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अधिक लाभ के लिए बाजार आधारित कृषि अपनायें किसान : बलदेव सिंह औलख

कृषि राज्यमंत्री ने वाराणसी में कृषक-वैज्ञानिक संवाद में किया प्रतिभाग

विकसित कृषि संकल्प अभियान-2025 में 8वें दिन तक 9.6 लाख किसान हुए शामिल

लखनऊ । विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 के प्रति कृषकों में उत्साहवर्धन करने हेतु कृषि राज्यमंत्री, बलदेव सिंह औलख के द्वारा गुरुवार को ग्राम पिंडरा विकासखण्ड पिंडरा जनपद वाराणसी में आयोजित कृषक-वैज्ञानिक संवाद में प्रतिभाग किया गया।

इस अवसर पर उन्होंने अन्नदाता किसानों को सुझाव दिया कि कृषि में अधिक लाभ प्राप्त करने हेतु बाजार आधारित कृषि कर अधिक उत्पादन प्राप्त करें, इसके साथ ही उत्पादित फसलों को प्रसंस्करण कर बेचने का प्रयास करें जिससे फसलों की लाभकारी मूल्य प्राप्त हो सके। राज्य मंत्री के द्वारा कृषको को सलाह दी गयी कि सरकार द्वारा संचालित योजना बीज वितरण, कृषि यंत्र की योजना, पीएम कुसुम योजना आदि के अंतर्गत अनुदान उपलब्ध करायी जा रही है इसका लाभ प्राप्त करके अपनी खेती की लागत कम करें।

उन्होंने किसानों से अपील कि वे कृषक-वैज्ञानिक संवाद में अधिक से अधिक संख्या में प्रतिभाग कर नवीन शोध एवं तकनीको पर चर्चा कर लाभ उठायें। इस अवसर पर संयुक्त कृषि निदेशक वाराणसी शैलेन्द्र शाक्य, उप कृषि निदेशक वाराणसी अमित जायसवाल व कृषि विज्ञान केन्द्र वाराणसी के कृषि वैज्ञानिक व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं कृषि के सहवर्ती विभाग के अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।

विधायक सवायजपुर जनपद हरदोई के माधवेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा ग्राम पाण्डेयपुर विकासखण्ड भरखनी जनपद हरदोई में विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 के कृषक-वैज्ञानिक संवाद में प्रतिभाग किया गया। उन्होंने वैज्ञानिकों एवं कृषकों को प्रोत्साहित करते हुए उपस्थिति अन्नदाता किसानां को जलवायु परिर्वतन की स्थिति में लाभकारी उत्पादन हेतु जैविक एवं प्राकृतिक खेती, मृदा स्वास्थ प्रबन्धन, श्री अन्न का उत्पादन, करने का सुझाव दिया गया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र हरदोई के कृषि वैज्ञानिक, उप कृषि निदेशक हरदोई श्री सतीश कुमार पांडेय, कृषि एवं सहवर्ती विभाग के अधिकारी भी इस मौके पर उपस्थित रहें।

प्रदेश के 75 जनपदों में अब तक लगभग 6075 स्थानों पर विभिन्न गणमान्य जनप्रतिनिधि/कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि एवं सहवर्ती विभाग के अधिकारियों के साथ 8वें दिन तक लगभग 9,60,000 से अधिक किसानों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के प्रति कृषकों में उत्साह बढ़ने के कारण आगामी दिवसों में कृषकों की प्रतिभागिता और अधिक बढ़ने की संभावना है।

"एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" : लखनऊ में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की भव्य तैयारी

* आयुष विभाग योग दिवस पर प्रदेश के समस्त जनपदों, तहसीलों एवं ग्राम पंचायतों में योग कार्यक्रम का आयोजन कराएगा

लखनऊ। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के 10 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर इस वर्ष 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (21 जून 2025) बेहद भव्य स्तर पर मनाया जाएगा। इस वर्ष की थीम "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" रखी गई है, जिसे आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है।

इस अवसर पर 1 जून से 20 जून तक लखनऊ राजभवन के बड़े लॉन में ‘योग संगम’ कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिदिन सामूहिक योगाभ्यास आयोजित हो रहा है। यह जानकारी आयुष विभाग के महानिदेशक मानवेन्द्र सिंह ने दी।

