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मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की तैयारी, एकजुट हुआ विपक्ष

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कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। बिहार में वोटर लिस्ट की गहन जांच के बाद चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप लग रहे हैं। राहुल गांधी की तरफ से बीते दिनों एक प्रेजेंटेशन भी दी गई थी, जिसके बाद जमकर बवाल देखने को मिला था। कांग्रेस के आरोपों के बाद चुनाव आयोग की तरफ से रविवार को प्रेस कांफ्रेंस की गई थी। इसमें आयोग ने अपना पक्ष रखा था और विपक्षी दलों को चेतावनी दी थी कि उनके कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति न करें। अब विपक्ष ने चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी में है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इंडिया ब्लॉक की बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग लोन की बात कही है। संसद में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के दफ्तर में विपक्षी नेताओं की बड़ी बैठक हुई। इस बैठक में मुख्य निर्वाचन आयुक्त के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने का फैसला लिया गया।

इंडिया गठबंधन की नारजगी की वजह

इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान तमाम राजनीतिक दल मुख्य चुनाव आयुक्त से नाखुश नजर आ रहे हैं। इसके पीछे की मुख्य वजह बीते दिन चुनाव आयुक्त की प्रेस कांफ्रेंस को माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव आयुक्त ने कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक दलों को सीधी चेतावनी दी थी कि गड़बड़ियों को लेकर सबूत देना होगा और 1 हफ्ते के भीतर हलफनामा भी दाखिल करना होगा।

संवैधानिक पद की गरिमा को कमजोर किया गया- गौरव गोगोई

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कहा, मुख्य चुनाव आयुक्त ने भाजपा से यही अनुरोध क्यों नहीं किया? उन्होंने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त बीजेपी के साथ कांग्रेस जैसा व्यवहार क्यों नहीं कर रहे हैं? मुझे लगता है कि मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस संवैधानिक पद की गरिमा को कमजोर किया गया है।

चुनाव आयोग ने क्या कहा?

इससे पहले चुनाव आयोग ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेस कर वोट चोरी के आरोपों पर सफाई दी थी। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार का कहना था कि आयोग सभी राजनीतिक दलों के साथ समान व्यवहार करता है, क्योंकि हर दल का जन्म चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन से होता है। सीईसी का कहना था कि चुनाव आयोग के लिए, कोई पक्ष या विपक्ष नहीं है, सभी समकक्ष हैं। चाहे किसी भी राजनीतिक दल का कोई भी हो, चुनाव आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा।

सीपी राधाकृष्णन को ही NDA ने क्यों बनाया उपराष्ट्रपति उम्मीदवार, विपक्ष के सामने साबित होगा मास्टरस्ट्रोक ?

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बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. वे फिलहाल महाराष्ट्र के राज्यपाल है। रविवार को NDA की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुई बैठक के बाद इसकी आधिकारिक घोषणा की। राधाकृष्णन चार दशक से अधिक समय से राजनीति और सामाजिक जीवन में सक्रिय रहे हैं और उन्हें तमिलनाडु की राजनीति का सम्मानित चेहरा माना जाता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राजनीति के सधे हुए खिलाड़ी माने जाते हैं। मोदी की खासियत यह है कि वे चुनावी मुकाबले को सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं मानते। राधाकृष्णन का नाम घोषित कर वे एक तीर से तीन निशाना साधा है। एनडीए ने राधाकृष्णन का नाम घोषित कर उद्धव ठाकरे और तमिलनाडु के मुख्‍यमंत्री एमके स्‍टाल‍िन को अपने पाले में कर ही लिया है। साथ ही राहुल गांधी के सामने आगे भी विकल्प नहीं छोड़ने का काम किया है।

उद्धव ठाकरे के ल‍िए मुश्क‍िल भरा फैसला

दरअसल, एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन फिलहाल महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। ऐसे में उद्धव ठाकरे के ल‍िए मुश्क‍िल ये है क‍ि अगर वे राधाकृष्णन को समर्थन नहीं देते हैं, तो यह सीधा मैसेज जाएगा कि उन्होंने अपने ही राज्यपाल के खिलाफ जाकर वोट किया।

