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खजनी के नंदापार में अधेड़ का शव मिला, पुलिस ने पोस्टमार्टम में भेजा

खजनी गोरखपुर।खजनी थाना क्षेत्र के नंदापार पेट्रोल पंप के पीछे स्थित बाग में तालाब के पास संदिग्ध परिस्थितियों में एक अधेड़ व्यक्ति का शव मिला, स्थानीय लोगों के द्वारा 112 पर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पुलिस टीम के साथ पहुंचे थानाध्यक्ष अनूप सिंह ने शव को कब्जे में लेकर पंचायत नामे के बाद पोस्टमार्टम के लिए जिले पर भेज दिया गया। मृतक की शिनाख्त रमाकांत पुत्र हीरामन 55 वर्ष के रूप में की गई, प्रथम दृष्टया शव पर किसी भी प्रकार के चोट या संघर्ष के निशान नहीं मिले।

थानाध्यक्ष अनूप सिंह ने बताया कि अधेड़ का शव मिलने की सूचना पर घटनास्थल पर पहुंच कर जांच की गई, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, रिपोर्ट मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

ग्रामीणों को स्वस्थ रखने के लिए 3 गांवों में ओपन जिम लगा

खजनी गोरखपुर।ब्लाॅक क्षेत्र के तीन गांवों में ग्रामवासियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष साधना सिंह के सौजन्य ओपन जिम लगाया गया है।ओपन जिम की मशीनें गांव में लगते ही ग्रामवासी वहां सुबह शाम व्यायाम के लिए पहुंचने लगे।मिली जानकारी के अनुसार बीते माह खजनी ब्लॉक 3 गांवों के ग्राम प्रधान प्रतिनिधियों ने जिला पंचायत अध्यक्ष साधना सिंह से मिल कर अपने गांवों में ओपन जिम लगवाने की मांग की थी।

जिला पंचायत अध्यक्ष ने उन्हें ग्रामसभा की सरकारी खाली जमीनों जहां ओपन जिम की मशीनें लगाई जानी थी के दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।ग्राम प्रधान प्रतिनिधियों द्वारा अपने गांवों में ओपन जिम लगाने के लिए ग्रामसभाओं की खाली सरकारी जमीनों के दस्तावेज और डिमांड प्रस्तुत किए गए थे।

प्रदेश शासन युवा कल्याण विभाग से उक्त प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही खजनी ब्लॉक क्षेत्र के तीन गांवों खुटहना, गोपालपुर और घईसरा में ओपन जिम की मशीनें लगा दी गईं। गांव में ओपन जिम शुरू होते ही ग्रामवासियों में प्रसन्नता छा गई, शनिवार को गांव में ओपन जिम शुरू होते ही बड़ी संख्या में गांव के लोग सुबह शाम जिम में व्यायाम करने के लिए पहुंचने लगे।

गांवों के निवासी स्थानीय लोगों में रमेश प्रसाद, गोविंद सिंह, धीरेन्द्र सिंह,रामनरायण गोस्वामी, श्रवण सिंह, राजेश पांडेय, नर्वदेश्वर सिंह, ज्ञान यादव, प्रिंस सिंह, रूद्रप्रताप सिंह, शशिशेखर सिंह, नवीन श्रीवास्तव, चंद्रकुमार सिंह, सोनू पांडेय आदि ने प्रसन्नता जताई, स्थानीय लोगों ने कहा कि ओपन जिम शुरू होने से गांव के लोगों को व्यायाम करने की सुविधा मिलेगी तथा उनकी हेल्थ फिटनेस बनी रहेगी। लोगों ने कहा कि जिम शुरू होने का लाभ बूढ़े, बच्चे, युवाओं और महिलाओं सभी को मिलेगा लोग नियमित व्यायाम करेंगे और स्वस्थ रहेंगे। वहीं ग्रामप्रधान प्रतिनिधियों ने जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रति आभार जताया।

डेयरी से सुदृढ़ हो रही ग्रामीण महिलाओं की आर्थिकी

गोरखपुर।12 जुलाई। प्रदेश की योगी सरकार से मिल रहे प्रोत्साहन का असर डेयरी सेक्टर में दिखने लगा है। इससे जुड़कर हजारों ग्रामीण महिलाएं अपनी आर्थिकी मजबूत कर जीवन संवार रही हैं। बुंदलेखंड में बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (एमपीओ) का गठन कराया है। महज डेढ़ साल में इसके परिणाम अत्यंत उत्साहवर्धक हैं।