योगा प्रोटोकॉल अभ्यास कार्यक्रम में लखनऊ के प्रमुख आयुष महाविद्यालयों और योग संस्थानों के विद्यार्थी, शिक्षक, और योगाभ्यासी शामिल हो रहे हैं। इनमें राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज, तकमील-उत्तिब यूनानी कॉलेज, पातंजलि योग संस्थान, आर्ट ऑफ लिविंग और लखनऊ विश्वविद्यालय का योग विभाग शामिल हैं। प्रतिदिन लगभग 1000 प्रतिभागी इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं।

महानिदेशक ने बताया कि योग शारीरिक ही नहीं, मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। उन्होंने लोगों से योग को अपने रोजमर्रा की दिनचर्या में शामिल करने की अपील की, जिससे दीर्घ और स्वस्थ जीवन संभव हो सके।

आयुष विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रदेश के हर जिले, तहसील और ग्राम पंचायत स्तर पर भी योग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए मास्टर योग ट्रेनर्स की विशेष तैयारी कराई जा रही है, जो योग के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे।

सीएम योगी के 53वें जन्मदिन पर शुभकामनाओं की बौछार

* प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत देशभर के नेताओं ने दी बधाई

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 53वें जन्मदिन पर पूरे देश से शुभकामनाएं और बधाइयाँ मिलीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिगण और राज्यपाल तक—सभी ने उन्हें सोशल मीडिया और सार्वजनिक संदेशों के माध्यम से बधाई दी।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि “योगी जी ने उत्तर प्रदेश के विकास के लिए अथक परिश्रम किया है। मैं उनके दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।”

गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समेत सभी बड़े नेताओं ने भी शुभकामनाएं भेजीं।

भाजपा शासित राज्यों जैसे गुजरात, असम, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, सिक्किम के मुख्यमंत्रियों ने भी योगी को जनसेवा, गरीब कल्याण और विकास के प्रतीक के रूप में सराहा।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, डिप्टी सीएम केशव मौर्य, बृजेश पाठक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह सहित कई नेताओं ने भी जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं।

सोशल मीडिया पर दिनभर #योगीजी_को_शुभकामनाएं, , #हिंदू_हृदय_सम्राट जैसे हैशटैग ट्रेंड करते रहे। यूजर्स ने उन्हें "जनप्रिय नेता", "कठोर प्रशासक", "उत्तर प्रदेश के वास्तुकार" जैसे विशेषणों से नवाजा। मुख्यमंत्री योगी ने भी शुभकामनाओं के लिए सभी का आभार जताया और प्रदेश के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

लखनऊ में तीन साल की दिव्यांग बच्ची के साथ दरिंदगी, हालत गंभीर

राजधानी के आलमबाग क्षेत्र में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहां पर एक तीन वर्षीय दिव्यांग बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गया है। मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने तत्काल पहुंचकर बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया है। जहां पर उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कई टीमों को गठन किया है। घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी से आरोपी की फुटेज की तलाश करने में पुलिस जुट गई है।

मेट्रो पुल के नीचे अपने माता-पिता के साथ सो रही थी बच्ची

बता दें कि मेट्रो पुल के नीचे अपने माता-पिता के साथ सो रही तीन वर्षीय दिव्यांग बच्ची को एक अज्ञात व्यक्ति उठाकर ले गया और उसके साथ गलत काम कर फरार हो गया। परिजनों को बच्ची खून से लथपथ मिली।सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची को इलाज के लिए हायर सेंटर भेजा गया। डीसीपी मध्य व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। पीड़ित परिवार उन्नाव का रहने वाला है। यहां पर रहकर कबाड़ बीनने का काम करता है।

घटना के अनावरण के लिए पांच टीमे गठित

डीसीपी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि मामल प्रकाश में आने के बाद थाना आलमबाग पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर लिया है। बच्ची काे इलाज के लिए लोकबंधु अस्पताल ले जाया गया। जहां पर बच्ची की हालत गंभीर देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। पीड़ित परिवार के साथ पुलिस व मेडिकल की टीम है। इस घटना के अनावरण के लिए कुल पांच टीमे लगाई गई। शीघ्र ही इस पूरे घटना का पर्दाफाश किया जाएगा।

