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बिजली खंभे से टकराई तेज रफ्तार बाइक, चार युवकों की मौत, गांव में पसरा मातम

सरायपाली- महासमुंद जिले के सरायपाली नगर में आज एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया. शीतला मंदिर के पास एक तेज रफ्तार बाइक बिजली खंभे से जा टकराई, जिससे मौके पर ही दो युवकों की मौत हो गई. वहीं दो गंभीर रूप से घायल युवकों ने भी अस्पताल में दम तोड़ दिया. हादसा इतना भयानक था कि बाइक के परखच्चे उड़ गए. बताया जा रहा है कि चारों युवक एक ही बाइक पर सवार थे और तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने के कारण हादसे के शिकार हुए.

इस हादसे में अनिस बाघ पिता प्रहलाद बाघ, किशन भोई पिता राजकुमार भोई की मौके पर ही मौत हुई. वहीं मनीष बाघ पिता अहरलाद बाघ, गोपाल प्रधान पिता नरेंद्र प्रधान गंभीर रूप से घायल हुए थे. घायलों को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरायपाली में भर्ती कराया गया था, जहां दोनों युवकों की भी मौत हो गई. चारों युवक बेलमुंडी गांव के निवासी बताए जा रहे हैं और सभी की उम्र 20 से 22 वर्ष के बीच है.

बिना दस्तखत सरकारी खाते से निकले 24 लाख से अधिक रकम, DEO ने बनाई जांच कमेटी

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही- बिना दस्तखत सरकारी खाते से 24 लाख से अधिक की राशि निकालने का मामला सामने आया है. यह मामला उस वक्त उजागर हुआ, जब इस साल मार्च के महीने में राज्य सरकार द्वारा बची हुई राशि को वापस मांगा गया. विकासखंड स्त्रोत समन्वयक ने मामले की शिकायत कलेक्टर से की है. वहीं इस मामले की जांच के लिए डीईओ ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. जांच में ही पता चलेगा कि किसने पैसा निकाला और कहां इस्तेमाल किया. पूरा मामला पेंड्रा ब्लॉक का है.

पेंड्रा ब्लॉक के दो कार्यालयों के विभाग प्रमुख के संयुक्त हस्ताक्षर से सर्व शिक्षा अभियान निर्माण मद का खाता एक्सिस बैंक में संचालित हो रहा है. इस खाते के संचालन के लिए CEO पेण्ड्रा और BRCC पेण्ड्रा का किसी भी प्रकार के बैंक ट्रांजेक्शन में दोनों का दस्तखत होना अनिवार्य है. इसके बाद ही एक्सिस बैंक से राशि आहरण किया जा सकता है. बावजूद इसके BRCC के दस्तखत के बिना ही खाते से तीन अलग-अलग किस्तों में लगभग 24 लाख की राशि निकाल ली गई. बीते वर्ष के सितंबर में इस खाते से 2 लाख रुपए, दिसंबर में 20 लाख और जनवरी में 2 लाख 28 हजार सात सौ उनतालीस रुपए BRCC के दस्तखत के बिना निकाल लिए गए हैं.

पैसा निकाले जाने का मामला उस वक्त उजागर हुआ, जब इस साल मार्च के महीने में राज्य सरकार द्वारा बची हुई राशि को वापस मांगा गया. इसके बाद B.R.C.C पेण्ड्रा ने अपना एक्सिस बैंक का एकाउंट स्टेमेन्ट चेक किया तो उसमें 24 लाख रुपये से अधिक की रकम निकाली जा चुकी थी वो भी बीआरसीसी के हस्ताक्षर के बिना निकाली गई है. B.R.C.C पेण्ड्रा ने पैसे निकाले जाने की सूचना जिला अधिकारी को दे दी है, जिसके बाद मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है.


