/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png StreetBuzz जीएसटी सुधार से मध्यम वर्ग के जीवन में आएगी सुगमता:  एके शर्मा lucknow
जीएसटी सुधार से मध्यम वर्ग के जीवन में आएगी सुगमता:  एके शर्मा


* सुलभ दाम से हर परिवार की मुस्कान बढ़ेगी, रोजमर्रा की जरूरतों पर होगी रोजाना बचत


लखनऊ । नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने मंगलम गेस्ट हाउस (मऊ) में जीएसटी सुधार पर प्रेस कॉन्फ्रेस के माध्यम से इसके जनहितार्थ आयामों पर बल दिया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने मध्यम वर्ग के लिए रणनीतिक रूप से प्रभावशाली बदलाव किए और उन्हें सफलता पूर्वक लागू किया जिससे उनके जीवन में सुगमता आएगी और वे अब अधिक सशक्त होंगे। नेक्स्ट-जेन जीएसटी जन-प्रथम सुधार मील का पत्थर साबित होगा।उन्होंने बताया कि सुलभ दाम से हर परिवार की मुस्कान बढेगी और रोजमर्रा की जरूरतों पर रोजाना बचत होगी।

मंत्री श्री शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नेक्स्ट-जेन जीएसटी सुधारों के लिए 3 सितम्बर 2025 को 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी सुधारों के निर्णय लिए गए। यह 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव है। इन सुधारों के तहत 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की सरल दो-दर संरचना लागू की गई है, जबकि विलासिता और लग्जरी सामानों पर 40 प्रतिशत की दर रखी गई है। इससे पारदर्शिता, न्यायसंगत व्यवस्था और कर पालन में आसानी की पुरानी मांगों को पूरा किया गया है। ये सुधार नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगे। यह केवल आर्थिक कदम नहीं, बल्कि देश के लिए दिवाली का तोहफ़ा है, इससे करोड़ों परिवारों की बचत सीधे उनके हाथों में जाएगी। जैसे दीपावली पर दीपक घरों को रोशन करते हैं, वैसे ही ये सुधार घरों के खर्च कम करेंगे, किसानों को सशक्त बनाएंगे और कारोबार को गति देंगे, जिससे पूरे भारत में समृद्धि फैलेगी।


* दो-दरों की सरलता:
अब पुरानी चार-स्तरीय व्यवस्था हटाकर 5% और 18% की दरें रखी गई हैं। इससे भ्रम, कानूनी झंझट और टैक्स भरने की मुश्किलें कम होंगी।

* जनता को राहत:
दूध, पनीर, शैम्पू, टूथपेस्ट, साबुन, साइकिल और बच्चों के सामान जैसे जरूरी घरेलू सामान पर अब सिर्फ 5% या शून्य कर लगेगा। इससे रोजमर्रा के खर्च कम होंगे।

* किसानों को बढ़ावा:
ट्रैक्टर, टायर, कीटनाशक और सिंचाई उपकरण पर कर घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे खेती की लागत कम होगी और ग्रामीण भारत को सीधा लाभ मिलेगा।

* स्वास्थ्य क्रांति:
व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी पूरी तरह से हटा दिया गया है। दवाइयों, ऑक्सीजन और जांच किट पर कर में बड़ी कटौती की गई है ताकि इलाज सभी के लिए सस्ता हो सके।

* गाड़ियों और वाहनों में भारी छूट:
गाड़ियों और बाइक पर GST 28% से घटाकर 18% कर दी गयी है - यानी पूरे 10% की कटौती - जिससे वाहन खरीददारों को आराम मिलेगा और त्योहारों के समय मांग बढ़ेगी।

* शिक्षा हुई सस्ती:
कॉपियों, पेंसिल, नक्शों और अन्य ज़रूरी छात्र सामग्री पर अब कोई कर नहीं लगेगा।

* लग्जरी पर ज्यादा कर:
विलासिता की वस्तुएं जैसे तंबाकू, पान मसाला और कैसिनो आदि पर अब 40% कर लगाया गया है।

