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लखनऊ: महिला दरोगा ने की आत्महत्या, कारणों का नहीं चला पता

ब्रेकिंग --

लखनऊ। इंदिरानगर स्थित ए ब्लॉक में एक महिला दरोगा ने आत्महत्या कर ली। जानकारी के अनुसार, वह विकास भवन के पास एक मकान में किराए पर रह रही थीं।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और पंचनामा की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। आत्महत्या के कारणों का फिलहाल खुलासा नहीं हुआ है। मामले की जांच जारी है।

उत्तर प्रदेश में जल संरक्षण की नई इबारत, 566 विकासखंड सुरक्षित श्रेणी में पहुंचे

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में भूजल संरक्षण और जल प्रबंधन के क्षेत्र में किए गए ठोस प्रयास अब परिणाम देने लगे हैं। राज्य सरकार की नई जल नीति, तकनीकी नवाचार और जनभागीदारी आधारित योजनाओं के चलते प्रदेश के 826 में से 566 विकासखंडों में भूजल स्तर में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया है।

लखनऊ, बलरामपुर, गोंडा, बहराइच, बाराबंकी, रायबरेली सहित 29 जिलों में जल स्तर में व्यापक सकारात्मक परिवर्तन देखा गया है। यह बदलाव पूरे देश के लिए एक अनुकरणीय मॉडल के रूप में उभर रहा है।

2017 के मुकाबले बेहतर हुआ भूजल परिदृश्य

वर्ष 2017 में 82 विकासखंड ‘अतिदोहित’ (Over-exploited) श्रेणी में थे, जबकि अब यह संख्या घटकर 50 रह गई है। साथ ही, कई ‘सेमी-क्रिटिकल’ श्रेणी वाले ब्लॉक्स अब ‘सुरक्षित’ श्रेणी में आ चुके हैं। यह सुधार तीन स्तंभों- नीतिगत प्रतिबद्धता, तकनीकी निगरानी, और सामुदायिक भागीदारी- के सफल समन्वय का परिणाम है।

तकनीकी निगरानी से बनी जल नीति और भी प्रभावी

राज्य सरकार ने भूजल की सटीक और समयबद्ध निगरानी के लिए पिछले एक वर्ष में 500 पीजोमीटर और 690 डिजिटल वॉटर लेवल रिकॉर्डर (DWLR) स्थापित किए हैं। इन उपकरणों से जल स्तर का रियल टाइम डेटा उपलब्ध हो रहा है, जिससे जल प्रबंधन से जुड़े निर्णय अधिक वैज्ञानिक और पारदर्शी बन सके हैं।

भूगर्भ जल विभाग की दीर्घकालिक योजना

‘नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग’ के अंतर्गत भूगर्भ जल विभाग ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए स्थायी भूजल प्रबंधन की विस्तृत रणनीति बनाई है। भूजल सूचना प्रणाली को लगातार उन्नत किया जा रहा है, ताकि जल के दोहन, उपयोग और पुनर्भरण की प्रक्रियाएं वैज्ञानिक ढंग से संचालित की जा सकें।

भूजल स्तर में सुधार वाले हैं यह 29 जिले :

आगरा, अलीगढ़, औरैया, बहराइच, बलरामपुर, बाराबंकी, बरेली, बिजनौर, एटा, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गोंडा, हापुड़, जालौन, झांसी, कानपुर देहात, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, लखनऊ, महोबा, मैनपुरी, मथुरा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर , रायबरेली, रामपुर, सहारनपुर, शाहजहांपुर, श्रावस्ती।

लखनऊ के नया हनुमान मंदिर में शुरू हुआ फेस रिकग्निशन सिस्टम, सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन में तकनीक का बड़ा कदम

लखनऊ। राजधानी के अलीगंज क्षेत्र स्थित नया हनुमान मंदिर में बढ़ती भीड़ और सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने एक अभिनव पहल की है। मंदिर परिसर में उन्नत फेस रिकग्निशन सिस्टम का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य आगंतुकों की निगरानी को अधिक सुव्यवस्थित बनाना और संभावित सुरक्षा खतरों से समय रहते निपटना है।

इस नई एआई-सक्षम तकनीक से भीड़ नियंत्रण और आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उल्लेखनीय मदद मिलेगी। यह पहल धार्मिक स्थलों पर तकनीक के प्रभावी उपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति मानी जा रही है।