जांच कमेटी की पड़ताल में सामने आएगी हकीकत


जांच कमेटी की पड़ताल में ये सामने आएगी कि आखिर कैसे संयुक्त हस्ताक्षर से संचालित इस सरकारी खाते से तत्कालीन पेण्ड्रा CEO के दस्तखत के बिना कैसे इतनी बड़ी राशि निकाल ली गई और उस रकम का कहां इस्तेमाल किया गया गया. वहीं इस मामले में एक्सिस बैंक की भूमिका भी सवालों के घेरे में है कि कैसे बिना दस्तखत एक नहीं तीन बार रकम निकाली गई.

सभी जांच के लिए तैयार हूं : तत्कालीन सीईओ

इस मामले में संजय शर्मा तत्कालीन CEO पेण्ड्रा का कहना है कि इस बारे में मुझे जानकारी नहीं है. CEO रहने के दौरान मैंने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे सरकारी राशि का दुरुपयोग हो. मैंने CEO रहते सारे कार्य नियमानुसार किए हैं. भविष्य में किसी भी प्रकार की जांच के लिए तैयार हूं.

कुम्हारी टोल प्लाजा में अवैध वसूली के खिलाफ कांग्रेस का हल्ला बोल: पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने चलाया हस्ताक्षर अभियान

रायपुर- कुम्हारी टोल प्लाज़ा को लेकर कांग्रेस द्वारा छेड़े गए आंदोलन ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता विकास उपाध्याय के नेतृत्व में आज सुबह 11 बजे से कुम्हारी टोल प्लाजा पर एक ज़ोरदार हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। इस अभियान का उद्देश्य टोल प्लाजा में कथित अवैध टोल वसूली के विरोध में आम जनता का समर्थन जुटाना और इसे बंद कराने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाना है।

स्कैनिंग कैमरे पर काला पेंट लगाकर किया विरोध

इस दौरान एक अहम और प्रतीकात्मक कदम उठाते हुए विकास उपाध्याय ने फ्री एंट्री मार्ग पर लगे स्कैनिंग कैमरे पर काला पेंट पोतकर उसे निष्क्रिय कर दिया। उन्होंने कहा कि जब इस मार्ग से रायपुर 04 और दुर्ग 07 रजिस्ट्रेशन वाले फ्री वाहनों को बिना टोल रोके निकलने देना है, तो वहां स्कैनिंग कैमरा लगाए जाने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कैनिंग कैमरे के माध्यम से VIP वाहनों के FASTag से चुपचाप पैसे काटे जा रहे थे, जो सरासर धोखाधड़ी है।

जनता से संवाद, फिर हस्ताक्षर

हस्ताक्षर अभियान के दौरान विकास उपाध्याय और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने टोल प्लाज़ा से गुजरने वाले वाहन चालकों को रोका, उनसे बात की और टोल वसूली के अवैध तरीकों के बारे में बताया। इस अभियान में सैकड़ों नागरिकों ने हस्ताक्षर कर समर्थन दिया, जिन्हें न्यायालय में पेश कर अवैध टोल वसूली बंद करने की कानूनी मांग की जाएगी।

न्यायालय तक जाएगी लड़ाई

विकास उपाध्याय ने स्पष्ट किया कि यह केवल आंदोलन नहीं बल्कि न्याय की लड़ाई है। उन्होंने कहा, “यह टोल प्लाज़ा पूरी तरह अवैध तरीके से संचालित हो रहा है। भारतीय जनता पार्टी के संरक्षण में जिन एजेंसियों या व्यक्तियों द्वारा यह अनियमितता हो रही है, उनके खिलाफ हम न्यायालय में कानूनी कार्रवाई करेंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस इस मुद्दे पर पहले ही एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर दिग्विजय सिंह से चर्चा, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र, और छत्तीसगढ़ के 10 भाजपा सांसदों को ज्ञापन दे चुकी है।