* व्यापार में आसानी:
सरल रजिस्ट्रेशन, तेज रिफंड (90% ऑटो-अप्रूव) और रिस्क-आधारित कंप्लायंस से एमएसएमई, निर्यातकों और श्रम प्रधान क्षेत्रों को मजबूती मिलेगी।

* वित्तीय सतर्कता:
तंबाकू पर सेस तब तक जारी रहेगा जब तक मुआवजे के ऋण चुकते नहीं हैं, जिससे राजस्व प्रबंधन जिम्मेदारी से होगा।

2025 के ये सुधार ‘‘जीवन में आसानी, व्यापार में आसानी’’ के विजन को दर्शाते हैं। सामान्य नागरिकों पर कर का बोझ कम करके, किसानों को सशक्त बनाकर, विनिर्माण को बढ़ावा देकर और लग्जरी तथा विलासिता वस्तुओं पर भार बढ़ाकर एनडीए सरकार ने समावेशी विकास और वित्तीय जिम्मेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोबारा साबित की है।
संस्कृति और साहित्य का उत्सव: गोमती बुक फेस्टिवल का भव्य आगाज -

तहजीब की नगरी में किताबों का मेला, योगी ने किया गोमती बुक फेस्टिवल का उद्घाटन

- किताबों से सजी लखनऊ की शामें, गोमती बुक फेस्टिवल में उमड़े साहित्य प्रेमी

लखनऊ। तहजीब और अदब की नगरी लखनऊ में आज चौथा गोमती बुक फेस्टिवल भव्य समारोह के साथ शुभारंभ हुआ। यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ में सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक चलने वाले नौ दिवसीय महोत्सव में देश भर के साहित्यकार, कवि, विद्वान और पाठक भाग लेंगे। प्रवेश निःशुल्क रखा गया है और इसे नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया (शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार और लखनऊ विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज महोत्सव का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश के अवस्थी, पद्मश्री डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी, एनबीटी-इंडिया के अध्यक्ष प्रो. मिलिंद सुधाकर मराठे, लखनऊ विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. मनुका खन्ना और एनबीटी-इंडिया के निदेशक युवराज मलिक उपस्थित रहे। उद्घाटन के बाद से ही महोत्सव की गतिविधियाँ शुरू हो गई हैं और प्रतिदिन हजारों पाठक और साहित्य प्रेमी कार्यक्रम में भाग लेंगे।
फेस्टिवल में कुल 225 से अधिक बुकस्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें हिंदी, अंग्रेज़ी, उर्दू और अन्य भारतीय भाषाओं की किताबें प्रदर्शित की गई हैं। “राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय” के माध्यम से 3,000 से अधिक ई-बुक्स निःशुल्क उपलब्ध कराई गई हैं। बच्चों के लिए विशेष “चित्रोत्सव- ड्रॉ, डूडल, डिस्कवर” क्रिएटिव आर्ट वर्कशॉप आयोजित की गई है, जिसमें म्यूजिकल स्टोरीटेलिंग, कठपुतली नाटक, ओरिगामी, पोस्टर मेकिंग, वैदिक गणित और माइंडफुलनेस जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं।
सत्र का सबसे चर्चित सत्र है “स्त्री देह से आगे” पर चर्चा। साहित्यकार और चिंतक डॉ. गुलाब कोठारी पुस्तक के विविध आयामों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं और उपस्थित पाठकों एवं विद्वानों के प्रश्नों का उत्तर दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “इस पुस्तक का उद्देश्य महिलाओं के समाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकारों पर विचार करना और उन्हें सशक्त बनाने के उपायों पर चर्चा करना है। आज की युवा पीढ़ी को इसे समझना और अपनाना आवश्यक है।”
इसके अलावा डॉ. अरुण मोहन शैरी, अखिलेंद्र मिश्रा, शंतनु गुप्ता, शीला रोहेकर, शिवमूर्ति, संतोष चौबे, डॉ. विद्या विंदु सिंह, प्रो. सूर्य प्रसाद दीक्षित और डॉ. रामबहादुर मिश्र अपने विचार साझा कर रहे हैं, जिससे साहित्यिक विमर्श और समृद्ध हो रहा है। शाम 5 बजे के बाद सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ आयोजित की गयी, जिनमें लोकगायन, कथक, दास्तानगोई, कवि सम्मेलन, मुशायरा, कव्वाली और कहानी सुनाने की परंपरागत शैलियाँ शामिल हैं। इन प्रस्तुतियों से दर्शकों को न केवल साहित्यिक अनुभव मिलेगा, बल्कि उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत की झलक भी दिखाई जाएगी।
आयोजकों ने बताया कि इस नौ दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य सिर्फ किताबों का मेला नहीं है, बल्कि संवाद, विचार-विमर्श और संस्कृति का उत्सव बनाना है। गोमती बुक फेस्टिवल लखनऊ को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साहित्यिक मानचित्र पर नई पहचान दिलाएगा और यह साबित करेगा कि यह शहर न केवल तहज़ीब और अदब का, बल्कि ज्ञान, संस्कृति और साहित्य का भी केंद्र है।
बेटियां आज खुद बना रही हैं अपना रास्ता : योगी
- मुख्यमंत्री ने नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को समर्पित मिशन शक्ति-5.0 का किया शुभारंभ