प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि परीक्षण चरण के दौरान इस तकनीक ने 6,500 से अधिक यूनिक विजिटर्स को रिकॉर्ड किया और 96 प्रतिशत की सटीकता दर के साथ रियल-टाइम में चेहरा पहचानने में सफलता हासिल की।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत मंदिर के वीआईपी गेट और अन्य प्रमुख प्रवेश व निकास द्वारों पर हाई-रेजोल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं। यह सिस्टम संभावित भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों की पूर्व पहचान कर त्वरित समाधान दे सकता है और चोरी या अन्य संदिग्ध गतिविधियों की स्थिति में तेजी से पहचान कर सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया समय को घटा सकता है। इससे पहले हनुमान सेतु मंदिर में भी इस तकनीक का परीक्षण किया गया था, जहां यह 93% सटीकता के साथ सफल रहा।

* भविष्य में राज्यभर के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर विस्तार की योजना

पर्यटन मंत्री ने बताया कि विभाग अब इस तकनीक को अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर, हनुमान गढ़ी, प्रयागराज के बड़े हनुमान जी मंदिर और अलोपी देवी मंदिर, वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और बटुक भैरव मंदिर, मथुरा के कुसुम सरोवर, वृंदावन के श्री बांके बिहारी मंदिर और प्रेम मंदिर सहित अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भी लागू करने की योजना बना रहा है।

योगी सरकार का संवेदनशील निर्णय, मृतक शिक्षकों के परिजनों को मिलेगी डेथ ग्रेच्युटी

* यूपी सरकार ने सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत मृतक शिक्षकों के परिजनों को दी बड़ी राहत

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत मृतक शिक्षकों के परिजनों को बड़ी राहत दी है। सेवाकाल में मृत्यु होने की स्थिति में शिक्षकों के परिजनों को मृत्यु उपदान (डेथ ग्रेच्युटी) का भुगतान शासनादेश के अनुरूप किया जाएगा। इस संबंध में शासन ने 24.12.1983, 30.03.1983 और 04.02.2004 के शासनादेशों के सन्दर्भ में नवीन आदेश जारी कर दिए हैं।

योगी सरकार का यह कदम न केवल मृतक शिक्षकों के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करेगा, बल्कि राज्य सरकार की मानवीय और सहयोगी सोच का भी परिचायक है। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि प्रदेश के सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत ऐसे शिक्षक, जिन्होंने सेवानिवृत्ति का विकल्प नहीं दिया था और जिनकी मृत्यु 58 वर्ष की आयु से पूर्व हो गई, तथा वे शिक्षक जिन्होंने 60 वर्ष पर सेवानिवृत्ति का विकल्प भरा था, परंतु विकल्प परिवर्तन की निर्धारित अवधि से पहले ही उनका निधन हो गया, इन सभी मामलों में उनके परिजनों को मृत्यु उपदान (डेथ ग्रेच्युटी) दिए जाने का निर्णय लिया गया है।

इसी प्रकार, 03 फरवरी 2004 के पश्चात के उन मामलों में भी, जहां शिक्षकों ने सेवानिवृत्ति का विकल्प नहीं चुना और 60 वर्ष की आयु से पहले निधन हो गया,

तथा ऐसे शिक्षक जिन्होंने 62 वर्ष पर सेवानिवृत्ति का विकल्प भरा, मगर विकल्प परिवर्तन की निर्धारित अवधि से पहले ही उनका निधन हुआ, उनके परिजनों को भी मृत्यु उपदान (डेथ ग्रेच्युटी) का भुगतान किया जाएगा।

उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह निर्णय शासन की संवेदनशीलता और जनकल्याणकारी दृष्टिकोण को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि निदेशक, उच्च शिक्षा को इस आदेश के अनुपालन हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दे दिए गए हैं।

उत्तर प्रदेश रेरा की साप्ताहिक समीक्षा बैठक सम्पन्न, प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण पर विशेष बल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) की साप्ताहिक समीक्षा बैठक सोमवार को लखनऊ स्थित रेरा मुख्यालय के सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता यूपी रेरा के अध्यक्ष श्री भूसरेडडी ने की, जबकि नोएडा कार्यालय के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।

अध्यक्ष श्री भूसरेडडी ने बैठक के दौरान विभिन्न प्रमुख बिंदुओं की बिंदुवार गहन समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को प्रकरणों के प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए। बैठक में जिन विषयों पर विशेष रूप से चर्चा की गई, वे हैं:

धारा-31 के अंतर्गत दायर शिकायतों की स्थिति एवं अनुश्रवण, अवमानना याचिकाएं व अपीलों की प्रगति, सुप्रीम कोर्ट, उच्च न्यायालय एवं ट्रिब्यूनल में लंबित वादों की स्थिति,

