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देशी नस्ल की गायों के संरक्षण को मिलेगी प्राथमिकता: धर्मपाल सिंह

* कृत्रिम गर्भाधान, टीकाकरण और गोशालाओं की व्यवस्था को लेकर मंत्री ने दिए सख्त निर्देश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि देशी नस्ल की गायों के संरक्षण, संवर्धन और उत्पादकता बढ़ाने को प्राथमिकता दी जाएगी। गिर, साहीवाल, थारपारकर, गंगातीरी और हरियाणवी जैसी देशी नस्लों के पालन हेतु किसानों और पशुपालकों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। उन्होंने सेक्सड सार्टेड सीमन पर विशेष बल देते हुए कृत्रिम गर्भाधान से जुड़े कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए।

मंत्री ने विधान भवन स्थित कार्यालय में विभागीय बैठक में अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हरा चारा 15 जुलाई तक गोचर भूमि पर बोया जाए और वर्षा ऋतु को ध्यान में रखते हुए पशुओं के टीकाकरण अभियान की सभी तैयारियां समय से पूरी कर ली जाएं। उन्होंने गोकाष्ठ मशीनों की उपलब्धता हर गोशाला में सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि निराश्रित गोवंश का संरक्षण सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए गोशालाओं में चारा, पानी, दवा, बिजली जैसी मूलभूत व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। यदि कोई गोवंश सड़कों या खेतों में घूमता दिखे तो उसे तत्काल गोआश्रय स्थल पहुंचाया जाए। इस अभियान में पंचायतीराज, ग्राम्य विकास, नगर विकास और गृह विभागों के समन्वय से कार्य किया जाए।

दुग्ध उत्पादन को लेकर मंत्री ने कहा कि नई दुग्ध समितियों का गठन, किसानों से संवाद, और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को लगातार बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने ‘पराग’ ब्रांड के उत्पादों की मार्केटिंग और उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।

बैठक में विभाग के प्रमुख सचिव अमित कुमार घोष ने मंत्री को आश्वासन दिया कि गोआधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने हेतु गौ दुग्ध, गोबर और गोमूत्र के उपयोग के माध्यम से ग्रामीण आर्थिक स्वावलंबन पर केंद्रित योजनाएं चलाई जाएंगी।

बैठक में विशेष सचिव देवेंद्र पांडेय, राम सहाय यादव, पीसीडीएफ एमडी वैभव श्रीवास्तव, दुग्ध आयुक्त राकेश मिश्र, पशुपालन निदेशक योगेंद्र पवार, राजीव सक्सेना, एलडीबी सीईओ डॉ. पी.के. सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

जोशी (भड्डरी) और सावंत जातियों को ओबीसी सूची में शामिल करने पर 23 जून को सुनवाई

* यूपी पिछड़ा वर्ग आयोग ने किया पक्ष-विपक्ष को समय पर साक्ष्य के साथ उपस्थित होने का अनुरोध

लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने जोशी (भड्डरी) और सावंत जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) सूची में सम्मिलित किए जाने के संबंध में 23 जून 2025 को प्रारंभिक सुनवाई निर्धारित की है। यह सुनवाई दोपहर 12 बजे, कक्ष संख्या-316, इंदिरा भवन, अशोक मार्ग, लखनऊ स्थित आयोग कार्यालय में आयोजित की जाएगी।

आयोग को इन दोनों जातियों के प्रतिनिधियों द्वारा आवेदन प्राप्त हुआ था, जिसमें अनुरोध किया गया कि इन जातियों को उत्तर प्रदेश की ओबीसी सूची में स्थान दिया जाए। आयोग ने यह सुनवाई उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम 1996 की धारा-9 (1) के अंतर्गत प्राप्त प्रत्यावेदनों पर विचार करते हुए तय की है।

आयोग के सचिव मनोज कुमार सागर ने जानकारी दी कि संबंधित पक्षों याचिकाकर्ता और विरोध करने वाले- सभी से अनुरोध किया गया है कि वे अपने साक्ष्य, दस्तावेज और शपथ-पत्रों सहित समय पर उपस्थित होकर आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखें।

सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति या संस्था इन जातियों को ओबीसी सूची में शामिल किए जाने का विरोध करना चाहती है, तो वे सूचना के प्रकाशन की तिथि से 15 दिनों के भीतर अपना लिखित विरोध दर्ज करा सकते हैं और 23 जून 2025 को व्यक्तिगत रूप से आयोग में उपस्थित होकर भी अपना पक्ष रख सकते हैं।

उप्र बना बौद्ध विरासत का अंतरराष्ट्रीय केंद्र: आसियान देशों के प्रतिनिधिमंडल की ‘बोधि यात्रा’ जारी

कम्बोडिया, लाओस, म्यांमार, थाईलैंड और वियतनाम के प्रतिनिधि फैम ट्रिप के तहत यूपी के बौद्ध स्थलों का कर रहे हैं दौरा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की प्राचीन बौद्ध धरोहरों को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए राज्य पर्यटन विभाग ने कम्बोडिया, लाओ पीडीआर, म्यांमार, थाईलैंड और वियतनाम जैसे पांच आसियान देशों के प्रतिनिधिमंडल के लिए ‘बोधि यात्रा’ का आयोजन किया है। यह फैम ट्रिप (Familiarization Trip) मेकांग-गंगा सहयोग (MGC) योजना के अंतर्गत विदेश मंत्रालय के सहयोग से 2 से 7 जून 2025 तक संचालित हो रही है।

इस 50 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में बौद्ध भिक्षु, ट्रैवल एजेंट्स और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने जानकारी दी कि प्रतिनिधिमंडल को प्रदेश की समृद्ध बौद्ध विरासत और धार्मिक पर्यटन स्थलों से परिचित कराया जा रहा है।

लखनऊ में पारंपरिक स्वागत, स्थलों का दौरा

प्रतिनिधियों का पारंपरिक स्वागत राजधानी लखनऊ के एक प्रतिष्ठित होटल में किया गया। इस दौरान एक विशेष प्रस्तुति के माध्यम से बौद्ध सर्किट में आने वाले स्थलों और उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक महत्ता पर विस्तृत जानकारी साझा की गई। यात्रा के तीसरे दिन प्रतिनिधिमंडल ने बड़ा इमामबाड़ा, रूमी दरवाजा, भूलभुलैया सहित लखनऊ के प्रमुख दर्शनीय स्थलों का भ्रमण किया और स्थापत्य कला व सांस्कृतिक विविधता की सराहना की। इसके बाद दल श्रावस्ती के लिए रवाना हो गया।

* यूपी बनेगा वैश्विक बौद्ध पर्यटन का हब

यात्रा में प्रतिनिधि श्रावस्ती, कपिलवस्तु, कुशीनगर, सारनाथ और वाराणसी के साथ-साथ आगरा व लखनऊ के दर्शनीय स्थलों से भी रूबरू हो रहे हैं। इससे पहले प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी भेंट की थी। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि यह यात्रा उत्तर प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय बौद्ध पर्यटन के प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगी। इस पहल से प्रदेश की धार्मिक, सांस्कृतिक और विरासतीय पहचान को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का सशक्त अवसर मिलेगा।

योगी सरकार का ऐतिहासिक फैसला: अग्निवीरों को यूपी पुलिस में मिलेगा 20% आरक्षण

आवेदन करने वाले अग्निवीरों को आयु सीमा में भी दी जाएगी तीन वर्ष की छूट

अग्निवीरों को 20% आरक्षण देने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तर प्रदेश

लखनऊ। योगी कैबिनेट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य की पुलिस भर्ती में पूर्व अग्निवीरों को 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह आरक्षण पुलिस आरक्षी, पीएसी, घुड़सवार आरक्षी एवं फायरमैन की सीधी भर्ती में लागू होगा। योगी सरकार के इस निर्णय से न सिर्फ पूर्व अग्निवीरों को लाभ मिलेगा, बल्कि राज्य को प्रशिक्षित, अनुशासित और प्रेरित बल प्राप्त होगा।

वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि सरकार के इस निर्णय का उद्देश्य अग्निपथ योजना के तहत अपना चार साल का कार्यकाल पूरा करने वाले अग्निवीरों को सेवा के बाद सार्थक अवसर प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण फैसला है। आरक्षण सभी श्रेणियों (सामान्य, एससी, एसटी और ओबीसी) पर लागू होगा। अगर कोई अग्निवीर एससी श्रेणी से संबंधित है, तो आरक्षण एससी के भीतर लागू होगा। वहीं, अगर ओबीसी है, तो ओबीसी के भीतर होगा। उन्होंने कहा कि आरक्षी पुलिस, आरक्षी पीएसी, घुड़सवार पुलिस और फायरमैन जैसी श्रेणियों के लिए आवेदन करने वाले अग्निवीरों को आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट भी दी जाएगी।

