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क्या ये संयोग है? राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति दोनों झारखंड के पूर्व राज्यपाल

रांची: भारतीय राजनीति में एक अनोखा संयोग सामने आया है। देश के दो सर्वोच्च संवैधानिक पदों पर विराजमान शख्सियतें, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, दोनों का झारखंड राज्य से गहरा नाता रहा है। इन दोनों ने भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति बनने से पहले झारखंड के राज्यपाल के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

सीपी राधाकृष्णन को सोमवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में शानदार जीत मिली। उन्होंने विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के भारी अंतर से हराया। उनकी जीत के साथ ही यह बात चर्चा में आ गई है कि झारखंड ने एक ही कार्यकाल में देश को दो सर्वोच्च पदों पर बैठे पूर्व राज्यपाल दिए हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड की नौवीं राज्यपाल के रूप में करीब छह साल तक सेवा दी थी, जबकि सीपी राधाकृष्णन राज्य के 11वें राज्यपाल थे। उन्होंने 18 फरवरी 2023 से 30 जुलाई 2024 तक, यानी लगभग डेढ़ साल तक झारखंड के राजभवन का दायित्व संभाला। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने राज्य में उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए कई अहम फैसले लिए और दो मुख्यमंत्रियों, हेमंत सोरेन और चंपाई सोरेन, को शपथ भी दिलाई।

यह एक दुर्लभ संयोग है जो झारखंड के बढ़ते राजनीतिक कद को भी दर्शाता है। यह स्थिति न केवल इन दोनों नेताओं के लिए बल्कि झारखंड राज्य के लिए भी गौरव का विषय है।

झारखंड का पारंपरिक व्यंजन मडुआ रोटी: स्वाद और सेहत का अनूठा संगम

झारखंड अपनी समृद्ध संस्कृति और विशिष्ट पारंपरिक खान-पान के लिए जाना जाता है, जिसमें से एक है मडुआ रोटी। यह सिर्फ एक व्यंजन नहीं, बल्कि यहां की थाली की शान और पहचान है। पोषक तत्वों से भरपूर यह रोटी स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद मानी जाती है।

क्या है मडुआ रोटी?

मडुआ रोटी मुख्य रूप से रागी (Eleusine coracana) के आटे से बनाई जाती है, जिसे स्थानीय भाषा में मडुआ या मंडुआ कहा जाता है। यह रोटी फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे आवश्यक पोषक तत्वों का खजाना है। यही कारण है कि यह बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए एक पौष्टिक आहार है।

स्वास्थ्य लाभ और सेवन के तरीके

डाइटिशियन नेहा कुमारी के अनुसार, मडुआ रोटी वजन कम करने और हड्डियों को मजबूत बनाने में काफी मददगार होती है। यह पाचन तंत्र को भी सक्रिय रखती है, जिससे कई तरह की पेट संबंधी समस्याएं दूर रहती हैं। हालांकि, इसका सेवन हमेशा संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए, क्योंकि अधिक मात्रा में सेवन से गैस या अपच की समस्या हो सकती है। डायबिटीज के मरीजों के लिए भी सीमित मात्रा में इसका सेवन फायदेमंद होता है। मडुआ रोटी को हरी पत्तेदार सब्जियों और ताजे फलों के साथ खाने से इसका लाभ और बढ़ जाता है।

जितिया व्रत में मडुआ रोटी का महत्व

मडुआ रोटी का धार्मिक महत्व भी है। जीवित्पुत्रिका या जितिया व्रत में इसकी एक अहम भूमिका होती है। इस व्रत से एक दिन पहले, जिसे 'नहाय-खाय' कहा जाता है, महिलाएं मडुआ रोटी और लोनी साग खाकर ही व्रत की शुरुआत करती हैं। यह परंपरा इस पारंपरिक व्यंजन के सांस्कृतिक महत्व को दर्शाती है।