आज विकास उपाध्याय के साथ इस अभियान में बबीता नथानी, अशोक ठाकुर, प्रकाश जगत, कमलेश मिश्रा, कमलकांत शुक्ला, अमनदीप शर्मा, हरीश साहू, पप्पू खैरा, पम्मी चोपड़ा, भूपिंदर शेरगिल, मनप्रीत सिंह मुल्तानी, मन्नू गिल, लोकेश वशिष्ठ, अभय ठाकुर, शानू दीवान, सूरज साहू, हैप्पी बाजवा, रूपेश कुमार साहू, अभिषेक ठाकुर, निर्वय सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, फिरतु सिंह ठाकुर, कृष्णा नायक, बाकर अब्बास, कुलदीप मठरू, दिलीप गुप्ता, मोहसिन खान, जैगम अब्बास, कुमकुम झा, भानु प्रताप सिंह, दाऊलाल साहू, सितेंद्र ठाकुर, राजू चंदेल, संदीप तिवारी, हर्षित जायसवाल, वेद प्रकाश कुशवाहा आदि उपस्थित रहे।

ड्रीम 11 में काम दिलाने के नाम पर युवक का अपहरण, 5 लाख की मांगी फिरौती, युवक-युवती गिरफ्तार

दुर्ग- छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक को ड्रीम 11 में काम दिलाने के नाम पर झारखंड ले जाया गया और वहां उसका अपहरण कर लिया गया. पुलिस ने इस मामले में आरोपी झारखंड के एक युवक के साथ भिलाई की एक युवती को गिरफ्तार किया है. पूरा मामला वैशालीनगर थाना क्षेत्र का है.

युवक रजत शाह को आरोपी सिमरन कौर और राहुल पासवान 11 मई को झारखंड यह कहकर लेकर गए थे कि वहां उसे ड्रीम 11 से जुड़े किसी कार्य में शामिल किया जाएगा, लेकिन वहां पहुंचने के बाद आरोपियों ने रजत को रेड्डी अन्ना ऐप चलाने के लिए मजबूर किया, जो ऑनलाइन सट्टा से जुड़ा हुआ है और कथित रूप से महादेव ऐप नेटवर्क से संबंधित है.

दरअसल पूरी घटना 11 मई को भिलाई में रहने वाले रजत के साथ घटी है, जहां उसे ड्रीम 11 से जुड़े कार्यों में शामिल करने के नाम पर झारखंड ले जाया गया, उसके बाद आरोपियों ने उसे रेड्डी अन्ना ऐप में काम करने के लिए दबाव बनाया. रजत शाह ने इस अवैध कार्य को करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद आरोपियों ने उसका अपहरण कर लिया और परिवार वालों से 5 लाख रुपये की फिरौती की मांग करने लगे.

रजत के परिवार ने तुरंत इस मामले की सूचना वैशाली नगर थाना पुलिस को दी. एसपी विजय अग्रवाल के निर्देश पर एक टीम गठित की और झारखंड रवाना किया गया. मोबाइल लोकेशन ट्रेस कर झारखंड पुलिस की सहायता से आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सिमरन कौर और राहुल पासवान के रूप में हुई है. बाकी तीन अन्य साथी फरार हो गए थे. पुलिस को जांच के दौरान महादेव ऐप से जुड़े कई तकनीकी और डिजिटल सबूत मिले हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह गिरोह ऑनलाइन सट्टेबाजी के एक बड़े नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है. पुलिस ने रजत शाह को सकुशल बरामद कर लिया है और अब इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस जल्द ही और गिरफ्तारियां कर सकती है.

घुसपैठियों पर STF की कार्रवाई, नाम बदलकर रह रही दो बांग्लादेशी महिला गिरफ्तार

दुर्ग-  छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी / रोहिंग्यो घुसपैठियों की पहचान कर उनके खिलाफ दुर्ग पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। इसके लिए दुर्ग जिले में एसटीएफ का गठन किया गया है, जिनके माध्यम से लगातार दुर्ग में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की जा रही है। आज फिर मोहन नगर थाना क्षेत्र के जयंती नगर स्थित मकान में अपना मूल पहचान छुपाकर निवास करने वाली बांग्लादेशी महिला सपना शर्मा और रानी पासवान को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