द्रमुक के सामने धर्मसंकट जैसी स्थिति

वहीं, सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु के हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी असमंजस में हैं। अब स्टालिन अगर उन्हें समर्थन देते हैं तो डीएमके के वोटरों में सवाल उठेगा कि आखिर स्टालिन ने एक आरएसएस विचारधारा वाले नेता का समर्थन क्यों किया. और अगर विरोध करते हैं, तो यह आरोप लगेगा कि उन्होंने तमिलनाडु के सपूत को ही नकार दिया. यानी स्टालिन के लिए भी यह चुनाव ‘हां’ या ‘ना’ दोनों में फंसा हुआ है।

भाजपा की एक सोची-समझी रणनीति

साफ है महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ओर से उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया जाना भाजपा की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। इसमें जटिल चुनावी गणित और गहरी क्षेत्रीय रणनीति समाहित है। सीपी राधाकृष्णन के नाम का एलान सिर्फ व्यक्तिगत रूप से उनकी वफादारी का इनाम नहीं है, बल्कि यह तमिलनाडु और दक्षिणी राज्यों में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए भाजपा के नए प्रयास का संकेत है। यहां भाजपा को अपनी पकड़ बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा है।

पहले भी विपक्ष के खेमे में लग चुकी सेंध

पहले भी जब यूपीए ने राष्ट्रपति पद के लिए प्रतिभा पाटिल को अपना उम्मीदवार बनाया था, तब शिवसेना ने एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद उनका समर्थन किया था, क्योंकि वह महाराष्ट्र से थीं। इसी तरह जब यूपीए ने प्रणब मुखर्जी को नामित किया, तो एनडीए में होने के बावजूद शिवसेना और जदयू दोनों ने अपना समर्थन दिया। ऐसे ही जब एनडीए ने रामनाथ कोविंद का नाम प्रस्तावित किया तो जदयू ने विपक्ष में होने के बावजूद उनका समर्थन किया, क्योंकि वे बिहार के राज्यपाल थे। उपराष्ट्रपति पद के लिए पिछले चुनाव में जब एनडीए ने जगदीप धनखड़ को चुना था, तो तृणमूल कांग्रेस ने मतदान से परहेज किया था।

100 साल से देश सेवा में लगे स्वयंसेवकों को नमन’, लाल किले से आरएसएस की तारीफ के क्या है मायने

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79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आज लाल किले से अपने 103 मिनट लंबे भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी आरएसएस की चर्चा की। पीएम ने आरएसएस की जमकर तारीफ की और 100 साल की सेवा गौरवपूर्ण बताया। अपने तीन कार्यकालों में पहले के 11 स्वतंत्रता दिवस के भाषणों में भी पीएम मोदी ने कभी आरएसएस की चर्चा नहीं की थी। हालांकि, जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस वर्ष 100 साल पूरे करने वाला है। इस मौके पर पीएम मोदी ने संघ के 100 साल के इतिहास को याद किया।

पीएम ने जमकर की आरएसएस की तारीफ

पीएम मोदी ने कहा, आज मैं बहुत गर्व के साथ एक बात का जिक्र करना चाहता हूं। आज से 100 साल पहले एक संगठन का जन्म हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 100 साल की राष्ट्र की सेवा बहुत ही गौरवपूर्ण है। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प को लेकर 100 साल तक संघ ने काम किया। राष्ट्र निर्माण के लिए संघ काम करता है।

आरएसएस को दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ बताया

पीएम ने संघ की तारीफ करते हुए कहा, सेवा, समर्पण, संगठन और अनुशासन संघ की पहचान रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दुनिया का एक प्रकार से सबसे बड़ा एनजीओ है। उसका समर्पण का 100 साल का इतिहास है. 100 साल की इस यात्रा में योगदान देने वाले सभी स्वयंसेवकों को आदर पूर्वक याद करता हूं और देश राष्ट्रीय स्वयंसेवक की इस 100 साल की भव्य समर्पित यात्रा पर गर्व करता है। हमें संघ प्रेरणा देता रहेगा।

आरएसएस को खुश कर रहे पीएम मोदी?