- बोले सीएम योगी- सरकार की नीयत साफ, नारी सम्मान हमारी सरकार की प्राथमिकता


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लोकभवन सभागार में नारी की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए समर्पित महत्वाकांक्षी अभियान ‘मिशन शक्ति-5.0’ का भव्य शुभारंभ किया। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि पहले बेटियां सुरक्षित नहीं थीं, लेकिन आज वे खुद अपने रास्ते बना रही हैं। उन्होंने कहा कि नारी सम्मान उनकी प्राथमिकता है, यही वजह है कि 2017 के बाद से प्रदेश में महिलाओं की स्थिति में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत साफ होती है तो योजनाएं खुद अपना रास्ता बना लेती हैं।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश के सभी 1,647 थानों में नवस्थापित मिशन शक्ति केंद्रों का बटन दबाकर उद्घाटन किया। साथ ही, मिशन शक्ति केंद्रों की एसओपी पुस्तिकाओं, बुकलेट और ‘सशक्त नारी, समृद्ध प्रदेश’ फोल्डर का विमोचन भी किया। इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जनपदों के अधिकारीगण और मंत्रीगण इस ऐतिहासिक पल से जुड़े रहे।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधन करते हुए कहा कि मिशन शक्ति के पांचवें चरण का शुभारंभ करते हुए उन्हें गर्व और प्रसन्नता हो रही है। पांच साल पहले, 2020 में इस अभियान की शुरुआत के समय लोग संशय में थे कि क्या होगा, कैसे होगा, इसकी थीम क्या होगी? लेकिन मिशन शक्ति को नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन से जोड़कर इसे नारी गरिमा के अनुरूप ढाला गया। आज इसके सकारात्मक परिणाम सबके सामने हैं। उन्होंने बताया कि इस अभियान ने नारी को सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन का मार्ग दिखाया है, जिसे तेजी से आगे बढ़ाया गया।

