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राजर्षि टंडन ने किया मौलिकता के लिए सघर्ष- प्रोफेसर सिंह

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में शुक्रवार को भारत रत्न राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया। राजर्षि टंडन की जयंती के अवसर पर विश्वविद्यालय के सरस्वती परिसर स्थित अटल प्रेक्षागृह में अष्टादश राजर्षि टंडन स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन, शिक्षार्थियों को टेबलेट का वितरण तथा मुक्त विश्वविद्यालय तथा नारायणी अस्पताल के मध्य एम ओ यू किया गया।

व्याख्यानमाला के मुख्य वक्ता प्रोफेसर पी.के. सिंह, निदेशक, भारतीय प्रबंधन संस्थान, तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु वैश्विक कल्याण एवं भारतीय ज्ञान परंपरा विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि राजर्षि टंडन की पहचान मौलिकता के लिए संघर्ष करना थी। राजर्षि टंडन हमेशा मूल्यों एवं हिंदी भाषा के विकास के लिए संघर्ष करते रहे। वैश्विक स्तर पर समसामयिक और अवार्चीन समस्याओं के समाधान के लिए भारतीय ज्ञान परंपरा में अनेकों उदाहरण विद्यमान हैं। मूल्यों को लेकर मौलिकता के साथ चलने से सफलता का मार्ग निश्चित है। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि भारतीय ग्रंथों वेद पुराणों में भाषा और मूल्यों के प्रति समर्पण के अनेकों उदाहरण हैं जिनसे पूरे विश्व को सीख लेनी चाहिए। वर्तमान विश्व में अनेकों प्रकार के परिवर्तन हो रहे हैं परंतु सत्य और सनातन ऐसे केंद्र बिंदु हैं जो कि वैश्विक कल्याण के लक्ष्य को पूर्ण करने में समर्थ हैं। उन्होंने दूरस्थ शिक्षा को वर्तमान समय के लिए उपयोगी बताते हुए कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा को केवल पाठ्यक्रम में ही नहीं बल्कि अपने जीवन में भी उतारना चाहिए। लक्ष्य प्राप्ति, विचार विमर्श एवं सफलता के लिए भारतीय ज्ञान परंपरा विश्व की धरोहर है।

मुख्य अतिथि प्रोफेसर नागेश्वर राव, पूर्व कुलपति, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने राजर्षि टंडन के जीवन आदर्शो को वर्तमान समय के लिए काफी उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय ने बीते वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है। प्रोफेसर राव ने कहा कि आने वाला समय स्वयं, स्वयंप्रभा चैनल तथा आॅनलाइन कोर्सेज का है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रोफेसर सत्यकाम जैसे जुझारू कुलपति के नेतृत्व में विश्वविद्यालय यह मुकाम अवश्य हासिल लेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा 12बी की मान्यता प्राप्त करने पर कुलपति को बधाई दी।

सारस्वत अतिथि डॉ. नरेन्द्र कुमार सिंह गौर, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि राजर्षि टंडन का जीवन बहुत सादगी पूर्ण था। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा में गुरु शिष्य परंपरा का विशेष स्थान है। मुक्त विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से न सिर्फ शिक्षार्थियों की बौद्धिक एवं शैक्षणिक समझ को बढ़ा रहा है बल्कि भारतीय संस्कृति और विचारों को भी जन-जन तक पहुंचा रहा है। भारतीय ज्ञान परंपरा में अनेकों धार्मिक एवं सांस्कृतिक उत्सव हैं। जिनमें प्रयागराज में कुंभ मेले में विश्व के कोने कोने से ज्ञान प्राप्त करने आए लोग इसका प्रमाण है।

अध्यक्षता करते हुए मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने राजर्षि टंडन के हिंदी भाषा के विकास और संरक्षण के योगदान को याद किया।

उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा और राजर्षि टंडन के जीवन आदर्श वर्तमान वैश्विक चुनौतियों के लिए मार्गदर्शिका का काम कर सकते हैं। जहां एक ओर पूरा विश्व युद्ध, बाजार एवं आतंक में उलझा है वहीं भारतीय ज्ञान परंपरा शांति का मार्ग दिखाती है। उन्होंने कहा कि शिक्षक और शिक्षार्थी के संबंध आत्मिक स्तर से होते हैं जो कि शिक्षार्थी के सर्वांगीण विकास में सहायक होते हैं। प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा पद्धति परंपरागत शिक्षा पद्धति में बदलाव लाई है जो कि छात्रोपयोगी एवं सृजनात्मक है।व्याख्यानमाला का विषय प्रवर्तन तथा अतिथियों का स्वागत प्रोफेसर पी के पांडेय ने किया। संचालन डॉ त्रिविक्रम तिवारी तथा धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर पी के साहू, डॉ एम एन सिंह, डॉ एस एस बनर्जी, डॉ एस पी सिंह, श्रीमती पूनम मिश्रा, दीपक सिंह आदि उपस्थित रहे।

इसी अवसर पर स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत विश्वविद्यालय में नामांकित शिक्षार्थियों को टेबलेट का वितरण किया गया। इसी क्रम में विश्वविद्यालय कर्मियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए मुक्त विश्वविद्यालय तथा नारायणी अस्पताल के मध्य समझौता ज्ञापन किया गया। प्रारंभ में अतिथियों ने परिसर में स्थापित राजर्षि टंडन जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उक्त जानकारी जनसंपर्क अधिकारी डा. प्रभात चन्द्र मिश्र ने दी।

मुविवि में प्रेमचंद की जीवन-दृष्टि पर व्याख्यान 31 जुलाई को

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के मानविकी विद्याशाखा के तत्वावधान में महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद की जयंती के अवसर पर 31जुलाई को प्रात: 11:30 बजे सरस्वती परिसर स्थित लोकमान्य तिलक शास्त्रार्थ सभागार में प्रेमचंद की जीवन दृष्टि विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम समन्वयक प्रोफेसर सत्यपाल तिवारी ने बताया कि व्याख्यान के मुख्य वक्ता प्रोफेसर जितेन्द्र श्रीवास्तव, आचार्य, हिन्दी, मानविकी विद्यापीठ, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली होंगे। अध्यक्षता हिंदी साहित्य के विद्वान प्रोफेसर सत्यकाम, कुलपति, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय करेंगे। उन्होंने इस अवसर पर हिंदी प्रेमियों को सादर आमंत्रित किया है। उक्त जानकारी जनसंपर्क अधिकारी डा. प्रभात चन्द्र मिश्र ने दी।

मुक्त विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनाया जाएगा राजर्षि टंडन का जन्मदिन

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में 1 अगस्त 2025 को भारत रत्न राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जाएगा। राजर्षि टंडन की जयंती के अवसर पर 1 अगस्त को विश्वविद्यालय के सरस्वती परिसर स्थित अटल प्रेक्षागृह में अष्टादश राजर्षि टंडन स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन किया जाएगा। 

कार्यक्रम के समन्वयक प्रोफेसर पी.के. पाण्डेय ने बताया कि व्याख्यानमाला के मुख्य वक्ता प्रोफेसर पी.के. सिंह, निदेशक, भारतीय प्रबंधन संस्थान, तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु वैश्विक कल्याण एवं भारतीय ज्ञान परंपरा विषय पर व्याख्यान देंगे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर नागेश्वर राव, पूर्व कुलपति, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली तथा सारस्वत अतिथि डॉ. नरेन्द्र कुमार सिंह गौर, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम करेंगे।

विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ प्रभात चन्द्र मिश्र ने बताया कि इसी अवसर पर स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत विश्वविद्यालय में नामांकित शिक्षार्थियों को टेबलेट का वितरण किया जाएगा। इसी क्रम में विश्वविद्यालय कर्मियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए मुक्त विश्वविद्यालय तथा नारायणी अस्पताल के मध्य समझौता ज्ञापन होगा।