गोरखपुर मंडल की 25 हजार महिलाओं को आत्मनिर्भरता की राह दिखाते हुए इस एमपीओ ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में 50 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान दिया है। जबकि 1445 महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं। इनमें से एक कौशल्या को आज लखनऊ में पशुपालन से जुड़े एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपना अनुभव साझा करने का अवसर मिला। इस एमपीओ द्वारा शेयरहोल्डर महिलाओं को क्षमता संवर्धन और नेतृत्व कौशल का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

डेयरी क्षेत्र में बुंदेलखंड की बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी के जरिये महिलाओं की सफल भागीदारी देखकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला समर्थ योजना के अंतर्गत नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के सहयोग से प्रदेश में पांच मिल्क प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन बनाने के निर्देश दिए थे। इनमें से एक श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन का गठन 2022 में गोरखपुर में किया गया।

इस एमपीओ का कार्यक्षेत्र मंडल के चार जिलों गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया और कुशीनगर है। इस एमपीओ ने विगत डेढ़ साल से कार्य करना शुरू किया है और इस कम अवधि में ही चारों जिलों में 500 गांवों की 25 हजार महिलाएं शेयरहोल्डर बन चुकी हैं। वर्तमान में एमपीओ द्वारा 500 मिल्क पूलिंग पॉइंट्स के माध्यम से प्रतिदिन करीब 62 हजार लीटर दूध का संकलन किया जा रहा है। इन महिला शेयरहोल्डर्स ने अब तक 1.66 करोड़ रुपये से अधिक की इक्विटी पूंजी जुटाई है। एमपीओ से जुड़ी महिलाओं की औसत आमदनी की बात करें तो वे प्रतिमाह सात से आठ हजार रुपये की आय घर बैठे प्राप्त कर रही हैं।

श्री बाबा गोरखनाथ कृपा एमपीओ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) धनराज साहनी बताते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिक से अधिक पशुपालक महिलाओं को शेयरहोल्डर बनाने और दूध संग्रह बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों की मदद ली जा रही है। पूरी उम्मीद है कि मार्च 2026 तक गोरखपुर मंडल के 300 और गांवों की दूध उत्पादक महिलाएं एमपीओ से जुड़ जाएंगी और इसके साथ शेयरहोल्डर की संख्या कुल 40 हजार हो जाएगी।

10 लाख से अधिक कमाने वाली 10 महिलाएं

श्री बाबा गोरखनाथ कृपा एमपीओ की शेयरहोल्डर बनकर पशुपालक ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ चुकी हैं। दूध उत्पादन और संग्रह के कार्य से जुड़कर वे आय अर्जित कर पारिवारिक आमदनी में इजाफा करने में सक्षम हो रही हैं। एमपीओ के सीईओ बताते हैं कि डेढ़ साल में ही 1445 हजार शेयरहोल्डर महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं। इन सभी ने एक लाख से अधिक का आय अर्जित किया है। दस महिलाएं तो ऐसी भी हैं जिन्होंने सालभर में 10 लाख रुपये से अधिक मूल्य का दूध जमा कराया है। एमपीओ की महिला शेयरहोल्डर को कंपनी की तरफ से पशु आहार और खनिज मिश्रण, पशुओं के थनैला रोग जांच, पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान पंजीकरण की भी सुविधाएं मिलती हैं। इसके अलावा उन्हें पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर करने और अधिक दूध उत्पादन से जुड़ी जानकारियां भी उपलब्ध कराई जाती हैं।

एमपीओ से जुड़कर 3 से 10 हुई गायों की संख्या, एक साल में 11.50 लाख रुपये की आय : कौशल्या

शनिवार को लखनऊ में पशुपालन विभाग के महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिन पशुपालकों का अनुभव सुना, उनमें श्री बाबा गोरखनाथ कृपा एमपीओ की लखपति दीदी, बरही निवासी कौशल्या भी शामिल रहीं। उन्होंने बताया कि पहले उनके पास तीन गाय थीं। एमपीओ से जुड़ने के बाद अब दस गाय हैं। वह प्रतिदिन 70 लीटर दूध एमपीओ में जमा करती हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि वह एक साल में 11.50 लाख रुपये की आय अर्जित कर चुकी हैं।