लगातार हो रही दुष्कर्म व छेड़ाछाड़ की घटनाएं

राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था के तमाम इंतजाम के बाद बेटियां सुरक्षित नहीं है। इनके साथ लगातार दुष्कर्म व छेड़छाड़ की घटनाएं हो रही है। आलमबाग में आज जो दरिंदगी की घटना सामने आयी है वह बेहद ही चौंकाने वाली है साथ ही पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालियां निशान है।जिस मेट्रों के नीचे यह घटना हुई है वहां पर हर समय चहल पहल रहती है। साथ ही पुलिस की यहां पर गश्त भी रहती है। इसके बाद बेखौफ दरिंदा दिव्यांग बच्ची को मां-बाप के पास से उठाकर ले गए और दरिंगी करने के बाद भाग निकला।

पौधारोपण कर महिला आयोग की अध्यक्ष ने पर्यावरण संरक्षण की दिलाई शपथ

लखनऊ । विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान ने आयोग परिसर में वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इस अवसर पर उन्होंने आयोग के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एक-एक वृक्ष लगाने और उसकी देखरेख करने की शपथ भी दिलाई।

हर व्यक्ति को कम से कम एक पेड़ लगाना चाहिए

अपने संबोधन में डॉ. बबीता सिंह ने वृक्षों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पेड़ न केवल पर्यावरण को शुद्ध रखते हैं, बल्कि जीवन के हर पहलू से हमारी आवश्यकता से जुड़े हैं। उन्होंने सभी से अपील की कि हर व्यक्ति को कम से कम एक वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए और उसकी देखभाल की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

पौधारोपण के दौरान ये सदस्य भी रहीं मौजूद

इस कार्यक्रम में आयोग की सदस्य सचिव सुधा वर्मा, सदस्य रीतू शाही, डॉ. प्रियंका मौर्या, सहायक निबंधक ओ.आर. सिद्दीकी सहित आयोग के समस्त अधिकारी, कर्मचारी एवं प्रशिक्षु अधिवक्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाना और हर स्तर पर संरक्षण के लिए सहभागिता सुनिश्चित करना रहा।

उप्र: पुलिस में 24,000 पदों पर जल्द होगी भर्ती, बोर्ड ने पूरी की तैयारी

15 जून तक जारी हो सकता है भर्ती का विज्ञापन, युवाओं को जल्द मिलेगा सुनहरा मौका

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPBPB) ने करीब 24,000 पदों पर भर्ती के लिए तैयारी पूरी कर ली है। अब केवल शासन की औपचारिक मंजूरी का इंतजार है, जिसके बाद भर्ती का विज्ञापन 15 जून 2025 तक जारी किया जा सकता है।

सूत्रों के अनुसार, यह भर्ती अभियान लंबे समय से लंबित खाली पदों को भरने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इसमें आरक्षी , पीएसी , ट्रैफिक पुलिस, और अन्य शाखाओं में रिक्त पद शामिल हैं। पुलिस भर्ती बोर्ड ने सभी आवश्यक दस्तावेज़ी और तकनीकी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। जैसे ही सरकार से अंतिम मंजूरी मिलेगी, भर्ती प्रक्रिया का विज्ञापन आधिकारिक पोर्टल और प्रमुख समाचार माध्यमों के माध्यम से जारी कर दिया जाएगा। इस भर्ती प्रक्रिया से उत्तर प्रदेश पुलिस को नई ऊर्जा मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे।

मुख्य बिंदु संक्षेप में:

- यूपी पुलिस में 24,000 पदों पर होगी सीधी भर्ती

- भर्ती विज्ञापन 15 जून तक जारी होने की संभावना

- पुलिस भर्ती बोर्ड ने पूरी की तैयारी

- शासन की मंजूरी मिलते ही जारी होगा विज्ञापन

- हजारों युवाओं को मिलेगा सरकारी नौकरी का अवसर

स्वस्थ बीज से होगी किसानों की समृद्धि-सूर्य प्रताप शाही

25 मई से 25 जून तक कृषि विभाग चला रहा बीज शोधन अभियान

लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार के एक ट्रिलियन डॉलर इकोनामी का लक्ष्य प्राप्त करने में यहां के कृषि क्षेत्र की अहम भूमिका है। प्रदेश की लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कृषि पर आधारित है। कृषि में फसलोत्पादन की महत्वपूर्ण भूमिका है। फसलों को कीट, रोग, खरपतवारों तथा चूहों आदि के नुकसान से बचाने के लिए योगी सरकार द्वारा बीज शोधन अभियान व्यापक स्तर पर चलाया जा रहा है। 