महत्वपूर्ण प्रकरणों में प्रभावी पैरवी की आवश्यकता, रिट याचिकाओं की अद्यतन स्थिति।

प्रमोटर्स, एजेंट्स और शिकायतकर्ताओं के बीच समझौतों की समीक्षा

बैठक में रेरा के आदेशों के संदर्भ में प्रमोटर्स, एजेंट्स एवं शिकायतकर्ताओं के मध्य हुए समझौतों, प्रमोटर्स द्वारा पंजीकृत परियोजनाओं में अधिनियम एवं नियमों के अनुपालन तथा रेरा पोर्टल से जुड़े तकनीकी पहलुओं पर भी चर्चा की गई।

ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट और कंप्लीशन सर्टिफिकेट को पोर्टल पर अपलोड करने की प्रगति की समीक्षा करते हुए इसकी प्रक्रिया को गति देने के निर्देश दिए गए। साथ ही, मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली और निर्माणाधीन मुख्यालय भवन की प्रगति की स्थिति पर भी विचार-विमर्श हुआ।

अध्यक्ष ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से आग्रह किया कि वे समर्पण भाव और समयबद्धता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें, जिससे रेरा की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और प्रभावशीलता बनी रहे।

वरिष्ठ अधिकारियों की रही उपस्थिति

बैठक में रेरा सचिव महेन्द्र वर्मा, प्रमुख सलाहकार अबरार अहमद, वित्त परामर्शदाता सुधांशु त्रिपाठी, संयुक्त सचिव उमाशंकर सिंह, सहायक निदेशक (सिस्टम) अम्बरीस, तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण लखनऊ मुख्यालय से तथा नोएडा कार्यालय से जुड़े अधिकारीगण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे।

महिला अपराधों के निस्तारण में पुलिस की भूमिका पर कार्यशाला सम्पन्न, योजनाओं और जनसुनवाई कार्यक्रमों की हुई समीक्षा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग द्वारा "महिला अपराधों के निस्तारण में पुलिस विभाग की भूमिका" विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला एवं मासिक बैठक का आयोजन आयोग के सभागार में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान, उपाध्यक्ष श्रीमती अपर्णा यादव एवं श्रीमती चारू चौधरी द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।

बैठक की शुरुआत पुण्यश्लोक रानी अहिल्याबाई होल्कर जन्म शताब्दी वर्ष स्मृति अभियान 2025 के अंतर्गत संगोष्ठी कार्यक्रम से हुई। रानी अहिल्याबाई के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके द्वारा किए गए सामाजिक सुधारों—जैसे सती प्रथा का विरोध और शिक्षा का प्रसार—की सराहना की गई। कार्यशाला के प्रथम सत्र में अपर पुलिस अधीक्षक (अपराध) श्रीमती रुकमणी वर्मा एवं पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) विनोद कुमार यादव द्वारा प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित योजनाओं और अभियानों की विस्तार से जानकारी दी गई। इनमें शामिल हैं:

महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन द्वारा संचालित कार्यक्रम

घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, बाल शोषण से संबंधित रोकथाम उपाय

1090 महिला हेल्पलाइन, महिला हेल्प डेस्क, पिंक बूथ

आशा ज्योति केंद्र, एसिड अटैक पीड़ितों की सहायता

रानी लक्ष्मीबाई सम्मान कोष के माध्यम से आर्थिक व कानूनी सहयोग

इन योजनाओं के संचालन की कार्यप्रणाली और उपलब्ध संसाधनों की जानकारी उपस्थित प्रतिनिधियों को दी गई।

महिला जनसुनवाई और निरीक्षणों की समीक्षा

द्वितीय सत्र में विभिन्न जनपदों में आयोग की माननीय सदस्यों द्वारा की गई महिला जनसुनवाई एवं निरीक्षण कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। इसके साथ ही आगामी माह के लिए कार्यक्रमों की रूपरेखा और रणनीति पर विस्तृत चर्चा की गई।

* बैठक का समापन और धन्यवाद ज्ञापन

कार्यक्रम का समापन सदस्य सचिव श्रीमती सुधा वर्मा द्वारा सभी अतिथियों और पदाधिकारियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने महिला सशक्तिकरण के प्रति सभी के सहयोग को सराहा।