सावन प्रयागराज में मांत्रृशक्ति शिवभक्ति का उत्सव: दशाश्वमेध घाट से महिला कांवड़ियों ने आस्था के साथ की पदयात्रा

विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रयागराज।सावन माह में शिवभक्ति की आस्था प्रयागराज के दशाश्वमेध घाट पर चरम पर पहुंच गई है। घाट पर हर दिन कांवड़ियों का सैलाब उमड़ रहा है, जो गंगाजल भरकर बाबा भोलेनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए काशी, बैद्यनाथ धाम और सोमेश्वर महादेव तथा मनकामेश्वर धाम लालापुर मंदिरों की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। विशेष बात यह है कि इस बार महिला कांवड़ियों की सहभागिता भी काफी उत्साहजनक रही। दशाश्वमेध घाट पर बड़ी संख्या में महिलाएं एकत्र हुईं।

युवतियों से लेकर बुजुर्गों तक की टोलियों ने गंगाजल से भरी कांवड़ उठाई और बोल बम-बोल बम के जयघोषों के साथ पैदल यात्रा शुरू की। इन महिला श्रद्धालुओं की मंज़िल थी सोमेश्वर महादेव मंदिर, जहां वे भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगी। स्थानीय निवासी सुष्मिता शर्मा ने कहा, “हर साल सावन में हम लोग दशाश्वमेध घाट से गंगाजल भरकर सोमेश्वर महादेव मंदिर तक पैदल जाते हैं।

इस यात्रा से न सिर्फ आध्यात्मिक शांति मिलती है, बल्कि यह हमारे परिवार की सुख-समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करती है।”वहीं पहली बार कांवड़ यात्रा में शामिल हो रही माही ने बताया, “मैं बहुत उत्साहित हूं। यह मेरा पहला अनुभव है और मैं भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करने के लिए इस यात्रा में शामिल हुई हूं।

इस रास्ते में जो भक्ति और सामूहिक ऊर्जा महसूस हो रही है, वह अविस्मरणीय है।”चाका, नैनी से आईं एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि गंगा का जलस्तर भले ही बढ़ रहा हो, लेकिन हमारी आस्था डगमगाने वाली नहीं है। “हम जनकल्याण और अपने परिवार की सुख-शांति की कामना के साथ यह जल चढ़ाने जा रहे हैं।” गौरतलब है कि सावन का महीना भगवान शिव की उपासना के लिए विशेष महत्व रखता है। देशभर में कांवड़ यात्रा एक सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा बन चुकी है।

प्रयागराज स्थित दशाश्वमेध घाट, गंगा तट पर होने के कारण विशेष रूप से कांवड़ियों का प्रमुख केंद्र है। यहां से जल लेकर शिवधामों की ओर प्रस्थान करना, शिवभक्ति और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। यह दृश्य न केवल आस्था और परंपरा का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक सहभागिता और सामूहिक श्रद्धा की एक जीवंत मिसाल भी है।

मानव जीवन में सबसे अनमोल सम्पत्ति ज्ञान है स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज-राजेश तिवारी

विश्वनाथ प्रताप सिंह, प्रयागराज। मानव जीवन में सबसे अनमोल सम्पत्ति ज्ञान है यह अभिव्यक्ति स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज मेजा प्रयागराज के ग्राम पंचायत बकचून्दा निवासी राजेश तिवारी ने अपने प्रियजनों के बीच माँ भगवती सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी जंगीगंज भदोही में माँ भगवती सीता मन्दिर द्वार के एकदम सम्मुख कही।खबर का पृष्ठांकन कराते चले कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज तिवारी माँ भगवती सीता के दर्शन हेतु सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी जंगीगंज भदोही पधारे हुए थे।

