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रेलवे प्रोजेक्ट के लिए भू-अधिग्रहण की प्रकिया हुई तेज

अंबिकापुर- सोशल मीडिया पर वायरल एक बर्थडे सेलिब्रेशन वीडियो अब भारी पड़ गया है। छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की 12वीं बटालियन में पदस्थ डीएसपी तस्लीम आरिफ की पत्नी ने नीली बत्ती लगी सरकारी गाड़ी का गलत इस्तेमाल करते हुए खुलेआम बर्थडे मनाया, लेकिन यह दिखावा अब कानून की गिरफ्त में आ गया है।

घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ा और हाई कोर्ट के सख्त रुख के चलते पुलिस को भी मजबूरी में कार्रवाई करनी पड़ी। पुलिस ने डीएसपी की पत्नी सहित वाहन में मौजूद कुल छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर चालान पेश कर दिया है। साथ ही सभी पर ₹27,000 का जुर्माना भी लगाया गया है।

दरअसल, यह पूरा मामला रामानुजगंज का है, जहां डीएसपी की पत्नी ने अपने जन्मदिन के मौके पर नीली बत्ती लगी सरकारी गाड़ी के बोनट पर बैठकर केक काटा और दोस्तों के साथ जश्न मनाया। इस दौरान गाड़ी की नीली बत्ती भी चालू थी। यह वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो आम लोगों से लेकर कोर्ट तक में इस पर नाराजगी देखी गई।

शुरुआत में पुलिस ने केवल वाहन चालक के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत मामूली कार्रवाई की थी, लेकिन जब मामला हाई कोर्ट पहुंचा और राज्य के मुख्य सचिव ने इस संबंध में शपथ-पत्र दाखिल कर कोर्ट को पूरी जानकारी दी, तो जांच में तेजी आई। इसके बाद पुलिस ने विवेचना करते हुए डीएसपी की पत्नी और उसकी सहेलियों को भी आरोपी बनाया।

अब इस मामले में सभी छह लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। यह घटना कानून के दुरुपयोग और वीआईपी संस्कृति के प्रदर्शन की एक और मिसाल बन गई है, जो यह बताती है कि चाहे कोई भी हो, कानून सबके लिए बराबर है।

हाई कोर्ट के हस्तक्षेप और सख्ती से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकारी पद और संसाधनों का निजी उद्देश्यों में उपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह मामला अब उन लोगों के लिए चेतावनी बनकर सामने आया है, जो सरकारी सुविधाओं का दुरुपयोग कर नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं।

बिजली बिल में बढोत्तरी पर बोले मुख्यमंत्री, “बहुत की नॉमिनल बढ़ोतरी है, इससे घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों को फर्क पड़ने वाला नहीं है”

रायपुर- छत्तीसगढ़ में बिजली दरों को लेकर उपभोक्ताओं की चिंताओं के बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्पष्ट किया है कि बिजली दरों में की गई वृद्धि बेहद मामूली है और इससे आम जनता या किसानों पर कोई अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हाफ बिजली योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को पहले की तरह राहत देती रहेगी, वहीं किसानों को बिजली बिल में बड़ी सब्सिडी मिल रही है, जिससे उनके हित पूरी तरह सुरक्षित हैं।

मुख्यमंत्री यह बात पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित राष्ट्रीय उत्कृष्ट सम्मान समारोह के दौरान कही। इस मौके पर शिक्षा और चित्रकला जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया। सीएम ने कहा, “उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मान देना सिर्फ उनका उत्साह बढ़ाता है, बल्कि समाज के लिए प्रेरणा भी बनता है।”

सालेम इंग्लिश स्कूल को मिला "पीएसआरएआर राष्ट्रीय उत्कृष्टता सम्मान 2025", प्रभारी प्राचार्य रुपिका लॉरेंस के नेतृत्व को मुख्यमंत्री ने सराहा

रायपुर-  छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित पीएसआरएआर राष्ट्रीय उत्कृष्टता सम्मान समारोह 2025 में, सालेम इंग्लिश मीडियम हायर सेकेंडरी स्कूल, रायपुर को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रीय उत्कृष्टता पदक एवं प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया।