दोनों महिलाएं अब तक अलग-अलग कई स्पा सेंटर और कॉल सेंटरों में काम कर चुकी है। इन महिलाओं के पास फर्जी एवं कूटरीचित दस्तावेज के आधार पर आधार कार्ड, पेन कार्ड, मतदाता परीचय पत्र एवं बैंक पासबुक पुलिस ने जब्त किया है। एसटीएफ टीम ने जब दोनों महिलाओं से पूछताछ की तब उन्होंने अपना नाम सपना शर्मा उर्फ सपना मंडल एवं खुशबू उर्फ रानी पासवान बताया। दोनों महिलाओं के कब्जे से प्राप्त दस्तावेज एवं मोबाइल चेक करने पर पुलिस ने पाया कि सपना शर्मा उर्फ सपना मंडल का वास्तविक नाम सनाया नूर है, जो मूलतः जोरहाट जिला दीनाजपुर बांग्लादेश की रहने वाली है। वह लगभभ 15 वर्ष पूर्व भारत बांग्लादेश सीमा को अवैध रूप से पार कर बिना वैध दस्तावेज के 8 वर्षों से चंगोराभाठा रायपुर में निवास कर चुकी है।

सनाया नूर ने बांग्लादेशी नागरिक के मूल पहचान को छिपाते हुए स्वयं को भारतीय नागारिक सिद्ध करने के लिए वर्ष 2019 में फर्जी दस्तावेज तैयार कर अभय शर्मा नाम के व्यक्ति को अपना पति बताकर फर्जी आधार कार्ड, पेन कार्ड एवं मतदाता परिचय पत्र तैयार किया था। जांच में पाया गया कि सनाया नूर इंटरनेट के माध्यम से बाग्लादेश के कई नंबरों से लगातार सम्पर्क में थी। बांग्लादेशी महिला रानी पासवान उर्फ खुशबू ने पूछताछ पर अपना नाम खुशबू बेगम पिता जेर मोहम्मद निवासी जोबरहाट जिला दिनाजपुर बाग्लादेश का मूल निवासी होना बताया। यह भी लगभग 15 साल पहले अवैध रूप से बिना वैध दस्तावेज के बांग्लादेश से भारतीय सीमा में प्रवेश किया है।

खूशबू बेगम भी फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड बनवाया है। दोनों बांग्लादेशी महिलाओं के विरूद्ध बिना किसी वैध दस्तावेज के अवैध रूप से भारत में निवासरत होकर बांग्लादेशी नागरिक की मूल पहचान छिपाने, फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनका दुरूपयोग करने पर धारा 318(4), 319(2), 336(3), 3(5) बीएनएस, 14 विदेशी विषयक एक्ट 1946, 12 पासपोर्ट एक्ट, 1967 एवं 3 पासपोर्ट एक्ट के तहत मोहन नगर थाने में मामला दर्ज कर दोनों को जेल भेजा गया है। दोनों बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा तैयार किए गए फर्जी दस्तावेज बनाने में सहयोग करने वाले व्यक्तियों की तलाश में पुलिस जुटी है।

नीति आयोग की बैठक में दिखी आत्मीयता: जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री श्री साय का थामा हाथ और कहा – छत्तीसगढ़ की बात अभी बाकी है

रायपुर-  नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक के दौरान एक आत्मीय क्षण सामने आया, जिसने सबका ध्यान खींचा। लंच ब्रेक के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का हाथ थामते हुए मुस्कराकर कहा कि "छत्तीसगढ़ की बात अभी बाकी है।" इस एक वाक्य में प्रधानमंत्री का स्नेह, विश्वास और राज्य के प्रति विशेष रुचि झलक रही थी। उस क्षण, आसपास उपस्थित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन भी मुस्कराते हुए इस संवाद के साक्षी बने।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों में हो रहे सकारात्मक बदलाव, औद्योगिक निवेश, और ‘आत्मनिर्भर बस्तर’ की दिशा में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए ठोस कदमों की सराहना की। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि कैसे बस्तर अब संघर्ष नहीं, संभावना का प्रतीक बन रहा है – जहाँ कभी बंदूकें चलती थीं, वहाँ अब मशीनें, लैपटॉप और स्टार्टअप की चर्चा हो रही है। नवा रायपुर में देश की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट और एआई डेटा सेंटर की स्थापना से लेकर लिथियम ब्लॉक की नीलामी तक – छत्तीसगढ़ अब संसाधनों से परिपूर्ण राज्य बनने की ओर अग्रसर है और देश के विकास में छत्तीसगढ़ की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है।