लाल किले से आरएसएस का जिक्र करना विपक्ष को रास नहीं आ रहा है। कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि पीएम मोदी 75 वर्ष की आयु के बाद भी प्रधानमंत्री बने रहना चाहते हैं, इसलिए वह संघ की इस तरह से सराहना में जुटे गए हैं। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने पीएम मोदी के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तारीफ वाले भाषण को रिट्वीट करते हुए एक लंबा-चौड़ा एक्स पोस्ट लिखा है। इसमें बीते 100 वर्षों आरएसएस की देश में भूमिका और इसके सर संघचालकों के रोल की आलोचनात्मक चर्चा की गई है। इसमें, पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने लिखा है, '...फिर भी प्रधानमंत्री मोदी-आरएसएस को खुश करने के लिए 17 सितंबर, 2025 को कथित तौर पर अपनी रिटायरमेंट की योजना को रोक रहे हैं।

पीएम थके हुए लगे, जल्द ही वे रिटायर भी होंगे-जयराम रमेश

वहीं काग्रेस नेता जयराम ने कहा कि आज प्रधानमंत्री के भाषण का सबसे चिंताजनक पहलू लाल किले की प्राचीर से आरएसएस का नाम लेना था, जो एक संवैधानिक, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य की भावना का खुला उल्लंघन है। यह अगले महीने उनके 75वें जन्मदिन से पहले संगठन को खुश करने की एक हताश कोशिश के अलावा और कुछ नहीं है। 4 जून 2024 की घटनाओं के बाद से निर्णायक रूप से कमजोर पड़ चुके प्रधानमंत्री अब पूरी तरह मोहन भागवत की कृपा पर निर्भर हैं, ताकि सितंबर के बाद उनका कार्यकाल का विस्तार हो सके। स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय अवसर का व्यक्तिगत और संगठनात्मक लाभ के लिए राजनीतिकरण हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए बेहद हानिकारक है। आज प्रधानमंत्री थके हुए लगे, जल्द ही वे रिटायर भी होंगे।

किश्तवाड़ में अब तक 60 लोगों की मौत, 160 से अधिक को बचाया गया, सेना ने संभाला मोर्चा

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जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ के चसोटी गांव में 14 अगस्त की दोपहर 12.30 बजे बादल फटा। कई लोग पहाड़ से आए पानी और मलबे की चपेट में आ गए। हादसे में अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है। 21 शवों की पहचान की जा चुकी है। अब तक 167 लोगों को बचाया गया है। इनमें से 38 की हालत गंभीर है। वहीं, 100 से ज्यादा अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।

पीएम मोदी ने सीएम और एलजी से बात

प्रधानमंत्री मोदी ने किश्तवाड़ में आई आसामानी आफत के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से फोन पर बात की। पीएम ने हालातों का जायजा लिया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर जम्मू-कश्मीर के सीएम और एलजी के साथ हुई बात को लेकर पोस्ट किया। पीएम ने कहा, किश्तवाड़ में बादल फटने और बाढ़ के बाद के हालातों पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात की। अधिकारी प्रभावित लोगों की सहायता के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं.

उमर अब्दुल्ला ने पीएम मोदी को दी हालात की जानकारी

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करके कहा, मुझे अभी-अभी प्रधानमंत्री मोदी का फोन आया। मैंने उन्हें किश्तवाड़ के हालात और प्रशासन की ओर से उठाए जा रहे कदम के बारे में जानकारी दी। मेरी सरकार और बादल फटने से प्रभावित लोग केंद्र सरकार की तरफ से प्रदान की गई सभी सहायता के लिए आभारी है।

अब वायुसेना चलाएगी रेस्क्यू ऑपरेशन

समाचार एजेंसी एएनआई को सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायु सेना जम्मू-कश्मीर में बादल फटने की घटना के पीड़ितों के लिए राहत और बचाव अभियान चलाने के लिए तैयार है। वर्तमान में जम्मू और उधमपुर में दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर और एक उन्नत हेलीकॉप्टर (एएलएच) स्टैंडबाय पर हैं।

सैनिक राहत और बचाव कार्यों में लगे

जम्मू में तैनात सेना के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया, बादल फटने के बाद व्हाइट नाइट कोर के सैनिक राहत और बचाव कार्यों में के लिए तेजी से मोर्चा संभाला। उन्होंने बताया कि पहली कोशिश लोगों की जान बचाना और जीवित बचे लोगों की सहायता करना एवं लापता लोगों की तलाश करना है। सेना ने कहा कि राहत सामग्री, चिकित्सा दल और बचाव उपकरण घटनास्थल पर पहुंचा दिए गए हैं। जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि 60-60 कर्मियों वाली पांच टुकड़ियां यानी कुल 300 सैनिक, तथा व्हाइट नाइट कोर की मेडिकल टुकड़ियां अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर लोगों को बचाने के लिए काम कर रही हैं