यह सम्मान उन शैक्षणिक संस्थानों को दिया जाता है जो बाल कल्याण, नैतिक मूल्यों, शैक्षणिक गुणवत्ता और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। विद्यालय को यह सम्मान विशेष रूप से प्रभारी प्राचार्य रुपिका लॉरेंस के प्रभावशाली नेतृत्व, अनुशासित प्रशासन और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए किए गए सतत प्रयासों के लिए प्रदान किया गया।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक धर्मलाल कौशिक, एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों ने स्कूल की उपलब्धियों की सराहना की।

कार्यक्रम के दौरान रुपिका लॉरेंस पारिवारिक यात्रा पर थीं, परंतु उन्होंने अपने प्रतिनिधियों के.के. सिंह एवं जितेश श्रीवास को मंच पर भेजा। मंच पर बैठे सभी अतिथियों ने प्रभारी प्राचार्य को बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित की तथा कहा कि ऐसे शिक्षक व प्राचार्य ही किसी संस्थान की पहचान बनाते हैं।

सम्मान प्राप्ति के उपरांत, प्रभारी प्राचार्य रुपिका लॉरेंस ने माननीय मुख्यमंत्री महोदय, समस्त मंचासीन अतिथियों, पीएसआरएआर संगठन तथा अपने स्कूल परिवार के प्रति हृदय से आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा,

"यह सम्मान केवल मेरा नहीं, पूरे सालेम स्कूल परिवार का है। यह हमारे शिक्षकों की मेहनत, बच्चों की लगन, और अभिभावकों के सहयोग का प्रतिफल है। मैं इस सम्मान को राष्ट्रनिर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के प्रतीक के रूप में स्वीकार करती हूँ।"

पीएसआरएआर की ओर से कार्यक्रम संयोजिका शुभा शुभलता मिश्रा ने मंच का संचालन करते हुए मुख्य योजना समन्वयक के तौर पर यह सम्मान प्रदान किया। यह उपलब्धि न केवल सालेम स्कूल के लिए, बल्कि पूरे रायपुर व छत्तीसगढ़ की शैक्षणिक जगत के लिए गर्व की बात है।

जीवन में सफलता के लिए शिक्षा है मजबूत आधार : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित पीएसवाय उत्कृष्टता सम्मान समारोह में विभिन्न विधाओं के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने सभी सम्मानित शिक्षकों, विद्यार्थियों और संस्थाओं को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र सेवा का मार्ग है। शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है, और यही किसी भी राष्ट्र की प्रगति की नींव होती है। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में सफलता का मूल आधार शिक्षा ही है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ अब अपने रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुका है और बीते वर्षों में राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। जहां पहले प्रदेश में केवल एक मेडिकल कॉलेज था, आज वहां 15 से अधिक मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। साथ ही, आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संस्थान भी राज्य में कार्यरत हैं। गांव-गांव में स्कूल खोले गए हैं, और बच्चों की आवश्यकताओं के अनुरूप महाविद्यालयों की स्थापना की गई है।

उन्होंने कहा कि हमारे समय में कई गांवों के बच्चों के लिए केवल एक स्कूल होता था। मुझे याद है कि मैंने पांचवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा दूसरे गांव में दी थी, क्योंकि हमारे गांव में परीक्षा केंद्र नहीं था। आज छत्तीसगढ़ में छात्रों के लिए असीम अवसर मौजूद हैं और प्रत्येक बच्चे को इन अवसरों का लाभ उठाकर अपने लक्ष्यों की ओर आगे बढ़ना चाहिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की दिशा में निरंतर अग्रसर है, और इसी संकल्प को लेकर हम विकसित छत्तीसगढ़ की दिशा में भी तेज़ गति से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में देश ने वैश्विक स्तर पर सम्मान प्राप्त किया है और भारत पुनः विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है।

श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार नई शिक्षा नीति को ज़मीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में देश में लागू की गई नई शिक्षा नीति के तहत छत्तीसगढ़ में शिक्षा अब स्थानीय भाषाओं में भी उपलब्ध हो रही है। बस्तर जैसे क्षेत्रों में अब स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई करवाई जा रही है, और प्रदेश में मेडिकल की शिक्षा भी हिंदी में दी जा रही है।

रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने संस्था द्वारा सम्मानित प्रतिभावान छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प में इन बच्चों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने में हमारे युवाओं का योगदान निर्णायक सिद्ध होगा।

विधायक धरमलाल कौशिक ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि संस्था का उद्देश्य न केवल प्रतिभाशाली छात्रों को सम्मानित करना है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रही प्रतिभाओं को भी एक मंच प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों को विभिन्न भाषाओं में पारंगत बनाने की दिशा में ठोस कार्य प्रारंभ हो चुका है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक परिवर्तनों की भी सराहना की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कलाकारों को भी सम्मानित किया। इस दौरान वरिष्ठ चित्रकार राज सैनी ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को एक विशेष उपहार के रूप में उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के साथ की पेंटिंग भेंट की।

कार्यक्रम में पीएसवाय के प्रेसिडेंट डॉ. एस.के. मिश्रा, सलाहकार महेंद्र गुप्ता, सीईओ शुभ्रा शुक्ला, सहित अनेक प्रबुद्धजन, शिक्षाविद्, गणमान्य अतिथि, एवं स्कूली छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

छोटे व्यापारियों को मिलेगा प्रोत्साहन: दस साल से अधिक लंबित 25 हजार रुपये तक की वैट देनदारियां होगी खत्म

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में छोटे व्यापारियों को अपना व्यवसाय आसानी से करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य सरकार छोटे व्यापारियों के 10 साल से अधिक लंबित पुराने मामलों में 25 हजार रुपये तक की वैट देनदारियों को खत्म करने जा रही है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत जीएसटी प्रावधानों में भी कई संशोधन किए जाएंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक और छत्तीसगढ़ बकाया कर, ब्याज एवं शास्ति के निपटान संशोधन विधेयक 2025 के प्रारूप का अनुमोदन कर दिया गया है। इन दोनों विधेयकों को विधानसभा के मानसून सत्र में पटल पर रखा जाएगा। 10 साल से अधिक पुराने 25 हजार रुपये तक की वैट देनदारियों को खत्म करने से राज्य के लगभग 40 हजार से अधिक व्यापारियों को फायदा मिलेगा। इसके साथ ही 62 हजार से अधिक मुकदमों के मामले भी कम हो जाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक के प्रारूप का भी अनुमोदन किया गया। इस प्रारूप में जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुरूप संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं। किए गए प्रस्ताव के अनुसार इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर्स द्वारा आईजीएसटी में लिए गए आरसीएम का वितरण भी अब अपने ब्रांच ऑफिस में किया जा सकेगा। इससे जीएसटी अधिनियम में विसंगति को दूर करने में मदद मिलेगी और व्यापारियों को इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत कारोबार करने में आसानी होगी।

एक अन्य संशोधन प्रस्ताव अनुसार, ऐसे पेनाल्टी की राशि जिनमें टैक्स की डिमांड सम्मिलित नहीं होती है, उन प्रकरणों में अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील प्रस्तुत करने के लिए आवश्यक पूर्व डिपॉजिट 20 प्रतिशत राशि को घटाकर 10 प्रतिशत किया गया है। यह निर्णय व्यापार जगत को सहूलियत देने वाला साबित होगा।

जीएसटी प्रणाली में वाउचर पर करदेयता के संबंध में स्थिति स्पष्ट करते हुए ‘टाइम ऑफ सप्लाई’ के प्रावधान को विलोपित किया गया है। इस संबंध में विभिन्न एडवांस रूलिंग अथॉरिटी में मतभिन्नता थी, अतः एकरूपता के प्रयोजन से यह संशोधन लाया गया।

कैपेसिटी बेस्ड टैक्सेशन एवं स्पेशल कंपोजिशन लेवी विषय पर गठित मंत्री समूह की अनुशंसा के आधार पर डिमेरिट गुड्स जैसे तंबाकू उत्पाद के लिए ट्रेस एंड ट्रैक मैकेनिज्म लागू किया गया है, जिसके द्वारा इन उत्पादों का निर्माण से अंतिम उपभोक्ता तक विक्रय के समूचे सप्लाई चेन की कारगर निगरानी की जा सकेगी।