2026 में आएगा पहला बैच, यूपी के युवाओं को सीधा लाभ

उन्होंने बताया कि इस प्रणाली के तहत भर्ती का पहला बैच 2026 में आएगा। कई राज्यों और केंद्रीय बलों ने अग्निवीरों को आरक्षण देने की पहल की है। हरियाणा और ओडिशा जैसे राज्यों ने पूर्व अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण की पेशकश की है। वहीं, उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने अब 20 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दे दी है। सरकार का यह फैसला न केवल उनकी सेवा को मान्यता देता है बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि वे अपने सैन्य कार्यकाल के बाद भी राष्ट्र के सुरक्षा ढांचे में योगदान देना जारी रख सकें।

योगी सरकार ने प्रस्तुत किया उदाहरण

भारत सरकार द्वारा शुरू की गई अग्निपथ योजना के तहत पहले बैच के अग्निवीर वर्ष 2026 में सेवामुक्त होकर लौटेंगे। इसके बाद वे सीधे उत्तर प्रदेश पुलिस की इन चार श्रेणियों में भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा बन सकेंगे। जहां केंद्र सरकार और कई राज्यों ने केवल 10% आरक्षण की व्यवस्था की है, वहीं उत्तर प्रदेश ने 20% क्षैतिज आरक्षण देकर उदाहरण पेश किया है।

योगी सरकार ने निभाया अपना वादा

योजना की शुरुआत के समय ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वादा किया था कि चार साल की सेवा के बाद लौटने वाले अग्निवीरों को उत्तर प्रदेश पुलिस और PAC में प्राथमिकता दी जाएगी। अब इस वादे को 20% आरक्षण की नीति लागू करके साकार कर दिया गया है। यह कदम न केवल पूर्व अग्निवीरों को एक स्थायी करियर की दिशा में प्रेरित करेगा, बल्कि सुरक्षा बलों को भी अनुभवी और प्रशिक्षित युवा मिलेंगे।

क्या है अग्निवीर योजना?

अग्निपथ योजना, जिसे केंद्र सरकार ने 2022 में शुरू किया था, भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना में युवाओं को चार साल की सेवा के लिए ‘अग्निवीर’ के रूप में भर्ती करने की प्रक्रिया है। इस दौरान छह महीने का प्रशिक्षण दिया जाता है और सेवा पूरी होने पर प्रदर्शन के आधार पर 25% अग्निवीरों को स्थायी सेवा में रखा जाता है। बाकी 75% युवाओं को अन्य सेवाओं में अवसर तलाशने का रास्ता मिलता है।

उप्र : कैबिनेट बैठक में होमस्टे नीति-2025 को मंजूरी, पर्यटन को मिलेगा नया आयाम

- सीएम योगी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में 11 में से 10 प्रस्तावों को मिली स्वीकृति

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश बेड एंड ब्रेकफास्ट एवं होमस्टे नीति-2025 को मंजूरी दे दी गई। इस नीति का उद्देश्य धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सुलभ, सस्ती और बेहतर ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराना है।

पर्यटन विभाग द्वारा तैयार इस नीति के अंतर्गत राज्य के किसी भी धार्मिक या पर्यटन स्थल पर व्यक्ति अपनी 1 से 6 कमरों की इकाई को होमस्टे के रूप में पंजीकृत करा सकेगा, जिसमें अधिकतम 12 बेड की अनुमति होगी। पर्यटक अधिकतम सात दिन तक इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे, आवश्यकता पड़ने पर ठहराव की अवधि का नवीनीकरण भी संभव होगा। पंजीकरण की प्रक्रिया जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता वाली कमेटी द्वारा संपन्न की जाएगी।

