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यूपी पुलिस में दरोगा भर्ती जल्द, अगले माह नोटिफिकेशन जारी होने की संभावना
संजीव सिंह बलिया! उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग में खाली पड़े पदों को भरने की दिशा में एक बड़ी पहल होने जा रही है। उप निरीक्षक (SI) के 4543 पदों पर भर्ती प्रक्रिया को अंतिम रूप देने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा इस भर्ती का नोटिफिकेशन अगले माह तक जारी किए जाने की संभावना है। पुलिस से पहले दरोगा भर्ती को दी जा रही प्राथमिकता जानकारी के मुताबिक, प्रदेश सरकार ने पहले ही पुलिस विभाग में कुल 24 हजार पदों पर नियुक्ति की मंजूरी दी है। इसमें 19220 सिपाही और 4543 उप निरीक्षक (दरोगा) पद शामिल हैं। हालांकि सिपाही भर्ती प्रक्रिया में कुछ तकनीकी बिंदुओं पर शासन की स्वीकृति लंबित होने के कारण फिलहाल दरोगा भर्ती को प्राथमिकता दी जा रही है।गौरतलब है कि राज्य सरकार ने इस बार उप निरीक्षक भर्ती में उम्मीदवारों को आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट देने का फैसला लिया है, जिससे बड़ी संख्या में युवाओं को लाभ मिलेगा। कारागार विभाग में भी 2833 जेल वार्डर पदों पर होगी सीधी भर्ती इसके साथ ही कारागार विभाग में 2833 जेल वार्डर पदों पर भी सीधी भर्ती प्रस्तावित है। हालांकि, इस भर्ती का नोटिफिकेशन भी अप्रैल में प्रस्तावित था लेकिन प्रक्रिया में देरी बनी हुई है। जेल विभाग में नई जेलों में स्टाफ की तैनाती के लिए यह भर्ती अहम मानी जा रही है। उत्तर प्रदेश के हजारों युवाओं की निगाहें अब इस भर्ती प्रक्रिया पर टिकी हैं। चूंकि साठ हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती होने के बाद से युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है। मुख्यमंत्री ने भी विभाग में खाली पदों पर जल्द भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने का निर्देश जारी किया है। इन पदों पर की जाएगी भर्ती नागरिक पुलिस: 4242 पद पीएसी महिला वाहिनी (नागरिक पुलिस): 106 पद सशस्त्र पुलिस: 135 पद विशेष सुरक्षा बल (एसएसएफ): 60 पद इन सभी पदों पर भर्ती सीधी प्रक्रिया के तहत होगी और परीक्षा व अन्य चरणों की विस्तृत रूपरेखा भर्ती बोर्ड द्वारा निर्धारित की जाएगी। इस बार भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी उपायों को भी अपनाने की तैयारी की जा रही है। आयु सीमा में छूट से युवाअों में जगी नई उम्मीद दरोगा भर्ती की खबर आने के बाद से प्रदेश भर के अभ्यर्थियों में उत्साह की लहर दौड़ पड़ी है। विभिन्न कोचिंग संस्थानों में छात्रों की संख्या बढ़ गई है और तैयारी में तेजी देखी जा रही है। लखनऊ, इलाहाबाद, आगरा, मेरठ, बनारस और कानपुर जैसे बड़े शहरों के कोचिंग सेंटर्स में दरोगा परीक्षा की विशेष कक्षाएं चलाई जा रही हैं। अभ्यर्थियों का मानना है कि यह अवसर उनके लिए स्वर्णिम साबित हो सकता है, विशेषकर उन युवाओं के लिए जिनकी उम्र पहले की नियमावली के तहत सीमा पार कर गई थी। सरकार द्वारा दी गई आयु सीमा में छूट ने उन्हें एक नई उम्मीद दी है। अब ज्यादा दिन युवाओं को नहीं करना होगा इंतजार पुलिस और दरोगा बनने के लिए तैयारी कर रहे युवाओं अब ज्यादा दिन इंतजार नहीं करना होगा। बताया जा रहा है कि सबसे पहले दरोगा की भर्ती होगी, चूंकि 24 हजार पदों पर भर्ती की प्रक्रिया का रास्ता साफ हो गया है। इसके बाद पुलिस की भर्ती की जाएगी। इसलिए युवा अभी से ही तैयारी करने में जुट जाए, क्योंकि नोटिफिकेशन अगले माह ही जारी हो सकता है। आयु सीमा में छूट मिलने से जिनकी उम्र निकल गई थी उनके सामने नई उम्मीद जगी है।