प्रशिक्षण से नेतृत्व कौशल निखारने की पहल

श्री बाबा गोरखनाथ कृपा एमपीओ के सीईओ धनराज साहनी के मुताबिक एमपीओ की सदस्य महिलाओं में नेतृत्व कौशल का विकास करने के लिए प्रशिक्षण देने की भी पहल की जा रही है। इसी सिलसिले में विगत दिनों गोरखपुर और देवरिया जिले की दुग्ध उत्पादक दीदियों को नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड से आए प्रशिक्षक सरबजीत भट्टाचार्य और प्रज्ञा द्वारा दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।

*दिव्यांग के साथ छिनैती करने वाले हिस्ट्रीशीटर को तिवारीपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार*

गोरखपुर । कहते हैं कि बदमाश कितना ही शातिर क्यों ना हो लेकिन वह एक ना एक दिन पुलिस के हत्थे जरूर लग जाता है। तिवारीपुर थाना प्रभारी गौरव वर्मा की सक्रियता से 9 जुलाई की शाम को करीब 8:00 बजे गाजीपुर का रहने वाला एक दिव्यांग व्यक्ति इलाज करने के लिए गोरखपुर आया था वह अभी ऑटो से उतरकर किराया दे रहा था की एक बदमाश दिव्यांग के हाथ से थैला छीनकर भाग गया, जिसमें 5500 नगद थे, वादी ने घटना की लिखित सूचना 11 जुलाई को तिवारीपुर थाने पर दिया। घटना की गंभीरता को देखते हुए तिवारीपुर थाना प्रभारी गौरव वर्मा ने घटना के खुलासे के लिए एक टीम का गठन किया । टीम ने तिवारीपुर क्षेत्र में लगे 50 सीसीटीवी कैमरे को खंगालने के बाद आरोपी की पहचान हुई पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की पूछताछ के दौरान पकड़े गए आरोपी ने अपना नाम गोलू पुत्र दीपचंद निवासी सूरजकुंड डोमखाना थाना तिवारीपुर बताया।

पकड़े गए बदमाश का जब पुलिस ने अपराधी के रिकार्ड खंगाल तो उसकी खिलाफ 14 मुकदमे पंजीकृत थे वह थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है जिसकी तलाश पुलिस काफी दिनों से कर रही थी आखिरकार पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। पुलिस ने उसके पास से छीने गए 3900 रुपये नगदी रुपए भी बरामद किया।

पुलिस की इस कार्रवाई से गैर जनपद से आए व्यक्ति ने राहत की सांस ली क्योंकि वह ना उम्मीद हो चुका था कि उसका खोया हुआ पैसा उसे मिलेगा लेकिन शायद उसे नहीं मालूम है कि प्रदेश में योगी सरकार है और अब बदमाश पुलिस की पकड़ से दूर नहीं बच सकता है पीड़ित ने गोरखपुर पुलिस की जमकर प्रशंसा की।

गिरफ्तार करने वाली टीम में जाफरा बाजार चौकी प्रभारी राजेश कुमार पांडेय, उप निरीक्षक रोहित कुमार ,कांस्टेबल सूर्यदीप कुशवाहा, कांस्टेबल आनंद यादव कांस्टेबल रोहित गुप्ता शामिल रहे।

*थाने के समाधान दिवस में पहुंचे भूमि विवादों के दर्जन से अधिक फरियादी*

खजनी गोरखपुर।।थाने में आयोजित जुलाई माह के पहले समाधान दिवस में भूमि विवादों से संबंधित कुल 14 फरियादी अपनी समस्याएं लेकर पेश हुए। अध्यक्षता कर रहे नायब तहसीलदार अशोक कुमार तथा क्षेत्राधिकारी उदय प्रताप सिंह ने सभी मामलों में संबंधित लेखपालों और राजस्व निरीक्षकों को मौके पर जा कर जांच और समाधान कराने का निर्देश दिया।