यूपी पुलिस में महिलाओं की भागीदारी में आया क्रांतिकारी बदलाव

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद से 2017 तक पुलिस में महिला कार्मिकों की संख्या महज 10,000 थी, लेकिन 2017 से अब तक यह संख्या 44,000 से अधिक हो गई है। हर भर्ती में 20% महिलाओं को अनिवार्य रूप से शामिल किया जा रहा है और उनकी समय पर ट्रेनिंग सुनिश्चित की जा रही है। हाल ही में संपन्न 60,200 पुलिस कार्मिकों की भर्ती में 12 हजार से अधिक महिलाएं शामिल हुई हैं, जो वर्तमान में ट्रेनिंग ले रही हैं। सीएम योगी ने कहा कि यह ‘मिशन रोजगार’ और बिना भेदभाव के नौजवानों को जोड़ने का परिणाम है कि 2017 से पहले जो ट्रेनिंग क्षमता महज 3,000 थी, इसे बढ़ाकर अब 60,000 से अधिक कर दिया गया है।
योगी ने कहा कि शिक्षा और अन्य विभागों में भी महिला भर्ती को बढ़ावा दिया गया। बेसिक शिक्षा परिषद के 1.60 करोड़ से अधिक बच्चे पढ़ रहे हैं, जहां 2017 से पहले 70-75 प्रतिशत बेटियां नंगे पांव और पुराने कपड़ों में स्कूल जाती थीं। एक मार्मिक घटना का जिक्र करते हुए सीएम ने बताया कि बुंदेलखंड दौरे के दौरान उन्होंने एक बच्ची से बात की, जिसने कहा, “मेरे भाई के लिए जूते आए, लेकिन मुझे नहीं, क्योंकि मैं बेटी हूं।” इस घटना ने उन्हें प्रेरित किया और अब हर बच्चे के लिए दो यूनिफॉर्म, बैग, किताबें, जूते, मोजे और स्वेटर की व्यवस्था की गई, जिसकी लागत 1,200 रुपये प्रति बच्चे है।

कन्या सुमंगला और सामूहिक विवाह योजना ने रचा इतिहास

सीएम योगी ने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की चर्चा करते हुए कहा कि बेटी के जन्म से स्नातक तक 25 हजार रुपये का पैकेज दिया जाता है। जन्म पर 5,000 रुपये, एक वर्ष पर 2,000 रुपये (टीकाकरण के बाद), पहली और छठी कक्षा में 3,000-3,000 रुपये, नौवीं में 5,000 रुपये और 12वीं पास करने पर 7,000 रुपये दिए जाते हैं। इस योजना से 26 लाख से अधिक बेटियां सीधें लाभान्वित हो रही हैं। इसके अलावा, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में हर बेटी को 1 लाख रुपये की सहायता दी जा रही है, जो पहले चेहरा देखकर दी जाती थी, अब बिना भेदभाव के उपलब्ध है। इन योजनाओं ने प्रदेश में महिला सशक्तीकरण की दिशा में इतिहास रचा है।
योगी ने मिशन शक्ति के तहत ‘सशक्त नारी, समृद्ध प्रदेश’ फोल्डर और महिला सुरक्षा से जुड़ी हेल्पलाइन (1090, 181, 112, 1930, 1076, 102, 101, 108, 1098) की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हर थाने में मिशन शक्ति केंद्र और महिला बीट अधिकारी तैनात होंगे। 21 सितंबर को बाइक रैली होगी और नवरात्रि के दौरान मंदिरों में सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। स्कूल-कॉलेजों में फोल्डर वितरित किए जाएंगे। सीएम योगी ने कहा कि मिशन एक माह चलेगा, फिर तीन माह तक विस्तारित होगा। सफल कार्मिकों और महिलाओं को सम्मानित करने का कार्यक्रम होगा। उन्होंने सभी विभागों से समन्वय और जवाबदेही सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही उन्होंने नवरात्रि और त्योहारों के दौरान सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक, महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री बेबीरानी मौर्य, महापौर सुषमा खर्कवाल, मुख्य सचिव दीपक कुमार, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, एमएलसी डॉ. महेंद्र सिंह, पुलिस महादनिदेशक राजीव कृष्ण समेत प्रशासनिक व पुलिस सेवा के कई अधिकारीगण व अन्य गणमान्य मौजूद रहे।
अच्छी पुस्तक हमारी योग्य मार्गदर्शक और जीवन का पथप्रदर्शक : योगी आदित्यनाथ
- मुख्यमंत्री ने लखनऊ विवि में गोमती बुक फेस्टिवल का किया उद्घाटन
- सीएम योगी ने बच्चों और युवाओं को स्मार्टफोन से दूरी और पुस्तकों का महत्व समझाया
- स्कूली छात्राओं और आंगनबाड़ी दीदीयों को मुख्यमंत्री ने भेंट की प्रधानमंत्री मोदी की लिखी ‘एग्जाम वारियर्स’ पुस्तक
- 250 से अधिक स्टॉल पर लाखों पुस्तकों की प्रदर्शनी
- मुख्यमंत्री ने महर्षि वाल्मीकि और तुलसीदास के प्रसंग साझा किए
- हर छात्र से की कम से कम एक पुस्तक खरीदने की अपील

