिए दिया है। जब तीन गुना पैसा आएगा तो विकास भी तीन गुना ज्यादा होगा ही होगा।

एनडीए सरकार जननायक कर्पूरी ठाकुर को प्रेरणापुंज मानती है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को प्रेरणापुंज मानती है। हमलोग गरीबों की सेवा में लगे हैं। आप बताइए गरीबों को पक्का घर, मुफ्त अनाज, मुफ्त इलाज, शौचालय, नल का जल और सम्मान का जीवन जीने के लिए हर तरह की सुविधा देना क्या उनकी सेवा नहीं है? एनडीए सरकार कर्पूरी ठाकुर की विचारधार को सुशासन का आधार बनाया है। हमने गरीब, दलित, पिछड़े और अति पिछड़ों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं।

लालू यादव के परिवार पर तंज

समस्तीपुर से पीएम ने लालू यादव के परिवार पर तंज कसा। उन्होंने कहा, कहा कि इन्होंने क्या किया है? यह मुझे आपको बताने की जरूरत नहीं है। यह लोग हजारों करोड़ के घोटाले के मामले में जमानत पर चल रहे हैं। इन्होंने तो जननायक की उपाधि भी चोरी कर ली है। लेकिन, बिहार के लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।

राजद वालों ने बिहार का विकास नहीं होने दिया-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने नीतीश के सुशासन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, 2005 का अक्टूबर महीना ही था, जब बिहार ने जंगलराज से मुक्ति पाई थी। नीतीश कुमार ने नेतृत्व में एनडीए का सुशासन शुरू हुआ था। लेकिन, 10 साल तक कांग्रेस और राजद की सरकार रही। यूपीए सरकार ने बिहार को नुकसान पहुंचाने में कोई कमी नहीं रखी। राजद वाले आपलोगों से दस साल तक बदला लेते रहे कि आपलोगों ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री क्यों बनाया? राजद वाले कांग्रेस को धमकाते थे कि अगर बिहार में नीतीश कुमार की कोई बात मानी, बिहार में कोई प्रोजेक्ट शुरू किया तो हमलोग आपसे समर्थन वापस ले लेंगे। राजद वालों ने बिहार का विकास नहीं होने दिया। नीतीश कुमार ने दिन-रात बिहार के लिए काम करते रहे। बिहार को बड़ी मुसीबत से बाहर निकाला।

बिहार को अब लालटेन की जरूरत नहीं-पीएम मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने जनसभा में आए लोगों से मोबाइल की लाइट जलाने के लिए कहा। इसके बाद जब लोग मोबाइल का लाइट जलाकर खड़े हुए तो पीएम मोदी ने कहा कि जब इतनी लाइटें हैं तो आपको लालटेन की जरूरत है क्या? बिहार में अब लालटेन की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि आज भारत में सबसे ज्यादा सस्ता इंटरनेट उपलब्ध है। एक कप चाय जितनी कीमत में एक जीबी डाटा उपलब्ध हो जाता है। बिहार के युवा इंटरनेट के माध्यम से अच्छी कमाई भी करते हैं। मिथिला का यह क्षेत्र खेती, मछलीपालन और पशुपालन के लिए जाना जाता है। पीएम मोदी ने कहा कि बिहार को पहले दूसरे राज्यों से मछली मंगवानी पड़ती थी लेकिन आज बिहार दूसरे राज्यों को मछली भेजता है।

पीएम मोदी के बिहार दौरे से पहले कांग्रेस हमलावर, जयराम रमेश ने पूछे तीखे सवाल

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज बिहार दौरे पर हैं। समस्तीपुर और बेगूसराय में उनकी जनसभा है। पीएम मोदी पहले समस्तीपुर पहुंचे, वहां पर भारत रत्न और पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि देने उनके गांव पहुंचे। उनको नमन किया। साथ ही इस बीच परिजनों से भी मिलें। इसके बाद पीएम जनसभा को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी के साथ मंच पर सीएम नीतीश कुमार समेत एनडीए के सभी दिग्गज नेता रहेंगे।