शिक्षा उद्योग नहीं कि घाटा लगते ही बंद कर दिया जाए, मर्जर योजना से गरीबों के बच्चों के शिक्षा पर पड़ेगा असर ..कान्हजी
संजीव सिंह बलिया। प्रदेश सरकार द्वारा कम छात्र संख्या का बहाना बनाकर प्राथमिक स्कूलों के मर्जर योजना का शिक्षक संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश सीनियर बेसिक शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री सुशील कुमार पाण्डेय कान्हजी ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में गरीब का बच्चा पढ़ता है। जबकि सरकार इन विद्यालयों को निवेश का जरिया मान रही है। यह कोई उद्योग नहीं है कि निवेश में घाटा लगते ही उसे बंद कर दिया जाए। कान्हजी ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में गांव में रहने वाले गरीब के बच्चे पढ़ न सकें, इसका कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। सरकार गरीबों के बच्चों को शिक्षा से पूरी तरह से वंचित कर देना चाहती है। विद्यालय बंद होंगे तो ये कहां पढ़ने जाएंगे। यह योजना शिक्षा के अधिकार अधिनियम का अवहेलना है शिक्षक नेता ने कहा कि यह सिर्फ स्कूलों का मर्जर योजना नहीं है। इससे बेसिक शिक्षा पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगी। आशंका जाहिर किया कि सरकार प्रदेश में पहले पचास प्रतिशत विद्यालयों को बंद करेगी फिर सौ फीसदी विद्यालयों को बंद कर देगी। लेकिन शिक्षक इसका जमकर विरोध करेंगे। इसके लिए आंदोलन करना पड़े तो वह भी किया जाएगा।
सड़क चौड़ीकरण हेतु पेड़ों की कटान को नंबरिंग शुरू
ओमप्रकाश वर्मा नगरा(बलिया)! रसड़ा तुर्तीपार गोरखपुर मार्ग पर स्थित नगरा बाजार के मुख्य मार्ग का कायाकल्प करने के व बाजार को सुसज्जित करने का कार्य शुरू हो गया है. रसड़ा से गड़वार मोड़ तक फोरलेन व थाना मोड़ से यूनियन बैंक तक सड़क का चौड़ीकरण करने के साथ ही अतिक्रमण को हटाया जाएगा. सड़क के किनारे पेड़ों की नंबरिंग का कार्य वन विभाग ने शुक्रवार को शुरू कर दिया. फुटपाथ के अतिक्रमण हटाने के निर्देश नगर पंचायत को दिए गए हैं. कार्यदायी एजेंसी छात्र शक्ति ने मई माह में कार्य करने के लिए शिलान्यास कर रसड़ा की तरफ से सड़क बनाने का कार्य शुरू किया है. सुचारू यातायात व्यवस्था, नो पार्किंग, ऑटो रिक्शा खड़ा करने को चिन्हित करने के साथ बीच में डिवाइडर भी बनाया जायेगा. नगर पंचायत के सीओ मनोज पांडे ने कहा कि नियमित सफाई लाइटिंग व्यवस्था को दुरुस्त करने अतिक्रमण मुक्त रखने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.
200 माध्यमिक विद्यालय में रोपित होंगे दो हजार पौधे
ओमप्रकाश वर्मा नगरा(बलिया)! जनपद के 200 माध्यमिक विद्यालय में 20 हजार पौधे रोपित किए जाएंगे. जिला विद्यालय निरीक्षक में विद्यालयवार लक्ष्य आवंटित कर दिए हैं. प्रति विद्यालय 100 पौधे आवंटित किए गए हैं. इन विद्यालयों में राज्य की और शासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय व वित्तविहिन विद्यालय शामिल है. विद्यालयों की ओर से नर्सरी से पौधा उठान के लिए ब्लॉक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई है. इसी तरह डीआईओएस ने तहसील प्रभारी की नियुक्ति की है. डीआईओएस ने नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया है कि 28 जून तक सौ प्रतिशत गड्ढे की खुदाई कराकर विद्यालयों के प्रधानाचार्ययों से संपर्क स्थापित कर संबंधित नर्सरी से पौधे का उठान कराये.
जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
अमर बहादुर सिंह बलिया शहर बलिया। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर एक भव्य योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कुलपति प्रो. संजीत कुमार पाल ने विशेष रूप से भाग लेते हुए विद्यार्थियों को योग के महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि "योग हमारी सनातन परंपरा का हिस्सा है, जो हमें न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाता है, बल्कि मानसिक रूप से भी सशक्त करता है। योग की क्रियाएं हमारे मस्तिष्क को शुद्ध करती हैं और स्मरण शक्ति को बढ़ाती हैं। इसके नियमित अभ्यास से कार्यक्षमता में भी अभूतपूर्व वृद्धि होती है।" कार्यक्रम की शुरुआत सूर्य नमस्कार से हुई, इसके बाद विभिन्न योगासन जैसे ताड़ासन, वृक्षासन, भुजंगासन, वज्रासन, प्राणायाम आदि कराए गए। योगाभ्यास में 100 से अधिक छात्र-छात्राओं ने एक साथ भाग लेकर समर्पण और अनुशासन का परिचय दिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, अधिकारीगण एवं अन्य कर्मचारी भी मौजूद रहे। सभी ने मिलकर योग के माध्यम से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और अनुशासन के संकल्प को दोहराया। कार्यक्रम का उद्देश्य योग के प्रति छात्रों में जागरूकता बढ़ाना, उन्हें नियमित योगाभ्यास के लिए प्रेरित करना तथा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित बनाए रखना रहा। योग दिवस पर विश्वविद्यालय परिसर में उत्साह, अनुशासन और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का अद्भुत संगम देखने को मिला।
ग्रामीण प्रतिभाओं को सलाम: परमेश्वरी धाम में महोत्सव के मंच पर बिखरा हुनर, टॉप-20 में छाए नन्हें सितारे
ओमप्रकाश वर्मा नगरा (बलिया)। शहरों की चकाचौंध से दूर, गांव की मिट्टी में पले-बढ़े नन्हें प्रतिभाओं ने शुक्रवार को कुछ ऐसा कर दिखाया कि पूरा परमेश्वरी धाम तालियों की गूंज से गूंज उठा। मौका था निछुवाडीह स्थित परमेश्वरी धाम पर बिरहा सम्राट स्व. सुरेश यादव की पुण्य स्मृति में आयोजित "संत गंगाधारी महोत्सव" का। इस आयोजन ने न केवल लोकसंस्कृति का सम्मान किया, बल्कि ग्रामीण प्रतिभाओं को मंच देकर उनकी चमक को नई ऊंचाइयां भी दीं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई, जिसमें मुख्य अतिथि डॉ. एम.आर. भारती, अवध बिहारी मितवा और रामसोच यादव ने संयुक्त रूप से शिरकत की। इसके बाद "तीर्थों की कहानी कवियों की जुबानी..." नामक पुस्तक का लोकार्पण किया गया, जिसने दर्शकों को आध्यात्म और साहित्य के अद्भुत संगम से रूबरू कराया। मंच पर जब ब्रजमोहन अनाड़ी, बलिराम यादव, अंबिका यादव, राजविजय, आनंद यादव और रामनाथ यादव जैसे लोकगायक उतरे तो श्रोताओं की भावनाएं गीतों में बहने लगीं। इन कवियों ने सामाजिक कुरीतियों पर अपनी रचनाओं से ऐसा प्रहार किया कि श्रोताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया। भीड़ के बीच आकर्षण का केंद्र बना सातवीं कक्षा का छात्र ओमजी बबुआ, जिसने "पढ़ लिख बबुआ, कलामिए में जान बा..." गीत गाकर सबका दिल जीत लिया। उसके आत्मविश्वास और आवाज ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और खूब तालियां बटोरीं। महोत्सव में आयोजित टॉप-20 ग्रामीण प्रतिभा खोज परीक्षा का परिणाम भी मंच से घोषित हुआ। मंच पर जब चयनित प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया, तो उनके चेहरे की चमक किसी ताज से कम नहीं थी। प्रतिभागियों को मेडल, प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार देकर हौसला बढ़ाया गया। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली सुप्रिया यादव को साइकिल भेंट की गई, जो गांव की गलियों से होते हुए अब अपने सपनों की ओर तेजी से बढ़ेगी। दूसरे स्थान पर रहे विवेक सैनी को स्मार्ट वॉच मिली, जो समय के साथ चलना अब अच्छे से जान गया है। वहीं तीसरे स्थान पर आईं अर्चना पटेल को टेबल फैन देकर सम्मानित किया गया, जो गर्मियों में भी अब अपने हौसलों को ठंडा नहीं पड़ने देंगी। महोत्सव केवल प्रतियोगिता और सम्मान तक सीमित नहीं रहा। कार्यक्रम स्थल पर पौधरोपण भी किया गया, जिससे यह संदेश दिया गया कि धरती को बचाना, संस्कृति को सहेजना और प्रतिभा को पहचान देना – यही असली विकास है। इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि गांवों में भी प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं होती, बस जरूरत होती है उन्हें पहचानने और निखारने की। संत गंगाधारी महोत्सव ने इन प्रतिभाओं को एक ऐसा मंच दिया, जो शायद उनकी ज़िंदगी की दिशा तय कर दे। कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि अगली बार यह आयोजन और भी बड़े स्तर पर होगा, जिसमें और अधिक गांवों से प्रतिभाएं जोड़ी जाएंगी। निश्चय ही, यह महोत्सव न केवल एक सांस्कृतिक उत्सव था, बल्कि ग्रामीण भारत की उम्मीदों और सपनों का उत्सव भी बन गया।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में दिखा भारतीय परंपरा और आधुनिकता का संगम:योग स्वस्थ जीवन का मूल मंत्र BEOआरपी सिंह
ओमप्रकाश वर्मा नगरा(बलिया)। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर ब्लाक संसाधन केंद्र नगरा पर शनिवार को खंड शिक्षा अधिकारी नगरा राम प्रताप सिंह ने योग सत्र का शुभारंभ किया। ग्यारहवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर एक पृथ्वी - एक स्वास्थ्य कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आर पी सिंह ने कहा कि आने वाले समय में बेसिक शिक्षा परिवार बच्चों को भारत के स्वस्थ नागरिक के रुप में तैयार कर रहा है । योग सत्र का संचालन राम प्रवेश वर्मा ने प्रारम्भ किया। राज्य पुरस्कार प्राप्त सचिन कुमार ने सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को योग के विभिन्न आयामों से प्रायोगिक स्तर पर परिचित कराया।वीरेश कुमार ने भी आसन एवं प्राणायाम की गतिविधियों का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में सुदीप तिवारी, जितेंद्र सिंह, हेमंत यादव, राम कृष्ण मौर्य,बृजेश सिंह तेगा, मनोज सिंह, मीना सिंह, अशोक शर्मा, विनोद भारती,ओम प्रकाश, बृजेश आदि ने सक्रियता से प्रतिभाग किया।शिक्षक संकुल दयाशंकर, दयाशंकर राम,बच्चा लाल, वीरेंद्र यादव आदि शिक्षकों ने विशेष सहयोग किया।
करो योग, रहो निरोग: नगरा मंडल में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर जुटा जनसैलाब
ओम प्रकाश वर्मा  नगरा बलिया ।"योग से ही जीवन में अनुशासन, स्वास्थ्य और आत्मबल का संचार संभव है", इसी सोच के साथ शनिवार को नगरा मंडल में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पूरे उत्साह और ऊर्जा के साथ मनाया गया। आयोजन स्थल बना जनता इंटर कॉलेज का प्रांगण, जहां सुबह से ही लोग योग की चटाइयों के साथ उमड़ पड़े। इस कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे थे मंडल अध्यक्ष सूर्य प्रकाश सिंह पप्पू, जिनकी अगुवाई में पूरा कार्यक्रम अनुशासित और प्रेरणादायक रहा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक धनंजय कनौजिया रहे, जिन्होंने योग की उपयोगिता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वर्तमान की चुनौतियों से लड़ने के लिए योग एक मजबूत हथियार है, जिससे व्यक्ति न केवल निरोग रहता है, बल्कि मानसिक रूप से भी सजग और ऊर्जावान बनता है। "करो योग, रहो निरोग" का नारा देते हुए उन्होंने युवाओं से योग को अपनी दिनचर्या में अनिवार्य रूप से शामिल करने की अपील की। पूर्व विधायक ने कहा कि योग के माध्यम से मन और मस्तिष्क को एकाग्र किया जा सकता है, जो