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित चौथे गोमती बुक फेस्टिवल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने बच्चों से आत्मीय संवाद कर पुस्तकों से जुड़ने का महत्व बताया। स्कूली छात्राओं और आंगनबाड़ी दीदीयों को उन्होंने ‘एग्जाम वारियर्स’ पुस्तक भेंट की और कहा कि अच्छी पुस्तक जीवन का मार्गदर्शन करती है तथा सही दिशा दिखाती है।

पुस्तक मेले को मुख्यमंत्री ने बताया साहित्य का महाकुंभ
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नौ दिनों तक चलने वाला यह मेला साहित्य और ज्ञान का महाकुंभ है। उन्होंने बच्चों और युवाओं से अपील की कि वे स्मार्टफोन पर समय कम देकर रोज़ कम से कम एक घंटा अच्छी और रचनात्मक पुस्तकों को पढ़ें।

ज्ञान की खोज जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य
भारतीय परंपरा का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने ऋषि याज्ञवल्क्य और उनकी पत्नियों कात्यायिनी व मैत्रेयी का उदाहरण दिया और कहा कि जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य ज्ञान की खोज होना चाहिए।

नेशनल बुक ट्रस्ट की सराहना
मुख्यमंत्री ने नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा इस आयोजन को निरंतर आगे बढ़ाने की सराहना की। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 250 से अधिक स्टॉलों पर बाल रचनाकारों से लेकर प्रख्यात लेखकों की कृतियां उपलब्ध हैं।

एग्जाम वारियर्स पुस्तक भेंट
सीएम योगी ने बच्चों को प्रधानमंत्री द्वारा लिखी ‘एग्जाम वारियर्स’ पुस्तक दी और कहा कि यदि इसकी बातों को आत्मसात किया जाए तो प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता सहज होगी।

वेन सिटिजन रीड्स, कंट्री लीड्स
अपने संबोधन में उन्होंने तक्षशिला विश्वविद्यालय, पाणिनी और सुश्रुत जैसे भारतीय आचार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि पढ़ना और आगे बढ़ना भारत की परंपरा है। प्रधानमंत्री का विचार ‘When Citizen Reads, Country Leads’ इसी से प्रेरित है।

अच्छी पुस्तकों का अध्ययन जीवन में आवश्यक
महर्षि वाल्मीकि और गोस्वामी तुलसीदास की मौलिक रचनाओं का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी रचनाएं अमर होती हैं और रचयिता को भी अमर बना देती हैं। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि पढ़ाई के साथ अच्छी पुस्तकों का अध्ययन ज़रूर करें।

स्वस्थ नारी, सशक्त समाज
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यदि महिलाएं स्वस्थ होंगी तो समाज और राष्ट्र सशक्त होंगे। उन्होंने लखनऊ के सभी स्कूलों के बच्चों से बुक फेस्टिवल में आने और कम से कम एक पुस्तक खरीदने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने स्टॉलों का अवलोकन किया
फेस्टिवल 20 से 28 सितंबर तक चलेगा। मुख्यमंत्री ने इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को पुस्तकें भेंट कीं और प्रदर्शनी में लगे स्टॉलों का अवलोकन भी किया।

इस अवसर पर मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, सरकार के सलाहकार अवनीश अवस्थी, नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो. मिलिंद सुधाकर मराठे, लखनऊ विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. मनुका खन्ना, सुप्रसिद्ध लेखक-निर्देशक चंद्र प्रकाश द्विवेदी, नेशनल बुक ट्रस्ट के डायरेक्टर युवराज मलिक सहित बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे।

राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप, कोर्ट ने CMS से मांगी रिपोर्ट

लखनऊ । सुलतानपुर की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सलिल श्रीवास्तव की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कोर्ट ने प्रिंसिपल और उनके गार्डों पर लगे गंभीर आरोपों के संबंध में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला चिकित्सालय सुलतानपुर से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 175(4) के तहत दिया गया है।

पीड़ित अब्दुल गफ्फार ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल कर आरोप लगाया था कि बीते 18 जुलाई को वह अपने गांव के एक मरीज को लेकर जिला चिकित्सालय सुलतानपुर गए थे। अस्पताल पहुंचते ही मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सलिल श्रीवास्तव और उनके गार्डों ने उन्हें मां-बहन की गंदी गालियां दीं और अपमानित किया। गफ्फार के अनुसार, प्रिंसिपल ने उन्हें धमकी दी कि अगर वे दोबारा जिला अस्पताल आए तो उन्हें 'दलाल' बताकर झूठे मुकदमे में जेल भिजवा दिया जाएगा और जान से मरवा दिया जाएगा। अब्दुल गफ्फार ने दावा किया कि वे एक संभ्रांत परिवार के सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, और प्रिंसिपल के इस कृत्य से उनकी सामाजिक छवि धूमिल हुई है।


आवेदक ने अपनी शिकायत के समर्थन में पुलिस थाने की रिपोर्ट और अन्य दस्तावेज दाखिल किए थे। कोर्ट ने थाने से आख्या मंगवाई, जिसमें बताया गया कि इस मामले में स्थानीय थाने में कोई एफआईआर दर्ज नहीं है। इन तथ्यों के आलोक में, कोर्ट ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धाराओ के प्रावधानों के तहत मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला चिकित्सालय सुलतानपुर को आदेश दिया है। उन्हें निर्देशित किया गया है कि वे विपक्षीगण (प्रिंसिपल और गार्ड) के कथित घटना के संबंध में प्राख्यान प्राप्त करें और अपनी सम्यक आख्या न्यायालय को प्रेषित करें। कोर्ट अब इस मामले में तीन अक्टूबर को सुनवाई करेगी।
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में हुआ स्वच्छता रन एवं रैली का आयोजन

लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में आज स्वच्छता अनुभाग की ओर से आयोजित 'स्वच्छता पखवाड़ा' के तहत विश्वविद्यालय परिसर में स्वच्छता रन एवं रैली का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्य तौर पर प्रभारी सेनीटेशन डॉ. रवि शंकर वर्मा उपस्थित रहे। स्वच्छता रैली के दौरान सफाई सेवकों ने रैली के माध्यम से सभी लोगों को स्वच्छता का संदेश दिया। उन्होंने नारे लगाते हुए सभी को अपने घर, परिसर एवं समाज को स्वच्छ रखने की अपील की।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों और कर्मचारियों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना और स्वच्छ भारत अभियान को गति प्रदान करना था। रैली में मौजूद सभी प्रतिभागियों ने यह संदेश दिया कि स्वच्छता ही स्वस्थ और विकसित भारत की आधारशिला है।

भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश के 121 पंजीकृत राजनैतिक दलों को सूची से हटाया

* हटाए गए दल 30 दिनों के भीतर भारत निर्वाचन आयोग में अपील कर सकते हैं

लखनऊ । मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवदीप रिणवा ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने अपने आदेश 19.09.2025 द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य के ऐसे 121 पंजीकृत दलों को पंजीकृत राजनैतिक दलों की सूची से बाहर कर दिया है, जिन्होंने वर्ष 2019 से लगातार छह वर्षों तक न तो विधानसभा और न ही लोकसभा का कोई चुनाव लड़ा है। उन्होंने बताया कि इन दलों को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29बी एवं धारा 29सी, आयकर अधिनियम, 1961 के प्राविधानों तथा चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश, 1968 के तहत राजनैतिक दलों को प्राप्त होने वाले किसी भी लाभ का अधिकार अब समाप्त हो गया है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इस आदेश से क्षुब्ध कोई भी पक्ष आदेश की तिथि से 30 दिनों के भीतर भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली के समक्ष अपील प्रस्तुत कर सकता है। सूची से बाहर किए गए दलों की जानकारी जिलेवार सूची में उपलब्ध करा दी गई है। जिनमें उत्तर प्रदेश राज्य के 51 जनपदों के पंजीकृत पतों पर 121 पंजीकृत राजनैतिक दल शामिल हैं।