पीएम के बिहार दौरे से पहले कांग्रेस का सवाल

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बिहार दौरे से पहले जोरदार हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा कि उन्हें यह बताना चाहिए कि पिछड़ों, अति पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों के लिए 65 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान को संविधान की नौवीं अनुसूची में क्यों नहीं डाला गया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, 'प्रधानमंत्री आज कर्पूरी ठाकुर जी के गांव जा रहे हैं। उनके लिए तीन सीधे सवाल हैं।' उन्होंने कहा, 'कर्पूरी ठाकुर जी ने 1978 में पिछड़ों को 26 प्रतिशत आरक्षण देकर सामाजिक न्याय की ऐतिहासिक नींव रखी थी। क्या यह सही नहीं है कि आपकी पार्टी के वैचारिक पूर्वज जनसंघ और आरएसएस ने उनकी आरक्षण नीति का खुलकर विरोध किया था? क्या उस समय जनसंघ-आरएसएस ने सड़कों पर कर्पूरी ठाकुर जी के खिलाफ अपमानजनक और घृणा से भरे नारे नहीं लगाए थे? क्या उस दौर में जनसंघ-आरएसएस खेमे के प्रमुख नेताओं ने कर्पूरी ठाकुर सरकार को अस्थिर करने और गिराने में अहम भूमिका नहीं निभाई थी?'

ऐतिहासिक गलती के लिए अपने वैचारिक पूर्वजों की ओर से माफी मांगेंगे?

कांग्रेस नेता ने सवाल किया, क्या प्रधानमंत्री आज उस ऐतिहासिक गलती के लिए अपने वैचारिक पूर्वजों, जनसंघ और आरएसएस की ओर से माफ़ी मांगेंगे? रमेश ने कहा, ‘क्या आपने कांग्रेस पार्टी की जाति जनगणना की मांग को “अर्बन नक्सल एजेंडा” कहकर दलितों, पिछड़ों, अति-पिछड़ों और आदिवासियों के अधिकारों का अपमान नहीं किया? क्या आपकी सरकार ने संसद (20 जुलाई 2021) और उच्चतम न्यायालय (21 सितंबर 2021) में जाति जनगणना कराने से इनकार नहीं किया? बहुसंख्यक वंचित वर्गों के करोड़ों लोगों की इस वैध मांग को आपकी सरकार ने लंबे समय तक जानबूझकर नज़रअंदाज़ किया – क्या आप इससे इनकार करेंगे?’

बिहार के 65 प्रतिशत आरक्षण को सुरक्षा क्यों नहीं दी गई?

जयराम रमेश ने आगे यह सवाल भी किया, ‘आपने और आपके ‘ट्रबल इंजन’ सरकार ने बिहार के जातिगत सर्वे के बाद पिछड़ों, अति पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों के आरक्षण को 65 प्रतिशत करने के विधानसभा प्रस्ताव को 9वीं अनुसूची में क्यों नहीं डाला?’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि कांग्रेस सरकार ने 1994 में तमिलनाडु के 69 प्रतिशत आरक्षण को जैसे 9वीं अनुसूची में शामिल कर सुरक्षा दी थी, वैसे ही बिहार के 65 प्रतिशत आरक्षण को सुरक्षा क्यों नहीं दी गई?

आंध्र प्रदेश के कुरनूल में भीषण सड़क हादसा, बस में लगी आग, 20 यात्री जिंदा जले

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आंध्र प्रदेश में बड़ा बस हादसा हुआ है। हैदराबाद-बेंगलुरु हाईवे पर कुरनूल में बाइक से टक्कर के बाद बस में आग लग गई। बस में आग लगने से अब तक 20 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई। बताया जा रहा है कि ये लोग बस में आग लगने के बाद बाहर नहीं निकल पाए और जिंदा जलकर उनकी मौत हो गई।

यह हादसा शुक्रवार तड़के तब हुआ, जब तेज रफ्तार बस की हैदराबाद-बेंगलुरु हाईवे पर एक बाइक में टक्कर हो गई। इस टक्कर के बाद बस में भयंकर आग लग गई। आग लगने के बाद हाहाकार मच गया। लोग आनन-फानन में निकलने की कोशिश करने लगे। मगर आग की लपेटें इतनी तेज थीं कि वे अंदर ही फंस गए। बताया जाता है कि 20 लोग बस से बाहर निकलने में कामयाब रहे। यह घटना हैदराबाद-बेंगलुरु राजमार्ग पर कुरनूल जिले के चिन्ना टेकुरु गांव की है। जिस बस में आग लगी है वह कावेरी ट्रैवल्स की प्राइवेट बस है।