जीआई टैग की दौड़ में मडुआ रोटी

झारखंड की इस पारंपरिक रोटी को अब भौगोलिक संकेत (GI) टैग दिलाने की पहल की गई है। पर्यटन विभाग, झारखंड सरकार के निर्देश पर होटल प्रबंधन संस्थान (IHM), रांची ने इसके लिए आवेदन दिया है। अगर यह आवेदन स्वीकार हो जाता है, तो मडुआ रोटी को एक विशिष्ट पहचान मिलेगी, जो इसे देश-विदेश में और भी लोकप्रिय बनाएगी।

रांची के हॉस्टल में देह व्यापार का भंडाफोड़, 13 लोग गिरफ्तार

रांची: राजधानी रांची के लालपुर स्थित ओम गर्ल्स हॉस्टल में चल रहे देह व्यापार के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने छापेमारी कर इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि 20 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह कार्रवाई लालपुर थाना प्रभारी के बयान पर की गई है।

पुलिस ने बताया कि इस धंधे में कोलकाता से भी लड़कियों की सप्लाई होती थी, जिसका मुख्य सरगना सुमोन दा है। ये लड़कियां झारखंड की भी कुछ लड़कियों के साथ मिलकर काम करती थीं। इन लड़कियों को ग्राहकों तक पहुंचाने का काम कचहरी चौक स्थित होटल सनराइज के मैनेजर रंजीत के साथ-साथ मुनीर, रवि, राहुल और लॉज का संचालक करता था, जो सभी फिलहाल फरार हैं।

छापेमारी के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि लॉज संचालक राज कुमार सिंह ग्राउंड फ्लोर के कमरों को देह व्यापार के लिए 400 रुपये प्रतिदिन के किराए पर देता था। पुलिस को चकमा देने के लिए संचालक ने पहले और दूसरे फ्लोर पर छात्राओं को ठहरा रखा था।

पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि हॉस्टल के ग्राउंड फ्लोर पर संदिग्ध गतिविधियां चल रही हैं। जब पुलिस ने छापेमारी की तो वहां मौजूद लड़कियां धूम्रपान कर रही थीं और पुलिस को देखते ही भागने की कोशिश करने लगीं। हालांकि, बड़ी संख्या में पहुंची महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया। पकड़ी गई लड़कियों में से अधिकतर पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा की रहने वाली हैं। उनके मोबाइल फोन की जांच करने पर ग्राहकों और देह व्यापार की कीमत से संबंधित जानकारी के स्क्रीनशॉट भी मिले हैं।

रांची को जल्द मिलेगा तीन नए फ्लाईओवर का तोहफा, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की निर्माण परियोजना की समीक्षा

रांची: झारखंड की राजधानी रांची को जल्द ही तीन नए फ्लाईओवर का तोहफा मिलने वाला है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज कांके रोड स्थित अपने आवासीय कार्यालय में पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ तीन महत्वपूर्ण फ्लाईओवर परियोजनाओं की कार्य योजना और डिजाइन की समीक्षा की। ये फ्लाईओवर हरमू, अरगोड़ा चौक और करम टोली चौक जैसे प्रमुख हिस्सों में बनाए जाएंगे, जिनसे शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

हरमू फ्लाईओवर का टेंडर पूरा

मुख्यमंत्री ने हरमू (सहजानंद चौक) से एसीबी कार्यालय तक प्रस्तावित फ्लाईओवर के विस्तृत प्रेजेंटेशन को देखा। अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना की टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फ्लाईओवर हरमू बाईपास पर लगने वाले जाम को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने अधिकारियों को इसे रातु रोड फ्लाईओवर से जोड़ने का भी निर्देश दिया, ताकि लोगों की आवाजाही और सुगम हो सके।

डीपीआर बनाने का निर्देश

बैठक में मुख्यमंत्री ने अरगोड़ा चौक से कटहल मोड़ और करम टोली चौक से साइंस सिटी तक बनने वाले फ्लाईओवर पर भी चर्चा की। उन्होंने इन परियोजनाओं की महत्ता को देखते हुए अधिकारियों को जल्द से जल्द डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने और निर्माण कार्य को मूर्त रूप देने की दिशा में तेजी से काम करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से अरगोड़ा चौक के ऊपर एक गोलचक्कर (रोटरी) बनाने का सुझाव दिया, जिससे कई महत्वपूर्ण सड़कें आपस में जुड़ सकेंगी और यातायात का दबाव कम होगा।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि इन सभी फ्लाईओवर परियोजनाओं के डिजाइन और कार्य योजना में भविष्य की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन परियोजनाओं को पूरी तत्परता और प्रतिबद्धता के साथ पूरा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।

