बरेली के प्राचीन मंदिरों और पर्यटन स्थलों के विकास पर खर्च होंगे 9 करोड़ रुपये
* धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, श्रद्धालुओं को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद को ‘मंदिरों का शहर’ कहा जाता है और यहां स्थित प्राचीन मंदिर व धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। प्रदेश सरकार अब इन धार्मिक स्थलों के विकास व सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दे रही है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने बरेली के प्रमुख मंदिरों व पर्यटन स्थलों के विकास के लिए 9 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
राज्य के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इन परियोजनाओं का उद्देश्य धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण करते हुए स्थानीय पर्यटन को सशक्त बनाना है। इन कार्यों से श्रद्धालुओं को बेहतर अवस्थापना सुविधाएं मिलेंगी और पर्यटन गतिविधियों को भी गति मिलेगी।
परियोजना के तहत बड़ा बाग हनुमान मंदिर, श्री सीता राम मंदिर, आनंद आश्रम मंदिर और त्रिवटी नाथ मंदिर को शामिल किया गया है। आनंद आश्रम मंदिर के विकास के लिए 1 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है, जिसमें बैठने की सुविधा, प्रकाश व्यवस्था, शौचालय, रास्ते का निर्माण और सौंदर्यीकरण के कार्य शामिल हैं। बड़ा बाग हनुमान मंदिर, जहां प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को भारी संख्या में भक्त जुटते हैं, के लिए 3 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। यहां श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए पेयजल, रोशनी, शौचालय, मार्ग और अन्य बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा। लगभग 300 साल पुराने श्री सीताराम मंदिर, जिसे 'श्री सीताराम का झरोखा' कहा जाता है, के विकास पर भी 3 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रेम नगर स्थित त्रिवटी नाथ मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार स्वयंभू शिवलिंग के रूप में पूजित है, में फैसाड लाइटिंग के लिए 2 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।
मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि, “पर्यटन विभाग का उद्देश्य श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति के साथ आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इन परियोजनाओं के माध्यम से मंदिर परिसरों का समग्र विकास किया जाएगा।” पर्यटन विभाग ने कार्यों को शीघ्रता से पूरा करने की तैयारी शुरू कर दी है ताकि श्रद्धालुओं को स्वच्छ, सुरक्षित और सुविधा युक्त वातावरण उपलब्ध कराया जा सके।
Jul 13 2025, 18:36