सहसीं गांव के अमरनाथ सिंह ने पट्टीदारों पर जबरजस्ती गलत हिस्सा देने का आरोप लगाया। खुटहना गांव की संजू देवी अपनी जमीन पर जबरन कब्जे की शिकायत की, रूद्रपुर गांव की मंजू देवी ने अपने हिस्से की जमीन में पट्टीदारों द्वारा जबरन कब्जा करने का आरोप लगाया, गोरसैरा गांव के मकसूदन पांडेय ने गोरसैरा बताया कि पड़ोसी अपने हिस्से की जमीन में निर्माण करा चुके हैं और उन्हें रोक रहे हैं। बेलभदरा चक के प्रधान प्रतिनिधि धर्मेंद्र ने चकमार्ग पर अवैध कब्जे की शिकायत की,भलुआन गांव की मन्जू देवी ने पड़ोसी द्वारा गंदा पानी बहाने की, गहना गांव के गोरखनाथ राय और श्रीकांत यादव ने भूमि विवाद की तथा झुड़ियां गांव के रामदरश ने अपने खेत में जुताई बुवाई रोकने की, सहसी गांव की

सुनीता देवी ने पड़ोसी पर जबरदस्ती जमीन कब्जा करने की, नैपुरा गांव के

शिवनारायण मिश्रा ने पड़ोसी पर अपनी जमीन पर कब्जा करने, सरयां तिवारी गांव के

विपिन कुमार तिवारी ने अपनी जमीन से पेड़ काट ले जाने की तथा कोटियाडांड़ गांव के श्यामराज मौर्या ने पड़ोसी पर ज्यादा जमीन कब्जा और परसौनी गांव के

रामपाल निषाद ने अपने भूमि विवाद का मसला सुलझाने की फरियाद की।

सभी विवादित मामलों को सुलझाने के लिए मौके पर जा कर जांच करने के लिए राजस्व और पुलिस की संयुक्त टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई।

मौके पर दिवस प्रभारी थानाध्यक्ष अनूप सिंह, एसआई सत्यदेव,ओमप्रकाश बिंद, शुभम सिंह लेखपाल राजीव रंजन शर्मा, अभिषेक दीक्षित सहित राजस्व निरीक्षक आदि मौजूद रहे।

*जागरूकता का संदेश लेकर रवाना हुआ सारथी वाहन, जनसंख्या नियंत्रण के महत्व पर की गई चर्चा


गोरखपुर। जिले में विश्व जनसंख्या दिवस पर समुदाय को जागरूक करने के लिए विविध आयोजन हुए। इसी क्रम में सीएमओ कार्यालय से सारथी वाहन को सीएमओ डॉ राजेश झा ने हरी झंडी दिखा कर शुक्रवार को रवाना किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों के बीच स्वास्थ्य विभाग ने वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कराया। प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने जनसंख्या नियंत्रण, छोटे परिवार के महत्व और परिवार नियोजन के महिला के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में चर्चा की।

सीएमओ डॉ राजेश जा ने उत्कृष्ट विचारों और तर्कों के लिए सभी प्रतिभागी विद्यार्थियों की सराहना की। उन्होंने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने वाली जनता इंटर कॉलेज की छात्रा अमृता, द्वितिय स्थान पाने वाली भगवती प्रसाद इंटर कॉलेज की छात्रा माही गुप्ता और तीसरा स्थान पाने वाली इसी कॉलेज की सुमुल खान एवं जुबिली इंटर कॉलेज के छात्र आदित्य नाथ को पुरस्कृत किया।

सीएमओ ने बताया कि इस वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस का विषय "माँ और बच्चे के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए गर्भावस्था के दौरान सही देखभाल’’ है। इस विषय का संदेश है कि जनसंख्या का नियोजन न केवल समाज की खुशहाली के लिए आवश्यक है, बल्कि परिवार के कल्याण के लिए भी नितांत जरूरी है। परिवार नियोजन न केवल मां और बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, बल्कि मातृ शिशु मृत्यु दर को कम करने में भी इसकी अहम भूमिका है। सारथी वाहन और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से जन जन तक यह संदेश पहुंचाया जाएगा।

डॉ झा ने बताया कि शुक्रवार से ही विश्व जनसंख्या स्थिरता का सेवा अदायगी पखवाड़ा शुरू हो गया है। इसके तहत इच्छुक दंपति को उनकी पसंद के अनुसार परिवार नियोजन की सेवाएं दी जाती हैं।