विशेष आर्थिक क्षेत्रों के वेयरहाउस में रखे गए वस्तुओं, जिनके फिजिकल मूवमेंट के बिना कई बार क्रय-विक्रय संव्यवहार किया जाता है, ऐसे मामलों में ऐसे संव्यवहारों को जीएसटी की परिधि से बाहर रखने के लिए संशोधन लाया गया है, जिससे विशेष आर्थिक क्षेत्रों को और अधिक बढ़ावा दिया जा सके।

कुएं की सफाई के दौरान दो सगे भाइयों की मौत, इलाके में फैली सनसनी

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक दर्दनाक हादसा हुआ है, जहां कुएं की सफाई के दौरान दो सगे भाइयों की डूबकर मौत हो गई। आशंका जताई जा रही है कि कुएं के भीतर ऑक्सीजन की कमी के कारण यह हादसा हुआ। इस घटना से इलाके में सनसनी फैल गई है। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची बेलगहना पुलिस की जांच में जुट गई है। यह घटना कोटा ब्लॉक के ग्राम पंचायत करही कछार के आश्रित मोहल्ला डिपरापारा में हुई है।

जानकारी के अनुसार, बेलगहना चौकी क्षेत्र के डिपरापारा में रहने वाला दिलीप पटेल शुक्रवार की शाम घर के कुएं की सफाई के लिए कुएं में उतरा। सफाई के दौरान वह पानी में डूबने लगा। उसे बचाने के लिए उसका सगा भाई दिनेश पटेल भी कुएं में उतर गया। ऐसी आशंका है कि कुएं के भीतर ऑक्सीजन की कमी के कारण दोनों भाइयों की मौत हो गई। घटना की सूचना पाकर बेलगहना पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कुएं से निकाला गया। पुलिस का कहना है कि मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मृत्यु के सही कारणों का पता चल सकेगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके ने की मुलाकात

रायपुर- भारत सरकार के केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में सौजन्य भेंट की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने श्री उइके का पारंपरिक कोसा वस्त्र और बेल मेटल से निर्मित स्मृति चिह्न भेंट कर आत्मीय स्वागत किया। इस अवसर पर दोनों नेताओं के बीच छत्तीसगढ़ के जनजातीय क्षेत्रों के समग्र विकास, जनजातीय युवाओं के सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, एवं आधारभूत संरचना से जुड़े विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेश सरकार द्वारा जनजातीय अंचलों में चलाए जा रहे विकासात्मक कार्यों एवं योजनाओं की जानकारी दी तथा इन क्षेत्रों में भारत सरकार के सहयोग को महत्वपूर्ण बताया। केंद्रीय राज्य मंत्री श्री उइके ने भी जनजातीय कल्याण हेतु केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और राज्य के प्रयासों की सराहना की।

फांसी के फंदे पर लटकी मिली लाश, इलाके में मचा हड़कंप

रायपुर- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक शख्स की फांसी के फंदे पर लटकी हुई लाश मिली है. घटना से इलाके में हड़कंप मच गया है. सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई. पुलिस ने शव को बरामद कर मर्चुरी के लिए भिजवा दिया. 

जानकारी के मुताबिक, उरला थाना क्षेत्र के अछोली इलाके में दृष्टिहीन शख्स की शुक्रवार रात को संदिग्ध परिस्थिति में लाश मिली. सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को बरामद कर लिया. शव को मर्चुरी में रखा गया है. आज पोस्टमार्टम होगा. मामले में पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है. 

15 जुलाई से फिर चलेंगी लोकल मेमू-डेमू ट्रेनें

डोंगरगढ़- कोरोना काल में सुरक्षा कारणों से बंद की गई लोकल मेमू और डेमू पैसेंजर ट्रेनों का संचालन फिर से शुरू होने जा रहा है. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने 15 जुलाई से इन ट्रेनों को चरणबद्ध तरीके से बहाल करने का निर्णय लिया है, जिससे दुर्ग, राजनांदगांव, गोंदिया, कटंगी, रायपुर, डोंगरगढ़ और बालाघाट समेत छोटे-बड़े स्टेशनों पर यात्रा करने वालों को काफी सहूलियत मिलेगी.