यह जानकारी प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने दी। उन्होंने कहा कि खाद्यान्न उत्पादन में खरपतवारों के बाद सबसे अधिक क्षति रोगों द्वारा होती है। महंगे रसायनों के प्रयोग से कृषि लागत में वृद्धि होती है और समय से रोग की रोकथाम न होने से उत्पादन एवं उत्पादित फसल की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उत्पादन में बीज जनित रोगों से बचाव हेतु बीज शोधन तकनीक का अत्यधिक महत्व है। इसे बीज का टीका भी कहते है। जिससे फसलो में भविष्य में जीवाणु तथा कवकों आदि से होने वाले रोगों का बचाव किया जाता है। इसके निवारण हेतु प्रदेश के सभी जनपदों में 25 मई से 25 जून तक बीज शोधन अभियान आयोजित किया जा रहा है। 

इस अभियान के तहत बीज शोधन के महत्व की जानकारी देकर कृषकों को शत-प्रतिशत बीज शोधन हेतु प्रशिक्षित किया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि बीज शोधन की विधि एवं तकनीक तथा इससे होने वाले लाभ एव सावधानियाँँ सम्मलित है। बीज शोधन रसायन हेतु 2.5 ग्राम उपयुक्त रसायन, जैसे 2.5 ग्राम थीरम या 2.0 ग्राम कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत डब्लूपी प्रति किलोग्राम बीज अथवा ट्राइकोडर्मा 5.0 ग्राम, प्रति किलोग्राम बीज की दर से एवं थोड़ी मात्रा में पानी (जिससे रसायन ठीक प्रकार से बीज पर चिपक जायें) को एक घड़े में डालें। घड़े के मुंह को किसी साफ़ कपडे़ अथवा पालीथिन से ढक या बांध लें, जिससे बीज एवं रसायन मिलते समय बाहर न गिरे। इसके बाद घड़े को सावधानी से पकड़ कर 5-7 मिनट तक धीरे-धीरे हिलाएं तथा बीज और रसायन को मिला लें। जब बीज पर रसायन का भली भांति चिपक जाएँ तो कपड़ा अथवा पालीथिन को हटाकर बीज को जूट/अथवा प्लास्टिक के बोरे पर निकाल लें। इसके बाद शोधित बीज को साफ फर्श पर रखकर 8-10 घंटे के लिए बोरे से ढक दें तथा इसके बाद इसे सूख जाने पर इस बीज का प्रयोग बुवाई हेतु करें। इससे बीज के आस-पास की भूमि में मौजूद रोग कारकों को नष्ट कर देता है, जिससे बीज जमने उपरांत पौधा स्वस्थ होता है। 

उन्होंने कहा कि बीज शोधन में रसायन की कम मात्रा के प्रयुक्त होने से पर्यावरण को कम नुकसान होता है। बीज का जमाव अच्छा व समान प्रकार से होता है और बीज अंकुरण की संख्या में इजाफा होता है। बीज जनित रोग के प्रकोप की आशंका कम हो जाती हैं जिससे फसल मजबूत व स्वस्थ होती है और उत्पादन में वृद्धि होती है तथा कृषकों को प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक लाभ होता है।

श्री शाही ने बताया कि बीज शोधन के अभियान में ग्राम स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें कृषि विज्ञान केन्द्र के विशेषज्ञ एवं राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों, बीजशोधन रसायन निर्माण कम्पनियों के प्रतिनिधि, एग्रीजक्शन तथा अन्य विशेषज्ञों का पूर्ण सहयोग लिया जा रहा है। कृषकों को सरकार की योजना विभिन्न पारिस्थितिकीय संसाधनों योजना कीट/रोग नियंत्रण योजना के द्वारा बीज शोधक रसायन पर 75 प्रतिशत अनुदान प्राविधानित है। उन्हांने सभी किसानों से अनुरोध किया है कि खरीफ 2025 में फसलों की बुआई बीज शोधन (बीज में टीका) करने के उपरान्त ही करें और अपने खेत से रोग मुक्त स्वस्थ एवं गुणवत्ता युक्त उत्पादन प्राप्त करें।