स्वास्थ्य विभाग गर्भनिरोधक गोलियां, महिला नसबंदी, पुरुष नसबंदी, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, कंडोम, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन और साप्ताहिक छाया गोली जैसे साधन निःशुल्क उपलब्ध करवा रहा है। साथ ही सभी ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों पर परिवार नियोजन परामर्शदाता दंपति को बॉस्केट ऑफ च्वाइस के बारे में परामर्श देते है और दंपति की पसंद के अनुसार उन्हें सेवा भी उपलब्ध कराते हैं।

इस अवसर पर एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी, डिप्टी सीएमओ डॉ राजेश, डीपीएम पंकज आनंद, डीईआईसी मैनेजर डॉ अर्चना, मातृ शिशु स्वास्थ्य परामर्शदाता सूर्य प्रकाश और पीएसआई इंडिया संस्था से प्रियंका सिंह प्रमुख तौर पर मौजूद रहीं।

प्रशिक्षित हुए बीपीएम, एचईओ और फार्मासिस्ट

सीएमओ कार्यालय के प्रेरणा श्री सभागार में एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को सीएमओ डॉ राजेश झा की अध्यक्षता में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान जिले के ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर (बीपीएम), स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (एचईओ) और फार्मासिस्ट को आयरन फोलिक एसिड गोलियों की आपूर्ति श्रंखला के बारे में प्रशिक्षित किया गया।

एम्स एसआरसीएन एम्स के सहयोग से हुई इस प्रशिक्षण कार्यशाला में एम्स गोरखपुर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ प्रीति सिंह, सीएमओ डॉ राजेश झा और एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी ने महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य आईएफए की समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित करना है ताकि किशोरियों, गर्भवती और बच्चों में एनीमिया की दर को प्रभावी ढंग से कम किया जा सके।

इस अवसर पर यूनिसेफ की प्रतिनिधि डॉ सत्या, एसआरसीएन एम्स के प्रतिनिधि के सुरेश तिवारी, प्रवीण दूबे और मनीष द्विवेद्वी ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया।

*मेडिकल कॉलेज में संदिग्ध हालात में डॉक्टर की मौत से हड़कंप : हॉस्टल के कमरे में बेड पर मिला शव*

गोरखपुर। बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर में आज़ सुबह उस समय हड़कंप मच गया, जब एनेस्थीसिया विभाग में कार्यरत एक युवा डॉक्टर संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए। मृतक डॉक्टर की पहचान 32 वर्षीय अबिषो डेविड के रूप में हुई है, जो केरल के अबिविला, पामपडुमकुझी, पाल्लूरकोनाम, परास्सला, ज़िला तिरुअनंतपुरम के निवासी थे। वे मेडिकल कॉलेज के सौ सीटेट पीजी बॉयज हॉस्टल में रह रहे थे और एनेस्थीसिया विभाग में जूनियर रेजिडेंट (जेआर-3) के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे।

जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह रोज़ की तरह जब अबिषो डेविड समय पर विभाग में उपस्थित नहीं हुए तो विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार ने कर्मचारी को उनके हॉस्टल कक्ष पर भेजा। कर्मचारी जब हॉस्टल पहुँचा तो उसने पाया कि कमरे का दरवाज़ा अंदर से बंद है और खटखटाने व आवाज़ लगाने पर कोई उत्तर नहीं मिल रहा।

हालात संदिग्ध देख कर्मचारी ने तुरंत विभागाध्यक्ष को सूचना दी। स्थिति को देखते हुए डॉ. सतीश कुमार स्वयं अन्य डॉक्टरों और कर्मचारियों के साथ हॉस्टल पहुँचे। काफी प्रयासों के बाद जब दरवाज़ा नहीं खुला तो उसे तोड़ने का निर्णय लिया गया। दरवाज़ा तोड़कर जब अंदर प्रवेश किया गया तो अबिषो डेविड बेड पर मृत पड़े मिले।

घटना की सूचना मिलते ही प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल, कई वरिष्ठ चिकित्सक, शिक्षक और रेजिडेंट डॉक्टर मौके पर पहुँच गए। गोरखपुर के गुलरिहा थाना पुलिस को तत्काल सूचित किया गया, जिसने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

घटनास्थल से किसी प्रकार का स्पष्ट सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, जिससे उनकी मृत्यु को लेकर रहस्य और गहरा गया है। हालांकि कुछ लोगों का दावा है कि कमरे से कोई सुसाइड नोट मिला था, जिसे पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया है, लेकिन पुलिस ने इस दावे को नकारते हुए कहा है कि उन्हें अभी तक कोई सुसाइड नोट प्राप्त नहीं हुआ है।

मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने कमरे से आवश्यक नमूने और संभावित साक्ष्य इकट्ठा किए हैं। हॉस्टल के अन्य रेजिडेंट डॉक्टरों और कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि घटना के पीछे की कड़ियों को जोड़ा जा सके।

घटना की सूचना प्रशासन को भी दे दी गई है। पूरे मेडिकल कॉलेज परिसर में इस घटना के बाद शोक और सन्नाटे का माहौल व्याप्त है। हॉस्टल में रहने वाले अन्य छात्रों में दहशत और असमंजस की स्थिति है। मरीजों के तीमारदारों की भीड़ भी परिसर में जमा हो गई, जिससे कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि डॉक्टर अबिषो डेविड की मौत स्वाभाविक थी या आत्महत्या। उन्होंने कहा — ‘स्थिति पूरी तरह से संदिग्ध है, कोई ठोस कारण सामने नहीं आया है। हम पुलिस और फॉरेंसिक टीम के साथ पूरी जांच में सहयोग कर रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और साक्ष्यों के विश्लेषण के बाद ही सही स्थिति का खुलासा हो सकेगा।’

प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल ने भी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह कॉलेज के लिए एक दुखद घटना है। उन्होंने कहा कि हॉस्टल और विभाग से जुड़े सभी पहलुओं की गहनता से जाँच की जाएगी, ताकि यह पता चल सके कि कहीं कोई मानसिक दबाव, पारिवारिक परेशानी या अन्य कोई कारण तो घटना के पीछे नहीं है।

पुलिस के अनुसार, सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए मामले की पड़ताल की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही मौत के कारण का अंतिम निष्कर्ष निकल सकेगा।

बताया जा रहा है कि डॉ. अबिषो डेविड अपने सहकर्मियों के बीच मृदुभाषी, जिम्मेदार और समर्पित डॉक्टर के रूप में जाने जाते थे। उनकी इस प्रकार रहस्यमयी मृत्यु ने उनके साथियों और शिक्षकों को गहरे शोक में डाल दिया है।

फिलहाल मेडिकल कॉलेज के छात्र, डॉक्टर और प्रशासन एक ही सवाल में उलझे हैं कि क्या यह मौत आत्महत्या है या कोई और राज़ छुपा हुआ है? क्या मानसिक तनाव या व्यक्तिगत कारण इस घटना के पीछे हैं? यह सब पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच पूरी होने के बाद ही सामने आ सकेगा।

बैनामे की जमीन कब्जे को लेकर एसडीएम का घेराव, वकीलों ने लगाए मुर्दाबाद के नारे

खजनी गोरखपुर।तहसील में वकीलों ने उप जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया और उनके चैंबर में ही धरने पर बैठ गए, एसडीएम के खिलाफ मुर्दाबाद और वापस जाओ के नारे लगाते हुए सभी वकीलों ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए।

धरना प्रदर्शन कर रहे वकीलों ने भूमि विवाद के मामलों में लेखपालों और कानूनगो की मनमानी और निरंकुशता, एसडीएम कोर्ट में लंबित मुकदमों की फाइलें गायब होने या नहीं मिलने, वादकारियों को न्याय नहीं मिलने, विवादित मामलों में एसडीएम द्वारा निष्पक्ष जांच और कार्रवाई नहीं करने जैसे दर्जनों गंभीर आरोप लगाए।

हंगामे की शुरुआत और धरना प्रदर्शन की नौबत तब आई जब कूड़ा भरत गांव की निवासी महिला रीमा यादव पत्नी सनोज यादव को अपने हक हिस्से के पुराने बैनामे की जमीन पर कब्जा नहीं मिल पा रहा था, महिला ने अपने बड़े ससुर रामानंद यादव के हिस्से की जमीन की रजिस्ट्री करायी है किन्तु उसकी जमीन पर उसके चचेरे ससुर बेचन यादव जबरन कब्जा करके मकान का निर्माण करा रहे हैं।