यह क्षण किसी औपचारिक संवाद का नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा छत्तीसगढ़ के विकास के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री श्री साय के प्रयासों की सहज स्वीकृति और सराहना का था। नीति आयोग की बैठक में जहां देशभर के राज्यों ने अपने विकास मॉडल प्रस्तुत किए, वहीं छत्तीसगढ़ की प्रस्तुति ने प्रधानमंत्री की विशेष रुचि और सराहना प्राप्त की। यह स्पष्ट संकेत है कि छत्तीसगढ़ अब केवल एक उभरता हुआ राज्य नहीं, बल्कि देश के समग्र विकास में एक निर्णायक भूमिका निभाने वाला राज्य बन चुका है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने PM मोदी के सामने रखा आत्मनिर्भर बस्तर विजन, 75 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था और 3T मॉडल के साथ 2047 का लक्ष्य

रायपुर-   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ का दूरदर्शी विकास मॉडल प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि कभी नक्सल हिंसा के लिए पहचाना जाने वाला बस्तर अब देश को विकास, रोजगार और आत्मनिर्भरता का नया मॉडल देने जा रहा है।

मुख्यमंत्री साय ने नीति आयोग के मंच पर छत्तीसगढ़ के लिए 75 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था का दीर्घकालिक लक्ष्य रखा और इसके केंद्र में ‘3T मॉडल’ (Technology, Transparency, Transformation) को बताया। उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासन अब तकनीक आधारित, पारदर्शी और तेज़ गति से निर्णय लेने वाला बन रहा है। हर योजना को डिजिटली ट्रैक किया जा रहा है, ताकि आम जनता को समय पर और सटीक सेवाएं मिल सकें। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह मॉडल न केवल छत्तीसगढ़ को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने में सहायक होगा, बल्कि भारत के 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य में भी राज्य की अहम भूमिका सुनिश्चित करेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने वर्ष 2047 तक के लिए एक विस्तृत रणनीति तैयार की है, जिसके तहत राज्य की अर्थव्यवस्था को 6 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 75 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस दौरान प्रति व्यक्ति आय में 10 गुना वृद्धि का अनुमान है। इस रणनीति को ‘छत्तीसगढ़ अंजोर विजन डॉक्यूमेंट’ नाम दिया गया है, जिसमें राज्य के आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय विकास की समग्र योजना निहित है।

उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना, कृषि, आईटी, पर्यटन और कौशल विकास जैसे 13 प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। इन सभी क्षेत्रों के बेहतर क्रियान्वयन हेतु 10 विशिष्ट मिशन प्रारंभ किए गए हैं।

बस्तर अब संघर्ष नहीं, संभावना का प्रतीक

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर अब संघर्ष का नहीं, बल्कि संभावनाओं का क्षेत्र बन गया है। बस्तर और उसके आसपास के 32 ब्लॉकों में स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोले गए हैं, जहां युवाओं को कंप्यूटर, स्वास्थ्य सेवा, फूड प्रोसेसिंग और तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। अब यहां के बच्चे जंगल में लकड़ी चुनने के बजाय लैपटॉप और मशीनें चला रहे हैं।

उन्होंने बताया कि बस्तर में अब बड़े निवेश आ रहे हैं। नवा रायपुर में स्थापित की जा रही देश की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट और एआई डेटा सेंटर से बस्तर एवं समूचे राज्य में रोजगार के व्यापक अवसर सृजित होंगे। अब बस्तर ‘मेक इन इंडिया’ का उपयुक्त स्थल बन रहा है।