आपसी सौहार्दपूर्ण साहित्यिक परिचर्चा के दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि मानव जीवन में सबसे अनमोल सम्पत्ति ज्ञान है क्योंकि संकट के समय ज्ञान ही काम आता है न कि धन-दौलत।यदि कोई मनुष्य जंगल में शेर के बीच घिर गया और ज्ञान के सहारे वृक्ष पर चढ़कर अपने प्राणों की रक्षा कर ली तो क्या ऐसे समय पर किसी व्यक्ति की रक्षा धन-दौलत कर सकती है उत्तर है नही।

इस उदाहरण से साफ स्पष्ट है कि मानव जीवन में सबसे अनमोल सम्पत्ति ज्ञान ही है।स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज तिवारी ने आगे कहा कि ज्ञान के ही परिकलन एवं चिंतन मंथन से विज्ञान का उदय होता है और विज्ञान के ही देन से आज इन्सान चाँद तक जा पहुँचा है और सभी पहलुओं पर विकास करते हुए निरन्तर आगे ही बढ़ता चला जा रहा है।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज तिवारी ने आगे अपने व्यक्तव्य में यह भी कहा कि ज्ञान ही विषम परिस्थितियों में मनुष्य की रक्षा करती है,असली ज्ञान सदैव सत्य एवं न्याय के कक्षा में रहती है।इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवी पं० शेषमणि शुक्ला ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज तिवारी द्वारा ज्ञान की परिभाषा के वास्तविक स्वरुप का विवरण बहुत ही सुन्दर एवं अकाट्य सत्यमयता की वाणी में वर्णित किया गया है।

वास्तव में मानव जीवन में सबसे अनमोल सम्पत्ति ज्ञान ही है।इस साहित्यिक एवं ज्ञानात्मक वार्ता के दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज तिवारी के साथ वरिष्ठ समाजसेवी पं० शेषमणि शुक्ला,हिन्दू महासभा महामंत्री राकेश तिवारी,आचार्य प्रकाशानन्द महराज एवं शिक्षाविद जोखू लाल पटेल सहित आस पास बहुत से लोग मौजूद रहे।

नागेंद्र प्रजापति बने गंगापार प्रभारी एवम जिला उपाध्यक्ष

विश्वनाथ प्रताप सिंह, प्रयागराज। आइडियल पत्रकार संगठन कार्य क्षेत्र संपूर्ण भारत उत्तर प्रदेश नागेंद्र प्रजापति को गंगापार प्रभारी जिला उपाध्यक्ष पद से मनोनित किया जाता है । राष्टीय अध्यक्ष अजय कुमार मिश्रा प्रदेश अध्यक्ष डा राम प्रजापति राष्टीय उपाध्यक्ष उमाशंकर प्रजापति जिला महा सचिव प्रयागराज मास्टर राजेश कुमार सिंह पटेल ,मंडल अध्यक्ष लवलेश मिश्रा ,युवा मंडल अध्यक्ष सुधांशु सिंह पटेल मंडल उपाध्यक्ष प्रयागराज वीरेंद्र कुमार तिवारी ,प्रचार प्रसार मंत्री दीपेश सिंह पटेल ,जिला मीडिया प्रभारी जय शंकर भास्कर ,जिला अध्यक्ष शैलेश प्रताप मिश्रा द्वारा विचार विमर्श के बाद नागेंद्र प्रजापति को गंगापार प्रभारी एवम जिला उपाध्यक्ष प्रयागराज पद से मनोनित किया गया है ।

नागेंद्र प्रजापति पुत्र आमोस चंद्र प्रजापति ग्राम कोतरी हेतापत्ति प्रयागराज उत्तर प्रदेश बनने पर हार्दिक बधाई एवम शुभकामनाएं । संगठन के सभी पत्रकार साथी सिंह को बधाई दे रहे है । आशा करता हु की नागेंद्र प्रजापति आइडियल पत्रकार संगठन को मजबूत करने में उनकी अहम भूमिका रहेगी । उज्ज्वल भविष्य की कामना आप सबका प्रदेश अध्यक्ष डा राम जी प्रजापति आइडियल पत्रकार संगठन उत्तर प्रदेश ।

भारतीय किसान कल्याण संघ विधि प्रकोष्ठ प्रयागराज मंडल उपाध्यक्ष ओम हरि मिश्रा मनोनीत