सरल पंजीकरण और प्रोत्साहन की व्यवस्था

वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने जानकारी दी कि ग्रामीण क्षेत्रों में नाममात्र शुल्क ₹500 से ₹750 जबकि शहरी क्षेत्रों में ₹2000 आवेदन शुल्क निर्धारित किया गया है। अब तक होमस्टे संचालकों को केंद्र सरकार के निधि प्लस पोर्टल पर पंजीकरण कराना पड़ता था, जबकि अब राज्य की नई नीति के तहत स्थानीय निकायों की अनापत्ति प्रमाणपत्र के साथ सरल प्रक्रिया अपनाई जा सकेगी। इस नीति में वित्तीय प्रोत्साहन और अनुदान की भी व्यवस्था की गई है, जिससे आम नागरिक भी अपने आवास को पर्यटक हित में उपयोग कर सकेंगे। यह पहल पर्यटन क्षेत्र के विकास के साथ-साथ स्थानीय रोजगार और आय के नए अवसर भी उत्पन्न करेगी।

प्रत्येक जिले में बनेंगे 75–100 अन्नपूर्णा भवन

कैबिनेट बैठक में मॉडल उचित दर दुकान/अन्नपूर्णा भवन निर्माण को गति देने के लिए नई योजना को भी मंजूरी दी गई। अब मनरेगा के अतिरिक्त राज्य वित्त आयोग, सांसद-विधायक निधि, पूर्वांचल-बुंदेलखंड विकास निधि या अन्य सरकारी योजनाओं के माध्यम से प्रति जनपद 75–100 अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण कराया जा सकेगा। जहां यह संभव न हो, वहां खाद्य एवं रसद विभाग अपनी बचत से निर्माण कराएगा। भवनों के अनुरक्षण की व्यवस्था भी प्रस्तावित की गई है।

5 औद्योगिक इकाइयों को मिली प्रोत्साहन राशि की स्वीकृति

बैठक में उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 के तहत मेगा श्रेणी के पांच औद्योगिक उपक्रमों को प्रोत्साहन धनराशि की प्रथम किस्त जारी करने की मंजूरी दी गई। इनमें शामिल हैं: SLMG बेवरेज प्रा. लि., बाराबंकी – ₹38.73 करोड़, सिल्वरटन पल्प एंड पेपर्स प्रा. लि., मुजफ्फरनगर – ₹1.88 करोड़, एसीसी लि., अमेठी – ₹17.28 करोड़, वंडर सीमेंट लि., अलीगढ़ – ₹38.32 करोड़ और

मून वेबरेजेज, हापुड़ – ₹8.68 करोड़।

कैबिनेट के सामने 11 प्रस्ताव रखे गए, 10 को स्वीकृति

बैठक में कुल 11 प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए, जिनमें से 10 को कैबिनेट की स्वीकृति मिली। ये निर्णय राज्य में पर्यटन, औद्योगिक विकास और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को गति देने में सहायक सिद्ध होंगे।

भाषा विश्वविद्यालय में नैक पीयर टीम का त्रिदिवसीय मूल्यांकन निरीक्षण

- निरीक्षण के दूसरे दिन टीम ने विश्वविद्यालय की विभिन्न प्रयोगशालाओं एवं वर्कशॉप्स का किया व्यापक निरीक्षण

लखनऊ। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) की पीयर टीम द्वारा ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय का त्रिदिवसीय निरीक्षण जारी है। इसका उद्देश्य विश्वविद्यालय की समग्र शैक्षणिक गुणवत्ता, संसाधनों, अनुसंधान, नवाचार और छात्र सहभागिता का मूल्यांकन करना है।

निरीक्षण के दूसरे दिन टीम ने विश्वविद्यालय की विभिन्न प्रयोगशालाओं एवं वर्कशॉप्स का व्यापक निरीक्षण किया। इसमें जिम्नेजियम, मैकेनिकल वर्कशॉप, मीडिया लैब, इंग्लिश लैब, मैकेनिकल इंजीनियरिंग लैब, उर्दू लैंग्वेज लैब, नेटवर्किंग लैब, पायथन लैब, एआई लैब, मूट कोर्ट, हाईब्रिड लेक्चर हॉल, सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, लीगल एड क्लीनिक, अटल हॉल, अवधी शोधपीठ, आईकेएस सेल, आर्ट गैलरी, डिस्पेंसरी, बैंक और फार्मेसी शामिल थे।