भाषा विश्वविद्यालय में संपन्न हुआ त्रिदिवसीय नैक निरीक्षण

◼ शैक्षणिक गुणवत्ता, प्रशासनिक दक्षता और नवाचारों को लेकर पीयर टीम ने की विस्तृत समीक्षा

लखनऊ। ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) का त्रिदिवसीय निरीक्षण बुधवार को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। विश्वविद्यालय के एनसीसी, एनएसएस, रोवर्स-रेंजर्स, टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ, छात्रों और प्रशासनिक टीम के साथ हुई संवादात्मक बैठकों में शैक्षणिक गुणवत्ता, शोध, नवाचार और बुनियादी संरचना जैसे अहम पहलुओं पर समीक्षा की गई।

निरीक्षण के अंतिम दिन, नैक पीयर टीम ने प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों, प्रशासनिक खंड और विभागों का गहन निरीक्षण किया और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों का अवलोकन किया। विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों ने भी इस निरीक्षण प्रक्रिया में सक्रिय सहभागिता निभाई।

◼ कुलपति प्रो. अजय तनेजा ने जताया आभार

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजय तनेजा ने पीयर टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, "यह निरीक्षण भाषा विश्वविद्यालय परिवार के लिए आत्मविश्लेषण और सुधार का अवसर है। हम नैक टीम के सुझावों का पालन करते हुए शैक्षणिक गुणवत्ता को नई ऊँचाई तक ले जाएंगे।"

◼ टीम में शामिल रहे विशेषज्ञ

नैक पीयर टीम में शामिल प्रमुख सदस्य थे –

प्रो. हेमंत कुमार (चेयरपर्सन), डॉ. रोशन लाल, डॉ. विकास डोगरा, डॉ. तनूजा राउत, डॉ. त्रिमूर्ति पी, डॉ. मूंगा कृष्ण प्रसाद, डॉ. सरबजीत सेन गुप्ता, और डॉ. सुजाता शानबाग। टीम ने हाईब्रिड मोड में निरीक्षण संपन्न किया।

◼ आगामी हफ्तों में घोषित होगी ग्रेडिंग

विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. महेश कुमार ने बताया कि, “नैक टीम द्वारा किए गए मूल्यांकन और SSR दस्तावेजों व भौतिक निरीक्षण के आधार पर मिलने वाली ग्रेडिंग की घोषणा जल्द होगी। हमें उम्मीद है कि यह ग्रेड विश्वविद्यालय के लिए सकारात्मक संकेत लेकर आएगी।”

यूपी ने केंद्रीय करों में मांगी 50 प्रतिशत हिस्सेदारी: अरविंद पनगढ़िया

◼ वित्त आयोग ने की उत्तर प्रदेश की सराहना, कहा- उत्तर प्रदेश बहुत ही अच्छी तरह से संचालित राज्य

◼ मुख्यमंत्री योगी ने 16वें वित्त आयोग को सौंपा मांग पत्र, विशेष विकास योजनाओं के लिए स्पेशल फंड की भी अपील

लखनऊ। 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने बुधवार को राजधानी लखनऊ में पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्रीय करों में हिस्सेदारी बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की मांग की है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयोग को एक औपचारिक मांग पत्र सौंपा है।

डॉ. पनगढ़िया ने बताया कि मुख्यमंत्री के साथ बैठक में राज्य के विकास और सुधारों का विस्तृत ब्यौरा आयोग को प्रस्तुत किया गया, जिसकी आयोग ने सराहना भी की। यूपी सरकार ने विशेष विकास योजनाओं के लिए स्पेशल फंड दिए जाने की भी मांग रखी है।

वित्त आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि बैठक के दौरान प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश के विकास और सुधार के लिए उठाए जा रहे कदमों का ब्यौरा पेश किया, जिसकी आयोग ने सराहना की। उत्तर प्रदेश की प्रमुख मांगों के विषय में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने इनकम डिस्टेंस क्राइटेरिया 45 प्रतिशत, भौगोलिक क्षेत्रफल 15 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत, जनसंख्या 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 22.5 प्रतिशत, जनसांख्यिकीय प्रदर्शन 12.5 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत, वन 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत, कर संग्रहण प्रयास 2.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाने का प्रस्ताव आयोग को दिया गया है। डॉ. पनगढ़िया ने कहा कि यह प्रस्ताव 15वें वित्त आयोग के मानकों की तुलना में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देते हैं।