इस अवसर पर आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान, उपाध्यक्षगण श्रीमती अपर्णा यादव व श्रीमती चारू चौधरी, तथा सदस्यगण- श्रीमती हिमानी अग्रवाल, श्रीमती सुनीता श्रीवास्तव, श्रीमती अंजू प्रजापति, श्रीमती पूनम द्विवेदी, श्रीमती अनीता गुप्ता, श्रीमती अनुपमा सिंह लोधी, सहित अन्य सदस्य एवं पुलिस विभाग के अधिकारीगण- श्रीमती रुकमणी वर्मा (अपर पुलिस अधीक्षक, अपराध) एवं विनोद कुमार यादव (पुलिस उपाधीक्षक, मुख्यालय) उपस्थित रहे।

महिला एवं परिवार कल्याण महानिदेशालय को बम से उड़ाने की धमकी, मचा हड़कंप

लखनऊ । राजधानी में स्थित महिला एवं परिवार कल्याण महानिदेशालय को बम से उड़ाने की धमकी मिलने से सोमवार को हड़कंप मच गया। एक अज्ञात ई-मेल के जरिए कार्यालय को चार आरडीएक्स बम से उड़ाने की धमकी दी गई, जिसके बाद अफसरों और कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई।सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, बम स्क्वॉड और डॉग स्क्वॉड की टीम मौके पर पहुंची और एहतियातन पूरे कार्यालय को खाली कराया गया। हालांकि बम से उड़ाने की सूचना से कार्यालय में ही नहीं आसपास भी हड़कंप मच गया है।

पुलिस ने की जांच, नहीं मिला कोई विस्फोटक पदार्थ

घंटों तक चले सघन तलाशी अभियान के दौरान भवन के अंदर और आस-पास के इलाकों में कोई संदिग्ध वस्तु या विस्फोटक सामग्री नहीं मिली।पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बम की धमकी महज अफवाह हो सकती है, लेकिन ई-मेल भेजने वाले की पहचान करने के लिए साइबर सेल को जांच में लगा दिया गया है। सहायक पुलिस आयुक्त, साइबर अपराध, अभिनव ने बताया कि मेल की तकनीकी पड़ताल की जा रही है और जल्द ही आरोपी का पता लगा लिया जाएगा। हालांकि बता दें कि बम रखे जाने की सूचना मिलते ही कार्यालय में भगदड़ मच गई लोग डर के मारे जैसे तैसे भागने लगे।

कार्यालय और उसके आसपास की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई

फिलहाल कार्यालय और उसके आसपास की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखने के लिए अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई है। साथ ही सभी कर्मचारियों को हिदायत दी गई है कि वे किसी भी संदिग्ध पार्सल या पैकेट को रिसीव न करें और तत्काल सुरक्षा कर्मियों को सूचना दें।पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हर पहलू से जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि कार्यालय में डर का माहौल है, लेकिन सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

बेसिक शिक्षा राष्ट्र निर्माण की नींव : योगी

139 कस्तूरबा विद्यालयों का लोकार्पण, 109 मॉडल स्कूलों का शिलान्यास

सीएम ने डीबीटी के जरिये 1.5 करोड़ छात्रों को भेजी ₹1200 की सहायता

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बेसिक शिक्षा बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और राष्ट्र निर्माण की आधारशिला है। लोकभवन सभागार में आयोजित बेसिक शिक्षा परिषद के भव्य कार्यक्रम में उन्होंने 3,300 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में आए बदलावों की सराहना करते हुए शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में कई नए मॉडल प्रस्तुत किए।

सीएम योगी ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले परिषद के स्कूलों में जर्जर भवन, गंदगी और अव्यवस्था आम थी। छात्रों की संख्या लगातार घट रही थी और ड्रॉपआउट दर चिंताजनक थी। लेकिन ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ जैसी योजनाओं से अब स्कूलों की तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। अब स्कूलों में शौचालय, स्वच्छ पेयजल, खेल मैदान, स्मार्ट क्लास और डिजिटल लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसका परिणाम यह है कि कई विद्यालयों में छात्रों की संख्या अब 800 से 1200 तक पहुंच गई है।

कार्यक्रम में सीएम योगी ने 139 उच्चीकृत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के नवनिर्मित भवनों और डॉरमेट्री का लोकार्पण किया। साथ ही 43 मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालय और 66 मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट विद्यालयों की आधारशिला भी रखी गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनिफॉर्म, बैग, जूते-मोजे और स्टेशनरी के लिए प्रत्येक छात्र के अभिभावक के खाते में ₹1200 की राशि सीधे ट्रांसफर की गई है। उन्होंने शिक्षकों और अभिभावकों से अपील की कि यह राशि बच्चों की जरूरतों पर ही खर्च की जाए।