इस समीक्षा बैठक में पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार, अभियंता प्रमुख प्रवीण भेंगरा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

गुवा गोलीकांड की बरसी पर सियासी वार, पूर्व सीएम चंपाई सोरेन का कांग्रेस पर बड़ा आरोप

रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता चंपाई सोरेन ने सोमवार को गुवा गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने कहा कि शहीदों के सपनों का झारखंड अभी तक नहीं बना है। उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार की नीतियों की भी आलोचना करते हुए कहा कि इस सरकार में आदिवासियों की जमीन की लूट हो रही है।

चंपाई सोरेन ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि इस पार्टी ने हमेशा आंदोलन को कुचलने और गोली चलाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि "जितने भी गोलीकांड हुए हैं, कांग्रेस के शासनकाल में हुए हैं।" उन्होंने शहीद स्थल पर झारखंड के आदिवासियों और मूलवासियों के अस्तित्व एवं अस्मिता की रक्षा के लिए चल रहे आंदोलन को तेज करने का संकल्प लिया।

हर वर्ष 8 सितंबर को गुवा गोलीकांड की बरसी मनाई जाती है। यह घटना 8 सितंबर 1980 को घटी थी, जब तत्कालीन पुलिस ने झारखंड आंदोलन के दौरान अपने हक की मांग कर रहे 11 आदिवासियों को शहीद कर दिया था। इस घटना में पुलिस की गोली से घायल आठ आदिवासियों को गुवा अस्पताल से निकालकर लाइन में खड़ा करके गोली मार दी गई थी।

चंपाई सोरेन के साथ पूर्व सांसद गीता कोड़ा और सरायकेला खरसावां जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

राज्य में डीएमएफटी फंड घोटाले के सरगना हैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी तिजोरी में जा रहा लूट का पैसा.....बाबूलाल मरांडी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने आज राज्य में हुए डी एम एफ टी फंड घोटाले को उजागर करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर बड़ा निशाना साधा। श्री मरांडी आज प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।

श्री मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस लूट और घोटाले के सरगना है। उन्होंने डी एम एफ टी फंड को अपना एटीएम कार्ड बना लिया है। और अधिकारियों को निकालने केलिए लगा दिया है।लूट का सारा पैसा उनकी तिजोरी में जमा हो रहा है।

श्री मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अगर अपने को पाक साफ बताना चाहते हैं तो इस घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा करें।

उन्होंने कहा कि आज तो वे एक बोकारो जिला में हुई लूट का खुलासा कर रहे लेकिन इस प्रकार की लूट पूरे प्रदेश में हुई है जिसकी जांच आवश्यक है।तभी सारे लूट उजागर होंगे।

कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का लंबा राजनीतिक सामाजिक जीवन रहा है।उन्होंने खनन क्षेत्र में निवास करने वाले गरीबों,जरूरतमंदों की समस्याओं को बहुत नजदीक से देखा और अनुभव किया है। इसलिए प्रधानमंत्री बनते ही खनिज उत्खनन वेक ज़िलों केलिए डी एम एफ टी फंड की व्यवस्था की जिससे संबंधित जिला में सड़क,बिजली,पानी,स्वास्थ्य,शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।

कहा कि राज्य में प्रधानमंत्री के ऐसे कल्याणकारी सोच को धरातल पर नहीं उतारते हुए पैसों की लूट मची है।

उन्होंने आंकड़ों के साथ पत्रकारों को जानकारी देते हुए लूट की कहानी बताई।

उन्होंने बोकारो जिला में वित्तीय वर्ष 2024..25 और 25..26 का उल्लेख करते हुए कहा कि इन वित्तीय वर्षों में बोकारो केलिए 631 करोड़ रुपए का डी एम एफ टी फंड मिला । कई कंपनियों के माध्यम से इस फंड की लूट जिला प्रशासन के द्वारा की गई।

