जस्टिस यशवंत वर्मा नकदी कांड की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, जांच पैनल रिपोर्ट में हुई जले नोटों की पुष्टि
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जस्टिस यशवंत वर्मा कैश कांड में जांच पैनल की रिपोर्ट आ गई है। जांच में यह बात सामने आई है कि जस्टिस वर्मा के घर कैश मिलने का सबूत है। तीन जजों की कमेटी की रिपोर्ट में जले हुए नोटों की पुष्टि हुई है। तीन सीनियर जजों के पैनल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मौजूदा जज जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने की कार्यवाही शुरू करने की सिफारिश की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट की पैनल रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा पर लगे आरोपों की पुष्टि हुई है। खबरों के मुताबिक न्यायाधिश यशवंत वर्मा के स्टोर रुम में नोट रखी हुई थी जिसकी पहुंच केवल न्यायाधीश और परिवार तक ही थी। वहां किसी और की एंट्री नहीं थी।
जस्टिस वर्मा को हटाने के लिए पर्याप्त सबूत का दावा
जजों के पैनल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने की कार्यवाही शुरू करने की आवश्यकता है। तत्कालीन सीजेआई ने तीन जजों की कमेटी गठित की थी। गठित तीन जजों की समिति ने 10 दिन में 55 गवाहों के बयान दर्ज किए थे।
10 गवाहों ने जले या अधजले नोट देखने की बात मानी
समिति की ओर से जांचे गए कम से कम 10 गवाहों ने जले हुए या आधे जले हुए नोट देखने की बात स्वीकार की है। वहीं, एक गवाह ने कहा, उन्होंने देखा था कि कमरे में फर्श पर नोट बिखरे पड़े थे। जले हुए या आधे जले हुए 500 के नोट फर्श पर पड़े हुए थे।
सबूतों को नष्ट करने और सफाई करने की जांच
समिति ने जस्टिस वर्मा के निजी सचिव राजिंदर सिंह कार्की और उनकी बेटी दीया वर्मा द्वारा कथित तौर पर सबूतों को नष्ट करने या आग लगने की जगह की सफाई करने में संदिग्ध भूमिका की भी जांच की। उदाहरण के लिए, कार्की ने कथित तौर पर आग बुझाने वाले फायरमैन को निर्देश दिया कि वे अपनी रिपोर्ट में नोटों के जलने और अगले दिन कमरे की सफाई करने का उल्लेख न करें, जिसका उन्होंने खंडन किया। हालांकि, अन्य गवाहों के बयानों और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों से इसके उलट साबित हुआ।
क्या है मामला?
दरअसल, जस्टिस वर्मा के घर 14 मार्च को आग लगी थी। यह आग 14 मार्च की रात लगभग 11:35 बजे 30 तुगलक क्रिसेंट, नई दिल्ली में लगी थी। जहां पर कथित तौर पर उनके घर से बड़ी मात्रा में कैश मिला था। यह उस समय जस्टिस वर्मा का आधिकारिक निवास था। उस वक्त वह दिल्ली हाईकोर्ट के जज थे। कैश कांड सामने आने के बाद उच्च स्तरीय जांच शुरू की गई थी। वहीं, जस्टिस यशवंत वर्मा का दावा है कि स्टोर रूम में उन्होंने या उनके परिवार वालों ने कभी कैश नहीं रखा और उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है।
Jun 19 2025, 17:41