41 यात्रियों में से 21 को सुरक्षित बचाया गया

कुरनूल के जिला कलेक्टर डॉ ए सिरी ने बताया, यह दुर्घटना सुबह 3 से 3:10 बजे के बीच हुई जब बस एक बाइक से टकरा गई, जिससे ईंधन रिसाव हुआ और आग लग गई। 41 यात्रियों में से 21 को सुरक्षित बचा लिया गया है। बाकी 20 में से 11 के शवों की अब तक पहचान हो पाई है। बाकी की पहचान के प्रयास जारी हैं।

राष्ट्रपति ने हादसे के बाद शोक प्रकट किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक्स पर लिखा, आंध्र प्रदेश के कुरनूल में बस में आग लगने की दुखद घटना में हुई जान-माल की हानि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।

पीएम ने जताया दुख, मुआवजे का किया ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बस हादसे पर दुख जताया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में हुई दुर्घटना में लोगों की मौत से बेहद दुखी हूं। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं प्रभावित लोगों और उनके परिवारों के साथ हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। प्रत्येक मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।

वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने भी हादसे पर दुख जताया

आंध्र के पूर्व सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने भी हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि कुरनूल जिले के चिन्ना टेकुर गांव के पास हुई दुखद बस आग दुर्घटना की खबर बेहद दुखद है। मैं उन परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में घायलों और प्रभावित लोगों को सभी आवश्यक सहायता और चिकित्सा सहायता प्रदान की जाए।

क्या है 'कफाला सिस्टम' जिसे सऊदी अरब ने किया खत्म, भारतीयों पर इसका क्या असर होगा?

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सऊदी अरब की सरकार ने दशकों पुराने 'कफ़ाला' यानी स्पॉन्सरशिप सिस्टम को खत्म करने का एलान किया है। इस व्यवस्था में विदेशी कामगारों को पूरी तरह से अपने नियोक्ता यानी काम देने वाले पर निर्भर रहना पड़ता था। मानवाधिकार संगठन लंबे समय से कफ़ाला सिस्टम को 'आधुनिक गुलामी' बताते आए हैं। अब सऊदी अरब ने इसे खत्म कर एक नए कॉन्ट्रैक्ट आधारित रोजगार मॉडल की शुरुआत की है। सऊदी में इसके खत्म होने से भारत, पाकिस्तान जैसे देशों के लोगों ने खासतौर से राहत की सांस ली है, जहां से बड़ी तादाद में कामगार सऊदी जाते हैं।

अरब देशों में बीते कई दशकों से ये सिस्टम विदेशी कामगारों के लिए बड़ी परेशानी का सबब रहा है। इस सिस्टम की वजह से अरब में काम करने के लिए जाने वाले लाखों लोगों को मानवाधिकारों से वंचित होना पड़ता था। कफाला एक तरह से लाखों लोगों को अरब देशों में बंधक मजदूर या गुलाम की तरह रहने पर मजबूर कर देता है।इस फैसले से खासकर उन देशों के कामगारों को बड़ी राहत मिली है जो वहां काम करने जाते हैं।

सऊदी अरब में 27 लाख भारतीय कामगार

सऊदी अरब में करीब 1.3 करोड़ कामगार हैं और इनमें करीब 27 लाख भारतीय शामिल हैं। कफाला व्यवस्था समाप्त होने से विदेशी कामगार अपनी मर्जी से नौकरी बदल सकेंगे, तयशुदा वेतन और काम के घंटों के साथ काम करेंगे, और बिना अपने नियोक्ता या 'कफील' की इजाजत के स्वदेश लौट सकेंगे।

कफाला सिस्टम क्या है?

कफाला सिस्टम प्रवासी मजदूरों और उनके स्थानीय नियोक्ताओं के बीच एक बाध्यकारी अनुबंध है जिसके तहत प्रवासी मजदूर केवल उस विशेष नियोक्ता के लिए ही काम कर सकते हैं, जिसके तहत उन्हें देश में रहने की अनुमति दी जाती है। कफाला सिस्टम के तहत नियोक्ता को कई अधिकार मिले होते हैं। मजदूर अपने कफाला की अनुमति के बिना नौकरी बदल नहीं सकते थे। इसके शोषणकारी स्वरूप के कारण, विशेष रूप से उन प्रवासी मजदूरों के लिए जो घरेलू काम, निर्माण आदि के लिए मध्य पूर्व आते हैं, आलोचकों ने इसे आधुनिक काल की गुलामी कहा है।

कफ़ाला सिस्टम खत्म होने से क्या होगा फायदा?