मुख्यमंत्री साय ने बताया कि सरकार द्वारा मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए पुनर्वास, प्रशिक्षण और स्वरोजगार योजनाएं तैयार की गई हैं। अब बस्तर में आदिवासियों को स्वरोजगार, प्रशिक्षण और बाज़ार की सुविधाएं मिल रही हैं। स्थानीय उत्पादों की बिक्री से रोजगार के नए द्वार खुल रहे हैं। बस्तर का धुड़मारास गांव संयुक्त राष्ट्र द्वारा ‘सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव’ की सूची में शामिल किया गया है।

भौगोलिक और औद्योगिक अधोसंरचना में ऐतिहासिक निवेश

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क को 1100 किलोमीटर से बढ़ाकर 2200 किलोमीटर तक ले जाने का कार्य प्रगति पर है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर 21 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। रायपुर एयरपोर्ट से अब कार्गो सेवा भी प्रारंभ हो चुकी है, जिससे राज्य एक प्रमुख लॉजिस्टिक हब के रूप में उभर रहा है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में प्रचुर मात्रा में खनिज संपदा उपलब्ध है। विशेषकर स्टील, कोयला, डोलोमाइट और लिथियम जैसे संसाधनों की उपलब्धता के चलते छत्तीसगढ़ औद्योगिक दृष्टि से अग्रणी राज्य बनता जा रहा है। स्टील उत्पादन क्षमता को 28 मिलियन टन से बढ़ाकर 45 मिलियन टन और बिजली उत्पादन को 2030 तक देश में शीर्ष स्थान तक ले जाने का लक्ष्य है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां लिथियम ब्लॉक की सफल नीलामी हुई है। यह उपलब्धि ग्रीन एनर्जी और इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगी।

प्रशासनिक नवाचार और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन

मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य सरकार द्वारा किए गए 350 से अधिक नीतिगत सुधारों की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि जमीन पंजीकरण जैसे कार्य अब केवल 500 रुपये में घर बैठे संभव हो गए हैं। नई औद्योगिक नीति के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में प्ले स्कूल, हॉस्पिटल और कॉलेज खोलने वालों को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

नीति आयोग में छत्तीसगढ़ के 2047 रोडमैप की प्रमुख बातें

1. छत्तीसगढ़ - ऊर्जा और उद्योग की रीढ़

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ बिजली, कोयला, स्टील और सीमेंट जैसे संसाधनों के माध्यम से भारत की औद्योगिक नींव को सुदृढ़ करता है। छत्तीसगढ़ की यह विशिष्टता देश के आर्थिक विकास को मजबूत आधार प्रदान करती है।

2. खेती और जंगल – ग्रामीण समृद्धि का आधार

कृषि, मछलीपालन और वनोपज आधारित आजीविका से ग्रामीणों और आदिवासियों की आय और आत्मनिर्भरता बढ़ी है जो आदिवासी और ग्रामीण जीवन की दिशा में सकारात्मक परिवर्तन को परिलक्षित करता है।

3. आदिवासी अधिकारों में नई क्रांति

आदिवासी परिवारों को जमीन का अधिकार पाने की प्रक्रिया सरल होने से आदिवासियों का सुरक्षा और सम्मान बढ़ेगा, जो सामाजिक न्याय और अधिकारों की दिशा में क्रांतिकारी पहल है।

4. HHH मॉडल से पर्यटन को नया विस्तार : 

HHH मॉडल के माध्यम से हॉस्पिटैलिटी, हाउसिंग और हैंडीक्राफ्ट के जरिए स्थानीय महिलाओं और कारीगरों को रोजगार मिलने के साथ ही छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक पहचान मिलेगी।