न केवल विद्यार्थी जीवन में बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिला सकता है। उन्होंने परिवार के हर सदस्य को रोजाना एक घंटा योग करने की सलाह दी और इसे एक सामाजिक आंदोलन बनाने का आह्वान किया। इस अवसर पर मंडल के तमाम प्रमुख पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे, जिनमें देवनारायण प्रजापति उर्फ देवा भाई, पृथ्वीपाल सिंह, अरविंद सिंह, शिरोमणि तिवारी, जयप्रकाश जायसवाल, धर्मराज सिंह विक्की, रिंकू सिंह, अमरेन्द्र सोनी, फतेह बहादुर सिंह, संतोष पाण्डेय, ध्रुव सोनी, अजय कुमार सिंह और लालबाबा सिंह प्रमुख रहे। इन सभी ने योग क्रियाओं में सक्रिय सहभागिता निभाई और लोगों को योग के लाभ बताए। कार्यक्रम का संचालन कुशलता के साथ योग प्रशिक्षक मार्कण्डेय वर्मा ने किया, जिन्होंने श्वास-विन्यास, प्राणायाम, सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, वृक्षासन और शवासन जैसे योगाभ्यासों को विस्तार से कराया और उनके लाभ बताए। उनकी निर्देशन शैली ने वहां उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया और हर किसी ने पूरे मनोयोग से उनका अनुसरण किया। जनता इंटर कॉलेज के प्रांगण में जैसे ही सूर्य की किरणें पड़ीं, वैसे ही वहां योग का अलौकिक दृश्य बन गया। हर आयु वर्ग के लोगों की सहभागिता ने साबित कर दिया कि योग अब किसी विशेष वर्ग की चीज नहीं, बल्कि आम जनमानस का हिस्सा बन चुका है। इस आयोजन ने न सिर्फ स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का संदेश दिया, बल्कि सामाजिक एकजुटता का भी अद्भुत उदाहरण पेश किया। नगरा मंडल का यह योग कार्यक्रम आने वाले वर्षों के लिए एक प्रेरणास्रोत बनकर उभरा है। आयोजकों ने भी इसे हर साल और अधिक भव्य रूप से मनाने का संकल्प लिया। अंत में सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन देते हुए मंडल अध्यक्ष सूर्य प्रकाश सिंह पप्पू ने कहा कि यह आयोजन तभी सफल माना जाएगा, जब हर परिवार में योग की शुरुआत होगी और यह सिर्फ एक दिन का उत्सव नहीं बल्कि रोजमर्रा की आदत बनेगी। उन्होंने सभी से अपील की कि "एक घण्टा योग – जीवन भर निरोग" मंत्र को जीवन का हिस्सा बनाएं। इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि अगर स्वास्थ्य को सहेजना है, तो योग को अपनाना ही होगा। नगरा ने दिखा दिया कि छोटे कस्बों में भी जब जनजागरूकता और नेतृत्व सशक्त हो, तो योग जैसा अभियान जन आंदोलन बन सकता है।
बलिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भव्य योगाभ्यास कार्यक्रम, जनप्रतिनिधि और अधिकारी होंगे शामिल
अमर बहादुर सिंह बलिया शहर बलिया। 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को बलिया जनपद में विशेष रूप से मनाया जाएगा। इस अवसर पर जनपद स्तर पर एक विशाल योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन वीर लोरिक स्पोर्ट्स स्टेडियम में किया जाएगा। कार्यक्रम सुबह 5:30 बजे से प्रारंभ होगा। इस आयोजन की जानकारी देते हुए क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी आनंद सिंह कुशवाहा ने बताया कि इस बार के योग दिवस कार्यक्रम में जनपद के प्रभारी मंत्री और राज्यमंत्री दया शंकर मिश्र 'दयालु', जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह, पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह, मुख्य विकास अधिकारी ओजस्वी राज सहित अनेक प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि और सामाजिक संस्थाओं के सदस्य भाग लेंगे। कार्यक्रम का उद्देश्य जन-जन तक योग के लाभों को पहुँचाना और स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित करना है। अधिकारी कुशवाहा ने बताया कि योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि मानसिक शांति के लिए भी अत्यंत उपयोगी