विश्वनाथ प्रताप सिंह, प्रयागराज। भारतीय किसान कल्याण संघ संघ की एक आवश्यक बैठक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इंजीनियर एस बी सिंह की अध्यक्षता में कैंप कार्यालय आनंद नगर में हुई। जिसमें संगठन के विधि प्रकोष्ठ प्रयागराज मंडल अध्यक्ष गजेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट के प्रस्ताव पर राष्ट्रीय अध्यक्ष पवनेश उपाध्याय के अनुमोदन के पश्चात प्रयागराज मंडल विधि प्रकोष्ठ का मंडल उपाध्यक्ष ओम हरि मिश्रा को मनोनीत किया गया।

प्रयागराज मंडल में जिलाध्यक्ष का सहयोग कर संगठन को मजबूत बनाने का निर्देश दिया गया।

छात्र-छात्राओं कोे वर्षा जल को बचाने एवं उसके संचयन के उपायों के बारे में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दी गयी जानकारी

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज :– भूजल सप्ताह (16 से 22 जुलाई 2025 तक) के आयोजन के क्रम में आज 19-07-2025 को श्जल सुरक्षित तो कल सुरक्षितश् विषय बिन्दु पर भूगर्भ जल विभाग द्वारा केन्द्रीय विद्यालय, तेलियरगंज के छात्र छात्रओं को जल संरक्षण एवं संचयन से सम्बन्धित जानकारी दी गयी।

विभाग द्वारा विद्यालय प्रांगण में नुक्कड़ नाटक का आयोजन करवा कर स्कूली छात्र-छात्राओं कोे वर्षा जल को बचाने एवं उसका संचयन करने के उपाय नाटक मंचन द्वारा बताया गया । छात्र-छात्राओं में पम्फ्ल्ेाट, इत्यादि का वितरण किया गया ।

भूजल संरक्षण को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु भूगर्भ जल विभाग द्वारा के अधिकारियों रवि शंकर पटेल, हाइड्रोलाजिस्ट, एवं अविरल सिंह, हाइड्रोलाजिस्ट द्वारा एवं विभागीय कार्मिकों द्वारा बच्चों को भूजल संरक्षण हेतु जागरूकता बढ़ाने के उदद्ेश्य से जल संरक्षण एवं संचयन से सम्बन्धित जानकारी दी गयी । जल संरक्षण विषय पर निबन्ध एवं पेंटिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमें छात्र-छात्राओं नें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। अन्त में जल संरक्षण हेतु शपथ समारोह हुआ जिसमें विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।

सार्वजनिक स्थलों पर भी जनमानस में जल संचयन एवं संरक्षण सम्बन्धी जानकारी विभाग द्वारा दी गयी तथा पम्फ्ल्ेाट, इत्यादि का वितरण किया गया । भूजल सप्ताह 16 से 22 जुलाई तक विभिन्न विभागों/ संस्थानों द्वारा जल संरक्षण हेतु विशेष प्रयास एवं जनमानस के जल संरक्षण हेतु जागरूक करने पर बल दिया जायेगा।