5. डिजिटल बदलाव से प्रशासन में पारदर्शिता और गति

अब सरकारी कामों में तकनीक का ज़्यादा इस्तेमाल हो रहा है। छत्तीसगढ़ ने “3T” मॉडल अपनाया है – टेक्नोलॉजी, ट्रांसपेरेंसी और ट्रांसफॉर्मेशन। इसका मतलब है कि सरकारी काम अब साफ-सुथरे और जल्दी होंगे। ऑनलाइन फॉर्म, समय पर सेवाएं और आसान प्रक्रिया से जनता का भरोसा बढ़ेगा। यह भ्रष्टाचार को घटाकर जनता के विश्वास को मजबूत करता है।

6. नीतिगत नेतृत्व में अग्रणी राज्य

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब छत्तीसगढ़ सिर्फ संसाधन बहुल राज्य नहीं, बल्कि नीति और प्रशासन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” के विचार को छत्तीसगढ़ पूरी लगन से लागू कर रहा है। अब तक 350 से ज्यादा सरकारी सुधार किए गए हैं।

7. सड़क परिवहन और हवाई सुविधाओं की बढ़ी रफ्तार : 11 साल में 21,380 करोड़ से नई सड़कें बनीं। अब जगदलपुर, बिलासपुर और अंबिकापुर एयरपोर्ट का सीधा सम्पर्क देश के विभिन्न क्षेत्रों से बन चुका है।

8. रेल सुविधाओं का विस्तार : राज्य में 161 साल में 1100 किमी रेल लाइन बनी थी। अब 2030 तक ये दोगुनी होकर 2200 किमी होगी जो कनेक्टिविटी को बढ़ाने में अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।

सेंट्रल जेल में बंदी बन रहे आत्मनिर्भर, दी जा रही एलईडी बल्ब बनाने की ट्रेनिंग

दुर्ग- छत्तीसगढ़ के दुर्ग केंद्रीय जेल से एक सकारात्मक तस्वीर सामने आई है. यहां सजा काट रहे बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने की सराहनीय पहल की जा रही है. इन बंदियों को रोजगारमुखी प्रशिक्षण के रूप में एलइडी बल्ब बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. यह पहल न सिर्फ बंदियों को नया हुनर सिखा रही है, बल्कि उनके जीवन को भी नई दिशा दे रही है.

जेल अधीक्षक मनीष संभाकर के मार्गदर्शन में शुरू की गई इस पहल के तहत फिलहाल 10-12 बंदी हर दिन सैकड़ों की संख्या में एलईडी बल्ब तैयार कर रहे हैं. शुरुआत में जिन बंदियों को बल्ब बनाना नहीं आता था, वे अब कुशल कारीगर बन चुके हैं. इस रोजगारमुखी प्रशिक्षण से न केवल उन्हें आत्मविश्वास मिल रहा है, बल्कि यह उनके पुनर्वास की राह भी आसान बना रहा है.

जेल प्रशासन का मानना है कि सजा पूरी करने के बाद ये बंदी अपने इस हुनर के बल पर खुद का छोटा व्यवसाय शुरू कर सकेंगे और समाज की मुख्यधारा में सम्मानपूर्वक लौट पाएंगे. इतना ही नहीं, यहां तैयार किए गए बल्ब बाजार में भी बेचे जा रहे हैं, जिससे बंदियों को व्यावसायिक अनुभव भी मिल रहा है.

बंदियों ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें अब अपने भविष्य को लेकर एक नई उम्मीद नजर आ रही है. यह प्रशिक्षण उनके जीवन में आशा की एक नई रोशनी लेकर आया है.

