उप्र : कैबिनेट बैठक में होमस्टे नीति-2025 को मंजूरी, पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
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- सीएम योगी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में 11 में से 10 प्रस्तावों को मिली स्वीकृति
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश बेड एंड ब्रेकफास्ट एवं होमस्टे नीति-2025 को मंजूरी दे दी गई। इस नीति का उद्देश्य धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सुलभ, सस्ती और बेहतर ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराना है।
पर्यटन विभाग द्वारा तैयार इस नीति के अंतर्गत राज्य के किसी भी धार्मिक या पर्यटन स्थल पर व्यक्ति अपनी 1 से 6 कमरों की इकाई को होमस्टे के रूप में पंजीकृत करा सकेगा, जिसमें अधिकतम 12 बेड की अनुमति होगी। पर्यटक अधिकतम सात दिन तक इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे, आवश्यकता पड़ने पर ठहराव की अवधि का नवीनीकरण भी संभव होगा। पंजीकरण की प्रक्रिया जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता वाली कमेटी द्वारा संपन्न की जाएगी।
सरल पंजीकरण और प्रोत्साहन की व्यवस्था
वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने जानकारी दी कि ग्रामीण क्षेत्रों में नाममात्र शुल्क ₹500 से ₹750 जबकि शहरी क्षेत्रों में ₹2000 आवेदन शुल्क निर्धारित किया गया है। अब तक होमस्टे संचालकों को केंद्र सरकार के निधि प्लस पोर्टल पर पंजीकरण कराना पड़ता था, जबकि अब राज्य की नई नीति के तहत स्थानीय निकायों की अनापत्ति प्रमाणपत्र के साथ सरल प्रक्रिया अपनाई जा सकेगी। इस नीति में वित्तीय प्रोत्साहन और अनुदान की भी व्यवस्था की गई है, जिससे आम नागरिक भी अपने आवास को पर्यटक हित में उपयोग कर सकेंगे। यह पहल पर्यटन क्षेत्र के विकास के साथ-साथ स्थानीय रोजगार और आय के नए अवसर भी उत्पन्न करेगी।
प्रत्येक जिले में बनेंगे 75–100 अन्नपूर्णा भवन
कैबिनेट बैठक में मॉडल उचित दर दुकान/अन्नपूर्णा भवन निर्माण को गति देने के लिए नई योजना को भी मंजूरी दी गई। अब मनरेगा के अतिरिक्त राज्य वित्त आयोग, सांसद-विधायक निधि, पूर्वांचल-बुंदेलखंड विकास निधि या अन्य सरकारी योजनाओं के माध्यम से प्रति जनपद 75–100 अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण कराया जा सकेगा। जहां यह संभव न हो, वहां खाद्य एवं रसद विभाग अपनी बचत से निर्माण कराएगा। भवनों के अनुरक्षण की व्यवस्था भी प्रस्तावित की गई है।
5 औद्योगिक इकाइयों को मिली प्रोत्साहन राशि की स्वीकृति
बैठक में उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 के तहत मेगा श्रेणी के पांच औद्योगिक उपक्रमों को प्रोत्साहन धनराशि की प्रथम किस्त जारी करने की मंजूरी दी गई। इनमें शामिल हैं: SLMG बेवरेज प्रा. लि., बाराबंकी – ₹38.73 करोड़, सिल्वरटन पल्प एंड पेपर्स प्रा. लि., मुजफ्फरनगर – ₹1.88 करोड़, एसीसी लि., अमेठी – ₹17.28 करोड़, वंडर सीमेंट लि., अलीगढ़ – ₹38.32 करोड़ और
मून वेबरेजेज, हापुड़ – ₹8.68 करोड़।
कैबिनेट के सामने 11 प्रस्ताव रखे गए, 10 को स्वीकृति
बैठक में कुल 11 प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए, जिनमें से 10 को कैबिनेट की स्वीकृति मिली। ये निर्णय राज्य में पर्यटन, औद्योगिक विकास और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को गति देने में सहायक सिद्ध होंगे।
Jun 03 2025, 20:20