उन्होंने 46 पंचायतों में जेनरेटर की आपूर्ति, 1666 आंगनबाड़ी केंद्रों में डिजिटल मेट्स की आपूर्ति, स्कूलों में टैब लैब ,शहर में 187 हाई मास्ट लाइट की आपूर्ति,एलईडी वेन की खरीद,, सरकारी भवनों में तड़ित चालक , बाला पेंटिंग, सौर ऊर्जा पंपसेट,स्कूलों में मॉड्यूलर किचेन का निर्माण,स्मार्ट मॉडल स्कूल का उन्नयन ,छात्रों केलिए कोचिंग,कौशल विकास और प्लेसमेंट सभी में करोड़ों रुपए की लूट हुई है।

बार बार निविदा निकालना, बाजार रेट से 10 गुना ज्यादा पर सामग्री की आपूर्ति दिखाते हुए भुगतान करना। ये सारे ऐसे मामले हैं जो बड़े पैमाने पर हुए घोटाले को उजागर करते हैं।

उन्होंने कहा कि सभी योजनाओं कार्यों में हजारों करोड़ रुपए की लूट हुई है। जो केवल एक अधिकारी के स्तर से हो यह अविश्वसनीय है।

उन्होंने कहा कि यह घोटाला पूरी तरह से मुख्यमंत्री के इशारे पर ही संभव है,कोई पदाधिकारी इतना बेखौफ नहीं हो सकता।इसलिए इसकी जांच कोई राज्य सरकार की एजेंसी से नहीं बल्कि सीबीआई से कराने की जरूरत है। राज्य सरकार तो इसमें संलिप्त है फिर उसकी जांच से कोई चोर कैसे पकड़ा जाएगा।

कहा कि सामाजिक संगठन को सूचना मांगने पर भी धमकी दी जा रही है। भाजपा ऐसे लोगों के साथ पूरी तरह खड़ी है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अपने स्तर से लड़ाई लड़ रहे हैं।

कहा कि भाजपा सड़क से सदन तक इस मामले को उजागर करेगी। राज्य सरकार को सीबीआई जांच कराने केलिए बाध्य करेगी।बावजूद इसके अगर राज्य सरकार कदम नहीं उठाती तो केंद्र सरकार इसकी जांच केलिए सक्षम है।

प्रेसवार्ता में प्रदेश सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह, अशोक बड़ाइक भी उपस्थित रहे।

जमशेदपुर के मानगो को मिली नए पुलिस अनुमंडल की स्वीकृति, कानून व्यवस्था होगी और मजबूत

रांची: जमशेदपुर के मानगो को नया पुलिस अनुमंडल बनाने के प्रस्ताव को आज एक उच्चस्तरीय समिति ने मंजूरी दे दी है। गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के इस प्रस्ताव को मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्वीकृति मिली। यह निर्णय मानगो क्षेत्र में बढ़ती आबादी और अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए लिया गया है।

पूर्वी सिंहभूम जिले में पहले से ही जमशेदपुर (मुख्यालय) और पटमदा पुलिस अनुमंडल मौजूद हैं। हालांकि, मानगो और आजादनगर उत्क्रमित थाना तथा ओलीडीह ओपी का क्षेत्रफल, जनसंख्या और अपराध की प्रकृति में वृद्धि देखने को मिल रही थी। गृह सचिव श्रीमती वंदना डाडेल ने बताया कि मानगो में आर्थिक और नारकोटिक्स से जुड़े अपराधों पर नकेल कसने के लिए इसे पुलिस अनुमंडल बनाना जरूरी था।

राज्य के डीजीपी श्री अनुराग गुप्ता ने जानकारी दी कि नए अनुमंडल का निर्माण जमशेदपुर (मुख्यालय) और पटमदा अनुमंडलों से जुड़े थानों को अलग करके किया जाएगा।