लखनऊ को मिलेंगे 66 नए ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन, तैयारी शुरू

लखनऊ। राजधानी लखनऊ को जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों (ई-व्हीकल्स) की सुविधा को और बेहतर बनाने के लिए बड़ी सौगात मिलने जा रही है। योगी सरकार की पहल पर शहर में 66 नए इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। यह कदम राज्य में ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देने और प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।

चार्जिंग स्टेशन नगर निगम, परिवहन विभाग, रेलवे स्टेशन, और प्रमुख बस अड्डों जैसे भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थलों पर स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए पार्किंग की उपलब्धता, जलभराव की समस्या, कनेक्टिविटी, सुरक्षा और ट्रैफिक की स्थिति समेत कुल 15 बिंदुओं पर सर्वेक्षण कराया जा रहा है।

ट्रांसपोर्ट नगर समेत कई प्रमुख स्थानों पर सर्वे टीम ने निरीक्षण भी शुरू कर दिया है। सर्वे के दौरान यह भी देखा जा रहा है कि हाईवे और शहर के मुख्य मार्गों से चार्जिंग स्टेशनों की कनेक्टिविटी कितनी सहज होगी, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन चालकों को लंबी दूरी तय करने में कोई परेशानी न हो।

सरकार की योजना है कि सर्वे के बाद जल्द ही चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना प्रक्रिया शुरू कर दी जाए। इसके लिए निजी निवेशकों और सार्वजनिक एजेंसियों को भी जोड़ा जा सकता है।

ई-व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए सरकार पहले ही टैक्स छूट, सब्सिडी और विशेष परमिट जैसी सुविधाएं दे रही है। चार्जिंग स्टेशन बनने से इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेजी आएगी और लखनऊ एक स्मार्ट व ग्रीन सिटी बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा।

ZEE5 की आने वाली क्राइम थ्रिलर “जनावर – द बीस्ट विदइन” का प्रचार करने के लिए भुवन अरोड़ा और निर्देशक शचिंद्र वत्स लखनऊ पहुँचे

लखनऊ। 2025: अभिनेता भुवन अरोड़ा और निर्देशक शचिंद्र वत्स अपनी आने वाली ZEE5 ओरिजिनल सीरीज़ "जनावर – द बीस्ट विदइन" का प्रचार करने के लिए नवाबों के शहर लखनऊ पहुँचे। वहां जाकर सबसे पहले उन्होंने लखनऊ के पुलिस उप आयुक्त शशांक सिंह से मुलाकात की और साथ ही अन्य पुलिस हीरोज़ से मुलाकात कर फोटो खिंचवाई। भुवन अरोड़ा, जो सीरीज़ में एक ईमानदार पुलिस अफसर का किरदार निभा रहे हैं, उन्होंने इस दौरान उनके ऑन-स्क्रीन किरदार और असली ज़िंदगी के पुलिस वालों के बीच समानता के बारे में बताया। इसके बाद दोनों ने शहर के फिल्म फेस्टिवल में हिस्सा लिया।

यहाँ उन्होंने शो से जुड़ी खास बातें बताईं और दर्शकों से मज़ेदार बातचीत की। यह क्राइम थ्रिलर सीरीज़ सिर्फ़ ZEE5 पर 26 सितम्बर 2025 को रिलीज़ होगी।