बता दें कि गुरुवार को हादसा उस समय हुआ जब हजारों श्रद्धालु मचैल माता यात्रा के लिए किश्तवाड़ में पड्डर सब-डिवीजन में चसोटी गांव पहुंचे थे। यह यात्रा का पहला पड़ाव है। बादल वहीं फटा है, जहां से यात्रा शुरू होने वाली थी। यहां श्रद्धालुओं की बसें, टेंट, लंगर और कई दुकानें थीं। सभी बाढ़ में बह गए।

मोदी दीवार की तरह खड़ा...', लाल किले से मोदी का ट्रंप को बड़ा संदेश*

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देश के 79वें स्‍वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से किसानों, जवानों और युवाओं को साधा। पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में अमेरिका को सीधा मैसेज दिया है। अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप की ओर दी जा रही टैरिफ की धमकियों और व्यापार समझौते को लेकर दबाव की रणनीति के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का रुख साफ कर दिया।

पीएम ने कहा किसान हमारी अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान देते हैं, उन्होंने भारत को कई उत्पादों का शीर्ष उत्पादक बनाया है। भारत किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा, किसी भी हानिकारक नीति को स्वीकार नहीं करेगा। मोदी किसी भी प्रतिकूल नीति से किसानों और मछुआरों के हितों की रक्षा करने के लिए दीवार की तरह खड़ा है। प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए शुल्क के संदर्भ में ये बात कही।

दूसरे की लकीर को छोटी करने में उर्जा नहीं खपानी-पीएम मोदी

पीएम ने कहा हमारी जिम्मेदारी है कि हम किसी की लकीर को छोटी करने में अपनी ताकत बर्बाद न करें। मैं अपने अनुभव से कहता हूं कि किसी दूसरे की लकीर को छोटी करने में हमें अपनी उर्जा नहीं खपानी है। हमें पूरी ऊर्जा के साथ हमारी लकीर को लंबा करना है। हम अपनी लकीर लंबी करते हैं, तो दुनिया भी हमारा लोहा मानेगी।

ट्रंप का नाम लिए बिना दिया सख्त संदेश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए बिना पीएम ने कहा, वैश्विक परिस्थितियों में आर्थिक स्वार्थ दिनोंदिन बढ़ रहा है, मैं 25 साल के अपने शासन के अनुभव से कहता हूं कि यह रास्ता हमने चुन लिया तो कोई स्वार्थ हमने अपने चंगुल में नहीं फंसा सकता है।

जेट इंजन पर भी अमेरिका को सुनाया

लाल किले की प्राचीर से भारत को इंजन देने में आनाकानी करने वाले अमेरिका को संदेश देते हुए पीएम ने कहा- युवा वैज्ञानिकों, इंजीनियर, युवाओं को आह्वान है अपना मेड इन इंडिया फाइटर जेट के लिए जेट इंजन हमारा होना चाहिए। क्या समय की मांग नहीं है कि रिसर्च और डिवेलपमेंट में और ताकत लगाए, हमारे अपने पेटेंट हो, सस्ती से सस्ती और सबसे कारगर नई दवाइयों की खोज हो। देश का भाग्य बदलना है, आपका सहयोग चाहिए। दरअसल, अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों ने भारत को अपना जेट इंजन देने में काफी मुश्किलें खड़ी की हैं।

लाल किले से पाक पर खूब बरसे पीएम मोदी, बोले-ऑपरेशन सिंदूर हमारी आक्रोश की अभिव्यक्ति

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आज जब पूरा देश 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से तिरंगा फहराकर 12वीं बार राष्ट्र को संबोधित किया। इस अवसर पर देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए देश के महान सेनानियों को याद किया। इस अवसर पर उन्होंने संविधान के लिए आहुति देने वाले पहले स्वतंत्रता सेनानी श्यामा प्रकाश मुखर्जी को याद किया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को याद किया। उन्होंने देश के वीर जवानों धन्यवाद दिया।