सांसद संतोष पांडेय ने इसे यात्रियों के लिए सुखद समाचार बताते हुए कहा कि कोरोना काल के बाद इन लोकल ट्रेनों के बंद होने से यात्रियों को रोजाना आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था.

सांसद पांडेय ने कहा कि मैंने इस विषय को लेकर लगातार केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह किया और जून माह में हुई मंडल स्तरीय रेलवे बैठक में भी इन ट्रेनों का संचालन पुनः शुरू करने की मांग प्रमुखता से रखी थी. आज यह मांग पूरी हुई है. इसके लिए यात्रियों को बधाई देता हूं. इसके साथ ही मैं केंद्रीय रेल मंत्री और रेलवे मंडल के अधिकारियों का आभार व्यक्त करता हूं.

रेलवे प्रशासन ने बताया कि 15 जुलाई से गोंदिया-कटंगी, रायपुर-डोंगरगढ़, रायपुर-गेवरा रोड, तूमसर रोड-बालाघाट समेत 13 लोकल मेमू और डेमू पैसेंजर ट्रेनें फिर से पटरियों पर लौटेंगी. 17 जुलाई तक सभी रूटों पर संचालन पूरी तरह बहाल कर दिया जाएगा. इन ट्रेनों के संचालन से कम किराये में यात्रा का विकल्प फिर से खुलेगा और यात्रियों को निजी वाहनों या बसों पर निर्भरता कम करनी पड़ेगी. साथ ही विद्यार्थियों और नौकरीपेशा लोगों की आवाजाही भी सुगम हो सकेगी.

छत्तीसगढ़ की सड़को खस्ता हालत पर हाईकोर्ट ने जाहिर की नाराजगी

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ की जर्जर सड़कों और निर्माण कार्यों में हो रही देरी को लेकर राज्य हाईकोर्ट ने गुरुवार को सरकार को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, “क्या सरकार तब तक कोई काम नहीं करेगी जब तक कोर्ट न कहे? क्या अब सड़कें भी कोर्ट की निगरानी में ही बनेंगी?”

मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने बिलासपुर, रायपुर समेत प्रदेशभर की प्रमुख सड़कों की बदहाली पर गंभीर चिंता जताई और राज्य शासन से शपथपत्र सहित विस्तृत जवाब तलब किया है।

अधूरे पड़े सड़क निर्माण कार्यों पर कोर्ट सख्त

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया कि—

  • बिलासपुर की पेंड्रीडीह बाईपास से नेहरू चौक तक की सड़क का निर्माण कार्य अप्रैल में स्वीकृत हो चुका है, लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं हुई।
  • रायपुर के धनेली एयरपोर्ट रोड का काम अधूरा है।
  • सेंदरी बाईपास में प्रस्तावित फुट ओवरब्रिज (FOB) के लिए अब तक डीपीआर भी तैयार नहीं की गई है।

हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि “प्रदेशभर में सड़कें खस्ताहाल हैं और शासन अब भी उदासीन है। यह स्थिति बेहद पीड़ाजनक है।” कोर्ट ने पहले से ही आवारा मवेशियों और सड़कों की दुर्दशा के चलते हो रहे सड़क हादसों को लेकर स्वतः संज्ञान लिया हुआ है। इस संबंध में दाखिल कई जनहित याचिकाओं की गुरुवार को संयुक्त सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता को कोर्ट में तलब किया गया। कोर्ट ने दो टूक कहा, “सड़कों की हालत बेहद खराब है, फिर भी शासन की तरफ से कोई ठोस पहल नहीं की जा रही।”राज्य शासन की ओर से कहा गया कि सभी निर्माण कार्यों की स्थिति पर विस्तृत जानकारी शपथपत्र के माध्यम से प्रस्तुत की जाएगी। कोर्ट ने इस पर सहमति जताते हुए अगली सुनवाई की तारीख 4 अगस्त तय की है।