अन्तरात्मा में सत्य एवं न्याय का खिला पुष्प ही ईश्वर की प्राप्ति है स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज: राजेश तिवारी
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विश्वनाथ प्रताप सिंह
प्रयागराज। अन्तरात्मा में सत्य एवं न्याय का खिला पुष्प ही ईश्वर प्राप्ति का फल है यह अभिव्यक्ति स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज मेजा प्रयागराज के बकचून्दा निवासी राजेश तिवारी ने नवयुवक समाजसेवी करन सिंह एवं अंकुर सिंह से उनके निज ग्राम पंचायत बादपुर माण्डा रोड प्रयागराज के बूढ़ेनाथ महादेव मंदिर के प्रांगण में कही।खबर का दृष्टिकोणिक कराते चले कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज श्री तिवारी एक विशेष कार्य से इधर कि ओर पधारे थे।उसी दरमियान प्रभू बूढ़ेनाथ महादेव के दर्शन करने हेतु उनके प्रांगण में पहुँचे जहाँ उनकी मुलाकात दोनों नवयुवक समाजसेवी करन सिंह एवं अंकुर सिंह से हुई।दोनों ही नवयुवक समाजसेवी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज श्री तिवारी से मिलकर काफी प्रसन्नता व्यक्त की और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज श्री तिवारी ने उन्हें आध्यात्म जगत की काफी गूढ़ रहस्यों की जानकारी दी।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज श्री तिवारी महान ईश्वरभक्त में से एक हैं और वर्षों वर्षों तक ईश्वर साधना में लीन रहे हैं।आपसी सौहार्दपूर्ण साहित्यिक परिचर्चा के दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज श्री तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि अन्तरात्मा में सत्य एवं न्याय का खिला पुष्प ही ईश्वर की प्राप्ति है क्योंकि सत्य एवं न्याय ही ईश्वर का मूलभूत स्वरुप है।ईश्वर को वही व्यक्ति प्राप्त कर सकता है जिसकी आत्मा सदा सत्य एवं न्याय के अमृतकूप में स्नान करती है।स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज श्री तिवारी ने आगे कहा कि यह समूचा ब्रह्माण्ड शून्य से उत्पन्न हुआ है और सृष्टि के प्रलय के बाद भी यह समूचा ब्रह्माण्ड शून्य में ही समाहित हो जाएगा और शून्य के कर्ताकारक स्वयं ईश्वर ही हैं जो नर व नारी स्वरुप में एककारक हैं अर्थात ईश्वर एक है वह आवश्यकतानुसार दो स्वरुप नर व नारी में निहित होकर सृष्टि का संचालन करते हैं जिन्हें अर्द्धनारीश्वर भी कहा जाता है।स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज श्री तिवारी ने आगे यह भी कहा कि देवों के देव महादेव बहुत ही दयालु हैं और अपने भक्तों को मुँह मांगा वर भी प्रदान करते हैं और एक स्वरुप इनका महाकाल भी है जो प्राणी महाकाल का सच्चा भक्त होता है तो एकबार काल भी पीछे हट जाता है और बिना महादेव के प्रतिउत्तर के काल कुछ भी नही कर पाता क्योंकि काल भी महाकाल के अधीन ही होता है।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज श्री तिवारी ने आगे अपने व्यक्तव्य में यह भी कहा कि सत्य ही ईश्वर है और न्याय ही उनके निवास स्थल है,सत्य एवं न्याय में रमा आत्मा ही ईश्वर प्राप्ति का फल है।इस साहित्यिक एवं आध्यात्मिक परिचर्चा के दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज श्री तिवारी के साथ वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण राज सिंह,आचार्य प्रकाशानन्द महराज,शिक्षाविद कमलेश पाण्डेय,शिक्षाविद राम प्रसाद पटेल,शिक्षाविद जोखू लाल पटेल,नवयुवक समाजसेवी करन सिंह,नवयुवक समाजसेवी अंकुर सिंह एवं अजय कुमार विश्वकर्मा सहित आस पास प्रभू महादेव के बहुत से भक्तगण मौजूद रहे।
May 31 2025, 16:32