नई व्यवस्था के मुताबिक़ अब कामगार अपने कफ़ील की मर्जी के बिना भी अपनी नौकरी बदल पाएंगे। इसके अलावा देश छोड़ने के लिए भी कफ़ील की अनुमति की जरूरत नहीं होगी। नए सिस्टम में कामगारों को कानूनी मदद मुहैया करवाई जाएगी। कफ़ील कामगारों के स्पॉन्सर या मालिक को कहते हैं। इसका मतलब है कि अगर किसी कामगार को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है या उसे काम में दिक्कतें आ रही हैं तो वह शिकायत कर सकता है। इसके साथ ही नए सिस्टम में काम के घंटे, कंपनी के लिए कामगारों के अधिकार, वेतन और अन्य चीजें तय करना जरूरी कर दिया गया है।

कई देशों में अब भी लागू

सऊदी अरब में कफाला खत्म हो गया है लेकिन खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के कई देशों में यह जारी है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) और ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) के आंकड़ों के हिसाब से खाड़ी देशों में 2.4 करोड़ श्रमिक कफाला के नियंत्रण में हैं। इनमें से सबसे बड़ा हिस्सा 75 लाख भारतीयों का है। अधिकार समूहों ने कफाला की 'आधुनिक गुलामी' कहकर आलोचना की है।

तेजस्वी यादव होंगे महागठबंधन के सीएम फेस, 2 डिप्टी CM भी बनेंगे, अशोक गहलोत का बड़ा ऐलान

#tejashwiyadavcmcandidateannouncedinmahagathbandhan

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन ने अपनी एकता और चुनावी रणनीति का प्रदर्शन करते हुए गुरुवार को पटना में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्ष की ओर से तेजस्वी यादव सीएम के उम्मीदवार होंगे।उन्होंने मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम बनाने का समर्थन किया। अशोक गहलोत ने तेजस्वी यादव को सीएम कैंडिडेट बनाने का ऐलान करते हुए कहा कि बीजेपी अब अपना मुख्यमंत्री के बारे में बताए।

तेजस्वी यादव महागठबंधन का चेहरा

बिहार चुनाव से पहले महागठबंधन ने गुरुवार को पटना के होटल मौर्य में बहुप्रतीक्षित प्रेस कांफ्रेंस कर बिहार की जनता को बड़ा संदेश दिया। इस संयुक्त प्रेस वार्ता में महागठबंधन के सभी प्रमुख नेताओं ने भाग लिया और अपनी-अपनी बात रखी। इस दौरान पूर्व सीएम और कांग्रेस के सीनियर लीडर अशोक गहलोत ने ऐलान करते हुए कहा कि बिहार में महागठबंधन तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे और वे मुख्यमंत्री के चेहरे होंगे।

मुकेश सहनी होंगे डिप्टी सीएम फेस

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि इंडिया गठबंधन ने लोकसभा चुनाव में एनडीए को अच्छी टक्कर दी। पिछले चुनाव में महागठबंधन मामूली वोटों के अंतर से पीछे रह गए। एनडीए संवैधानिक संस्थाओं को दुरुपयोग कर खेला करना चाहताा है। यह लोग चुनाव जीतने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हैं। इस चुनाव में अगले मुख्यमंत्री के रूप में हमलोग तेजस्वी यादव को चुनते हैं। वह नौजवान हैं। जो कहते हैं करते हैं। अब तक जो वादे किए, उसमें खड़े उतरे। इसलिए महागठबंधन ने फैसला लिया है कि हमलोगों का मुख्यमंत्री चेहरा तेजस्वी यादव ही होंगे। वहीं अशोक गहलोत ने कहा कि मुकेश सहनी की पार्टी महागठबंधन के प्रमुख दलों में से एक हैं। उनकी छवि को देखते हुए महागठबंधन उन्हें डिप्टी सीएम का फेस घोषित करता है।

तेजस्वी ने क्या कहा?