मुख्य सचिव ने डीजीपी को यह भी निर्देश दिया कि वे राज्य के सभी जिलों में कानून-व्यवस्था के कुशल संचालन के लिए जरूरतों का आकलन करें। उन्होंने कहा कि इससे अपराधों के ट्रेंड और वर्तमान संसाधनों का उचित डाटा मिलेगा, जिससे अपराधों की रोकथाम के लिए संसाधनों का बेहतर ढंग से बंटवारा हो सकेगा।

इस बैठक में वित्त सचिव श्री प्रशांत कुमार, कार्मिक सचिव श्री प्रवीण टोप्पो, राजस्व सचिव श्री चंद्रशेखर, ग्रामीण विकास सचिव श्री के श्रीनिवासन और आईजी श्री नरेन्द्र कुमार सिंह भी उपस्थित थे।

झारखंड में पुलिस-माओवादी मुठभेड़, चाईबासा में 10 लाख का इनामी नक्सली जोनल कमांडर अमित हांसदा ढेर

#policemaoistencounterinjharkhandrewardnaxalite_killed

झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में पुलिस और भाकपा माओवादी नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़में एक नक्सली कमांडर मारा गया। यह मुठभेड़ गोईलकेरा थानाक्षेत्र के रेला के पास जंगल हुई जिसमें 10 लाख का इनामी जोनल कमांडर अमित हांसदा उर्फ अपटन ढेर कर दिया गया। एसपी राकेश रंजन ने इसकी पुष्टि की।

सर्च ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों ने शुरू की फायरिंग

चाईबासा एसपी राकेश रंजन को गुप्त सूचना मिली थी कि रेला पराल इलाके में माओवादी सक्रिय हैं। इसके बाद पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया।सर्च ऑपरेशन के दौरान माओवादी नक्सलियों ने अचानक सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में सुरक्षा बलों ने भी गोलियां चलाई। पूरे पहाड़ी क्षेत्र को घेरकर माओवादी के भागने के रास्ते बंद किए गए। मुठभेड़ में एक नक्सली को मार गिराया गया।

मौके से एसएलआर राइफल-विस्फोटक बरामद

घटनास्थल से एक एसएलआर राइफल, विस्फोटक और अन्य हथियार बरामद किए गए। मुठभेड़ के बाद, सुरक्षाकर्मियों ने जंगल में अन्य माओवादी ठिकानों का पता लगाने के लिए व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया। चाईबासा एसपी खुद मुठभेड़ स्थल पर मौजूद हैं और इलाके में अतिरिक्त बल भी भेजा गया है। अभी जांच जारी है और आगे की जानकारी का इंतजार है।

अमित हांसदा पर था 10 लाख का इनाम

पश्चिमी सिंहभूम जिला के एसपी राकेश रंजन के मुताबिक, अमित हांसदा संगठन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था और लंबे समय से पश्चिमी सिंहभूम समेत झारखंड के कई इलाकों में नक्सली गतिविधियों को संचालित कर रहा था। वह नक्सली संगठन का जोनल कमांडर था और सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ था। सरकार ने उसकी गिरफ्तारी के लिए पहले ही 10 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।

गुवा में शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जनसभा को भी करेंगे संबोधित

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज, सोमवार को पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुवा जायेंगे, जहां वह 8 सितंबर 1980 को शहीद हुए 11 आदिवासियों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। गुवा के ऐतिहासिक शहीद स्मारक पर माल्यार्पण के बाद मुख्यमंत्री एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे और शहीदों के परिजनों से मुलाकात कर उनका हालचाल जानेंगे।