हर विधानसभा में होगा एक मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय

सीएम योगी ने घोषणा की कि प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय स्थापित किया जाएगा। ये स्कूल प्री-प्राइमरी से लेकर सीनियर सेकेंडरी स्तर तक एक ही परिसर में आधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित होंगे।

इनमें साइंस लैब, कंप्यूटर लैब, स्टेडियम, मल्टीपर्पज हॉल जैसी सुविधाएं होंगी। ये विद्यालय अटल आवासीय विद्यालयों की तर्ज पर विकसित किए जाएंगे।

शिक्षकों की संख्या और गुणवत्ता पर विशेष जोर

सीएम ने भरोसा दिलाया कि हर विद्यालय में पर्याप्त शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे। उन्होंने बीएड और एमएड छात्रों को निपुण आकलन कार्यक्रम में जोड़ने का सुझाव दिया, जिससे उन्हें फील्ड अनुभव मिल सके और स्मार्ट शिक्षा प्रणाली से वे परिचित हो सकें।

समर कैंप में खेल, संगीत, योग और रचनात्मक गतिविधियां होंगी शामिल

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि समर कैंप में खेल, नाटक, नृत्य, संगीत और योग जैसी गतिविधियों को शामिल किया जाए। 21 जून के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए विद्यालयों में अभी से तैयारी शुरू की जाए। इसके अलावा नवंबर-दिसंबर में राज्य स्तरीय खेल और सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।

स्कूल चलो अभियान को दें गति

सीएम योगी ने ‘स्कूल चलो अभियान’ को और प्रभावी बनाने का निर्देश देते हुए कहा कि 5 से 14 वर्ष के प्रत्येक बच्चे को स्कूल से जोड़ा जाए। नए बच्चों का स्वागत ढोल-नगाड़े के साथ हो और स्वच्छता अभियान को विद्यालयों से जोड़ा जाए।

शिक्षकों से राष्ट्र निर्माण में योगदान की अपील

मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका को गंभीरता से लें। उन्होंने कहा, “समय किसी का इंतजार नहीं करता। शिक्षक का सम्मान उनके पढ़ाए हुए बच्चों की सफलता में निहित है।”

शिक्षकों का सम्मान और नई पुस्तकों का विमोचन

इस अवसर पर निपुण आकलन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 5 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। साथ ही राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा तैयार की गई दो नवाचारपूर्ण पुस्तकों -‘सारथी’ और ‘अनुरूपण’ - का भी विमोचन किया गया।

* बच्चों की प्रदर्शनी का अवलोकन

कार्यक्रम के अंत में सीएम योगी ने बच्चों द्वारा लगाई गई शैक्षिक प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने बच्चों से संवाद कर उनकी प्रस्तुतियों के पीछे के विचारों को जाना और उनकी रचनात्मकता की सराहना की।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, और अपर मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा) दीपक कुमार समेत कई वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्यजन उपस्थित रहे।

पुलिस महानिदेशक यूपी प्रशांत कुमार ने किया थाना चंदापुर का लोकार्पण

पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार ने रविवार को जनपद रायबरेली के नवनिर्मित थाना चंदापुर का लोकार्पण किया। यह थाना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत स्थापित किया गया है। इसका उद्देश्य क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को और मजबूत बनाना तथा महिलाओं व आमजन को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है।

थाना परिसर में डीजीपी ने किया पौधारोपण

थाना चंदापुर, थाना महाराजगंज के अंतर्गत आने वाली चौकी चंदापुर को उच्चीकृत कर बनाया गया है। इसमें कुल 23 ग्राम (02 ग्राम थाना मिलएरिया और 21 ग्राम थाना महाराजगंज) शामिल किए गए हैं। लोकार्पण अवसर पर डीजीपी ने थाना परिसर में वृक्षारोपण किया और थाने के कार्यालय, हवालात, मालखाना एवं सीसीटीएनएस सिस्टम का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने 12 ग्राम प्रहरियों को साइकिल, छाता और लाठी वितरित की।

ग्राम प्रहरी पुलिस व्यवस्था की अहम कड़ी : डीजीपी

डीजीपी ने कहा कि ग्राम प्रहरी पुलिस व्यवस्था की अहम कड़ी हैं और उनका योगदान महत्वपूर्ण है।इस मौके पर अपर पुलिस महानिदेशक लखनऊ जोन, पुलिस महानिरीक्षक लखनऊ परिक्षेत्र, जिलाधिकारी रायबरेली, पुलिस अधीक्षक रायबरेली समेत कई पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि और ग्रामीण मौजूद रहे।थाना चंदापुर की स्थापना से क्षेत्र की शांति व्यवस्था, अपराध नियंत्रण और जनसुरक्षा को मजबूती मिलेगी।