वहीं तेजस्वी यादव ने कहा कि गठबंधन के सभी दलों ने उन पर भरोसा जताया है। वह जनता और अपने सहयोगियों के विश्वास पर खरा उतरेंगे। उन्होंने कहा कि इस बीस साल की निक्कमी सरकार को हम उखाड़ फेंकेंगे और बिहार के लोगों को विकास और न्याय देंगे। तेजस्वी ने मुख्यमंत्री पद के संभावित चेहरे को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि गठबंधन नेताओं ने बार-बार बैठकें की हैं और हर निर्णय सोच-समझकर लिया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी आसियान समिट में शामिल होंगे या नहीं? मलेशिया के पीएम ने दी जानकारी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 47वें आसियान शिखर सम्मेलन के लिए कुआलालंपुर नहीं जाएंगे। मलयेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने बुधवार को इसकी पुष्टि की। उन्होने बताया कि पीएम मोदी आसियान शिखर सम्मेलन के लिए कुआलालंपुर नहीं जाएंगे, बल्कि वर्चुअली इसमें शामिल होंगे। मलयेशियाई प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी के एक करीबी सहयोगी से फोन पर हुई बातचीत के बाद ये जानकारी दी। इस तरह मलेशिया दौरा न होने की वजह से पीएम मोदी और ट्रंप मुलाकात की संभावना भी खत्म हो गई है।

मलयेशिया के पीएम अनवर इब्राहिम पीएम मोदी के साथ फेन पर हुई बातचीत के बाद कहा, हमने इस महीने के अंत में कुआलालंपुर में होने वाले 47वें आसियान शिखर सम्मेलन के आयोजन पर चर्चा की। उन्होंने मुझे बताया कि इस समय भारत में चल रहे दीपावली समारोह के कारण प्रधानमंत्री वर्चुअली इसमें शामिल होंगे। मलयेशियाई पीएम ने कहा, मैं उनके फैसले का सम्मान करता हूं और उन्हें और भारत के सभी लोगों को दीपावली की शुभकामनाएं देता हूं।

आसियान शिखर सम्मेलन क लेकर पीएम मोदी ने दिया अपडेट

वहीं, आसियान शिखर सम्मेलन में शामिल होने को लेकर पीएम मोदी ने अपडेट दिया है। उन्होंने इस सम्मेलन में वर्चुअल शामिल होने की बात कही है। अपने एक्स हैंडल पर जानकारी देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरे प्रिय मित्र, मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के साथ गर्मजोशी से बातचीत हुई। उन्हें मलेशिया की आसियान अध्यक्षता के लिए बधाई दी और आगामी शिखर सम्मेलनों की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में वर्चुअल रूप से शामिल होने और आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और प्रगाढ़ बनाने के लिए उत्सुक हूं।

एस जयशंकर कर सकते हैं भारत का प्रतिनिधित्व

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार इस मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर इन बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। बता दें कि हाल के कुछ बैठकों में पीएम मोदी की जगह एस जयशंकर या दूसरे मंत्री ही भाग ले रहे हैं।

ट्रंप-मोदी मुलाकात के आसार प फिरा पानी

बता दें कि आसियान में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हिस्सा ले रहे हैं। उम्मीद की जा रही थी कि यहां ट्रंप की मुलाकात पीएम मोदी और शी जिनपिंग से होगी। मगर पीएम मोदी की ओर से यह कन्फर्म हो गया है वह इस समिट में भाग नहीं ले रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप के अलावा, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस समिट में शामिल होंगे। ट्रंप शी जिनपिंग से भी मुलाकात को लेकर आतुर हैं। बहरहाल, आसियान समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पीएम मोदी संग संभावित मुलाकात की राहें अब बंद हो गई हैं।

दिल्ली-एनसीआर में दमघोंटू हवा, दिवाली बाद खतरनाक स्तर पर पहुंचा AQI

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दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के कारण हालात बिगड़ने शुरू हो गए हैं। बुधवार को लगातार तीसरे दिन भी वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई तथा हवा की गति कम होना इसकी बड़ी वजह रही। दीपावली के तीन दिन बाद एक्यूआई का स्तर 400 के पार पहुंच गया है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता का रेड जोन में होना एक गंभीर चेतावनी है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी दैनिक बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली के आनंद विहार में गुरुवार सुबह एक्यूआई 428 दर्ज किया गया। यह आंकड़ा 'गंभीर' श्रेणी में आता है, जो वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को दर्शाता है। अक्षरधाम के आसपास 350, इंडिया गेट और इसके आसपास के इलाकों में 353, एम्स में 342 एक्यूआई दर्ज किया गया है।