◼ यूपी का वित्तीय अनुशासन सराहनीय

वित्त आयोग अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश का कर संग्रह जीएसडीपी अनुपात के सापेक्ष संतुलित है और राजकोषीय घाटा नियंत्रित है। साथ ही, राज्य का ऋण-से-जीडीपी अनुपात भी प्रबंधनीय स्तरों पर है, जो इसे वित्तीय अनुशासन वाला राज्य बनाता है।

◼ वर्तमान राजस्व विभाजन का विवरण

15वें वित्त आयोग के अनुसार, केंद्रीय करों का 41 प्रतिशत हिस्सा राज्यों को और 59 प्रतिशत केंद्र को हस्तांतरित किया जाता है। यूपी की मांग है कि इसमें बदलाव कर राज्य की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत की जाए ताकि वह अपने विकास कार्यों और जनहित योजनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से चला सके।

प्लास्टिक नहीं प्रकृति चाहिए: विश्व पर्यावरण दिवस पर डॉ. सूर्य कान्त का जागरूकता संदेश

लखनऊ। हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम है – "Ending Plastic Pollution" यानी प्लास्टिक प्रदूषण का अंत। इस अवसर पर रेस्पिरेटरी मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. सूर्य कान्त ने लोगों को प्लास्टिक से होने वाले खतरे को लेकर सतर्क किया है। डॉ. सूर्य कान्त, जो कि ऑर्गेनाइजेशन फॉर कंज़र्वेशन ऑफ एनवायरनमेंट एंड नेचर (OCEAN) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केजीएमयू के विभागाध्यक्ष हैं, बताते हैं कि प्लास्टिक जीवन का हिस्सा तो बन गया है, लेकिन यह पृथ्वी और स्वास्थ्य दोनों के लिए ज़हर बन चुका है।

◼ प्लास्टिक से पर्यावरण को क्या हानि होती है?

इंडियन जर्नल ऑफ इम्यूनोलॉजी एंड रेस्पिरेटरी मेडिसिन में प्रकाशित लेख “Save the Planet” के अनुसार, प्लास्टिक अपने हर चरण में ज़हरीली गैसें छोड़ता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता कम होती है और फसलों में विषैले तत्व आ जाते हैं। अनुमान है कि 2040 तक समुद्रों में 37 मिलियन टन प्लास्टिक मौजूद होगा।

◼ माइक्रोप्लास्टिक – अदृश्य ज़हर

एक अध्ययन के अनुसार, नमक और चीनी के हर नमूने में माइक्रोप्लास्टिक्स पाए गए हैं। एक किलो नमक में औसतन 90 माइक्रोप्लास्टिक कण और चीनी में 11.85 से 68.25 कण तक मिले हैं। ये कण .1 मिमी से .5 मिमी के होते हैं जो हवा, पानी और भोजन से शरीर में प्रवेश करते हैं।

◼ स्वास्थ्य पर भी घातक असर

डॉ. सूर्य कान्त के अनुसार, प्लास्टिक से हार्मोन असंतुलन, कैंसर, प्रजनन तंत्र की समस्याएं, बच्चों में फेफड़ों की कमजोरी जैसी गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं। यहां तक कि समय से पहले जन्म और जन्मजात विकृतियाँ भी प्लास्टिक के संपर्क से जुड़ी हैं।

◼ समाधान – आदतें बदलें, धरती बचाएँ

"प्लास्टिक को ना कहें, कपड़े या कागज के बैग का उपयोग करें, सिंगल यूज़ प्लास्टिक से दूर रहें," डॉ. सूर्य कान्त का यह संदेश स्पष्ट है। उनका कहना है – “धरती हमारी माँ है, इसे बचाना हमारी जिम्मेदारी है।”

◼ प्रधानमंत्री मोदी का ‘LiFE’ आंदोलन

पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 में "LiFE – Lifestyle For Environment" अभियान शुरू किया था, जिसका मकसद है – ऐसा जीवन जीना जिससे धरती को नुकसान न पहुँचे। डॉ. सूर्य कान्त ने इसे "ग्रह समर्थक जीवनशैली" का नाम दिया।

◼ सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर बैन

राज्य सरकार ने 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह एक सराहनीय कदम है, लेकिन इसका सफल क्रियान्वयन तभी संभव है जब हर नागरिक जिम्मेदारी से जुड़ें।