महिला के द्वारा इसकी सूचना खजनी तहसील में अपने अधिवक्ता राम करन गौड़ को दी गई, रामकरन गौड़ ने एसडीएम खजनी राजेश प्रताप सिंह से मिल कर बैनामे की जमीन पर निर्माण और कब्जा करने की जानकारी देते हुए उनसे थानाध्यक्ष खजनी को निर्माण कार्य रोकने का आदेश देने के लिए कहा किंतु एसडीएम ने ऐसा करने से साफ इंकार कर दिया। वकील ने तहसील के अन्य अधिवक्ताओं को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद एसडीएम की कार्यप्रणाली से पहले से ही नाराज़ चल रहे वकीलों ने उनके कार्यालय में पहुंच कर नारे लगाते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।

इस संदर्भ में एसडीएम खजनी राजेश प्रताप सिंह ने बताया कि मामला न्यायालय में चल रहा है, फैसले से पहले किसी एक पक्ष के लिए आदेश करना उचित नहीं था, अभी काम रोक दिया गया है, वकीलों से भी बातचीत हुई है, सभी मामलों में विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि बैनामे की जमीन में मौके पर मिलजुमला नंबर है, किसके हिस्से में किस तरफ की कौन सी जमीन आएगी इसका फैसला नहीं हुआ है, बंटवारे और पैमाइश के बाद ही सभी के हक़ हिस्से को निर्धारित किया जा सकता है।

एनीमिया मुक्त गोरखपुर के लिए साथ मिल कर काम करेंगे शिक्षक और चिकित्सक


गोरखपुर। एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत गोरखपुर को एनीमिया मुक्त बनाने के लिए शिक्षक और चिकित्सक साथ-साथ मिल कर काम करेंगे। इसके लिए जिले के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के चिकित्सा अधिकारियों को बृहस्पतिवार को सीएमओ कार्यालय के प्रेरणा श्री सभागार में प्रशिक्षित किया गया। इनके सहयोग से स्कूल स्तर पर ही एनीमिया की रोकथाम के लिए साझा प्रयास किए जाएंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने की। इस अवसर पर मौजूद प्रतिभागियों ने एनीमिया मुक्त भारत के लक्ष्य को गोरखपुर में साकार करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

इस अवसर पर एम्स गोरखपुर की प्रोफेसर एवं बाल रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. महिमा मित्तल ने बाल स्वास्थ्य पर एनीमिया के प्रभाव और उसकी रोकथाम के बारे में चर्चा की। उन्होंने समुदाय स्तर पर किए जाने वाले संभावित हस्तक्षेप के बारे में भी जानकारी दी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने बताया कि एसआरसीएन-एम्स गोरखपुर द्वारा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य बीईओ और आरबीएसके के नोडल अधिकारियों को एनीमिया उन्मूलन के लिए प्रभावी कार्यान्वयन की दिशा में प्रशिक्षित करना था। अपने सम्बोधन में उन्होंने एनीमिया नियंत्रण के लिए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।

इस दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएच डॉ एके चौधरी ने जिले में चल रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने एनीमिया नियंत्रण में सामूहिक सहभागिता की विशेष आवश्यकता जताई।

प्रशिक्षण में यूनिसेफ की राज्य प्रतिनिधि डॉ. सत्य ने प्रतिभागियों को राष्ट्रीय रणनीति और वैश्विक परिप्रेक्ष्य के बारे में बताया। साथ ही यूनिसेफ के प्रतिनिधि सुरेश तिवारी, एसआरसीएन एम्स के प्रतिनिधि प्रवीण दुबे और मनीष ने तकनीकी सत्रों के माध्यम से प्रतिभागियों को विभिन्न कार्यान्वयन मॉडल, पोषण संवर्धन गतिविधियों एवं फील्ड स्तर पर डेटा एकत्रीकरण की विधियों के बारे में प्रशिक्षित किया।

प्रशिक्षित हुईं आशा कार्यकर्ता

सीएमओ कार्यालय के प्रेरणा श्री सभागार में ही नगरीय क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं का एक्सपेंडेड सर्विस पैकेज को लेकर बृहस्पतिवार को भी प्रशिक्षण जारी रहा। इस आयोजन में पहुंचे सीएमओ डॉ राजेश जा ने कहा कि आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ हैं। कुशल आशा कार्यकर्ता के माध्यम से ही समुदाय तक गुणवत्तापूर्ण सेवाएं पहुंचाना संभव है।इस अवसर पर डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय और शहरी स्वास्थ्य समन्वयक सुरेश सिंह चौहान भी मौजूद रहे।

