रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा भारत? डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब
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भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के उन दावों को लेकर जवाब दिया, जिनमें कहा गया था कि भारत जल्द ही रूस से तेल की खरीद को रोक सकता है। भारत ने साफ कर दिया है कि उसकी प्राथमिकता भारत के लोग हैं और कुछ नहीं। ट्रंप के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत का तेल आयात भारत के हितों की रक्षा के आधार पर तय होता है। भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना भारत की प्राथमिकता है।
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देश के हितों को सुरक्षित रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने गुरुवार को ट्रंप के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत एक बड़ा तेल और गैस आयातक देश है और अस्थिर वैश्विक ऊर्जा बाजार में देश के हितों को सुरक्षित रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जायसवाल ने कहा कि हमारी ऊर्जा नीति के दो प्रमुख लक्ष्य हैं, जिसमें स्थिर ऊर्जा कीमतें बनाए रखा और आपूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल हैं। इसी उद्देश्य से भारत अपने ऊर्जा स्रोतों को अलग-अलग बना रहा है और बाजार की परिस्थितियों के अनुसार आयात नीतियां तय कर रहा है।
अमेरिका के साथ तेल खरीद पर बातचीत जारी
विदेश मंत्रालय के बयान में आगे कहा गया, जहां तक अमेरिका का सवाल है, हम कई वर्षों से अपनी ऊर्जा खरीद का विस्तार करने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले दशक में इसमें लगातार प्रगति हुई है। मौजूद अमेरिकी प्रशासन ने भारत के साथ ऊर्जा सहयोग को गहरा करने में रुचि दिखाई है। इस पर चर्चाएं जारी हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा था?
इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने ओवल ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया। एएनआई ने एक सवाल किया कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति भारत को एक विश्वसनीय साझेदार मानते हैं? इस पर ट्रंप ने कहा, हां, बिल्कुल। वह (पीएम मोदी) मेरे मित्र हैं। हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। भारत रूस से तेल खरीद रहा है, इससे मैं खुश नहीं था। हालांकि, उन्होंने अब मुझे आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। यह एक बड़ा कदम है।
10 hours ago