ऑपरेशन सिंदूर आक्रोश की अभिव्यक्ति-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आक्रोश की अभिव्यक्ति है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे वीर जांबाज सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है। 22 अप्रैल को पहलगाम में सीमा पार से आतंकियों ने आकर जिस प्रकार का कत्लेआम किया है, धर्म पूछ-पूछकर लोगों को मारा गया, पत्नी के सामने पति को गोलियां मारी गईं, बच्चों के सामने पिता को मार दिया गया। पूरा देश आक्रोश से भरा हुआ था, पूरा विश्व भी इस प्रकार के नरसंहार से चौंक गया था। मेरे प्यार देशवासियों ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है।

पाकिस्तान की नींद अभी भी उड़ी हुई है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि 22 तारीख के बाद हमने हमारी सेना को खुली छूट दे दी। रणनीति वो तय करें, लक्ष्य वो तय करें, समय वो चुने और हमारी सेना वो करके दिखाया जो कई दशकों तक कभी हुआ नहीं था। हमने सैकड़ों किलोमीटर दुश्मन की धरती पर घुसकर आतंकियों को मिट्टी में मिला दिया। आतंक की इमारतों को खंडहर बना दिया। पाकिस्तान की नींद अभी भी उड़ी हुई है। पाकिस्तान में हुई तबाही इतनी बड़ी है कि रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं, नई नई जानकारियां आ रही हैं।

“न्यूक्लियर ब्लैकमेल” अब सहन नहीं किया जाएगा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा हमारा देश कई दशकों से आतंकवाद का सामना करता आया है और इसने देश के सीने को छलनी कर दिया है। अब हमने तय कर लिया है कि आतंकवादियों, उनके पनाह देने वालों और उन्हें ताकत देने वालों में कोई अंतर नहीं माना जाएगा वे सभी मानवता के दुश्मन हैं। भारत अब परमाणु हथियारों की धमकियों को बर्दाश्त नहीं करेगा। लंबे समय से चल रहा यह “न्यूक्लियर ब्लैकमेल” अब सहन नहीं किया जाएगा। हमारे वीर सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से कहीं ज्यादा कड़ा जवाब दिया है।

शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार आईएएस विनय चौबे को झारखंड हाईकोर्ट से झटका, जमानत याचिका खारिज

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झारखंड हाईकोर्ट ने शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार वरिष्ठ IAS अधिकारी विनय चौबे को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है।गुरुवार को न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। अब उनकी मुश्किले और बढ़ने वाली है। इस फैसले के बाद अब विनय चौबे को जेल में ही रहना होगा।

गिरफ्तारी को निरस्त करने की मांग

विनय चौबे को 20 मई 2025 को कई घंटे की पूछताछ के बाद शराब घोटाला मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। विनय चौबे ने शराब घोटाले में अपनी गिरफ्तारी को गलत बताया था। साथ ही कोर्ट से अपील की थी कि उनकी गिरफ्तारी को निरस्त किया जाये। कोर्ट ने उनकी क्वाशिंग याचिका खारिज कर दी है।

ईडी के पास विनय चौबे की भूमिका के सबूत

शराब घोटाले के तहत सरकारी अधिकारियों, शराब कारोबारी और अन्य लोगों के बीच मिलीभगत के आरोप हैं। विनय चौबे पर आरोप है कि वे राज्य में हुए बड़े शराब घोटाले में शामिल रहे हैं। आरोप है कि इस घोटाले से सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ, जबकि कुछ लोगों ने अवैध तरीके से भारी कमाई की। ईडी का दावा है कि इस मामले में जुटाए गए सबूत विनय चौबे की भूमिका को साबित करते हैं।

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ बादल फटने से 10 लोगों की मौत, दर्जनों लापता

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जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चिशोती गांव में बादल फटने से बड़ी तबाही हुई है। किश्तवाड़ जिले के पड्डर ताशोटी क्षेत्र में आज यानी गुरुवार को अचानक बादल फटा। बादल फटने की घटना में अब तक कम से कम 10 लोगों की मौत की आशंका है। बादल फटने से आई बाढ़ ने पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले लिया। इस घटना से अचानक आई बाढ़ ने एक लंगर (सामुदायिक रसोई) शेड को बहा दिया।

केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा- अभी-अभी, जम्मू-कश्मीर के नेता प्रतिपक्ष और स्थानीय विधायक श्री सुनील कुमार शर्मा से हमें जानकारी मिली है पाडर के चसोती क्षेत्र में बादल फटा है। हमनें किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से बात की।

किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि चशोती इलाके में अचानक बाढ़ आ गई है, जो मचैल माता यात्रा का प्रारंभिक बिंदु है। बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है। इस घटना के बाद मंदिर की वार्षिक यात्रा स्थगित कर दी गई है और अधिकारी सभी संसाधन जुटाकर बड़े पैमाने पर बचाव और राहत अभियान चलाने के लिए घटनास्थल की ओर रवाना हो रहे हैं।

जिस इलाके में बादल फटा है, वहां पार्किंग थी। वहां मचैल जाने वालों के लिए लंगर लगाया जाता था। माता के दर्शने के लिए कार से जाने वालों के लिए ये आखिरी पड़ाव है। यहां से आगे कार नहीं जाती। यहीं गाड़ी को पार्क करके आगे का रास्ता पैदल तय करना होता है। इसी वजह से अंदाजा लगाया जा रहा है कि बादल फटने के समय वहां काफी भीड़ रही होगी।

आवारा कुत्तों से जुड़े मामले पर फैसला सुरक्षित, सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही को बताया समस्या की जड़

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आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से देश में हलचल है। इस फैसले को लेकर लोग दो धड़ों में बंट चुके हैं। कुछ लोग फैसले के पक्ष में हैं तो कुछ विरोध में। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों से संबंधित मामले में गुरुवार को सुनवाई की। जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन. वी. अंजारिया की तीन सदस्यीय बैंच ने सुनवाई की। कपिल सिब्बल और एसजी तुषार मेहता की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि हस्तक्षेप याचिका दायर करने वाले हर व्यक्ति को जिम्मेदारी लेनी होगी। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि पूरी समस्या स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही और निष्क्रियता के कारण है। नियमों का पालन न करने की वजह से समस्या इतनी बढ़ गई है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की जोरदार दलील

दिल्ली सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि रेबीज फैलाने वाले कुत्तों के काटने से बच्चों की मौत हो रही है। आवारा कुत्तों के मुद्दे का समाधान किया जाना चाहिए, न कि इस पर विवाद किया जाना चाहिए। दिल्ली सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्होंने लोगों को मीट खाते हुए और फिर खुद को पशु प्रेमी बताते हुए देखा है। डॉग लवर्स अल्प संख्या में हैं और बाकी लोग मेजोरिटी में हैं। सॉलिसिटर जनरल ने कहा, 'नसबंदी से रेबीज नहीं रुकता। अगर कुत्तों का टीकाकरण भी हो जाए, तो भी वे बच्चों को घायल करने से नहीं रुकेंगे।

2024 में देश में कुत्तों के काटने के 37 लाख मामले आए

सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट के सामने एक आंकड़ा पेश किया, जिसमें कहा गया है कि 2024 में देश में कुत्तों के काटने के 37 लाख मामले सामने आएं। इस दौरान रेबीज से 305 मौतें हुईं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मॉडल के अनुसार यह संख्या कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि बच्चे खुले में खेलने नहीं जा पा रहे हैं। कोर्ट को इसका समाधान ढूंढ़ना होगा।

सिब्बल ने की फैसले पर रोक की मांग

कुत्तों की देखभाल करने वाले एक गैर-सरकारी संगठन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि स्थिति बहुत गंभीर है। इस मामले पर गहराई से बहस करने की जरूरत है। सिब्बल ने 11 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय की ओर से पारित कुछ निर्देशों पर रोक लगाने की मांग की, जिनमें दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों को सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को जल्द से जल्द उठाना शुरू करने और उन्हें आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने के निर्देश शामिल हैं।

अधिकारियों की निष्क्रियता पर कोर्ट नाराज

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय अधिकारियों से पशु जन्म नियंत्रण नियमों के कार्यान्वयन पर उनका रुख पूछा। कोर्ट ने कहा कि पूरी समस्या नियमों के कार्यान्वयन में अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण है। नियम और कानून संसद की ओर से बनाए जाते हैं, लेकिन उनका पालन नहीं किया जाता। स्थानीय अधिकारी वह नहीं कर रहे हैं, जो उन्हें करना चाहिए। एक ओर इंसान पीड़ित हैं, तो दूसरी ओर जानवर भी पीड़ित हैं और पशु प्रेमी यहां मौजूद हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया है।