है। उन्होंने जनपदवासियों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में स्टेडियम पहुँचकर इस सामूहिक योगाभ्यास में भाग लें और योगमय बलिया के निर्माण में अपना योगदान दें। मुख्य बिंदु: आयोजन स्थल: वीर लोरिक स्पोर्ट्स स्टेडियम, बलिया समय: सुबह 5:30 बजे से तिथि: 21 जून, 2025 प्रमुख अतिथि: राज्यमंत्री दया शंकर मिश्र, डीएम, एसपी, सीडीओ सहित अन्य अधिकारी आयोजनकर्ता: क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी विभाग उद्देश्य: योग के प्रति जागरूकता और जन सहभागिता बढ़ाना "योग करें, निरोग रहें" के संकल्प के साथ बलिया में यह आयोजन एक नई ऊर्जा और स्वास्थ्य की दिशा में प्रेरणा बनेगा।
नगरा बना नगर, मगर धरातली नसीब नहीं बदला नगरा नगर पंचायत में विकास अधूरा, नालियां जाम और सड़कें बेहाल” नाली सफाई के नाम पर अतिक्रमण पर वार
ओमप्रकाश वर्मा नगरा(बलिया)। नगरा, जिसे नगर पंचायत का दर्जा मिलते ही उम्मीदों की नयी उड़ान मिली थी, आज उन्हीं उम्मीदों के मलबे में दबता जा रहा है। नागरिकों को लगा था कि अब गाँव से कस्बा बने नगरा की तस्वीर बदलेगी। गलियों में रोशनी फैलेगी, सड़कें चौड़ी और साफ होंगी, नालियां बहेंगी और नगर को गंदगी से मुक्ति मिलेगी। लेकिन हुआ इसका ठीक उल्टा। पहली बार इंदू देवी को चेयरमैन के रूप में चुनकर लोगों ने नगर की बागडोर एक महिला को सौंपते हुए बड़ी आशाएं जताईं। पर बीतते वक्त के साथ इन उम्मीदों पर पानी फिर गया। विकास की गाड़ी पटरी पर नहीं चढ़ी, बल्कि वो शुरू ही नहीं हो पाई। नगर में नालियों का हाल ऐसा है कि ज्यादातर मोहल्लों में जल निकासी की कोई व्यवस्था ही नहीं है। जहां नालियां बनी हैं, वहां वे कूड़े-कचरे से जाम पड़ी हैं। कुछ स्थानों पर निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया गया है, जैसे यूनियन बैंक के पास का नाला, जो केवल दिखाने के लिए खोदा गया था। यह नाला न तो पूरी तरह बना और न ही चालू हुआ। आगामी बारिश अब सिर पर है, लेकिन कहीं कोई हरकत नहीं। नगर पंचायत की ओर से सफाई अभियान का नामोनिशान नहीं है। जाम नालियों में भरा गंदा पानी सड़कों पर फैल जाएगा और नगरा की गलियों को दलदल में तब्दील कर देगा। बीते सालों में भी यही हुआ था, और इस साल भी वही दोहराव तय है। सड़कें पहले ही टूट-फूट कर खंडहर बन चुकी हैं। पैदल चलना मुश्किल, साइकिल चलाना जोखिम, और दोपहिया वाहन तो मानो मौत को दावत देने जैसा हो गया है। हर गली में गड्ढे हैं, और बरसात आते ही ये गड्ढे पानी से भरकर दुर्घटनाओं को न्योता देंगे। लोगों का कहना है कि नगर पंचायत बनने के बाद व्यवस्थाएं सुधरनी चाहिए थीं, लेकिन हालात और बदतर हो गए। सफाईकर्मियों की नियमित तैनाती नहीं होती, नालियों की सफाई साल भर में एक बार भी ढंग से नहीं की जाती, और निर्माण कार्य का बजट जाने कहां बह गया यह किसी को नहीं पता। चेयरमैन से लेकर अधिकारियों तक को कई बार आवेदन, शिकायतें और गुहार लगाई गई, लेकिन नतीजा सिफर रहा। जनप्रतिनिधियों ने नगर पंचायत को सिर्फ दिखावे का मंच बना रखा है। असल तस्वीर जमीनी हकीकत में बदसूरत हो चुकी है। अब सवाल यह है कि क्या नगरा नगर पंचायत का दर्जा पाकर सिर्फ नाम में बड़ा बना है? क्या विकास केवल भाषणों और बैनरों तक सीमित रह गया है? क्योंकि ज़मीन पर जो कुछ दिख रहा है, वह सिर्फ गंदगी, बदहाली और उपेक्षा है। नागरिकों की आंखों में जो सपना था कि विकसित नगरा का वह अब टूटता सा दिख रहा है। अगर समय रहते अधूरी नालियों का निर्माण पूरा नहीं हुआ और सफाई पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाला मानसून नगरा के लिए आफत बन जाएगा। अब ज़रूरत है जागने की। सिर्फ कागज़ी योजनाएं नहीं, बल्कि ज़मीनी क्रियान्वयन की। क्योंकि अगर यही हाल रहा, तो "नगर पंचायत नगरा" सिर्फ एक नाम बनकर रह जाएगा, विकास का प्रतीक नहीं।