राजधानी में मिला कोरोना का पहला मरीज, निजी अस्पताल में इलाज जारी

रायपुर- देश के कई इलाकों में कोविड-19 के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिसको लेकर सरकारों ने चिंता जताई है और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। इसी बीच राजधानी रायपुर में कोरोना संक्रमित मरीज़ चिन्हित किया गया है, जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। कोरोना कंट्रोल एवं डिमांड सेंटर के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. खेमराज सोनवानी ने इस मामले की पुष्टि की है।

बता दें कि संक्रमित मरीज़ को MMI नारायणा हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है, जहाँ उसका इलाज कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किया जा रहा है। मरीज को सिंगल वार्ड में रखा गया है और इलाज की अलग से विशेष व्यवस्था की गई है। बताया जा रहा है कि लक्ष्मीनगर, पचपेड़ी नाका निवासी यह व्यक्ति सर्दी-खाँसी के रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल पहुँचा था। लक्षणों के आधार पर डॉक्टरों को कोरोना की आशंका हुई, जिसके बाद उसका सैंपल लिया गया। रिपोर्ट पॉज़िटिव आने के बाद तुरंत उसे आइसोलेट कर इलाज शुरू कर दिया गया।

अस्पताल प्रबंधन ने भी मरीज के संक्रमित होने की पुष्टि की है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मरीज के परिजनों का सैंपल लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साथ ही, हाल के दिनों में मरीज़ के संपर्क में आए लोगों की ट्रैकिंग और स्क्रीनिंग की जा रही है।

गौर करने वाली बात यह है कि मरीज की किसी अन्य राज्य की यात्रा का कोई इतिहास नहीं है, जिससे यह संदेह गहरा रहा है कि संक्रमण स्थानीय स्तर पर फैला हो सकता है। राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे सावधानी बरतें, भीड़-भाड़ से बचें और यदि कोई लक्षण दिखें तो तुरंत नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाँच कराएँ।

नशे के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 37 किलो गांजा के साथ 3 तस्करों को किया गिरफ्तार…

रायगढ़- छत्तीसगढ़ की रायगढ़ पुलिस ने नशे के खिलाफ आज बड़ी कार्रवाई की है. तमनार पुलिस ने ओड़िसा से लाकर छत्तीसगढ़ में गांजा की अवैध तस्करी करने वाले 3 तस्करों को गिरफ्तार किया है. तीनों आरोपी ओड़िसा से गांजा लाकर रायगढ़ में खपाने निकले थे, जिसे पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर घेराबंदी कर धर दबोचा है. पुलिस ने तस्करों के कब्जे से 37 किलो गांजा भी जप्द की है, जिसकी बाजार में कीमत 3.70 लाख रुपए बताया जा रहा है.

जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने मुखबिर से मिली सूचना के आधार सलिहाभांठा चौक पर सेंट्रो कार (CG13 C 5581) को रोककर घेराबंदी की और तीनों तस्करों को पकड़ा है. इस दौरान तलाशी में पुलिस को 37 किलो गांजा मिली. इसके बाद पुलिस ने तस्करी में उपयोग की गई कार 2.50 लाख रुपये (अनुमानित) है, 3.70 लाख रुपये अनुमानित कीमत का 37 किलो गांजा औऱ 3 मोबाइल फोन, जिसकी कीमत करीब 25 हजार रुपये है, जब्त किए हैं. कुल मिलाकर पुलिस ने 6.45 लाख रुपये की संपत्ति जप्त की है.

पकड़े गए आरोपियों में श्रीपति चौहान (35), रोहित किसान (28) और विमल यादव (19) शामिल हैं, जो सभी टांगरघाट, थाना तमनार, जिला रायगढ़ के निवासी हैं. कार श्रीपति चौहान के नाम पर पंजीकृत है. पुलिस ने कार की तलाशी लेने पर उसमें रखी दो बोरियों से कुल 37 किलो गांजा बरामद किया, जिसे आरोपीयों ने ओड़िसा से लाने की बात कबूल की है.

ओडिशा के गांजा सप्लायर्स का नाम आया सामने

पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने ओड़िसा के दो गांजा सप्लायर्स के नाम भी उजागर किए हैं, जिन्हें भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है.

फिलहाल पुलिस ने तीनों गांजा तस्करों और सप्लायर के खिलाफ थाना तमनार में अपराध क्रमांक 105/25, धारा 20 (बी)(ii)(सी) एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें रिमांड पर भेज दिया गया है.