बड़ा मंगल पर्व पर लखनऊ में यातायात डायवर्जन व्यवस्था लागू, जानें किस रास्ते पर रहेगा प्रतिबंध

लखनऊ । विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी ज्येष्ठ मास का बड़ा मंगल पर्व 27 मई, 6 जून और 10 जून को श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस पर्व पर राजधानी लखनऊ के विभिन्न हनुमान मंदिरों, विशेषकर अलीगंज के नया व पुराना हनुमान मंदिर और हनुमान सेतु मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। मंदिर परिसरों में विशाल मेलों का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें शहर के कोने-कोने से लोग भाग लेंगे।

श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए लिया गया है निर्णय

श्रद्धालुओं की भारी भीड़, सुगम यातायात और सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए लखनऊ पुलिस द्वारा 27 मई की रात्रि 12 बजे से विशेष यातायात डायवर्जन व्यवस्था लागू की जाएगी, ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था उत्पन्न न हो। यह व्यवस्था मुख्य रूप से भारी वाहनों, रोडवेज/सिटी बसों तथा कुछ प्रमुख मार्गों पर लागू होगी।

यातायात डायवर्जन के प्रमुख बिंदु

-सीतापुर रोड से आने वाले भारी वाहन – रोडवेज/सिटी बसें डालीगंज व पुरनिया रेलवे क्रासिंग से कपूरथला या आईटी चौराहे की ओर नहीं जा सकेंगी। इन्हें मड़ियांव ओवरब्रिज, टेढ़ी पुलिया, बादशाहनगर, सिकंदरबाग होते हुए भेजा जाएगा।

-कैसरबाग/हजरतगंज से आने वाले भारी वाहन – ये वाहन आईटी चौराहा या कपूरथला की ओर नहीं जा सकेंगे। इन्हें सुभाष चौराहा, डालीगंज पुल, शाहमीना, निशातगंज आदि मार्गों से डायवर्ट किया जाएगा।

-कुर्सी रोड से आने वाला यातायात – हीवेट पॉलिटेक्निक (रहीमनगर) से नीरा नर्सिंग होम की ओर नहीं जा सकेगा। इन्हें वायरलेस चौराहा, गोल मार्केट होकर भेजा जाएगा।

-आईटी चौराहा से अलीगंज की ओर जाने वाली सिटी बसें – ये बसें विवेकानंद ओवरब्रिज की ओर नहीं जाएंगी, बल्कि सेन्ट्रल बैंक तिराहा होते हुए वैकल्पिक मार्ग से भेजी जाएंगी।

-सहारा टावर (नगर निगम जोन-3) से कपूरथला की ओर सामान्य यातायात प्रतिबंधित रहेगा।

-निराला नगर की ओर से आने वाले कमर्शियल वाहन जैसे ऑटो, विक्रम, दोपहिया/चारपहिया वाहन कपूरथला नहीं जा सकेंगे।

-छन्नीलाल चौराहा से कपूरथला की ओर, साई मंदिर अलीगंज, अल्कापुरी तिराहा, सुशीला देवी स्मृतिका से हनुमान सेतु, आईटी चौराहा से हनुमान सेतु मंदिर, क्लार्क अवध से हनुमंतधाम मंदिर, मोतीमहल तिराहा व पीएनटी बालू अड्डा से हनुमंतधाम मंदिर की ओर यातायात प्रतिबंधित रहेगा।

पुलिस का विशेष निर्देश

-एम्बुलेंस, फायर सर्विस, शव वाहन, स्कूली वाहन एवं अन्य आपातकालीन सेवाओं को प्रतिबंधित मार्गों पर भी अनुमति दी जाएगी।

-किसी भी स्थिति में मार्गदर्शन हेतु नागरिक ट्रैफिक कंट्रोल रूम के नंबर 9454405155 पर संपर्क कर सकते हैं।

-लखनऊ ट्रैफिक पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे श्रद्धा और सौहार्द्र के इस पर्व के अवसर पर जारी यातायात दिशा-निर्देशों का पालन करें और प्रशासन को सहयोग दें, ताकि पर्व शांतिपूर्ण और सुरक्षित रूप से सम्पन्न हो सके।