टीम ने साफ-सफाई, प्रयोगशालाओं की संरचना, उपकरणों की उपलब्धता एवं कार्यशीलता, सुरक्षा मानकों (जैसे फायर एक्सटिंग्विशर, वेंटिलेशन, फर्स्ट एड), तकनीकी स्टाफ की उपस्थिति, आईसीटी संसाधनों का प्रयोग, छात्र सहभागिता, प्रैक्टिकल रिकॉर्ड, और इनोवेटिव प्रैक्टिस की भी बारीकी से समीक्षा की।

दोपहर के सत्र में, नैक टीम विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांवों का दौरा कर वहां की स्थितियों का मूल्यांकन किया और स्थानीय निवासियों से बातचीत कर विश्वविद्यालय की सामाजिक पहल का जायज़ा लिया।

तीसरे सत्र में, टीम ने विश्वविद्यालय के एलुमिनाई (पूर्व छात्र) से संवाद कर उनके अनुभवों और सुझावों को जाना। इसके साथ ही छात्र प्रतिनिधियों के साथ भी विचार-विमर्श किया गया, जिसमें विद्यार्थियों की शिक्षा, सुविधा और सहभागिता पर चर्चा हुई।

दिन के अंतिम सत्र में, टीम ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक विभागों — जैसे वित्त विभाग, फार्मेसी, स्कॉलरशिप, पीएचडी सेक्शन, आईक्यूएसी, परीक्षा विभाग, समर्थ सेक्शन और रजिस्ट्रार कार्यालय की कार्यप्रणाली की समीक्षा की। इसके अतिरिक्त, कार्यपरिषद के सदस्यों के साथ हाइब्रिड मोड में बैठक भी की गई।

कारागार महानिदेशक ने किया कार्यभार ग्रहण

लखनऊ। कारागार मुख्यालय, लखनऊ में मंगलवार को नव नियुक्त महानिदेशक कारागार पीसी मीना ने पदभार ग्रहण किया। कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ परिचयात्मक बैठक की, जिसमें प्रशासनिक कार्यप्रणाली, सुधारात्मक नीतियाँ एवं कारागार प्रबंधन को लेकर विभागीय प्राथमिकताओं पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।

मिर्जापुर, बाराबंकी और झांसी जिलों में स्थापित होंगे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

- मंत्री दिनेश प्रताप सिंह बोले -केन्द्रों का उद्देश्य किसानों की उत्पादकता और आय में वृद्धि करना

लखनऊ। प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास 19, गौतमपल्ली, लखनऊ पर आयोजित प्रेस वार्ता में जानकारी दी कि भारत सरकार द्वारा प्रदेश के तीन जनपदों मिर्जापुर, बाराबंकी और झांसी में नये सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना स्वीकृत की गई है। इन केन्द्रों द्वारा ड्रैगन फ्रूट, खजूर, सिट्रस फ्रूट (नींबू, लेमन, किन्नो, मौसमी आदि) और फूल-सब्जी के क्षेत्र में किसानों को गुणवत्तायुक्त पौध उत्पादन के साथ ही नवीन प्रजातियों एवं विधाओं का प्रशिक्षण एवं उन्नत तकनीकों का प्रदर्शन उपलब्ध कराया जायेगा।

श्री सिंह ने बताया कि जनपद बाराबंकी के ग्राम सोनीकपुर, विकासखण्ड त्रिवेदीगंज, तहसील हैदरगढ़ में इण्डो-डच सहयोग से सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल एंड फ्लावर की स्थापना की जाएगी। इस केन्द्र के लिए पहली बार नीदरलैण्ड/डच सरकार को सहयोगी पार्टनर बनाया गया है, जिसके विशेषज्ञ पूर्व में स्थल का भ्रमण कर चुके हैं।

इसी प्रकार जनपद मिर्जापुर के ग्राम देवरी कला, तहसील मरिहन स्थित राजकीय प्रक्षेत्र पर ड्रैगन फ्रूट एवं खजूर के लिए सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी। इस केन्द्र के लिए तकनीकी सहयोग भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बैंगलुरु और कृषि विश्वविद्यालय, कोटा (राजस्थान) द्वारा प्रदान किया जाएगा। इसी प्रकार जनपद झांसी में बरुआसागर स्थित औद्यानिक एवं प्रशिक्षण केन्द्र पर सिट्रस वर्गीय फलों हेतु सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी। इस केन्द्र को इण्डो-इजराइल परियोजना के अंतर्गत इजराइली विशेषज्ञों का तकनीकी सहयोग प्राप्त होगा।