सूर्या हांसदा एनकाउंटर केस की जांच करेगी CID, तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों ने मुठभेड़ पर उठाए सवाल

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एनकाउंटर में मारे गए सूर्या हांसदा की मौत के बाद झारखंड की सियासत गर्म है। राज्य के कई नेताओं और विधायकों ने इस एनकाउंटर को संदेहास्पद बताया है। इस बीच सूर्या हांसदा एनकाउंटर केस की सीआइडी जांच कराने का फैसला लिया गया है। गोड्डा पुलिस ने आरंभिक रिपोर्ट सीआइडी मुख्यालय को भेज दी है। गोड्डा जिला में कमलडोर (रहड़बड़िया) पहाड़ के पास बीते रविवार की रात सूर्या हांसदा पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था।

सूर्या हांसदा के एनकाउंटर को लेकर झारखंड की राजनीति में उबाल आ गया है। राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा और चंपाई सोरेन ने इस एनकाउंटर को संदेहास्पद बताते हुए सीबीआई या हाईकोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की थी। इस बीच सूर्या हांसदा एनकाउंटर केस की सीआइडी जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

यह एनकाउंटर नहीं, हत्या- बाबूलाल मरांडी

इससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस एनकाउंटर को सीधे तौर पर हत्या करार दिया। उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा की पत्नी और मां लगातार कह रही हैं कि यह फर्जी मुठभेड़ है और उनकी एकमात्र मांग है कि पूरे मामले की जांच CBI से कराई जाए। मरांडी ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, आदिवासी नेता को अपराधी साबित करना हो, या जमीन पर कब्जा कराना हो झारखंड पुलिस के कुछ अधिकारी पैसे लेकर यह सब करवा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि अगर CBI जांच संभव नहीं है, तो कम से कम हाईकोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में जांच करवाई जाए। 

साजिश के तहत की गई हत्य- अर्जुन मुंडा

पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने भी इसे गहरी साजिश का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा लगातार कोयला, बालू, और गिट्टी के अवैध खनन के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। उन्होंने बताया कि हांसदा की गिरफ्तारी उनके घर से हुई थी, वह बीमार थे और उनकी पत्नी ने पुलिस से गुहार भी लगाई थी, बावजूद इसके उन्हें फर्जी एनकाउंटर में मार दिया गया। मुंडा ने स्पष्ट किया कि वह अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में नहीं हैं, लेकिन फर्जी मुठभेड़ों के जरिए निर्दोषों को खत्म करना न्याय के साथ खिलवाड़ है।

चंपाई सोरेन ने उठाए सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने भी सवाल किया, अगर सूर्या को देवघर में गिरफ्तार किया गया, तो रास्ते में वह कैसे हमलावर हो गया? हथकड़ी लगे एक बीमार व्यक्ति ने पुलिस पर कितनी गोलियां चलाईं? आधी रात को जंगल में क्यों ले जाया गया? और गोलियां सीने पर क्यों लगीं? चंपाई सोरेन ने कहा कि एक ही राज्य में, जब आरोपी किसी खास समुदाय से होता है, तो सरकार उसके परिवार को मदद, नौकरी, और समर्थन देती है। लेकिन आदिवासी नेताओं के साथ ऐसा क्यों नहीं होता? उन्होंने चेतावनी दी कि यह प्रवृत्ति खतरनाक है और झारखंड में अब आदिवासियों पर अत्याचार सामान्य होता जा रहा है। 

पुलिस ने क्या कहा?

सूर्या हांसदा के एनकाउंटर के संबंध में गोड्डा एसपी ने बताया था कि घटना से पहले सूर्या को देवघर के नावाडीह गांव से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस उसे लेकर हथियार बरामद करने के लिए रहड़बड़िया पहाड़ जा रही थी। इसी दौरान सूर्या पुलिस से इंसास राइफल छीनकर भागने लगा था। उसने पुलिस पर फायरिंग भी की। जवाबी फायरिंग में सूर्या हांसदा मारा गया था।