आतिशबाजी के बाद प्रदूषण तेजी से बढ़ा

सोमवार को दिवाली रात हुई आतिशबाजी के बाद प्रदूषण तेजी से बढ़ा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिवाली के बाद दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट आई है। शहर में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5) का स्तर पिछले पांच वर्षों में सबसे खराब स्थिति में पहुँच गया है। दिवाली के तुरंत बाद, 24 घंटे के भीतर पीएम 2.5 की औसत सांद्रता 488 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुँच गई, जो त्योहार से पहले के 156.6 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के स्तर से तीन गुना से भी अधिक है।

कमजोर हवाओं के कारण प्रदूषण जस-का-तस

वहीं, हवाएं इस समय कमजोर हैं। इस वजह से प्रदूषण जस-का-तस एक जगह बना हुआ है। सुबह-शाम स्मॉग की चादर मोटी दिख रही है। अगले तीन दिनों तक यही स्थिति बनी रह सकती है।

पराली जलाने की घटनाओं में कमी, फिर भी प्रदूषण का कहर

इस बार पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में 77 फीसदी की कमी आई है। क्लाइमेट ट्रेंड्स के अनुसार, यह गिरावट मुख्य रूप से बाढ़ और फसल चक्र में देरी के कारण हुई। 1 से 12 अक्टूबर के बीच, जब पराली जलाने की घटनाएं अपने चरम पर होती हैं, तब भी दिल्ली के पीएम 2.5 स्तर में 15.5 फीसदी की कमी दर्ज की गई। हालांकि, इस कमी के बावजूद, अन्य स्रोतों से होने वाले प्रदूषण ने हवा की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण में कोई कानूनी बाधा नहीं, बेल्जियम की अदालत ने कर दिया साफ

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भगोड़े मेहुल चोकसी को बड़ा झटका लगा है। बेल्जियम की एक अदालत ने फैसला सुनाया है कि उसके भारत प्रत्यर्पण में कोई कानूनी बाधा नहीं है। अदालत ने कहा कि चोकसी बेल्जियम का नागरिक नहीं, वो एक विदेशी नागरिक है और उसके खिलाफ लगे आरोप इतने गंभीर हैं कि उसका प्रत्यर्पण जायज है।

बेल्जियम की एंटवर्प अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसले में भगोड़े मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने साफ कहा कि चोकसी बेल्जियम का नागरिक नहीं बल्कि विदेशी नागरिक है और उसके खिलाफ भारत में दर्ज आरोप गंभीर आपराधिक प्रकृति के हैं। बेल्जियम कोर्ट के अनुसार, भगोड़े मेहुल चोकसी पर धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और जालसाजी जैसे संगीन अपराधों के आरोप हैं। कोर्ट ने माना कि भारत में उसे निष्पक्ष सुनवाई मिलेगी और जेल की सुविधाएं भी अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होंगी।

अदालत ने चोकसी पर लगे एक आरोप को खारिज कर दिया कि 201 आईपीसी के तहत साक्ष्य गायब किए गए थे और कहा कि यह अपराध बेल्जियम के कानून के तहत मान्यता प्राप्त नहीं है और इसलिए इसे लागू करने योग्य नहीं माना जा सकता है। फैसले में स्पष्ट किया गया कि कथित कृत्य भारत में 31 दिसंबर, 2016 और 1 जनवरी, 2019 के बीच हुए थे और अभियोजन भारतीय या बेल्जियम कानून के तहत समय-बाधित नहीं है।

एंटवर्प की अदालत ने चोकसी की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि प्रत्यर्पण का अनुरोध राजनीति से प्रेरित है या उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। अदालत ने कहा कि कथित अपराधों को राजनीतिक, सैन्य या गैर-प्रत्यर्पणीय कर अपराध नहीं माना जा सकता और यह मानने का कोई आधार नहीं है कि यह अनुरोध किसी व्यक्ति पर उसकी जाति, धर्म, राष्ट्रीयता या राजनीतिक संबद्धता के आधार पर मुकदमा चलाने या उसे दंडित करने के इरादे से किया गया था।

भारत सरकार की ओर से दी गई जानकारी का हवाला देते हुए, अदालत ने नोट किया कि चोकसी को मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा। इस बैरक में 46 वर्ग मीटर का क्षेत्र, दो सेल और एक निजी शौचालय शामिल है। भारत ने यह आश्वासन दिया कि उसे केवल चिकित्सा जरूरतों या अदालत में पेशी के लिए ही जेल से बाहर निकाला जाएगा। चोकसी ने अपने बचाव में एक्सपर्ट रिपोर्ट, अंतरराष्ट्रीय संदर्भ और विभिन्न दस्तावेज पेश किए थे।