मंत्री ने बताया कि सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस का उद्देश्य किसानों को उस फसल से संबंधित पौध उत्पादन से लेकर विपणन तक की नवीनतम तकनीकों का प्रशिक्षण देना और आधुनिक विधियों का प्रदर्शन करना है, ताकि किसान इन तकनीकों को अपनाकर परंपरागत खेती में सुधार कर सकें तथा उत्पादकता और आय में वृद्धि कर सकें। उन्होंने बताया कि देश में उत्तर प्रदेश इण्डो-इजराइल तकनीक सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस में दूसरे स्थान पर है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में चार सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस जिसमें फल और सब्जी हेतु बस्ती, सब्जी हेतु कन्नौज, फल और सब्जी हेतु सहारनपुर तथा अलंकृत पौध हेतु आलमबाग, लखनऊ संचालित हैं। इसके अतिरिक्त छह सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस फल हेतु कौशाम्बी, सब्जी हेतु चन्दौली, शहद हेतु सहारनपुर और रायबरेली तथा एरोपोनिक्स आलू उत्पादन हेतु हापुड़ और कुशीनगर निर्माणाधीन हैं।

लखनऊ में बड़ा मंगल पर ट्रैफिक अलर्ट, जानिए कौन-कौन से रास्ते बंद रहेंगे

यूपी की राजधानी में ज्येष्ठ मास का पहला बड़ा मंगल पर्व आज पूरे श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। शहर के प्रमुख हनुमान मंदिरों पर भोर से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के भी कड़े इंतजाम किये गए है । शहर भर में सड़कों के किनारे किनारे सुबह -सुबह भंडारे का कार्यक्रम शुरू हो गया है। पर्व को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस द्वारा बीती रात 12 बजे से शहर के कई हिस्सों में यातायात डायवर्जन लागू कर दिया गया है, जो दिनभर प्रभावी रहेगा। भारी वाहनों, रोडवेज व सिटी बसों समेत सामान्य यातायात को वैकल्पिक मार्गों से होकर गुजरने की सलाह दी गई है।

प्रमुख डायवर्जन इस प्रकार से

-सीतापुर रोड की ओर से आने वाले भारी वाहन व बसें कपूरथला या IT चौराहा की ओर नहीं जा सकेंगी। इन्हें मड़ियांव, टेढ़ी पुलिया, विकासनगर, वायरलेस, बादशाहनगर, सिकंदरबाग होते हुए भेजा जा रहा है।

-हजरतगंज/कैसरबाग की ओर से आने वाला यातायात कपूरथला नहीं जा सकेगा। इन्हें डालीगंज पुल, शाहमीना, पक्का पुल होकर डायवर्ट किया गया है।

-कुर्सी रोड से आने वाला ट्रैफिक नीरा नर्सिंग होम नहीं जा सकेगा, बल्कि हीवेट पॉलीटेक्निक, वायरलेस, बादशाहनगर होते हुए भेजा जा रहा है।

-IT चौराहा से अलीगंज की ओर जाने वाली रोडवेज व सिटी बसें अब अयोध्या रोड, सेन्ट्रल बैंक, वायरलेस, विष्णुपुरी होकर जाएंगी।

सहारा टावर से आने वाला यातायात अब कपूरथला नहीं जा सकेगा

-सहारा टावर से आने वाला यातायात अब कपूरथला नहीं जा सकेगा, बल्कि साई मंदिर तिराहा, निरालानगर ओवरब्रिज से डायवर्ट होगा।

-निरालानगर की ओर से आने वाले ऑटो, विक्रम, दोपहिया व चारपहिया वाहन अब सीधे कपूरथला नहीं जा सकेंगे।

-छन्नीलाल चौराहा से कपूरथला की ओर भी सामान्य यातायात बंद कर दिया गया है।

-साईं मंदिर अलीगंज तिराहे से कपूरथला की ओर आने वाला यातायात भी प्रतिबंधित है।

हनुमान सेतु की तरफ सामान्य यातायात प्रतिबंधित

-अल्कापुरी तिराहा से कपूरथला की ओर यातायात को चौराहा नंबर 8 से होकर डायवर्ट किया गया है।

-शालीमार कटिंग से हनुमान सेतु की तरफ सामान्य यातायात प्रतिबंधित है।

-IT चौराहा से हनुमान सेतु मंदिर की ओर यातायात नहीं जा सकेगा, उसे निशातगंज होते हुए भेजा जाएगा।