पक्की सड़क पर मिट्टी से बढ़ी फिसलन, पैदल या बाइक से चलना खतरे से कम नहीं

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज :– प्रयागराज के समूचे क्षेत्र में इन दिनों धान की रोपाई का काम शुरू हो चुका है। किसान ट्रैक्टर से खेतों की जुताई करने में लगे हैं। कुछ ट्रैक्टर चालक खेतों की जुताई करने के बाद पहियों में कीचड़ लपेटे हुए गांव की गलियों में निकलते हैं, जिससे पूरे रास्ते कीचड़ ही कीचड़ हो जाता है ,और उसी में बच्चे,युवा, वृद्ध पुरुष व महिलाएं फिसलकर गिरते रहते हैं,जिससे कभी-कभार तो हाथ-पांव टूटने या हड्डियों के खिसकने की शिकायत मिलती रही। इसी तरह राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे स्थित खेतों की जुताई करने के बाद ट्रैक्टर चालक कीचड़ से लथपथ ट्रैक्टर को सड़कों पर ले आते हैं, जिससे पूरी सड़क पर फिसलन हो जाती है, और हादसे होते रहते हैं। बाइक या पैदल चलना बड़ा मुश्किल होता है। सड़कों पर जमा मिट्टी किसी खेत से कम नहीं समझ में आती है सड़कें इसके लिए अब या तो कीचड़ से लथपथ ट्रैक्टर को सड़कों पर ले जाने से रोका जाए, या फिर सड़कों की नियमित सफाई करवाई जाये। अथवा ट्रैक्टर चालक सड़क पर आने से पहले ट्रैक्टरों को पूरी तरह मिट्टी से मुक्त करायें अर्थात पूरी तरह से साफ कर के ही सड़क पर आयें।ताकि हादसों को रोका जा सके। अन्यथा चारपहिया वाहन चलाने की बात छोड़िए, पैदल या बाइक से इन सड़कों पर चलना जोखिम भरा है। कई लोगों को अपने हाथ,पांव,कमर तोड़वाना पड़ा है और कुछ लोग हल्की चोटों के चलते अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर पर बेड रेस्ट पर हैं। तो ऐसे में सभी किसान भाइयों से अनुरोध है कि सड़क पर चलने वाले राहगीर भी हमारे आपके बीच से ही आते हैं। तो आप सभी थोड़ी सी मेहनत करके सभी जनसाधारण के सुरक्षा का भांन रखने की जरूरत है।

राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा गठित समिति ने प्रयागराज के खुसरोबाग स्थित राजकीय फल पौधशाला का किया निरीक्षण

-विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज :–. राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) द्वारा गठित निरीक्षण समिति ने प्रयागराज के खुसरोबाग स्थित राजकीय फल पौधशाला का निरीक्षण किया। यह निरीक्षण पौधशाला एक्रीडेशन (मान्यता) की प्रक्रिया के अंतर्गत किया गया।

निरीक्षण समिति में सम्मिलित विशेषज्ञ सदस्य डॉ. शैलेंद्र राजन – पूर्व निदेशक एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमान खेड़ा लखनऊ, डॉ. मुकेश प्रेम मसीह – के वी के इंचार्ज, नैनी प्रयागराज, डॉ. एस.के. चौरसिया – डिप्टी डायरेक्टर, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, राजेन्द्र सिंह – सदस्य, एन एच बी, कृषि निदेशक, जयप्रकाश – तकनीकी सहायक, कृषि विभाग प्रयागराज एवं विजय.के. सिंह – पौधशाला प्रभारी, खुसरो बाग प्रयागराज ने निरीक्षण के दौरान आम, अमरूद, आंवला आदि फलों की विभिन्न प्रजातियों का गहन निरीक्षण किया। पौधों की गुणवत्ता, रोग प्रतिरोधकता, मातृ वृक्षों की स्थिति और पौधशाला की संपूर्ण कार्यप्रणाली का मूल्यांकन किया गया।

डॉ. शैलेंद्र राजन पूर्व निदेशक केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमान खेड़ा लखनऊ ने अपने 40 वर्षों के अनुभव को साझा करते हुए न केवल निरीक्षण में अहम भूमिका निभाई, बल्कि पौधशाला के कर्मचारियों एवं मालीगण को तकनीकी प्रशिक्षण भी प्रदान किया। उन्होंने पौधशाला के कार्य की प्रशंसा करते हुए इसे संतोषजनक बताया और भविष्य में गुणवत्ता युक्त पौध उत्पादन के लिए शुभकामनाएं दीं।

इस निरीक्षण से राष्ट्रीय बागवानी विकास बोर्ड को नई दिशा मिलने की आशा है। पौधशाला की गुणवत्ता व पारदर्शिता को लेकर समिति संतुष्ट रही और एक्रीडेशन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने हेतु आवश्यक सुझाव भी दिए गए।