"जनावर – द बीस्ट विदइन" की कहानी छंद नाम के कस्बे से शुरू होती है। यहाँ हेमंत कुमार (भुवन अरोड़ा), जो एक ईमानदार पुलिस अफसर है, अपराधों के खतरनाक चंगुल में फँस जाता है।

कस्बे में एक बिना सिर की लाश, गायब हुआ सोना और लापता आदमी, सब मिलकर वहां का सुकून छीन लेते हैं। हेमंत को न सिर्फ़ इस मुश्किल केस से जूझना पड़ता है, बल्कि समाज की पक्षपात भरी सोच और अपनी निजी परेशानियों से भी लड़ना पड़ता है। जैसे-जैसे राज़ खुलते जाते हैं, ग्राम देवता की विरासत सामने आती है, जो बताती है कि असली पहचान जन्म से नहीं, बल्कि हिम्मत से बनती है। छंद कस्बा अपने अंदर और भी कई राज़ छुपाए हुए है।

अपने लखनऊ आने और प्रीमियर के बारे में भुवन अरोड़ा ने बताया कि, “लखनऊ हमेशा से मेरे दिल के करीब रहा है। यहाँ आकर जनावर – द बीस्ट विदइन का प्रचार करना इसे और भी खास बना देता है। यहाँ के लोगों का जोश, प्यार और अपनापन बेमिसाल है। यह शो मेरे लिए बहुत खास है क्योंकि इसमें एक ऐसे इंसान की ताकत और कमजोरियाँ दिखाई गई हैं, जो मुश्किल हालात में सच के लिए लड़ता है। मैं उम्मीद करता हूँ कि यहाँ के साथ - साथ पूरे देश के दर्शक हेमंत की कहानी से वैसे ही जुड़ेंगे, जैसे मैं जुड़ा हूँ।”

निर्देशक शचिंद्र वत्स ने कहा कि –“जनावर – द बीस्ट विदइन के प्रचार के लिए लखनऊ आना बहुत मायने रखता है, क्योंकि इस शहर का कहानी कहने और सिनेमा से गहरा रिश्ता है। यह शो सिर्फ़ अपराध और रहस्य की कहानी नहीं कहता, बल्कि असली पहचान, हिम्मत और हमारे फैसलों के बारे में भी बताता है, जो हमारी शख्शियत तय करता है। यहाँ के दर्शकों से हमें बहुत प्यार मिला और हम चाहेगे की ZEE5 पर उनका साथ यू ही बरकरार रहे।

राजधानी लखनऊ में अवध मुद्राशास्त्रीय समिति "अवध सिक्का प्रदर्शनी - 2025" का हो रहा आयोजन

लखनऊ। भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। इसका सबसे बड़ा उदाहरण आज राजधानी लखनऊ में आयोजित अवध प्रदर्शनी में देखने को मिला जहाँ उस समय के चलने वाले सोने के सिक्के लोगों के लिए चर्चा का विषय बने रहे।

इस प्रदर्शनी में नवाब वाजिद अली शाह के समय 1852 का सिक्का बना चर्चा का विषय बना रहा साथ साथ

हिंदुस्तान का सबसे पहला सिक्का भी इस प्रदर्शनी में दिखाई दिया प्रदर्शनी के पहले दिन ही दुर्लभ सिक्को में दिलचस्पी रखने वालो की भीड़ जुटी रही 19 से 21 सितंबर तक इस प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा नहीं है।

यह आयोजन इतिहास, सिक्कों और विरासत में रुचि रखने वालों के लिए बेहतरीन अवसर है इस प्रदर्शनी में सिक्कों, बैंकनोटों और पदकों की दुर्लभ प्रदर्शनी का आयोजन हो रहा है। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि इंटैक के अध्यक्ष श्री अशोक सिंह ठाकुर और विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक श्री विजय कुमार ने किया सोसायटी के नेतृत्व में अध्यक्ष: रण विजय सिंह,सभापति: वी. वी. सिंह,उपाध्यक्ष: कपिल अग्रवाल,सचिव: मोहम्मद सुल्तान,कोषाध्यक्ष: लव भालोटिया शामिल रहे।