-12-14. क्लार्क अवध, मोतीमहल, और सिकंदरबाग से हनुमंतधाम की ओर जाने वाला सामान्य यातायात भी डायवर्ट किया गया है।

श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रबंध

मंदिरों के आसपास भारी पुलिस बल तैनात है।

CCTV व ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है।

नगर निगम द्वारा साफ-सफाई व जल व्यवस्था के विशेष इंतजाम किए गए हैं।

आपात सेवाएं रहेंगी मुक्त

हालांकि, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, स्कूली वाहन, शव वाहन जैसे आपातकालीन वाहनों को ट्रैफिक पुलिस द्वारा जरूरत पड़ने पर प्रतिबंधित मार्गों पर अनुमति दी जाएगी।

ट्रैफिक कंट्रोल रूम से संपर्क हेतु नंबर:9454405155

अगर सवर्ण न होते न भारत होता न भारत का संविधान : सुरज प्रसाद चौबे प्रदेश अध्यक्ष सवर्ण आर्मी


लखनऊ । देश जब गुलाम था उस समय समय की मांग थी कि देश के आजादी के लिए लड़ा जाय उस समय अम्बेडकर जी अपने जाती के लिए लड़ रहे थे यह बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण है जब देश में विषम परिस्थितियों हो उस समय जाती के बारे में सोचे मुझे प्राउड होता है कि देश के आजादी की पहली गोली मंगल पांडेय ने चलाई थी किसी ने पूछा कि सवर्ण आर्मी जातिवाद करती हमे अपने जाती पर गर्व है हमे अपने महापुरुषों पर गर्व है हमे इसलिए गर्व नहीं है कि हम उच्च जाति के है,अपने पूर्वजों पर इसलिए गर्व नहीं है कि वह हमारी जाती के है हमे अपने जाती पर गर्व इसलिए है कि हमेशा दूसरों को लेकर साथ चली ,बहन बेटियों के सम्मान के लिए धर्म की रक्षा के लिए जान अपनी गर्दनों को कटवाई ,आज जो इस देश में जो लोग अपनी जनसंख्या गिना रहे हैं जो लोग रिजर्वेशन की बात कर रहे।

सवर्ण को विदेशी बता रहे हैं उनको बताना चाहते है कि अगर सवर्ण न होते न भारत होता न भारत का संविधान होता। इतिहास वीरों का लिखा जाता है कायरो का नहीं एक बात आप को बता दें मां सीता को ले कर जन रावण जा रहा था तो रावण त्रिलोक विजेता था रावण के सामने जटायु का कोई मतलब नहीं था लेकिन जटायु ने युद्ध का संकल्प लिया ,जटायु के शहीद हो गए शहीद होने के बाद इतिहास में दर्ज हुआ इतिहास में दर्ज होने का कारण उनका रावण से युद्ध करने का संकल्प रहा ,आप भी संकल्प ले अपने समाज के लिए ,सभी जातीय भेद भाव के विरुद्ध,जातीय जनगणना के विरुद्ध ,संगठित हो कर आवाज उठाए संकल्प ही आप को विजय प्राप्त कराएगा ।

यह बाते सवर्ण आर्मी प्रदेश अध्यक्ष सुरज प्रसाद चौबे ने भरौली घोरावल में सवर्ण समाज के लोगों से कहा,प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सवर्ण आर्मी प्रमुख सर्वेश पांडेय सवर्ण की आवाज बनकर देश ही नहीं विदेश में पहचान बनाई है जिनका जन्म दिन तीन जून को सवर्ण , सवर्ण एकता दिवस के रूप में कई सालों से मन रहा है इस बात भी स्वर्ण आर्मी पूरे देश में तीन जून को उत्सव की तरह पूरे प्रदेश में सवर्ण एकता दिवस मनाया जा रहा है सोनभद्र में मां कुंडवासिनी देवी के धाम कुंडरी में मनाया जा रहा है,जिला अध्यक्ष पी के शुक्ला,जिला उपाध्यक्ष राहुल तिवारी , सुरेन्द्र नाथ तिवारी ,शशांक चौबे , जितेन्द्र कुमार पाठक लकी सिंह,,मनोज सिंह मुख्य उपस्थित रहे।