दस्तक का होगा उद्घाटन, होंगी प्रतियोगिताएं

सीएमओ डॉ झा ने बताया कि बसंतपुर शहरी स्वास्थ्य केंद्र से शुक्रवार को सुबह दस बजे से दस्तक अभियान का उद्घाटन होगा। इसके अलावा विश्व जनसंख्या दिवस पर स्कूली बच्चों के बीच वाद विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन होगा, जिसका पुरस्कार वितरण प्रेरणा श्री सभागार में अपराह्न दो बजे से किया जाएगा।

ई-आरोग्य पाठशाला में नियमित टीकाकरण को लेकर हुई बात

गोरखपुर। जिले के सीएमओ डॉ राजेश झा की पहल चल रही ई-आरोग्य पाठशाला में इस मंगलवार नियमित टीकाकरण (आरआई) कार्यक्रम को लेकर चर्चा हुई। आरआई महाप्रबंधक डॉ मनोज शुक्ला ने आरआई कार्यक्रम से संबंधित प्रमुख हस्तक्षेपों और मुख्य संदेशों के बारे में जानकारी दी। वहीं जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा ने प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों और अधीक्षक के साथ एक वर्चुअल बैठक में सर्पदंश की दशा में उठाए जाने वाले प्रभावी कदम और एंटी स्नक वेनम की उपलब्धता के बारे में बात की।

इस अवसर पर सीएमओ डॉ राजेश झा ने बताया कि सभी ब्लॉक स्तरीय चिकित्सा इकाइयों, शहरी स्वास्थ्य केंद्रों और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर नियमित टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध है। वहीं ब्लॉक स्तरीय चिकित्सा इकाइयों पर एंटी स्नेक वेनम की सुविधा भी मौजूद है।

ई-आरोग्य पाठशाला में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए आरआई महाप्रबंधक डॉ मनोज शुक्ला ने कहा कि टीकाकरण की सेवा देने के साथ साथ सही संदेश देना नितांत जरूरी है। लोगों को यह बताया जाना चाहिए कि सरकारी अस्पतालों से लगने वाले गुणवत्तायुक्त टीके बच्चे के जन्म से पांच साल की उम्र तक कुल सात बार लगाए जाते हैं। इन टीकों से बारह प्रकार की गंभीर बीमारियों से जीवन की रक्षा होती है।

लाभार्थी को एक टीका लगने के बाद यूविन पोर्टल के जरिये अगले टीके की सूचना दी जाती है। ऐसे में उन्हें संदेश दिया जाए कि निर्धारित तिथि पर आकर टीकाकरण अवश्य करवा लें। नियमित टीकाकरण के साथ ही यह भी बता दें कि कुछ टीकों के लगने के बाद बुखार होना स्वाभाविक है और इनसे घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसे टीके लगाते समय बुखार की दवा भी अवश्य दे दें। लाभार्थी समुदाय में टीकाकरण की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए कोल्ड चेन को हमेशा मेंटेन रखना चाहिए।

वर्चुअल बैठक में सर्पदंश के बारे में चर्चा करते हुए डीआईओ डॉ नंदलाल कुशवाहा ने कहा कि इसका इलाज जिला अस्पताल और सभी ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों में मौजूद है। सांप काटने के लक्षण दिखते ही बिना देरी किए मरीज को अस्पताल लाना चाहिए। झाड़ फूंक में समय बिल्कुल नहीं गंवाना चाहिए। सर्पदंश के प्रमुख लक्षणों में धुंधला दिखना, तेज ह्रदय गति, कमजोर नाड़ी, निम्न रक्तचाप, सांस लेने में कठिनाई, उल्टी, मतली या दस्त, काटे गए जगह पर दर्द, लालिमा, सूजन, फफोले पड़ना और घाव पर दांत के निशान शामिल हैं। ये लक्षण दिखते ही बिना देरी किए यथाशीघ्र अस्पताल पहुंचना चाहिए।

सीएमओ कार्यालय से एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी, डिप्टी सीएमओ डॉ राजेश, डब्ल्यूएचओ प्रतिनिधि डॉ विनय और जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह भी बैठक में शामिल हुए। ई-आरोग्य पाठशाला के आयोजन में डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय और इको इंडिया की टीम ने विशेष सहयोग किया।