झारखंड आंदोलन के इतिहास में गुवा की घटना एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा के घने जंगलों में बसा गुवा, 8 सितंबर 1980 की एक दर्दनाक घटना का गवाह है, जब अपने हक की मांग कर रहे आंदोलनकारियों पर पुलिस ने क्रूरता से जुल्म ढाया था। तत्कालीन पुलिस ने गुवा अस्पताल में इलाज करा रहे 8 घायल आदिवासियों को बाहर निकालकर लाइन में खड़ा करके गोली मार दी थी, जिसके कारण कुल 11 आदिवासी शहीद हुए थे। यह स्मारक झारखंड के आंदोलनकारियों के बलिदान का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री के साथ इस दौरान कई वरिष्ठ नेता और मंत्री मौजूद रहेंगे। उनके साथ मंत्री दीपक बिरुवा, सांसद जोबा मांझी, और विधायकों में जगन्नाथपुर से सोनाराम सिंकु, मझगांव से निरल पूर्ति, खरसावां से दशरथ गागराई, ईचागढ़ से सविता महतो, पोटका से संजीव सरदार, बहरागोड़ा से समीर मोहंती, और जिला परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सुरेन भी शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री का यह दौरा राजनीतिक और भावनात्मक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह दौरा न केवल शहीदों के प्रति सम्मान प्रकट करेगा, बल्कि झारखंड आंदोलन के मूल्यों के प्रति वर्तमान सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाएगा।

भाजपा समानांतर सरकार चलाने के भ्रम से बाहर निकले, राज्य के विकास में सहयोग करे : विनोद पांडेय

झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सत्ता से बेदखल भाजपा को आज भी समानांतर सरकार चलाने का भ्रम हो गया है। हर मुद्दे पर भ्रम फैलाकर जनता को गुमराह करना ही भाजपा का एजेंडा है।

श्री पांडेय ने कहा कि सूर्या हांसदा प्रकरण में भाजपा जिस तरह से राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास कर रही है, वह आदिवासी समाज का अपमान है। झामुमो के वरिष्ठ आदिवासी नेता एवं विधायक हेमलाल मुर्मू पहले ही सूर्या के आपराधिक जीवन का पूरा विवरण सार्वजनिक कर चुके हैं। आदिवासी समाज अपराधियों को स्वीकार नहीं करता। ऐसे व्यक्ति को ‘सामाजिक कार्यकर्ता’ बताकर भाजपा जनता की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कि आखिर सूर्या पर दर्ज 24 से अधिक मुकदमों का सच क्या था। क्या अवैध खनन और तस्करी के संरक्षण से भाजपा के कुछ चेहरे जुड़े नहीं रहे हैं? सच तो यह है कि भाजपा अपने दिल्ली वाले आकाओं के इशारे पर नाचना बंद करे और प्रदेश की लोकप्रिय हेमंत सरकार को अस्थिर करने का षड्यंत्र त्याग दे।

नगड़ी भूमि विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए श्री पांडेय ने कहा कि भाजपा जानबूझकर आधे-अधूरे तथ्यों को पेश कर रही है। रैयतों की भावनाओं का सम्मान हेमंत सरकार ने किया है और विकास के साथ अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित कर रही है। जमीन अधिग्रहण का निर्णय पूर्ववर्ती सरकारों में लिया गया था, जिसे लेकर संघर्ष भी हुआ। हेमंत सरकार ने हमेशा संवाद की पहल की है, लेकिन भाजपा सस्ती राजनीति के लिए किसानों को भड़काने से बाज नहीं आ रही।

श्री पांडेय ने कहा कि भाजपा के पास न तो जनादेश है, न ही कोई ठोस मुद्दा। इसलिए कभी सीबीआई का राग, कभी भूमि विवाद का बहाना बनाकर जनता को गुमराह कर रही है। प्रदेश की जनता सब समझ रही है।

उन्होंने कहा कि यदि बाबूलाल मरांडी सचमुच आदिवासी समाज और गरीबों के हितैषी हैं तो केंद्र की भाजपा सरकार से झारखंड के बकाया खनिज राजस्व, विशेष पैकेज और एमएसपी की गारंटी की मांग करें। हेमंत सरकार की ओर से एसटी को 28 प्रतिशत, ओबीसी को 27 प्रतिशत व एससी को 12 प्रतिशत आरक्षण देने को लेकर किए गए पहल को पूरा करने के लिए भाजपा नेता केंद्र सरकार और राज्यपाल से क्यों नहीं बात करते।

उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को चाहिए कि वे झूठ की राजनीति छोड़कर जनता की भावनाओं के अनुरूप सकारात्मक सहयोग करें। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड को विकास की नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी प्राथमिकता है।